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Friday, April 21, 2023

कर्नाटक में जीत के लिए जातियों का गणित, सभी दलों ने इन समीकरणों को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी

दस मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अब मैदान तैयार हो चुका है. तीनों प्रमुख दलों बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस के उम्मीदवारों की सूची का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि इन्हें तय करने में तीनों ही दलों ने जातिगत समीकरणों का ध्यान रखा है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने सबसे ज्यादा टिकट लिंगायत और फिर वोक्कालिंगा समुदाय को दिए. जबकि जेडीएस ने वोक्कालिंगा को सबसे अधिक टिकट दिए हैं. 

बीजेपी ने किसी मुसलमान को टिकट नहीं दिया. कांग्रेस ने 15 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं और जेडीएस ने बीस. हालांकि सवाल यह भी है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी की छवि और लाभार्थी की उनकी राजनीति जातिगत समीकरणों पर भारी पड़ेगी? 

जातीय समीकरण साधने में जुटी तीनों पार्टियों किस तरह ने उम्मीदवारों का चयन किया है? दलों का लिंगायत-वोक्कालिगा पर पूरा फ़ोकस है. टिकट बांटने में जातीय समीकरण का ध्यान रखा गया है. इस बार भी लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय पर ही पूरा फोकस है.  

बीजेपी के कुल 30% उम्मीदवार लिंगायत समुदाय के हैं. कर्नाटक में करीब 17% लोग लिंगायत समुदाय के हैं. जेडीएस ने सबसे ज़्यादा 22% टिकट वोक्कालिगा समुदाय को दिए हैं. कांग्रेस ने 23% टिकट लिंगायत और 20% वोक्कालिंगा को दिए हैं. बीजेपी ने यूपी, गुजरात की तरह कर्नाटक में भी किसी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया. कांग्रेस ने 13% मुस्लिम आबादी वाले कर्नाटक में 7% टिकट मुसलमानों को दिए हैं. 

साल 2018 में बीजेपी ने 25% से ज़्यादा आबादी वाली 78 लिंगायत सीटों में से 37 सीटें जीती थीं. 2018 में बीजेपी वोक्कालिंगा की 44 सीटों में से सिर्फ 12 सीटें जीत पाई थी. वोक्कालिंगा बहुल सीटों में सेंध लगाना बीजेपी के लिए चुनौती है. जेडीएस का प्रदर्शन अपने कोर वोटर वोक्कालिंगा पर ही निर्भर है. 2018 में जेडीएस ने वोक्कालिंगा की 44 सीटों में से 37.1% वोटों के साथ 22 सीटें जीती थीं.

बीजेपी ने लिंगायत समुदाय के 68 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं. कांग्रेस के 51 और जेडीएस के 23 उम्मीदवार लिंगायत समाज से हैं. वोक्कालिंगा की बात करें तो इस समुदाय के बीजेपी के 224 में से 42 उम्मीदवार, कांग्रेस के 45 और जेडीएस के 37 उम्मीदवार हैं. जेडीएस का सबसे बड़ा आंकड़ा इसी समुदाय का है. 

अनुसूचित जाति के बीजेपी ने 38, कांग्रेस ने 36 और जेडीएस ने 31 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. अनुसूचित जनजाति समुदाय से बीजेपी के 17, कांग्रेस के 16 और जेडीएस के 12 प्रत्यशी हैं. मुस्लिम उम्मीदवारों की बात करें तो कांग्रेस के 15 और जेडीएस के 20 उम्मीदवार इस समुदाय से हैं. बीजेपी ने किसी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाया है. 

जाति-धर्म और उनकी आबादी के आधार पर टिकटों के बंटवारे को देखें तो कर्नाटक में लिंगायत समुदाय 17 प्रतिशत है. इस समुदाय को बीजेपी ने 30 प्रतिशत, कांग्रेस ने 23 और जेडीएस ने 14 प्रतिशत सीटों पर उम्मीदवारी दी है. वोक्कालिंगा की आबादी 12 प्रतिशत है. बीजेपी के इस समुदाय से 19 प्रतिशत, कांग्रेस के 20 प्रतिशत और जेडीएस के 22 प्रतिशत उम्मीदवार हैं. राज्य में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 17 प्रतिशत है. बीजेपी के 17 प्रतिशत, कांग्रेस के 16 और जेडीएस के 19 प्रतिशत उम्मीदवार अनुसूचित जाति के हैं. अनुसूचित जनजाति की आबादी 7 प्रतिशत है. बीजेपी के इस समुदाय के 8, कांग्रेस के 7 और जेडीएस के 7 फीसदी उम्मीदवार हैं. कर्नाटक में मुस्लिम आबादी 13 प्रतिशत है. बीजेपी का मुस्लिम समुदाय का कोई उम्मीदवार नहीं है. कांग्रेस के 7 प्रतिशत और जेडीएस के 12 प्रतिशत मुस्लिम उम्मीदवार हैं. यह विश्लेषण जेडीएस के 224 में से 167 उम्मीदवारों का ही है.

साल 2018 के चुनाव परिणाम में राज्य की 78 लिंगायत बहुल सीटों पर नजर डालें तो बीजेपी ने 2018 में लिंगायत की 47 सीटें जीती थीं और इन पर 42.5% वोट हासिल किए थे. कांग्रेस को 25 सीटें और 38.6% वोट मिले थे. जेडीएस और बीएसपी ने 5 सीटें जीती थीं और 10.6% वोट हासिल किए थे. अन्य ने लिंगायत की एक सीट जीती थी और 8.3% वोट प्राप्त किए थे. 
                    
साल 2018 के चुनाव में वोक्कालिंगा समुदाय के प्रभाव वाली 44 सीटों के नतीजों में  बीजेपी को 12 सीटें  और 23.6% प्रतिशत मत मिले थे. कांग्रेस को 10 सीटें और 33.5% वोट, जेडीएस और बीएसपी को 22 सीटें और 37.1% वोट एवं अन्य को कोई सीट नहीं मिली थी, हालांकि 5.8% वोट मिले थे.    

लिंगायत समुदाय में कई उपजातियां हैं. इस बार चुनाव में इन उपजातियों के आधार पर उतारे गए उम्मीदवारों को देखें तो पंचमसाली के बीजेपी ने 18 और कांग्रेस ने 14 उम्मीदवार उतारे हैं. सदरू के बीजेपी के 11, कांग्रेस के 7, वीराशैवा के बीजेपी के 8, कांग्रेस के 3, बनजिगा के बीजेपी के 7, कांग्रेस के  4, अन्य उपजातियों के बीजेपी के 24 और कांग्रेस के 18 उम्मीदवार हैं. 

तीनों पार्टियों ने जातिगत समीकरणों को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. कर्नाटक में जाति का फैक्टर महत्वपूर्ण है. लिंगायत में भी कई उपजातियां हैं. इन्हें टिकट देने में किन पैमानों का ध्यान रखा गया है.

एनडीटीवी के डिप्टी एडिटर-साउथ नेहाल किदवई ने कहा कि, जब उम्मीदवारों का चयन किया जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाता है कि किस क्षेत्र में सबसे ज्यादा आबादी किस समुदाय की है. यह भी ध्यान रखा जाता है कि उस आबादी को समर्थन देने वाली कौन सी जाति है. उसी के आधार पर टिकटों का बंटवारा होता है. 

BQ प्राइम के एग्ज़ीक्यूटिव एडिटर वीर राघव ने कहा कि, 1990 के बाद से कांग्रेस ने कुछ सीटों पर कम्पीट करना ही छोड़ दिया है. जैसे हुगली धारवाड़ की जगदीश शेट्टार की सीट है. कांग्रेस चाहती है कि वह इन सीटों पर वापस जोर लगाए.



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"उन्हें कानूनों का सम्मान करना चाहिए...": BBC, Oxfam India विवाद पर UK के राजदूत

भारत में यूके के शीर्ष राजनयिक ने शुक्रवार को NDTV से खास बातचीत में कहा कि ब्रिटिश संगठन जो अन्य देशों में काम कर रहे हैं, उन्हें उन देशों के कानूनों का पालन करना चाहिए. उन्होंने यह बात भारतीय एजेंसियों द्वारा विदेशी फंडिंग नियमों के कथित उल्लंघन के लिए Oxfam India और बीबीसी के खिलाफ जांच के कुछ दिनों बाद कही है.

प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत बीबीसी इंडिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है. मामला इस बात से संबंधित है कि भारत में संगठन विदेशों से फंड कैसे प्राप्त कर सकते हैं. बीबीसी पर विदेशी फंडिंग नियमों के उल्लंघन के आरोपों के बाद अधिकारी ब्रिटिश-स्थापित गैर-लाभकारी संस्था ऑक्सफैम इंडिया की भी जांच कर रहे हैं. भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा कि वे इन मामलों से वाकिफ हैं, लेकिन नियमों के मुताबिक वो ऑक्सफैम इंडिया मामले की डिटेल नहीं दे सकते हैं. 


भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने NDTV से कहा, "यूके में कुछ विश्व स्तर पर सम्मानित संस्थान हैं. बीबीसी उनमें से एक है. यह स्पष्ट है कि बीबीसी को उस देश के कानूनों का सम्मान करना चाहिए, जहां वो काम कर रही है." उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि भारतीय अधिकारी ऑक्सफैम और बीबीसी से बात कर रहे हैं. उन्हें इससे निपटना है. अहम सवाल ये है कि ये दोनों क्या भारत के कानूनों के दायरे में रहकर काम कर रहे हैं?"

जांचकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि ऑक्सफैम इंडिया ने 2013 और 2016 के बीच निर्दिष्ट बैंक खाते के बजाय सीधे अपने 'विदेशी योगदान उपयोग खाते' में 1.5 करोड़ रुपये प्राप्त किए. जांचकर्ताओं द्वारा दायर की गई शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के उल्लंघन में वित्तीय वर्ष 2019-20 में एक अन्य गैर-लाभकारी थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च को 12.71 लाख रुपये दिए.

ऑक्सफैम इंडिया मामले के बारे में पूछे जाने पर एलिस ने कहा, "मैं मामले के विवरण में नहीं जा रहा हूं. निश्चित रूप से हम भारतीय अधिकारियों से कई मुद्दों पर बात करते हैं, लेकिन मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता."

बीबीसी ने जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों पर "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" नाम से एक डॉक्यूमेंट्री चलाई थी. सरकार ने बीबीसी की इस सीरीज को प्रोपगेंडा करार दिया था. भारत में बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री को बैन भी कर दिया गया था.

हाल ही में आयकर विभाग ने करों में अनियमितताओं, मुनाफे के डायवर्जन और नियमों का पालन न करने के आरोपों को लेकर बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों में आईटी सर्वे किया था. सर्वे के दौरान बीबीसी के वरिष्ठ कर्मचारियों को सवालों के जवाब देने के लिए रात भर ऑफिस में रुकना पड़ा था.

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Kerala Priest, 77, Arrested For Sexually Harassing Teen: Police

An orthodox church priest was arrested for allegedly molesting a 15-year-old girl in Muvattupuzha, police said on Friday. According to the press statement issued by Ernakulam Rural Police, an orthodox church priest Shemavoon Ramba, a native of Pathanamthitta and aged 77 years was arrested for allegedly molesting a 15-year-old girl in Muvattupuzha.

The priest has been removed from official duties after the alleged incident, the police said.

"The incident happened on April 3. As per the complaint received by the police, the priest allegedly molested the minor girl in the church. The police registered a case based on the girl's complaint," reads the statement.

The priest has been charged under the POCSO act, the police said.

The police said, "The priest was called to the police station this morning and arrested. The priest, a native of Pathanamthitta, came to the church in Muvattupuzha temporarily as part of the Easter celebration."

The investigation team includes Inspector PH Sameesh, Sub Inspector KP Siddhique, Additional Sub Inspector MS Manoj and Shalvi Augustine, as informed by the police.

Earlier in March this year, a priest was arrested for allegedly sexually assaulting a 17-year-old girl in Kerala's Pathanamthitta district.

The accused was identified as Pondson John connected with St Mary's Syrian Orthodox Church.

The alleged incident happened on March 12 and 13. The Class 12 student was taken for counselling by the priest.

According to the police, the Class 12 student in her complaint said that the priest misbehaved with her when she went for counselling on March 12 and 13.

The police registered a case under sections 3,4,7 and 8 of the POCSO Act.

While a Kerala court in January last year acquitted Bishop Franco Mulakkal in the nun rape case.

The complaint was filed by a nun wherein she alleged that she was raped 13 times by Mulakkal between 2014 and 2016 when he was a bishop in the Missionaries of Jesus, Jalandhar diocese.

The complaint was filed on June 27, 2018, and Franco Mulakkal was arrested on September 21 on charges of 7 IPC sections including rape. The prosecution had examined 39 witnesses in the case.

The trial in the case began in November 2019. After three long years, it was finally completed on Monday, January 10, 2022.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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फिर से भारत आने का इंतजार रहेगा : Apple के CEO टिम कुक

आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी टिम कुक ने दोबारा भारत आने की इच्छा जताते हुए पांच दिनों की अपनी यात्रा का समापन किया. कुक भारत में एप्पल की मौजूदगी के 25 वर्ष पूरा होने के मौके पर आए थे. इस दौरान उन्होंने मुंबई में एप्पल के पहले आधिकारिक स्टोर का उद्घाटन करने के अलावा दिल्ली में भी एप्पल के स्टोर पर ग्राहकों का स्वागत किया.

टिम कुक ने अपनी यात्रा पूरी होने पर एक ट्वीट में कहा, ‘‘भारत में कितना शानदार सप्ताह रहा! देश में हमारी जो टीमें हैं उनका शुक्रिया. मुझे यहां दोबारा आने का इंतजार रहेगा.''

अपनी यात्रा के दौरान कुक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी मुलाकात कर भारत में निवेश की प्रतिबद्धता जताई.

एप्पल ने 2017 से भारत में आईफोन का विनिर्माण शुरू किया था और कुक पिछली बार यहां 2016 में आए थे.

भारत में अपने प्रवास के अंतिम दिन कुक ने भारती समूह के संस्थापक और चेयरमैन सुनील मित्तल से मुलाकात की. भारती समूह ने शुक्रवार को कहा कि दोनों कारोबारी दिग्गजों ने भारत और अफ्रीका के बाजार में मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई.

भारती समूह ने एक बयान में कहा, ‘‘टिम कुक और सुनील भारती मित्तल ने आज सुबह एक घंटे तक बैठक की. एप्पल और एयरटेल के बीच जारी लंबे रिश्ते पर संतोष जताते हुए उन्होंने भारतीय और अफ्रीकी बाजार में मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया.''



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Scientists' Open Letter After NCERT Drops Evolution From Class 10 Textbook

A group of more than 1,800 scientists, science teachers and educators has written an open letter raising concerns about the chapter on "Theory of Biological Evolution" being dropped from the NCERT textbook for Class 10.

The signatories to the letter include scientists from noted institutions such as the Tata Institute of Fundamental Research (TIFR), Indian Institute of Science Education and Research (IISER) and IITs, among others.

As part of its curriculum rationalisation exercise, the NCERT had last year announced that the chapter "Heredity and Evolution" will be replaced with "Heredity" in the Class 10 science textbook.

Among the topics dropped from the chapter are 'Evolution', 'Acquired and Inherited Traits', 'Tracing Evolutionary Relationships', 'Fossils', 'Evolution by Stages', 'Evolution Should Not Be Equated With Progress' and 'Human Evolution'.

The new books as per the rationalised curriculum have hit the market now with the commencement of new academic session.

Demanding that the theory of Darwinian evolution be restored in secondary education, the signatories, who are part of the "Breakthrough Science Society", have said that understanding the process of evolution is "crucial in building a scientific temper" and depriving students of this exposure is "travesty of education".

"Knowledge and understanding of evolutionary biology is important not just to any sub-field of biology, but is also key to understanding the world around us. Evolutionary biology is an area of science with a huge impact on how we choose to deal with an array of problems we face as societies and nations from medicine and drug discovery, epidemiology, ecology and environment, to psychology, and it also addresses our understanding of humans and their place in the tapestry of life," the letter said.

"Although many of us do not explicitly realise, the principles of natural selection help us understand how any pandemic progresses or why certain species go extinct, among many other critical issues," it added.

The scientists noted that in the current educational structure, only a small fraction of students choose the science stream in grade 11 or 12, and an even smaller fraction of those choose biology as one of the subjects of study.

"Thus, the exclusion of key concepts from the curriculum till grade 10 amounts to a vast majority of students missing a critical part of essential learning in this field," the letter said.

Dropping of several topics and chapters by the NCERT has been caught in controversy with several chapters, which were not notified by the council last year, found missing from the new textbooks.

While earlier the NCERT had claimed that not mentioning certain changes in the rationalisation booklet could have been an "oversight", later it said "minor changes need not be notified".

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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"Murder Of Constitution": Sharad Pawar On Naroda Gam Acquittals

NCP president Sharad Pawar on Friday termed the acquittal of all 67 accused in the 2002 Naroda Gam riot case as the "murder of rule of law and the Constitution."

Speaking at a gathering of Nationalist Congress Party's workers in suburban Ghatkopar, he also blamed the Maharashtra government for the deaths of people due to sunstroke at the Maharashtra Bhushan award ceremony in Kharghar, and demanded a judicial probe.

A court in Gujarat on Thursday acquitted all surviving 67 accused in the case related to the killing of 11 Muslims during a riot in Ahmedabad's Naroda Gam area in 2002 in the aftermath of the Godhra train burning incident.

''The rule of law and Constitution have been murdered. This has been proved by yesterday's verdict,'' Pawar said.

Speaking on the Kharghar sunstroke deaths, the NCP chief accused the Eknath Shinde-led Maharashtra government of negligence in the organisation of the award ceremony on April 16.

Only a probe by a retired judge will fix responsibility for the tragedy, he said.

Mr Pawar also accused the Bharatiya Janata Party of misusing power to finish off opposition parties.

"(NCP leader) Anil Deshmukh was jailed for 13 months on allegations of taking bribes of Rs 100 crore, and in the charge sheet the probe agency described donations of Rs one and a half crore for his educational institution as a bribe. I also head several educational institutions, if I take donations for them, are they supposed to be bribes,'' he asked.

Nawab Malik, another NCP leader, was still languishing in jail, Mr Pawar added.

"Fundamentalism is growing in the country and we need to stay alert. We have to fight back against it at any cost,'' he said.

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Thursday, April 20, 2023

Maharashtra Board Schools To Close From Today Over Heat Wave Conditions

All schools affiliated to the state board in Maharashtra will remain closed from Friday in view of the heat wave conditions, the government said.

Schools of other boards can take decision about closure after considering their curriculum and activities, said the order issued by the School Education Department on Thursday.

Except for Vidarbha, schools in the state will reopen on June 15. Those in Vidarbha will restart from June 30, the order said.

At least 14 persons died due to heat stroke after attending the Maharashtra Bhushan award ceremony in Navi Mumbai on April 16.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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