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नमस्कार!
इंडोनेशिया में 62 लोगों को लेकर जा रहा प्लेन शनिवार शाम को क्रैश हो गया। BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ममता की तृणमूल कांग्रेस को तिरपाल चोर कहा। देश में कोरोना वैक्सीन पर पॉलिटिक्स चल रही है। बहरहाल शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ।
आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर...
देश-विदेश
16 जनवरी से टीका मुबारक
जिस तारीख का देश को इंतजार था, उसका ऐलान हो गया है। देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम 16 जनवरी यानी अगले शनिवार से शुरू होने जा रहा है। वैक्सीन के लिए हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को तरजीह दी जाएगी, जिनकी संख्या 3 करोड़ है। इनके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 50 साल से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इस तरह करीब 27 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा। वैक्सीन के दो डोज होंगे। इन्हें 28 दिन के अंतर से दिया जाएगा। सभी को दो डोज लगाने होंगे, तभी वैक्सीन शेड्यूल पूरा होगा।
इंडोनेशिया में विमान हादसा
इंडोनेशिया में श्रीविजया एयरलाइंस का विमान शनिवार को समुद्र में क्रैश हो गया। इसमें सात बच्चों और छह क्रू मेंबर्स समेत 62 लोग सवार थे। एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद ही विमान का कंट्रोल टॉवर से संपर्क टूट गया था। फ्लाइट का नंबर SJ 182 था। बोइंग 737-500 क्लास के इस प्लेन ने जकार्ता के सुकर्णो-हट्टा हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह विमान 26 साल से ज्यादा पुराना था। इसे 1994 में अमेरिका की कॉन्टिनेंटल एयरलाइंस ने खरीदा था। वहां से इसे श्रीविजया एयरलाइंस ने खरीद लिया था। इधर, लोगों को समुद्र में कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का मलबा मिला है। हालांकि, ये लापता हुए विमान का है या नहीं अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
नड्डा बोले- TMC तिरपाल चोर
अपने काफिले पर हमले के एक महीने बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा शनिवार (9 जनवरी) को फिर बंगाल पहुंचे। बर्द्धमान में पूजा, सभा और रोड शो किया। उन्होंने सभा में उन्होंने ममता की तृणमूल कांग्रेस (TMC) को तिरपाल चोर बताया। दरअसल, अम्फान तूफान के समय लोगों को अस्थाई घर बनाने के लिए केंद्र ने तिरपाल भेजे थे। TMC के लोगों पर इन तिरपालों को अपने घर में रखने के आरोप लगे थे। ममता पर तंज कसते हुए नड्डा ने कहा, 'सुना है कि ममता जी ने प्रधानमंत्री को किसान सम्मान निधि के लिए पत्र लिखा है। ममता जी आपकी जमीन खिसक चुकी है, चिड़िया खेत चुग चुकी है।'
ब्लैकमनी पर लगाम की तैयारी
भारत अब मॉरीशस से आने वाली ब्लैकमनी पर लगाम लगाने की तैयारी में है। सरकार वहां से आने वाले पैसों की पूरी जानकारी देना जरूरी कर सकती है। अब पैसों का मालिक कौन है, उसका नाम, पता, पासपोर्ट नंबर आदि बताने होंगे। इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स मामलों की सबसे बड़ी बॉडी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) जल्द ही इसका सर्कुलर जारी कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक यह सर्कुलर बजट से पहले ही जारी हो सकता है। नए नियम के मुताबिक, पैसे का बेनिफिशियरी ओनरशिप किसके पास है, यह भी बताना होगा। बेनिफिशियरी ओनरशिप का मतलब है जिसके पास कंपनी या फंड की कम से कम 25% हिस्सेदारी है।
सिडनी में 14 साल बाद फिर मंकीगेट
ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई टीम इंडिया के दो प्लेयर्स पर नस्लीय टिप्पणी का मामला सामने आया। घटना सिडनी में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन यानी शनिवार को हुई। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एक दर्शक ने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के खिलाफ अभद्र और नस्लीय कमेंट्स किए। BCCI ने इसकी शिकायत मैच रेफरी डेविड बून से की है। 2007-08 में भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हरभजन सिंह और एंड्र्यू सायमंड्स की झड़प हो गई थी। तब भी मैदान सिडनी का ही था। साइमंड्स का आरोप था कि भज्जी ने उन्हें मंकी कहा। इस घटना को ‘मंकीगेट’ कहा जाता है।
भारतीय सीमा में घुसा चीनी सैनिक
लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव कम करने की कोशिशें हो रही हैं। लेकिन, चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। शुक्रवार को चीन का एक सैनिक भारतीय सीमा में घुस गया। मौके पर तैनात भारतीय जवानों ने उसे हिरासत में ले लिया। इंडियन आर्मी के मुताबिक, घटना पैगॉन्ग त्सो लेक के दक्षिणी हिस्से की है। अक्टूबर मध्य में भी एक चीनी सैनिक को भारतीय सीमा में घुसपैठ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 21 अक्टूबर को इसे चुशूल-मॉल्डो मीटिंग पाइंट पर चीनी अफसरों को सौंप दिया गया था।
एक्सप्लेनर
ट्विटर ने क्यों बंद किया ट्रम्प का अकाउंट?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ट्विटर अकाउंट को ट्विटर ने हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया है। ट्रम्प के ट्विटर पर 8.8 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। ट्विटर ने ट्रम्प के गुरुवार को बाद शुक्रवार को फिर से किए गए ट्वीट्स को अपनी सिविक इंटीग्रिटी पॉलिसी के खिलाफ बताया। ट्विटर का सिविक इंटीग्रिटी पॉलिसी है क्या? ट्विटर ने अपने ब्लॉग पोस्ट में क्या कहा है? किस तरह के ट्वीट पर कोई ट्विटर अकाउंट ब्लॉक हो सकता है? ट्रम्प ने क्या ट्वीट किया जिसकी वजह से अकाउंट बंद हुआ? ट्विटर की कार्रवाई पर क्या बोले ट्रम्प? ट्रम्प के बाकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी क्या कोई कार्रवाई हुई है?
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पॉजिटिव खबर
मधुमक्खी पालकर 7 लाख की कमाई
आज कहानी राजकोट के रहने वाले नीलेश गोहिल की। एग्रोनॉमी में ग्रेजुएशन करने के बाद नीलेश ने मधुमक्खी पालन करने का फैसला किया। उन्होंने मधुमक्खियों की 50 पेटियों से शहद बनाने की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने इटालियन मधुमक्खियों का पालन किया। जो सफल रही, इस शहद की इतनी डिमांड बढ़ी कि एक साल के अंदर ही वे 200 पेटियों से ज्यादा का उत्पादन करन लगे। वे एक साल में ही 7 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर चुके हैं।
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वैक्सीन पर पॉलिटिक्स
स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन को अप्रूवल देने पर हालिया विवाद के बाद राजनीतिक पार्टियों में दो-फाड़ हो गई है। ज्यादातर विपक्षी पार्टियां कोवैक्सिन को अप्रूवल देने पर सरकार को घेर रही हैं, क्योंकि इसकी इफेक्टिवनेस अभी पता नहीं है। इसके बाद भी हालिया सर्वे में 49% भाजपाइयों और 46% कांग्रेसियों ने वैक्सीन लगवाने की तैयारी दिखाई है। सर्वे में अच्छी बात यह थी कि सिर्फ 6% लोग वैक्सीन लगवाने से इनकार कर रहे हैं। बाकी वैक्सीन लगवाने को तैयार है। 44% लोगों का कहना था कि वे तत्काल वैक्सीन लगवाएंगे, वहीं 50% ने कहा कि वैक्सीन की इफेक्टिवनेस देखने के बाद वे फैसला करेंगे।
सुर्खियों में और क्या है...
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी टेस्ट के चौथे दिन का खेल जारी है। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के 4 विकेट गिर चुके हैं। तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने मार्नस लाबुशेन के बाद मैथ्यू वेड को भी पवेलियन भेजा। स्टीव स्मिथ और क्रिस ग्रीन क्रीज पर मौजूद हैं। स्मिथ ने टेस्ट करियर की 30वीं फिफ्टी लगाई। मैच का स्कोरकार्ड देखने के लिए यहां क्लिक करें...
अश्विन ने वॉर्नर को रिकॉर्ड 10वीं बार आउट किया
इससे पहले दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 2 विकेट खोए। रविचंद्रन अश्विन ने डेविड वॉर्नर को LBW आउट किया। उन्होंने 23 बॉल पर 19 रन की पारी खेली। अश्विन ने वॉर्नर को टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 10 बार आउट किया है। इसके अलावा उन्होंने इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर एलिस्टेयर कुक को 9 बार आउट किया। मोहम्मद सिराज ने विल पुकोव्स्की को आउट कर ऑस्ट्रेलिया को पहला झटका
पंत की जगह साहा कर रहे विकेटकीपिंग
ऋषभ पंत की जगह ऋद्धिमान साहा सब्सटिट्यूट फील्डर के तौर पर विकेटकीपिंग कर रहे हैं। भारतीय पारी के दौरान पंत के हाथ (एल्बो) में चोट लगी थी। वहीं, रविंद्र जडेजा को भी बैटिंग के दौरान बाएं अंगूठे में चोट लगी थी। दोनों को स्कैन के लिए अस्पताल ले जाया गया।
टीम इंडिया ने 148 रन पर 8 विकेट गंवाए
भारत ने तीसरे दिन 96 रन पर 2 विकेट से आगे खेलना शुरू किया था। यानी तीसरे दिन टीम ने 148 रन बनाने में बाकी 8 विकेट गंवा दिए। चेतेश्वर पुजारा, पंत और रविंद्र जडेजा के अलावा कोई भी बल्लेबाज विकेट पर नहीं टिक सका। 4 बल्लेबाज तो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके।
दोनों भारतीय ओपनर पवेलियन लौटे
इससे पहले दूसरे दिन भारत के दोनों ओपनर रोहित शर्मा और शुभमन गिल पवेलियन लौट गए।
जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया को 4 झटके दिए
जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया को 4 बड़े झटके दिए। पहले मार्नस लाबुशेन को 91 रन पर अजिंक्य रहाणे के हाथों कैच आउट कराया। उन्होंने टेस्ट करियर की 9वीं फिफ्टी लगाई। साथ ही स्मिथ के साथ तीसरे विकेट के लिए 100 रन की पार्टनरशिप भी की। जडेजा ने मैथ्यू वेड (13) को जसप्रीत बुमराह के हाथों कैच आउट कराया। इसके बाद पैट कमिंस और नाथन लियोन को खाता भी नहीं खोलने दिया। कमिंस बोल्ड हुए, जबकि लियोन को LBW किया।
12 साल बाद भारत के 3 बल्लेबाज एक पारी में रन आउट
भारत की पहली पारी में हनुमा विहारी, रविचंद्रन अश्विन और बुमराह रन आउट हुए। 12 साल बाद एक पारी में 3 भारतीय बल्लेबाज रन आउट हुए। इससे पहले 2008-09 में इंग्लैंड के खिलाफ मोहाली में एक पारी में भारत के 3 बल्लेबाज रन आउट हुए थे। 2008-09 में वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण और युवराज सिंह रन आउट हुए थे। यह 7वीं बार है जब एक पारी में भारत के 3 या इससे ज्यादा बल्लेबाज रन आउट हुए हैं।
3 टेस्ट में चौथी बार कमिंस का शिकार बने पुजारा
पैट कमिंस ने चेतेश्वर पुजारा को विकेटकीपर टिम पेन के हाथों कैच कराया। वे 176 बॉल पर 50 रन बनाकर आउट हुए। कमिंस ने सीरीज की 5 पारियों में चौथी बार पुजारा को आउट किया। वहीं, ऋषभ पंत 67 बॉल पर 36 रन बनाकर आउट हुए। उन्हें जोश हेजलवुड ने डेविड वॉर्नर के हाथों कैच कराया। ऑस्ट्रेलिया की ओर से कमिंस ने 4, हेजलवुड ने 2 और स्टार्क ने 1 विकेट लिए। पुजारा ने मैच के दौरान टेस्ट करियर की 25वीं फिफ्टी लगाई। पुजारा के करियर की यह सबसे धीमी फिफ्टी है। उन्होंने इसके लिए 174 गेंदें खेलीं।
रामायण में रावण का स्वभाव बहुत अहंकारी और आक्रामक था। जो लोग उसके पसंद की बात नहीं करते थे, वह उनसे बहुत बुरा व्यवहार करता था। रावण ने सीता हरण कर लिया था और श्रीराम सीता की खोज में वानर सेना के साथ लंका तक पहुंच गए थे।
विभीषण अपने बड़े भाई रावण को समझाना चाहते थे कि वह राम से दुश्मनी न करें। वे जानते थे कि जो बात मैं कहना चाहता हूं, उसके बदले रावण मुझे दंड भी दे सकता है।
विभीषण ने शब्दों में संयम और विनम्रता के साथ भरी राज सभा में रावण से कहा, 'आप सीताजी को लौटा दीजिए, रामजी आपको क्षमा कर देंगे। इसी में हम सभी का भला है।'
शब्द बहुत संतुलित थे। लेकिन, रावण अपने स्वभाव की वजह से आक्रामक हो गया और उसने विभीषण को लात मार दी। लात खाने के बाद भी विभीषण ने बड़े भाई को प्रणाम किया। ये उनके व्यवहार की विनम्रता थी। विभीषण बोले, 'आप मुझ पर गुस्सा कर रहे हैं, आपको मेरी बात पसंद नहीं आई है तो मैं ये जगह छोड़ चला जाता हूं। लेकिन, मेरा आपसे यही निवेदन है कि आप मेरी बात पर विचार जरूर करें।'
सीख - विभीषण हमें सीख दे रहे हैं कि जब किसी बड़े और अहंकारी व्यक्ति से जो कि गलत काम कर रहा है, उससे सही बात कहनी हो तो बहुत सावधानी रखनी चाहिए। ऐसे लोग आक्रामक हो सकते हैं। इन हालातों में हमें शब्दों का चयन बहुत सोच-समझ करना चाहिए। एक-एक शब्द गहरे अर्थ वाला होना चाहिए। साथ ही, स्वभाव में विनम्रता भी बनाए रखें। अगर हमारी बात स्वीकार नहीं की जाती है, तब भी हमें गुस्सा नहीं करना है। हो सकता है कि उस समय सामने वाले व्यक्ति को हमारी बात समझ न आए, लेकिन भविष्य में एक दिन उसे ये जरूर समझ आएगा कि बात सही कही जा रही थी।
आज कहानी राजकोट के रहने वाले नीलेश गोहिल की। एग्रोनॉमी में ग्रेजुएशन करने के बाद नीलेश ने मधुमक्खी पालन करने का फैसला किया। उन्होंने इटेलियन मधुमक्खियों की 50 पेटियों से शहद बनाने की शुरुआत की। इस शहद की इतनी डिमांड बढ़ी कि एक साल के अंदर ही वे 200 पेटियों से ज्यादा का उत्पादन करने लगे। वे एक साल में ही सात लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर चुके हैं।
23 साल के नीलेश बताते हैं कि उन्होंने इस प्रोफेशन के लिए छह महीने की ट्रेनिंग ली। 2019 में मधुमक्खी पालन शुरू किया। पहले सोशल मीडिया के जरिए बिजनेस किया। जब लोगों को इसके बारे में पता चला तो डिमांड बढ़ती गई। आज नीलेश 1800 किलो शहद का प्रोडक्शन करते हैं और इसकी होलसेल सप्लाई करते हैं।
नीलेश का कहना है कि उन्होंने इटालियन मधुमक्खियों को इसलिए चुना, क्योंकि इनसे शहद का प्रोडक्शन ज्यादा होता है। अभी वे हर महीने 150 किलो शहद का उत्पादन कर लेते हैं। इनसे छह प्रकार का (अजमो, वरियाली, बोर, क्रिस्टल, मल्टी और रायडो) शहद का उत्पादन होता है। वे अब देसी शहद के लिए देसी मधुमक्खियों के पालन की कोशिश में लगे हैं।
फूलों वाली जगह जाना पड़ता है
नीलेश बताते हैं, ‘मधुमक्खियों की खेती के लिए लगातार मूवमेंट जरूरी होता है। इसके लिए मुझे उन इलाकों में जाना पड़ता है, जहां बड़े पैमाने पर फूलों का उत्पादन होता है। मैं गुजरात में जामनगर, कच्छ, सुरेंद्रनगर, मोरबी और जूनागढ़ की यात्रा करता रहता हूं। यहां अलग-अलग तरह के फूलों के खेत हैं, जिनसे अलग-अलग फ्लेवर का शहद मिल जाता है। रायडो शहद (सरसों के फूल का शहद) के लिए मुझे राजस्थान जाना पड़ता है। क्योंकि, राजस्थान के उदयपुर, जयपुर और कोटा के आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर सरसों की खेती होती है।’
किस तरह बनता है शहद
सबसे पहले मधुमक्खियां फूलों का रस चूसती हैं। इसके बाद वे वैक्स की बनी पेटी में मलत्याग करती हैं और यही मल शहद के रूप में परिवर्तित होता है। शुरुआत में इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है, लेकिन रात में मधुमक्खियां अपने पंख की मदद से शहद से पानी अलग कर देती हैं।
शहद निर्माण की यह प्रक्रिया लगातार 7-8 दिनों तक चलती है। इस तरह के शहद को कच्चा शहद कहा जाता है। इसके बाद शहद को पकाने के लिए रखा जाता है। करीब 12 से 15 दिनों में शहद पक कर तैयार हो जाता है, जिसे पेटी से निकाल लिया जाता है। इस शहद का सीधे उपयोग किया जा सकता है।
किन चीजों की जरूरत होती है
मुनाफा कैसे कमाएं
पांच बॉक्स के लिए करीब 20 हजार रु खर्च होंगे। बाद में इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। एक महीने में एक पेटी से चार किलो तक शहद मिल सकती है, जिसे आराम से बाजार में सौ रुपए किलो तक बेचा जा सकता है। पेटियों की संख्या बढ़ाकर एक महीने में एक लाख रुपए तक की कमाई की जा सकती है।
देश से अभी कोरोना गया भी नहीं है कि बर्ड फ्लू नाम की एक और बड़ी बीमारी आ गई है। बर्ड फ्लू वायरस कोरोना से 50 गुना ज्यादा खतरनाक है। देशभर में पांच लाख से ज्यादा पक्षियों की मौत हो चुकी है। इनमें हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और केरल सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ऐसे में लोग परेशान हैं कि वे कोरोना के साथ बर्ड फ्लू से कैसे बचें? आखिर बर्ड फ्लू है क्या? इसके लक्षण और इलाज क्या हैं? इस तरह के तमाम सवाल लोगों के जेहन में आ रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक बर्ड फ्लू खतरनाक बीमारी है, यह इन्फ्लूएंजा टाइप-ए H5N1 वायरस की वजह से फैलती है। इसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है। बर्ड फ्लू पक्षियों से इंसानों या दूसरे जानवरों में भी फैल सकता है। सबसे ज्यादा पोल्ट्री फार्म में पलने वाली मुर्गियों से फैलता है। कोरोना की तरह इसके भी कई अलग-अलग स्ट्रेन होते हैं। हालांकि, इंसान से इंसान में इस वायरस के ट्रांसमिशन का जोखिम बेहद कम है।
H5N1 से संक्रमित पक्षी करीब 10 दिनों तक मल या लार के जरिए वायरस रिलीज करता है। H5N1 बर्ड फ्लू वायरस किसी सतह के जरिए भी इंसानों को संक्रमित कर सकता है।
बर्ड फ्लू से कैसे बचा जा सकता है?
एम्स, नई दिल्ली से डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर संजय कुमार चुघ कहते हैं कि इसका कारगर उपाय है कि आप पक्षियों से सीधे संपर्क में न आएं। उनकी बीट को न छुएं। जहां पक्षी रहते हैं, वहां बिल्कुल न जाएं। जो लोग अंडा या मुर्गी-मुर्गा खाते हैं, वे इसे खरीदने जाएं तो साफ-सफाई का ध्यान रखें। खरीददारी के वक्त और मीट काटने के दौरान ग्लव्ज पहनें। इसके तुरंत बाद हाथ सैनिटाइज करें या साबुन से हाथ धोएं। नॉनवेज अच्छे से पकाकर ही खाएं, इससे रिस्क खत्म हो जाता है।
बर्ड फ्लू से इंसान कैसे संक्रमित हो सकता है?
बर्ड फ्लू के लक्षण कौन से हैं?
डॉ. संजय कहते हैं कि बर्ड फ्लू के सारे लक्षण वायरल वाले ही हैं। इसमें भी जुकाम, खांसी, बुखार, बदन दर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है। इनके अलावा सांस फूलने की शिकायत, नाक से खून, आंख लाल होना, डायरिया, पेट में दर्द भी हो सकता है। फेफड़े डैमेज हो जाने से सांस फूलती है।
वे लोग जो पक्षियों के संपर्क में आते हैं, उन्हें सारे बचाव के तरीके कोरोना वाले ही अपनाने चाहिए। इसके सिंप्टम्स दिखने के बाद तुरंत हास्पिटल में एडमिट हो जाएं या आइसोलेशन में जाएं और ज्यादा बीमार मरीजों को इंटेंसिव केयर की जरूरत होती है।
बर्ड फ्लू कितना खतरनाक है?
डॉक्टर संजय कहते हैं कि यह बहुत खतरनाक बीमारी है। इसमें संक्रमितों की मृत्युदर 60 फीसदी तक है, यानी हर 10 में से 5-6 लोगों की जान जाती है। हालांकि, ये इंसान से इंसान में ट्रांसमिट नहीं होता है, लेकिन वायरस म्यूटेट करते हैं। जैसे कोरोना के मामले में हुआ है। इससे वायरस के और ज्यादा कंटेजियस (संक्रामक) होने का खतरा रहता है।
बर्ड फ्लू के 11 वायरस हैं, इनमें से 5 इंसानों के लिए जानलेवा हैं
क्या अंडा और चिकन खाने से बर्ड फ्लू का खतरा है?
क्या इंसानों में भी बर्ड फ्लू का खतरा है?
बर्ड फ्लू का इलाज क्या है?
डॉ. संजय कहते हैं कि स्वाइन फ्लू (H1N1) में ओसेल टामीविर (टॉमीफ्लू) नाम की दवा इस्तेमाल होती। यही दवा बर्ड फ्लू के इलाज में भी इस्तेमाल हो रही है, लेकिन इस दवा से आप पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे, यह निश्चित नहीं है। एक और दवा भी है, इसका नाम जानामि-वीर (रेलेंजा) है। ये दवाएं बीमारी के खतरे को कुछ हद तक कम कर देती हैं।
बर्ड फ्लू कितना खतरनाक है?
मशहूर कार्टून कैरेक्टर टिनटिन का आज ही के दिन 1929 में जन्म हुआ था। टिनटिन सबसे पहले बेल्जियम के अखबार में नजर आया था और उसकी कार्टून सीरीज का नाम था ‘द एडवेंचर ऑफ टिनटिन'। दुनिया में टिनटिन की कॉमिक्स की 35 करोड़ से ज्यादा कॉपियां बिक चुकी हैं और 100 से ज्यादा भाषाओं में उनका अनुवाद हो चुका है। टिनटिन कैरेक्टर को बेल्जियम के कार्टूनिस्ट जॉर्जिस रेमी ने बनाया था। जॉर्जिस को हर्जे नाम से भी जाना जाता है।
जॉर्जिस की कॉमिक्स में टिनटिन दुनिया के अलग-अलग देशों में दौरा करके उनके रहस्यों को सुलझाता है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि जॉर्जिस रेमी ने कभी भी उन देशों का दौरा नहीं किया था, जहां टिनटिन कॉमिक्स में जाता था। टिनटिन के साथ एक डॉग भी रहता था, जिसका नाम स्नोवी था।
टिनटिन के ऊपर कई फिल्में भी बनी हैं। इनमें से पांच फिल्में जॉर्जिस के जीवित रहते रिलीज हुई थीं। 1983 में जॉर्जिस की मौत हो गई। उनकी आखिरी इच्छा थी कि उनकी मौत के बाद कोई दूसरा आर्टिस्ट टिनटिन पर कॉमिक्स न बनाए। टिनटिन पर कुल 24 कॉमिक्स छपी हैं। आखिरी कॉमिक्स 1986 में आई थी।
पहली अंडरग्राउंड मेट्रो चली
साल 1863 में आज ही के दिन लंदन में दुनिया की सबसे पुरानी अंडरग्राउंड मेट्रो रेल का उद्घाटन हुआ था। 1853 में इस काम की जिम्मेदारी चीफ इंजीनियर सर जॉन फॉलर को दी गई थी। 10 साल बाद पहली बार पैडिंगटन से फैरिंगडॉन स्ट्रीट स्टेशनों के बीच पहली अंडरग्राउंड मेट्रो चली। भारत में पहली मेट्रो कोलकाता में 1984 में शुरू की गई, जबकि दिल्ली मेट्रो को 2002 में शुरू किया गया।
भारत और दुनिया में 10 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएं
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ट्विटर अकाउंट को ट्विटर ने हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया। शनिवार को ट्विटर ने ट्रम्प के ट्वीट से फिर से हिंसा भड़कने की आशंका को देखते हुए उनके अकाउंट को सस्पेंड कर दिया। ट्विटर पर ट्रम्प के अकाउंट को सस्पेंड करने का काफी दबाव था। मिशेल ओबामा समेत कई बड़ी हस्तियों ने ट्रम्प के अकाउंट को बंद करने की मांग की थी।
ट्रम्प ने क्या ट्वीट किया, जिसकी वजह से अकाउंट बंद हुआ?
ट्रम्प ने शुक्रवार को दो ट्वीट किए। एक में उन्होंने हिंसा करने वाले अपने समर्थकों को क्रांतिकारी बताया तो दूसरे में उन्होंने कहा कि वो 20 जनवरी को होने वाले प्रेसिडेंशियल इनॉगरेशन (बाइडेन के शपथ ग्रहण) में नहीं जाएंगे। इन दो ट्वीट के कुछ ही मिनट बाद ट्रम्प के अकाउंट के ट्वीट दिखने बंद हो गए और अकाउंट सस्पेंड का मैसेज शो होने लगा। ट्रम्प के इस ट्विटर अकाउंट पर 8.8 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर थे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने ट्रम्प के ट्वीट्स को हिंसा भड़काने की आशंका वाला माना। कंपनी ने कहा कि ये ट्वीट लोगों को गुरुवार जैसी आपराधिक घटना दोहराने के लिए उकसाते हैं। जो ट्विटर की सिविक इंटीग्रिटी पॉलिसी के खिलाफ है। ट्विटर ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि ट्रम्प का पर्सनल अकाउंट @realDonaldTrump तुरंत बंद किया जा रहा है।
ट्विटर ने ब्लॉग पोस्ट में क्या कहा?
ट्विटर ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि हमने बुधवार को ही कहा था कि ट्रम्प अगर आगे भी ट्विटर की पॉलिसी को नजरअंदाज कर भड़काऊ ट्वीट करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे। उसके बाद भी उन्होंने शुक्रवार को फिर से भड़काऊ ट्वीट किए। हमने पहले भी कहा है कि किसी भी बड़े से बड़े नेता का अकाउंट हमारे नियमों से ऊपर नहीं है। पोस्ट में ट्विटर ने ट्रम्प के दोनों ताजा ट्वीट भी डाले हैं और उनका एनालिसिस भी लिखा है। जो उनके अकाउंट के परमानेंट सस्पेंशन की वजह बने।
After close review of recent Tweets from the @realDonaldTrump account and the context around them we have permanently suspended the account due to the risk of further incitement of violence.https://t.co/CBpE1I6j8Y
— Twitter Safety (@TwitterSafety) January 8, 2021
ट्विटर की कार्रवाई पर क्या बोले ट्रम्प?
पर्सनल अकाउंट बंद किए जाने के बाद ट्रम्प ने राष्ट्रपति के ऑफिशियल अकाउंट @POTUS से ट्वीट किया, 'हम भविष्य में एक नया प्लेटफॉर्म बनाएंगे। हमारी आवाज दबाई नहीं जा सकती। ट्विटर हमारे अधिकार को दबाने में लगा है। ट्विटर ने डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर मेरा अकाउंट हटवा दिया। 7 करोड़ 50 लाख लोगों की आवाजों को दबाया नहीं जा सकता।' ट्रम्प के इस ट्वीट को भी ट्विटर ने कुछ सैकंड के अंदर डिलीट कर दिया। ट्रम्प ने कुछ और अकाउंट्स से भी ट्वीट किए, लेकिन उन्हें भी कंपनी ने तुरंत डिलीट कर दिया।
ट्रम्प के बाकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी क्या कोई कार्रवाई हुई?
ट्विटर से पहले शुक्रवार को फेसबुक ने भी ट्रम्प को उनके कार्यकाल के बचे समय यानी 20 जनवरी तक के लिए बैन कर दिया था। इसके अलावा स्नैपचैट, यूट्यूब, ट्विच और रेडिट ने भी ट्रम्प को अपने-अपने प्लेटफॉर्म पर बैन किया है।
मिशेल ओबामा का इस मामले से क्या कनेक्शन है?
अब तक फ्री स्पीच के नाम पर बैन लगाने से बचते रहे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस बार भारी दबाव था। अमेरिका के कई सांसदों समेत देश की कई बड़ी हस्तियां ट्रम्प के अकाउंट पर बैन लगाने की मांग कर रही थीं। इनमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा भी शामिल थीं। इसी वजह से ट्रम्प आरोप लगा रहे हैं कि डेमोक्रेट्स के कहने पर ट्विटर ने उनके खिलाफ कदम उठाया है।
ट्विटर की सिविक इंटीग्रिटी पॉलिसी क्या है?
आप चुनाव समेत किसी भी सिविक प्रॉसेस (नागरिक प्रक्रिया) में दखल देने या उसे प्रभावित करने के लिए ट्विटर का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसमें आप ऐसा कंटेंट, फोटो या वीडियो शेयर नहीं कर सकते जो लोगों को भ्रमित करे। ट्विटर चुनाव, किसी मुद्दे पर रेफरेंडम, जनगणना जैसे मामलों को सिविक प्रॉसेस का हिस्सा मानता है।
कोई अकाउंट ब्लॉक किस तरह होता है?
पहला- ट्विटर पर किसी भी ट्वीट के दाईं ओर आने वाले ऑप्शन बार में रिपोर्ट ट्वीट का ऑप्शन आता है। अगर आप किसी ट्वीट पर रिपोर्ट ट्वीट करते हैं तो ट्विटर आपको कुछ ऑप्शन देता है। उन ऑप्शंस को चुनने के बाद आप ट्वीट को रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके बाद ट्विटर उसे चेक करता है और अगर शिकायत सही मिलती है तो अकाउंट ब्लॉक हो सकता है।
दूसरा- अगर कोई आपके ट्वीट की शिकायत ट्विटर के ऑफिशियल हैंडल पर करता है, तब भी ट्विटर उसे क्रॉस चेक करता है। शिकायत सही होने पर अकाउंट ब्लॉक हो सकता है।
तीसरा- ट्विटर खुद भी अकाउंट्स पर नजर रखता है। अगर ट्विटर की पॉलिसी का वॉयलेशन होता है, तो ट्विटर उसे ब्लॉक कर सकता है। जैसा ट्रम्प के अकाउंट के साथ हुआ।
गैंगरेप के मामले में उत्तर प्रदेश एक बार फिर चर्चा में है। बदायूं के इस वाकये में कुछ नया नहीं। चना-मुर्रा की भी उतनी खपत नहीं, जितने रोजाना रेप होते होंगे। तो खबर की तफसील छोड़कर सीधे मुद्दे पर आते हैं। हुआ यूं कि मृतका के परिवार को ढांढस देने राष्ट्रीय महिला आयोग की एक सदस्य पहुंची। तसल्ली देते हुए उनकी जबान फिसल गई और फिर जो सुनाई पड़ा, वो औरतों का अपने ही मुंह पर तमाचा है। सदस्य ने औरतों को ही सलाह दे डाली कि उन्हें शाम के वक्त घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, या निकलना ही पड़े तो लड़का-बच्चा साथ लेकर जाना चाहिए।
महिला आयोग की हरेक सदस्य पूरे मुल्क की महिलाओं का चेहरा होती है। ऐसे में ये बयान एक डरी और हार मान चुकी मां की समझाइश जैसा है। 'अंधेरा होने से पहले घर लौट आना'। इसके पीछे सब-स्क्रिप्ट चलती है- 'अगर देर हुई तो रेप तय है'।
दिल्ली मेट्रो की सीट की तरह ही औरत-मर्द का समय भी बंट गया है। कोच की दो-चार सीटों पर औरतों का तख्त लगाकर पक्का कर दिया गया कि बाकी तमाम सीटों पर मर्दों का कब्जा रहे। अगर सारी सीटें खाली हों और कोई औरत मन मुताबिक जगह पर बैठ जाए तो बगल वाला पुरुष ठहाका मारता है- आप अपनी सीट पर जाकर क्यों नहीं बैठ जातीं!
मर्दानी दुनिया ने अलिखित कायदा बना रखा है कि फलां से फलां समय तक ही औरत बाहर रह सकती है। सुई के उस पार जाते ही खतरे टिक-टिकाने लगते हैं और घर लौटते कदमों की रफ्तार बढ़ जाती है। औरतें चाहें कितनी ही आधुनिक या मजबूत दिखें, लेकिन शाम और अकेलेपन को लेकर सब डरती हैं। फिर चाहे वो हिंदुस्तान की गहरी काली आंखों वाली दक्षिणी औरतें हों, नींबू की फांक जैसी शोख उत्तर-पूर्वी लड़कियां, या हर मौसम काले लिबास पहने पश्चिमी लड़कियां। हरेक ने समझाइश झेली। हरेक ने डर जिया।
चलिए, इसे समझने के लिए एक मजे का खेल खेलें। मर्दों से पूछते हैं कि वे रात 11 बजे घर लौटते हुए अपनी सेफ्टी के लिए क्या लेकर चलते हैं? शायद उन्हें ये कोई 'ट्रिक' सवाल लगे। शायद वे हंस पड़ें, या भड़क जाएं। हो सकता है एकाध, फुसफुसाती आवाज में कोई वाकया भी बता दे।
अब यही सवाल 'औरतों' से करें। जवाब आएंगे। इतने धड़ाधड़ कि आप सकते में आ जाएं। शाम की शिफ्ट टालती हूं... से लेकर मैं अपने बैग में क्या-क्या लेकर चलती हूं तक ढेर जवाब। मैं अपनी बताती हूं। दफ्तर से लौटते हुए मुट्ठियां खास अंदाज में कसी होती हैं। एक 'अनचाहा टच' और मैं हमला कर दूं, कुछ ऐसे। रास्ते पर चलती कम, दौड़ती ज्यादा हूं। घूरने को नजरअंदाज करने में मेरा सानी नहीं। भद्दे इशारे हों तो मोबाइल में घुस जाती हूं। इससे भी काम न बने तो गाड़ियों से भरी सड़क पर आ जाती हूं। हादसे भी रेप से कुछ बेहतर ही होंगे!
ये डर मेरे अकेले का नहीं। तमाम लड़कियां इस डर को बचपन से जीती हैं। अक्षरज्ञान के जरा बाद ही उन्हें ये ज्ञान भी पिलाया जाता है कि बचो, बाहर दुनिया खूंखार है। बचो, कि तुम औरत हो। साल 2019 में सोशल मीडिया पर किसी ने एक सवाल उछाला- 'लड़कियों, तुम क्या करोगी अगर रात 9 बजे के बाद मर्दों के लिए कर्फ्यू लग जाए'। सवाल के जवाब में लड़कियों ने अपनी छोटी-छोटी ख्वाहिशें बताईं, जो अंधेरी सड़कों पर मर्दानी हुकूमत के कारण ताबूत तक जाती हैं।
साल 2010 की शुरुआत में मैं पहली बार रात 1 बजे के आसपास बाहर निकली। अकेली। लैंप पोस्ट के नीचे आंखें मूंदे बैठी रही। आसपास की आवाजें धीरे-धीरे गुम हो चलीं। रोशनी बुझ गई। बचा तो बस नमी लिए हवा का अहसास और जिंदा होने का अहसास। वो पहली रात थी, जब मैंने बगैर किसी मर्द संरक्षक के खुली हवा में रात देखी और साबुत अपने कमरे में लौटी।
वो यूनिवर्सिटी कैंपस था। किताबों और तजुर्बों से भरा हुआ। उसे पता था कि रात और सड़कें सबकी हैं। मैं बची रही, क्योंकि वहां ढेरों-ढेर लड़कियां थीं। लाइब्रेरी में पढ़ती। पेड़ के नीचे मोबाइल पर बतियाती। घास पर चादर डाले सुस्ताती। हाथ में कॉफी फ्लास्क लिए किसी बेहद पेचीदा विषय पर एक्सपर्ट की तरह बताती। वो रात सुरक्षित थी, क्योंकि वो रात भी खुद में साबुत थी- औरतों और मर्दों से गुंथी हुई।
शायद बदायूं में 50 साल की वो मां जिंदा होती अगर वक्त का ऐसा बंटवारा न होता। वो जिंदा होती अगर उसे और रेप करने वालों को बचपन में ही बराबरी की सीख मिल जाती। तब अपने चुने वक्त पर बाहर निकलने-भर से किसी की हिम्मत नहीं होती कि उसे छू भी सके। वो औरत यकीनन जिंदा होती, अगर महिला आयोग की माननीय सदस्य और ऊंची कुर्सियों पर बैठे उन जैसे लोग समझाइश की बजाए कार्रवाई करवाते। बदायूं की वो औरत मौत पाकर खबर बनने की बजाए एक आम जिंदगी जीती होती अगर औरतों का अकेले बाहर निकलना 'एडवेंचर' न होता।
जब तक दुनिया में औरतें रहेंगी, रेप होते रहेंगे। ये हम नहीं, औरतों के साथ हो रहे हादसे कहते हैं। घर-बाहर, अंधेरा-उजाला- सब एक तरफ, औरत होना एक तरफ। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक साल 2019 में रोज रेप के 87 मामले आए। ये मामले समंदर में डूबे बर्फीले राक्षस की चोटी-भर है। 95 फीसदी मामले सामने नहीं आ पाते हैं। शायद बदायूं की मृतका बूढ़ी होकर डायबिटीज या दिल के दौरे में मरी होती, अगर हम औरतों को बोलना सिखाया गया होता।
बोलिए। बोलना मामूली बात नहीं। यकीन मानिए, आपकी गलती नहीं अगर आप देर रात बाहर थीं। अगर आपने अपने साथ मर्द-पुछल्ला ले जाने से मना कर दिया। भरोसा करना आपकी गलती नहीं। गलत है चुप रह जाना। बोलिए, जब आपके सामने अक्षरज्ञान के साथ गदबदे गालों वाली बच्ची को स्कर्ट संभालकर बैठने की छूट मिले। बोलिए, जब घड़ी का तोहफा आपके औरत होने की याद दिलाए। बोलिए और इस बार सुरक्षा की नहीं, आजादी की बात कीजिए।
क्या हो रहा है वायरल: सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है। फोटो में अमेरिकी संसद भवन का घेराव करने पहुंचे प्रदर्शनकारी के साथ प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन दिखाई दे रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि बाइडेन प्रदर्शनकारी के बाल सूंघ रहे हैं।
कैप्शन में लिखा है, 'इस सारी अव्यवस्था के बीच, वहां बाइडेन बाल सूंघ रहे हैं। आखिर वह वहां क्यों हैं? भगवान हमारे देश को बचाए।'
और सच क्या है?
1. अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में संसद भवन की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हिंसक समर्थकों से नरमी बरतने का आरोप है। पूर्व पुलिस अधिकारियों ने पुलिस की ढील को पक्षपात और रंगभेद बताया है। इसके अलावा भी कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पूर्व अधिकारियों ने पुलिस पर क्या आरोप लगाए हैं पढ़िए इस स्टोरी में।
2. ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का व्यवहार अब भी पूरी तरह से वैज्ञानिकों को समझ नहीं आ रहा है। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या नई नस्ल से लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ेंगे या अधिक मौतें होंगी। वैज्ञानिक नए स्ट्रेन का व्यवहार समझने के लिए संक्रमित मरीजों के अधिक सैम्पल की जांच कर रहे हैं। वायरस के नए स्ट्रेन के बारे में वैज्ञानिकों को और क्या मिला पढ़िए इस स्टोरी में।
3. केपिटल बिल्डिंग में समर्थकों के हिंसक उपद्रव से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चौतरफा नुकसान उठाना पड़ेगा। रिपब्लिकन पार्टी पर उनकी मजबूत पकड़ ढीली हो रही है। कई पूर्व सहयोगी मानते हैं कि उनके साथ 10-12 दिन सरकार में रहना भी असहनीय है। उनके सहयोगियों ने ट्रम्प के बारे में और क्या कहा, पढ़िए इस स्टोरी में।
4. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों ने 6 जनवरी को अमेरिकी संसद भवन में उपद्रव किया। इस घटना ने सोशल मीडिया की भूमिका पर फिर सवाल खड़े किए हैं। ट्रम्प पिछले कई साल से सोशल मीडिया के जरिये गलत जानकारियां और साजिश रचने वाला प्रचार कर रहे हैं। टि्वटर, फेसबुक ने अब जाकर ट्रम्प पर बंदिश लगाई है। लोगों ने सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ कैसे गुस्सा दिखाया पढ़िए इस स्टोरी में।