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Saturday, November 23, 2024

'फडणवीस के अधीन काम करना होगा' : CM पर सस्पेंस के बीच उद्धव ठाकरे का एकनाथ शिंदे पर निशाना

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम के अनुसार 'महायुति' की सरकार को एक बार फिर जनता ने बहुमत दिया है. कांग्रेस व राकांपा के साथ गठबंधन करने वाले उद्धव ठाकरे को भी हार का सामना करना पड़ा. उद्धव ठाकरे ने नेतृत्व वाली शिवसेना ने 95 सीट पर चुनाव लड़कर केवल 20 सीट पर जीत हासिल की. ऐसा कहा जा रहा है कि जनता ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना का असली शिवसेना मान लिया है. हालांकि, नतीजों के बाद उद्धव ठाकरे ने अलसी शिवसेना के सवाल पर कहा कि मामला अभी कोर्ट में है. उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को भी निशाने पर लिया है.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि आपको देवेंद्र फडणवीस के अधीन काम करना होगा. पहले यह तय करें कि आपको कौन सा बंगला मिलेगा. नतीजों ने एकनाथ शिंदे के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. क्या वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे? जब 2022 के विद्रोह के बाद उन्होंने भाजपा से हाथ मिलाया, तो गठबंधन में भाजपा बड़ी पार्टी होने के बावजूद शिंदे मुख्यमंत्री बन गए थे.

उद्धव ठाकरे ने बंगले का संदर्भ इसलिए दिया, क्योंकि जब शिंदे सीएम नहीं बनेंगे तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास वर्षा को खाली करना होगा. बंगले के उल्लेख का एक और अर्थ यह है कि शिंदे के नेतृत्व में जब शिवसेना में विद्रोह हुआ था, तब शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार गिरने के बाद उद्धव ठाकरे को वर्षा छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था.

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में महायुति गठबंधन ने 236 और महा विकास अघाड़ी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं, अन्य दलों ने चार सीटों पर जीत का परचम लहराया है.



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Thursday, November 21, 2024

मियां खलीफा ने किया क्या ऐसा खुलासा, गूगल ट्रेंड में आ गया नाम; जानें पूरा मामला

हाल ही में, एडल्ट स्टार मिया खलीफा के 24 वर्षीय एटलेटिको मैड्रिड फॉरवर्ड और मैनचेस्टर सिटी के पूर्व खिलाड़ी जूलियन अल्वारेज़ के साथ डेटिंग की खबरें सामने आ रही थीं. इस खबर से हर कोई हैरान था. हालांकि, मिया खलीफा ने इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. एडल्ट स्टार ने ट्वीटर पर पोस्ट के जरिए कहा है कि मैं किसी को डेट नहीं कर रही हूं.

ट्वीट देखें

एडल्ट स्टार मिया खलीफा ने पूर्व प्रीमियर लीग स्टार जूलियन अल्वारेज़ के साथ कथित संबंध की अफवाहों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उनकी टिप्पणी तब आई जब निराधार रिपोर्टों में उन्हें अल्वारेज़ से जोड़ा गया, जबकि इस जोड़ी के बीच संबंध का कोई सबूत नहीं था. 31 वर्षीय मिया, अल्वारेज़ से सात साल बड़ी हैं, जो 24 वर्षीय हैं. लेकिन उम्र के अंतर ने सोशल मीडिया पर दोनों के बीच संबंध की चर्चाओं को बढ़ने से नहीं रोका.

मिया खलीफा ने एक्स पर लिखा है-  मैं किसी को डेट नहीं कर रही हूँ, और अगर मैं कर रही होती, तो निश्चित रूप से वह कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होता जो इतना बूढ़ा न हो कि उसे याद हो कि वह 9/11 के दिन कहां था," 

कौन हैं जूलियन अल्वारेज़?

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जूलियन अल्वारेज़  एक फुटबॉलर हैं, जो  अर्जेंटीना के रहने वाले हैं.  रिपोर्ट के मुताबिक,वे मारिया एमिलिया फेरेरो के साथ लंबे समय से रिलेशनशिप में हैं, जो एक पीई टीचर हैं. ऐसे में मिया खलीफा के साथ उनके रिलेशनशिप को जोड़ना एक महज अफवाह थी.



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Tuesday, November 19, 2024

बदतर होती जा रही दिल्ली की हवा, औसत AQI 494, आर्टिफिशियल बारिश कराने की गुजारिश

दिल्ली की हवा हर दिन खतरनाक लेवल पर बनी हुई है. वायु प्रदूषण (Air Pollution) की वजह से मंगलवार रात 9 बजे दिल्ली के वजीरपुर में AQI 494 तक पहुंच गया. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक आनंद विहार, नरेला, जहांगीरपुरी और रोहिणी समेत बाकी इलाकों का AQI भी 400 पार पहुंच चुका है. वहीं, दिल्ली का औसत AQI 494 दर्ज किया गया है. ये इस सीजन में सबसे खराब AQI है. इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार को चिट्‌ठी लिखकर आर्टिफिशियल बारिश करवाने की गुजारिश की है.

दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार में पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण बेहद गंभीर कैटेगरी में है. इससे निपटने के लिए आर्टिफिशियल बारिश कराने की जरूरत है. राय ने इस स्थिति को मेडिकल इमरजेंसी बताया है. सोमवार को दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण की गंभीरता देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज 4 के सभी जरूरी प्रतिबंध लागू किए गए हैं.

NDTV इन्फो स्टोरीः जरा दिल्ली का AQI देखिए, सांसें थम जाएंगी

दिल्ली में कहां कितना AQI?
एयर क्वालिटी इंडेक्स का रियल टाइम रीडिंग देने वाली साइट aqicn.org की के मुताबिक, मंगलवार रात 9 बजे दिल्ली के वजीरपुर का AQI 494 रिकॉर्ड हुआ. अशोक विहार का AQI 488, बवाना का 430, करणी सिंह रेंज का 480, द्वारका का 472, जहांगीरपुरी का 466, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम का 476, मुंडका का 400, नजफगढ़ का 490 रिकॉर्ड हुआ. नेहरू नगर का AQI 488, रोहिणी का 476, मंदिर मार्ग का 490, ओखला का 489 रिकॉर्ड हुआ. 

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देखिए बाकी शहरों का AQI.

NCR की हवा भी हुई खराब
CBCB ने शहर के 40 निगरानी केंद्रों में से 37 के आंकड़ों को शेयर किया. इसके मुताबिक 3 केंद्रों बवाना, बुराड़ी और जहांगीरपुरी में एयर क्वालिटी ‘गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई. दिल्ली से सटे शहरों ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और नोएडा में भी एयर क्वालिटी ‘बहुत खराब' और फरीदाबाद, गुरुग्राम में ‘खराब' दर्ज की गई है.

Exclusive: दिल्‍लीवासियों को कब मिलेगी प्रदूषण से राहत, मौसम विभाग के साइंटिस्ट ने कही ये बात

घने कोहरे ने बढ़ाई परेशानी
प्रदूषण के बीच दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत में ठंड और कोहरे का असर भी बढ़ता जा रहा है. मौसम विभाग (IMD) ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और बिहार में एक-दो दिन घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है. दिल्ली में घने कोहरे की वजह से सुबह और रात को विजिबिलिटी काफी कम हो जा रही है. हालांकि, देश में सबसे कम विजिबिलिटी (जीरो मीटर) आगरा में दर्ज की गई. मौसम विभाग के मुताबिक, यहां आने वाले कुछ दिनों में कोहरा बना रहेगा.

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पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने के बढ़ रहे मामले
15 सितंबर से 18 नवंबर तक हरियाणा में मात्र 1118 मामले पराली जलाने के मिले हैं. वहीं, पंजाब में 9600 मामले सामने आए हैं. यानी पंजाब में 8 गुना से भी अधिक पराली जलाने के केस सामने आए हैं. आंकड़ों के अनुसार सोमवार को मुक्तसर जिले में पराली जलाने की 247 घटनाएं दर्ज की गईं, जो राज्य में सबसे अधिक है, इसके बाद मोगा (149), फिरोजपुर (130), बठिंडा (129), फाजिल्का (94) और फरीदकोट (88) का स्थान है. आंकड़ों के अनुसार, 2022 और 2023 में इसी दिन राज्य में पराली जलाने के क्रमशः 701 और 637 मामले दर्ज किए गए. पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज आंकड़ों की तुलना में लगभग 71 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई. 

Explainer: जब 494 था दिल्ली का AQI, तो इंटरनेशनल एजेंसी ने 1600 क्यों बताया? जानिए क्यों आया ये फर्क

हरियाणा में स्कूलों में छुट्टी, WFH के निर्देश
हरियाणा में प्रदूषण से बिगड़ते हालातों के बीच सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 12वीं तक छुट्‌टी कर दी गई है. गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह, झज्जर, रोहतक, रेवाड़ी, भिवानी, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, पानीपत और सोनीपत में स्कूल बंद हैं. गुरुग्राम और फरीदाबाद में बढ़ते प्रदूषण को लेकर प्रशासन ने प्राइवेट संस्थानों और कॉर्पोरेट ऑफिस से वर्क फ्रॉम होम की अपील की है.

DU और जामिया ने शुरू किए ऑनलाइन क्लासेस
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI), दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने अपने छात्रों और कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन मोड पर शिफ्ट होने का फैसला लिया है. क्लासेस ऑनलाइन चल रही हैं. स्टाफ वर्क फ्रॉम हो कर सकते हैं.

दिल्ली-NCR में दम घोंटू धुंध का कहर, गायब हुए झुग्गी-झोपड़ी से लेकर करोड़ों के फ्लैट, लोग बोले- प्रदूषण ने मिटा दी अमीर-गरीब की दूरी



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Saturday, November 16, 2024

इन ट्रेंडी स्टाइलिश टॉप्स के साथ दिखें अट्रैक्टिव और बचाएं पैसे! मात्र 300 रुपए से शुरू है कीमत

फैशन की दुनिया हमेशा डेवेलप हो रही है, और इसी तरह हमारे खरीदारी करने का तरीका भी. Dressberry टॉप्स पर Myntra की चल रही सेल आपके वॉर्डरोब को ट्रेंडी, फिर भी अफोर्डेबल स्टाइल के साथ अपग्रेड करने का आदर्श अवसर प्रस्तुत करती है. चाहे आप एक दिन की सैर के लिए एक स्मार्ट, सिलवाया हुआ टॉप खोज रहे हों या वीकेंड के लिए एक आरामदायक आउटफिट खोज रहे हों, इस कलेक्शन में हर टेस्ट के लिए कुछ न कुछ है. क्लासिक से लेकर कंटेम्पररी स्टाइल्स तक, किसी भी अवसर के लिए एकदम सही टॉप ढूंढें - सभी बढ़िया कीमतों पर. अभी खरीदारी करें और सौदे को बेहतर बनाने के लिए एक्स्ट्रा ऑफ़र का आनंद लें. श्रेष्ठ भाग? आपको कम कीमत पर इन फैशन-फ़ॉरवर्ड टॉप्स को पाने के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

75% तक की छूट के साथ, Myntra उन कीमतों पर Dressberry टॉप के बढ़िया सिलेक्शन की पेशकश कर रहा है जो उन्हें और भी यूनीक बनाते हैं. डेलिकेट लेस डिटेल से लेकर बोल्ड कढ़ाई वाले डिज़ाइन तक, Dressberry के कलेक्शन में सब कुछ है, और कुछ समझदार खरीदारी के साथ, आप इन अट्रैक्शन टुकड़ों को अपना बना सकते हैं.

Dressberry टॉप पर टॉप 14 Myntra डील 75% तक की छूट पर

1. DressBerry Women Pink Crinkled Solid Top

Discount: 70% | Price: ₹449 | M.R.P.: ₹1499 | Rating: 4.1 out of 5 stars

यह खूबसूरत पिंक रिंकल वाला सॉलिड टॉप उन लोगों के लिए बिल्कुल जरूरी है जो अपने वॉर्डरोब में क्लास का टच जोड़ना चाहते हैं. डेलिकेट लेस आवेषण और एक अट्रैक्टिव वी-नेक के साथ, यह टॉप सहजता से आराम के साथ मॉडर्निटी को बैलेंस करता है. सॉफ्ट विस्कोस रेयान मटेरियल यह सुनिश्चित करती है कि आप पूरे दिन अच्छा महसूस करें, चाहे आप कैज़ुअल कॉफ़ी या लंच डेट के लिए बाहर हों.

खासियतें: 

  • लेस आवेषण के साथ रिंकल फैब्रिक 
  • बटन बंद करने और वी-नेक 
  • आरामदायक फिट के लिए शॉर्ट स्लीव्स
  • कई साइज में उपलब्ध (XS-XL)
  • आसान देखभाल के लिए मशीन से धोने योग्य

2. DressBerry City Chic Minimals Tailored Front Top

Discount: 47% | Price: ₹626 | M.R.P.: ₹1199 | Rating: 4.1 out of 5 stars

उन लोगों के लिए जो अधिक मॉडर्न लुक पसंद करते हैं, यह सिलवाया हुआ टॉप आराम और मॉडर्न का एकदम सही मिश्रण है. इसका स्ट्रक्चर डिज़ाइन, सामने एकत्रित डिटेल के साथ मिलकर, एक सहज रूप से अट्रैक्टिव सिल्हूट बनाता है. प्रोफेशनल और कैज़ुअल दोनों सेटिंग्स के लिए आदर्श, यह बहुमुखी टुकड़ा जल्द ही वॉर्डरोब का मुख्य हिस्सा बन जाएगा.

खासियतें: 

  • मॉडर्न लुक के लिए पफ स्लीव्स के साथ वी-नेक
  • सॉफ्ट कॉटन मटेरियल
  • एकत्रित सामने वाले डिटेल के साथ तैयार किया गया फिट
  • साफ-सुथरी फिनिश के लिए बटन बंद करना
  • आसान रखरखाव के लिए मशीन से धोने योग्य

3. DressBerry Lavender Love Pleated Finesse A-Line Top

Discount: 52% | Price: ₹474 | M.R.P.: ₹999 | Rating: 4.1 out of 5 stars

लैवेंडर कलर आपकी वॉर्डरोब में एक सॉफ्ट टच जोड़ता है, जबकि प्लीटेड डिटेलिंग और चौकोर नेकलाइन डिज़ाइन को ऊंचा करती है. आरामदायक फिट और स्टाइलिश अपील के साथ यह टॉप दिन-रात पहनने के लिए बिल्कुल उपयुक्त है. आरामदायक लुक के लिए इसे डेनिम के साथ पहनें या अधिक फॉर्मल लुक के लिए इसे स्कर्ट के साथ पहनें.
 

खासियतें: 

  • एक्स्ट्रा अट्रैक्शन के लिए चौकोर नेकलाइन और प्लीटेड डिज़ाइन
  • आराम के लिए सॉफ्ट कॉटन मटेरियल
  • फेमिनिन टच के साथ पफ स्लीव्स 
  • रेगुलर लेंथ और अट्रैक्टिव ए-लाइन कट
  • बैक टाई-अप स्टाइल विशिष्टता जोड़ता है

4. DressBerry Maroon Self Design Lace Top With Slip

Discount: 73% | Price: ₹404 | M.R.P.: ₹1499 | Rating: 4.3 out of 5 stars

मैरून कलर का यह सेल्फ-डिज़ाइन किया हुआ लेस टॉप एलिगेंस और फेमिनिन का एकदम सही कॉम्बिनेशन है. फ्लोरल सेल्फ-डिज़ाइन मॉडर्न टच जोड़ता है, जबकि फीता आवेषण एक नाजुक, रोमांटिक अनुभव प्रदान करता है. चाहे आप इसे जींस या स्कर्ट के साथ पहनें, यह निश्चित रूप से लोगों का ध्यान अट्रैक्ट करेगा.

खासियतें: 

  • लेस इन्सर्ट के साथ सेल्फ-डिज़ाइन किया गया फ्लोरल पैटर्न
  • आरामदायक लुक के लिए राउंड नेक और शॉर्ट स्लीव्स
  • एक्स्ट्रा आराम के लिए एक स्लिप शामिल है
  • साफ और सुरक्षित फिट के लिए बटन बंद करना
  • सुविधा के लिए मशीन से धोने योग्य

5. DressBerry Magenta And Beige Solid Ecovero Sustainable Embroidered Detail A-Line Top

Discount: 67% | Price: ₹461 | M.R.P.: ₹1399 | Rating: 4.2 out of 5 stars

एनवायरनमेंट के प्रति जागरूक फैशन लवर के लिए, यह ड्यूरेबल ए-लाइन टॉप स्टाइल और सार दोनों प्रदान करता है. कपड़े पर कढ़ाई का डिटेल और उभरी हुई स्लीव्स क्लासिक डिज़ाइन में एक स्टाइलिश मोड़ जोड़ती है. LENZING™ ECOVERO™ विस्कोस से निर्मित, यह स्टाइल या आराम से समझौता किए बिना एनवायरनमेंट फ्रेंडली  ऑप्शन है.

6. DressBerry Floral Embroidered Puff Sleeves A-Line Top

Discount: 71% | Price: ₹695 | M.R.P.: ₹2399 | Rating: 4.2 out of 5 stars

इस वाइब्रेंट ग्रीन और रेड फ्लोरल कढ़ाई वाले टॉप के साथ अपनी वॉर्डरोब में एक पॉप कलर जोड़ें. पफ स्लीव्स और राउंड नेक की विशेषता वाला यह टॉप फेमिनिन अट्रैक्शन को उजागर करता है. सॉफ्ट वूवन डॉबी कपड़े और बटन बंद होने से यह प्रैक्टिकल और सुंदर दोनों बन जाता है - कैज़ुअल आउटिंग और ब्रंच के लिए आदर्श.

7. DressBerry Dobby Dream Ruched A-Line Top

Discount: 32% | Price: ₹612 | M.R.P.: ₹899 | Rating: 4.4 out of 5 stars

यह पाउडर ब्लू ए-लाइन टॉप एलिगेंस और मॉडर्निटी का एकदम सही मिश्रण है. नेकलाइन पर झुका हुआ डिटेल बनावट जोड़ता है, जबकि चौड़ी स्लीव्स एक नाटकीय प्रभाव प्रदान करती है. शाम की सैर या डिनर डेट के लिए आदर्श, यह टॉप एक आरामदायक लेकिन अट्रैक्टिव लुक प्रदान करता है जो स्टाइलिश और आरामदायक दोनों है.

यह भी पढ़ें: Myntra पर Fabindia के मेंस एथनिक वियर पर भारी छूट, कीमत सुनकर रह जाएंगे दंग

8. Dressberry Polished Lines Exposed Back Tie-Up Shirt Style Top

Discount: 47% | Price: ₹632 | M.R.P.: ₹1199 | Rating: 4.2 out of 5 stars

यह टॉप सहजता से क्लासिक और ट्रेंडी तत्वों का मिश्रण है. पॉलिश की गई स्ट्रिपड एक साफ, मॉडर्न लुक देती हैं, जबकि खुला पिछला टाई-अप डिटेल स्वभाव का टच जोड़ता है. पॉलिएस्टर और कॉटन के मिश्रण से बना यह टॉप आरामदायक और रखरखाव में आसान है. चाहे काम के लिए हो या वीकेंड आउटिंग के लिए, यह एक बहुमुखी आउटफिट है जिसे आप ऊपर या नीचे पहन सकते हैं.

9. Dressberry Floral Print Mandarin Collar Shirt Style Top

Discount: 72% | Price: ₹559 | M.R.P.: ₹1999 | Rating: 4.2 out of 5 stars

इस खूबसूरत मैंडरिन कॉलर टॉप के साथ अपने वॉर्डरोब में एक ताज़ा फूलों की शाइन जोड़ें. सॉफ्ट ऑफ-व्हाइट और येलो कलर वसंत के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं, जबकि मैंडरिन कॉलर और कफ वाली स्लीव्स एक स्टाइलिश टच जोड़ती हैं. वूवन कॉटन से बना यह टुकड़ा सांस लेने योग्य और आरामदायक दोनों है. अट्रैक्टिव, कैज़ुअल लुक के लिए इसे जींस या स्कर्ट के साथ पहनें.

10. Dressberry Indie Sleaze Plunge Neck A-Line Top

Discount: 43% | Price: ₹790 | M.R.P.: ₹1399 | Rating: 4.3 out of 5 stars

2000 के दशक की पुरानी यादों की याद दिलाते हुए, यह प्लंज नेक ए-लाइन टॉप आपकी वॉर्डरोब में बोल्डनेस लाता है. ब्लैक और व्हाइट फ्लोरल प्रिंट और फ्लेयर्ड स्लीव्स इसे एक असाधारण टुकड़ा बनाते हैं. नाइट आउट के लिए या किसी कैज़ुअल इवेंट्स में अट्रैक्टिव लुक के लिए बिल्कुल सही, यह टॉप निश्चित रूप से एक मुख्य अट्रैक्शन बन जाएगा.

खासियतें: 

  • साहसी लुक के लिए प्लंज वी-नेकलाइन
  • एक्स्ट्रा ड्रामा के लिए फ्लेयर्ड स्लीव्स
  • आराम और सांस लेने की क्षमता के लिए 100% कॉटन
  • स्कर्ट या जींस के साथ जोड़ी बनाने के लिए रेगुलर लेंथ आदर्श है
  • XS से XL साइज में उपलब्ध है

11. Dressberry Mandarin Collar Flared Sleeves Shirt Style Top

Discount: 75% | Price: ₹374 | M.R.P.: ₹1499 | Rating: 4.1 out of 5 stars

इस कुरकुरे नीले शर्ट-स्टाइल टॉप में एक मैंडरिन कॉलर और शॉर्ट, फ्लेयर्ड स्लीव्स है जो एक ट्रेंडी लेकिन आरामदायक माहौल पेश करती है. सेल्फ-डिज़ाइन वाला सॉलिड कपड़ा सूक्ष्म बनावट जोड़ता है, जबकि बटन बंद होने से एकदम सही फिट सुनिश्चित होता है. यह एक कैज़ुअल दिन या यहां तक कि ऑफिस में एक दिन बिताने के लिए एक बढ़िया ऑप्शन है.

खासियतें: 

  • बटन-डाउन क्लोजर के साथ मंदारिन कॉलर
  • मज़ेदार, फेमिनिन टच के लिए शॉर्ट चौड़ी स्लीव्स
  • अट्रैक्टिव लुक के लिए सेल्फ-डिज़ाइन सॉलिड कपड़ा
  • एकत्रित प्लीट्स के साथ आरामदायक फिट
  • XS से XL साइज में उपलब्ध है

12. Dressberry Striped Puff Sleeve Top

Discount: 69% | Price: ₹495 | M.R.P.: ₹1599 | Rating: 4 out of 5 stars

बोल्ड स्ट्रिपड और पफ स्लीव्स इस काले और व्हाइट टॉप को एक मॉडर्न मोड़ देते हैं. शर्ट का कॉलर और लॉन्ग स्लीव्स इसे किसी भी वॉर्डरोब के लिए एक बहुमुखी जोड़ बनाती है, जबकि हल्की इलास्टेन मटेरियल एक आरामदायक फिट सुनिश्चित करती है. चाहे आप इसे ट्राउज़र या स्कर्ट के साथ पहन रहे हों, यह टॉप एक फैशनेबल स्टेटमेंट पीस होने का वादा करता है.

खासियतें: 

  • ब्लैक और व्हाइट कलर में लंबवत स्ट्रिपड पैटर्न
  • क्लासिक टच के लिए शर्ट कॉलर
  • नाटकीय लुक के लिए लॉन्ग पफ स्लीव्स
  • आरामदायक फिट के लिए 98% पॉलिएस्टर और 2% इलास्टेन
  • XS से XL साइज में उपलब्ध है

13. Dressberry Women Dyed Mandarin Collar Top

Discount: 73% | Price: ₹715 | M.R.P.: ₹2649 | Rating: 4.2 out of 5 stars

यह टॉप अपने यूनीक टाई-एंड-डाई पैटर्न के साथ एक चिक और कंटेम्पररी वाइब देता है. मंदारिन कॉलर मॉडर्न जोड़ता है, जबकि तीन-चौथाई कफ वाली स्लीव्स इसे विभिन्न अवसरों के लिए उपयुक्त बनाती है. चाहे आप ब्रंच या कैज़ुअल मीटिंग में जा रहे हों, यह टॉप एकदम सही ऑप्शन है.

खासियतें: 

  • ब्राउन कलर में सुंदर टाई-एंड-डाई पैटर्न
  • मंदारिन कॉलर और तीन-चौथाई कफ वाली स्लीव्स 
  • ड्यूरेबिलिटी और आराम के लिए 100% पॉलिएस्टर कपड़ा
  • आसानी से पहनने के लिए बटन क्लोज़र
  • XS से XXL साइज में उपलब्ध है

14. Dressberry Floral Print A-Line Top

Discount: 66% | Price: ₹509 | M.R.P.: ₹1499 | Rating: 4.5 out of 5 stars

इस मस्टर्ड येलो और व्हाइट ए-लाइन टॉप में एक नाजुक फ्लोरल प्रिंट है जो अट्रैक्शन और फेमिनिन जोड़ता है. वी-नेकलाइन और फूली हुई तीन-चौथाई स्लीव्स इसे किसी भी प्रकार के शरीर के लिए एक अट्रैक्टिव ऑप्शन बनाती है. कैज़ुअल लेकिन अट्रैक्टिव लुक के लिए इसे लेगिंग्स या जींस के साथ पहनें.

खासियतें: 

  • फेमिनिन टच के लिए फ्लोरल प्रिंट
  • अट्रैक्टिव सिल्हूट के लिए फूली हुई स्लीव्स के साथ वी-नेकलाइन
  • आराम के लिए सॉफ्ट पॉलिएस्टर कपड़ा
  • एक्स्ट्रा टेक्सचरड के लिए कशीदाकारी डिटेल 
  • XS से XL साइज में उपलब्ध है

Dressberry टॉप्स पर Myntra की डील अविश्वसनीय कीमतों पर स्टाइलिश, हाई क्वालिटी वाले कपड़ों के साथ आपके वॉर्डरोब को ताज़ा करने का सही मौका है. चाहे आप बोल्ड कलर या सटल डिज़ाइन पसंद करें, ये टॉप सभी स्वादों और अवसरों को पूरा करते हैं. चिक, सिलवाया फिट से लेकर चंचल, प्लीटेड स्टाइल तक, हर किसी के लिए कुछ न कुछ है. कीमत के एक अंश के लिए इन शानदार टॉप्स को पाने के लिए चल रही छूट और एक्स्ट्रा ऑफ़र का लाभ उठाएं. अभी Myntra पर खरीदारी करें.



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Friday, November 15, 2024

'जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मैं पूजता हूं...', जानें एक लाइन में कैसे बिहार से झारखंड को साध गए PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को आदिवासी और जनजातीय स्वाभिमान के प्रतीक बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर आयोजित 'जनजातीय गौरव दिवस समारोह' में भले ही बिहार के जमुई में भाग लिया हो, लेकिन वह बिहार की धरती से पड़ोसी राज्य झारखंड को साध गए. PM मोदी ने कहा कि आज आदिवासी समाज के लिए केंद्र की सरकार कई योजनाएं चला रही है, जिसका उन्हें फायदा मिल रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा, "जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी पूजता है."

झारखंड में विधानसभा चुनाव चल रहा है. 13 नवंबर को पहले फेज की वोटिंग हो चुकी है. 20 नवंबर को दूसरे फेज के लिए मतदान होने हैं. चुनाव प्रचार के लिए BJP-JMM और कांग्रेस समेत तमाम पार्टियां जोर लगा रही हैं. शुक्रवार (15 नवंबर) को  आदिवासी समाज में भगवान का दर्जा रखने वाले बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर PM मोदी ने पहले देवघर में रैली की. फिर बिहार के जमुई पहुंच कर विकास योजनाओं के जरिए आदिवासी मतदाताओं को साधने की कोशिश की.

बिहार में पीएम मोदी, बिरसा मुंडा की जयंती पर 6,640 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का किया उद्घाटन

आदिवासी समाज को नहीं मिला उनका हक
मोदी ने कहा, "आज जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा है. मैं पिछले साल आज के दिन धरती आबा बिरसा मुंडा के गांव में था. आज उत्सव का माहौल है. आदिवासी समाज आज देव दीपावली के मौके पर गृह प्रवेश भी कर रहे हैं. ये उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण पल है." पीएम मोदी ने इशारो में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "आजादी के बाद आदिवासी समाज को उनका हक नहीं मिला जिसके वो हकदार हैं. लेकिन, आज उन्हें वो तमाम सम्मान मिल रहे है जिसका वो हकदार हैं. 

'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' से किसान खुश, सरकार का जताया आभार

आजादी में सिर्फ एक ही परिवार का योगदान नहीं
PM मोदी ने कहा, "आदिवासी समाज के योगदान को मिटाने की भी कोशिश की गई. आजादी में सिर्फ एक ही परिवार और एक ही दल के योगदान को दिखाया और बताया गया. लेकिन, आज ऐसा नहीं होगा." बता दें कि पिछली बार पीएम बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर उनकी जन्मस्थली उलिहातू पहुंचे थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज के विकास के लिए ग्राम उत्कर्ष योजना शुरू की गयी है. इसके तहत 80 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी. यह बड़ी योजना है, जिसका उपयोग आदिवासी समाज के विकास के लिए किया जाएगा. जब आदिवासी इलाको का विकास हो जाएगा, तब ना सिर्फ़ उनका विकास होगा बल्कि उन इलाकों से पलायन भी रुकेगा.

झारखंड की राजनीति में आदिवासी समाज का दबदबा रहा है. आदिवासी समाज के मतदाता सरकार का रुख तय करते हैं. राज्य की 81 में से 43 सीटें ऐसी हैं, जहां आदिवासी आबादी 25 फीसदी से ज्यादा है. वहीं, इन 43 में से 22 सीटें ऐसी हैं, जहां आधी से ज्यादा आबादी तो आदिवासियों की है. आदिवासियों के लिए जल, जमीन और जंगल ये अहम मुद्दे हैं. BJP ने इन्हें अपने चुनावी एजेंडे में शामिल किया है.

PM ने सठीक चला राजनीतिक दांव
BJP के नेतृत्व वाला NDA झारखंड चुनाव में आदिवासी मतदाताओं को रिझाने के लिए हर दांव पेंच को अपना रहा है. ऐसे में PM मोदी जमुई में चला गया राजनीतिक दांव काफी सधा माना जा रहा है. इस समारोह के लिए बनाए गए मंच पर बिरसा मुंडा और सिद्धू कान्हू के वंशज की मौजूदगी से BJP ये मैसेज भी देने में सफल रही कि वह स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों की वीरगाथा को नहीं भूलने देगी.

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BJP को क्या होगा फायदा?
PM मोदी कई मौकों पर आदिवासियों के हक और उनके विकास की बात कर चुके हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन मांझी आदिवासी समाज से आते हैं. BJP ने कई बार अपनी योजनाओं के जरिए आदिवासी समाज के विकास की बात कही है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि भाजपा आदिवासी समुदाय पर विशेष ध्यान दे रही है और अपनी पकड़ को लगातार मजबूत कर रही है. 

JMM भी लगा रही जोर
BJP के मुकाबले JMM भी पीछे नहीं है. झारखंड के CM हेमंत सोरेन आदिवासी समाज से आते हैं. जब हेमंत सोरेन जेल गए, तो उनके समर्थकों ने आरोप लगाया कि BJP ने साजिशन एक आदिवासी मुख्यमंत्री को फंसाया है.
ऐसे में इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि भावनात्मक तौर पर आदिवासी समाज के लोग हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के साथ खड़े हो सकते हैं. क्योंकि राज्य में JMM की जड़ें मजबूत हैं.

हालांकि, चुनाव से पहले JMM को कई झटके भी लगे हैं. सीता सोरेन, चंपाई सोरेन समेत कई कद्दावर नेता JMM से अलग हो चुके हैं. बाबूलाल मरांडी जैसे आदिवासी समाज के कई बड़े चेहरे भी हाल ही BJP में शामिल हुए हैं. ऐसे में JMM     को इसका थोड़ा-बहुत नुकसान भी हो सकता है.

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Tuesday, November 12, 2024

अब घूस भी मासिक किश्तों में दे सकते हैं, यक़ीन नहीं तो ये पढ़ लीजिए

Bareilly Bribe In EMI: उत्तर प्रदेश के बरेली में घूसखोरी का अजब ग़ज़ब मामला सामने आया है. दरअसल अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बाबू ने मदरसे को स्थानांतरित करने की फाइल को आगे बढ़ाने के लिए पीड़ित से ₹1लाख की रिश्वत मांगी. जब उसने ₹1 लाख की रिश्वत देने में असमर्थता जताई तो बाबू ने उसे आसान किस्तों (EMI) में बना दिया और ₹100000 रिश्वत की पहली किस्त जैसे ही बाबू ने पकड़ी तो विजिलेंस की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया है. बताया जा रहा है बाबू ने ₹1 लाख की रिश्वत के बदले कई किश्तें बना दी और पहली किश्त 18000 रुपये की बनाई. 

बरेली में ही नहीं बरेली जनपद में भी EMI रिश्वत लेने का ये पहला मामला है. यह पहला अपने आप में अनोखा मामला है जब किसी बाबू ने रिश्वत लेने के लिए किश्तें बना दी और पहली किश्त की रकम लेते ही वह गिरफ्तार हो गया. विजिलेंस की टीम ने जब बाबू को गिरफ्तार किया गया, तो पूरे जिले में हड़कंप मच गया. हालांकि विभाग की ओर से जब इस बारे में प्रेस नोट जारी किया गया तो इस बात की पुष्टि हो गई. विभाग में भी इस बात को लेकर खूब चर्चा है.

6 महीने तक रोकी फाइल

बताया जा रहा है कि बरेली के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के ऑफिस में ये बाबू तैनात है. बरेली के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के ऑफिस में तैनात वरिष्ठ सहायक वक्फ मोहम्मद आसिफ को गिरफ्तार कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि आरोपी बाबू ने बरेली के थाना बहेड़ी के रहने वाले आरिश मदरसा मंजूरियां अख्तरूल उलूम से ₹1 लाख की रिश्वत मांगी थी. जब रिश्वत के पैसे नहीं मिले तो बाबू ने आरिश को ये रिश्वत देने के लिए आसान किश्तों में बदल दिया, लेकिन रिश्वत नही छोड़ी. वरिष्ठ बाबू आसिफ ने बहेड़ी के और जब तक रिश्वत नहीं मिल गई तब तक बाबू ने फाइल को पूरे 6 महीने तक रोक के रखा. 

विजिलेंस टीम ने किया गिरफ्तार 

इस पूरे मामले में परेशान पीड़ित की ओर से विजीलेंस टीम से शिकायत की गई. इसके बाद विजिलेंस की टीम ने इस पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू की और जांच सही होने के बाद टीम बनाई गई. फिर विजिलेंस की टीम ने शिकायत मिलने के बाद बरेली के विकास भवन स्थित अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के ऑफिस में जाल बिछाया. जैसे ही आरोपी बाबू ने शिकायतकर्ता से रिश्वत की पहली किस्त को हाथ में पकड़ा,  वैसे ही विजीलेंस की टीम ने बाबू को गिरफ्तार कर लिया और मुकदमा पंजीकृत करने के बाद उसे जेल भेज दिया. 



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Monday, November 11, 2024

पूर्व क्रिकेटर संजय बांगर के बेटे आर्यन से बने 'अनाया', जानें क्या है ऐसा करने की वजह

ये कहानी सिर्फ क्रिकेट या किसी खिलाड़ी की नहीं है, बल्कि ये कहानी है पहचान, संघर्ष, और समाज से टकराव की! हम बात कर रहे हैं पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय बांगर (Sanjay Bangar) की बेटे आर्यन बांगर की, या यूं कहें संजय बांगर की बेटी अनाया बांगर (Aryan to Anaya) की, जिन्होंने हाल ही में अपनी जेंडर ट्रांजिशन की कहानी दुनिया के सामने रखी. एक ऐसा सफर, जिसने उनकी ज़िन्दगी बदल दी, लेकिन इसके साथ ही उनके बचपन के क्रिकेट के सपने को भी कठिन बना दिया. अनाया की कहानी ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियाँ बटोरी हैं. आइये, जानते हैं कैसे आर्यन बांगर से अनाया बांगर बनने का ये सफर रहा और इसमें क्या चुनौतियां और मुश्किलें आईं. सिद्धार्थ प्रकाश की रिपोर्ट. 

अनाया बांगर का जेंडर ट्रांजिशन

क्रिकेटर संजय बांगर के बेटे आर्यन ने लगभग 11 महीने पहले अपनी जेंडर ट्रांजिशन का सफर शुरू किया, जिसे ‘हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी' या HRT कहते हैं. इस थेरेपी से उनके शरीर में धीरे-धीरे बदलाव आए, और इस बदलाव के साथ ही उनका नाम आर्यन से अनाया हो गया. अनाया ने अपने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट्स के ज़रिये इस सफर को लोगों से साझा किया. एक पोस्ट में उन्होंने कहा - 'शारीरिक ताकत भले ही कम हो रही हो, पर खुशी मिल रही है.'

क्रिकेट का सपना और चुनौती 

अनाया का क्रिकेट के प्रति जुनून उनके पिता से विरासत में मिला है. संजय बांगर को बचपन से खेलते देख अनाया का भी सपना था कि वो भी क्रिकेट के मैदान पर भारत का नाम रोशन करें. लेकिन HRT की वजह से उनके मसल्स और स्ट्रेंथ में काफी कमी आई है. वो कहती हैं कि 'अब मेरे लिए अपने पुराने क्रिकेट के जज़्बे को वैसे जारी रखना मुश्किल हो गया है क्योंकि मेरे शरीर में काफी बदलाव हो रहे हैं.' फिर भी, अनाया ने हार नहीं मानी है. आज वो इंग्लैंड के मैनचेस्टर में एक लोकल क्रिकेट क्लब के लिए खेलती हैं और हाल ही में उन्होंने 145 रन बनाकर यह साबित किया कि उनका क्रिकेट का प्यार अभी भी बरकरार है.

नए नियम और ट्रांसजेंडर एथलीट्स की मुश्किलें

अनाया का संघर्ष सिर्फ एक ट्रांसजेंडर महिला बनने तक सीमित नहीं है, बल्कि एक ट्रांसजेंडर एथलीट होने की मुश्किलें भी हैं. इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने हाल ही में एक विवादास्पद नियम लागू किया है, जिसके अनुसार 2025 से उन ट्रांसजेंडर महिलाओं को महिलाओं की क्रिकेट में खेलने से रोका जाएगा जिन्होंने मेल प्यूबर्टी का अनुभव किया हो. ये नियम अनाया के लिए दिल तोड़ने वाला साबित हुआ. भले ही उनका होर्मोन लेवल महिलाओं के बराबर हों, लेकिन इस नियम के कारण उनके लिए प्रोफेशनल क्रिकेट में खेलना नामुमकिन हो गया है. अनाया ने अपनी निराशा जताते हुए कहा – 'मुझमें जज़्बा और काबिलियत है, लेकिन सिस्टम मुझे बाहर कर रहा है क्योंकि ये नियम मेरी असलियत को नहीं समझता.'

खेलों में इंक्लूसिविटी की जरूरत

अनाया का मानना है कि खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीट्स के लिए जगह बननी चाहिए. उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए एक बड़ा सवाल खड़ा किया है कि आखिर ट्रांसजेंडर एथलीट्स को अपना सपना पूरा करने का अधिकार क्यों नहीं दिया जा रहा? आज के समाज में खेलों में इंक्लूसिविटी यानी सबको जगह देने की बहुत ज़रूरत है. प्रोफेशनल क्रिकेट में खेलने की उनकी ख्वाहिश उन नियमों के कारण अधूरी रह गई जो ट्रांसजेंडर एथलीट्स के सपनों को रोकते हैं.



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Saturday, November 9, 2024

उत्तराखंड का स्थापना दिवस : आज किन स्थितियों में है यह राज्य

उत्तराखंड का आज 25वां स्थापना दिवस है और इस अवसर पर हमने राज्य की वर्तमान स्थिति जानने के लिए प्रदेश के भौगोलिक, सामाजिक, राजनीतिक घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखने वाले कुछ लोगों से बातचीत की.

अस्कोट आराकोट यात्रा के एक यात्री की नजरों में आज का उत्तराखंड

उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति पर सबसे पहले हमने चंदन डांगी के साथ विस्तार से बातचीत की. चंदन डांगी उत्तराखंड के भौगोलिक और सामाजिक बदलावों पर साल 1974 से हर 10 सालों में पैदल चलकर ही जानकारी जुटाने वाली लगभग 1200 किलोमीटर लंबी अस्कोट आराकोट यात्रा में तीन बार शामिल हुए हैं. वह कहते हैं हाल ही में उत्तराखंड में उद्यमिता से जुड़े अनेक सफल प्रयोग हुए हैं, जैसे मुनस्यारी में महिलाओं द्वारा संचालित सरमोली होम स्टे, उत्तरकाशी के नौगांव में टमाटर की खेती और इसी के ऊपरी इलाकों में सेब की बागवानी. हिमाचल प्रदेश से तुलना की जाए तो यहां पैदावार और आमदनी अब भी कम है और उत्तराखंड में वहां से ज्यादा मेहनत और जोखिम है.

उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन से सामने आ रहे बदलावों पर चंदन ने आगे बताया कि साल 2004 की अस्कोट आराकोट यात्रा के दौरान, जब हम जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान, मण्डल, गोपेश्वर से चोपता की तरफ बढ़े तो हमें कांचुला खरक कस्तूरी मृग परियोजना देखने को मिली थी. हमें बताया गया था कि यहां अभी लगभग 18 कस्तूरी मृग हैं और एक दर्जन कस्तूरी मृग हमें वहां दिखे भी थे. साल 2014 में जब हम उस जगह पर फिर से गए तो वहां कुछ भी नही बचा था.

पिछले 20 सालों के दौरान भुलकन बड़े कंक्रीट जंगल में बदल गया है, उन्हें समझ नही आता कि पर्यावरण को लेकर इतनी संवेदनशील जगह में कैसे डीजल से चलने वाले बिजली संयंत्र के निर्माण को मंजूरी मिल गई होगी जबकि सालों पहले चोपता में ही होने वाले एक निर्माण कार्य को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद रोक दिया गया था.

उत्तराखंड की महिलाओं पर औद्योगिक क्षेत्र में लगभग चार दशकों का अनुभव प्राप्त चंदन कहते हैं कि उत्तराखंड की महिलाओं के सर और पीठ के बोझ को कम करने में दुनिया भर के डिजाइन क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों का लाभ कतई नहीं मिला है. आज के जमाने में भी पीरियड के दौरान उत्तराखंड के अनेक गावों की महिलाएं, घर से अलग रहने के लिए बाध्य हैं. यही स्थिति यात्रा के दौरान हमने जातियों को लेकर होने वाले भेदभाव की भी देखी, जिसे आधुनिकता के साथ समाप्त हो जाना चाहिए था.

चंदन डांगी अस्कोट आराकोट यात्रा के अनुभवों से आज के उत्तराखंड पर बात करते आगे कहते हैं कि कोरोना काल के दौरान उत्तराखंड के युवाओं ने प्रदेश में वापस लौट कर स्वरोजगार के कई प्रयोग किए हैं, उदाहरण के लिए बागेश्वर जिले में कीवी का उत्पादन बढ़ा है. 

हिमालय के गांवों में कोदा, मडुवा, झंगोरा जैसे मिलेट उगाए जा रहे है, इनकी मांग देशभर में बहुत अधिक है लेकिन बड़े व्यापारी किसानों से पूरी फसल बहुत ही सस्ते दामों में खरीद रहे हैं. पहाड़ का उद्यमी कम संसाधनों के कारण पिछड़ जाता है क्योंकि उसके पास भंडारण, पैकेजिंग और उचित मार्केटिंग का सपोर्ट नहीं है. कीड़ा जड़ी की खोज में लोग उसको ढूंढने के लिए जान का जोखिम उठा रहे हैं, किंतु इसका क्या बनता है, कैसे बनता है, तैयार उत्पाद कहां बिकते हैं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. सरकार यदि युवाओं के लिए उनके उत्पाद आसानी से बिकने के मार्ग खोले और पहाड़ में खेती के विकास को लेकर गंभीर हो तो इन युवाओं को आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता.

पहले घर में रहने वाली लड़कियां अब स्कूल जाने लगीं

चंद्रा भंडारी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए बेहद महत्वपूर्ण रहे कार्यक्रम, महिला समाख्या कार्यक्रम से लंबे समय तक जुड़ी रहीं और उन्होंने उत्तराखंड में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काफी महत्वपूर्ण कार्य किए थे. इस साल उन्होंने साल 2004 के बाद दूसरी बाद अस्कोट आराकोट यात्रा की. चंद्रा कहती हैं जिस कल्पना के साथ उत्तराखंड राज्य का निर्माण किया गया था, वह आज राज्य बनने के 24 साल पूरे होने के बाद आज भी कल्पना ही है. इसमें राज्य के जल, जंगल, जमीन को बचाना शामिल था और साथ ही राज्य से पलायन रोकने के साथ महिला हिंसा को रोकने की कल्पना की गई थी. वह कहती हैं कि अस्कोट आराकोट यात्रा के दौरान उन्होंने राज्य में लड़कियों की शिक्षा के स्तर में विकास देखा है. साल 2004 में यात्रा करते हमने देखा था कि पहाड़ों में लड़कियां ज्यादा नही पढ़ती थीं और कक्षा तीन, चार के बाद स्कूल छोड़ देती थीं लेकिन इस बार हमने कई जगह देखा कि लड़कियां घरों में खेती का काम भी करती हैं और साथ ही स्कूल भी जाती हैं, उच्च शिक्षा के लिए भी माता पिता अब अपनी लड़कियों को देहरादून, दिल्ली, हल्द्वानी जैसे शहरों में भेजने लगे हैं.

पांच दशकों का अनुभव प्राप्त पत्रकार की नजरों में उत्तराखंड

इस साल ही पत्रकारिता में प्रतिष्ठित पुरस्कार पण्डित भैरव दत्त धूलिया पत्रकार पुरस्कार प्राप्त राजीव लोचन साह को पत्रकारिता का लगभग पांच दशकों का अनुभव है. उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति पर वह कहते हैं कि मैदानी प्रदेश के साथ लगा पर्वतीय हिस्सा ठीक से विकास नही कर पा रहा था इसलिए पृथक राज्य की मांग उठी. चालीस पचास साल तक लगातार कोशिश हुई कि यह राज्य बने लेकिन इसका चरम आया साल 1994 में, जब उत्तराखंड की सारी जनता सड़क पर उतर आई थी. उनकी मांगें ज्यादा बड़ी नहीं थीं, वह यही थी कि यहां जिंदगी शांत हो, शराब का ज्यादा प्रभाव न हो, रोजगार हो, किसानी पनपे, गैरसैंण राजधानी हो, भू कानून बने. लेकिन इन चौबीस सालों में हमें इसमें से कुछ भी नही मिला, प्रदेश की खेती नष्ट हो रही है, भू कानून अब तक लागू नहीं हुआ, गर्भवती सड़क में प्रसव कर रही हैं, गैरसैंण अब तक राजधानी नहीं बनी, बेरोजगारी बढ़ रही है. प्रदेश की छवि साम्प्रदायिक रुप से तनावग्रस्त प्रदेश की हो गई है, लव जिहाद और लैंड जिहाद जैसे शब्दों का प्रयोग कर सामाजिक समरसता खत्म की जा रही है. उत्तराखंड की जनता को इन्हीं मूल प्रश्नों पर फिर से केंद्रित होना होगा.

बिना व्यापक तैयारी के पृथक राज्य की घोषणा

इतिहास के सेवानिवृत्त प्रोफेसर अनिल जोशी उत्तराखंड के गठन से लेकर वर्तमान हालातों पर कहते हैं कि जब उत्तराखंड राज्य का आंदोलन चरम पर था तब मैं उन चंद लोगों में था जो तत्काल राज्य बनने के पक्ष में नहीं थे. मेरा मानना था कि हिमाचल की तर्ज में पहले कुछ वर्षों के लिए केंद्र शासित प्रदेश का दर्ज़ा मिले तो बेहतर होगा. केन्द्र की योजनाओं का तथा वहां से मिलने वाले अनुदानों का भरपूर उपभोग करके इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के बाद यदि राज्य बनता तो विकास की एक योजना बनी होती और राज्य के पास एक मज़बूत ढांचा पहले से मौजूद रहता, साथ ही तक स्थानीय नेतृत्व भी विकसित हो जाता. लेकिन अफ़सोस ऐसा नहीं हुआ, आंदोलनकारियों और सरकार दोनों को ही राज्य बनाने की जल्दी थी.

बिना व्यापक तैयारी के पृथक राज्य की घोषणा तो हो गई मगर धरातल पर तो कुछ था ही नहीं. राज्य ऐसे लोग चला रहे थे जिनको राज्य की परिकल्पना से कुछ लेना देना नहीं था और न ही यहां की परिस्थिति के अनुरूप विकास से उन्हें मतलब था, अब नतीजा सबके सामने है. पच्चीस साल होने को आए लेकिन कोई भी सरकार सही से राज्य की प्राथमिकताएं तय नहीं कर पाई है.

सतत विकास किसे कहते हैं, यह बुनियादी सवाल जस का तस 

यहां हमें हिमाचल प्रदेश से सीख लेनी चाहिए थी, उनके पहले मुख्यमंत्री डॉक्टर यशवंत सिंह परमार उच्च कोटि के विद्वान थे और अपने पर्वतीय राज्य की भौगोलिक विशेषताओं और विषमताओं दोनों से भली भांति अवगत थे और वे लंबे समय तक पद पर रहे. जिससे वह हिमाचल में विकास के मॉडल को अमलीजामा पहना सके. उनके उत्तराधिकारियों ने उनके विजन को ही आगे बढ़ाया चाहे सरकार किसी भी पार्टी की हो.

सपनों के विपरीत मिला उत्तराखंड

वरिष्ठ पत्रकार गोविंद पंत राजू से हमने सवाल पूछा कि क्या यह उत्तराखंड वही है, जैसा हमने सोचा था. इस पर वह कहते हैं नहीं कतई नहीं. हमें जो राज्य मिला वह एक पृथक प्रदेश अवश्य है लेकिन हमने ऐसे राज्य के सपने नहीं देखे थे. पृथक पर्वतीय राज्य के सपने पर्वतीय आकांक्षाओं के सपने थे, पर्वतीय सामाजिक परिवेश, संस्कृति और परिस्थितियों से उपजी समस्याओं के समाधान के सपने थे. उन सपनों में आम पर्वतीय इंसान के कष्टों के निवारण की बात थी, उसकी तरक्की की बात थी, उनकी बेहतरी की बात थी. बेहतर शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और बेहतर जीवन स्तर के साथ-साथ हरे-भरे और पर्यावरण अनुकूल विकास योजनाओं वाले उत्तराखंड की बात थी. उस सपने में राज्य के समस्त निवासियों के बीच भाईचारे और एक दूसरे के कष्टों में बढ़ चढ़कर शामिल होने की बात भी थी तथा मेलों ठेलों, उत्सवों एवं खेती पाती में परंपरागत सामूहिकता के विकास की बात भी थी. चिंतन मनन के साथ बौद्धिक, राजनीतिक और जमीनी आंदोलन के लंबे संघर्षों के बाद राज्य के रूप में उत्तराखंड की जनता को जो मिला, दुर्भाग्य से वह यहां की जनता के सपनों के एकदम विपरीत हमें हमारे पर्यावरण और पारिस्थितिकी के खिलाफ चलाई जाने वाली हमलावर विकास योजनाएं मिलीं. 

इस राज्य ने उत्तराखंड के आम आदमी की संघर्ष क्षमता को कुंद किया, उसको दलाल और भ्रष्ट बनने की दिशा में आगे बढ़ाने का काम किया और अपनी संस्कृति तथा परंपराओं को बाजार के हवाले करने के लिए मजबूर कर दिया. पच्चीस साल में पहुंचे इस राज्य के पास आज न अपनी संस्कृति बची है न अपनी परंपरागत कृषि विशेषज्ञता बची है न अपना पर्यावरण संरक्षित बचा है. न उसकी नदियां सुरक्षित हैं न उसके गांव सुरक्षित हैं और न ही उसका आम आदमी सुरक्षित हैं. बेरोजगारी, खराब स्वास्थ्य सेवाएं और तार-तार होती शिक्षा व्यवस्था आज के उत्तराखंड का सबसे बड़ा सच है. ऐसे उत्तराखंड का सपना तो किसी ने भी नहीं देखा था.

(हिमांशु जोशी उत्तराखंड से हैं और प्रतिष्ठित उमेश डोभाल स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार प्राप्त हैं. वह कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं और वेब पोर्टलों के लिए लिखते रहे हैं.)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.



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Friday, November 8, 2024

AMU पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला : छात्रों ने कहा- यह हमेशा से अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी, अदालत ने भी माना

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के अल्पसंख्यक दर्जे पर बड़ा फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने AMU का अल्पसंख्यक का दर्जा फिलहाल बरकरार रखा है, लेकिन साथ में यह भी साफ किया कि एक नई बेंच इसको लेकर गाइडलाइंस बनाएगी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में कहा कि एक 3 सदस्यीय नियमित बेंच अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे पर फाइनल फैसला करेगी. यह बेंच 7 जजों की बेंच के फैसले के निष्कर्षों और मानदंड के आधार पर एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे के बारे में अंतिम फैसला लेगी.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के माइनॉरिटी स्टेटस के मामले में 7 जजों की बेंच का फैसला शुक्रवार को आया. हालांकि यह फैसला सर्वसम्मति से नहीं बल्कि 4:3 के अनुपात में आया है. फैसले के पक्ष में सीजेआई, जस्टिस खन्ना, जस्टिस पारदीवाला जस्टिस मनोज मिश्रा एकमत रहे. वहीं जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एससी शर्मा का फैसला अलग रहा.

इस फैसले का यह असर होगा कि मुस्लिम छात्रों को 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी, एससी,एसटी छात्रों को आरक्षण नहीं मिलेगा. जामिया सहित अन्य अल्पसंख्यक विश्वविद्यालयों पर इसका असर पड़ेगा. 

एनडीटीवी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्रों के विचार जाने. एक छात्र ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी माइनारिटी संस्थान है. यह अल्पसंख्यक संस्थान ही रहा है और आगे भी रहेगा. एक छात्र ने कहा कि, ''यह यूनिवर्सिटी उस समय बनी थी जब बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी सहित तीन-चार अन्य विश्वविद्यालय बने थे. देश में सिर्फ यही एक अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है. कई संस्थान हैं, अलग-अलग धर्मों के हैं. एएमयू देश के पिछड़े हुए मुसलमान तबके को ऊपर लाता रहा है.'' 

एक छात्र ने कहा कि, ''सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने यह मामला तीन जजों की बैंच को रिफर किया है. इससे यह साबित होता है कि कोर्ट ने आगे हमारे लिए रास्ता दिखा दिया है. कोर्ट ने माना है कि यह एक अल्पसंख्यक संस्थान है. सर सैयद अहमद खान ने 1875 में यह संस्थान बनाया था. यह तभी से एक अल्पसंख्यक संस्थान है.'' 

एक छात्र ने कहा कि, ''करीब 4000 से अधिक नॉन मुस्लिम छात्र यहां पढ़ते हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरी दुनिया में यह पैगाम गया कि भारत और यहां की अदालतें अल्पसंख्यकों के अधिकारों का संरक्षण करती हैं. सबको रिजर्वेशन दीजिए कोई तकलीफ नहीं है लेकिन माइनारिटी भी एक तबका है.''



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Monday, November 4, 2024

उर्फी जावेद से दो कदम आगे निकल गया यह लड़का..रस्सी बम,अनार से बने गहन पहनकर दिए ऐसे एक्सप्रेशन, लोग बोले- एक तिल्ली तो सुलगाओ

सोशल मीडिया सेंसेशन उर्फी जावेद अक्सर अपने कपड़ों को लेकर इंटरनेट पर छाई रहती हैं, लेकिन अब सोशल मीडिया पर इस मामले में एक लड़का उन से भी आगे निकल गया है. इंस्टाग्राम पर ये लड़का लड़की के गेटअप में अपने अधिकांश वीडियो अपलोड करता है. खास बात ये है कि वो कभी नॉर्मल गेटअप नहीं रखता, बल्कि उसका अंदाज एकदम निराला होता है. दिवाली के मौके पर इस लड़के ने पटाखों के गहने पहनकर वीडियो अपलोड किए हैं. इस वीडियो में लड़के ने व्हाइट कलर का लहंगा और चोली भी पहना है, जिसे देखकर यूजर्स माचिस की डिमांड कर रहे हैं.

यहां देखें वीडियो

पटाखों से बनाए गहने

इंस्टाग्राम पर रवि सागर के इंस्टाग्राम हैंडल से तीन अलग-अलग वीडियो पोस्ट किए गए हैं. इन वीडियो में एक लड़का सफेद रंग का शिमरी लहंगा और चोली पहना है. सिर पर मैचिंग दुपट्टा भी डाला है. उसके ड्रेसअप से ज्यादा अट्रेक्ट करने वाली हैं उसकी ज्वैलरी. इस कंटेंट क्रिएटर ने रस्सी बम और अनार से बनी एक माला अपने गले में डाली है. एक माला लड़ की है. हाथों में लड़ के कंगन हैं और माथे पर पूरा टीका भी लड़ का ही है. अंगूठी, नथ चकरी से बनी हैं और कान में पहने झुमके अनार के हैं. माथे के ठीक बीचोंबीच रस्सी बम भी लटक रहा है. इस गेटअप में दो सॉन्ग और एक डायलॉग पर इस कंटेंट क्रिएटर ने वीडियो बनाया है. एक गाना 'आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया' का है. एक गाना 'कुछ-कुछ होता है' मूवी का है और डायलॉग देवदास मूवी का है, जिसमें वो खुद माचिस भी पकड़ा है.

यूजर्स ने कहा- माचिस तो सुलगाओ

कंटेंट क्रिएटर का ये पटाखिया अंदाज देखकर एक फैन ने कहा कि, माचिस सुलगा भी लो तो जरा और मजा आए. एक वीडियो में वो जलता हुआ दिया पकड़ा है, जिसे देखकर यूजर ने लिखा कि काश ये दिया पटाखों से टकरा जाए.

ये भी देखें:- सिर पर पानी भरा मटका रखकर किया बवाल डांस



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महाराष्ट्र के चुनावी दंगल में नामांकन वापसी के अंतिम दिन किसके बागी माने, जानिए पूरी लिस्ट

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र का चुनावी दंगल एक तो वैसे ही दोनों गठबंधनों के लिए आग का दरिया बना हुआ है. ऊपर से इन दोनों दलों की सिरदर्दी इनके बागियों ने बना दी. निर्दलीय नामांकन कर जीत की राह का रोड़ा बन गए. इन बागियों में अधिकतर जीत भले न पाएं, लेकिन अपनी पार्टी को हरवाने में मददगार जरूर साबित हो सकते हैं. यही कारण है कि नामांकन के बाद से ही इन्हें मनाने की कोशिश दोनों ही गठबंधनों की तरफ से लगातार की जा रही थी. सोमवार को नाम वापसी का अंतिम दिन था. जानिए किसने अपने पैर पीछे खींचे और कौन बाग़ी बन डटा है! 

बीजेपी ने इन्हें मनाया

बागी तो नहीं, लेकिन  महायुति और महाविकास आघाड़ी की सबसे बड़ी टेंशन और मराठा आंदोलन का चेहरा मनोज जरांगे पाटिल ने नामांकन दाखिल करने वाले अपने समर्थकों से उम्मीदवारी वापस लेने की अपील कर दोनों गठबंधनों को बड़ी राहत दी.उनके इस फ़ैसले का दोनों गठबंधनों ने स्वागत किया.इस बीच बीजेपी के लिए अच्छी खबर उसकी गढ़ माने जाने वाली बोरिवली सीट से आई. यहां से पार्टी के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने अपना नामांकन वापस ले लिया.इस सीट से बाहरी उम्मीदवार को टिकट मिलने से नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया था.इसके बाद से ही नितिन गडकरी,पीयूष गोयल, विनोद तावड़े से लेकर देवेंद्र फडणवीस समेत कई बड़े-बड़े नेताओं ने गोपाल शेट्टी को मनाने की कोशिश की.नामांकन वापसी से अब पार्टी की स्थिति यहां मजबूत मानी जा रही है. 

शिंदे खेमे में भी जश्न

इधर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा खुले मंच से आश्वासन के बाद, शिंदे सेना की बाग़ी नेता स्वीकृति शर्मा ने भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से अपने पैर वापस पीछे खींच लिए. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रचार के मंच से स्वीकृति शर्मा को भविष्य में विधायक बनाने का “कमिटमेंट” दिया! अंधेरी ईस्ट विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरी एक्स एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी स्वीकृति शर्मा के नामांकन वापस लेने से शिवसेना के उम्मीदवार मुरजी पटेल की राह आसान होगी. 

सना मलिक का काम बना

हालांकि, शिंदे अपने माहिम सीट के उम्मीदवार पर ज़ोर नहीं चला पाये. जब उम्मीदवारी वापस लेने में कुछ ही घंटे बचे थे तो सदा सरवणकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे से मिलने शिवतीर्थ पहुंच गये.राज ठाकरे नहीं मिले और सदा सरवणकर ने अपना फ़ैसला क़ायम रखा.राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे मुंबई के माहिम सीट से चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी उनका समर्थन कर रही है. प्रचार भी करेगी, लेकिन महायुति से शिंदे कैंडिडेट सदा सरवणकर चुनावी दंगल में बने हुए हैं.
मुंबई के अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट से शिंदे गुट ने अपने उम्मीदवार अविनाश राणे का नामांकन भी वापस ले लिया है. इस सीट से अजित पवार गुट से नवाब मलिक की बेटी सना मलिक चुनाव लड़ रही हैं. महायुति चाहती है कि यहां एलायंस से एक ही उम्मीदवार हो. 

उद्धव-कांग्रेस ने भी समझाया

भायखला सीट से शिवसेना यूबीटी उम्मीदवार मनोज जामसुतकर के खिलाफ बगावत करने वाले कांग्रेस के मधु चव्हाण ने भी उम्मीदवारी वापस ले ली. कोल्हापुर उत्तर विधानसभा सीट से महाविकास आघाड़ी की आधिकारिक उम्मीदवार मधुरिमा राजे ने भी उम्मीदवारी वापस ले ली.कांग्रेस के बागी राजेश लाटकर आखिर तक पीछे नहीं हटे थे, नामांकन वापस लेने के लिए बाक़ी दस मिनट में मधुरिमा राजे ने आवेदन वापस ले लिया.कसबा विधानसभा क्षेत्र से बागी कांग्रेस नेता मुख्तार शेख ने भी स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन वापस लेते हुए आधिकारिक एमवीए उम्मीदवार रवींद्र धांगेकर का समर्थन करने का फैसला किया. शिवसेना यूबीटी उम्मीदवार रंजीत पाटिल ने शिवसेना के मंत्री तानाजी सावंत के खिलाफ धाराशिव जिले की परंदा विधानसभा सीट से अपना नामांकन वापस लिया. एनसीपी-शरद गुट नेता और पूर्व विधायक राहुल मोटे, सावंत के खिलाफ परंदा से एमवीए के आधिकारिक उम्मीदवार होंगे. 

यहां फ्रेंडली फाइट

महाराष्ट्र के 2024 चुनावी दंगल में सभी पार्टियां जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं.उम्मीदवारों के नामांकन के बाद अब दोनों ही गठबंधनों को अपने बचे हुए बागियों से डर तो सता रहा है, लेकिन “फ्रेंडली फाइट” यानी दोस्ताना लड़ाई ने कुछ सीटों को और दिलचस्प भी बना दिया है. महाविकास अघाड़ी तो इस फ्रेंडली फाइट के ख़िलाफ़ है पर तीन सीटों मानखुर्द-शिवाजी नगर, मोर्शी और देवलाली पर महायुति के भीतर ही दोस्ताना बग़ावत देखते हैं क्या गुल खिलाती है.

मनोज जरांगे महाराष्ट्र चुनाव में किस ओर? सारी सेटिंग करने के बाद क्यों पलटे 



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Sunday, November 3, 2024

PM मोदी से मिले CM योगी, फिर अमित शाह और जेपी नड्डा से मिलकर बनाई रणनीति  

CM Yogi Meet PM Modi: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाक़ात की. लोकसभा चुनाव के बाद दोनों नेताओं की ये पहली औपचारिक भेंट है. दिल्ली में 7 लोक कल्याण मार्ग पर ये मुलाक़ात हुई.पीएम मोदी को सीएम योगी ने अगले साल प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ का प्रतीक चिह्न भेंट किया, लेकिन इस दौरान और भी कई मुद्दों पर बातचीत हुई. वैसे तो सीएम ऑफिस की तरफ़ से बताया गया कि  प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री की ये शिष्टाचार भेंट थी, लेकिन जब दो बड़े नेता मिलते हैं तो कई तरह की बातें होती हैं.सूत्र बताते हैं कि महाकुंभ के आयोजन पर चर्चा हुई.कुंभ दुनिया का सबसे बड़ा मेला माना जाता है,जिसमें करोड़ों श्रद्धालु आते हैं.यूपी की योगी सरकार की कोशिश इसे दिव्य और भव्य बनाने की है.पिछली बार जब प्रयागराज में साल 2019 में कुंभ आयोजित हुआ था, तब पीएम मोदी भी संगम में डुबकी लगाने पहुंचे थे. 

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बताया जा रहा है कि यूपी के राजनैतिक हालात पर भी पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ में बातचीत हुई. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी का यूपी में प्रदर्शन बड़ा ख़राब रहा.बीजेपी की सीटें 62 से घट कर 33 रह गईं. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने हार की समीक्षा भी की. यूपी में इन दिनों विधानसभा की नौ सीटों पर उप चुनाव हो रहा है.सूत्र बताते हैं कि इस मुद्दे पर भी पीएम और सीएम के बीच चर्चा हुई.प्रधानमंत्री से मिलने के बाद सीएम योगी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से भी भेंट की. झारखंड में बीजेपी का मैनिफ़ेस्टो जारी करने के बाद अमित शाह रांची से वापस लौटे थे.लौटने के तुरंत बाद उन्होंने योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात की.बताया जा रहा है कि यूपी के उप चुनाव को लेकर दोनों नेताओं में लंबी बातचीत हुई.एक-एक सीट पर मंथन हुआ.बीजेपी ने सभी नौ सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है.योगी आदित्यनाथ की तरफ़ से चुनावी तैयारी के बारे में अमित शाह को बताया गया. अमित शाह ने विधानसभा की सभी नौ सीटों का फ़ीडबैक लिया.जिन नौ सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं, उनमें से 5 पर एनडीए और बाक़ी 4 पर समाजवादी पार्टी का क़ब्ज़ा था.

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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इसी महीने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) से भी मिल चुके हैं.मथुरा में ये मुलाक़ात क़रीब ढाई घंटे तक चली थी.इस दौरान संघ के विस्तार से लेकर महाकुंभ के आयोजन तक पर चर्चा हुई थी.संघ प्रमुख जब इसी साल गोरखपुर गए थे, तब सीएम योगी से भेंट नहीं हो पाई थी. इसीलिए हाल के मुलाक़ात को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बाद में संघ की तरफ़ से सीएम योगी के नारे बंटेंगे तो कटेंगे को भी समर्थन मिला.इसके कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं.लोकसभा चुनाव में बीजेपी के ख़राब प्रदर्शन के बाद पार्टी के ही कई नेता योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुखर हो गए थे. सरकार बड़ा या फिर संगठन को लेकर लंबे समय तक विवाद चला.बाद में सीएम योगी ने एनडीए के सभी विधायकों और सांसदों से मुलाक़ात की.उनके मन को जानने की कोशिश की. 

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अमित शाह से मुलाक़ात के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से भी भेंट की. उनसे उप चुनाव से लेकर संगठन के कामकाज पर भी बातचीत हुई. यूपी में सरकार और संगठन के समन्वय पर चर्चा हुई.हाल के दिनों में यूपी में इस बात पर विवाद होता रहा है.संगठन के कुछ नेताओं ने सरकार से सहयोग न मिलने की शिकायत की थी.लोकसभा चुनाव के बाद बोर्ड और आयोग में पार्टी के समर्पित नेताओं का समायोजन शुरू हो गया है.जो काम बाक़ी रह गया है उस पर सीएम योगी ने पार्टी के अध्यक्ष से बातचीत की.



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Saturday, November 2, 2024

दिल्ली : पेपर गोदाम में लगी आग, फायर ब्रिगेड की 30 गाड़ियां मौके पर

दिल्ली के अलीपुर इलाके में शनिवार को एक पेपर गोदाम में भीषण आग लग गई. आग इतनी भीषण थी कि धुएं का गुबार कई किलोमीटर दूर से ही देखा जा सकता था. आग लगने की सूचना के बाद फायर ब्रिगेड की 30 गाड़ियां मौके पर पहुंची. फिलहाल आग बुझाने का काम जारी है. अभी आग लगने की वजह का पता नहीं चल पाया है.

लोगों ने बताया कि गोदाम में भारी मात्रा में पेपर और प्लास्टिक रखा होने से आग ने कुछ ही समय में विकराल रूप ले लिया. आसपास के लोगों ने आग लगने की जानकारी फायर ब्रिगेड को दी. इसके बाद एक-एक कर 30 फायर टेंडर मौके पर पहुंचे. एहतिहात के तौर पर आसपास के गोदामों को भी खाली करा लिया गया है. 

इससे पहले शनिवार को ही गाजियाबाद स्थित एक फैक्ट्री में आग लगने की घटना सामने आई थी. घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.



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Thursday, October 31, 2024

दिवाली के दिन घर पर लगा डाली ऐसी लाइट्स, जगमगाहट देख चौंधिया गई लोगों की आंखें, बोले- भाई लाइट जलानी थी गांववालों को नहीं

देश भर में इन दिनों दिवाली की धूम है. पटाखों और मिठाइयों की खरीदारी के साथ ही तरह-तरह के लाइट्स भी मार्केट में खूब मिल रही हैं. हर कोई अपने घर को खास लुक देने के लिए उसे तरह-तरह की सजावटी लाइटों से सजाता है, लेकिन कुछ लोग घर को सजाने में चक्कर में ऐसी-ऐसी लाइटें लगा देते हैं कि देखने वाले की हंसी छूट जाए. दिवाली के मौके पर ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर आप भी कहेंगे भाई ये क्या कर दिया.

कमाल का है ये डेकोरेशन

वीडियो को _mr_ashu_111 नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है. वीडियो में एक तीन मंजिला मकान नजर आ रहा है. इस मकान की सजावट देख आपकी आंखें भी चौंधिया जाएंगी. ऊपर से नीचे तक इस मकान को डीजे वाली लाइट्स से सजाया गया है. इन लाइट्स को देख कभी ऐसा लगता है कि मकान पर बर्फ की बारिश हो रही है, तो कभी ऐसा लगता है कि बिजली तेज रफ्तार से ऊपर नीचे आ जा रही है. पोस्ट करने वाले ने बताया कि, दिवाली की ये सजावट करने में 75 हजार रुपये का खर्चा आया है.

यहां देखें वीडियो

लाइट जलाया है या गांववालों को..

वीडियो पर लोग जमकर लाइक्स और कमेंट्स कर रहे हैं. एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, भाई लाइट जलानी थी गांववालों को नहीं. दूसरे ने पूछा, ये घर है या क्लब. तीसरे यूजर ने लिखा, जिसने भी लगवाया है कमाल है भाई. एक अन्य यूजर ने लिखा, हमारे घर पर ऐसा होता तो हमारे पड़ोसी पक्का जल जाते.

ये भी देखें:- सिर पर पानी भरा मटका रखकर किया बवाल डांस



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दिवाली की सफाई से जुड़ी वायरल जरूरी सूचना, सुनकर हंस हंसकर लोटपोट हुई पब्लिक

सोशल मीडिया के कुछ प्लेटफॉर्म्स पर इंफ्लूएंसर्स ने दिवाली का माहौल भी खूब बना कर रखा है. कुछ इंफ्लूएंसर्स ने रंगोली बनाने के टिप्स दिए हैं, तो कुछ पकवान बनाना और घर की सजावट करने के तरीके सिखा रहे हैं. कुछ ऐसे भी हैं जो नए गैजेट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स की जानकारी दे रहे हैं. इन इंफ्लूएंजर्स की भीड़ में एक इंफ्लूएंसर ऐसा भी है...जो सफाई करने से पहले की एक जरूरी टिप्स दे रहा है, जिसे सुनकर आप भी हंस-हंस कर लोटपोट हो सकते हैं या फिर आपको कोई खास लम्हा भी याद आ सकता है. आप भी सुनिए सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये वॉर्निंग.

सफाई से पहले ध्यान रखें ये बात

इंस्टाग्राम पर सोनू सिंह नाम के एक हैंडल से ये वीडियो पोस्ट हुआ है, जिसमें एक शख्स रोड पर खड़ा हुआ दिख रहा है. ये शख्स जोर-जोर से अनाउंसमेंट करता दिख रहा है. बीच बाजार में खडे होकर ये शख्स अनाउंस करता है कि, सुनो..सुनो..सुनो दिवाली से पहले की जरूरी सूचना. दिवाली की सफाई शुरू होने वाली है. उससे पहले अपना कोई पुराना प्रेमपत्र या लव लेटर या फिर कोई घड़ी हो तो उसे पहले ही हटा लें. कहीं दिवाली की सफाई में मिल गई, तो आपकी मुश्किल बढ़ सकती है. इस अनाउंसमेंट पर वहां से गुजरने वाले लोग हंसते हुए दिखाई देते हैं. इस पोस्ट को कैप्शन दिया है दिपावली सूचना.

यहां देखें वीडियो

यूजर्स ने कहा बात तो सही है..

मजेदार बात ये है कि यूजर्स को भी सोनू सिंह की ये वॉर्निंग काफी पसंद आई. एक यूजर ने लिखा कि, भाई बिल्कुल सही बात याद दिलाई है. बहुत से यूजर्स ने लाफिंग इमोजी शेयर कर ये जताया है कि उन्हें ये वीडियो काफी मजेदार लगा. खबर लिखे जाने तक इस वीडियो को 5 लाख 63 हजार से भी ज्यादा लाइक्स मिल चुके थे.

ये भी देखें:- सिर पर पानी भरा मटका रखकर किया बवाल डांस



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