भारत में यूके के शीर्ष राजनयिक ने शुक्रवार को NDTV से खास बातचीत में कहा कि ब्रिटिश संगठन जो अन्य देशों में काम कर रहे हैं, उन्हें उन देशों के कानूनों का पालन करना चाहिए. उन्होंने यह बात भारतीय एजेंसियों द्वारा विदेशी फंडिंग नियमों के कथित उल्लंघन के लिए Oxfam India और बीबीसी के खिलाफ जांच के कुछ दिनों बाद कही है.
प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत बीबीसी इंडिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है. मामला इस बात से संबंधित है कि भारत में संगठन विदेशों से फंड कैसे प्राप्त कर सकते हैं. बीबीसी पर विदेशी फंडिंग नियमों के उल्लंघन के आरोपों के बाद अधिकारी ब्रिटिश-स्थापित गैर-लाभकारी संस्था ऑक्सफैम इंडिया की भी जांच कर रहे हैं. भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा कि वे इन मामलों से वाकिफ हैं, लेकिन नियमों के मुताबिक वो ऑक्सफैम इंडिया मामले की डिटेल नहीं दे सकते हैं.
भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने NDTV से कहा, "यूके में कुछ विश्व स्तर पर सम्मानित संस्थान हैं. बीबीसी उनमें से एक है. यह स्पष्ट है कि बीबीसी को उस देश के कानूनों का सम्मान करना चाहिए, जहां वो काम कर रही है." उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि भारतीय अधिकारी ऑक्सफैम और बीबीसी से बात कर रहे हैं. उन्हें इससे निपटना है. अहम सवाल ये है कि ये दोनों क्या भारत के कानूनों के दायरे में रहकर काम कर रहे हैं?"
जांचकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि ऑक्सफैम इंडिया ने 2013 और 2016 के बीच निर्दिष्ट बैंक खाते के बजाय सीधे अपने 'विदेशी योगदान उपयोग खाते' में 1.5 करोड़ रुपये प्राप्त किए. जांचकर्ताओं द्वारा दायर की गई शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के उल्लंघन में वित्तीय वर्ष 2019-20 में एक अन्य गैर-लाभकारी थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च को 12.71 लाख रुपये दिए.
ऑक्सफैम इंडिया मामले के बारे में पूछे जाने पर एलिस ने कहा, "मैं मामले के विवरण में नहीं जा रहा हूं. निश्चित रूप से हम भारतीय अधिकारियों से कई मुद्दों पर बात करते हैं, लेकिन मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता."
बीबीसी ने जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों पर "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" नाम से एक डॉक्यूमेंट्री चलाई थी. सरकार ने बीबीसी की इस सीरीज को प्रोपगेंडा करार दिया था. भारत में बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री को बैन भी कर दिया गया था.
हाल ही में आयकर विभाग ने करों में अनियमितताओं, मुनाफे के डायवर्जन और नियमों का पालन न करने के आरोपों को लेकर बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों में आईटी सर्वे किया था. सर्वे के दौरान बीबीसी के वरिष्ठ कर्मचारियों को सवालों के जवाब देने के लिए रात भर ऑफिस में रुकना पड़ा था.
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