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Saturday, October 3, 2020

43 साल पहले यूएन में पहली बार हिंदी में भाषण; दुनिया का पहला सैटेलाइट स्पूतनिक अंतरिक्ष में गया; कई देशों के लिए बदला था कैलेंडर

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जितने बेहतरीन राजनेता थे, उतने ही अच्छे कवि और वक्ता। उन्होंने कई ऐसे काम किए कि भारत को दुनिया में एक अलग पहचान मिली। प्रधानमंत्री के तौर पर पोखरन परमाणु परीक्षण ऐसा ही एक कदम था। वैसे, कम ही लोगों को पता है कि 1977 में उन्होंने 4 अक्टूबर को यूएन की महासभा में पहली बार हिंदी में भाषण देकर नया इतिहास रचा था।

उस समय अटल जी मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी में विदेश मंत्री थे और उन्हें ही महासभा को संबोधित करने का मौका मिला था। उन्होंने इस मौके का इस्तेमाल हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए किया। पहली बार भारत की राजभाषा यूएन के मंच से सुनाई दी। करीब तीन मिनट का भाषण खत्म होने के बाद यूएन में आए सभी देश के प्रतिनिधियों ने खड़े होकर वाजपेयी का तालियों से स्वागत किया।

यूएसएसआर ने लॉन्च किया स्पूतनिक 1

स्पूतनिक-1 जिसे सोवियत संघ ने अंतरिक्ष में भेजा था। यह दुनिया का पहला सैटेलाइट है जिसे सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। इसके बाद ही रूस और अमेरिका में अंतरिक्ष में उपलब्धियां हासिल करने के लिए होड़ शुरू हुई थी।

बात 63 साल पुरानी है। सोवियत संघ ने दुनिया का पहला कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित किया और इसका नाम स्पूतनिक-1 रखा। रूसी भाषा में यात्री को स्पूतनिक कहा जाता है। मानव इतिहास के पहले 83.5 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट ने 92 दिन में 1400 बार पृथ्वी का चक्कर लगाया।

पहली बार अंतरिक्ष से पृथ्वी पर रेडियाे संदेश भेजा। भले ही सोवियत संघ नहीं बचा है और कई देश अलग होकर आजाद हो चुके हैं, रूस आज भी स्पूतनिक को अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि मानता है। इसी वजह से कोविड-19 का वैक्सीन डेवलप किया तो उसका नाम रखा स्पूतनिक-5 और इसे बिना फेज-3 ट्रायल्स के रूसी जनता के लिए उपलब्ध भी कर दिया।

1582: इटली, पोलैंड, पुर्तगाल ने अपनाया ग्रेगोरियन कैलेंडर

इटली, पोलैंड, पुर्तगाल और स्पेन ने पोप ग्रेगरी के आदेश पर ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया था। इसे इक्विनॉक्स और सॉलस्टाइसेस जैसी घटनाओं को एडजस्ट करने के लिए ही बनाया था। यह भी ध्यान रखा कि नॉदर्न हेमिस्फीयर के स्प्रिंग इक्विनॉक्स के आसपास ही ईस्टर को सेलिब्रेट किया जा सके। कई दिन छोड़ दिए थे। 4 अक्टूबर के बाद एकदम से 15 अक्टूबर आ गया था। आज ज्यादातर देशों में ग्रेगोरियन कैलेंडर ही मान्य है।

आज की तारीख को इन घटनाओं के लिए भी जाना जाता हैः

  • 1302ः बैजेंटाइन साम्राज्य तथा वेनिस गणराज्य के बीच शांति समझौता हुआ।
  • 1824ः मैक्सिको रिपब्लिक बना।
  • 1830ः नीदरलैंड से अलग होकर बेल्जियम नया देश बना।
  • 1943ः अमेरिका ने सोलोमन द्वीप पर कब्जा किया।
  • 1963ः क्यूबा और हैती में चक्रवाती तूफान फ्लोरा से छह हजार लोगों की मौत।
  • 2006ः जूलियन असांजे ने खुफिया वेबसाइट विकिलीक्स की स्थापना की।
  • 2011ः अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) प्रमुख अबू बकर अल बगदादी को वैश्विक आतंकवादी के रूप में चिह्नित किया और साथ ही उस पर एक करोड़ डाॅलर का ईनाम भी रखा।
  • 2012ः फाॅर्मूला वन के बादशाह माइकल शूमाकर ने संन्यास लिया।


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Today History for October 4th/ What Happened Today | Atal Bihari Vajpayee Addressed UN in Hindi | Russian Satellite Sputnik-1 launched in space | Who addressed UN Assembly in Hindi first


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देश में 29.9% ट्रांजेक्शन डिजिटल कार्ड से हो रहा, हैकर्स ज्यादातर फ्रॉड स्किमिंग डिवाइस लगाकर और ऑनलाइन डेटा चुराकर कर रहे; 5 तरीकों से सेफ रहें

कुछ समय पहले हैकर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर अकाउंट हैक कर लिया और उनसे डोनेशन मांग रहे थे। इससे आप सोच सकते हैं कि जब देश के प्रधानमंत्री ऑनलाइन फ्रॉड से नहीं बच सकते हैं, तो हम कैसे बचेंगे।

अब आंकड़ों की बात करते हैं। देश में पिछले साल एक अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच सिर्फ 92 दिन में हैकर्स ने 128 करोड़ रुपए का फ्रॉड किया। ये सब उन्होंने नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड में सेंध लगाकर किया।

डिजिटल टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट ललित मिश्रा बताते हैं कि हैकर्स ज्यादातर ऑनलाइन फ्रॉड आइडेंटिटी थेफ्ट के जरिए करते हैं, यानी वे हमारी पहचान और निजी जानकारी को चुरा लेते हैं। इसके बाद वे हमारे अकाउंट से ट्रांजेक्शन कर लेते हैं और हमें पता भी नहीं चलता है।

कैसे चुराते हैं हमारी पर्सनल जानकारी?

  • ललित मिश्रा कहते हैं कि देश में ज्यादातर ऑनलाइन फ्रॉड स्कीमिंग डिवाइस के जरिए ही हो रहा है। दरअसल, हमारे जितने भी डिजिटल कार्ड हैं, उनके पीछे एक मैग्नेटिक स्ट्रिप लगी होती है। इसी में यूजर्स की निजी जानकारी सेव होती है। हैकर्स इसे चुराने के लिए एटीएम या पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन में स्किमिंग डिवाइस लगा देते हैं। यह एक पतली डिवाइस होती है।
  • इसके बाद जैसे ही आप किसी शॉपिंग मॉल या एटीएम में जाकर कार्ड से ट्रांजेक्शन करेंगे, आपकी सारी जानकार उस डिवाइस में सेव हो गई। फिर हैकर्स आपके अकाउंट से कभी भी पैसे निकाल सकता है। हैकर्स ओपन सोर्स इंटेलीजेंस का भी इस्तेमाल करते हैं।

देश में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की क्या है स्थिति?

  • आरबीआई के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल ट्रांजेक्शन का 29.9% डिजिटल कार्ड के जरिए होता है।
  • इनमें से अधिकांश में मैग्नेटिक स्ट्रिप का इस्तेमाल होता है। इन पर हैकर्स कार्ड रीडर की जगह स्कीमिंग डिवाइस लगा देते हैं। इससे हैकर्स आपके कार्ड की क्लोनिंग करके अवैध ट्रांजेक्शन शुरू कर देते हैं।

आइडेंटिटी थेफ्ट से बचने का तरीका?

  • आरबीआई का कहना है कि दुकानदार कार्ड स्वाइप करने वाले एटीएम रीडर की जगह पिन पैड वाली रीडिंग डिवाइस का इस्तेमाल करें।
  • इसके अलावा यूजर्स को पिन नंबर टाइप करके ट्रांजेक्शन करना चाहिए, इसे स्कीमिंग डिवाइस में रीड नहीं किया जा सकता है।
  • कार्ड की जगह UPI ट्रांजेक्शन ज्यादा सेफ है, यह आरबीआई की निगरानी में होता है। यदि कोई फ्रॉड करता है, तो आरबीआई के पकड़ में आ जाता है।

ओपन सोर्स इंटेलीजेंस क्या है?

साइबर क्राइम की दुनिया में इसे 'क्रिडेन्शियल स्टफिंग अटैक' कहा जाता है। इसी साल सितंबर में कनाडा में ऐसा ही मामला सामने आया था, जब ऑनलाइन टैक्स रेवेन्यू सर्विस समेत कुछ अन्य सरकारी एजेंसियों पर क्रिडेन्शियल स्टफिंग अटैक हुआ।

इसमें हैकर्स ने हजारों लोगों की जानकारी चुराई, फिर कोविड रिलेटेड ग्रांट के लिए एप्लाई किया और पैसा निकाल लिया। इसके लिए हैकर्स ओपन सोर्स इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करते हैं। वे आपकी हर जानकारी जुटाते हैं, जो आपके फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन पोस्ट से भी मिल सकती है।

कौन से हैकर्स ग्रुप जो ज्यादा सक्रिय हैं?
ललित मिश्रा बताते हैं कि दुनिया में एम-ऐजकार्ट, क्रिक दो बड़े हैकर्स सिंडीकेट हैं। पिछले साल इन्होंने ट्रैवल वेबसाइट्स से 90 लाख से ज्यादा यूजर्स का पर्सनल डेटा चुराया था। कुछ समय पहले ब्रिटिश एयरवेज की साइट से 3.80 लाख ट्रेवलर्स का पर्सनल डेटा हैक कर लिया था। एम-ऐजकार्ट ने ट्विटर का डेटा चुराया था।

आइए ऐसे 5 तरीके जानते हैं, जिससे आपके ऑनलाइन आंकड़े चुराए जा सकते हैं। और जानिए आप कैसे सुरक्षित रह सकते हैं...
1. फिशिंग

  • फिशिंग एक फ्रॉड इमेल है, जिसकी मदद से आपसे आंकड़े मंगाए जाते हैं। यह देखने में असली जैसा ही लगता है। लेकिन हैकर फिशिंग ईमेल के जरिए पहले आपको भरोसा दिलाने की कोशिश करता है। फिर बताता है कि वो आपके फायदे के लिए बैंक एकाउंट की जानकारी या अन्य आंकड़े मांग रहा है।
  • फिशिंग में आपके बैंक के नाम से ईमेल आते हैं, जिसमें कहा जाता है कि आपका डेबिट कार्ड रद्द हो गया है और कार्ड नंबर या आधार नंबर बताने पर ही आपको नया कार्ड जारी किया जाएगा। आपको लग सकता है कि बैंक ने ही यह जानकारी मांगी है, लेकिन यह हैकर हो सकता है।

कैसे रहें सुरक्षित?

  • डोमेन नाम या ईमेल एड्रेस में स्पेलिंग की गलतियों पर ध्यान दें।
  • किसी भी संदिग्ध लिंक या ईमेल पर क्लिक करने से पहले दो बार सोचें।

2. मेल वेयर

  • यह एक सॉफ्टवेयर होता है, जो किसी सिस्टम की जानकारी या आंकड़े की चोरी के लिए बनाया जाता है। यह आपके मोबाइल या लैपटॉप से संवेदनशील आंकड़े चुराने, उसे डिलीट करने या फिर आप पर नजर रखने जैसी एक्टिविटी करता है।

मेल वेयर 4 तरह के होते हैं-

  1. वायरस: यह कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में जाकर फाइल/सिस्टम तक आपकी पहुंच को मुश्किल बनाता है।
  2. ट्रोजन: यह आपके सिक्योरिटी सिस्टम से परे जाकर बैक डोर बनाता है, जिससे हैकर आपके सिस्टम पर नजर रख सकता है।
  3. स्पाई वेयर: यह आपकी जासूसी करने के लिए बनाया जाता है। यह आपकी आईडी, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर और नेट व की-बोर्ड चलाने की आदत को पढ़ता है।
  4. की लॉगर: यह स्पाई का ही एक विकल्प है, जो आपके की-वर्ड को रिकॉर्ड कर लेता है।

कैसे रहें सुरक्षित?

  • अच्छा एंटी वायरस सॉफ्टवेयर इंस्टाल करें।
  • कोई नकली सॉफ्टवेयर डाउनलोड ना करें।
  • एंटी वायरस के नकली पॉप-अप पर कभी क्लिक ना करें।
  • ऑपरेटिंग सिस्टम को हमेशा अपडेट रखें।
  • पायरेटेड ऐप या सॉफ्टवेयर से हमेशा बचें।

3. मोबाइल ऐप्स
गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर पर मौजूद सभी ऐप सुरक्षित नहीं होते। ऐप आपसे मोबाइल के सभी डेटा तक पहुंचने की परमिशन मांगते हैं, जिससे हैकर आपकी सारी जानकारी चुरा सकता है। साथ ही आपकी गोपनीय जानकारी भी सार्वजनिक कर सकता है। इसलिए हर किसी ऐप को सभी अनुमति हमेशा ना दें।
कैसे सेफ रहें?

  • किसी ऐप को डाउनलोड करने से पहले परमिशन चेक करें।
  • उसकी समीक्षा और रेटिंग पर ध्यान दें।
  • 50,000 से कम डाउनलोड वाले ऐप ना इंस्टाल करें।
  • पायरेटेड/क्रैक ऐप डाउनलोड ना करें।

4. स्मिशिंग

  • स्मिशिंग यह भी फिशिंग का ही एक तरीका है, जिसमें आप फोन या SMS पर किसी को व्यक्तिगत जानकारी दे देते हैं। इसमें हैकर्स आपसे सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग कर आपसे जानकारी मांगते हैं।

कैसे सुरक्षित रहें?

  • यदि आपसे कोई फोन या SMS करके गोपनीय जानकारी मांगता है, तो कतई न दें।
  • किसी मैसेज पर आए लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे अच्छी तरह चेक करें।

5. फिजिकल खतरे

  • आपका लैपटॉप, हार्ड डिस्क, मोबाइल लेकर भी कोई उससे गोपनीय जानकारी चुरा सकता है। यह कई बार अंजाने में आपका कोई करीबी भी कर सकता है। यह आपके घर या दफ्तर, कहीं भी हो सकता है।

कैसे बचें ?

  • अपनी पर्सनल डिवाइस किसी को मत दें। अगर आपके लैपटॉप, मोबाइल में कोई गोपनीय जानकारी है तो उसे पासवर्ड डालकर सुरक्षित करें।

तीन साल में हैकर्स ने देश में 547 करोड़ रुपए चुराए

अप्रैल 2017 से लेकर दिसंबर 2019 के बीच देशभर में ऑनलाइन फ्रॉड के 1.1 लाख केस दर्ज हुए। जबकि इन तीन सालों में लोगों के 547 करोड़ रुपए भी चुराए गए।



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Online Fraud and Social Media Connection; Five Ways Hackers Steal Information, Know How To Avoid It In Simple Words


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सुना है गठबंधनों में सीटों की कमी चल रही है, इस बार तो लगता है कि नेताजी को बैठने के लिए भी सीट जीतनी पड़ेगी

बिहार में चुनाव की तारीखों का ऐलान तो हो गया, लेकिन जिन्हें चुनाव लड़ना है, वो पार्टियां अभी तक ये तय नहीं कर पाई हैं कि वो कितनी सीटों पर लड़ेंगी और कहां से लड़ेंगी? बीता पूरा हफ्ता सभी पार्टियों ने इसी माथापच्ची में गुजारा। वहीं दलित वोटबैंक को साधने के लिए हर पार्टी अपनी-अपनी ओर से कुछ न कुछ कर रही हैं। कोई दलित वोटरों पर पकड़ रखने वाली पार्टियों से गठबंधन कर रहा है, तो कोई दलित नेता को कार्यकारी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बना रहा है। बिहार चुनाव की पिछले हफ्ते की सियासत को हमारे कार्टूनिस्ट मंसूर ने कुछ ऐसे देखा...



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Bihar Vidhan Sabha Election 2020 Cartoons | Tejaswi Yadav Mahagathbandhan Seat Sharing, Upendra Kushwaha BSP Alliance, Pappu Yadav Alliance


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ठेकेदार बोला- किसी भी पार्टी के नेता की रैली के लिए 100 से 150 बाइक वाले ला सकता हूं, 10 किमी के 300 और 20 किमी के 500 रुपए लगेंगे

मेरी उम्र उस समय कुछ 17 साल रही होगी। मेरा एक दोस्त था, जिसे उसके 18वें जन्मदिन पर पिताजी ने बाइक गिफ्ट दी। एक दिन वो मेरे घर आया और मुझसे कहने लगा चलो घूमकर आते हैं। थोड़ी देर में हम एक पेट्रोल पंप पर पहुंचे। वहां बहुत लंबी लाइन लगी थी।

मैंने एक चीज नोट की कि लोग पेट्रोल तो भरवा रहे थे, लेकिन पैसे कोई नहीं दे रहा था। मेरे दोस्त ने भी अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवाया और पैसे नहीं दिए। मैंने जब उससे पूछा तो उसने कहा कि नेताजी की रैली में जा रहे हैं। सब इंतजाम उनकी तरफ से है।

हो सकता है कि ऐसा कभी न कभी आपके साथ भी हुआ है। लेकिन, बिहार में चुनाव की तारीखें आने के बाद अब किराए से बाइक वालों की भीड़ जुटाने का बिजनेस शुरू हो गया है। इसके लिए बाकायदा ठेकेदार हैं, जो नेताओं के लिए भीड़ इकट्ठी करती है और उसके बदले में इन्हें पैसा मिलता है। हालांकि, कोरोना की वजह से इस बार बड़ी-बड़ी रैलियों और भीड़ इकट्ठा करने पर रोक जरूर है, उसके बावजूद इसे चलाने वाले सक्रिय हो गए हैं।

भास्कर ने जब किराए की भीड़ की पड़ताल के लिए ठेकेदारों का स्टिंग ऑपरेशन किया तो चौंकाने वाली बातें सामने आई। पता चला कि महज 300 रुपए में बाइकर्स मिल जाते हैं, जो नेताजी के लिए भीड़ बढ़ाने का काम करते हैं। ये भीड़ नेताओं की जयकार भी करती है और उनकी पार्टी का झंडा भी उठाती है। थोड़ी देर बाद यही भीड़ किसी दूसरी पार्टी के नेता के जयकार करने लगती है।

ऐसे हुआ किराए की भीड़ लाने वाले ठेकेदारों का खुलासा

सबसे पहले नेताओं के लिए किराए की भीड़ जमा कराने वाले ठेकेदारों की पहचान की, उनसे बात की और खुद राजनीतिक पार्टी के लिए इलेक्शन मैनेजमेंट का काम करने की बात कहकर भरोसा बनाया। भरोसा होते ही ठेकेदार ने एक-एक करके वो सारी बातें बता दीं, जो नेताओं के साथ होती थी।

बातचीत में पता चला कि ये किराए की भीड़ एक तरह से टैरिफ पर काम करती है। ठेकेदार पहले नेताओं से किलोमीटर के हिसाब से डील करते हैं। ये भीड़ नेताओं के साथ टैरिफ वाले समय तक जिंदाबाद करती है।

नीचें पढ़े भास्कर रिपोर्टर और ठेकेदार के बीच बातचीत...

रिपोर्टर - हैलो, नमस्ते भैया...मैं...बोल रहा हूं।

ठेकेदार - बोलो।

रिपोर्टर - बात हुई थी आपसे...बोरिंग रोड पर मुलाकात हुई थी।

ठेकेदार – हां...हां...बताओ।

रिपोर्टर - भैया मैं रहने वाला तो बाहर का हूं, यहां इवेंट मैनेजमेंट का काम कर रहा हूं।

ठेकेदार - हां बोलो क्या?

रिपोर्टर - कुछ पार्टियों की डिमांड आई थी रैली के लिए बाइक के साथ लड़कों की, आपकी मदद मिल जाएगी क्या?

ठेकेदार - ऐसा है न…तुम एक आध घंटे में हमको कॉल करोगे।

रिपोर्टर - भैया अभी....नेताजी को बताना था।

ठेकेदार - हां हो, ओह

रिपोर्टर - अच्छा ये बता दीजिए कितना लगेगा?

ठेकेदार - पर बाइक 300 रुपया देना होगा।

रिपोर्टर - तेल देना होगा अलग से?

ठेकेदार - नहीं…तेल के साथ, कहां से कहां जाना है अगर लॉन्ग डिस्टेंस हुआ तो पर बाइक 500...कम दूरी हुई तो 300 देना होगा।

रिपोर्टर - कितने किलो मीटर का 500 और कितने किलो मीटर का 300 देना होगा।

ठेकेदार - 10 किलोमीटर जाना है तो 300...अगर 15 से 20 किलोमीटर जाना हो तो 500 देना होगा।

रिपोर्टर - कितना मैक्सिमम हो सकता है, कितना लोग मिल सकते हैं?

ठेकेदार - 100 बाइक का हो जाएगा।

रिपोर्टर - कागज पत्र तो होगा उन सभी का, हालांकि कागज पत्र कौन चेक करेगा।

ठेकेदार - रैली में कागज पत्र कौन चेक करता है, पहले पूछ लो बात करके कंफर्म कर लो।

रिपोर्टर - भैया वो तो ज्यादा बता रहे थे, उन्हें ढाई से तीन सौ तक चाहिए था।

ठेकेदार - पहले पूछो तो सही पैसा देंगे या नहीं देंगे।

रिपोर्टर - पैसा तो देंगे, पैसा तो एडवांस देने की बात हुई है।

ठेकेदार - हां तो पैसा एडवांस दिला दो, फिर हम करेंगे आगे। नहीं दिए तो नहीं हो पाएगा।

रिपोर्टर - भैया ढाई तीन सौ की व्यवस्था हो जाएगी न।

ठेकेदार - ढाई तीन सौ नहीं कह सकते बाबू, हम डेढ़ सौ मिनिमम...झूठ नहीं बोलेंगे डेढ़ सौ तक का कर देंगे।

रिपोर्टर - इधर कोई ऑर्डर मिला है क्या?

ठेकेदार - नहीं अभी तो ऑर्डर कोई नहीं मिला है, पहले पूछ लेना रैली निकल रहा है, आचार संहिता लागू हो गई है।

रिपोर्टर - वो दूसरे तरह की रैली निकाल रहा है।

ठेकेदार - हां पहले पूछ लेना, फिर बताना।

रिपोर्टर - ठीक है भैया, व्यवस्था हो जाएगी न ।

ठेकेदार - हां हां हो जाएगी।

भीड़ को नारे लगाने होते हैं, एक गाइड भी होता है

किराए की भीड़ के कई काम होते हैं। सबसे पहला काम तो यही होता है कि इन्हें नेताजी की गाड़ी के पीछे अपनी बाइक दौड़ानी होती है। नेताजी के नारे लगाने होते हैं। नारे क्या लगेंगे, ये नेताजी और ठेकेदार तय करते हैं। भीड़ को गाइड करने वाला भी होता है, जो ये ध्यान रखता है कि बाइकर्स झंडे सही से उठा रहे हैं या नहीं।

ज्यादातर बाइकर्स वो होते हैं, जो बिगड़ैल और आपराधिक प्रवृत्ति के होते हैं

भीड़ बढ़ाने का काम करने वाले इन बाइकर्स में ज्यादातर वो लड़के होते हैं, जो बिगड़ैल और आपराधिक प्रवृत्ति वाले होते हैं। लूट, चोरी जैसी वारदातों में बाइकर्स का नाम आने के बाद करीब तीन साल पहले पटना के उस समय के एसएसपी मनु महाराज ने इन गैंग्स की पड़ताल की। पटना में ही करीब 50 से ज्यादा गैंग के 150 से ज्यादा लड़कों के नाम सामने आए थे, जो लूट, चोरी समेत कई वारदातों में शामिल थे। कार्रवाई हुई थी, लेकिन गैंग पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ।

समय बदला है, पहले भीड़ आती थी, अब बुलाई जाती है

एक्सपर्ट सुनील सिन्हा बताते हैं कि पहले नेताओं को सुनने के लिए भीड़ अपने साधन से या ट्रैक्टर-ट्रॉली से या बसों से पहुंच जाती थी। लेकिन, अब ट्रेंड बदल रहा है। अब भीड़ जुटाने के लिए नेताओं को मशक्कत करनी पड़ती है।

वहीं, बिहार की राजनीति में लंबे अरसे से नजर रखने वाले धनवंत सिंह राठौर कहते हैं कि पहले नेताओं के पास मुद्दे होते थे, लोग उनकी बात सुनने के लिए खुद आते थे। लेकिन, अब भीड़ में शामिल किसी व्यक्ति से पूछ लिया जाए कि वो किसकी रैली या जुलूस में आया है, तो शायद वो इसका जवाब भी न दे पाए।

डॉ. आशुतोष बताते हैं, बिहार में ऐसे कई बड़े नेता हुए हैं, जिन्हें सुनने के लिए गांधी मैदान भर जाता था, लेकिन अब ऐसा ट्रेंड आया है कि नेताओं को अपनी दमदारी दिखाने के लिए किराए की भीड़ लानी पड़ती है। वो कहते हैं पहले भीड़ आती थी, अब बुलानी पड़ती है।



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Bihar Election 2020; Dainik Bhaskar Sting Update | Political Party Pay Money to Fake Crowd For Bihar Vidhan Sabha Chunav Rally


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तस्वीरों में मोदी-योगी के साथ दिख रहा ये शख्स हाथरस केस में दुष्कर्म के आरोपी का पिता है? जानिए पूरा सच

सोशल मीडिया पर पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ खड़े एक शख्स की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। दावा किया जा रहा है कि ये शख्स हाथरस में 19 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी संदीप का पिता है।

और सच क्या है ?

  • दैनिक भास्कर की रिपोर्ट से ये पुष्टि होती है कि हाथरस केस में संदीप नाम का शख्स मुख्य आरोपी है। हालांकि, इंटरनेट पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें ये जिक्र हो कि संदीप के पिता के भाजपा नेताओं से कोई संबंध अब तक सामने आए हैं।
  • वायरल हो रही फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से बोलता हिंदुस्तान नाम की वेबसाइट पर हमें एक साल पुरानी खबर मिली। इस खबर में तस्वीर में मोदी के साथ खड़े दिख रहे शख्स को श्याम प्रकाश द्विवेदी बताया गया है।
  • दावे से जुड़े की वर्ड सर्च करने से कुछ मीडिया रिपोर्ट हमारे सामने आईं। इनसे पता चलता है कि श्याम प्रकाश द्विवेदी, भाजपा के युवा मोर्चा, काशी प्रांत के पूर्व उपाध्यक्ष हैं। श्याम प्रकाश पर एक युवती ने गैंगरेप का आरोप लगाया है। आरोप है कि जमीन दिलाने के बहाने बुलाकर श्याम प्रकाश और उद्योगपति राशिद फरीदी ने युवती के साथ बलात्कार किया था। भाजपा नेता अभी फरार है।
  • भाजपा नेता श्यामप्रकाश द्विवेदी के नाम पर बने अलग-अलग सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी उसी शख्स की तस्वीर है। जिसे संदीप का पिता बताया जा रहा है।
  • इन सबसे स्पष्ट है कि वायरल हो रही फोटो में मोदी और योगी के साथ खड़ा दिख रहा शख्स संदीप का पिता नहीं है। बल्कि एक अन्य दुष्कर्म मामले का फरार आरोपी भाजपा नेता श्याम प्रकाश द्विवेदी है।


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Fact Check: This person seen in the pictures with Modi-Yogi is the father of the accused of rape in the Hathras case? Know the whole truth


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कोरोना पॉजिटिव ट्रम्प को चूहे और इंसान की एंटीबॉडी से तैयार दवा दी गई, यह दूसरे मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं; दावा- 6 हफ्तों तक वायरस से सुरक्षित रखती है

कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को मेरीलैंड के वॉल्टर रीड हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। उन्हें हल्का बुखार, सर्दी और सांस लेने में कुछ परेशानी बताई गई है। डॉक्टर्स ट्रम्प का इलाज ऐसी एंटीबॉडी ड्रग से कर रहे हैं जो फिलहाल दूसरे कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं है। यह एंटीबॉडी कॉकटेल ड्रग है। इसका नाम REGN-COV2 है। ट्रम्प को इस दवा के 8 ग्राम का एक डोज दिया गया है।

ट्रम्प के ट्रीटमेंट से जुड़ी 4 खास बातें

1. अमेरिकी कम्पनी ने तैयार की दवा REGN-COV2
REGN-COV2 दवा को अमेरिकी कम्पनी रीजेनेरन ने तैयार किया है। जिसका ट्रायल लंदन में चल रहा है। कम्पनी का दावा है कि ट्रायल के रिजल्ट बेहतर दिख रहे हैं। इस दवा में चूहे और कोरोना से रिकवर हुए मरीज की एंटीबॉडी का इस्तेमाल किया गया है। कम्पनी का दावा है, दोनों एंटीबॉडी मिलकर कोरोना को न्यूट्रिलाइज करने में मदद करेंगी। यह दवा कितनी असरदार है, आधिकारिक तौर पर इसकी ट्रायल रिपोर्ट आनी बाकी है।

2. एंटीबॉडी ड्रग पर सवाल भी उठे
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन दो मरीजों का ट्रीटमेंट इस एंटीबॉडी ड्रग से हुआ है, उनमें साइडइफेक्ट दिखे हैं। लेकिन, अमेरिकी कम्पनी रीजेनेरन ने यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की। दोनों ही मरीजों को इस दवा की लो डोज दी गई थी। ट्रम्प के फिजिशियन डॉ. सिएन कॉन्ले के आधिकारिक बयान के मुताबिक, ट्रीटमेंट के दौरान ट्रम्प को 8 ग्राम REGN-COV2 दवा की सिंगल डोज दी गई है।

3. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का दावा, दवा सुरक्षित है
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पीटर हॉर्बी का कहना है, यह ड्रग सुरक्षित है। इसकी एक डोज से मरीज को 6 हफ्तों तक की सुरक्षा मिल जाती है। यह एक तरह से आर्टिफिशियल एंटीबॉडी है। जिनमें दो तरह की एंटीबॉडीज हैं। इसका काम कोरोना को इंसान में घुसने से रोकना है और संख्या बढ़ाने पर भी रोक लगाना है। यह वायरस को खत्म करने में इम्यून सिस्टम की मदद करती है।

प्रो. पीटर के मुताबिक, ट्रायल में यह ड्रग कोरोना के हल्के और गंभीर लक्षण वाले करीब 500 मरीजों को दिया गया है। अभी तक सुरक्षा को लेकर कोई भी दिक्कत सामने नहीं आई हैं। यह काफी असरदार दवा है और लैब में इसकी पुष्टि भी हुई है।

4. ट्रीटमेंट में शामिल की गईं 6 अन्य दवाएं क्या करती है, इसे समझिए
इसके अलावा ट्रम्प को ट्रीटमेंट में रेमडेसेविर, जिंक, विटामिन-डी, फेमोटिडिन, मेलाटोनिन और एस्प्रिन दी जा रही है। डॉक्टर्स को उम्मीद है, दवाओं का कॉम्बिनेशन उनकी रिकवरी को तेज करेगा। लेकिन ये सभी दवाएं क्या काम करती हैं, इसे समझिए-

  • रेमडेसेविर : यह एंटी-वायरल ड्रग है, जिसे इबोला का ट्रीटमेंट करने के लिए तैयार किया गया था। महामारी की शुरुआत से ही इसे कोरोना के मरीजों को दिया जा रहा है। यह ड्रग शरीर में मेर्स, इबोला और कोरोनावायरस की संख्या बढ़ने से रोकता है।
  • जिंक : यह ऐसे मरीजों को दी जाती है जिनके गले में समस्या होती है। कोरोना के मामलों में जिंक कितना कारगर, इस पर रिसर्च जारी है। एक्सपर्ट का कहना है, यह नुकसान नहीं पहुंचाता, इसलिए कोरोना के मरीजों को दिया जा सकता है।
  • विटामिन-डी : कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि विटामिन-डी की कमी होने पर संक्रमण का खतरा बढ़ता है। ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रेटरी का कहना है, विटामिन-डी के सप्लिमेंट्स सुरक्षित और किफायती हैं, इसे लिए जा सकते हैं।
  • फेमोटिडिन : यह ड्रग पेप्सिड के नाम से बाजार में मिलता है। सीने में जलन होने पर इसे मरीज को दिया जाता है। न्यूयॉर्क में कोरोना के मरीजों पर इसका ट्रायल चल रहा है। शुरुआती दौर के ट्रायल में यह दवा मददगार साबित हुई है।
  • मेलाटोनिन : यह दवा नींद न आने पर मरीजों को दी जाती है। टेक्सास के डॉक्टर्स का कहना है, कोरोना के 400 मरीजों को यह दवा दी गई। उनमें से कुछ ही मरीजों की हालत नाजुक हुई। साउथ फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में इस दवा पर रिसर्च चल रहा है। लेकिन, अब तक कोई सटीक परिणाम सामने नहीं आए हैं।
  • एस्प्रिन : यह जानी-मानी पेनकिलर दवा है जो शरीर में वायरस को उसकी संख्या बढ़ाने से रोकती है। विशेषज्ञों का कहना है, यह दवा कोरोना के मामले को गंभीर होने से रोकने में मदद करती है। इसके अलावा कोरोना के मरीजों में हृदय रोगों के कारण होने वाले कॉम्पलिकेशन को भी रोकती है।


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President donald trump coronavirus treatment given experimental antibodies from mice that are NOT available to the public and 6 other drug


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भर्तियां, इंक्रीमेंट, सैटेलाइट लॉन्च टले, लेकिन नए संसद प्रोजेक्ट पर 25 हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे

देश कोरोना संकट से जूझ रहा है। आम आदमी से लेकर केंद्र सरकार तक के पास पैसों की कमी है। केंद्र ने राज्यों को जीएसटी के 2.35 लाख करोड़ रुपए नहीं दिए हैं। बावजूद इसके केंद्र सरकार नए संसद भवन निर्माण में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। सेंट्रल विस्टा नाम से चल रहे प्रोजेक्ट के लिए 25 हजार करोड़ का बजट भी है और इसमें बन रही पार्लियामेंट बिल्डिंग के लिए 861 करोड़ के खर्च पर बहुत तेजी से काम चल रहा है।

विपक्ष ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को कोरोना काल में रोकने की मांग की। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के अनुसार विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है। बलूनी बताते हैं कि देश के किसी भी प्रोजेक्ट को रोका नहीं गया है। सभी प्रोजेक्ट चल रहे हैं। विपक्ष अपने कर्तव्य का निर्वहन ही नहीं कर पा रहा है। उसे पता ही नहीं है कि देश कितनी तरक्की कर रहा है, विकास कार्य कितनी तेजी से चल रहे हैं।

सरकार के फैसले पर सवाल खड़े हुए

ऑल इंडिया सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्स एक्स सर्विसमैन वेलफेयर एसोसिएशन के नेशनल जनरल सेक्रेटरी पीएस नायर कहते हैं कि सीआरपीएफ की दिल्ली समेत कई बिल्डिंग जर्जर हो रही हैं, लेकिन कोई उसे नहीं बनाना चाहता। फोर्स को रिटायर होने के समय पर भुगतान नहीं मिल रहा है। सभी नौकरियों पर रोक लगा दी गई। रिटायर होने वाले एक्स सर्विसमैन को कोई जॉब नहीं मिल रहा है और सरकार ने हमारा डीए भी रोक लिया है। जबकि सेंट्रल विस्टा बनाने के लिए रुपया है। क्या संसद भवन जर्जर होकर बैठने लायक नहीं बचा है।

सरकार ने 8 अप्रैल 2020 और 23 जून 2020 के आदेश में केवल 17 मंत्रालयों को छोड़कर बाकी सभी मंत्रालयों के खर्च बजट में 40 फीसदी तक कटौती करने को कहा। यह कटौती शुरुआती सितंबर तक होनी थी, लेकिन अब भी जारी है।

वहीं वित्त विभाग, भारत सरकार के

डीजी मीडिया एंड कम्युनिकेशन राजेश मल्होत्रा ने कहा कि सभी विभागों को गैरजरूरी खर्चों में कटौती के लिए कहा गया है। जो पूर्व से स्वीकृत कार्य हैं उन्हें संबंधित विभाग प्राथमिकता के आधार पर करें। स्वीकृत बजट नहीं रोका गया है। केंद्र की ओर से राज्यों को दिया जाने वाला शत प्रतिशत बजट दिया गया है।

इस तरह रुके हैं दूसरे कई जरूरी काम

राज्य मांग रहे हैं पैसा

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल, तमिलनाडु के ईके पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री को और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर दो टूक कहा है कि उन्हें पैसे चाहिए। केंद्र के पास राज्यों का 2.35 लाख करोड़ रुपए बकाया है, जो उसे राज्यों को जीएसटी नुकसान की भरपाई के रूप में देना है।

महंगाई भत्ते पर भी रोक

कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर 1 जनवरी 2020 से 1 जुलाई 2021 तक रोक है। इससे केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों तथा 61 लाख पेंशनभोगियों पर असर पड़ा। ऑल इंडिया सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्स एक्स सर्विसमैन वेलफेयर एसोसिएशन के नेशनल जनरल सेक्रेटरी पीएस नायर का कहना है कि इस फैसले का असर 20 लाख सेवारत और सेवानिवृत्त परिवारों पर पड़ेगा।



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प्रस्तावित संसद भवन(फाइल फोटो)


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तस्वीरों में मोदी-योगी के साथ दिख रहा ये शख्स हाथरस केस में दुष्कर्म के आरोपी का पिता है? जानिए पूरा सच

सोशल मीडिया पर पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ खड़े एक शख्स की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। दावा किया जा रहा है कि ये शख्स हाथरस में 19 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी संदीप का पिता है।

और सच क्या है ?

  • दैनिक भास्कर की रिपोर्ट से ये पुष्टि होती है कि हाथरस केस में संदीप नाम का शख्स मुख्य आरोपी है। हालांकि, इंटरनेट पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें ये जिक्र हो कि संदीप के पिता के भाजपा नेताओं से कोई संबंध अब तक सामने आए हैं।
  • वायरल हो रही फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से बोलता हिंदुस्तान नाम की वेबसाइट पर हमें एक साल पुरानी खबर मिली। इस खबर में तस्वीर में मोदी के साथ खड़े दिख रहे शख्स को श्याम प्रकाश द्विवेदी बताया गया है।
  • दावे से जुड़े की वर्ड सर्च करने से कुछ मीडिया रिपोर्ट हमारे सामने आईं। इनसे पता चलता है कि श्याम प्रकाश द्विवेदी, भाजपा के युवा मोर्चा, काशी प्रांत के पूर्व उपाध्यक्ष हैं। श्याम प्रकाश पर एक युवती ने गैंगरेप का आरोप लगाया है। आरोप है कि जमीन दिलाने के बहाने बुलाकर श्याम प्रकाश और उद्योगपति राशिद फरीदी ने युवती के साथ बलात्कार किया था। भाजपा नेता अभी फरार है।
  • भाजपा नेता श्यामप्रकाश द्विवेदी के नाम पर बने अलग-अलग सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी उसी शख्स की तस्वीर है। जिसे संदीप का पिता बताया जा रहा है।
  • इन सबसे स्पष्ट है कि वायरल हो रही फोटो में मोदी और योगी के साथ खड़ा दिख रहा शख्स संदीप का पिता नहीं है। बल्कि एक अन्य दुष्कर्म मामले का फरार आरोपी भाजपा नेता श्याम प्रकाश द्विवेदी है।


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Fact Check: This person seen in the pictures with Modi-Yogi is the father of the accused of rape in the Hathras case? Know the whole truth


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सुशांत की मौत पर एम्स का नया दावा; राहुल-प्रियंका हाथरस में; तेजस्वी का 10 लाख नौकरियों का वादा, लेकिन महागठबंधन में टूट

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को रोहतांग में करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी टनल का उद्घाटन किया। 9.2 किमी लंबी यह अटल टनल 10 साल में बनकर तैयार हुई है। वहीं, भारत में कोरोना से पहली मौत के 204 दिन बाद आंकड़ा 1 लाख पार हो गया। ब्राजील में इतनी मौतें 158 दिनों में जबकि अमेरिका में सिर्फ 83 दिनों में हुईं। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...

आज इन 4 इवेंट्स पर रहेगी नजर

1. आज मुंबई इंडियंस और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच शारजाह में दोपहर 3.30 बजे से मैच खेला जाएगा।

2. आज चेन्नई सुपर किंग्स और किंग्स इलेवन पंजाब भी आमने-सामने होंगे। मैच दुबई में शाम 7.30 बजे से खेला जाएगा।

3. मुंबई और तटीय कोंकण इलाके में आज भारी बारिश की चेतावनी। बीएमसी ने लोगों को बारिश के दौरान समुद्र किनारे नहीं जाने की अपील की है।

4. आज राहुल गांधी पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। वह यहां 3 दिन ट्रैक्टर रैलियां करेंगे। आज इसकी शुरुआत होगी।

अब कल की 6 महत्वपूर्ण खबरें

1. बिहार महागठबंधन में सीटों का बंटवारा, राजद 144 और कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ेगी

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों का फॉर्मूला तय हो गया। राजद 144, कांग्रेस 70, सीपीआई माले 19, सीपीआई 6, सीपीएम 4 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। पर, सीटों के ऐलान के साथ ही गठबंधन में दरार पड़ गई। फॉर्मूले से नाखुश वीआईपी के नेता मुकेश सहनी ने कहा- हम गठबंधन से बाहर हो रहे हैं। राजद के सीएम कैंडिडेट तेजस्वी बोले- हम पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख स्थाई और सरकारी नौकरी देंगे।

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2. राहुल-प्रियंका हाथरस पहुंचे, साथ में कांग्रेस के 35 सांसद भी थे, जिन्हें पुलिस ने रोका

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलने शनिवार को हाथरस पहुंचे। दरअसल, 5 लोगों के डेलिगेशन को पीड़ित के गांव जाने की इजाजत मिली थी। साथ में कांग्रेस के 35 सांसद भी थे, जिन्हें पुलिस ने दिल्ली-नोएडा फ्लाइ वे (नोएडा बॉर्डर) पर रोक दिया। इसे लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज भी कर दिया।

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3. अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प कोरोना पॉजिटिव, यदि तबियत बिगड़ी तो क्या होगा?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक 32 दिन पहले डोनाल्ड ट्रम्प कोविड-19 पॉजिटिव हो गए हैं। 74 वर्षीय ट्रम्प को मेरीलैंड के वॉल्टर रीड हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। उन्हें हल्का बुखार, सर्दी और सांस लेने में कुछ परेशानी बताई गई है। ट्रम्प के कोविड-19 पॉजिटिव होने का अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर क्या असर पड़ सकता है? जानिए भास्कर एक्सप्लेनर में...

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4. एम्स के पैनल ने सुशांत की हत्या की आशंका को खारिज किया

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के 110 दिन बाद बड़ा खुलासा हुआ है। एम्स के पैनल ने अपनी रिपोर्ट में एक्टर की हत्या की आशंका से इनकार किया है। इंडिया टीवी से बातचीत में एम्स के फॉरेंसिक विभाग के हेड डॉ. सुधीर गुप्ता ने कहा, 'यह क्लियर कट खुदकुशी का मामला है। सुशांत का मर्डर नहीं हुआ था।' हालांकि, सीबीआई की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है।

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5. दुनिया के देशों में 1 लाख मौतों का हिसाब, भारत तीसरे नंबर पर

2 अक्टूबर को भारत में कोरोना से मौतों का आंकड़ा 1 लाख को पार कर गया। भारत में कोरोना से होने वाली पहली मौत के 204 दिनों के बाद यह संख्या 1 लाख मौतों तक पहुंची है। वहीं, ब्राजील में यह आंकड़ा 158 दिनों में ही पहुंच चुका था, जबकि अमेरिका में शुरुआती 1 लाख मौतें 83 दिनों में हुई थीं। मौतों के मामले में भारत दुनिया में अमेरिका, ब्राजील के बाद अभी तीसरे नंबर पर है।

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6. वायरल ऑडियो में जिसे कांग्रेस कार्यकर्ता बताया, वो पीड़ित का रिश्तेदार

हाथरस गैंगरेप मामले में पहले पुलिस ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई। अब टेप किए गए फोन कॉल के आधार पर दावा किया कि कांग्रेस कार्यकर्ता ने पीड़ित परिवार को अधिक मुआवजा दिलाने का झांसा दिया। इस पर युवक बोला- जिसका ऑडियो वायरल किया जा रहा है वो मैं हीं हूं और मैं कोई कांग्रेसी कार्यकर्ता नहीं हूं। मैं तो पीड़ित की बुआ का लड़का हूं। पढ़िए हाथरस से भास्कर की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट...

-पढ़ें पूरी खबर

अब 4 अक्टूबर का इतिहास

1824: मेक्सिको ने नया संविधान बनाया और फेडरल रिपब्लिक बना।

1830: नीदरलैंड से अलग होकर बेल्जियम साम्राज्य बना।

1957: सोवियत संघ ने पहला उपग्रह स्पूतनिक सफलता पूर्वक अंतरिक्ष में भेजा।

आखिर में जिक्र हिंदी के प्रमुख साहित्यकार और आलोचक रामचंद्र शुक्ल का। आज ही के दिन 1884 में उनका जन्म हुआ था। पढ़िए उन्हीं का एक विचार...



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AIIMS 'new claim on Sushant's death; In Rahul-Priyanka Hathras, Tejashwi promises 10 lakh jobs, but breaks in grand alliance


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43 साल पहले यूएन में पहली बार हिंदी में भाषण; दुनिया का पहला सैटेलाइट स्पूतनिक अंतरिक्ष में गया; कई देशों के लिए बदला था कैलेंडर

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जितने बेहतरीन राजनेता थे, उतने ही अच्छे कवि और वक्ता। उन्होंने कई ऐसे काम किए कि भारत को दुनिया में एक अलग पहचान मिली। प्रधानमंत्री के तौर पर पोखरन परमाणु परीक्षण ऐसा ही एक कदम था। वैसे, कम ही लोगों को पता है कि 1977 में उन्होंने 4 अक्टूबर को यूएन की महासभा में पहली बार हिंदी में भाषण देकर नया इतिहास रचा था।

उस समय अटल जी मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी में विदेश मंत्री थे और उन्हें ही महासभा को संबोधित करने का मौका मिला था। उन्होंने इस मौके का इस्तेमाल हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए किया। पहली बार भारत की राजभाषा यूएन के मंच से सुनाई दी। करीब तीन मिनट का भाषण खत्म होने के बाद यूएन में आए सभी देश के प्रतिनिधियों ने खड़े होकर वाजपेयी का तालियों से स्वागत किया।

यूएसएसआर ने लॉन्च किया स्पूतनिक 1

स्पूतनिक-1 जिसे सोवियत संघ ने अंतरिक्ष में भेजा था। यह दुनिया का पहला सैटेलाइट है जिसे सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। इसके बाद ही रूस और अमेरिका में अंतरिक्ष में उपलब्धियां हासिल करने के लिए होड़ शुरू हुई थी।

बात 63 साल पुरानी है। सोवियत संघ ने दुनिया का पहला कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित किया और इसका नाम स्पूतनिक-1 रखा। रूसी भाषा में यात्री को स्पूतनिक कहा जाता है। मानव इतिहास के पहले 83.5 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट ने 92 दिन में 1400 बार पृथ्वी का चक्कर लगाया।

पहली बार अंतरिक्ष से पृथ्वी पर रेडियाे संदेश भेजा। भले ही सोवियत संघ नहीं बचा है और कई देश अलग होकर आजाद हो चुके हैं, रूस आज भी स्पूतनिक को अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि मानता है। इसी वजह से कोविड-19 का वैक्सीन डेवलप किया तो उसका नाम रखा स्पूतनिक-5 और इसे बिना फेज-3 ट्रायल्स के रूसी जनता के लिए उपलब्ध भी कर दिया।

1582: इटली, पोलैंड, पुर्तगाल ने अपनाया ग्रेगोरियन कैलेंडर

इटली, पोलैंड, पुर्तगाल और स्पेन ने पोप ग्रेगरी के आदेश पर ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया था। इसे इक्विनॉक्स और सॉलस्टाइसेस जैसी घटनाओं को एडजस्ट करने के लिए ही बनाया था। यह भी ध्यान रखा कि नॉदर्न हेमिस्फीयर के स्प्रिंग इक्विनॉक्स के आसपास ही ईस्टर को सेलिब्रेट किया जा सके। कई दिन छोड़ दिए थे। 4 अक्टूबर के बाद एकदम से 15 अक्टूबर आ गया था। आज ज्यादातर देशों में ग्रेगोरियन कैलेंडर ही मान्य है।

आज की तारीख को इन घटनाओं के लिए भी जाना जाता हैः

  • 1302ः बैजेंटाइन साम्राज्य तथा वेनिस गणराज्य के बीच शांति समझौता हुआ।
  • 1824ः मैक्सिको रिपब्लिक बना।
  • 1830ः नीदरलैंड से अलग होकर बेल्जियम नया देश बना।
  • 1943ः अमेरिका ने सोलोमन द्वीप पर कब्जा किया।
  • 1963ः क्यूबा और हैती में चक्रवाती तूफान फ्लोरा से छह हजार लोगों की मौत।
  • 2006ः जूलियन असांजे ने खुफिया वेबसाइट विकिलीक्स की स्थापना की।
  • 2011ः अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) प्रमुख अबू बकर अल बगदादी को वैश्विक आतंकवादी के रूप में चिह्नित किया और साथ ही उस पर एक करोड़ डाॅलर का ईनाम भी रखा।
  • 2012ः फाॅर्मूला वन के बादशाह माइकल शूमाकर ने संन्यास लिया।


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Today History for October 4th/ What Happened Today | Atal Bihari Vajpayee Addressed UN in Hindi | Russian Satellite Sputnik-1 launched in space | Who addressed UN Assembly in Hindi first


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एम्स के पैनल ने सुशांत सिंह राजपूत के मर्डर को किया खारिज, तो प्रोड्यूसर बोले- अब रिया चक्रवर्ती को रिहा...

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान...

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सर्वसम्मत बहुपक्षीय कार्यढांचे के जरिए हासिल किया जा सकता है परमाणु निरस्त्रीकरण: विदेश सचिव

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि सर्वसम्मत बहुपक्षीय कार्यढांचे...

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Man Allegedly Rapes 7-Year-Old In Jharkhand, Search On To Find Him: Cops

A case has been filed after a man raped a seven-year-old girl near Sukhdev Nagar area in Ranchi, the police said on Saturday.

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At Bihar Opposition Event To Announce Seat Pact, Upset Ally Walks Out

One of the smaller parties in the opposition coalition in Bihar could not hide its resentment as the seat sharing arrangement for the upcoming assembly polls was announced on Saturday, walking out in...

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BJP To Protest Against Trinamool Government In Bengal On Monday

West Bengal BJP president Dilip Ghosh said it will "gherao" block development offices in 10 districts on Monday in protest against the "corruption" of ruling Trinamool Congress in distribution of...

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India's Covid Death Count Crosses 1-Lakh Mark, Over 64.7 Lakh Cases

India continues to occupy the top global position with the maximum number of COVID-19 recoveries and accounts for 21 per cent of the recovered cases worldwide, while its share in the total cases...

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Nitish Kumar's Party, BJP Reach 50:50 Seat Deal For Bihar Polls: Sources

Bihar Chief Minister Nitish Kumar's Janata Dal United (JDU) and the BJP have reached a seat-sharing agreement in principle - with an almost even split - days for the October-November state election...

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सुशांत की सुसाइड को हत्या बताने वाले गैंग का पर्दाफाश, अभी भी कायम है ये सवाल

14 जून 2020 की वो तारीख़ जब अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) का शव  मुंबई में उनके घर से बरामद हुआ था. आज सुशांत सिंह की मौत को 112 दिन हो चुके हैं.

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बीजेपी ने बिहार, कर्नाटक के लिए 9 एमएलसी उम्मीदवारों की घोषणा की, इन चेहरों को मिला टिकट

भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने बिहार (Bihar) और कर्नाटक (Karnataka) के लिए विधान परिषद उम्मीदवारों (MLC candidates) की घोषणा की है.

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डोनाल्ड ट्रंप ने कहा आने वाले दिन कोरोना से ठीक होने के लिए होंगे "असल इम्तेहान"

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार रात जारी एक ट्विटर वीडियो में...

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Coronavirus India LIVE Updates : छत्तीसगढ़ में 2,610 और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि

भारत कोरोना वायरस से संक्रमण मुक्त हुए मरीजों की संख्या के मामले में विश्व...

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पीड़ित परिवार का नहीं अधिकारियों का नार्को टेस्‍ट कराए सरकार : अखिलेश यादव

हाथरस में दलित समुदाय की महिला के साथ कथित सामूहिक दुष्‍कर्म और उसकी मौत के...

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ट्रम्प के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, ज्वर और सांस लेने में तकलीफ नहीं है: डॉक्टर

कोविड-19 संक्रमण के उपचार के लिए एक सैन्य अस्पताल ले जाये गये अमेरिकी...

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Friday, October 2, 2020

जयपुर: हाथरस के डीएम पर लोगों का गुस्सा भड़का, उनके घर के बाहर कूड़ा बिखेरा

यूपी के हाथरस (Hathras) जिले में दलित लड़की से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला अब जयपुर  (jaipur) तक पहुंच गया है. जयपुर में हाथरस जिले के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार (Praveen Laxkar) का घर है.

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हाथरस के नजदीक सिर्फ हुकूमत, हकीकत सबसे दूर; कहां गुजर रहे हैं महिलाओं के 5 घंटे और रिया के बारे में क्या है नया दावा

देश में सबकुछ ठीक नहीं है। कोरोना से एक लाख मौतें हो चुकी हैं। बेटियों से दुष्कर्म हो रहे हैं। बेरोजगारी की दर भी 6.67% पर है। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...

आज इन 5 इवेंट्स पर रहेगी नजर
1. प्रधानमंत्री मोदी आज हिमाचल के रोहतांग में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी अटल टनल का उद्घाटन करेंगे।
2. IPL में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और राजस्थान रॉयल्स के बीच अबु धाबी में मुकाबला। टॉस दोपहर तीन बजे और मैच साढ़े तीन बजे से।
3. दूसरा मैच दिल्ली कैपिटल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच शारजाह में। टॉस शाम सात बजे और मैच साढ़े सात बजे से।
4. चिराग पासवान लोजपा की बैठक करेंगे। इसमें यह फैसला होगा कि लोजपा कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
5. महाराष्ट्र सरकार आज राज्य में खुलने वाले रेस्टोरेंट, बार और सिनेमाघरों के लिए गाइडलाइन जारी करेगी।

अब कल की 7 महत्वपूर्ण खबरें

1. कोरोना के कारण एक से एक लाख मौतों की कहानी
देश में कोरोना से मौतों का आंकड़ा आज 1 लाख को पार कर गया।...और ये महज आंकड़ा नहीं है। ये एक लाख सांसें हैं, जो कोरोना ने हमसे छीन लीं। एक ऐसा आंकड़ा, जिसे देश आगे बढ़ता नहीं देखना चाहता। फिर भी यह बढ़ रहा है और बीते 204 दिनों से लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आंकड़े बताते हैं कि जब तक देश में लॉकडाउन था, हर दिन केस और मौत के आंकड़े कुछ हद तक काबू में थे। अनलॉक में लापरवाही बढ़ती गई।

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2. हाथरस की हकीकत से सबको दूर रख रही यूपी पुलिस
हाथरस गैंगरेप केस में दिल्ली से लेकर पीड़ित लड़की के गांव तक हंगामा और राजनीति जारी है। दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर में पीड़ित के लिए एक प्रार्थना सभा की गई। इसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शामिल हुईं। जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन हुआ। उधर, पीड़ित लड़की के बुलगढ़ी गांव में पुलिस ने न तो विपक्षी नेताओं को पीड़ित परिवार से मिलने दिया, न ही मीडिया को एंट्री दी। तृणमूल सांसद डेरेक ओ'ब्रायन को धक्के मारकर जमीन पर गिरा दिया।

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3. एक साल में 7.3% बढ़े महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले
महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में यूपी अन्य राज्यों से काफी आगे है। जब सरकार की ही रिपोर्ट देखते हैं तो पता चलता है कि हालात बिगड़ते जा रहे हैं। एनसीआरबी यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की क्राइम्स इन इंडिया 2019 रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध 2018 से 2019 में 7.3% बढ़ गए। 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,05,861 केस दर्ज हुए, जबकि 2018 में 3,78,236 केस हुए थे।

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4. मास्क से परहेज करने वाले ट्रम्प कोरोना पॉजिटिव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को भी कोरोना हो गया है। शुक्रवार को उनकी और पत्नी मेलानिया की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट 12 दिन बाद यानी 15 अक्टूबर को है। इसमें ट्रम्प का हिस्सा लेना अब बहुत मुश्किल होगा। ट्रम्प ज्यादातर मौकों पर मास्क लगाए नजर नहीं आए। कई बार इसका मजाक भी उड़ाया। पिछले दिनों व्हाइट हाउस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा था- मैं अपने एडवाइजर की इस बात से सहमत नहीं हूं कि वैक्सीन से ज्यादा जरूरी मास्क है।

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5. रिया के बारे में नया दावा
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में फिल्ममेकर और करणी सेना के नेता सुरजीत सिंह राठौर ने नया दावा किया है। राठौर का कहना है, "सुशांत की मौत से ठीक पहले की रात यानी 13 जून को रिया चक्रवर्ती सुशांत के घर में ही थीं। हालांकि, उसी रात झगड़े के बाद रिया ने घर छोड़ दिया था।

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6. कहां गुजरता है महिलाओं का दिन?
भारत सरकार के टाइम यूज सर्वे (टीयूएस) के मुताबिक, ज्यादातर पेड वर्क पुरुष करते हैं और महिलाओं का ज्यादातर वक्त ऐसे कामों में चला जाता है, जिसका उन्हें कोई पैसा नहीं मिलता। 2,140 पेज की रिपोर्ट में सरकार ने बताया है कि 81.2% महिलाएं रोज ही तकरीबन 5 घंटे बिना भुगतान वाले घरेलू कामों में लगी रहती हैं, जबकि सिर्फ 26.1% पुरुष औसत एक घंटा 37 मिनट ऐसे कामों में लगे रहते हैं।
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7. कश्मीर में कोरोना से लड़ती मस्जिदें
कश्मीर में कुछ मस्जिद कमेटी वालों ने पहल की है। उन्होंने पैसे इकट्ठा कर और सदके के पैसों से ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीद लिए हैं। यह मशीनें उन रोगियों को बहुत ही कम कीमत पर दी जाती है, जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत होती है। ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर मशीन का एक दिन का किराया 50 रुपए है। जो लोग 50 रुपए भी नहीं दे सकते, उन्हें फ्री में मशीनें दी जा रही हैं।

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अब 3 अक्टूबर का इतिहास
1831 : मैसूर पर ब्रिटेन ने कब्जा किया।
1932 : इराक ब्रिटेन से आजाद हुआ।
1977 : पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को करप्शन के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
1992 : गीत सेठी ने विश्व पेशेवर बिलियर्ड्स चैम्पियनशिप जीता।

जाते-जाते जिक्र अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का। आज ही के दिन 1863 में उन्होंने अमेरिका में 'थैंक्स गिविंग डे' मनाए जाने की घोषणा की थी। पढ़िए उन्हीं का एक विचार...



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Only near Hathras is the rule, the farthest reality; Where are the 5 hours of women passing and what is the new claim about Riya


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भारत में कोरोना से पहली मौत के 204 दिन बाद आंकड़ा 1 लाख पार, ब्राजील में इतनी मौतें 158 दिनों में हुई थीं, अमेरिका में 83 दिनों में

कोरोना के चलते 2 अक्टूबर को भारत में मौतों का आंकड़ा 1 लाख को पार कर गया। अमेरिका और ब्राजील के बाद अब भारत कोरोना से होने वाली मौतों के मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर है। भारत में कोरोना से होने वाली पहली मौत के 204 दिनों के बाद यह संख्या 1 लाख मौतों तक पहुंची है। वहीं, ब्राजील में यह आंकड़ा 158 दिनों में ही पहुंच चुका था, जब​कि अमेरिका में शुरुआती 1 लाख मौतें 83 दिनों में हुई थीं।

भारत में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी को, पहली मौत 12 मार्च को

भारत में कोरोनावायरस का पहला केस 30 जनवरी को केरल में सामने आया था। चीन के वुहान से लौटे एक छात्र में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए थे। जबकि भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत 12 मार्च को कर्नाटक के कलबुर्गी में 76 साल के एक शख्स की हुई थी जो सऊदी अरब से लौटा था। जब भारत में कोरोना से पहली मौत हुई उस वक्त देश में महज 75 केस सामने आए थे।

अब जब भारत में मौतों का आंकड़ा एक लाख पार हो चुका है और भारत में कुल केसों की संख्या 64 लाख से ज्यादा है। वहीं वर्तमान में देश में कोरोना से होने वाली मौतों का औसत डेथ रेट 2 प्रतिशत है। भारत में कोरोना से पहली मौत 12 मार्च को हुई। इसके 48 दिनों बाद इन मौतों का आंकड़ा 1000 पहुंच गया।

वहीं अगले 78 दिनों में मौतों की यह संख्या 10 गुना बढ़कर 10 हजार पहुंच गई। फिर अगले 31 दिनों में मौतों का आंकड़ा 50 हजार के पार पहुंच गया। अगले 48 दिनों में यह आंकड़ा 1 लाख मौतों तक पहुंच चुका है।

कोरोना से होने वाली मौतों में अमेरिका सबसे आगे, भारत तीसरे नंबर पर

दुनिया में अब तक कोरोना से 3 करोड़ 46 लाख से ज्यादा केस हो चुके हैं और 10 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। कोरोना से होने वाली मौतों का औसत डेथ रेट 4% है। कोरोना से होने वाली सबसे ज्यादा मौतों वाले टॉप- 10 देशों की सूची में अमेरिका, ब्राजील और भारत के अलावा मेक्सिको, यूके, इटली, पेरू, फ्रांस, स्पेन और ईरान जैसे देश शामिल हैं।

अमेरिका में अब तक 2.12 लाख मौतें

अमेरिका में कोराेनावायरस के चलते 2.12 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। यहां कोरोना का पहला मामला 15 फरवरी को आया था और 29 फरवरी को इस वायरस से पहली मौत हुई थी। वहीं मौतों के मामले में दूसरे नंबर आने वाले देश ब्राजील में अब तक 1.44 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। यहां पहला मामला 25 फरवरी का आया और पहली मौत 17 मार्च को हुई।

इटली में शुरुआती दो महीनाें में हुईं 24 हजार से ज्यादा मौतें

इटली में शुरुआती दिनों में मौतों का आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ा था। यहां पहली मौत 21 फरवरी को हुई और इसके एक महीने के अंदर ही 4,841 मौतें हो गईं। वहीं 60 दिनों में यह आंकड़ा 24,710 मौतों तक पहुंच चुका था। मई के बाद यहां मौतों की संख्या में कमी आना शुरू हुई। पहले केस के 242 दिन बाद और पहली मौत के 224 दिनों के बाद यहां अब 35,941 मौतें हो चुकी हैं। फिलहाल काेरोना से होने वाली मौतों के मामले में इटली छठवें स्थान पर है।

फ्रांस में सबसे ज्यादा डेथ रेट, भारत में सबसे कम

कोरोना से होने वाली मौतों में शामिल टॉप-10 देशों में फ्रांस ऐसा देश है, जहां डेथ रेट 25 प्रतिशत है। यहां कोरोना का पहला केस मिलने के 251 दिनों में 31 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। डेथ रेट के मामले में लिस्ट में दूसरे नंबर पर इटली और तीसरे नंबर पर मेक्सिको है। टॉप-10 देशों में सबसे कम डेथ रेट भारत का है, यहां 2 प्रतिशत डेथ रेट है।

जनसंख्या के लिहाज से डेथ रेट के मामलों में पेरू सबसे आगे

जनसंख्या के लिहाज से डेथ रेट के मामलों में टॉप-10 देशों में पेरू सबसे आगे है। यहां हर दस लाख लोगों में से 983 लोगों की मौतें हो रही हैं। वहीं भारत में हर दस लाख लोगों में से 73 मौतें हो रही हैं।

मौतों और संक्रमण को लेकर 6 फैक्ट्स

  • 1. अमेरिका की रिसर्च - अंग्रेजी नहीं बोलने वाले अमेरिकन को कोरोना का खतरा ज्यादा

कोरोना संक्रमण के बीच अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कोरोना और भाषा के बीच भी कनेक्शन ढूंढ निकाला है। यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन ने अपनी रिसर्च में दावा किया है कि जो अमेरिकन अंग्रेजी नहीं बोलते उन्हें कोरोना होने का खतरा ज्यादा है। अमेरिका के ऐसे लोग जिनकी पहली भाषा स्पेनिश या कम्बोडियन है, उनमें कोरोना का संक्रमण होने का खतरा 5 गुना ज्यादा है। रिसर्च के लिए 300 मोबाइल क्लीनिक और 3 हॉस्पिटल्स में आए कोरोना मरीजों की जांच के आंकड़े जुटाए गए थे।

  • 2. ब्रिटेन की रिसर्च - यहां अश्वेत-अल्पसंख्यक ज्यादा संक्रमित हुए

नेशनल हेल्थ सर्विसेज के अस्पतालों के मई के आंकड़े बताते हैं कि ब्रिटेन में कोरोनावायरस का संक्रमण और इससे मौतों का सबसे ज्यादा खतरा अश्वेत, एशियाई और अल्पसंख्यकों को है। अस्पतालों से जारी आंकड़ों के मुताबिक, गोरों के मुकाबले अश्वेतों में संक्रमण के बाद मौत का आंकड़ा दोगुना है। अश्वेत, एशियाई और अल्पसंख्यकों को यहां बेम (BAME) कहते हैं जिसका मतलब है- ब्लैक, एशियन एंड माइनॉरिटी एथनिक।

'द टाइम्स' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एनएचएस के अस्पतालों ने जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक, 1 हजार लोगों पर 23 ब्रिटिश, 27 एशियन और 43 अश्वेत लोगों की मौत हुई। एक हजार लोगों में 69 मौतों के साथ सबसे ज्यादा खतरा कैरेबियाई लोगों को था, वहीं सबसे कम खतरा बांग्लादेशियों (22) को था।

  • 3. स्पेन की रिसर्च - जिंक की कमी से जूझने वाले को मौत का खतरा दो गुना

स्पेन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ऐसे लोग जो जिंक की कमी से जूझ रहे हैं उन्हें कोरोना का संक्रमण होता है तो मौत का खतरा दो गुना से अधिक है। कोरोना के जिन मरीजों में जिंक की कमी होती है, उनमें सूजन के मामले बढ़ते हैं। यह मौत का खतरा बढ़ाता है।

बार्सिलोना के टर्शियरी यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के रिसर्चर ने 15 मार्च से 30 अप्रैल 2020 तक कोरोना के मरीजों पर रिसर्च की। रिसर्च में कोरोना के ऐसे मरीजों को शामिल किया गया है जिनकी हालत बेहद नाजुक थी। उनकी सेहत, लोकेशन से जुड़े आंकड़ों, पहले से हुई बीमारियों को रिकॉर्ड किया गया।

  • 4. चीन की रिसर्च - चश्मा न लगाने वालों में संक्रमण का खतरा

मेडिकल जर्नल ऑफ वायरोलॉजी में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, कोरोना वायरस आंखों के जरिए भी शरीर में पहुंच सकता है। रिसर्च करने वाले चीन की शुझाउ झेंगडू हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं का कहना है, जो लोग दिन में 8 घंटे से अधिक चश्मा लगाते हैं उनमें कोरोना का संक्रमण होने का खतरा कम है।

रिसर्चर्स का कहना है, हवा में मौजूद कोरोना के कण सबसे ज्यादा नाक के जरिए शरीर में पहुंचते हैं। नाक और आंख में एक ही तरह की मेम्ब्रेन लाइनिंग होती है। अगर कोरोना दोनों में किसी भी हिस्से की म्यूकस मेम्ब्रेन तक पहुंचता है तो यह आसानी से संक्रमित कर सकता है। इसलिए आंखों में कोरोना का संक्रमण होने पर मरीजों में कंजेक्टिवाइटिस जैसे लक्षण दिखते हैं।

वहीं अगर आप चश्मा पहनते हैं तो यह बैरियर की तरह काम करता है और संक्रमित ड्रॉपलेंट्स को आंखों में पहुंचने से रोकता है। इसलिए ऐसे चश्मे लगाना ज्यादा बेहतर है जो चारों तरफ से आंखों को सुरक्षा देते हैं।

  • 5. ऑस्ट्रेलिया की रिसर्च - O+ ब्लड ग्रुप वालों को कम होता है संक्रमण

ऑस्ट्रेलिया में करीब 10 लाख लोगों के डीएनए पर हुई एक रिसर्च में पाया गया कि O+ ब्लड ग्रुप वालों पर वायरस का असर कम होता है। इससे पहले हार्वर्ड से भी रिपोर्ट आयी थी, लेकिन उसमें कहा गया था कि O+ वाले लोग कोरोना पॉजिटिव कम हैं, लेकिन सीवियरिटी और डेथ रेट में बाकियों की तुलना में कोई फर्क नहीं है।

  • 6. सीडीसी के निदेशक का दावा : वैक्सीन से 70% और मास्क से 80-85% तक सुरक्षा

जब तक कोरोना की दवा नहीं आती, तब तक लोगों को मास्क का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है। मास्क को ही लेकर सीडीसी, अमेरिका के निदेशक रॉबर्ट रेडफील्ड ने कहा कि मास्क वैक्सीन से भी ज्यादा प्रभावी है। रॉबर्ट ने यह बात पूरी दुनिया में मास्क पर हुए बहुत सारी स्टडीज़ के आधार पर कही है। अगर दो लोग आमने-सामने बैठे हुए हैं और मास्क लगाए हैं, सुरक्षित दूरी बनाए हैं, तो सुरक्षा कई गुना बढ़ जाती है।

लेकिन, जरूरी है कि मास्क सही से लगाया गया हो, मुंह और नाक अच्छी तरह से ढका हुआ है। वायरस से प्रोटेक्शन के लिए एंटीबॉडी होते हैं, जो वैक्सीन देने के बाद लोगों के शरीर में करीब 70 प्रतिशत ही बन पाते हैं, जबकि मास्क से 80-85 प्रतिशत तक सुरक्षा मिलती है।



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USA India Coronavirus Cases Vs China ussia Spain | Coronavirus Covid-19 Is Affecting 213 Countries Around The World


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सिर्फ लड़की की इज्जत उसके शरीर में होती है, लड़के की इज्जत का शरीर से कोई लेना-देना नहीं?

गांव की सरकारी कन्या पाठशाला से निकलकर शहर की बड़ी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई का वो पहला साल था। मां की चिंताएं कुछ और रही होंगी, जो एक दिन मौका पाकर उन्होंने मुझे बाजार जाते हुए रास्ते में ये कहानी सुनाई। 'प्रभा की सहेली की शादी टूट गई, अरेंज मैरिज थी। लड़का यहीं इलाहाबाद में कंपटीशन की तैयारी कर रहा था। दोनों मिलने लगे, वो उसके कमरे पर भी जाने लगी। फिर सबकुछ हो गया होगा उनके बीच। बाद में लड़के ने शादी करने से मना कर दिया। बोला, 'तुम शादी से पहले मेरे साथ कर सकती हो तो किसी के भी साथ कर सकती हो।' बताओ, क्या इज्जत रह गई लड़की की।'

पूछना तो मैं ये चाहती थी कि शादी से पहले सबकुछ तो लड़का भी कर चुका था। उसकी इज्जत नहीं गई क्या? लेकिन पूछा नहीं, मुंह बंद करके कहानी सुनी, हामी में सिर हिलाया। मां को लगा, उन्होंने जातक कथाओं की तरह जवानी की दहलीज पर कदम रख रही बेटी को बिना सेक्स शब्द उच्चारे जीवन का पहला जरूरी सबक सिखा दिया है। सबक ये कि सिर्फ लड़की की इज्जत उसके शरीर में होती है। लड़के की इज्जत का शरीर से कोई लेना-देना नहीं। लड़का शमी का पेड़ है। सदा पाक-पवित्र है। लड़की गूलर का फूल, जरा हाथ लगा नहीं कि भरभराकर झर जाएगी।

हाथरस में 19 साल की लड़की के साथ हुए नृशंस बलात्कार के बाद भारत के पूर्व चीफ जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने ट्विटर पर एक पोस्ट लिखी, जिसमें एक लाइन थी- 'सेक्स पुरुष की प्राकृतिक जरूरत है।' फिर उन्होंने खराब अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी के कारण लड़कों की वक्त पर शादी न हो पाने और उनके सेक्स से वंचित रह जाने को बढ़ते बलात्कार की एक वजह बताया। हालांकि, वो साथ-साथ ये सफाई देते चले कि वो बलात्कार की वकालत नहीं कर रहे। लेकिन, इस बात की वकालत जरूर करते दिखे कि "सेक्स सिर्फ मर्द की प्राकृतिक जरूरत है, औरत की नहीं।"

अगर समाज ऐसा होता कि घर-खानदान की, बाप-दादा की और खुद लड़की की इज्जत उसके शरीर में न होती तो क्या इतनी शर्मिंदगी, इतना अपमान, इतना दुख उसके हिस्से में आता, जितना कि आया है। क्या मर्द एक दूसरे को नीचा दिखाने, एक-दूसरे से प्रतिशोध लेने के लिए उनकी औरतों को निशाना बनाते। याद है पाकिस्तान की मुख्तारन माई। दुश्मनी उसके भाई से थी, बदला लेने के लिए चार लोगों ने मुख्तारन के साथ सामूहिक बलात्कार किया। 10 लोग घेरा बनाकर खड़े तमाशा देखते रहे। इज्जत लड़के की लेनी थी लेकिन, लड़के की इज्जत तो उसकी बहन के शरीर में रखी थी। जहां थी, वहां से लूट ली।

ये कहते हुए भी मैं थक सी रही हूं क्योंकि मैं कुछ भी ऐसा नहीं कह रही, जो हजारों बार पहले नहीं कहा जा चुका। लेकिन, दुनिया है कि बदलती नहीं, मर्दवाद है कि जाता नहीं, इज्जत है कि बचती नहीं और दुख है कि कम होता ही नहीं। मेरे साथ ऐसा कोई हादसा कभी नहीं हुआ, लेकिन अपने शरीर में धरी इज्जत को ताउम्र मैं भी बचाती आई हूं। हर वक्त चौकन्नी, अपनी देह को संभालती, ढंकती, छिपाती, बुरी नजरों से बचाती।

अमेरिकी लेखक और फिल्म निर्माता जेक्सन कार्ट्ज ने एक बार अपने एक टेड टॉक में कहा था कि हम कहते हैं कि पिछले साल कितनी औरतों के साथ बलात्कार हुआ, हम ये नहीं कहते कि पिछले साल कितने मर्दों ने औरतों के साथ बलात्कार किया। हम बताते हैं कि पिछले साल कितनी स्कूल की बच्चियों के साथ छेड़खानी हुई। हम ये नहीं कहते कि पिछले साल कितने लड़कों ने स्कूल की लड़कियों के साथ छेड़खानी की।

आप देख रहे हैं कि इस भाषा में कहां दिक्कत है। वही दिक्कत जो हमारे समाज, हमारे घर, हमारी सोच में है। गलती किसी और की है, बताई किसी और की जा रही है। जिम्मेदारी किसी और की है, डाली किसी और पर जा रही है।

फर्ज करिए कि एनसीआरबी औरतों के साथ होने वाली हिंसा और बलात्कार का आंकड़ा इस तरह पेश करने लगे। पिछले साल 43,877 मर्दों ने औरतों के साथ बलात्कार किया। उनमें से 33,000 विक्टिम के भाई, मामा, चाचा, काका, मौसा, फूफा थे। पिछले साल 972 लड़कों ने लड़कियों पर एसिड फेंका। 42000 लड़कों ने लड़कियों के साथ छेड़खानी की। 18,000 लड़कों ने अपनी गर्लफ्रेंड का पोर्न वीडियो बनाया। 14,000 मर्दों ने अपनी पत्नी और प्रेमिका की हत्या की।

औरतों के साथ हुआ नहीं है, मर्दों ने किया है

एक जरा से फेर से पूरी बात बदल जाती है। उसका अर्थ बदल जाता है, उसकी जिम्मेदारी बदल जाती है। बात तो वही है, बस कहने के तरीके से तय होता है कि जिसने अपराध किया, वो दोषी है या जिसके साथ हुआ, वो। इज्जत बलात्कार करने वाले लड़के की जाती है, या उसका शिकार होने वाली लड़की की। हमें अपनी बेटियों को सिखाना चाहिए कि बलात्कार से कैसे बचो या अपने बेटों को कि बलात्कार नहीं करो।

हमें अपनी बेटियों को सिखाना चाहिए कि प्रेग्नेंट नहीं होना या अपने बेटों को सिखाना चाहिए कि लड़की को प्रेग्नेंट कर अपनी जिम्मेदारी से भाग मत जाना। अपनी बेटियों को सिखाना चाहिए कि मर्दों से दबकर रहना या बेटों को सिखाना चाहिए कि औरत को दबाकर मत रखना।

यूं तो होना इसे वैसा ही सामान्य ज्ञान चाहिए था, जैसे कि धरती गोल है और समंदर गीला कि स्त्री उतनी ही मनुष्य है, जितना कि पुरुष। किसी भी मनुष्य की इज्जत उसके शरीर में नहीं होती। प्रेम, करुणा, ईमानदारी और दायित्व-बोध ही पैमाना है इज्जत और बेइज्जती सबकुछ मापने का और पैमाना दोनों के लिए बराबर है। और जब तक इतनी बुनियादी बात हम नहीं समझ लेते, न कानून के भरोसे बलात्कार की संस्कृति को बदल पाएंगे, न लड़कियों के लिए एक बेहतर समाज बना पाएंगे।

बात बराबरी की ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं :

1. बॉलीवुड की औरतें नशे में डूबी हैं, सिर्फ वही हैं जो ड्रग्स लेती हैं, लड़के सब संस्कारी हैं, लड़के दूध में हॉरलिक्स डालकर पी रहे हैं

2. जब-जब विराट का खेल खराब हुआ, ट्रोलर्स ने अनुष्का का खेल खराब करने में कसर नहीं छोड़ी, याद नहीं कि कभी विराट की जीत का सेहरा अनुष्का के सिर बांधा हो

3. कितनी अलग होती हैं रातें, औरतों के लिए और पुरुषों के लिए, रात मतलब अंधेरा और कैसे अलग हैं दोनों के लिए अंधेरों के मायने



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Only the girl has respect in her body. The honor of the boy has nothing to do with the body?


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क्लर्क की नौकरी छोड़ 10 साल पहले 45 हजार रु से शुरू किया योग सेंटर, आज 80 करोड़ रु नेटवर्थ, 51 देशों में 5 लाख शिष्य बने

पं. राधेश्याम मिश्रा के जीवन में योगा बाय च्वाइस नहीं आया। ये बाय फोर्स या मजबूरी से आया था। 23 साल की उम्र में खुद सीवियर अस्थमा के मरीज थे और जिंदगी से जंग लगभग हार चुके थे। डॉक्टरों ने भी कह दिया था कि 3-4 महीने से ज्यादा की जिंदगी नहीं बची है। लेकिन, तभी एक संन्यासी जीवन में आए, उनका नाम था ब्रह्मचारी कृष्ण चैतन्य, उन्होंने योग करने की सलाह दी और खुद अपनी देखरेख में कुछ हफ्तों तक योग कराया।

नतीजा था, वजन जो 48 किलो रह गया था, बढ़कर 54 हो गया। उम्मीद जागी, योग में भरोसा भी बढ़ा। फिर और दिल लगाकर योग किया। अस्थमा को हराया। फिर मुंबई की द योगा इंस्टीट्यूट, सांताक्रूज के अपने गुरु डॉ. जयदेव योगेंद्र से गुरु-शिष्य परंपरा में दो साल तक इसका अध्ययन किया।

ये बात 1993-94 की है। 1996 में विक्रम यूनिवर्सिटी में नौकरी लग गई थी लेकिन, मन योग की तरफ ही भागता था। पार्ट टाइम लोगों को योग सिखाना शुरू किया। 2009 से योग को अपना जीवन बना लिया, नौकरी छोड़ी और पूर्णकालिक योग टीचर बन गए। उज्जैन में एक छोटे सेंटर से शुरुआत कर पं. मिश्रा ने एक दशक में 51 देशों में 5 लाख लोगों को योग सिखाया।

22 देशों में उनके 336 योगा ट्रेनिंग सेंटर्स हैं। इनमें से 41 अकेले ब्राजील में हैं। ब्राजील में एक बड़ा आश्रम और एक आश्रम मध्य प्रदेश में इंदौर के पास चोरल में है। इस एक दशक की यात्रा में 45 हजार रुपए से शुरू किया गया योग सेंटर अब करीब 80 करोड़ की नेटवर्थ में बदल चुका है।

पं. मिश्रा कई तरह से योग विधाएं सिखाते हैं, उनका 24 मिनट योगा फॉर 24 ऑवर एनर्जी काफी लोकप्रिय है।

पं. मिश्रा बताते हैं कि जब योग सीख लिया था, उसका चमत्कार खुद के शरीर पर देखा। अस्थमा जैसी बीमारी को मात दी। तब सोचा था कि इस विधा के जरिए दुनिया से जो मिला है, वो लौटाना है। लेकिन, तब प्रयास छोटे थे। वहां के कामों से फुरसत कुछ कम मिलती थी, लेकिन जब मिलती तब योग सिखाने निकल जाता था। जो बुलाए, जहां बुलाए। बिना यो सोचे कि इससे मुझे क्या मिलने वाला है। सिलसिला चलता रहा। मैं पार्ट टाइमर योग टीचर बन गया था। लेकिन, नौकरी की अपनी जिम्मेदारियां थीं, सो कई बार दिक्कतों का सामना भी किया।

योग के साथ भारतीय परंपराओं के साथ जीवन जीने पर पं. मिश्रा काफी जोर देते हैं।

समय गुजरता गया। धीरे-धीरे लोगों की मांग बढ़ती गई। मेरे पास समय कम होने लगा। नौकरी के साथ योग को जारी रखना मुश्किल सा हो गया था। 2008-2009 में तो लोगों की मांग और बढ़ गई। खासतौर पर विदेशों से ज्यादा लोग आने लगे। 2009 में योगा सिखाने के लिए यूरोप गया। वहां कई लोगों ने भारी रुचि दिखाई। जब विदेश से लौटा तो इस पूरे दौरे की कमाई कुल जमा 45 हजार थी। मैंने इसी से योग शिविर शुरू करने की पहल की।

शिविर शुरू करने के लिए एक हॉल लिया, कुछ जरूरी चीजें खरीदीं और जो पैसा बचा, उससे कुछ लिटरेचर छपवाया। 2010 का वो पहला योग शिविर जीवन का एक बड़ा टर्निंग पाइंट साबित हुआ, जो छह हफ्तों का था। उज्जैन के कई लोग जुड़ गए। कोई 3000 फॉलोअर उस समय तक हो गए थे। इनमें से 100 लोगों को जोड़कर फिर योगा लाइफ सोसाइटी उज्जैन को ग्लोबल बनाने की शुरुआत की।

इंदौर के पास चोरल में योग सिखाते पं. मिश्रा। विदेशों से कई लोग यहां योग सीखने आते हैं।

सीखने वाले कई थे, सिखाने वाला मैं अकेला। तो तय किया कि ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए टीचर्स भी ज्यादा लगेंगे। हमने उज्जैन से ही टीचर्स ट्रेनिंग कोर्स शुरू किया। अपने टीचर्स तैयार किए। खुद के योगा में डूबने का परिणाम ये हुआ कि पूरा परिवार ही योग को समर्पित हो गया। पत्नी सुनीता 2010 में, बेटी स्वर्धा 2015 में और बेटा वाचस 2016 में योग टीचर बन गए। वे भी अपने-अपने स्तर पर योग सीखा रहे हैं।

लोगों को योग से जोड़ रहे हैं। इस दौरान विदेशों से लगातार योग सीखने वालों की संख्या बढ़ रही थी। इस एक दशक में कोई 56 में से 51 देशों में उन्होंने योगा क्लासेस कीं। यहां लोग उनसे जुड़े। 22 देशों में योगा लाइफ सोसाइटी के सेंटर्स शुरू हुए, करीब 336 सेंटर्स चल रहे हैं। पूरी दुनिया में 3016 योगा टीचर्स उनके सिखाए हुए हैं।

सत्यधारा योगा लाइफ आश्रम में योगा क्लासेस में लोगों को प्रकृति को निकट से महसूस करने का मौका दिया जाता है।

पं. मिश्रा के मुताबिक ब्राजील में योग की खासी डिमांड आ रही थी। 2016-17 में ब्राजील के पोर्तो अलेंग्रे शहर में सत्यधारा योगा लाइफ आश्रम खोला। यहां आश्रम के अलावा 41 योगा ट्रेनिंग सेंटर भी हैं। इसके बाद तय किया कि अब अपने देश में कुछ करना है। उज्जैन से कोई 100 किमी दूर खंडवा रोड पर चोरल में आश्रम खोलने का मन बनाया। 2018 में यहां जमीन ली। रिकॉर्ड 4 महीने में आश्रम बनकर तैयार हो गया।

वे बताते हैं कि पहले मैं भारत के बाद यूएस में एक आश्रम बनाने की योजना बना रहा था, लेकिन कोरोना काल में अब तय किया है कि अब चोरल के आश्रम को ही अब योगा लाइफ सोसाइटी का इंटरनेशनल हेड क्वार्टर बनाकर पूरी दुनिया के योग प्रेमियों को यहां लाना है।



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पं. मिश्रा बताते हैं कि जब योग सीख लिया था, उसका चमत्कार खुद के शरीर पर देखा। अस्थमा जैसी बीमारी को मात दी।


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