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Saturday, August 5, 2023

मुंबई: बंदूक की नोक पर आभूषण की दुकान में लूटपाट करने वाला आरोपी गिरफ्तार

मुंबई: बंदूक दिखाकर ज्वेलरी शॉप में लूटपाट करने आए एक शख्स को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की यूनिट 9 ने गिरफ्तार किया है. वारदात 2 अगस्त को  बांद्रा के एक ज्वेलरी शॉप की है. लूटपाट की यह घटना ज्वैलरी शॉप में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. गिरफ्तार आरोपी का नाम रियाज अहमद अब्दुल गनी है, जो जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है.

CCTV फुटेज में दिख रहा है कि कैसे आरोपी रेनकोट पहनकर दुकान में घुस रहा है और फिर बंदूक निकालकर महिला को धमकाने की कोशिश कर रहा है. दुकान में दो महिलाओं को धमकाता है. लेकिन एक महिला डरकर दुकान से बाहर भागती है तो आरोपी भी डर जाता है. फिर लूटेरा भी मौके से भाग जाता है. वीडियो को देखने से लगता है कि लूटेरा लूटपाट की घटना में सफल नहीं पाता है.

गिरफ्तार आरोपी ने पांच लाख की फिरौती भी मांगी थी. क्राइम ब्रांच 9 के अधिकारियों ने तकनीकी जानकारी की मदद से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और इस मामले में आगे की जांच कर रही है.

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Ex Bengal Chief Minister Buddhadeb Bhattacharjee On Ventilator Support

Former West Bengal Chief Minister Buddhadeb Bhattacharjee continued to remain on intermittent non-invasive ventilator support on the eighth day since he was admitted, the hospital informed on Saturday.

The former Bengal Chief Minister was admitted to Woodlands Hospital in Kolkata on July 29 with a lower respiratory tract infection and Type ll respiratory failure.

Woodlands Hospital, while giving an update about the health of the former Chief Minister, said that he is alert and is speaking to doctors and visitors.

"On the eighth day of admission, Former Chief Minister of West Bengal Buddhadeb Bhattacharjee remains on intermittent non-invasive ventilatory support. He is alert and is speaking to doctors and visitors," read a press release of Woodlands Multispeciality Hospital.

The multidisciplinary medical team treating him is keeping a close watch on his progress, said Dr Rupali Basu, Managing Director and CEO of Woodlands Hospital.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Friday, August 4, 2023

ठाणे : NCC कैडेट की पिटाई के मामले में डिप्टी सीएम अजित पवार ने कार्रवाई का दिया भरोसा

महाराष्ट्र के ठाणे शहर के एक कॉलेज में एक वरिष्ठ छात्र द्वारा राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कुछ कैडेट की बेरहमी से पिटाई किये जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसके बाद विभिन्न छात्र संगठनों ने संस्थान के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. अब उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य विधानसभा में कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी और जरूरी कार्रवाई की जाएगी.

एनसीसी ने एक बयान में यह कहा है कि प्रसारित वीडियो में जो दिख रहा है, वे न तो एनसीसी के लोकाचार का प्रतिबिंब हैं और न ही किसी संगठित प्रशिक्षण या गतिविधि का हिस्सा. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने शुक्रवार को सदन में यह मुद्दा उठाया. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सरकार को कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सदन को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया. पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने रैगिंग रोधी कानून के तहत जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

एनसीसी ने एक ट्वीट में कहा, ''सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एनसीसी का एक कैडेट अपने जूनियर कैडेट को पीट रहा है, जो न तो एनसीसी के लोकाचार का प्रतिबिंब है और न ही किसी संगठित प्रशिक्षण या गतिविधि का हिस्सा. हम इस तरह के कृत्य को कतई बर्दाश्त नहीं करते हैं और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.''

शिवसेना (शिंदे गुट) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) से संबद्ध छात्र संगठनों ने जोशी बेडेकर कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया, जहां यह घटना हुई थी. कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि संस्थान ने आरोपी छात्र को निलंबित कर दिया है.

जोशी बेडेकर कॉलेज में एक शारीरिक प्रशिक्षण सत्र के दौरान एक छात्र को एनसीसी के कुछ कैडेट की पिटाई करते हुए देखा जा सकता है. माना जा रहा है कि एक साथी छात्र ने यह वीडियो रिकॉर्ड किया था. शिवसेना के शिंदे गुट की छात्र शाखा के नेता नितिन लांडगे ने बताया कि पीड़ित और उनके अभिभावक पर कॉलेज प्रबंधन का दोषी के खिलाफ शिकायत न करने को लेकर ‘बहुत' दबाव है.

उन्होंने कहा कि कॉलेज प्रशासन को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए और आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की छात्र इकाई के सदस्यों ने कॉलेज प्रबंधन को एक ज्ञापन सौंपकर वरिष्ठ छात्र पर सख्त कार्रवाई की मांग की. वहीं, शिवसेना (यूबीटी) से जुड़े छात्र संगठन का नेतृत्व किरण जाधव ने किया.

इस दौरान प्रदर्शनकारियों को कॉलेज में घुसने से रोकने के लिए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. विश्वविद्यालय के एक सीनेट सदस्य ने कहा, ''इस यूनिट के एनसीसी प्रशिक्षक का हाल ही में तबादला हुआ था. शिक्षकों की अनुपस्थिति में वरिष्ठ कैडेट के कार्यभार संभालने के कारण यह घटना हुई.''

ठाणे का जोशी बेडेकर कॉलेज दो अन्य सहयोगी संस्थानों-बंदोडकर कॉलेज और वीपीएम पॉलिटेक्निक के साथ मिलकर एनसीसी इकाई का संचालन करता है. बंदोडकर कॉलेज से जुड़े आरोपी छात्र को निलंबित कर दिया गया है.
 



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Home Secretary Ajay Bhalla Gets Extension Till August Next Year

Union Home Secretary Ajay Kumar Bhalla was on Friday given another one-year extension, his fourth in the post, till August 22, 2024, according to a Personnel Ministry order.

Ajay Kumar Bhalla, a 1984-batch Indian Administrative Service (IAS) officer of the Assam-Meghalaya cadre, was appointed home secretary in August 2019.

He was to retire in November 2020 after attaining 60 years of age. His tenure was first extended on October 17, 2020 till August 22, 2021.

Subsequently, his term was extended for one-year each in 2021 and in 2022.

The Appointments Committee of the Cabinet has approved the extension in service of Mr Bhalla for a further period of one year beyond August 22, 2023 i.e. up to August 22, 2024, the order said.

The latest extension will allow Mr Bhalla to stay in the post during the general elections due early next year.

His extension comes a day after Cabinet Secretary Rajiv Gauba was given one year extension, his third extension, beyond August 30, 2023.

Prior to joining Home Ministry, the bureaucrat worked as Power Secretary and Director General of Foreign Trade among others.

He has also handled various assignments in his cadre states of Assam and Meghalaya.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Thursday, August 3, 2023

"BJP कभी दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे की थी समर्थक" : दिल्ली सेवा बिल पर AAP नेता राघव चड्ढा

आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने गुरुवार को लोकसभा में दिल्ली सेवा विधेयक के पारित होने को "भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काला क्षण" बताया है.चड्ढा ने ट्वीट किया कि "लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश विधेयक का पारित होना भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काला क्षण है. भाजपा, जो कभी दिल्ली के राज्य के दर्जे की समर्थक थी, ने लोगों और अपने ही नेताओं को धोखा दिया है. यह हमारे नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कमजोर करता है. यह शर्मनाक कृत्य, लोगों की इच्छा की अवहेलना और हमारे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है."

गौरतलब है कि दिल्ली सेवा संबंधी विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राष्ट्रीय राजधानी के लोगों की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया. दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले और पदस्थापना से संबंधित दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023 को लोकसभा ने पारित कर दिया.

केजरीवाल ने साधा निशाना

विधेयक पर केजरीवाल ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर निशाना साधा और लोगों से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री की किसी भी बात पर विश्वास न करें. केजरीवाल ने कहा, ‘‘भाजपा ने हमेशा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया. 2014 में मोदी ने कहा था कि प्रधानमंत्री बनने पर वह दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे. लेकिन आज इन लोगों ने दिल्ली के लोगों की पीठ में छुरा घोंपा है. आगे से मोदी जी की किसी भी बात पर विश्वास मत करना.''

लोकसभा में 4 घंटे तक चली बहस

करीब चार घंटे की बहस के बाद दिल्ली सेवा विधेयक पारित हो गया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा का जवाब दिया. शाह ने स्पष्ट किया कि केंद्र शासित प्रदेशों पर कानून बनाने की शक्ति केंद्र सरकार के पास है और केंद्रशासित प्रदेश होने के नाते केंद्र को नियम बनाने का भी पूरा अधिकार है. विधेयक पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए शाह ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने बिना किसी टकराव के लंबे समय तक दिल्ली में शासन किया, लेकिन समस्याएं 2015 में उस वक्त पैदा हुईं जब एक सरकार आई जिसका मकसद सेवा करना नहीं, बल्कि झगड़ा करना है.

केजरीवाल ने विधेयक पेश होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि यह दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आज लोकसभा में अमित शाह जी को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले विधेयक पर बोलते सुना. विधेयक का समर्थन करने के लिए उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है. बस इधर-उधर की फ़ालतू बातें कर रहे थे. वह भी जानते हैं, वह गलत कर रहे हैं.''

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है. उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला विधेयक है. ‘इंडिया' ऐसा कभी नहीं होने देगा.'' आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में ग्रुप-ए अधिकारियों के नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ टकराव है. केंद्र ने मई में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया था, जिसने दिल्ली में ‘‘सेवाओं'' का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंपने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलट दिया था.

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Under-Construction Underpass Collapses In Gurugram, Several Feared Trapped

An under-construction underpass collapsed near Dhanwapur railway cross number 26 in Gurugram on Thursday evening, said an official.

Some labourers are feared to be trapped under the debris, and a rescue operation is underway.

"An under-construction underpass near Dhanwapur railway cross number 26 in Gurugram collapsed this evening. We have received information about some labourers being trapped under the debris. A rescue operation is underway," Station House Officer Pradeep Kumar said.

The rescue operation is being led by the NDRF, fire brigade and police.

Further details are awaited.

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PM Modi To Inaugurate Development Of 21 Railway Stations In Telangana

Prime Minister Narendra Modi will lay the foundation stone for the redevelopment of 21 railway stations across Telangana on August 6 virtually under the Amrit Bharat Station Scheme, Union Minister for Tourism G Kishan Reddy said on Thursday.

In a tweet, he said, "Railway stations in Telangana to get a major facelift with state-of-the-art amenities. Hon'ble PM Shri @narendramodi to lay foundation stone for redevelopment of 21 stations across the state. The new stations are being developed with an outlay of Rs 894 crores."

A press release from Kishan Reddy's office had earlier said as many as 39 Amrit Bharat Stations were identified in Telangana and 21 are being taken up in the first phase.

The railways is planning to modernise 1,275 small yet important stations under the new "Amrit Bharat Station Scheme".

According to the scheme document, it aims at preparing master plans of railway stations and implementing those in phases to enhance facilities beyond the minimum essential amenities and aim for the creation of roof plazas and city centres at stations.



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Go First Can't Fly Lessors' Aircraft As Of Now: Delhi High Court

The Delhi High Court Thursday said scheduled maintenance cannot be understood to include flying of aircraft and restrained crisis-hit Go First airline to continue with maintenance flights.

The high court said the resolution professional (RP) appointed under the insolvency law to manage the airline has not been able to show any urgency or any grave imminent threat to the aircraft compelling the RP to fly them suddenly and without any prior notice.

Justice Tara Vitasta Ganju, who had on July 28 directed that the status quo be maintained in respect of handling/non-revenue flights of the petitioner lessors' aircraft till August 3, extended the interim order till further orders.

The high court termed as “misconceived” the contention of the RP that 2 of the 10 aircraft have been flown by Go Airlines as these were handling flights forming part of the scheduled maintenance activity for an aircraft.

“The respondent no.9/ RP of Go Airlines has also not been able to show any urgency or any grave imminent threat to these aircraft to suddenly and without any prior notice, compel the respondent no.9 RP to fly these aircraft.

“Prima facie, the term - scheduled maintenance cannot be understood to include flying the aircraft even if it is a non-commercial flight. Thus, respondent no.9/ RP of Go Airlines cannot be permitted at this stage, to continue with these handling/maintenance flights,” Justice Ganju said.

The interim order was passed on an application filed by SMBC Aviation Capital Limited, one of the lessors of aircraft, submitting that disregarding the earlier directions of the court, the RP has flown 2 aircraft owned by the petitioners without court's permission.

The plea said in the July 5 order, the court had passed directions that once the process of deregistration of aircraft has begun, the planes cannot be flown.

The counsel for the RP submitted that there was urgency to enable the aircraft to be flight ready in terms of the Resumption Plan as approved by the DGCA on July 21 and Directorate General of Civil Aviation (DGCA) also required the airline to undertake handling or maintenance flights satisfactorily.

In an interim order passed on July 5, the single judge had allowed the lessors to inspect their aircraft at least twice a month and carry out the maintenance work.

The order by the single judge was passed on petitions by several lessors seeking de-registration of their planes by aviation regulator DGCA so they could take them back from the airline.

The July 5 order was challenged by the RP before the division bench which had permitted the airline to carry out maintenance of aircraft leased to it while allowing the lessors to inspect the planes periodically.

During the hearing on Thursday, the counsel for the RP of the airline informed the high court that they have challenged the division bench's July 12 order before the Supreme Court.

While granting interim relief on July 5, the single judge had asked the DGCA to permit the lessors, their employees, and agents to access the airport where their aircraft is currently parked and to inspect.

Earlier, the NCLT-appointed resolution professional, tasked with managing Go First, had told the high court that returning aircraft to the lessors will render the airline, which has 7,000 employees to look after, "dead".

On May 10, the National Company Law Tribunal (NCLT) admitted the airline's voluntary insolvency resolution petition and appointed Abhilash Lal as the interim resolution professional to manage the carrier.

With a moratorium in force on financial obligations and transfer of assets of Go First in the wake of the insolvency resolution proceedings, the lessors are unable to deregister and take back the aircraft leased to the carrier.

The lessors had earlier told the single judge that denial of deregistration by the DGCA was “illegitimate”.

The lessors who have approached the high court are Accipiter Investments Aircraft 2 Limited, EOS Aviation 12 (Ireland) Limited, Pembroke Aircraft Leasing 11 Limited, SMBC Aviation Capital Limited, SFV Aircraft Holdings IRE 9 DAC Ltd, ACG Aircraft Leasing Ireland Ltd and DAE SY 22 13 Ireland Designated Activity Company. 

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Wednesday, August 2, 2023

Women MPs Seek Government Help For Release Of Baby Ariha From Germany

Some women parliamentarians on Wednesday met External Affairs Minister S Jaishankar with a plea to intervene in a case of a child who has been placed in foster care in Germany since September 2021 over allegations of parental abuse.

The child's mother Dhara Shah was in Parliament on Tuesday to gather support of parliamentarians to push for the release of her daughter from foster care in Germany.

The girl was placed in the custody of Germany's Youth Welfare Office on September 23, 2021, after she, then seven months old, suffered an accidental injury.

Congress Rajya Sabha member Rajani Patil, NCP leaders Supriya Sule and Vandana Chavan, Samajwadi Party member Jaya Bachchan and Shiv Sena (UBT) member Priyanka Chaturvedi met Mr Jaishankar on Dhara Shah's behalf and sought the government's intervention in the matter.

"Due to cultural differences, they have taken a strict stand and we want to speak against that," Jaya Bachchan said.

"We request the Indian government to bring the child and keep her in a foster home in India," she said.

India has been maintaining that it is important for the child to be in her linguistic, religious, cultural and social environment.

Last month, External Affairs Ministry Spokesperson Arindam Bagchi said sending back the child to India is important for her cultural and national identity.

S Jaishankar had raised the matter with his German counterpart Annalena Baerbock when she visited India in December last year.



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Nuh Violence: नूंह में क्यों फेल हुई हरियाणा सरकार? हिंसा को रोकने में पुलिस से कहां हुई चूक?

हरियाणा के नूंह (Nuh Violence) में सोमवार को भड़की सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 6 की मौत हो चुकी है. कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार और प्रशासन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. हिंसा को लेकर पुलिस ने अब तक 26 एफआईआर दर्ज की है. 116 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने कहा कि हिंसा में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों से करेंगे. नूंह में भड़की हिंसा को लेकर हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. 

NDTV की एक रिपोर्ट में हरियाणा के शीर्ष अधिकारियों ने भी माना कि नूंह में पुलिस और प्रशासन हालात को भांपने में नाकाम रहा. उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर हिंसा कैसे हुई? यह पता लगाने के लिए अभी भी जांच चल रही है. पुलिस हिंसा के लिए उपद्रवियों द्वारा फैलाई गई अफवाहों को जिम्मेदार ठहराती है.

आइए जानते हैं नूंह हिंसा में आखिर सीएम खट्टर सरकार से कहां हुई चूक और उठ रहे कौन से सवाल:-
 

1. जिस दिन हिंसा हुई, उस दिन नूंह के एसपी छुट्टी पर थे. पलवल के एसपी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. क्या पलवल के एसपी पहले से नूंह में मौजूद थे या वो हिंसा के बाद वहां पहुंचे? ये अभी साफ नहीं हो पाया है.
 
2. जब मोनू मानेसर का एक वीडियो पहले से ही सोशल मीडिया पर चल रहा था, जिसमें वो कह रहा था कि वो नूंह आएगा. ऐसे में सवाल है कि बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा के रास्ते पर पुलिस की पहले से ही पर्याप्त तैनाती क्यों नहीं की गई?

3. क्या प्रशासन को पहले से सोमवार के तनाव का अंदाज़ा नहीं हो पाया था. जबकि ये बात सामने आ रही है कि भीड़ में कई लोग पत्थर और हथियार लेकर पहुंचे हुए थे, तभी तो शोभायात्रा पर पत्थरबाज़ी हुई. ऐसे में क्या इसे खुफिया विभाग की नाकामी नहीं मानी जानी चाहिए?
 
4. हरियाणा के नूंह में तैनाती को लेकर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बीच ये धारणा है कि उन्हें मेवात की ज़िम्मेदारी देकर मुख्य धारा से किनारे कर दिया गया है. कुछ अधिकारियों की यह भी शिकायत रहती है कि उन्हें पनिशमेंट पोस्टिंग दी गई है. इसलिए ये कहा जाता है कि कई अधिकारी वहां तैनाती को बहुत गंभीरता से नहीं लेते. 
अगर ऐसा है, तो ये पुलिस प्रशासन की भूमिका पर बड़ा सवालिया निशान लगाता है.

5. हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बयान दिया है कि उनके प्रशासन को अंदाजा नहीं था कि शोभायात्रा में इतनी भीड़ जुटेगी. सवाल ये है कि प्रशासन को शोभायात्रा में कितने लोग आएंगे, इसकी जानकारी क्या वाकई नहीं दी गई थी?

6. सवाल इस बात का है कि अगर इतने पुलिसकर्मी थे, तो उनका किस इलाके में मोबिलाइजेशन हुआ? सोशल मीडिया पर चल रहे मैसेज और सावन के महीने को देखते हुए क्या अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत नहीं थी? 

एसपी के छुट्टी पर होने से क्या होनी चाहिए व्यवस्था?
जब किसी जिले का एसपी छुट्टी पर हो, तो जिले में क्या व्यवस्था होनी चाहिए? इस सवाल के जवाब में यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा, "ऐसे संवेदनशील प्रकरणों के पहले, जहां मालूम है कि समस्या उत्पन्न होने की प्रबल संभावना है... जब तक कि जिंदगी और मौत का मामला न हो, पुलिस अधिकारियों की छुट्टी निरस्त कर दी जाती है. ऐसे मामलों में अधिकारी छुट्टी पर नहीं जा सकते और न उन्हें जाना चाहिए. अगर इसके बाद भी अधिकारी या एसपी छुट्टी पर गए हैं, तो उनके लिंक अफसर की पूरी जिम्मेदारी बनती है."

हरियाणा में क्या हैं ताजा हालात?
तनावपूर्ण हालात को देखते हुए नूंह, फरीदाबाद, पलवल और गुरुग्राम में मानेसर, पटोदी व सोहना इलाके में 5 अगस्त की आधी रात तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है. नूंह में सोमवार को भड़की हिंसा के दो दिन बाद भी कर्फ्यू जारी है. गुरुग्राम, पलवल जिले में तनाव का माहौल है. हरियाणा में पुलिस की 30 कंपनियां और केंद्रीय सुरक्षा बलों की 20 कंपनियों को तैनात किया गया है. सेंट्रल फोर्स की गुरुग्राम में 2 और नूंह में 14 कंपनियां लगाई गई हैं. दिल्ली और राजस्थान के भरतपुर में भी अलर्ट जारी किया गया है.



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Landslide In Himachal Blocks Highway Connecting Shimla To Chandigarh

A landslide blocked the national highway connecting Shimla to Chandigarh in Himachal Pradesh's Solan district on Wednesday morning, leaving many vehicles stranded, officials said.

A 50-metre road stretch was completely caved in following the landslide at Chaki Mor near Koti between Dharampur and Parwanoo in Solan.

A single-lane road was restored for light vehicles after almost nine hours but later the road was closed as land started sliding due to rains.

The supply of essential goods to Shimla and Solan was also badly hit due to the blockade of the national highway.

A large number of vehicles including about 100 trucks laden with apples and pears and buses are stranded on both sides of the road.

Light vehicles coming from Chandigarh have been routed through Parwanoo-Kasauli-Jangushu Road Kumarhatti while other vehicles going from Solan would take Bhognagar-Banasarq.

Men and machinery have been deployed at the damaged stretch and restoration works are underway, officials said.

The Shimla Police has routed traffic going from Shimla to Chandigarh via Theog-Sainj-Giripul-Oachghat- Kumarhatti-Sarahan-Kala Amb-Panchkula road while the traffic coming from Chandigarh would be routed via Dherowal- Nalagarh- Parsehar- Kunihar- Totu- Shimla for light vehicles.

Meanwhile, a building and two vehicles were also damaged in a landslide that occurred in Dhalli in the suburbs of Shimla city on Wednesday.

The local weather department has issued an "orange" alert warning of heavy to very heavy rains in isolated places in low and mid hills on August 4 and 5 and "yellow" warning of heavy rains on August 3 and 6.

Rainfall activity in the state is likely to increase and isolated spells of heavy to very heavy downpours would be witnessed in the districts of Chamba, Kangra, Shimla, Kullu, Mandi, Bilaspur, Hamirpur, Una, Solan and Sirmaur from August 3 to 7, the MeT said.

Rain-related incidents like flash floods, cloud bursts and landslides and road accidents have so far claimed 197 lives in Himachal Pradesh while 31 are missing since the onset of monsoon on June 24, till date, according to the state emergency operation centre.

About 300 roads are still closed for traffic in the state as landslides triggered by rains and flash floods have caused destruction in Himachal Pradesh.

The Public Works Department has suffered losses to the tune of over Rs 2,000 crore.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Tuesday, August 1, 2023

Minister Announces Release Of Rs 400 Crore For Restoration Work in Himachal

Union Minister for Road Transport and Highways Nitin Gadkari on Tuesday announced the release of Rs 400 crore under the CRIF for the repair and restoration work in flood-hit Himachal Pradesh.

Terming the damage in the recent floods as colossal and unprecedented, Mr Gadkari assured all possible help for restoration works. 

Besides restoration of four-lane roads and national highways, expenditure on restoration of damaged link roads and bridges on 1-km stretches would be borne by National Highway Authority of India (NHAI), the Union minister said.

The restoration work would also be covered under the Setu Bandhan programme under the Central Road and Infrastructure Fund (CRIF), according to the minister. Under the CRIF, the Union ministry allocates funds for the development and maintenance of state roads.

On Tuesday, Mr Gadkari visited flood and landslide ravaged sites in Kullu and Manali, and interacted with victims of the floods. A large number of affected people also submitted their representation to him. He also did an aerial survey of the damage.

He was accompanied by Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu, Leader of the Opposition Jai Ram Thakur and state Public Works Minister Vikramaditya Singh.

Addressing media persons, Mr Gadkari also said that technical aspects of the damage caused, including the course of rivers, and landslides, would be studied by teams of experts for finding immediate and long-term solutions to curb the recurrence of such a tragedy in future.

The chief minister has demanded Rs 220 crore for restoration of damaged roads and the immediate release of Rs 80 crore, Gadkari added.

"Due to piling up of muck in the river bed, the level of river rises and it changes its course. Adaptive measures will have to be taken for the channelisation of rivers by constructing strong concrete and stone walls by digging two to three metres deep," Gadkari said. It would help in flood control and control damage along the banks by swollen rivers. he added.

Landslides are a perpetual occurrence in Himachal Pradesh as the mountains are fragile, Gadkari said.

"To address the issue, a comprehensive study would be conducted and thereafter recommendations would be shared with the state government," he said.

Mr Gadkari said the under-construction Kiratpur-Manali four-lane highway, on which expenditure of about Rs 8,000 crore has been incurred, would be restored and inaugurated within next three or four months.

He also announced that Rs 250 crore has been sanctioned for the Bijli Mahadev Ropeway and added that construction would be completed before this Independence Day.

Construction of Shahpur-Sihunta road at Rs 52 crore and Rangas-Bagchal-Mehre at road Rs 49 crore under CRIF has also been granted, Gadkari said.

Stressing that construction of tunnels is an alternative to cutting of hills and a solution to landslides, the minister said that construction of 68 tunnels with an outlay of Rs 12,500 crore has been planned for the state. Eleven of these have been completed, 27 are under construction and 30 are upcoming, he said.

Due to the construction of tunnels on Kiratpur-Manali road, traffic flow is being managed, otherwise it would have taken a long time as the old road was badly damaged, he said. 

Mr Gadkari also said that construction of roads at a distance from the river banks was a good option but difficult topography and mountains make it difficult. He also advised people to avoid living close to the banks of the rivers.

Briefing Mr Gadkari on the flood-related damages, Chief Minister Sukhu said the state had not seen such a tragedy in the past 50 years.

Kullu and Manali districts have faced maximum damage in the recent floods. A large number of roads and bridges of NHAI and PWD have been damaged in it.

So far, the state has suffered a loss of Rs 5,692 crores, which includes losses of Rs 1,962 crore to the PWD, since the onset of monsoon on June 24 (till July 31), as per the state emergency operation centre. However, the chief minister has claimed that the loss is around Rs 8,000 crores.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Monday, July 31, 2023

दिल्ली सेवा बिल : लोकसभा में NDA की राह आसान, राज्यसभा में देना होगा टेस्ट, समझें गुणा-गणित

संसद के मॉनसून सत्र में अब तक दो मुद्दे सबसे ज्यादा छाए रहे हैं. पहला मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के बयान की मांग. दूसरा दिल्ली अध्यादेश की जगह लाया जाने वाला दिल्ली सेवा बिल. दिल्ली सेवा बिल (Delhi Services Bill) को लोकसभा में मंगलवार को पेश किया जाएगा. गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) इस बिल को सदन के पटल पर रखेंगे. आइए जानते हैं इस बिल को पास कराने के लिए संसद के दोनों सदनों में क्या है सरकार की स्थिति:-

लोकसभा में इस बिल को पास कराने में मोदी सरकार को कोई परेशानी दिखाई नहीं दे रही है. क्योंकि सरकार के पास बहुमत है. लेकिन सरकार की भी परीक्षा राज्यसभा में होगी. सीएम केजरीवाल भी राज्यसभा में अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. लिहाजा आम आदमी पार्टी के नेता विपक्षी सांसदों की मदद से राज्यसभा में इसे रोकने की कोशिश में हैं.

राज्यसभा का नंबर गेम
कुल संख्या: 245
खाली सीटें: 07
मौजूदा संख्या बल: 238
बहुमत का आंकड़ा: 120

NDA के पास कितने नंबर?
बीजेपी: 92
साथी दल: 11
AIDMK 4
RPI 1
SDF 1
AGP 1
TMCM 1
NPP 1
MNF 1
UPPL 1
बीजेपी+साथी दल= 103
नॉमिनेटेड सांसद: 5
निर्दलीय: 1
सरकार के पक्ष में: 109
बिल के समर्थन में कुल सदस्य: 129

बिल के विरोध में
कांग्रेस  31
TMC 14
DMK 10
AAP 10
BRS 7
RJD 6
CPM 5
JDU 5
NCP 4
SP 3
शिवसेना 3
CPI 2
JMM 12
IUML 1
MDMK 1
KCM 1
RLD 1
निर्दलीय 2 
कुल: 108

राज्यसभा में गैर-हाजिर हो सकते हैं ये नेता
JDS 1
प्रफुल्ल पटेल (NCP)
जयंत चौधरी (RLD) का रुख़ अभी साफ नहीं
3 विपक्षी सांसद अस्वस्थ
मनमोहन सिंह, वशिष्ठ नारायण सिंह और शिबू सोरेन

अध्यादेश से अलग है दिल्ली सेवा बिल
दिल्ली सेवा बिल इस बारे में 19 मई को जारी किए अध्यादेश की हुबहू कॉपी नहीं है. इसमें तीन प्रमुख संशोधन किए गए हैं.
बिल से सेक्शन 3 A को हटा दिया गया है. इसमें दिल्ली विधानसभा को सेवाओं संबंधित कानून बनाने का अधिकार नहीं दिया गया था. इसकी जगह बिल में आर्टिकल 239 AA पर जोर है, जो केंद्र को नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी (NCCSA) बनाने का अधिकार देता है. पहले अथॉरिटी को अपनी गतिविधियों की एनुअल रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा और संसद दोनों को देनी की बात थी. अब इस प्रावधान को भी हटा दिया गया है.

इसके अलावा विभिन्न अथॉरिटी, बोर्ड, आयोग और वैधानिक संस्थाओं के अध्यक्ष, सदस्य की नियुक्ति के बारे में प्रावधान में ढील दी गई है. इसके बारे में प्रस्तावों को उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को देने से पहले केंद्र सरकार को देने की बाध्यता नहीं होगी. एक नया प्रावधान भी जोड़ा गया है. दिल्ली सरकार द्वारा बोर्ड और आयोग की नियुक्तियां उपराज्यपाल NCCSA की सिफारिशों के आधार पर करेगा. बिल के पास होते ही अध्यादेश समाप्त हो जाएगा. देखना होगा कि विपक्ष एकजुट होकर राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल को पास होने से रोक पाता है या नहीं. 

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BJP Leader Seeks Dismissal Of Rahul Gandhi's Appeal In Supreme Court In Modi Surname Case

BJP leader and former Gujarat minister Purnesh Modi on Monday sought the dismissal of Congress leader Rahul Gandhi's appeal in the Supreme Court against his conviction in a criminal defamation case, saying he has defamed all those bearing the Modi surname, particularly people belonging to the 'Modh Vanik' caste of Gujarat. Purnesh Modi had filed a criminal defamation case in 2019 against Gandhi over his "How come all thieves have Modi as the common surname?" remark made during an election rally in Kolar in Karnataka on April 13, 2019.

In his written reply to Gandhi's appeal in the top court, Modi said, "It is a settled law that stay of conviction is granted in the rarest of rare cases for exceptional reasons. The Petitioner's (Rahul Gandhi) case manifestly does not fall in that category. Moreover, it is respectfully submitted that the order of conviction of the Petitioner by the Trial Court is unimpeachable on the evidence-on-record."

In his 21-page reply filed through advocate PS Sudheer, Modi said Gandhi, during his cross-examination, not merely failed to make any dent in the prosecution's case, but practically admitted the defamation of all persons bearing the Modi surname.

The BJP leader added Gandhi's attitude disentitles him to any relief in the form of stay of conviction as it "reveals arrogant entitlement, rank insensitivity to an offended community and contempt for the law".

He said in view of the "overwhelming" evidence adduced before the trial court on which the conviction is based, there is no ground to stay the conviction.

The top court is scheduled to hear on August 4, Gandhi's appeal challenging the Gujarat High Court's July 7 verdict that declined to put on hold his conviction.

Modi said Gandhi "maliciously and recklessly" used scurrilous words against a large and totally blameless class of persons, of both common surname and common caste, who have caused no harm to the Congress leader.

"The statement was made out of personal hatred towards an elected Prime Minister of the country, and the extent of hatred was so great that the Petitioner was impelled to cast grossly defamatory aspersions on persons who incidentally bore the same surname as the Prime Minister.

"The offence for which the Petitioner has been convicted by the trial court is accordingly actuated by patent malice aforethought, and the Petitioner deserves no sympathy on the question of the sentence imposed," he said.

Modi said Gandhi was the president of a national-level political party at the time of the offence and an MP.

"It behoves the Petitioner to set high standards of political discourse in the country, and even if he wishes to use slanderous language against the Prime Minister in his belief that such discourse is belief justified, there is no reason for him to brand as thieves an entire class of people just because they bear the same surname as the Prime Minister," he said.

The BJP leader said the offence of defamation punishable under section 500 IPC, in any event, is an offence of moral turpitude and the defamation in the instant case is heinous in the extreme.

He said Gandhi has refused to apologise for his "malicious defamation" of all persons with the Modi surname/Modi sub-caste in Gujarat on the ground that he was a Gandhi and not a Savarkar (Hindutva ideologue V D Savarkar).

"The Petitioner presumably wanted to suggest that a Gandhi will never apologise even if he/ she has for no justifiable reason slandered an entire class of people," he said.

On June 21, the top court had sought responses from Modi and the state government on Gandhi's appeal.

In his appeal filed on July 15, Gandhi has said if the July 7 judgment is not stayed, it would lead to throttling of free speech, expression, thought, and statement.

The Congress leader was disqualified as a Member of Parliament on March 24 after a Gujarat court convicted him and sentenced him to a two-year imprisonment on charges of criminal defamation for comments he made about the Modi surname.

The high court had dismissed his petition for a stay on conviction, observing that "purity in politics" is the need of the hour.

A stay on Gandhi's conviction could have paved the way for his reinstatement as a Lok Sabha MP but he failed to get any relief from either the sessions court or the Gujarat High Court.

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Sunday, July 30, 2023

"Difficult To Engage With Present Maharashtra Government": Sharad Pawar

Nationalist Congress Party supremo Sharad Pawar on Sunday said if his party, the Congress and Shiv Sena (UBT), which form the Maha Vikas Aghadi, decide they can usher in change in Maharashtra.

He also said it was difficult to engage with the present state government.

He was speaking at a book launch function where he shared the stage with Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray and senior Congress leader Balasaheb Thorat.

Mr Pawar recalled how previous governments helped preservation of ancient art and culture, literature and history.

"But it is difficult for us to engage with the present state government, But some solution will come out. If we three (MVA components) decide, there can be change," he asserted.

It was for the first time since July 2, when the NCP split due to the rebellion by Ajit Pawar, that all three MVA allies have shared a stage.

During the event, Mr Pawar, said Yeshwantrao Chavan Pratishthan, which he heads, will give Rs 50 lakh to Rajawade Itihas Sanshodhak Mandal, the group that published the books.

On July 2, Ajit Pawar and eight NCP MLAs joined the Eknath Shinde government.

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मिजोरम सरकार ने म्यांमार के नागरिकों का बायोमैट्रिक ब्यौरा जुटाने की प्रक्रिया शुरू की

मिजोरम की सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद म्यांमार के नागरिकों का बायोमैट्रिक विवरण एकत्र करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. म्यांमार में सेना के तख्तापलट करने के बाद फरवरी 2021 से म्यांमार के लगभग 30 हजार से ज्यादा नागरिक मिजोरम में शरण ले चुके हैं.

राज्य के गृह विभाग के विशेष कर्तव्य अधिकारी-संयुक्त सचिव डेविड एच ललथांगलियाना ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा कि बीते सप्ताह सभी 11 जिलों में म्यांमार के नागरिकों का बायोमैट्रिक विवरण दर्ज करने के लिए पायलट परियोजना शुरू की गई थी.

अप्रैल में गृह मंत्रालय ने मिजोरम और मणिपुर को अवैध प्रवासियों का बायोमैट्रिक विवरण दर्ज करने का निर्देश दिया था.



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Singapore Envoy Congratulates ISRO For Launch Of PSLV-C56

Singapore's High Commissioner to India, Simon Wong on Friday congratulated Indian Space Research Organisation (ISRO) for launching the PSLV-C56.

He noted that the rocket has placed seven satellites developed by Defence Science and Technology Agency (DSTA), ST Engineering, Singapore's universities and private industry into orbit. 

Taking to Twitter, Singapore High Commissioner to India, Simon Wong stated, "Congratulations to @isro for launching the PSLV-C56 successfully this morning. The rocket also placed seven satellites developed by DSTA, ST Engineering, our universities and private industry into orbit. To bold new frontiers in the India-Singapore space partnership! - HC Wong." 

Simon Wong's statement comes after the Indian Space Research Organisation (ISRO) on Sunday launched PSLV-C56 carrying seven satellites, including the primary satellite DS-SAR and six co-passenger satellites, from Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota. The launch vehicle lifted off from Sriharikota at 6.30 am on Sunday.

"PSLV-C56/ DS-SAR Mission: The mission is successfully accomplished. PSLV-C56 vehicle launched all seven satellites precisely into their intended orbits. Thanks to @NSIL_India and Singapore, for the contract," tweeted ISRO.

This PSLV flight marks the 58th overall and the 17th using the Core Alone configuration. The upper stage of the rocket was placed in lower orbit after injecting all the satellites to assure its shorter orbital life. The PSLV-C56, according to ISRO was launched from the First Launch Pad (FLP) at the Satish Dhawan Space Centre (SDSC), Sriharikota.

PSLV-C56 / DS-SAR is the Dedicated Commercial Mission of NewSpace India Limited (NSIL) for ST Engineering, Singapore. DS-SAR, a Radar Imaging Earth Observation satellite is the primary satellite for the mission. In addition to this, there were 6 co-passenger customer satellites also belonging to Singapore.

All satellites would be injected into a 535 km circular with 5 orbital inclination, the ISRO stated in a release earlier. DS-SAR satellite has been developed under a partnership between DSTA (representing the Singapore Government) and ST Engineering. Once deployed and operational, it will be used to support the satellite imagery requirements of various agencies within the Singapore government.

ST Engineering will use it for multi-modal and higher responsiveness imagery and geospatial services for their commercial customers. DS-SAR carries a Synthetic Aperture Radar (SAR) payload developed by Israel Aerospace Industries (IAI). ISRO said that it will allow the DS-SAR to provide for all-weather day and night coverage, and is capable of imaging at 1m resolution at full polarimetry. 

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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