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Saturday, May 13, 2023

14 मई को चक्रवाती तूफान 'मोखा' के बांग्लादेश के कॉक्स बाजार क्षेत्र से टकराने की संभावना

देश में पिछले कुछ दिनों से ‘मोचा' तूफान (Cyclone Mocha) काफी सुर्खियों बटोर रहा है. मध्यपूर्व बंगाल की खाड़ी स्थित अत्यंत प्रचण्ड चक्रवाती तूफान "मोचा" ('मोखा') के रूप में भी जाना जाता है), पिछले 06 घंटों के दौरान 20 किमी प्रति घंटे की गति के साथ लगभग उत्तर पूर्व दिशा की ओर बढ़ा और यह 13 मई 2023 को भारतीय समयानुसार 11:30 बजे लगभग 16.0 °N अक्षांश और 90.0°E देशांतर के पास केंद्रित था , जो कि पोर्ट ब्लेयर से लगभग 560 किमी  उत्तर-उत्तरपश्चिम, कॉक्स बाजार (बांग्लादेश) से 630 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और सितवे (म्यांमार) से 550 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम दिशा में स्थित है.

इसके उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ते रहने की संभावना के साथ-साथ 14  मई 2023 की दोपहर के आसपास एक प्रचंड चक्रवाती तूफान के रूप में सितवे (म्यांमार) के समीप, कॉक्स बाजार (बांग्लादेश) और क्यौकप्यू (म्यांमार) के बीच, दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश और उत्तरी म्यांमार के तटों को 170-180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम निरंतर धरातलीय पवन गति और 200 किमी  प्रति घंटे के वायु-झोंकों के साथ पार करने की संभावना है.

 पश्चिम बंगाल सरकार ने चक्रवात 'मोखा' की संभावित तबाही से निपटने के लिए ऐहतियाती कदम उठाए हैं और राज्य के निचले तथा तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेज दिया गया है. अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ हालांकि, मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि चक्रवात मोखा पश्चिम बंगाल को चकमा देगा, लेकिन हमने चक्रवात के रुख में किसी भी प्रकार का बदलाव होने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी ऐहतियाती कदम उठाए हैं. हमने दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर के निचले तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया है और इन क्षेत्रों में पर्याप्त राहत सामग्री भेजी गई है.''

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Mother's Day Recipes: इस बार मदर्स डे पर बनाएं ये शानदार डिशेज, मां ही नहीं पूरा परिवार हो जाएगा खुश

Mother's Day Recipes: आने वाले संडे यानी 14 मई को दुनिया भर में मदर्स डे मनाया जाएगा और बच्चों ने तो अपनी मांओं के लिए गिफ्ट की खरीदारी भी शुरू कर दी है. मां वो शख्स है जो अपने दिल के टुकड़ों के लिए रोज रोज तरह तरह की डिशेज बनाकर बच्चों का ख्याल रखती है. क्या आपने भी अक्सर अपनी मां को किचन में ही देखा है? इस बार मदर्स डे (Mother's Day) के स्पेशल दिन को अपनी मां (mother) के लिए खास बनाना चाह रहे हैं तो इस बार एक दिन के लिए ही सही लेकिन किचन आप संभाल लीजिए. इस बार मदर्स डे पर अपनी मां और पूरी फैमिली के लिए कुछ शानदार डिशेज (Recipes) तैयार कीजिए ताकि आपकी मां भी आपकी कुकिंग स्किल की मुरीद हो जाए.

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 मिल्क शेक ( How to Make Yummy Milk Shake)

आपकी मां को क्या पसंद है, आम, केला या तरबूज. अपनी मां के मनपसंद फल को चुनिए और शानदार और ठंडा ठंडा कूल कूल मिल्क शेक बनाकर सबको सर्व कीजिए. दूध को फ्रिज में ठंडा कर लीजिए. अब ब्लेंडर में अपनी मां की पसंद का कोई एक फल ब्लेंड कर लीजिए. अब इसमें दूध डालिए और मनपसंद स्वीटनर जैसे रूहआफजा, चीनी या शहद ऐड कीजिए और ब्लेंड कर लीजिए. अब गिलास में बर्फ के क्यूब डालिए और कूल कूल फ्रूट मिल्क शेक सबको पिलाए..पुदीने की कुछ पत्तियां डालेंगे तो स्वाद और बढ़ जाएगा.

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मीठी सेवई ( How to Make Sweet Vermicelli)

सबसे पहले बाजार से आपको फैनी लेकर आनी है, दूध को एक बर्तन में उबाल लीजिए. अब इसमें थोड़े से सूखे मेवे जैसे किशमिश, काजू आदि डालकर कुछ देर पकने दीजिए. इसके बाद फैनी यानी बारीक सेवइयों को दूध में डालकर कुछ देर पकने दीजिए. अब इलायची पाउडर डालकर गार्निश कीजिए. इसे खाकर यकीनन आपकी मां आपकी कुकिंग की फैन हो जाएंगी।

बेसन का चीला ( How to Make Besan Cheela )

सबसे पहले आपको एक पैन में बेसन लेना होगा. इसमें नमक, मिर्च, हरा धनिया, कटी हुई हरी मिर्च, चाट मसाला डालें. अब पानी डालकर स्मूथ पेस्ट तैयार कर लीजिए. अब एक नॉन स्टिक डोसा तवे को गर्म कीजिए और उस पर तेल लगा लीजिए. अब बेसन के पेस्ट को इस पर फैला लीजिए ठीक वैसे जैसे डोसा फैलाते हैं. एक तरफ से हल्का सा सिक जाए तो पलट लीजिए. दोनों तरफ से अच्छा सा सेक लीजिए और हरी चटनी और सॉस के साथ परोसिए.

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Karnataka Results: 8 Congress Rebels Who Crossed Over To BJP In 2019 Lose

Eight Congress turncoats who joined the BJP and helped it form the government in 2019, lost in the May 10 Karnataka Assembly elections, for which the results were announced on Saturday.

As many as 13 Congress and three JD(S) MLAs had resigned from the Karnataka Assembly in 2019 thus bringing down the 14-month-old coalition government of the Congress and the JD(S) led by H D Kumaraswamy.

Later, 16 of these MLAs, who were disqualified by the Speaker, joined the BJP and a majority them contested the 2019 Assembly bypolls, won the election and became Ministers in the B S Yediyurappa-led BJP government.

On Saturday when the election results were announced, Pratapgouda Patil lost to Basangouda Turvihal of Congress by 13,053 votes from Maski constituency and B C Patil (Hirekerur) by 15,020 votes to Ujaneshwar Basavannappa Banakar of the Congress.

Health Minister Dr K Sudhakar (Chikkaballapura) lost to Congress candidate Pradeep Eshwar by 10,642 votes, M T B Nagaraj (Hoskote) lost to Congress candidate Sharath Kumar Bachegowda by 5,150 votes while Shrimant Patil (Kagwad) was defeated by Congress' Balaramgouda Alagouda Kage by 8,827 votes.

Mahesh Kumathalli (Athani) was defeated by Laxman Savadi, who had quit BJP and joined the Congress, by 76,122 seats, K C Narayana Gowda (K R Pet) and R Shankar (Ranibennur) lost the election as a distant third.

BJP fielded Siddarth Singh Thakur in place of his Minister father Anand Singh, a turncoat, from Vijayanagara constituency, who lost to H R Gaviyappa by 33,723 votes. Roshan Baig and A H Vishwanath did not contest in this election.

However, Shivaram Hebbar (Yellapur), S T Somashekar (Yeshwanthpur), Byrati Basavaraj (K R Puram), N Munirathna (R R Nagar), Ramesh Jarkiholi (Gokak) and K Gopalaiah (Mahalakshmi Layout) won the election.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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बीजेपी की अर्चना वर्मा शाहजहांपुर नगर निगम की पहली मेयर बनीं, 30 हजार से अधिक वोटों से जीतीं

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर नगर निगम के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की 48 वर्षीय अर्चना वर्मा 30 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीतकर यहां की पहली महापौर (Mayor) बन गई हैं. शाहजहांपुर को नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद यहां पहली बार चुनाव हुआ है. 

यूपी में 2017 में नगर निकाय चुनाव होने के एक साल बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 2018 में शाहजहांपुर को नगर निगम का दर्जा दिया था. यह सीट अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित की गई थी.

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार अर्चना वर्मा को 80,762 वोट (49.5 फीसदी) मिले, जबकि कांग्रेस की 63 वर्षीय निकहत इकबाल को 50,484 (30.94 फीसदी) वोट मिले. समाजवादी पार्टी की माला राठौड़ को 20,155 वोट (12.35 फीसदी) से ही संतोष करना पड़ा. यहां कुल आठ प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे.

आयोग ने बताया कि नोटा का वोट शेयर 0.82 प्रतिशत रहा. शाहजहांपुर के महापौर चुनाव के परिणाम महत्वपूर्ण हैं क्योंकि सपा ने शुरू में अर्चना वर्मा को अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गईं.

शाहजहांपुर निर्वाचन क्षेत्र पर इसलिए भी सबकी निगाहें लगी थीं क्योंकि यूपी सरकार के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद और सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर इसी जिले से आते हैं.

इससे पहले, अर्चना वर्मा से जब पूछा गया कि महापौर उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद उन्होंने सपा क्यों छोड़ी, उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, 'सपा के लोगों ने गुट बना लिए थे और वे मुझे हराने की साजिश रच रहे थे.'

अर्चना वर्मा समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे राममूर्ति सिंह वर्मा की पुत्रवधु हैं.  प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हम प्रदेश की जनता का विशेष रूप से आभार प्रकट करते हैं जिसने भाजपा सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों पर मोहर लगाई है. उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर में भाजपा की पहली महापौर बनने के साथ ही हमारे पार्षद भी बड़े पैमाने पर जीते हैं और हमें पूर्ण बहुमत मिला है.



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HD Kumaraswamy Wins Karnataka's Channapatna Seat For The 6th Time

JD(S) second-in-command and two-time chief minister HD Kumaraswamy won the Channapatna seat in Karnataka's Ramanagara district for the sixth time on Saturday.

HD Kumaraswamy received 96,592 votes against 80,677 polled by his BJP rival CP Yogeshwar. Congress candidate Gangadhar S finished third with 15,374 votes, according to the Election Commission website.

Mr Kumaraswamy had also contested elections from Channapatna, known for wooden toys, instead of Ramanagara in 2018 against local strongman Yogeshwara. The JD(S) leader won by a margin of 21,530 votes.

Mr Yogeshwara has represented the constituency five times since 1999 as an Independent, and as a candidate of Congress, BJP and Samajwadi Party.

Both Mr Yogeshwara and Mr Kumaraswamy belong to the dominant Vokkaliga community in the region.

HD Kumaraswamy, who entered politics in 1996, has won Lok Sabha elections twice and assembly polls five times.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Friday, May 12, 2023

कर्नाटक चुनाव : मतगणना से पहले भाजपा, कांग्रेस रणनीति बनाने में जुटे, निर्दलीयों से संपर्क की तैयारी

कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों ने शुक्रवार को अपनी-अपनी रणनीति पर चर्चा की और निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क साधने को लेकर मंथन किया. मतदान के बाद सामने आए विभिन्न चुनावी सर्वे में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होने के संकेत मिलने के चलते दोनों दल जीत दर्ज करने की संभावना वाले निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने पाले में करना चाहते हैं. यहां कांग्रेस अध्यक्ष एम. मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर पार्टी महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख डी.के. शिवकुमार और पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर सहित अन्य नेताओं के बीच गहन चर्चा हुई. 

पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेताओं ने नवनिर्वाचित विधायकों को एकजुट रखने के तरीकों पर चर्चा की और स्पष्ट जनादेश न होने की स्थिति में निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क साधने के बारे में भी विचार-विमर्श किया. 

राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में 73.19 प्रतिशत का ‘‘रिकॉर्ड'' मतदान दर्ज किया गया था. 

हम सतर्क रहेंगे : कांग्रेस 

ज्यादातर ‘एग्जिट पोल' में कांग्रेस को भाजपा से थोड़ी बढ़त मिलने का पूर्वानुमान जताया गया है जबकि त्रिशंकु विधानसभा की भी संभावना जताई गई है. कांग्रेस विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त की आशंका से जुड़े सवाल पर परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस बार हम सतर्क रहेंगे.''

गठबंधन का सवाल नहीं : बोम्‍मई 

इस बीच, भाजपा खेमे में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के आवास पर मंत्रियों मुरुगेश निरानी, बैराथी बसवराज, पार्टी सांसद लहर सिंह सिरोया और ए.टी. रामास्वामी सहित पार्टी के अन्य नेताओं के साथ चर्चा की. बोम्मई ने भरोसा जताया कि भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ ‘‘जादुई आंकड़े'' को पार करेगी. उन्होंने कहा कि अब अन्य राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन की बातचीत का सवाल ही नहीं उठता. 

एकजुट रखने की रणनीति 

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेताओं ने भी अपने नवनिर्वाचित विधायकों को एकजुट रखने की रणनीति बनाई है. पार्टी निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ ही छोटे दलों के ऐसे उम्मीदवारों से संपर्क करने का प्रयास कर रही है, जिनके जीतने की संभावना है. 

पार्टी के जीतने वाले उम्‍मीदवारों से संपर्क!

वहीं, जद (एस) नेता एच.डी. कुमारस्वामी की अनुपस्थिति में पार्टी संरक्षक और पूर्वप्रधान मंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने कथित तौर पर पार्टी के उन उम्मीदवारों से संपर्क किया है, जो जीत सकते हैं.  देवेगौड़ा ने ऐसे उम्मीदवारों को फोन किया और उन्हें पार्टी और उसके नेतृत्व के प्रति वफादार रहने को कहा है. कुमारस्वामी स्वास्थ्य जांच के लिए सिंगापुर में हैं और वह शनिवार सुबह कर्नाटक पहुंच सकते हैं. 

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On Bumping Lawyers Designation, What Supreme Court Said

The Supreme Court Friday said the process of designating 'senior advocate', which has always been held as an "honour conferred", should be carried out at least once a year.

A bench headed by Justice S K Kaul, while fine-tuning the guidelines for the supreme court and high courts for designating lawyers as senior advocates which were laid down by the top court in a 2017 verdict, said voting by secret ballot by the full court should not be the rule but an exception.

It said in case it has to be resorted to, the reasons for the same should be recorded.

The bench, also comprising Justices A  Amanullah and Aravind Kumar, said due consideration should be given in the interest of diversity, particularly with respect to gender and first-generation lawyers, and this would encourage meritorious advocates who will come into the field knowing that there is scope for them to rise to the top.

It said legal profession is no longer considered as a "family profession" and newcomers must be encouraged.

The supreme court delivered its judgement on applications seeking certain modifications in the guidelines.

It dealt with several aspects, including cut-off marks, points assigned for publications and personal interview of candidates.

The bench said younger advocates are not precluded from applying for the designation, particularly as the Supreme Court Guidelines to Regulate Conferment of Designation of Senior Advocates, 2018 do not require anything more than 10 years of practice.

"Although designations in the Supreme Court in comparison to high courts have usually taken place at the age of 45 plus, younger advocates have also been designated. While we would not like to restrict applications only to advocates who are above 45 years of age, only exceptional advocates should be designated below this age," the bench said.

"We say no more and leave this aspect to the wisdom of the permanent committee and the full court," it said.

In 2017, the top court had laid down guidelines for itself and high courts to govern the exercise of designating lawyers as seniors and said all matters relating to the designation of senior advocates in the supreme court and the high courts shall be dealt with by a permanent committee to be known as 'Committee for Designation of Senior Advocates'.

In its judgement delivered on Friday, the bench said it is not inclined either to do away with or to reduce the 25 points assigned under the category of personal interview of the candidate.

It said allocation of 15 points for publications was high and reduced it to five points noting that most practising advocates find very little time to write academic articles.

"However, given that senior advocates are expected to make nuanced and sophisticated submissions, academic knowledge of the law is an important pre-requisite. Thus, we would not like to do away with this criteria, but expand what should fall under this criteria, while reducing the points under this category," the bench said.

"Here, we would also like to add that the quality of writing by an advocate should be an important factor in allocating points under this category. We leave it to the permanent committee to decide on the manner of assigning points under this category, including the possibility of taking external assistance to gauge the quality of publications," it said.

The bench said the legal profession has seen a paradigm shift over a period of time, particularly with the advent of newer law schools such as National Law Universities. The legal profession is no longer considered as a family profession and instead there are newer entrants from all parts of the country with different backgrounds who must be encouraged, it said. The top court noted currently, as per the 2018 guidelines, the process of designation is to be undertaken twice a year in the months of January and July.

The bench also noted the submissions made before it that if the exercise has to be undertaken in an elaborate form, it would be very difficult to undertake the process twice a year.

"In this regard, we would only like to say that the process should be carried out at least once a year so that applications do not accumulate. In this respect, some disturbing instances have emerged from certain high courts where the exercise of designation has not been undertaken for many years.

"As a consequence, meritorious advocates at the relevant time lose out on the opportunity of being considered for designation," it said.

It noted that an endeavour was made by the Centre to "reopen" the 2017 judgment itself. "That however is not our remit in the present applications. We are not at the stage of a review or a reference of the matter to a larger bench. We are only on the aspect of fine-tuning what has been laid down by this court in the 2017 judgment," it said.

On the aspect of pending applications for designation, it said once the supreme court has fine-tuned the norms, it cannot say that the pending applications will be considered under the old norms.

"We only hope that our endeavour to simplify some aspects of the process results in the designation of more meritorious candidates. The process of improvement is a continuous one and we learn from every experience," it said, adding the ultimate objective is to provide better assistance to litigants and courts.

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"Dialogue Baazi Must Stop": Minister On Congress Leader's Sachin Pilot Remarks

Rajasthan minister Pratap Singh Khachariyawas on Friday spoke out against the remarks by fellow Congress leader Shanti Kumar Dhariwal on dissident leader Sachin Pilot, saying one should "refrain" from making such comments.

In an apparent attack on former deputy chief minister Pilot on Thursday, Dhariwal said, "Ashok Gehlot ne acche accho ko paani pilaaya hai (He has dealt with several big leaders)."

Reacting to this statement, Khachariyawas urged all fellow Congress leaders to refrain from airing such views as they reflect poorly on the party and weaken it.

"This 'dialogue baazi' (war of words) must stop. The whole party should unite to make Congress victorious under Rahul Gandhi. CM Gehlot asked everyone to move on from the attempt to topple his government. However, such comments are only weakening the party. I urge all Congress members to refrain from airing such comments," he said.

The state minister added, "Pilot has taken out a yatra against corruption. No one should have any problem with that. If he can come up with suggestions on the (alleged) paper leak issue, I will place them before the cabinet."

On the outcome of the Karnataka Assembly polls, amid exit poll projections hinting at a Congress return, Khachariyawas said, "Lord Hanuman will hoist the victory flag of the Congress in Karnataka."

Congress's Rajasthan chief Sukhjinder Singh Randhawa sought to dissociate the Congress from Dhariwal's remarks, claiming that it was "his personal opinion".

"This is his personal opinion. But one shouldn't make such statements against fellow party members. Politics teaches us to respect fellow leaders. No one should be considered as inferior or superior," he said.

On Pilot's 'Jan Sangharsh Yatra', he called it a "personal yatra" saying it had nothing to do with the party.

"This is his (Pilot's) personal yatra. We are keeping track of it and everything will be discussed once (Congress national president Mallikarjun) Kharge-ji comes from Karnataka," he said.

On whether the party was mulling action against Pilot in light of his recent remarks, Randhawa said, "I will present my views to the Congress president."

Pilot is currently in the middle of his five-day 'Jan Sangharsh Yatra' from Ajmer to Jaipur. He embarked on the march on Thursday in protest against the alleged inaction of the Rajasthan government in "corruption cases" during the previous Vasundhara Raje-led BJP government in the state.

Pilot, on Friday, on the second day of the Jan Sangharsh Yatra, said people were coming out on the streets in his support, braving the sweltering heat, adding that he was hopeful that the Gehlot government would take cognisance of the issues that he was raising through the march.

Speaking to ANI, on the sidelines of the march, he said, "It is the middle of May and people are coming out on the streets (in his support) braving the heat. This shows that the issues that I have raised are relevant and resonate with the people. Corruption and issues related to the future of our youths affect us all."

"We hope the state government takes cognisance of the issues I have raised," he added.

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सीमावर्ती गांवों को लेकर लोगों की धारणाएं बदल रही हैं : मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सीमावर्ती गांवों के बारे में लोगों के नजरिए में बड़ा बदलाव आ रहा है और वे अब इन्हें देश के अंतिम और पहले गांव के रूप में नहीं पहचानते. उत्तराखंड में चीन की सीमा से लगी जसपुर पंचायत के प्रधान हरीश राणा को लिखे पत्र में मोदी ने कहा कि ये गांव रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं और देश की सुरक्षा के लिए इनके निवासी प्रहरी हैं. अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री, राणा के उस पत्र का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने इलाके को 'जीवंत गांवों' के कार्यक्रम में शामिल करने के लिए धन्यवाद दिया था. यह कार्यक्रम चिन्हित सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने और उन्हें अपने मूल स्थानों पर रहने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया था. 

मोदी ने कहा कि इन क्षेत्रों के विकास और उन्हें उचित पहचान दिलाने के लिए कई स्तरों पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि संपर्क को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे के विकास, पर्यटन को बढ़ाने, पलायन को रोकने और युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए जीवंत गांव कार्यक्रम शुरू किए गए हैं. 

इससे लोगों को वहां की पारंपरिक संस्कृति और कला के अलावा इन क्षेत्रों के लोगों की जीवन शैली देखने में मदद मिलेगी. 

मोदी ने कहा कि विभिन्न प्रयासों से स्थानीय उत्पादों ने भारत और विदेशों में अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कई अन्य योजनाओं की तरह लोगों की भागीदारी के माध्यम से 'जीवंत गांव' कार्यक्रम बड़े पैमाने पर सफल होगा. 

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Kerala High Court Asks Government To Ensure Boats Are Not Overcrowded

The Kerala High Court on Friday issued directions to the government to ensure that the boats operating in the State are not overloaded and display prominently the maximum carrying capacity on each vessel.

The court was hearing a suo motu PIL over the tragic boat accident that happened at Tanur on May 7 that claimed 22 lives, including 15 children.

The bench, comprising Justices Devan Ramachandran and Sophy Thomas, noted that overloading was one of the major factors causing a boat accident.

"...Therefore there is no doubt in our minds that the fundamental imperative is to ensure that every boat in Kerala is allowed to ferry or carry persons only to the maximum capacity as certified by the competent authority," the court said.

The Bench also directed that every boat should be asked to display a board on its conspicuous places, including points of entry and exit and also within its cabins, showing the maximum number of people that it should carry.

The court appointed senior lawyer V M Shyamkumar as amicus curiae in the matter.

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Thursday, May 11, 2023

Man Kills 66-Year-Old Mother, Attacks Father With Knife In Thane: Cops

A 31-year-old man allegedly stabbed his mother to death and seriously wounded his father in Maharashtra's Thane city on Thursday, police said.

A manhunt has been launched for the accused, said senior inspector Rajesh Babshetty of Kasarwadavali police station.

The deceased was identified as Vinita Bhatkar, 66, who lived with her husband in the Kopri area.

As per preliminary information, the accused attacked his parents with a kitchen knife around 12 noon following a quarrel.

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टिल्लू ताजपुरिया की हत्या मामले में बड़ा एक्शन, स्पेशल सेल की टीम ने 2 कैदियों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल के अंदर की गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की गिरोह के सदस्यों द्वारा हत्या किए जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. अब इस मामले में तिहाड़ जेल से बड़ी गिरफ्तारी हुई है. जेल में बंद दो और कैदियों को स्पेशल सेल की टीम ने गिरफ्तार किया है. बताया जाता  है कि विनोद और अताउर रहमान को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है.

विनोद पर आरोप है कि उसने हत्याकांड के दौरान चादर से न सिर्फ सीसीटीवी छुपाने की कोशिश की बल्कि आरोपी जिस चादर से लटक कर टिल्लू के बैरेक में कूदे थे वो चादर पकड़ कर विनोद खड़ा था. अताउर रहमान पर आरोप है कि उसने हत्याकांड के बाद चाकू छुपाने में मदद की. स्पेशल सेल की टीम आज फिर तिहाड़ पहुंची थी और क्राइम सीन को रीक्रिएट किया.

इससे पहले वारदात का एक CCTV फुटेज गुरुवार को सामने आया था. इस वीडियो में एक बार फिर पुलिस के सामने आरोपी टिल्लू ताजपुरिया के शव पर हमला करते दिख रहा था. वे उस पर वार कर रहे हैं, उसे पैरों से कुचल रहे हैं और सामने पुलिस कर्मी तमाशबीन बने हुए देख रहे हैं. इस मामले में एक असिस्टेंड सुप्रिंटेंटेंड समेत जेल के कुल 7 सुरक्षा कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था.  

कौन था सुनील मान उर्फ ​​टिल्लू ताजपुरिया?
1. सुनील मान उर्फ ​​टिल्लू ताजपुरिया दिल्ली में अलीपुर के पास ताजपुर गांव का निवासी था. उसे  2016 में कई अपराधों के लिए गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में है.

2. सितंबर 2021 में, रोहिणी अदालत परिसर में एक अदालत कक्ष के अंदर एक गोलीबारी में जितेंद्र मान उर्फ ​​​​गोगी की हत्या में ताजपुरिया कथित रूप से शामिल था.
3. गोगी, 30, जो तिहाड़ जेल में था, 24 सितंबर को सुनवाई के लिए अदालत आया था. गोगी के अदालत में प्रवेश करने के कुछ ही मिनटों के भीतर, वकीलों की पोशाक में दो बंदूकधारियों ने गोगी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. टिल्लू गिरोह के सदस्य दो बंदूकधारियों को पुलिस टीम ने मार गिराया था. मार्च 2020 में गिरफ्तारी तक बाहरी दिल्ली के अलीपुर का रहने वाला गोगी दिल्ली का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर था. उस पर हत्या, डकैती और जबरन वसूली के कम से कम 19 मामले दर्ज थे.

4. टिल्लू और गोगी के बीच प्रतिद्वंद्विता 2009-10 से है, जब दोनों दोस्त थे लेकिन बाहरी दिल्ली के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में चुनाव में अलग-अलग उम्मीदवारों का समर्थन करते थे.

5. "चुनाव के दौरान उनके बीच मतभेद पैदा हो गए और दोस्त दुश्मन बन गए. उनकी प्रतिद्वंद्विता ने 2013 से अब तक 20 से अधिक लोगों की जान ले ली है. गोगी के हमले के पीछे टिल्लू मास्टरमाइंड के रूप में उभरा. उसे गिरफ्तार किया गया और मामले में चार्जशीट किया गया था."
 



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National Congress Leaders, Rajasthan Party Chief To Meet On Friday

Amid a renewed challenge from Sachin Pilot to the Congress top brass, Rajasthan in-charge at the AICC Sukhjinder Singh Randhawa has called a meeting of his three co-incharges and the PCC chief in Delhi on Friday, party sources said.

The meeting called by Mr Randhawa will be attended by Rajasthan Congress chief Govind Singh Dotasara, co-incharges Qazi Muhammad Nizamuddin, Amrita Dhawan and Virendra Rathore.

Mr Dotasra confirmed the meeting and said it will be held to strengthen the Congress in the election year and discuss all the issues related to Rajasthan. The meeting is expected to discuss the challenge thrown by Mr Pilot's "Jan Sangharsh Yatra".

Mr Pilot launched a 125-km foot march from Ajmer to Jaipur on Thursday to raise the issue of corruption and cases of paper leaks in government recruitment exams.

He said his march is not against anyone but over issues. He also repeated that he had been writing to Chief Minister Ashok Gehlot for a year and a half for action over corruption, but none has been taken.

The five-day yatra mounts pressure on the party leadership months ahead of the assembly elections.

A month ago, the former deputy chief minister defied a warning from the party to hold a daylong fast targeting Mr Gehlot on "inaction" over alleged corruption when the BJP was previously in power.

Mr Pilot and Mr Gehlot has been engaged in a bitter tussle for power in the state Congress unit and in government.

One of the Sachin Pilot-camp MLAs, Ved Prakash Solanki, has written to Congress president Mallikarjun Kharge and former president Rahul Gandhi, saying Mr Randhawa has failed to establish coordination in the party's state unit.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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यशस्वी जायसवाल: तबेले और पानीपूरी बेचने से लेकर IPL तक का सफर

यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के खिलाफ 43 गेंद में 77 रन की शानदार पारी खेली जिसमें 8  चौक्का और 4 छक्के लगाए. मैच हारने के बाद CSK के कप्तान धोनी (MS Dhoni) ने यशस्वी की तारीफ की. यशस्वी की कहानी अपने आप में बहुत प्रेरणादायक है. उत्तर प्रदेश के भदोई के रहने वाले यशस्वी 11 साल की उम्र में मुंबई आ गए क्योंकि उन्हें क्रिकेट खेलना था. भदोई में पिता की पेंट की एक दूकान थी. मुंबई में पिता ने यशस्वी के रहने का इंतज़ाम जान पहचान के एक तबेले में करवा दिया जहां ये शर्त थी कि यशस्वी को वहां तबेले में काम करना पड़ेगा. 5 बजे सुबह उठ कर यशस्वी तबेले में मदद करते फिर आज़ाद मैदान जा कर क्रिकेट की प्रैक्टिस करते थे.  

गोलगप्पे और चाट बेचने से लेकर आईपीएल तक 

एक दिन जब यशस्वी प्रैक्टिस से वापिस लौटे तो उनका सामान फेंका हुआ था. तबेले के मालिक ने उन्हें निकाल दिया. यशस्वी ने अपना सामान उठाया और आज़ाद मैदान आ गए. वहां पर मुस्लिम युनाटेड क्लब के टेंट में रहने लगे जहां बिजली तक नहीं थी ना ही टॉयलेट. उस टेंट में उस मुस्लिम ग्राउंड्समैन के साथ यशस्वी ने तीन साल गुजारे. पैसे होते नहीं थे तो गोलगप्पे और चाट बेचने का भी काम किया.

एक बार उनके दूकान पर कुछ लड़के आए गोलगप्पे खाने यशस्वी ने देखा कि ये तो वही लड़के हैं जिनके साथ वो क्रिकेट खेलते हैं, उनको देखते ही यशस्वी शर्म के मारे गोलगप्पे का स्टाल छोड़ कर भाग गए. मगर सुबह से शाम तक यशस्वी की प्रैक्टिस जारी रही. यशस्वी ने यह भी सोच रखा था कि यदि वे क्रिकेट जारी नहीं रख पाए में सेना में जाने की कोशिश करेगें.

लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था. आज़ाद मैदान में ही यशस्वी को स्थानीय कोच ज्वाला सिंह मिले उन्हें यशस्वी में कुछ दिखा उन्होंने यशस्वी के नए जूते और किट दिलवाए और रहने के लिए अपने चाल के अपने कमरे में जगह भी दी. ज्वाला सिंह की भी कहानी कुछ इसी तरह की थी मगर उन्हें कोई मदद करने वाला नहीं था इसलिए उन्होंने यशस्वी की मदद करने की ठानी.

उसके बाद यशस्वी ने दादर यूनियन क्लब ज्वाइन किया. दिलीप वेंगसरकर ने क्लब के खिलाड़ी के तौर पर यशस्वी को इंग्लैंड भेजा. उसके बाद यशस्वी U 16, 19 और 23 के लिए खेले. यशस्वी ने विजय हज़ारे ट्राफ़ी में 50 ओवर के मैच में 200 रन बनाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने. U 19 में उनकी प्रतिभा को राहुल द्रविड़ ने तरासा. 2020 के IPL में राजस्थान ने यशस्वी को 2 करोड़ 40 लाख में ख़रीदा..यशस्वी की सफलता के आगे की कहानी अब सब के सामने है.

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Considering Recruiting Women As Paramilitary Constables: Centre

Centre has told the Delhi High Court it is considering introducing provisions for recruitment of females to the post of Constable/ Driver and Constable/Driver-cum-Pump Operator (Driver for Fire Services) in CISF at par with males.

A bench headed by Chief Justice Satish Chandra Sharma was also informed that similar changes are under consideration for other paramilitary organisations.

The central government sought eight weeks' time for completing the process of amending the recruitment rules.

The statement was made by the central government counsel on a petition alleging "institutional discrimination" against women in recruitment of constables and drivers in the Central Industrial Security Force (CISF).

"Learned CGSC (central government standing counsel) has informed this court that a proposal has already been forwarded by CISF on 23.03.2023 for amending the Recruitment Rules in order to make provision for recruitment of women/ females for the post of Constable/ Driver and Constable/Driver-cum-Pump Operator (Driver for Fire Services) in CISF at par with males," recorded the bench, which also comprised Justice Subramonium Prasad, in its order dated May 9.

"It is also informed by him that similar amendments are being made in respect of Recruitment Rules governing the other Para-Military Organisations," it noted.

The court took the Centre's stand on record and listed the matter for further consideration on August 29.

Petitioner Kush Kalra had approached the high court in 2018 after finding that an advertisement issued by CISF invited applications from only male candidates for the posts of constable/driver and constable/driver-cum-pump operator for fire services" in the force.

The plea, filed through advocate Charu Wali Khanna, has said the human rights of women were inalienable and an integral and indivisible part of human rights and there was no rationale for not recruiting women to the posts.

"The respondents (Centre and CISF) are practising institutional discrimination, without any rationale basis depriving females the right to serve in the aforementioned posts. The state cannot enact any law which is inconsistent with/in derogation of fundamental rights and as a consequence thereof, respondents cannot frame any law/rules/bye laws/regulations for its functioning which is inconsistent with or in derogation of fundamental rights," the plea said.

It also said such discrimination by the Centre and the CISF cannot stand the test of "reasonable basis for treating equals differently" as laid down by the Supreme Court.

While seeking a direction to recruit women to the posts in CISF on par with men, the plea also sought to know the steps taken by CISF towards gender equality.

"Direct respondents (Centre and CISF) to inform this Court as to what steps it has taken towards Gender Equality in all posts in CISF," plea said.

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Wednesday, May 10, 2023

गुजरात: 6 साल की भांजी की दुष्कर्म के बाद की थी हत्या, कोर्ट ने मामा को दी फांसी की सजा

गुजरात के दाहोद शहर की एक अदालत ने तीन साल पहले अपनी 6 साल की भांजी के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के मामले में एक व्यक्ति को बुधवार को मौत की सजा सुनाई. विशेष लोक अभियोजक प्रकाश जैन के मुताबिक यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के विशेष न्यायाधीश सी के चौहान की अदालत ने इस मामले में बच्ची के मामा को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 376 (दुष्कर्म) के अलावा पॉक्सो अधिनियम की धारा छह के तहत दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई.

बच्ची दाहोद जिले में अपने रिश्तेदारों के पास रहती थी, जबकि उसके माता-पिता रोजी रोटी कमाने के लिए राजकोट में रहते थे. पॉक्सो अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक 31 जनवरी, 2020 की शाम को व्यक्ति (38) बच्ची को यह कहकर मोटरसाइकिल पर अपने साथ ले गया कि वह उसे कुछ बढ़िया चीज खिलाएगा. बाद में बच्ची का शव जंगल में मिला था.

पुलिस ने बच्ची के मामा को गिरफ्तार कर लिया और उस पर आईपीसी और पॉक्सो के तहत बच्ची के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या का आरोप लगाया.

प्रकाश जैन ने कहा कि अदालत ने 28 गवाहों और 94 दस्तावेजी सबूतों पर भरोसा किया, जिसमें चिकित्सा अधिकारी, कार्यकारी मजिस्ट्रेट और वैज्ञानिक अधिकारी की रिपोर्ट शामिल हैं.

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Kerala Grants Relaxation In Work Hours To Employees With Autistic Children

The Kerala government on Wednesday announced relaxations in working hours for its employees who have children suffering from autistic disorders, cerebral palsy, multiple disabilities, and mental retardation.

One of the government employees who is a parent of children with 40 per cent or more such disabilities will be given relaxation in working hours, the government said in a statement here.

A maximum of 16 hours of total working hours in a month will be allowed to one of such employees, it said.

This is in addition to the concessions currently granted to government staff.

The decision was taken by the state cabinet meeting chaired by Chief Minister Pinarayi Vijayan today.

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"If You Can't Protect...": Kerala High Court After Doctor Stabbed To Death

The Kerala High Court on Wednesday slammed the state government and the police for their inability to protect a 23-year-old doctor who was killed at a taluk hospital in Kottarakkara area of Kollam district by a man she was treating, saying it was a "complete breakdown of the protectional system".

A special bench of Justices Devan Ramachandran and Kauser Edappagath directed that the CCTV footage of the rooms or places in the taluk hospital where the incident took place be preserved. It made the superintendent of the hospital personally responsible for the task.

The court also directed the First Class Judicial Magistrate of Kottarakkara to visit the hospital and carry out a physical inspection of the crime scene and submit a report by Thursday.

It also held that all of its past orders and the provisions of the Kerala Healthcare Service Persons and Healthcare Service Institutions (Prevention of Violence and Damage to Property) Act, 2012 shall apply in full force to every medical intern, house surgeon and postgraduate student, and others engaged in the health science education field.

Besides that, the court also ordered the state police chief to be present online on Thursday morning and also submit a report regarding the "ghastly" incident which "snuffed" the life of a bright doctor, Dr Vandana Das.

The bench also said that if there were protocols to ensure the safety of magistrates when producing accused before them, similar ones should be there with regard to presenting such persons before doctors and nurses.

The court said the directions were being issued to ensure that the healthcare sector personnel are sufficiently assured of being able to work "without such deleterious consequences".

The bench took up the issue of the doctor's killing on an application moved by a medical institution seeking the same protection for medical interns, house surgeons and postgraduate students as provided under the law to doctors.

The application was moved in a pending petition before the high court on the issue of safety of doctors and other healthcare professionals.

During the over-an-hour-long hearing in the matter, the court slammed the state government, saying that if it could not protect its own doctors, then it should shut down its hospitals.

The court said it had been warning the state government and the police that something like this could happen if nothing was done to prevent attacks on doctors and other healthcare professionals.

"The worst has happened. This is what we were scared of. This is the worst nightmare ever. How can we blame the doctors for going on strike now? "If you cannot protect doctors, shut down your hospitals. It is a complete failure of the system," the bench said.

The court said that the policemen who accompanied the man -- a teacher -- and those present at the aid post in the hospital "could not protect the doctor" and the reasons for the same have to be explored and found out.

It also declined to accept the state government's claim that all established protocols with regard to presenting persons before doctors were followed in the instant case.

"We must say we are afraid to accept it immediately as we have already said that when the doctor was killed in such a gruesome manner, it prima facie and ipso facto establishes a complete breakdown of the protectional system which was expected to take care of her.

"This is more so because the incident happened in a government hospital and it was the duty of the person in charge, particularly the supervisory personnel, to ensure that the doctors, healthcare professionals, nurses and all others are protected to the extent as are warranted," the court said.

It further said that during past hearings of the matter, the state government had said it was considering amendment of the Kerala Healthcare Service Persons and Healthcare Service Institutions (Prevention of Violence and Damage to Property) Act, 2012 for ensuring the safety of doctors.

"However, no tangible results have been brought to our notice. The state government contention is that it is actively considering the amendment and that it will be brought into effect at the earliest, albeit without mentioning any specific time frame," the court said.

The court was told during the hearing that the assailant -- identified as Sandeep -- had called the police claiming his family was trying to kill him. As he had a wound on his leg, he was taken to the taluk hospital for treatment.

"Therefore, he was not restrained. Moreover, he was accompanied by his brother-in-law and a local leader of a political party. Also, he was calm when he was examined by doctors in the casualty wing.

"It was while his wound was being dressed that he got violent and attacked his relative first, then the police officers and a home guard present at the place and finally the doctor, who was unable to escape to safety amidst the violence," the state government's lawyer told the court.

To this, the court responded that the police personnel were there, and therefore had sufficient time to protect the young doctor as she was the last one to be attacked by Sandeep.

The court also questioned why the police personnel were not with the man throughout, even inside the wound dressing room, when they had admittedly seen that he was exhibiting abnormal behaviour.

It also termed as a "recipe for disaster" the government order which stated that police cannot accompany the accused or those in custody into the wound dressing room.

"It is a recipe for disaster. It may be intended to allow the doctor to find out if there was custodial violence, but what if it is a rape accused? What kind of policing is this? Their fundamental duty is to protect.

"In the instant case, police ought to have restrained him. They are expected to anticipate the unanticipated. That is what they are trained for. Else there is no need for the police," the bench said.

The court also said that while in other countries police have stun guns and tasers to restrain or subdue criminals, here they were lucky if they have a 'lathi' and asked whether any of the officers at the hospital had a gun.

The incident occurred during the early hours of Wednesday morning and Das succumbed to her injuries a few hours later.

The brunt of the attack was borne by the young doctor while the police personnel who accompanied the man were also injured. The doctor was rushed to a private hospital in Thiruvananthapuram but could not be saved. 

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केरल : मरीज ने सर्जरी वाले ब्लेड से हमला कर डॉक्टर की हत्या की, अदालत ने चिंता जताई

केरल के कोल्लम जिले में कोट्टारक्कारा के एक तालुक अस्पताल में इलाज के लिए लाए गए एक निलंबित स्कूल शिक्षक ने बुधवार को उसके घाव की मरहम-पट्टी कर रही 23 वर्षीय एक महिला डॉक्टर पर कथित रूप से सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले ब्लेड से हमला कर उसकी हत्या कर दी. आरोपी व्यक्ति को परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट में घायल होने के बाद पुलिस अस्पताल ले कर आई थी. युवा डॉक्टर की हत्या से निराश केरल उच्च न्यायालय ने कहा कि यह घटना पुलिस और सरकार की विफलता का परिणाम है. सरकार और पुलिस के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि यह डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर उनकी 'नाकामी' को दर्शाता है. 

कोट्टारक्कारा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान संदीप के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में जब डॉक्टर वंदना दास, आरोपी के पैर के घाव की मरहम-पट्टी कर रही थीं तभी वह अचानक हिंसक हो गया और कैंची तथा सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले ब्लेड से वहां खड़े सभी लोगों पर हमला कर दिया. 

अधिकारी ने बताया कि यह घटना बुधवार तड़के की है. हमले में बुरी तरह घायल डॉक्टर को तिरुवनंतपुरम में एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी कुछ की घंटों में मौत हो गई. 

अधिकारी के मुताबिक, आरोपी को अस्पताल लेकर आए पुलिस कर्मी भी हमले में घायल हो गए. 

सीएम ने जताया शोक 

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने डॉक्टर की मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि यह घटना 'चौंकाने वाली और बेहद दर्दनाक' है. उन्होंने कहा कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी. विजयन ने एक बयान में कहा, 'ड्यूटी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला अस्वीकार्य है. घटना की गहन जांच की जाएगी. सरकार चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों के मामलों में कड़ी कार्रवाई करेगी.'

'यह तंत्र की विफलता है'

उच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस को प्रशिक्षित किया गया था और उनसे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की उम्मीद की गई थी, लेकिन वे युवा डॉक्टर की सुरक्षा करने में विफल रहे. न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन और कौसर एडप्पागथ की विशेष पीठ ने सरकार से पूछा, 'यह तंत्र की पूर्ण विफलता है. अस्पताल में केवल सहायता पोस्ट होना पर्याप्त नहीं है. जब आप (पुलिस) जानते थे कि आदमी असामान्य व्यवहार कर रहा है, तो आपको उसे बांधकर रखना चाहिए था. आपको अप्रत्याशित अनुमान लगाने में सक्षम होना चाहिए. अन्यथा वहां पुलिस की कोई जरूरत नहीं है. समय के साथ, हम लापरवाह हो गए हैं. क्या आपने इस लड़की के साथ अन्याय नहीं किया?''

'भय का माहौल पैदा किया'

अदालत ने कहा कि उसने पहले भी कई मौकों पर चेतावनी दी थी कि अगर इन चीजों पर ध्यान नहीं दिया गया तो ऐसी घटनाएं होंगी. पीठ ने कहा, ''हम इसी से डरे हुए थे. हमने अतीत में कहा था कि ऐसा कुछ हो सकता है.'' अदालत ने कहा कि इस घटना ने डॉक्टरों, मेडिकल छात्रों और उनके माता-पिता के बीच एक 'भय का माहौल' पैदा कर दिया है. अदालत ने राज्य सरकार से पूछा, 'डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. इसके परिणामस्वरूप हजारों रोगियों को इलाज से वंचित करने के लिए आप क्या बहाना देंगे? क्या आप हड़ताल के कारण आज किसी मरीज को हुई किसी भी समस्या के लिए चिकित्सकों को दोष दे सकते हैं?'

राज्य मानवाधिकार आयोग ने लिया स्वत: संज्ञान

'इंडियन मेडिकल एसोसिएशन' (आईएमए) और 'केरल गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन' (केजीएमओए) ने इस घटना के खिलाफ पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, घटना को लेकर मीडिया में आईं खबरों के आधार पर केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया और कोल्लम के जिला पुलिस प्रमुख से सात दिनों के भीतर एक रिपोर्ट मांगी है. 

मंत्री के बयान के बाद विवाद 

इस घटना के बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज द्वारा मीडिया को दिए गए उस बयान के बाद राजनीतिक विवाद शुरू हो गया जिसमें उन्होंने कहा कि डॉक्टर एक हाउस सर्जन थी इसलिए अनुभवहीन थी और हमले के वक्त वह डर गई. मंत्री के बयान की आलोचना करते हुए केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के सुधाकरन ने सवाल किया कि डॉक्टर के अनुभवहीन होने से मंत्री का क्या मतलब है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'क्या उनका मतलब यह है कि डॉक्टर नशीली दवाओं और शराब के आदी व्यक्ति के हमले का मुकाबला करने या बचाव करने के लिए अनुभवहीन थी? उनके द्वारा दिया गया बयान हास्यास्पद है.' डॉक्टर की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए सुधाकरन ने कहा कि यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसा कुछ हुआ. 

घटना ने केरल को झकझोरा 

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी डी सतीशन ने कहा कि डॉक्टर की हत्या ने पूरे केरल को झकझोर कर रख दिया है. उन्होंने कहा कि यह बहुत खतरनाक स्थिति है कि अब अस्पताल भी सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि 'पुलिस की लापरवाही' के कारण महिला डॉक्टर की जान गई. कांग्रेस नेता ने यह कहकर जॉर्ज पर निशाना साधा कि मंत्री ने 'राज्य के इतिहास में सबसे अधिक जांच' के आदेश दिए हैं. 

राज्य की शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने भी डॉक्टर की मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि यह एक स्तब्ध कर देने वाली घटना है. उन्होंने कहा कि सरकार आरोपी स्कूल शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई सहित कानून के तहत सभी आवश्यक कदम उठाएगी. 

भाजपा के निशाने पर सरकार 

महिला डॉक्टर की हत्या के बाद राज्य सरकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भी निशाने पर आ गई है. केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने इस दुखद घटना पर दुख और चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह शर्म की बात है कि केरल में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पिनराई विजयन सरकार की 'उदासीनता और संवेदनहीनता' तथा उनका 'कुशासन' राज्य की छवि धूमिल कर रहा है और केरल को बदनाम कर रहा है. 

उन्होंने ट्वीट किया है, ‘‘डॉ वंदना दास की नृशंस हत्या और कोट्टारक्कारा में अस्पताल के कर्मचारियों पर हमले के बारे में जानकर स्तब्ध हूं. जान बचाने वालों की जान लेना घोर निंदनीय है.  केरल में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हूं.'

उन्होंने ट्वीट किया, 'शर्म की बात है कि केरल में इलाज करवाने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं लेकिन राज्य में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी ही सुरक्षित नहीं हैं. मुख्यमंत्री की उदासीनता, लापरवाही और उनका कुशासन केरल को कलंकित कर रहा है. यह शर्म की बात है कि विजयन सरकार हमारे डॉक्टरों को सुरक्षित नहीं रख सकती.'

हत्‍या के विरोध में विरोध प्रदर्शन 

इस बीच, केजीएमओए ने डॉक्टर की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. चिकित्सा निकाय के अध्यक्ष डॉक्टर टी. एन. सुरेश ने एक बयान में कहा कि कोल्लम जिले में आपातकालीन उपचार को छोड़कर सभी सेवाएं आज निलंबित रहेंगी. 

केजीएमओए की ओर से जारी एक बयान में घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ नजीर बनने वाली सजा और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग की गई. 

केजीएमओए ने बयान में सरकार से अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने, हिरासत में लिए गए अभियुक्तों को परीक्षण के लिए अस्पताल लाने के क्रम में उचित सावधानी बरतने का आग्रह किया. 

घटना के विरोध में कोट्टारक्कारा में और राज्य के अन्य अस्पतालों में चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया. 

घटना के बारे में कोट्टारक्कारा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट के बाद खुद को बचाने के लिए आपातकालीन नंबर पर फोन किया था. उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंची पुलिस, आरोपी को घायल अवस्था में तालुक अस्पताल लेकर पहुंची. 

आरोपी ने शराब पी रखी थी : पुलिस 

अधिकारी ने बताया, 'जब हम उसे अस्पताल ले गए तब उसने शराब पी रखी थी और वह हिंसक था. वह महिला डॉक्टर के साथ अकेला था. हमें कमरे में जाने की अनुमति नहीं थी क्योंकि डॉक्टर द्वारा किसी भी मरीज की मरहम-पट्टी किए जाने के समय बाकी लोगों को अंदर जाने की अनुमति नहीं होती है.'

उन्होंने बताया, "अचानक हो-हल्ला शुरू हुआ, और डॉक्टर मदद के लिए चिल्लाते हुए बाहर भागीं, उनके पीछे पीछे आरोपी हाथ में कैंची और सर्जरी वाला ब्लेड लिए बाहर निकला. वह चिल्ला रहा था, 'मैं तुम्हें मार दूंगा.' उन्होंने बताया कि अभी तक यह पता नहीं चला है कि वह इतना हिंसक क्यों हुआ और उसने डॉक्टर पर हमला क्यों किया. 

चार अन्‍य लोगों पर भी किया हमला 

आरोपी ने डाक्टर के अलावा वहां खड़े चार अन्य लोगों को भी हमला कर घायल कर दिया. 

अधिकारी ने बताया, 'बाद में उस पर बहुत मुश्किल से काबू पाया गया और उसे हिरासत में ले लिया गया.'

अधिकारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या के प्रयास) मामला दर्ज किया गया है वहीं महिला डॉक्टर की मौत के बाद उस पर हत्या का मामला भी दर्ज किए जाने की संभावना है.

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के एक अधिकारी ने एक टीवी चैनल से कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना थी और केरल के डॉक्टर इसका विरोध करेंगे.

आईएमए अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर अजीजिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हाउस सर्जन थीं और अपने प्रशिक्षण के तहत तालुक अस्पताल में थीं. 

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Country's Health Service Undergoing "Rapid Transformation," Says PM Modi

Prime Minister Narendra Modi on Wednesday said the country's health service is undergoing a "rapid transformation", asserting that in the last nine years the poor have realized that medical facilities are easily accessible to them.

He said that the Ayushman Bharat scheme has played an important role in it and opened the door to not only government hospitals but also private medical facilities for the poor.

The scheme has saved crores of rupees of poor people required for health treatment and medicines, he said, while laying the foundation of Super Speciality Charitable Global Hospital and other projects by Brahma Kumaris at Abu Road of Sirohi district.

The Super Speciality Charitable Global Hospital will be spread across an area of 50 acres. It will offer world-class medical facilities and prove especially beneficial for the poor and the tribal people in the region.

Underlining the development in the health infrastructure in the country, Prime Minister Modi said that 150 medical colleges were opened in 10 years before 2014 whereas in the last nine years, 300 new medical colleges have been established.

He also highlighted the increase in a number of MBBS and PG seats in medical colleges.

There were 50,000 MBBS seats before 2014 in the country but today the number has increased to more than 1 lakh, he said, adding PG seats have also increased to 65,000 now as against 30,000 before 2014.

"If the intention is virtuous and there is a sense of doing service to society then such resolutions are taken and are also fulfilled," Narendra Modi said.

The prime minister said that India's social and spiritual organizations have a huge role to play in this 'Amrit Kaal'. "Amrit Kaal is 'Kartavya Kaal' for every citizen of the country to give 100 per cent in his role and at the same time to expand our thoughts and responsibilities in the interest of the society and the country," he said.

He further said, "While doing what we are doing with full dedication, we also have to think what more we can do for our country."

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Amartya Sen Land Row: Bengal District Court Fixes Hearing On May 30

A court in West Bengal's Birbhum district on Wednesday fixed May 30 as the next date of hearing on Visva-Bharati's notice to Nobel laureate Amartya Sen asking him to vacate 0.13 acre (5,500 square feet) of land which the central university claims he is illegally occupying.

Visva-Bharati had sent the eviction notice to the economist on April 19, asking him to vacate 0.13 acre of the total 1.38 acres of land of his ancestral residence 'Pratichi' in the university's Santiniketan campus within May 6.

The Calcutta High Court has put an interim stay on that order and asked the Birbhum district judge to hear the matter on at 2 pm on May 10.

As the district judge Sudeshna De (Chatterjee) is on leave, the matter was heard by district judge in-charge Sarajit Majumder.

Since the morning court's timings end before 2 pm, judge Majumdar opined the matter will be heard again on May 30.

The stay on the eviction order would be effective till the date of disposal of the case.

Amartya Sen had earlier moved the district court in Suri against the eviction notice, but it set May 15 as the date of hearing, well after the university's deadline to vacate the land. The interim stay by the high court came after that.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Tuesday, May 9, 2023

Sharad Pawar's Comeback To Team Uddhav's Charge On Successor

NCP chief Sharad Pawar on Tuesday snubbed Uddhav Thackeray-led Shiv Sena (UBT) over an editorial in the party mouthpiece Saamana and said leaders groomed by him had already proved their mettle in state politics and that everybody in NCP knows how to take the party forward.

Mr Pawar's comments came a day after an editorial in the Marathi publication said the veteran leader has failed to create a successor who could take his party forward.

The editorial was based on Mr Pawar's recent decision to step down as NCP president, which he withdrew after three days after it caused consternation among party leaders and workers.

Notably, the Uddhav Thackeray-led Shiv Sena (UBT) is one of the three constituents of the Maha Vikas Aghadi (MVA) along with the NCP and Congress.

"We do not attach any importance if someone is writing about whether we create new leadership or not. It is their prerogative (to write), but we ignore it. We know what we are doing, and we are satisfied with it," Mr Pawar told reporters in Satara.

"They ( Shiv Sena-UBT) do not know what we have done. It is our speciality that in NCP, we all work as colleagues and dwell upon various issues. At times, different opinions emerge (among us) but we do not go out and make them public. It is our family issue. Everybody in NCP knows how to take the party forward, and they know how the new leadership has been groomed in the party," he said.

Mr Pawar referred to the Congress and the NCP coming to power in Maharashtra in 1999 and how first-time inductee ministers from NCP proved their mettle.

"In that cabinet, Jayant Patil, Ajit Pawar, Dilip Walse Patil, R R Patil, and others became ministers from NCP. It was their first term in power. As far as I am concerned, I worked as a minister of state when I started, and after working as a junior minister, I was promoted.

"But the names suggested by me were inducted as cabinet ministers at that time. And Maharashtra witnessed how NCP ministers proved themselves through their work," he said.

Responding to a query on whether the criticism by MVA constituents will affect the prospects of the tripartite coalition, Mr Pawar replied in the negative.

"This will not affect MVA as differences occur among allies. It is not the case in national politics that two allies will have a 100 per cent agreement on any issue. Sometimes, there is a difference of opinion, but we do not have any misunderstanding and it will not have any impact on MVA," he said.

Meanwhile, Mr Pawar also hit out at Congress leader and former chief minister Prithviraj Chavan over his reported statement calling NCP a "B team of BJP" in Karnataka, by questioning his stature in Indian National Congress.

"He (Chavan) should check his stature in his own party...whether it is A, B, C or D. Any colleague from his party would tell you in private," the NCP chief said.

On the rationale behind fielding candidates in Karnataka polls, he said the NCP wanted to expand the party base beginning from Karnataka.

"We did not hold any discussions with Congress or other allies in Karnataka because we wanted to start from scratch," he said.

"The reason why we did not hold any discussions with the Congress was that the NCP wanted to start from scratch in the southern state. When there is an alliance with another party, it is imperative to provide strength to that party. But, as we were starting new, it was not possible to give the assurance that we would be able to provide strength if we go with them," he said.

Mr Pawar said his party is contesting limited seats in Karnataka and ensuring that it will not adversely affect the Congress's prospects.

Queried about slogans like "Bajrang Bali ki Jai" raised by PM Modi and other leaders during the campaigning for Karnataka polls, Mr Pawar claimed seeking votes in the name of caste and religion is the breach of the oath an elected representative takes, as secularism and democracy are key words in the pledge. "I am surprised that the country's prime minister projects such stand before the people. You (the government) should tell me what you have done in the last five years as you held power. Everywhere people talk about 40 per cent commission," he said targeting BJP.

Notably, the Congress recently said the people of Karnataka will guarantee the end of the "BJP's 40 per cent commission sarkar on May 10, the polling day.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Cyclone Mocha Update: 14 मई को होगा चक्रवात 'मोका' का लैंडफॉल, जानें IMD का अपडेट

देश के कई इलाकों में चक्रवाती तूफान 'मोका' (Cyclone Mocha) विकराल रूप दिखा सकता है. 'मोका' के कारण आंधी के साथ बारिश होने की आशंका है. इस बीच भारतीय मौसम विभाग(IMD) ने देश कई इलाकों में तेज बारिश की चेतावनी जारी कर दी है. आईएमडी के डीजी मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि बंगाल की खाड़ी और इससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव क्षेत्र बना हुआ है. 9 मई को यह डिप्रेशन में बदल सकता है. 10 मई को चक्रवाती तूफान 'मोका' दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और बंगाल की पूर्व मध्य खाड़ी, अंडमान सागर के आसपास के इलाकों में कहर ढा सकता है. 

IMD के अनुसार, 'मोका' के चलते तटवर्ती इलाकों में बहुत तेज हवाएं चल सकती हैं. बेहद भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है. छोटी नावों और मछुआरों के लिए चेतावनी जारी की जा चुकी है. 

लैंडफॉल कब और कहां?
मौसम विभाग का अनुमान है कि चक्रवात 'मोका' का लैंडफॉल 14 मई को होगा. लैंडफॉल का एरिया बांग्‍लादेश-म्‍यांमार तटों के ऊपर रहेगा. आईपीएम के अनुसार, बुधवार को भी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बहुत भारी बारिश होने की आशंका है. आईएमडी ने अपने ताजा बुलेटिन में जानकारी दी कि दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर पर अच्छी तरह से चिह्नित कम दबाव का क्षेत्र एक डिप्रेशन में केंद्रित हो गया है. 

चक्रवाती तूफान 'मोका' की स्थिति अभी अंडमान के पोर्ट ब्लेयर से लगभग 510 किमी दूर दक्षिण-पश्चिम में कॉक्स बाजार (बांग्लादेश) में है. इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 10 मई की शाम के आसपास उसी क्षेत्र में एक चक्रवाती तूफान में धीरे-धीरे तेज होने की बहुत संभावना है.

चक्रवाती तूफान धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. 11 मई की सुबह तक यह गंभीर चक्रवात में तब्दील हो जाएगा. वहीं. 11 मई की शाम तक यह तूफान बहुत गंभीर चक्रवात में बदल जाएगा.

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Marriage Entitled To Constitutional Protection: Court On Same Sex Unions

The Supreme Court said on Tuesday it has to be alive to the fact that the concept of marriage has evolved and must accept the basic proposition that marriage itself is entitled to constitutional protection as it is not just a matter of statutory recognition.

A five-judge Constitution bench headed by Chief Justice D Y Chandrachud, while hearing arguments on a batch of pleas seeking legal validation for same-sex marriage, said it would be "far-fetched" to argue that there is no right to marry under the Constitution, which itself is a "tradition breaker".

Senior advocate Rakesh Dwivedi, appearing for Madhya Pradesh, argued heterosexual couples have a right to marry in accordance with custom, personal law and religion. This has been continuing and that is the foundation of their right, he said, while repeatedly urging the court to leave the issue of according legal sanctity to same-sex marriage to the legislature.

"There cannot be any denial of the fact that State has a legitimate interest in regulating the marriage. Undoubtedly. That's how the state regulates the forms in which you can enter into a marriage," said the bench, which also comprised Justices S K Kaul, S R Bhat, P S Narasimha and Hima Kohli.

"The state has various other interests so it regulates facets of a marriage. But we must accept the basic proposition that marriage itself is something which is entitled to constitutional protection and it is not just a matter of statutory recognition," the bench observed, in the course of the hearing that continued on the eighth day.

Deliberating on the issue whether a person has a right to marry, the bench observed it has to start with the premise that there is no unqualified right.

It said right to free speech, right to association, right to personal liberty and right to life are not unqualified and, therefore, there is "no unqualified and absolute right".

Justice Bhat observed inter-caste marriages were not permitted and inter-faith marriages were unheard of 50 years ago.

"The Constitution itself is a tradition breaker because for the first time you have brought in Article 14. So if you have brought in Articles 14, 15 and most importantly 17, those traditions are broken," Justice Bhat said.

While Article 14 deals with equality before law, Article 15 pertains to prohibition of discrimination on grounds of religion, race, caste, sex or place of birth. Article 17 of the Constitution deals with abolition of untouchability.

"If those traditions are broken, what is held hallowed in our society in terms of caste? We made a conscious break and said we don't want it. We have gone to the extent of encapsulating and outlawing untouchability in the Constitution," Justice Bhat observed.

"But at the same time let us be alive to the fact that the concept of marriage has evolved which you yourself said," he added.

Dwivedi argued changes were brought in by legislature which can certainly alter the customs.

"Over the years marriage has resulted in a social institution. It is not that overnight something is happening and two people suddenly coming and saying it is a marriage. So, it is a long period of time when the institution of marriage has emerged as a result of society's evolution," he said.

Dwivedi said a lot of evolutions have taken place and the point was that all these reforms were made by the legislature in the interest of women and children and they do not alter the fundamental aspect, the core aspect of the social institution of marriage as they exist.

"What is the core aspect of marriage? You may provide alimony, maintenance, divorce on certain ground and you may provide that there are inter-caste marriages, but ultimately the marriages remain heterosexual marriages," he argued.

The CJI observed, "To state at the extreme that there is no right to marry under the Constitution will be far-fetched." Referring to the core elements of marriage, Justice Chandrachud said if one looks at each of these constituent elements, each of them is protected by constitutional values.

"Marriage itself postulated the right of two individuals to cohabit together. Marriage accompanies with it the notion of a family, the existence of a family unit because the two people who come together in a marriage constitute a family, something which directly owes its existence or recognition to the constitutional values," the CJI said.

He said it has procreation as a very important ingredient of marriage.

"Though equally we must be cognisant of the fact that validity or legality or social acceptance of marriage is not conditioned only on procreation for the reason that people may not want to have procreation, people may not have an ability or be in position to have children or married at an age when they cannot have children. But we take your point that procreation is a significant facet of marriage, there is no denying the fact subject to these caveats," the CJI said.

He said marriage in a significant way is exclusionary of all others and social acceptance of the existence of marriage is not just confined to that individual but how society looks at that institution.

The CJI said another issue, which is a contested issue, is whether heterosexuality is an intrinsic or a core element of the institution of marriage.

Dwivedi said the core purpose is to bring about a unity of man and woman for a social purpose as the society as well as the race needs to perpetuate itself.

"The generality is that our population has grown from 44 crore to 1.4 billion today is not because of certain people who decide not to produce or were unable," he argued.

"Heterosexual marriages don't depend upon this, no Constitution can take it away. It is a natural right by virtue of our being human beings. To deny that right means to let the nation die. That's the importance of this," Dwivedi said during the arguments which will continue on Wednesday.

He said Parliament can redefine marriage or redefine the relationship between couples in some different manner and the court should not be issuing a declaration that same-sex couples are equal to heterosexuals in terms of marriage.

During the arguments, the bench also heard submissions advanced by senior advocates Kapil Sibal, who appeared for 'Jamiat-Ulama-i-Hind', and Arvind Datar, who was representing one of those opposing the pleas.

Sibal said he was "very worried" at the start of the hearing when the counsel appearing for the petitioners said Parliament is not going to do anything about it so the top court should make a declaration in this regard.

"I am afraid that is a very dangerous proposition. It was said at the outset that we (petitioners) don't expect the Parliament to move forward, don't expect Parliament to pass such a law and therefore, your lordships should do it. I say that is a very dangerous route to take," he said.

Sibal said a declaration by itself on the premise that Parliament is not likely to pass a law would be a "wrong step forward".

"It is a dangerous route to take because a declaration by your lordships will close the debate in Parliament. There will be no scope for debate once you declare, one that it (same-sex union) is a fundamental right, two it has to be recognised," he argued.

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"इमरान खान को क्यों गिरफ्तार किया": इस्लामाबाद HC ने पाकिस्तान के टॉप अधिकारियों को किया तलब

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को भ्रष्टाचार के एक मामले में मंगलवार को अदालत परिसर से नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट (Islamabad Highcourt) ने पाकिस्तान के शीर्ष अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को तलब किया है. इमरान भ्रष्टाचार समेत अन्य मामलों में जमानत के लिए अदालत पहुंचे थे.

इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने भ्रष्टाचार मामले पर सुनवाई शुरू होने से पहले अदालत में बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराते समय अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा खान को गिरफ्तार किए जाने पर गौर किया. लाहौर से इस्लामाबाद पहुंचे इमरान खान इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एक बायोमेट्रिक प्रक्रिया से गुजर रहे थे. तभी रेंजर्स ने कांच की खिड़की को तोड़ दिया. वकीलों और सुरक्षा कर्मचारियों की पिटाई करने के बाद उन्हें (इमरान खान को) गिरफ्तार कर लिया.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान (70) की गिरफ्तारी से एक दिन पहले शक्तिशाली सेना ने उन पर खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई' के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ निराधार आरोप लगाने का इल्जाम लगाया था. हाईकोर्ट ने विभिन्न अधिकारियों को तलब किया और गिरफ्तारी के गुण-दोष, अदालत के अंदर मौजूद किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना कानूनी था या नहीं, इस बारे में दलीलें सुनीं.

इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने शुरू में गृह सचिव, इस्लामाबाद पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) और अन्य अधिकारियों को आदेश दिया कि वे 15 मिनट के भीतर गिरफ्तारी के बारे में जवाब दें. मुख्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया. अदालत ने फैसला सुनाने की कोई तिथि नहीं बताई.

उन्होंने कहा कि वह इस मामले में 'संयम' दिखा रहे हैं. चीफ जस्टिस ने इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख के पेश होने में विफल रहने पर प्रधानमंत्री को बुलाने की चेतावनी दी. जस्टिस फारूक ने कहा, “अदालत में आइए और हमें बताइए कि इमरान को क्यों और किस मामले में गिरफ्तार किया गया है.” आईजी अकबर नासिर खान विधिवत अदालत में पेश हुए और कहा कि खान को उनसे और उनकी पत्नी से बुशरा बीबी से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने गिरफ्तार किया है.

इमरान खान के एक अन्य वकील बैरिस्टर गौहर खान ने दावा किया कि गिरफ्तारी के दौरान खान के सिर पर लोहे की छड़ से वार किया गया. साथ ही उनके पैर में चोट लग गई.



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Arvind Kejriwal's Home Row: Panel To Probe Environment Norm Violation

National Green Tribunal (NGT) on Tuesday constituted a joint committee to ascertain the factual position on the allegations of violating environmental norms during the construction of Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal's residence.

The  committee includes the Chief Secretary, Delhi, the Principal Secretary (Environment and Forest), Delhi, a nominee of Delhi Urban Art Commission and the District Magistrate of North Delhi 

Tribunal appointed committee after hearing a plea alleged violation of environmental norms in constructions at 6 Flag Staff Road and 45-47 Rajpur Road, New Delhi by PWD, Delhi.

The plea alleged that, in the course of development, permanent and semi-permanent constructions have been raised by cutting more than 20 trees.

The petition was filed by a Delhi-based Environmentalist through Advocate Gaurav Kumar Bansal. The Tribunal headed by Justice Adarsh Kumar Goel has sought a response from Delhi Government and its authorities and has directed them to submit a status report on the allegations.

In its application filed through Advocate Gaurav Kumar Bansal, the applicant has stated that

the Delhi government's Public Works Department (PWD) constructed the Delhi Chief Minister's residence without taking approval from the Delhi Urban Act Commission, a statutory body which approves the construction of buildings in the Union Territory of Delhi w.r.t. quality and environmental design.

Bansal in his arguments also apprised NGT that as per the 2009 order issued by Forest Department, Delhi Government, all applications seeking permission for felling of trees numbering 10 to 20 and more than 20 trees have to be processed and submitted to the Conservator of Forests and Secretary (E&F), Government of NCT of Delhi only.

"However, in the present case, PWD officials for the sake of speedy construction of the CM's residence willfully, deliberately and with a malafide intention, circumvented its Government Order and as such filed 5 separate applications for felling/transplantation of 9, 2, 6, 6, 5 trees", the petition read.

Bansal, also highlighted that as per the permission issued by Delhi Forest Department, PWD Department was directed to plant tree saplings of 280 trees at Green Belt, Metcalfe House, DRDO Complex, Delhi.

However, during the site inspection conducted by the Forest Officers of Delhi Forest Department dated May 5, 2023, it was found that out of 280 trees, the PWD Department has planted only 83 Ficus Virens Trees, the plea said.

The whole object of imposing the condition of Compulsory Plantation by the Delhi Forest Department was to protect the forest cover of the national capital but the PWD Department by way of circumventing the order dated February 10, 2009, issued by the Forest Department further by way of not carrying out the mandatory tree plantation has failed to protect the forest cover of the national capital, Bansal argued before the NGT.

Observing the seriousness of the case, the principal bench of the National Green Tribunal headed by Chairman Justice Adarsh Kumar Goel has issued notices to Government of NCT of Delhi and others and as such has directed them to submit a status report within 3 weeks.

The NGT posted the matter for hearing on 31 May 2023.

"In view of the above averments and the significance of the requirement of compliance for cutting trees and providing green belt as a condition for constructions in the congested and polluted city of Delhi, we consider it necessary to ascertain the factual position by constituting a joint Committee", said the Tribunal.

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Monday, May 8, 2023

Son Sets Father On Fire In Rajasthan After Fight, Arrested: Cops

A 46-year-old man was allegedly burned alive by his son in Churu district's Sardarshahar area, police said on Monday.

Sardarshahar Deputy Superintendent of Police Narendra Sharma said Sonu Meghwal, 22, set his father Liluram Meghwal on fire by pouring kerosene on him during a fight Sunday night. Liluram died on the spot.

Sonu was charged for murder at the complaint of his brother and arrested, police said.

Sharma said the victim's body was handed over to his family members after post mortem on Monday.

Preliminary investigation revealed that both, father and son, were addicted to alcohol and fought frequently.

Late Sunday night, Liluram hit Sonu during one such fight, and when the matter escalated, Sonu threw kerosene on him and set him on fire, police said.

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Whats App कॉल से रहें सावधान! विदेशी नंबर उठाना कहीं भारी न पड़ जाए

क्या आपको विदेशी नंबरों से वाट्सएप कॉल आते हैं? अगर आपको ऐसे कॉल आ रहे हैं तो आप भी उन लाखों लोगों में से हैं जो वाट्सएप मिस्ड कॉल से फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं. ऐसे नंबरों से सावधान रहने की जरूरत है न ही उसे उठाने की जरूरत है और न ही ऐसे नंबरों से आने वाले वाट्सएप मैसेज का कोई जवाब देना है. साइबर अपराधियों के निशाने पर अब वाट्सएप के यूजर्स हैं. भारत में करीब 50 करोड़ लोग वाट्सएप का उपयोग करते हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा यूजर्स भारत में हैं.

जानकारी के अनुसार इंटरनेशनल नंबर से स्कैम कॉल लोगों को आ रहे हैं. अमूमन ये नंबर वियतनाम, इंडोनेशिया, माली जैसे जगहों से आ रहे हैं. ये कॉल VOIP नेटवर्क के माध्यम से वाट्सएप पर आते हैं. गौरतलब है कि किसी भी देश से कही भी वाट्सएप पर मुफ्त में कॉल की जा सकती है. ऐसे में देश में बैठे फ्रॉड भी इंटरनेशनल नंबर खरीद कर इस तरह के घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.   

लोगों के सामने यूट्यूब पर लाइक बटन प्रेस करने जैसा जॉब ऑफर लोगों को आ रहा है. जब लोग इन ठगों के जाल में फंस जाते है तो ऐप इंस्टॉल करने और टेलीग्राम चैनल में शामिल होने के लिए उन्हें कहा जाता है जिसके बाद उनसे ठगी की जाती है. जानकारों का मानना है कि एक बार फ्रॉड होने के बाद कॉल ट्रेस कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है. क्योंकि पुलिस के पास भी इन्हे ट्रेस करना बेहद मुश्किल होता है.

वाट्सएप की तरफ से लगातार इसे रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. वाट्सएप के मासिक इंडिया रिपोर्ट के अनुसार  1 मार्च, 2023 से 31 मार्च  2023 तक फर्जी कॉल से जुड़े 47,15,906 एकाउंट्रस पर पाबंदी लगाई गई है. वहीं Truecaller की रिपोर्ट के अनुसार भारत में एक यूजर को हर दिन औसतन 17 स्पैम कॉल्स आते हैं.रिपोर्ट में कहा गया है कि स्पैम प्रभावित देशों में भारत का नंबर 2020 में भारत अभी 9 वें स्थान पर है.

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BJP Leaders Face Murder Charge For Remarks Against Mallikarjun Kharge

Rajasthan Police has booked Manikanta Rathod, a BJP candidate in upcoming Karnataka assembly poll, and local BJP MLA Madan Dilawar with charges of murder and criminal intimidation for their remarks against Congress leader Mallikarjun Kharge, a senior officer said on Monday.

The FIR has been filed at Sanjay Circle Police Station at the complaint of Congress state secretary Ram Singh Kaswan.

According to Kotwali ACP Narendra Kumar, an FIR has been registered against BJP Ramganj Mandi MLA Madan Dilawar and Manikanta Rathod, a BJP contender in the upcoming Karnataka assembly election.

"As one of the accused, Madan Dilawar, is a sitting MLA, the matter will be investigated by the CB-CID," said Kumar, who is also the investigating officer in the case.

According to the FIR, the two men have been booked under IPC section 302 (murder), 506 (criminal intimidation), and under sections of SC/ST Act.

Kaswan in his complaint said committing a crime is not necessary, even hatching a conspiracy is enough.

Congress had on May 6 shared an audio purportedly of Manikanta Rathod, the BJP candidate from Chittapur constituency in Kalaburagi district, in which he was heard saying in Kannada that he will wipe out "Kharge, his wife, and children." The BJP candidate is named in 40 police cases and has studied till class 8, according to the Association for Democratic Reforms, a poll-reform body.

According to Congress, in the wake of Kharge's "poisnous snake" remark for Prime Minister Narendra Modi, BJP state general secretary Madan Dilawar had said Kharge being 80 years old can die anytime, still he would "pray to God not to take him away for at least 200 years." Uttarakhand Congress too in the same matter has approached police against Rathod.

Party's Mathura Dutt Joshi said it lodged a complaint Sunday at Dehradun Kotwali against Rathod for his alleged remarks against Kharge.

Uttarakhand Congress chief Karan Mahra, who lodged the complaint, said BJP can foresee its defeat in Karnataka and this is why its nominees were behaving like "goons."

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झारखंड में पांच शीर्ष माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, CRPF और झारखंड पुलिस को मिली बड़ी सफलता

झारखंड की राजधानी रांची में पांच माओवादियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. इनमें से दो नक्सलियों पर कुल 15 लाख रुपये का इनाम था. आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में ‘जोनल कमांडर' अमरजीत यादव उर्फ लखन यादव, ‘सब जोनल कमांडर' शाहदेव यादव उर्फ लतन यादव, ‘सब जोनल कमांडर' नीरू यादव उर्फ सालिम,‘सब जोनल कमांडर' संतोष भुइयां उर्फ सुखन और सदस्य अशोक बैगा उर्फ अशोक परहिया शामिल हैं. इनमें से अमरजीत यादव पर दस लाख तथा शाहदेव यादव पर पांच लाख रुपये का इनाम था.

पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) अमोल वी होमकर ने कहा, ‘‘ये पांचों माओवादी झारखंड के चतरा, पलामू और हजारीबाग जिलों तथा बिहार के गया और औरंगाबाद जिलों के विभिन्न थानों में दर्ज मामलों में वांछित थे.” उन्होंने बताया कि अमरजीत की 81 मामलों में,शाहदेव की 53, नीरू की 60, संतोष की 27 और अशोक की दो मामलों में तलाश थी. चरमपंथी झारखंड के चतरा जिले में कौलेश्वरी उपजोन में सक्रिय थे.

उन्होंने कहा, ‘‘ सुरक्षा बल क्षेत्र में उग्रवादियों के खिलाफ पिछले एक वर्ष से अभियान चला रहे थे. आज के आत्मसमर्पण के बाद कौलेश्वरी उप जोन उग्रवादियों के चंगुल से लगभग मुक्त हो गया है. '' उन्होंने कहा कि माओवादियों से मिली जानकारी के आधार पर भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है. होमकर ने कहा, “ दो एके 56 राइफल, एक एसएलआर राइफल, एक इंसास राइफल, दो .303 राइफल, एक अमेरिका में बनी राइफल, एक एयर गन, दो देसी राइफल, एक पिस्तौल, 1855 गोलियां और अन्य विस्फोटक बरामद किए गए हैं.”

इस बीच, लातेहार जिले से दो लाख रुपये के इनामी भाकपा माओवादी के एक 'क्षेत्र कमांडर' को गिरफ्तार किया गया है. लातेहार के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंजनी अंजन ने कहा कि माओवादी कजलेश गंझू लातेहार, गुमला और लोहरदगा के अलग अलग थानों में दर्ज 24 मामलों में वांछित था जिसमें हत्या के मामले भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि उसे रविवार देर रात राजधानी रांची से करीब 80 किलोमीटर दूर हेसला से गिरफ्तार किया गया है. एसपी ने कहा कि उसके पास से एक देसी तमंचा और पांच कारतूस बरामद किए गए हैं. उनके मुताबिक, वह चंदवा के लुकैया मोड़ में एक पुलिस दल पर हमला करने में शामिल था.

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Karnataka BJP Gets Poll Body Notice Over Advertisement Against Congress

The Election Commission on Monday asked the Karnataka BJP to provide "verifiable and traceable" facts by Tuesday evening regarding its newspaper advertisement describing the Congress as "the most corrupt party in the world".

Earlier, on a complaint by the BJP, the poll panel had issued a similar notice to the Congress over its "corruption rate card" advertisement.

The Election Commission (EC) served a notice to the Karnataka BJP over its advertisement after the Congress approached the poll panel.

In its notice, the commission said criticism of the policy and governance of opponent parties is a right guaranteed and enshrined in the Constitution as well as an essential function of various political actors under India's electoral process.

"However, while exercising this right and performing this essential function, the various political parties are expected to uphold high standards of public discourse and adhere to the various provisions of the model code and relevant laws," it said.

The commission has directed the state BJP to "convey the verifiable and traceable facts" regarding the claims made in the advertisement given by them along with an explanation, if any, by 8 pm on May 9 and also put that in "public domain".

The EC said if no proof is provided, the BJP should come up with reasons on as to why action should not be initiated against it for violating the MCC (model code of conduct) and relevant legal provisions under the Representation of the People Act and the Indian Penal Code.

The high octane campaigning for the May 10 Karnataka assembly poll ended this evening.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Sunday, May 7, 2023

"झूठ बोल रहे हैं", वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत के "BJP से मिली मदद" वाले बयान को बताया गलत

राजस्थान की राजनीति गर्म है. सीएम अशोक गहलोत ((Ashok Gehlot) द्वारा सचिन पायलट (Sachin Pilot) सहित कुछ विधायकों के विद्रोह के दौरान बीजेपी नेताओं से मदद मिलने की बात कहने पर बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मेरे ख़िलाफ़ एक बड़ा षड्यंत्र कर रहे हैं. वसुंधरा राजे ने कहा कि वो अशोक गहलोत की कैसे मदद कर सकती हैं. जितना अपमान गहलोत ने उनका किया है किसी और ने नहीं किया है.

साथ ही उन्होने कहा कि 2023 में होने वाली हार से भयभीत होकर झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने उस गृहमंत्री अमित शाह जी पर आरोप लगाया है, जिनकी ईमानदारी और सत्य निष्ठा सर्व विदित है.राजे ने कहा कि रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध हैं, यदि उनके विधायकों ने पैसा लिया है तो एफआईआर दर्ज करवाएं. सच तो यह है कि अपनी ही पार्टी में हो रही बग़ावत और रसातल में जाते जनाधार के कारण बौखलाहट में उन्होंने ऐसे अमर्यादित और असत्य आरोप लगाएं हैं.

अशोक गहलोत पर लगाया खरीद फरोख्त का आरोप

पूर्व सीएम ने कहा कि विधायकों की ख़रीद फ़रोख़्त की जहां तक बात है, इसके महारथी तो स्वयं अशोक गहलोत हैं. जिन्होंने 2008 और 2018 में अल्पमत में होने के कारण ऐसा किया था. उस वक्त न भाजपा को बहुमत मिला था और न ही कांग्रेस को. उस समय चाहते तो हम भी सरकार बना सकते थे, पर यह भाजपा के सिद्धांतों के ख़िलाफ़ था. इसके विपरीत गहलोत ने अपने लेन देन के माध्यम से विधायकों की व्यवस्था कर दोनों समय सरकार बनाई थी. वे 2023 के चुनाव में होने वाली ऐतिहासिक हार से बचने के लिए ऐसी मनगढ़ंत कहानियाँ गढ़ रहें है,जो दुर्भाग्य पूर्ण है पर उनकी ये चाल कामयाब होने वाली नहीं है.

अशोक गहलोत ने क्या कहा था?

अशोक गहलोत ने कहा था कि एमएलए शोभा रानी बहुत बोल्ड लेडी हैं. शोभा रानी ने जब साथ दिया हमारा, तो भाजपा वालों की हवा उड़ गई. सीएम गहलोत ने कहा कि, ''जब शेखावत मुख्यमंत्री थे, उस वक्त उनकी पार्टी के लोग सरकार गिरा रहे थे. मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष था. मेरे पास लोग आए... बंटने लगा पैसा. अभी बंटा वैसा उस वक्त भी बंटा था. मैंने उनसे कहा भले आदमियो तुम्हारा नेता भैरौ सिंह शेखावत मुख्यमंत्री है, मैं पीसीसी का अध्यक्ष हूं. वो बीमार है, इसलिए अमेरिका गया हुआ है. और तुम पीठ पीछे षड्यंत्र करके सरकार गिरा रहे हो. मैं तुम्हारा साथ नहीं दूंगा.'' 

गहलोत ने भैरो सिंह शेखावत की सरकार को बचाने का किया था दावा

अशोक गहलोत ने कहा कि अगर मैं चाहता तो बागी विधायकों के साथ शामिल हो सकता था, भैरो सिंह की सरकार गिर सकती थी. लेकिन मैंने कहा तुम यह अनैतिक काम कर रहे हो. जो आदमी बीमार है, तीन-तीन आपरेशन हो गए. उनकी वहां पर स्थिति बहुत नाजुक हो गई थी. और तुम पीछे सरकार गिरा रहे हो.

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Carrom Clash: जानिए कैसे खेलें यह मजेदार गेम और क्या हैं गेम के नियम

अगर आप अपने खाली समय में ऑनलाइन आकर गेम्स खेलना पसंद करते हैं तो आप जैसे शौकीन फैंस के लिए NDTV Games एकदम सही जगह है. इस साइट पर आपको रेसिंग से लेकर पिनबॉल तक के गेम्स मिलेंगे. NDTV Games पर मौजूद कैरम क्लैश गेम एक ऐसा ही शानदार कैरम गेम है. इस गेम का कंट्रोल काफी आसाना है जबकि गेमप्ले काफी शानदार है, ऐसे में इस गेम को खेलकर आपको काफी मजा आने वाला है.

कैरम क्लैश कैरम क्लैश असल के कैरम बोर्ड गेम जितना ही दिलचस्प है. इस गेम को जीतने पर आपको क्वाइन मिलेंगे जिनका इस्तेमाल आप अपने स्ट्राइक और स्टोन को अपग्रेड कर सकते हैं. साथ ही आपको अलग-अलग लाउंज में खेलने के लिए क्वाइन का इस्तेमाल करना होगा. कुछ लाउंज में गेम खेलने के लिए आपको कोई एंट्री फीस नहीं लगेगी, लेकिन कुछ लाउंज में खेलने के लिए आपको एंट्री फीस चुकानी होगी.

कैसे खेलें:

इस गेम को शुरू करने के लिए आपको कम से कम 50 सिक्कों की जरूरत होगी. आप गेम के पेज के ऊपरी बाएं कोने में फ्री स्पिन टैब के साथ फ्री सिक्के भी ले सकते हैं. डिस्क पूल में आपको काले और सफेद में से जो गोटी मिलेगी, सिर्फ उसे ही पॉट करना होगा. कैरम में भी यही नियम है, बस आपको क्वीन का ऑप्शन मिलेगा, जिसे आपको पॉट करना होगा. जिसके बाद आपको अपनी गोटी को भी पॉट करना होगा. जो सबसे पहले अपनी गोटी पॉट करेगा, वो विजेता कहलाएगा. फ्रीस्टाइल में, विजेता वह व्यक्ति होता है जो ज़्यादा से ज़्यादा पॉइंट्स लेता है. यदि आप स्ट्राइकर को पॉट करते हैं तो टर्न ओवर हो जाता है.

कंट्रोल

इस गेम का कंट्रोल काफी आसान है. अगर आप डेस्कटॉप या लैपटॉप पर खेल रहे हैं तो सबसे आप माउस का इस्तेमाल कर सकते हैं. स्ट्राइक को एडजस्ट करने के लिए आपको नीचे ऑप्शन मिलेगा. वहीं मोबाइल पर खेल रहे हैं तो आप स्क्रीन पर अपनी उंगलियों को काम पर लगा सकते हैं.



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