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Saturday, May 6, 2023

Nitish Kumar To Meet Naveen Patnaik In Odisha On May 9

Odisha Chief Minister Naveen Patnaik will meet his Bihar counterpart Nitish Kumar on May 9, amid talks of regional parties coming together ahead of the 2024 general elections, officials said.

Nitish Kumar will meet Naveen Patnaik at 'Naveen Niwas' in Bhubaneswar around 12 pm, they said.

The Bihar Chief Minister and JD(U) leader had recently announced that he would travel across the country to unite opposition parties ahead of the Lok Sabha polls next year.

He has already met Congress leader Rahul Gandhi, Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal, West Bengal Chief Minister and TMC chief Mamata Banerjee, Samajwadi Party president Akhilesh Yadav, and Left leaders Sitaram Yechury and D Raja. Mr Patnaik, the BJD supremo, had also met Mamata Banerjee in March.

In December last year, Mr Patnaik had invited both Ms Banerjee and Mr Kumar to witness the hockey world cup in Odisha.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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मुगलकाल के सबसे उदार शहजादे दारा शिकोह की कब्र को खोज लेने का दावा

साढ़े तीन सौ साल बाद मुगलकाल के सबसे उदार और फारसी के विद्वान शहजादे दारा शिकोह की कब्र को खोज लेने का दावा किया गया है. दरअसल, दारा शिकोह की विरासत खोजने के लिए तीन साल पहले भारत सरकार ने एक कमेटी बनाई थी. अब उस कमेटी में शामिल केके मोहम्मद और बीआर मनी जैसे मशहूर पुरातत्वविद् ने दारा शिकोह के कब्र की पहचान पर सहमति दी है. किसी जमाने में दारा शिकोह अपने उदार और दानी व्यक्तित्व के चलते दिल्ली और आगरा की जनता में खासा लोकप्रिय था, लेकिन औरंगजेब दारा शिकोह से किस कदर नफरत करता था इसका जिक्र इतिहासकार मनूची ने किया है. लड़ाई हारने के बाद दारा शिकोह को बंदी बनाकर पहले दिल्ली की सड़कों पर घुमाया गया, फिर सिर काटकर हुमायूं के मकबरे में दफना दिया गया.

आलमगीरनामा से मिला सुराग
इसके बाद दारा शिकोह की कब्र सैकड़ों साल तक गुमनामी के अंधेरे में रही, लेकिन फिर 2020 में भारत सरकार ने एक कमेटी बनाकर दारा शिकोह और अब्दुल रहीम की विरासत को खोजने का काम शुरु किया. दारा शिकोह की कब्र खोजने का काम दिल्ली नगर निगम के हेरीटेज सेल के इंजीनियर संजीव कुमार ने शुरू किया. रिसर्च में कब्र का पहला सुराग औरंगजेब पर फारसी में लिखी किताब आलमगीरनामा से मिला. दिल्ली नगर निगम हेरीटेज सेल के इंजीनियर संजीव कुमार ने बताया कि आलमगीरनामा में साफतौर पर लिखा है कि दारा शिकोह को हुमायूं मकबरे में वहां दफन कर दिया गया, जहां बादशाह अकबर के दो बेटे दानियाल और मुराद दफन थे. इसके बाद दिक्कत यह थी कि हुमायूं मकबरे के तहखाने में जाने के लिए 64 दरवाजे थे. फिर खोज के दौरान पता चला कि एक दरवाजे के बाहर कोई कब्र नहीं थी और उसका रास्ता हुमायूं गुंबद के पांच तहखानों तक जाता है.

150 से अधिक कब्रों में से ढूंढा
इस तरह संजीव कुमार ने हूमायूं के मकबरे की 150से 160 कब्रों के बीच दारा शिकोह की कब्र खोजने का दावा किया है. उनके इस शोध पर भारत सरकार की सात सदस्यीय कमेटी में से चार सदस्य ने सहमति दी है, जिसमें मशहूर पुरातत्वविद् केके मोहम्मद, बीआर मनी के अलावा मशहूर इतिहारकार इरफान हबीब भी शामिल हैं. ASI के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक केके मोहम्मद ने कहा कि देखिए, सरकार ने दारा शिकोह पर जो कमेटी बनाई है उसमें मैं भी हूं. मैंने भी संजीव का ये शोध पढ़ा है. मेरे हिसाब से दारा शिकोह की कब्र वही है जो उसने खोजा है. हमने ये बात रिपोर्ट में लिखी भी है.



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People's Democratic Front Merges With Meghalaya's Ruling Party

The People's Democratic Front (PDF) on Friday officially merged with the National People's Party (NPP) at a function in the latter party's office in Shillong.

The merger took place in the presence of Chief Minister and NPP chief Conrad Sangma.

PDF signed the papers of the merger, and both the party MLAs, Banteidor Lyngdoh and Gavin Mylliem joined the NPP.

After the merger, Meghalaya CM Conrad Sangma tweeted saying that the merger will also merge the 'collective effort' for the state and people.

"Elated to welcome MLAs of PDF, Banteidor Lyngdoh, Gavin M Mylliem & all supporters of PDF to the growing NPP family. The growing belief in the NPP is a testament to the proven capabilities of NPP to take Meghalaya forward. Merger of PDF to NPP will also merge our collective mission for the State & its people," he said in a tweet

With this merger, the number of NPP MLAs in the 60-member Meghalaya legislative assembly has increased to 28, and the party is just three short of getting an absolute majority on its own.

In the 2023 Meghalaya Assembly elections, Gavin Maylim, who is also the president of PDF, won from the Sohra assembly constituency, and Banteidor Lyngdoh won from the Mawkynrew Assembly Constituency.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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अशोक गहलोत Vs जाट नेता : जाटों के गढ़ पर क्‍यों है सचिन पायलट की नजर?

कांग्रेस नेता सचिन पायलट के कार्यक्रम राजस्थान में कांग्रेस के फॉर्मूले से हटते नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और व्यक्तिगत रूप से राज्य में घूम-घूमकर उन शिविरों का निरीक्षण कर रहे हैं, जहां लोग सरकारी सहायता के लिए पंजीकरण कराने के लिए कतार में खड़े हैं. हालांकि पायलट ने पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर में धावा बोला है, जो कांग्रेस का गढ़ नहीं है. उनकी चाल पश्चिमी राजस्थान के दो प्रमुख कांग्रेस नेताओं - हरीश चौधरी और हेमाराम चौधरी द्वारा संचालित है. हरीश चौधरी कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हैं और हेमाराम चौधरी गहलोत सरकार में मंत्री हैं.

पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर में पायलट की पहुंच इस लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनका गढ़ गुर्जर और मीणा वर्चस्व वाले पूर्वी राजस्थान के क्षेत्रों में माना जाता है. बाड़मेर गहलोत के निर्वाचन क्षेत्र जोधपुर के बगल में स्थित जिला भी है. 

जाट वोट बैंक में पैठ बनाना राजस्थान में काफी महत्वपूर्ण है. जाट राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय हैं और यह पायलट के लिए महत्वपूर्ण है. 

जाट मुख्‍यमंत्री की मांग 

जाट लंबे समय से राजस्थान में अपने समुदाय से मुख्यमंत्री की मांग कर रहे हैं. उन्होंने अक्सर गहलोत का विरोध किया है. कांग्रेस और जाटों के नेता परसराम मदेरणा को गहलोत का पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता था. 

गहलोत और जाट नेताओं के बीच की इस दरार में हरीश चौधरी और हेमाराम चौधरी जैसे जाट नेताओं के साथ पायलट कदम रखते दिख रहे हैं. 

पायलट ने राजस्थान में परीक्षा पेपर लीक और युवाओं के साथ अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई के मुद्दों को उठाया है. 

'भ्रष्‍टाचार के मुद्दे पर ध्‍यान क्यों नहीं?'

पायलट ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने इसके बारे में गहलोत को लिखा था और पूछा था कि अगर कांग्रेस कर्नाटक में भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रही है तो पार्टी राजस्थान में पिछली भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ध्‍यान क्‍यों नहीं देती है.  

उन्होंने कहा, "जब भी भ्रष्टाचार हुआ है, हमने इसका विरोध किया है. कर्नाटक में भी हम भ्रष्टाचार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. राजस्थान में पिछली भाजपा सरकार में जो कुछ हुआ, उसके बाद हमें भ्रष्टाचारियों को दंडित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर काम करना चाहिए. मैंने इस मुद्दे को उठाया और मुख्यमंत्री को लिखा है. आगे भी ऐसा करना जारी रखूंगा." 

तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए : पायलट 

परीक्षा पेपर लीक होने पर पायलट ने कहा कि गहलोत सरकार को पेपर लीक करने वालों को पकड़ने के लिए तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए. उन्‍होंने कहा, "युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में इतना समय क्यों लगता है?" 

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* "हमें लड़ाइए मत...": सचिन पायलट से जारी खींचतान के बीच मीडिया से बोले CM गहलोत
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"Make PFI Supporters Bite The Dust In Karnataka Polls": Yogi Adityanath

Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath on Saturday urged "nationalistic people" to unite and make the supporters of the banned outfit Popular Front of India (PFI) bite the dust in the forthcoming elections in Karnataka.

Attacking the Congress and JD (S) governments of the past, Yogi Adityanath said, "On one hand, they had let loose an anti-India organisation like the PFI to carry forward its anti-national activities, and on the other were seeking a ban on an organisation like Bajrang Dal, which was dedicated to national and social service and devoted to Lord Hanuman. It amounts to disrespecting the Hindu faith and no nationalist will tolerate this".

Yogi Adityanath made these remarks during his marathon election rallies held in Koppa (Chikkamagaluru), Puttur (Dakshin Kannada) and Honnavara (Uttar Kannada) to seek votes for respective BJP candidates. He also held massive roadshows in Puttur (Dakshin Kannada), Karkala (Udupi) and Bantwal (Dakshin Kannada).

Yogi Adityanath was campaigning for Sringeri candidate DN Jeevaraj, Puttur candidate Asha Thimmappa, Karkala candidate V Sunil Kumar, Bhatkal candidate Sunil Biliya Naik and Bantwal candidate Rajesh Naik.

He accused Congress and JD (S) of "putting barriers" in the development of Karnataka and the country and said that the double-engine government led by PM Modi was carrying out developmental works with great speed and had earned 'global prestige' for the country.

"Uttar Pradesh and Karnataka have been culturally linked for thousands of years as the birthplace of Lord Shri Ram and his devotee and closest aide Lord Hanuman and both have strived for the goal of 'Ek Bharat Shresth Bharat'. But, some people have problems with this goal. The JDS and Congress governments in Karnataka were responsible for riots and anarchy in the past. Our government banned an anti-national organisation like the PFI", Yogi Adityanath said.

The Chief Minister further said that the nationalist society would ensure the victory of the double-engine government in the forthcoming assembly elections in Karnataka.

Emphasising that the double-engine government was a guarantee of security and development, he said, "India has come a long way in the last nine years of the honourable Prime Minister Narendra Modi's leadership. The country's global prestige has gone up significantly while massive infrastructural development is underway in highways, railways, metro, rapid rail, airports and waterway in addition to setting up of Science City, IIMs, IITs etc".

"Houses and toilets are being built for every poor who are also being provided health insurance coverage of upto Rs 5 lakh under Ayushman Bharat. The government has been providing free ration to 80 crore people for the last three years and at the same has given 220 crore free doses of Covid vaccines," he added.

Yogi Adityanath further pointed out, "India is emerging as a global leader under the leadership of PM Modi. PM Modi is the captain of Team India, which is working towards this goal. Now, you have to decide if you want Karnataka to play a key role in Team India's journey to global leadership, which is possible only in a double-engine government. Let's make India so strong that it becomes a global leader."

The Uttar Pradesh Chief Minister also invited people to visit Ayodhya in January next year to attend the opening of the grand Ram Temple.

Yogi Adityanath also said that the enthusiasm of people suggested that they had made up their minds to bring the 'double engine government' in Karnataka under the leadership of BS Yediyurappa and Basavraj Bommai.

Meanwhile, the final leg of campaigning for the May 10 Assembly elections has intensified in the State.

Karnataka will go to Assembly polls on May 10 and the counting of votes will take place on May 13.

(This story has not been edited by NDTV staff and is auto-generated from a syndicated feed.)



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Friday, May 5, 2023

सड़क पर शख्स 24 कैरेट सोने वाली कुल्फी बेच रहा है, लोगों ने कहा- इसे कौन खाता है?

Street Vendor Sells Kulfi Wrapped In 24-Carat Gold: सोशल मीडिया पर आपको रोज़ कई हैरान कर देने वाले वीडियो देखने को मिल जाएंगे. कुछ वीडियो तो ऐसे हैं, जिन्हें देखने के बाद आपको हैरान होगा कि ये कैसे संभव है. अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक कुल्फी विक्रेता लोगों को 24 कैरेट सोने का वर्क किया हुआ कुल्फी खिला रहे हैं. यह लोगों के लिए हैरान कर देने वाली बात है. इस वीडियो को देखने के बाद लोग हैरान और हताश भी हो रहे हैं.

देखें वायरल वीडियो

इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक कुल्फी विक्रेता एक शख्स को कुल्फी देता है. उस कुल्फी में दुकानदार सोने का वर्क मिलाता है. दावा किया गया है कि ये 24 कैरेट का शुद्ध सोना है. इस वीडियो को देखने के बाद लोग पूरी तरह से हैरान हो रहे हैं.

इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया है. mammi_ka_dhaba नाम के यूज़र ने इस वीडियो को शेयर किया है. 43 हज़ार से ज़्यादा यूज़र ने इस वीडियो को पसंद किया है. वहीं इस वीडियो पर कई लोगों के व्यूज़ देखने को मिल रहे हैं. एक यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है- ये तो भारत की सबसे महंगी कुल्फी लग रही है. वहीं इस वीडियो पर एक अन्य यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है- देखकर तो अच्छा लग रहा है. टेस्ट में कैसा होगा, बता नहीं सकता हूं.

क्या है मेट गाला, इसमें जाने के सेलेब्स कितना करते हैं भुगतान ?



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Violence Erupts In Manipur, 13,000 Rescued And Shifted To Safe Shelter

The Imphal Valley in Manipur which remained peaceful for most of Friday witnessed sporadic clashes later in the day as more security forces were rushed in from other states by road and air to calm down a state which had witnessed bloody ethnic rioting over the last 48 hours.

A Defence spokesperson said a total of 13,000 people were rescued and shifted to safe shelters, some in army camps as the army brought Churachandpur, Moreh, Kakching and Kangpokpi districts under its "firm control".

Intermittent gunfights between militant groups and security forces were also reported in the morning hours from various hill districts surrounding the valley, but a wary peace seems to be reigning there since.

"In the past 12 hours, Imphal East and West districts witnessed sporadic incidents of arson and attempts by inimical elements to establish blockades. However, the situation was controlled by a firm and synergised response," the Defence official said on Friday night.

Details of the incidents, however, were not available.

The exchanges of fire between militant groups, who have involved themselves in the ethnic clashes in the state, and security forces were reported at Kangvai in Churachandpur district, western hill range of Phougakchao in adjoining Bishnupur district and Dolaithabi and Pukhao in Imphal East district, a senior police officer said.

However, it was not immediately known whether there was any casualty on either side.

"Prompt response by Security Forces led to rescuing of civilians of all communities from various minority pockets of areas affected by violence. As a result, Churachandpur, Kangpokpi, Moreh and Kakching are now under firm control with no major violence reported since yesterday night," the PRO said.

Nearly 10,000 soldiers from the Army and the Assam Rifles have been deployed in the state which was rocked by clashes since Wednesday between the Meitei community, which mainly live in Imphal Valley, and Naga and Kuki tribals who are inhabitants of the hill districts.

"Total of approximately 13,000 civilians have been rescued and are currently staying in various ad-hoc boarding facilities specifically created for the purpose within Company Operating Bases & Military Garrisons," the defence official said.

Union Home Minister Amit Shah reviewed the situation in Manipur with Chief Minister N Biren Singh and top officials, even as the Centre dispatched additional security forces and anti-riot vehicles to maintain peace there.

Around 1,000 more central paramilitary personnel with anti-riot vehicles reached Manipur on Friday, sources said.

At least five Deputy Inspector General (DIG) rank officers and seven senior superintendents of police (SSP) and SP rank officers of the CRPF have been tasked to coordinate the deployment of various security forces in violence-hit Manipur, official sources said in New Delhi.

Multiple sources said the fighting between communities had left several scores of people dead and nearly a hundred injured. However, the police were unwilling to confirm this.

Trains to Manipur have been cancelled with immediate effect on Friday due to the prevailing in the state, a Northeast Frontier Railway (NFR) spokesperson said.

The Defence PRO, in a statement, earlier said, "The Indian Air Force (IAF) undertook continuous sorties from two airfields in Assam employing C17 Globemaster and AN 32 aircraft." "Induction commenced on the night of May 4 and additional columns commenced domination with effect from the wee hours of May 5. Domination & evacuation of civilians of all communities from affected areas continued throughout the night. Flag march in Churachandpur and other sensitive areas are underway," it added.

Violence first erupted in Torbung area in Churachandpur district during the 'Tribal Solidarity March' organised by the All Tribal Student Union Manipur (ATSUM) on Wednesday to protest the demand of Meiteis for Scheduled Tribe (ST) status.

The march was organised by tribals -- including Nagas and Kukis -- after the Manipur High Court asked the state government last month to send a recommendation to the Centre within four weeks on the demand for ST status by the Metei community.

During the march in Torbung, an armed mob allegedly attacked people of the Meitei community, leading to retaliatory attacks in the valley districts, which escalated the violence throughout the state, police said.

Meiteis account for about 53 per cent of the population and live mostly in the Imphal Valley. Tribals, who include Nagas and Kukis, account for another 40 per cent of the population and live mostly in the hill districts which surround the Valley.

Two shopping malls in New Checkon and Chingmeirong areas of Imphal city were vandalised and torched by an angry mob on Thursday evening.

People were not seen gathering in large numbers or venturing out of their houses in Imphal and other areas on Thursday night as patrolling was intensified on the streets, he said.

A tribal MLA, Vunzagin Valte, of Thanlon constituency was critically injured and was undergoing treatment at a hospital after he was assaulted by a mob on Thursday, the officer said.

The violence between the majority Meiteis and tribals over the demand of the former for ST status has displaced over 13,000 people from both communities.

People in various parts of the country protested against the violence in Manipur.

The Manipur government has given "shoot at sight" orders to contain the violence and Chief Minister N Biren Singh has said the violence was a result of "misunderstanding" in the society and that his administration was taking all measures to bring the situation under control.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Madhya Pradesh Man Arrested For Raping 3-Year-Old Girl: Cops

A 26-year-old man was arrested for allegedly raping a three-year-old girl on the pretext of giving her an ice cream in Madhya Pradesh's Chhatarpur district, a police official said on Friday.

"The accused had come to his in-laws house here in the village and he took the girl on the pretext of giving her an ice cream on Thursday. When the minor was not found for a long time, the family members searched her in nearby areas and informed dial 100 about the matter," a senior police officer said.

He added that acting on the information, the police reached there. When the police also began the search, they went near a stop dam around 8 pm on Thursday, and found the minor in an unconscious state.

Seeing the condition, the police station in charge brought her to the district hospital and an FIR was registered against the accused at Mahila police station in the district. The accused has been arrested, he said.

He further said that the health condition of the girl was stable but for further treatment to avoid future complications she was referred to Gwalior.

An investigation is underway.



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Split Verdict In Supreme Court On Individual's Right To Approach The Court

A citizen's right to move the Supreme Court under Article 32 of the Constitution has been given such importance because the State, if left without checks and balances, has the potential to become a "tyrannical institution" that can take the civil and individual liberties of its people for granted, a top court judge has said.

Supreme Court judge Justice Krishna Murari made these observations while delivering a split verdict in a case where a question arose about whether an individual can approach the top court under Article 32 for settlement of a dispute under the Customs Act.

Article 32 gives individuals the right to move the Supreme Court for justice when they feel their fundamental rights have been infringed.

The other judge of the bench, Justice Sanjay Karol, who disagreed with Justice Murari, held a recourse to the right to approach the top court can only be permitted where the fundamental rights of an individual have been infringed. He said, in the present case, no such infringement was made out and other statutory remedies were available.

The bench, in view of the divergence of opinion between the two judges, directed the registry to list the matter before the Chief Justice for appropriate orders.

Justice Murari said the writ petition, filed under Article 32, raises an issue of huge importance of personal liberty, granted under Article 21 of the Constitution of India, regarding the right of an accused under the Customs Act, 1962 to settle the dispute as per the provisions of the Customs Act itself.

The case involved a Non-Resident Indian (NRI), who was arrested on October 4, 2022 at the Delhi International Airport for allegedly trying to smuggle high value goods, mainly watches, through the green channel in order to avoid paying customs duty.

After the arrest, the NRI filed a writ petition seeking home cooked food. The NRI also filed an application seeking direction to the settlement commission to initiate settlement proceedings as he was unable to travel outside India after October, 2022.

The customs department raised preliminary objections with regard to maintainability of the writ petition on the ground that there were other statutory remedies available to the petitioner under law.

Dealing with the applicability of Article 32, Justice Murari said, "The reason why Article 32 is given such importance is because the State as an organ, if left without checks and balances, has the potential to become a tyrannical institution that can take the civil and individual liberties of its people for granted".

He said, "To curb this inclination of the State at its very roots, the constitutional scheme envisaged an organ within the state machinery, namely the judicial organ, which is vested with the powers to interfere with the tyrannical tendencies of the State".

Justice Murari said the apex court functions within the State, but in cases of violation of fundamental rights, also combats it.

"Further, the Constitution of India, amongst all the other rights conferred by it, has placed civil and individual liberties at the highest pedestal. These civil and individual liberties that act as a sword and a shield against the State, find their translation from ideal to enforceable rights through Part III of the Constitution", he said.

Justice Murari said one such right under Part III of the Constitution, which shields its people from the tyranny of the state, is Article 32 of the Constitution, which in itself is a fundamental right falling within part III of the Constitution that exists to protect other fundamental rights.

"By way of Article 32, any action of the State that violates the fundamental rights of a person, or causes harm to civil or individual liberties is within the purview of scrutiny of the Court", he said.

Justice Murari rejected preliminary objections raised by the customs department regarding maintainability of the writ petition on "mere technicalities" and said if an application of settlement is filed by the NRI petitioner, the same shall be dealt with by the Settlement Commission on its own merits and in accordance with law and the procedure prescribed under the Customs Act.

Justice Karol, in his separate opinion, said the Customs Act, 1962 is a law to sternly and expeditiously deal with smuggled goods and curbs the dents on the revenue.

On applicability of Article 32 in the present case, Justice Karol said it is well settled law that the apex court has wide powers when violation of fundamental rights is alleged under Article 32.

"However, such intervention must be made on a case-by-case basis and only when a fundamental right question arises," he said and noted the NRI petitioner approached the court through writ praying only for the grant of a direction for home cooked food for under trial prisoners and, only subsequently, an interlocutory application was filed seeking direction to the customs authority for settlement under Section 127B of the Customs Act, 1962.

"This approach taken by the Petitioner, in my view, is unwarranted and undesirable if not malafide for not exhausting the appropriate alternative remedies. Under the garb of relief purportedly relating to fundamental rights, the relief sought in the instant IA, is statutory in nature under the Act i.e. for an application of settlement to be decided," he said.

Justice Karol said, "recourse to the fundamental right to approach this Court has to be permitted in cases where the fundamental rights of the Petitioner have been infringed. Herein, no such infringement is made out. No material has been brought on record displaying that the Customs Department has proceeded in a manner contravening the Constitutional mandate." He accepted the preliminary objections raised by the customs departments on the maintainability of the writ petition and dismissed the NRI's application for direction to customs department to settle the dispute.

"Therefore, given the above, the present application is liable to be dismissed on maintainability. It is also to be noted that the practice of circumventing the well established principles for the exercise of the power of Article 32 should not be encouraged," he said.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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"अगर मैं भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया तो..." अरविंद केजरीवाल की पीएम मोदी को चुनौती

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधा. सीएम केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियां किसी भी तरीके से उन्हें सिर्फ "चोर" साबित करने में जुटी हैं. मैं तो पीएम मोदी को कहना चाहता हूं कि अगर मेरे खिलाफ एक पैसे का भी भ्रष्टाचार मिलता है तो वो मुझे सरेआम फांसी पर लटकवा सकते हैं. सीएम अरविंद केजरीवाल पंजाब में आम आदमी पार्टी के मोहल्ला क्लिनिक के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे. 

CBI की पूछताछ पर भी बोले

अरविंद केजरीवाल ने 16 अप्रैल को सीबीआई द्वारा की गई पूछताछ का भी जिक्र किया. सीबीआई ने शराब नीति को लेकर सीएम केजरीवाल को एक गवाह के तौर पर पूछताछ के लिए बुलाया था. इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अभी भी जेल में हैं. 

"सभी एजेंसियां मेरे पीछे हैं"

सीएम केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने मेरे पीछे CBI, ED, Income Tax और पुलिस को लगा दिया है. आखिर क्यों?  इसका सिर्फ एक मकसद है. और वो ये कि किसी भी तरीके से ये साबित कर सकें कि केजरीवाल चोर है. और वो भ्रष्टाचार में लिप्त है. 

"अगर मैं भ्रष्टाचारी तो कोई ईमानदार नहीं"

उन्होंने कहा कि मैं मोदी जी से सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि अगर केजरीवाल भ्रष्टाचारी है तो फिर इस दुनिया में कोई भी ईमानदार नहीं है. मैं आपको ये दावे से कहना चाहता हूं कि आपने जिस दिन मेरे खिलाफ एक पैसे का भ्रष्टाचार भी उजागर कर दिया, तो उसी दिन मुझे सरेआम फांसी पर लटका देना. तो ये रोज की नौटंकी और तमाशा बंद कीजिए. 



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Troubled Airline Go First Extends Flight Cancellations Till May 12

Crisis-hit airline Go First on Friday extended the cancellation of all its flights until May 12 amid uncertainty over its future.

The Wadia Group-owned airline, formerly known as GoAir, has filed a plea for voluntary insolvency resolution proceedings before the National Company Law Tribunal (NCLT), which reserved its order on Thursday.

The appeal is aimed at restructuring the airline's debt and liabilities, which have been exacerbated by the COVID-19 pandemic.

The first major airline collapse since 2019 underlines the fierce competition in a sector dominated by IndiGo and the recent merger of Air India and Vistara under the Tata conglomerate.

The airline said in a tweet that it would issue a full refund to the original mode of payment for the cancelled flights.

It had initially suspended flights for three days starting from May 3, but later extended the suspension till May 9 and then May 12.

On Thursday, the Directorate General of Civil Aviation (DGCA), the aviation regulator, said that Go First had suspended sale of tickets till May 15 and asked it to refund tickets for its cancelled flights.

The airline's effort to start insolvency proceedings, meanwhile, has become ensnared in a tussle with aircraft lessors after they asked the aviation regulator to deregister some of its planes as a step towards taking them back.

Some lessors opposed Go Airlines (India) Ltd's plea at the first hearing of the National Company Law Tribunal (NCLT) on Thursday, after the airline had blamed "faulty" Pratt & Whitney engines this week for the grounding of about half of its fleet.

The cash-strapped airline wants the tribunal to accept its plea and is seeking an interim moratorium to save its assets, a move the lessors oppose.

GY Aviation Lease, SMBC Aviation Capital, Pembroke Aircraft Leasing and some others have submitted requests to take back at least 20 planes on Thursday, the regulator's website shows.

Go First had to ground more than half its 54 Airbus 320 neos fitted with Raytheon owned P&W engines by April.



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Thursday, May 4, 2023

छत्तीसगढ़ : भूपेश बघेल की सरकार ने जारी किया 12 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन

छत्तीसगढ़ सरकार ने इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बृहस्पतिवार को राज्य में 12,489 शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि यह रिक्तियां सीधी भर्ती प्रक्रिया से भरी जाएंगी और इच्छुक उम्मीदवार इसके लिए छह मई से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने 12,489 शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया है.

उन्होंने कहा कि 12,489 रिक्तियों में से 6,285 सहायक शिक्षक, 5,772 शिक्षक और 432 व्याख्याताओं के पद हैं. उन्होंने कहा कि परीक्षा छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित की जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 58 प्रतिशत आरक्षण के साथ चयन और नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने के उच्चतम न्यायालय के एक मई के निर्देश के बाद यह कदम उठाया गया है. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष सितंबर माह में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण बढ़ाकर 58 प्रतिशत करने के राज्य सरकार के 2012 के आदेश को रद्द कर दिया था और कहा था कि 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक आरक्षण असंवैधानिक है.

उच्च न्यायालय के फैसले के बाद आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षण 32 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हो गया. इसके बाद पिछले साल दिसंबर में ​छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य की सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए कुल आरक्षण बढ़ाकर 76 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करते हुए दो संशोधन विधेयक पारित किए गए. हालांकि ये विधेयक राज्यपाल की सहमति के लिए राजभवन के पास लंबित है.

विधेयकों के अनुसार अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है. इससे राज्य में कुल आरक्षण 76 प्रतिशत हो जाएगा. इसी बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी.

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Meghalaya To Evacuate Students From Violence-Hit Manipur

Meghalaya Chief Minister Conrad K Sangma on Thursday directed state government officials to evacuate students of the state studying in various educational institutions in violence-hit Manipur.

The chief minister chaired an urgent meeting with top officials to ensure the safety of students of Meghalaya following reports of violence in Manipur.

"The chief minister highlighted that the safety of all students of Meghalaya must be ensured and directed the officials to come up with a plan for evacuation of students if the situation arises," a senior official told PTI.

Over 200 Meghalaya students are studying in Manipur, he said and plans are afoot to airlift them, the official said.

The Meghalaya government is putting in place a helpline number for students studying in Manipur or their family members to reach out to in case of emergencies.

The Manipur government on Thursday issued 'shoot at sight' order in "extreme cases" to contain spiralling violence in the state between tribals and the majority Meitei community which has displaced over 9,000 people from their villages.

Fifty-five columns of the Army and Assam Rifles had to be deployed to contain widespread rioting that broke out across Manipur between tribals and the majority Meitei community, displacing over 9,000 people.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश, अब तक 9 हजार लोग शिफ्ट: मणिपुर हिंसा के 10 अपडेट

  1. ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ने बुधवार को आदिवासी एकजुटता मार्च बुलाया था. इसी दौरान आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों में झड़प हो गई. आदिवासी समुदाय उस मांग का विरोध कर रहा था, जिसमें गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिया जाए.
  2. मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मैतेई समुदाय की मांग पर विचार किया जाए. 4 महीने के भीतर केंद्र को इसकी सुझाव भेजने को कहा गया है. इसी आदेश के बाद आदिवासी और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई.
  3. जगह-जगह आगजनी और हिंसा की खबर है. हालात को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने कई राउंड आंसू गैस के गोले भी दागे, लेकिन हिंसा नहीं रुकी. अब आर्मी और असम राइफल्स की 55 टुकड़ियों को तैनात किया गया है. 
  4. मणिपुर में हिंसा को देखते हुए सरकार ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है. राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ‘‘समझाने और चेतावनी के बावजूद स्थिति काबू में नहीं आने पर 'देखते ही गोली मारने' की कार्रवाई की जा सकती है.
  5. राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के प्रावधानों के तहत जारी की गई है. राज्य के इम्फाल पश्चिम, कैकचिंग थोऊबल, जिरिबाम, बिश्नुपुर, चूड़ाचंदपुर, कांगपोकपी और तेनग्नोउपाल में कर्फ्यू लागू किया गया है.
  6. सेना के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 9,000 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है. प्रवक्ता ने बताया कि करीब 5,000 लोगों को चुराचांदपुर में सुरक्षित गृहों में पहुंचाया गया, वहीं 2,000 लोगों को इंफाल घाटी में और अन्य 2,000 लोगों को तेनुगोपाल जिले के सीमावर्ती शहर मोरेह में स्थानांतरित कर दिया गया है.
  7. गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली. बीरेन सिंह ने आज सुबह एक वीडियो मैसेज जारी कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.
  8. केंद्र ने पूर्वोत्तर राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए RAF की टीमों को भी भेजा है. RAF की पांच कंपनियों को इंफाल एयरलिफ्ट किया गया है, जबकि 15 अन्य जनरल ड्यूटी कंपनियों को भी राज्य में तैनाती के लिए तैयार रहने को कहा गया है.
  9. मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि हिंसा की वजह दो समुदायों के बीच गलतफहमियां हैं. लंबे समय से चली आ रही शिकायतों को सही तरीके से लोगों की सलाह के जरिए हल कर लिया जाएगा. शांति बनाए रखें.
  10. मैतेई एक गैर-आदिवासी समुदाय है. यह मणिपुर की आबादी का 53% हिस्सा है. ये मुख्य रूप से इस समुदाय के लोग मणिपुर घाटी में रहते हैं. पिछले 10 साल से ये समुदाय ST का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं.


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S Jaishankar Hosts Reception For Foreign Ministers Attending Regional Meet

External Affairs Minister S Jaishankar on Thursday evening hosted a gala reception for the foreign ministers of Russia, China, Pakistan and other member nations of the Shanghai Cooperation Organisation (SCO), marking the beginning of a two-day conclave of the grouping.

The main deliberations of the SCO Council of Foreign Ministers will take place on Friday.

The reception at the sea-side Taj Exotica Resort in Benaulim was attended by Chinese Foreign Minister Qin Gang, Russia's Sergey Lavrov and Pakistan's Bilawal Bhutto-Zardari, Uzbekistan's Bakhtiyor Saidov and SCO Secretary General Zhang Ming.

The foreign ministers of Kazakhstan, Kyrgyzstan and Tajikistan were also among those who joined the reception.

This evening's cultural performance was an amalgamation of Indian classical and folk dance forms along with Bollywood dance styles, as a glimpse of Hindi cinema.

There was a special segment where representatives of the SCO countries showcased their dance performances.

India is hosting SCO conclave amid the escalating confrontation between Russia and the West over the war in Ukraine and concerns over China's expansionist behaviour.

The overall situation in Afghanistan including apprehensions that the country may turn into a breeding ground for terrorism under the Taliban rule as well as the fast evolving regional security situation are expected to figure prominently during the deliberations on Friday.

India is emerging as a key player among the SCO countries though China and Russia are seen as the major drivers of the grouping that is increasingly seen as an "alternative" to NATO.

India is hosting the SCO conclave when its ties with China are under severe strain in view of the lingering border row in eastern Ladakh.

People familiar with the preparation of the conclave said the foreign ministers will deliberate on overall challenges facing the region in the backdrop of the current geo-political turmoil and the state of bilateral ties between the member nations would not impact the discussions.

The SCO is an influential economic and security bloc and has emerged as one of the largest transregional international organisations.

The SCO was founded at a summit in Shanghai in 2001 by the presidents of Russia, China, the Kyrgyz Republic, Kazakhstan, Tajikistan and Uzbekistan.

India and Pakistan became its permanent members in 2017.

India was made an observer at the SCO in 2005 and has generally participated in the ministerial-level meetings of the grouping, which focus mainly on security and economic cooperation in the Eurasian region.

India has shown a keen interest in deepening its security-related cooperation with the SCO and its Regional Anti-Terrorism Structure (RATS), which specifically deals with issues relating to security and defence.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Weather Report: देश के कुछ हिस्सों में 3 दिनों में बढ़ेगी गर्मी, IMD ने दिया बड़ा अपडेट

दिल्ली वासियों की गुरुवार की सुबह की शुरुआत खुशनुमा मौसम (Delhi Weather Report) के साथ हुई. राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में सुबह कोहरे (Delhi Fog) की मोटी चादर छाई रही, जो मई के महीने में असामान्य है. गुरुवार को न्यूनतम तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस हो गया और यह 1901 के बाद मई में तीसरी सबसे सर्द सुबह रही, जब से मौसम के आंकड़ों का संग्रह शुरू हुआ था.

हालांकि, अब भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने एक नए अपडेट में बताया कि उत्तर पश्चिम भारत में अगले तीन दिनों में तापमान में 4-6 डिग्री की वृद्धि होने की उम्मीद है. मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने कहा कि अगले पांच दिनों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में हीटवेव की स्थिति नहीं होने की संभावना है.

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तापमान बढ़ा
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी राज्यों में गुरुवार को अधिकतम तापमान में 4 से 7 डिग्री सेल्सियस की भारी उछाल देखी गई. आईएमडी के बुलेटिन के मुताबिक, अगले पांच दिनों में मध्य भारत में अधिकतम तापमान में 4-6 डिग्री की वृद्धि होने की संभावना है, जबकि पूर्वी भारत में अगले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा. इसके बाद 3-5 डिग्री की वृद्धि होगी.

दो दिनों में मौसम में कोई बदलाव नहीं होने के आसार
मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिम में भी अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा. लेकिन उसके बाद तापमान में 2-4 डिग्री वृद्धि होने की संभावना है. दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में सामान्य रूप से मई का महीना साल में सबसे ज्यादा गर्म होता है. इसमें औसतन अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री सेल्सियस होता है. 

इससे पहले 2 मई 1969 को पारा 15.1 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर पहुंच गया था. 2 मई 1982 को इस महीने का सबसे कम तापमान 15.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. शहर में आज अधिकतर स्थानों पर आर्द्रता का स्तर 80 से 100 प्रतिशत के बीच रहा. 

पश्चिमी विक्षोभों के कारण हो रही बारिश
अधिकारियों ने उत्तर-पश्चिम भारत को लगातार प्रभावित कर रहे पश्चिमी विक्षोभों के कारण दिल्ली में असामान्य तरीके से बादल छाए रहने, बारिश होने और मौसम में ठंडक होने की बात कही है. दिल्ली निवासियों ने शहर में सुबह छाए कोहरे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर डाले और वे दिल्ली की तुलना कसौली और शिमला जैसे पर्वतीय स्थलों से करते दिखे.

आईएमडी ने कहा कि कोहरा उच्च आर्द्रता, शांत हवाओं और दिन और रात के तापमान के बीच बड़े अंतर के कारण होता है, जो कोहरे के गठन के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं.

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Wednesday, May 3, 2023

VIDEO: "एक सेकेंड में टेररिस्ट बना देंगे, तुम पर काल मंडरा रहा"- टीचर को पुलिसवाले ने धमकाया

बिहार पुलिस के एक थानेदार के धमकी देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जानकारी के मुताबिक, किसी मामले के निपटारे के लिए थाने पहुंचे एक टीचर और उनके परिजनों को थानाध्यक्ष राजेश शरण ने वर्दी की धौंस दिखाई. थानाध्यक्ष ने टीचर को सीधे टेररिस्ट बनाने की धमकी दे दी.

वायरल हो रहा वीडियो बिहार के जमुई में झाझा थाना परिसर का बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, वीडियो 2-3 दिन पहले का है, जब किसी मामले को लेकर बुलाने पर एक टीचर अपने परिवार के साथ झाझा थाना पहुंचे थे. इनके तीन दिन देर से आने पर थानाध्यक्ष भड़क उठे और फिर भला बुरा कहने लगे. थाना आए टीचर ने अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन तब वर्दी वाले थाना अध्यक्ष चिल्लाते रहे.

वीडियो में झाझा थानाध्यक्ष एक शख्स को धमकाते हुए कहते हैं, "टेररिस्ट बनाना तो हम लोगों का काम है, एक सेकेंड में बना देंगे टेररिस्ट." वीडियो में देखा जा सकता है कि थानेदार अपनी कुर्सी से उठ कर किस तरह वर्दी का धौंस दिखाते हैं. थानेदार का गुस्सा इतने में ही कम नहीं होता. वह वर्दी का धौंस दिखाते हुए कहते हैं, " तुम पर अब काल मंडरा रहा है."

हैरानी की बात है कि जिस समय यह घटना हुई, वहां मौके पर कई लोग मौजूद थे. थाने में कुछ और पुलिसकर्मी भी थे, लेकिन किसी ने इस हरकत को रोकने की कोशिश नहीं की. 

वायरल हो रहे इस वीडियो के बारे में पूछने पर जमुई जिला पुलिस मुख्यालय हरकत में आई. मामले की जांच की जा रही है. उसके बाद कार्रवाई की जाएगी. बताया जाता है कि टीचर ने जब मामले की शिकायत करने की कोशिश की, तो थानाध्यक्ष ने डराया-धमकाया. इससे टीचर का परिवार भयभीत है.

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संदिग्धों के बारे में खुफिया सूचना के बाद जम्मू-पठानकोट हाईवे पर हाई अलर्ट

खुफिया सूचना के बाद जम्मू से पठानकोट तक सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं. सुरक्षा बलों को ऐसे इनपुट मिले थे कि कुछ संदिग्ध दिखे हैं और वे कुछ कर सकते हैं. इसी को देखते हुए जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर चौकसी बढ़ा दी गई है. कई जगहों पर तलाशी अभियान भी चलाया गया पर अभी तक कुछ भी संदिग्ध नहीं दिखा. खुफिया एजेंसियों को यह भी खबर मिली है कि आतंकी 5 मई या उससे पहले जम्मू कश्मीर में किसी बड़े हमले की तैयारी कर रहे हैं.

ऐसी भी रिपोर्ट है कि आतंकी पुलवामा हमले की तरह ही सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला कर सकते हैं या फिर उरी आतंकी हमले की भांति किसी सैन्य शिविर को निशाना बना सकते हैं. इसे देखते हुए सुरक्षा बल कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं. यही वजह है कि पठानकोट से लेकर जम्मू कश्मीर तक सुरक्षा बल एहतियात के तौर पर अलर्ट पर हैं. पूरे जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, एसओजी सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर  तैनात किया गया है.

जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक हालांकि सीमा पर आतंकियों द्वारा घुसपैठ की कोशिशों में कमी आई है पर सीमा पार से जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिशें अभी भी जारी हैं.  

वैसे जम्मू पुलिस और सेना ने एनडीटीवी से बातचीत में साफ किया है आम नागरिकों को किसी भी तरह घबराने की कोई जरूरत नही है. हर जगह स्थिति नियंत्रण में है. सुरक्षा के लिहाज से कुछ जरूरी कदम उठाए गए हैं.

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Body Parts Of Woman Rural Health Worker Found In Forest In Jharkhand

The body parts of a woman, reportedly an anganwadi worker, were recovered in a forest area in Jharkhand's Sahibganj district, police said on Wednesday.

The skull of the woman and some other body parts were found at the spot in Chatki village on Tuesday evening, they said. Blood-stained clothes, footwear and a key of a motorcycle were also recovered from the place, some 400 km from state capital Ranchi, a police officer said.

Villagers identified the woman as Maloti Soren, an anganwadi worker, with the help of the recovered items, Borio Police Station In-charge Jagannath Pan said.

Sahibganj SDPO Rajendra Kumar Dubey, however, said the seized items will undergo forensic probe in a bid to establish her identity.

The rural health worker's mother, Sanjli Tudu, had filed a missing complaint at Borio police station on April 30, he said.

Further investigation is underway.

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एग्जॉस्ट फैन की ब्लेड तोड़ कैदियों ने बनाया था चाकू, तिहाड़ जेल में ऐसे हुई थी टिल्लू ताजपुरिया की हत्या

देश की सबसे सुरक्षित जेल तिहाड़ इन दिनों 'चाकूबाज़' कैदियों से परेशान है. बीते 19 दिनों में यहां दो गैंगवार की घटनाएं हुई. इन घटनाओं में दो बड़े गैंगस्टर की हत्या कर दी गई. 14 अप्रैल को प्रिंस तेवतिया की हत्या कर दी गई थी. 2 मई को एक और गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर गई है. ऐसे में तिहाड़ जेल प्रशासन की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर एशिया की सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली तिहाड़ जेल में कैदियों के पास चाकू कहां से आता है. 

तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक, एग्जॉस्ट फैन की ब्लेड तोड़कर या फिर खिड़की की जाली को तोड़कर या किसी भी ऐसी लोहे की धातु को घिसकर उसे धारदार बनाया जाता है. जो चाकू की तरह काम करता है. ऐसी चीज के पीछे कपड़ा बांधकर उसका हत्था तैयार किया जाता है. जेल में कैदी अपने दुश्मन गैंग के लोगों पर हमला करने के लिए इस तरह से चाकू बनाते हैं. 

जेल नंबर 8-9 में कुल 2350 कैदी
वारदात को अंजाम देने से पहले कई दिनों तक पत्थर पर घिसकर ऐसे चाकुओं को धार दिया जाता है. अप्रैल में जेल नंबर 8 और 9 में कुल 32 बार सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इस दौरान 22 चाकू धारदार मिले. जबकि 30 से 35 ऐसी लोहे की छड़ें मिली, जिनको धारधार किया जाना बाकी था. बता दें कि जेल नंबर 8-9 में कुल 2350 कैदी बंद हैं. इनपर नज़र रखने के लिए 60 सुरक्षा कर्मी तैनात होते हैं. जेल नंबर 8-9 में कुल 975 सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं. 

गोगी गैंग के सदस्यों ने किया मर्डर
तिहाड़ जेल प्रशासन समय-समय पर कैदियों की सुरक्षा की समीक्षा भी करता है. इसके बाद ज़रूरत के हिसाब से कैदियों की जेल बदली जाती है. इसी कड़ी में टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के आरोपी योगेश टुंडा को 30 मार्च को जेल नंबर 8 में शिफ्ट किया गया था. कैदी राजेश को भी उसी दिन जेल नंबर 8 में शिफ्ट किया गया था. जबकि दीपक तीतर 6 जनवरी 2023 से ही जेल नंबर 8 में बंद था. रियाज़ भी यहां पहले से बंद था. चारों आरोपियों को गोगी गैंग का सदस्य बताया जाता है. 

गोगी की हत्या का बदला लेने के लिए रची साजिश
सूत्रों के मुताबिक, 30 मार्च को योगेश और राजेश के 8 नंबर जेल में आने के बाद हत्या के 15 दिन पहले ही सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया था. इसके बाद चारों कैदियों ने गोगी की हत्या का बदला लेने की साजिश रची. 

एग्जॉस्ट फैन की पत्तियां तोड़ बनाया चाकू
इसके लिए इन्होंने एग्जॉस्ट फैन की पत्तियां तोड़कर चाकू बनाये. वारदात वाले दिन ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर के बीच में बनी सिक्योरिटी ग्रिल को तोड़ा. इसके बाद नीचे कूदकर टिल्लू पर हमला कर दिया. पूरी वारदात 2 से 3 मिनट के बीच में ही खत्म हो गई. चारों कैदियों ने अपने-अपने चाकू से टिल्लू पर 90 से ज्यादा वार किए. 

जेल का ऑडिट करवाने पर विचार कर रहा प्रशासन
प्रिंस तेवतिया और टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद अब तिहाड़ जेल प्रशासन पीडब्ल्यूडी से जेल का ऑडिट करवाने पर विचार कर रही है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि आखिर जेल में कौन से बदलाव करने से कैदी जेल की चीज़ों से चाकू नहीं बना पाएंगे.

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Manish Sisodia's Bail Request In Money Laundering Case In Court Tomorrow

Former Delhi deputy chief minister Manish Sisodia Wednesday approached the Delhi High Court seeking bail in a money laundering case related to the alleged excise policy scam.

The plea was mentioned before Chief Justice Satish Chandra Sharma for an urgent listing and was allowed to be listed for hearing on Thursday, when it will be heard before Justice Dinesh Kumar Sharma.

Mr Sisodia has filed a regular bail plea as well as an interim bail application on the ground of illness of his wife.

In his regular bail plea filed in the CBI case, Mr Sisodia had earlier argued that his wife has been suffering from multiple sclerosis, a degenerative disease, for 20 years and it was likely to worsen.

He has challenged a trial court's April 28 order by which his bail plea was dismissed in the money laundering case on the ground that the evidence prima facie "speaks volumes of his involvement in commission of the offence." Mr Sisodia's regular and interim bail pleas in the case lodged by CBI are also listed for hearing on Thursday before Justice Sharma.

He was arrested by the CBI and ED in the corruption and money laundering cases on February 26 and March 9 respectively.

The trial court, while denying him relief in the ED's case, had said that the prosecution was able to show a genuine and prima facie case for Sisodia's involvement in money laundering.

It listed such reasons as the "serious nature of allegations made and role played by Mr Sisodia in the criminal conspiracy, his connection with the activities relating to generation or acquisition and use etc of the proceeds of crime … and the oral and documentary evidence collected in support of the same" for the denial of bail.

The trial court had said that the medical illness of Mr Sisodia's wife was also not a ground to release him on bail, also that it cannot rule that he may try to influence prime witnesses in the case.

The trial court in its order had noted that Mr Sisodia has not been accused of laundering money in his individual capacity, but in his capacity as a public servant holding the charge or portfolio of Excise Ministry as well as being the Deputy Chief Minister of Delhi.

The allegations made in the case are found to be serious since proceeds of crime in crores of rupees are alleged to have been generated or processed through different activities, it had said.

The Enforcement Directorate (ED) had opposed the bail application before the trial court, asserting that the investigation was at a "crucial" stage and claiming that the senior AAP leader had planted fabricated emails to show there was public approval for the policy.

The CBI and the ED had arrested Mr Sisodia for alleged corruption in the formulation and execution of the now-scrapped Delhi Excise Policy 2021-22 and for purportedly laundering the money generated from the policy.

(This story has not been edited by NDTV staff and is auto-generated from a syndicated feed.)



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Tuesday, May 2, 2023

4 बार CM और 24 साल तक NCP बॉस: अब शरद पवार किसे सौपेंगे पार्टी की कमान?

वरिष्ठ नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) का अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है. शरद पवार की उम्र 82 बरस हो चुकी है. माना जा रहा है कि वो अपने सामने पार्टी की बागडोर किसी और को थामते देखना चाहते हैं. पवार के ऐलान के बाद समर्थकों ने उनसे भावुक अपील की है. इसके बाद उनके भतीजे अजित पवार ने कहा कि वह अपने फैसले पर पुर्निविचार करने के लिए कुछ वक्त चाहते हैं.

महाराष्ट्र की राजनीति में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का महत्वपूर्ण स्थान है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन 25 मई 1999 को शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने किया था. इन तीनों नेताओं को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, क्योंकि इन्होंने सोनिया गांधी को पार्टी की बागडोर सौंपने पर आपत्ति जताई थी. महाराष्ट्र में पार्टी के विकास में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का अहम योगदान रहा है. एक साधारण से कार्यकर्ता के रूप में काम शुरू करने वाले शरद पवार 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने.

व्यक्तिगत जीवन
शरद पवार का वास्तविक नाम शरतचंद्र गोविंदाराव पवार है. पवार पुणे के बीएमसीसी कॉलेज में कॉमर्स की पढ़ाई के दौरान कॉलेज के जनरल सेक्रेटरी भी बने. इसी दौरान वह कांग्रेस से सक्रिय रूप से जुड़े और फिर उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ. शरद पवार की शादी पूर्व क्रिकेटर सदू शिंदे की बेटी प्रतिभा पवार के साथ हुआ. सुप्रिया सूले उनकी एकमात्र संतान हैं. सुप्रिया फिलहाल महाराष्ट्र के बारामती से सांसद हैं. इसके अलावा पवार के भतीजे अजित पवार महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय हैं. 

राजनीतिक सफर की शुरुआत
महाराष्ट्र के पहले सीएम यशवंतराव चव्हाण शरद पवार के राजनीतिक गुरु माने जाते हैं. यशवंतराव चव्हाण कांग्रेस के कद्दावर नेता थे. उनके मार्गदर्शन से ही शरद पवार पहले युवा कांग्रेस से नेशनल कांग्रेस पार्टी में सक्रिय रूप से जुड़े. शरद पवार 26 की उम्र में पहली बार विधायक बने. 1974 में कांग्रेस ने उन्हें महाराष्ट्र का प्रदेश सचिव नियुक्त किया.

38 साल की उम्र में बने सीएम
शरद पवार 38 साल की उम्र में 1978 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद वह साल 1988, 1990 और 1993 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर कार्यरत रहे. यूपीए की गठबंधन सरकार में शरद पवार 10 सालों तक देश के कृषि मंत्री रहे हैं. पवार को यशवंतराव चव्हाण और वसंतदादा पाटिल के बाद महाराष्ट्र का सबसे बड़ा नेता माना जाता है.

बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर भी किया काम
शरद पवार ने बतौर बीसीसीआई अध्यक्ष काम करते हुए भारत में क्रिकेट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा उद्योग जगत में भी पवार का अच्छा खासा नाम है. महाराष्ट्र में शरद पवार के कई मीडिया हाउस और चीनी मिलें हैं.

लिए कई अहम फैसले
शरद पवार ने मुख्यमंत्री के तौर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. महाराष्ट्र में सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा देने का काम भी उनके ही कार्यकाल में हुआ. महिलाओं को आरक्षण, महिला स्वयं सहायता समूहों की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण निर्णय उनके कार्यकाल में सरकार द्वारा लिए गए. यही नहीं, महाराष्ट्र में पुलिस को हाफ पैन्ट की जगह फुल पैन्ट पहनने की इजाजत भी शरद पवार के कार्यकाल में ही मिली थी.

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"Law Of Land": Supreme Court On Its Verdicts

The Supreme Court on Tuesday said the judgments delivered by it are the "law of the land" and there is no question of anyone violating the principles laid down in the verdicts.

The court made these observations while hearing a matter relating to the compliance of its July last year verdict, in which it had passed several directions, including that the Centre may consider the introduction of a separate enactment in the nature of a bail Act so as to streamline the process of grant of bail.

"A judgment of this court, including the one in Antil's case (in which the July 2022 verdict was delivered), is the law of the land. There is no question of anyone violating the principles laid down. Suffice for us to say that wherever this judgment is applicable, the principles have to be followed," a bench of Justices SK Kaul and A Amanullah said.

The court said apparently, there is a large number of cases arising, especially in Uttar Pradesh, where the grievance is that verdicts are not being followed.

"We consider appropriate that this order should be placed before the chief justice of the Allahabad High Court to ensure that there is sufficient dissemination of information...," it said.

The top court said it is not inclined to entertain applications in individual cases where it is stated that a judgment is not being followed.

"We also make it clear that henceforth, we will not entertain any such applications and the registry should not list any such applications before us as the purpose of keeping this matter alive is only to see that the implementation takes place in the larger perspective," it said.

Dealing with the aspect of compliance, the bench said it is for the high courts to ensure that wherever there is non-compliance, necessary steps are taken to ensure compliance.

In its order passed in the matter on March 21, the court had observed that it was the high courts' duty to ensure that the subordinate judiciary under their supervision follows the law of the land and if orders are being passed by magistrates in breach of its judgment, "it may even require judicial work to be withdrawn and those magistrates to be sent to the judicial academies for upgradation of their skills for some time".

During the hearing on Tuesday, an order passed by a sessions judge in Uttar Pradesh rejecting an anticipatory bail plea was placed before the top court bench.

The court noted that the order was passed in a matrimonial dispute where it was alleged that the complainant was assaulted and the husband and other members of his family were sought to be roped in.

The bench noted that it was stated before the court that the applicants were not arrested during the investigation and now, the chargesheet has also been filed.

Referring to the session court's order, the bench observed: "Certainly, the judge concerned meets the parameters for upgradation of skills in a judicial academy and the needful be done by the high court." The bench, which also dealt with several other issues related to the matter, posted it for further hearing in July.

In its judgment delivered in July last year in the case of Satender Kumar Antil vs CBI and another, the court passed several directions, including that bail pleas ought to be disposed of within a period of two weeks except if the provisions mandate otherwise, with the exception being an intervening application.

It had said applications for anticipatory bail were expected to be disposed of within a period of six weeks, with the exception of any intervening application.

Prior to that, in another order passed in October 2021, the court had issued guidelines for granting bail after the filing of the chargesheet and said trial courts were not precluded from granting interim relief, considering the accused's conduct during the probe.

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Chargesheet Filed In Case Against Gujarat Conman Who Posed As PMO Official

The Jammu and Kashmir Police on Tuesday filed a charge sheet against alleged conman Kiran Patel who was arrested for posing as a senior PMO official and enjoying security cover, officials said.

The charge sheet against Patel, who is currently lodged in the Central Jail here, was filed in the court of the Chief Judicial Magistrate in Srinagar.

The fraudster, hailing from Gujarat, was arrested for allegedly posing as an additional director (strategy and campaigns) in the Prime Minister's Office (PMO) and enjoying many perks, including a bulletproof car and security cover besides other hospitality, police said.

Patel had claimed that he had been given a mandate by the central government to identify buyers for apple orchards in south Kashmir, they added.

A case under relevant sections of cheating and forgery was registered against him on March 2 and he was nabbed the next day from a five-star hotel here during his third visit to the Valley.

Four FIRs related to cheating were recently registered against Patel in different police stations in Gujarat, including one by the Ahmedabad crime branch for trying to usurp a senior citizen's bungalow.

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तस्वीर में दिख रही इस थैली का क्या है नाम और काम? पुराने जमाने में लोग इसका इस्तेमाल करते थे

समय के साथ हम इंसान काफी आगे बढ़ चुके हैं. अब हमारी दुनिया डिजिटल हो चुकी है. इंटरनेट की मदद से हम घर बैठे ही सभी सुविधाएं लेने लगे हैं. एक समय होता था, जब हमें कई चीज़ों के लिए संघर्ष करना पड़ता था. सोचिए, पहले हमें पत्तों से बने प्लेट में खाना खाते थे, मगर अब प्लास्टिक की प्लेटों में खा रहे हैं. पहले के जमाने में हम शुद्ध खाना खाते थे, मगर अब मिलावटी खाना खाते हैं. खैर, सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. इस तस्वीर को देखने के बाद आपको बताना है कि इसका नाम क्या है और इसका काम क्या है? इंटरनेट पर इस तस्वीर को देखने के बाद लोग हैरान भी हो रहे हैं. गांव में रहने वाले लोगों को इसके बारे में जानकारी भी है, मगर अब के लोगों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.

तस्वीर देखें

पुराने जमाने में जब बोतल की सुविधा नहीं थी तो इसका ही इस्तेमाल करते थे. इसे छागल कहते हैं. कई जगहों पर इसका नाम दूसरा हो सकता है. आजकल ये एमेजन पर भी मिलने लगा है.

क्या है इसका काम

ये मोटे कैनवास से बना हुआ एक तरफ खुले मुंह वाला बैग है. इसे गांव-देहात में छागल कहते हैं. यात्रा के दौरान ये बहुत ही उपयोगी थैली होती थी. इसमें पानी भर के इसे कहीं भी खुली जगह पर छाया में टांग दिया जाता था. अंदर भरे पानी से इसमें नमी बनी रहती थी और बाहर चलने वाली गर्म लू से इसे ठंडक मिलती थी. 

यात्रा के समान में इसका खास महत्व हुआ करता था, इसे ट्रेन की खिड़की में बाहर की तरफ टांग दिया जाता था ताकि हवा से पानी शीतल बना रहे. ट्रक चालक इसे हमेशा अपने साथ रखते थे..

 

इस वीडियो को भी देखें- कैसा है पत्रकार के हाथ का बना पोहा? Reporter Special Poha तो गर्दा है



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"Misunderstanding That Government Putting Pressure On Judiciary": Minister

Union Law Minister Kiren Rijiju on Tuesday said the Narendra Modi government has not done anything to undermine the judiciary's independence, and every institution should respect the 'Lakshman rekha' or boundary set by the Constitution.

Speaking at an event organised by the Bar Council of Maharashtra and Goa, he sought to refute the narrative that the government was exerting pressure on the judiciary.

"It is a misunderstanding that the government is trying to put any kind of pressure on the judiciary. We are not only maintaining the judiciary's independence but working to strengthen it," Mr Rijiju said.

"Some people who claim to be liberals are spreading this misunderstanding among people but it is not at all true," the minister added.

To the question whether the government was interfering in the functioning of the judiciary, Mr Rijiju in a lighter vein said a question could also be asked the other way around, whether the judiciary was interfering in the government's work.

"Our Constitution mandates a 'Lakshman rekha' for every institution and this line should be respected. Our government under the leadership of Narendra Modi has done nothing to undermine the judiciary's independence or interfere with the judiciary's work," the law minister asserted.

Increasing pendency of court cases is the biggest concern for the country and the solution lies in technology, he said.

"There are around five crore cases pending in our country. This means there is a delay in justice which in turn means five crore injustices are being done to the people of our country," he said.

The Supreme Court and Chief Justice of India DY Chandrachud are taking steps to promote online hearing and e-filing, the minister said.

"Some High Courts are, however, going slow on technology. I don't want to name as then it will become an insult for them," Mr Rijiju stated.

Budget for the judiciary is not an issue, he said.

"The Narendra Modi government has done everything to strengthen the judiciary. This is why even during the COVID-19 pandemic courts in India did not stop functioning," Mr Rijiju said.

The minister, an MP from Arunachal Pradesh, also said that "for my peace I derive inspiration from Lord Buddha" but "when it comes to fighting for someone's rights, then my source of inspiration is Chhatrapati Shivaji Maharaj."

The Modi government is a "Rashtravadi Raj" and only wants people not to forget their roots, he said.

"Learning a new language or speaking in English is fine but a person needs to think in their Hindustani language," he said, adding that Indian courts should start using local language.

Maharashtra Chief Minister Eknath Shinde, present at the event, urged Mr Rijiju to look into the proposal to rename the Bombay High Court as Mumbai High Court.

His government recently decided to allot land in suburban Bandra-Kurla Complex (BKC) for a new high court building and would also consider allotting land in neighbouring Thane district for an academy for law students, he said.

"We know how important the judiciary is. Whenever we get any requests for manpower or infrastructure (for judiciary) we pass the proposal without wasting any time," Mr Shinde said. 

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Monday, May 1, 2023

Non-Bailable Warrant Against 3 UP Professors Over 'Casteist Slurs': Cops

A non-bailable warrant has been issued against a professor and two former professors of the Allahabad University following a complaint from an assistant professor, police said here on Monday.

Deepshikha Sonkar, the assistant professor in the department of economics, got a case lodged in August 2016 against the then head of the department, Professor Prahlad Kumar, Professor Manmohan Krishna and Professor Javed Akhtar under sections 354C (voyeurism), 504 (intentional insult with intent to provoke breach of the peace) and 506 (criminal intimidation) of the Indian Penal Code (IPC) and provisions of the Scheduled Castes and Scheduled Tribes (Prevention of Atrocities) Act at the Karnalganj police station.

Assistant Commissioner of Police Shivkuti Rajesh Kumar Yadav said a non-bailable warrant has been issued against the three professors.

In her complaint to the police, the assistant professor had said Mr Kumar, Mr Krishna and Mr Akhtar had hurled casteist slurs at her and had also exploited her.

Public Relations Officer (PRO) of the university Jaya Kapoor said after his retirement, Krishna had become the chair professor of Niti Aayog at the university, Mr Kumar had retired, while Mr Akhtar is still a professor.

She added that Sonkar's complaint was taken seriously by the then vice-chancellor in 2016 and a probe committee was formed. The committee had found the complaint baseless, Ms Kapoor said, adding that Ms Sonkar did not answer the questions sent to her by the panel nor could she produce any evidence to corroborate her allegations.

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एआर रहमान के कार्यक्रम को पुणे पुलिस ने कराया बंद, जानिए क्‍या था कारण

महाराष्ट्र के पुणे शहर में पुलिस ने ऑस्कर पुरस्कार विजेता संगीतकार एआर रहमान के एक कार्यक्रम को बंद करा दिया, क्योंकि यह रात 10 बजे की समय सीमा के बाद भी जारी था. एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. रविवार को यहां हुए कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर ‘वायरल' हुआ, जिसमें एक पुलिस अधिकारी को मंच पर जाते और रहमान, अन्य कलाकारों तथा आयोजकों को संगीत कार्यक्रम बंद करने के लिए कहते देखा जा सकता है. पुणे में राजा बहादुर मिल्स परिसर में रहमान (56) के कार्यक्रम को देखने के लिए काफी संख्या में लोग एकत्र हुए थे. 

बंडगार्डन पुलिस थाने के निरीक्षक संतोष पाटिल ने बताया, ‘‘रात 10 बजे की समय सीमा पार हो जाने के कारण हमने उन्हें (रहमान को) और अन्य कलाकारों को कार्यक्रम बंद करने को कहा.'' वीडियो में देखा जा सकता है कि पाटिल घड़ी की ओर संकेत करते हुए रहमान और अन्य कलाकारों को कार्यक्रम बंद करने के लिए कह रहे हैं. 

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस सिलसिले में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. 

रहमान ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा कि कार्यक्रम के दौरान दिये गये प्यार और उत्साह प्रदर्शित करने के लिए पुणे का शुक्रिया. हालांकि, उन्होंने घटना का जिक्र नहीं किया.

रहमान ने ट्वीट में कहा, ‘‘बीती रात दिये गये आपके प्यार और प्रदर्शित किये गये उत्साह के लिए आपका शुक्रिया, पुणे! क्या शानदार कार्यक्रम था! हम आपके साथ फिर से गाने के लिए जल्द ही दोबारा वापस आएंगे.''

हालांकि, रहमान के एक सहयोगी ने कहा कि पुलिस पद्म भूषण से नवाजे जा चुके रहमान की ओर इशारा करने के बजाय कार्यक्रम के आयोजकों से बात कर सकती थी.

सहयोगी ने कहा, ‘‘रात दस बजे की समय सीमा थी, लेकिन उन्होंने कहा कि यह अंतिम गीत है और केवल एक मिनट बचा है. पुलिस अधिकारी मंच पर चढ़ गए और रहमान की ओर इशारा करते हुए इसे बंद करने को कहा. पुलिस आयोजकों से बात कर सकती थी.''

कार्यक्रम के आयोजक डॉ हेराम्ब शेल्के ने कहा कि इस तरीके से कार्यक्रम बंद कराना रहमान के लिए असम्मानजनक है और यह अच्छे व शिष्ट तरीके से कराया जा सकता था. 

उन्होंने कहा, ‘‘अंतिम क्षणों में ऐसा नहीं होना चाहिए था, क्योंकि पूरा कार्यक्रम सुव्यवस्थित था.''

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Dismissed Delhi Police Constable Arrested For Impersonating Cop

A dismissed Delhi Police constable was arrested for allegedly posing as an on-duty policeman to demand money from people citing exigencies only to get away with the amount, officials said on Monday.

The accused has been identified a Rohit, a resident of Jhajjar in Haryana, they said.

He was previously involved in seven cases, mostly of cheating. Rohit was selected as a Delhi Police constable in 2016 and was dismissed from service in 2021 for allegedly indulging in criminal activities, a senior police officer said.

Recounting how he was defrauded, Complainant Satendar Singh, 55, a taxi driver from New Usmanpur, said the incident took place on Sunday when he was waiting at the Faridabad bus stand, opposite to the Kashmeri Gate ISBT.

Around 1.30 pm, the accused, who was wearing a khaki pant, a belt with Delhi Police monogram, black shoes and a casual shirt, introduced himself as a Delhi Police officer on duty at the police booth near Faridabad bus stand, the senior officer said.

Rohit told Mr Singh that he needed Rs 10,000 as he has to transfer the amount to someone urgently. He also told the complainant that he will return in cash. The complainant said he had only Rs 5,000 with him. Rohit provided a QR code and Singh paid Rs 5,000 to him after scanning the Quick Response (QR) code, Deputy Commissioner of Police (North) Sagar Singh Kalsi said.

"When Singh asked for the cash, Rohit started making excuses. After sometime, he told the complainant that if he does not trust him, he can keep his mobile phone until he returns the money, but the complainant refused the proposal. Later, the accused started running from the footover bridge towards ISBT," the DCP said.

The complainant informed Assistant sub-inspectors (ASIs) Virender Tiwari and Bal Hussain, who were patrolling near the entry gate of ISBT, about the incident after which the police personnel chased and nabbed the accused inside the ISBT, Mr Kalsi said.

The accused disclosed that he was selected as a constable in the Delhi Police in 2016. He started playing online game and got addicted to gambling. In 2021, he was dismissed from the service for his involvement in cheating cases, police said.

He mostly targeted gullible people like auto-rickshaw drivers, vendors and hawkers. He introduced them as a Delhi Police personnel. After showing urgency to the target and convincing them to get the money transferred to the bank account which he provided to them, he used to escape from the spot, police said.

One mobile phone, belt carrying Delhi Police monogram, khaki pant and black shoes which he was wearing at the time of the incident were also recovered from the accused, police added.

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दिल्‍ली में भारी बारिश से तापमान में गिरावट, 13 सालों बाद मई का दूसरा सबसे ठंडा दिन 

दिल्ली के कई हिस्सों में सोमवार को हुई भारी बारिश के परिणामस्वरूप तापमान में गिरावट दर्ज की गई और अधिकतम तापमान 26.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो साल के इस समय के औसत से 13 डिग्री कम है. पश्चिमी विक्षोभ के कारण दो दिन और बारिश जारी रहने की संभावना है. यह बीते 13 वर्षों में मई का दूसरा सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया और लगातार दूसरा दिन भी था जब अधिकतम तापमान गर्मी के मौसम में सामान्य से 10 डिग्री कम दर्ज किया गया. बारिश के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) संतोषजनक श्रेणी में रहा और 86 दर्ज किया गया. यह बारिश दिल्लीवासियों के लिए जलभराव और यातायात संकट की समस्या भी लेकर आई, जिन्हें गंभीर क्षेत्रों में अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए घुटने भर पानी से गुजरना पड़ा. 

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि दिल्ली में सोमवार को 14.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि न्यूनतम तापमान 19.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से पांच डिग्री कम है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि रविवार को शहर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई थी जिससे अधिकतम तापमान इस मौसम के औसत तापमान से 10 डिग्री नीचे 28.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यह चार अप्रैल 2015 के बाद से, अप्रैल महीने में सबसे कम तापमान था. आर्द्रता का स्तर 77 प्रतिशत से 100 प्रतिशत के बीच रहा.

राष्ट्रीय राजधानी में 20 मई, 2021 को 120 मिमी बारिश के साथ, अधिकतम तापमान पिछले 13 वर्षों में सबसे कम 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 23 मई, 2017 को, शहर में 29 डिग्री सेल्सियस का अधिकतम तापमान दर्ज किया गया. 

राष्ट्रीय राजधानी के गांधी नगर, भैरों मंदिर, अधचीनी, लाजपत नगर, सराय काले खां, महरौली बदरपुर रोड, सदर बाजार, पुल प्रह्लादपुर अंडरपास, राव तुला राम फ्लाईओवर और जखीरा फ्लाईओवर के आसपास के कई प्रमुख हिस्सों में बारिश के पानी से महात्मा गांधी के स्मारक राजघाट में भी पानी भर गया. 

मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रही है और इसके अगले दो दिनों तक जारी रहने की संभावना है. 

मौसम विज्ञानियों ने मंगलवार को आसमान में आमतौर पर बादल छाए रहने और हल्की बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने और तेज हवाएं चलने का अनुमान जताया है. इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है. 

अगले कुछ दिनों में दिल्ली और इसके पड़ोसी राज्यों में ओलावृष्टि की गतिविधि की संभावना है. सोमवार को लोधी रोड, रिज और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स वेधशालाओं में क्रमश: 13.3 मिमी, 21.2 मिमी और 16 मिमी वर्षा दर्ज की गई. 

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Pak Court Dismisses Petition Seeking Ownership Over Raj Kapoor's Haveli

A Pakistani court has dismissed a petition seeking ownership over legendary Bollywood actor Raj Kapoor's Haveli in the historic walled city here in the capital of Khyber Pakhtunkhwa province, which has been declared a national heritage by the provincial government in 2016.

A two-member bench of the Peshawar High Court comprising Justices Ishtiaq Ibrahim and Abdul Shakoor on Thursday dismissed the ownership case of the petitioner.

The court dismissed the petition in light of an earlier judgment of the same court pertaining to the acquisition process of legendary actor Dilip Kumar's haveli in Peshawar's famous Qissa Khwani Bazaar, which had already been declared a national heritage by the federal government led by the then prime minister Nawaz Sharif.

The Additional Advocate General of the Khyber Pakhtunkhwa province told the court that the provincial archaeology department had declared the Kapoor Haveli a national heritage in 2016 through a notification.

On this point, Justice Shakoor asked the archaeology department whether they had any documents or proof that indicated that the Raj Kapoor family ever lived in the haveli.

Advocate Sabahauddin Khattak, the counsel for the petitioner, Saeed Muhammad, told the court that the father of the petitioner had purchased the mansion during an auction in 1969 after competitive bidding, paid its cost and remained as absolute owner till the commencement of the acquisition process initiated by the provincial government.

He further claimed that there are no documents with any department of the provincial government to prove that the late Raj Kapoor and his family ever lived or owned this property.

However, the bench told the counsel that the matter ought to be taken to a civil court.

The mansion is now in a very dilapidated condition and its current owners want to demolish the structure and construct a commercial plaza in view of its prime location. However, all such moves were stopped as the archaeology department wanted to preserve the mansion, keeping in view its historic importance.

Raj Kapoor's ancestral home, known as Kapoor Haveli, is situated in Peshawar's famous Qissa Khwani Bazaar. It was built between 1918 and 1922 by the legendary actor's grandfather Dewan Basheswarnath Kapoor. Raj Kapoor and his uncle Trilok Kapoor were born here.

Rishi Kapoor and his brother Randhir had visited the site in the 1990s.

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Sunday, April 30, 2023

Operation Kaveri: Over 2,500 Indians Rescued From Violence-Hit Sudan

After the eighth flight of A C-130 Indian Airforce plane carrying 40 Indians reached India, the no. of evacuated Indians reached the mark of 2,300, External Affairs Minister Jaishankar said on Sunday.

"A C-130 Indian Airforce flight has landed in New Delhi with 40 passengers. With this flight, around 2,300 people have reached India," EAM Jaishankar tweeted.

The number reached the 2300 mark on the 8th flight however, following it, three more flights carried 229, 288 and 135 passengers respectively, taking the number of evacuees to more than 2500.

An Indian Air Force C-130J aircraft with 40 passengers onboard New Delhi from Jeddah as 'Operation Kaveri' progresses further to evacuate stranded Indians from battle-torn Sudan.

It was the 8th flight carrying Indian evacuees that took off from Saudi Arabia's Jeddah, since 'Operation Kaveri' began.

Taking to Twitter, the official spokesperson of MEA, Arindam Bagchi wrote, "#OperationKaveri 8th flight carrying Indian evacuees takes off from Jeddah. IAF C-130J aircraft with 40 passengers is on its way to Delhi."

The 7th flight destined for Bengaluru took off from Jeddah earlier today, with 229 passengers onboard. "#OperationKaveri bringing citizens back home. Destined for Bengaluru, 7th outbound flight carrying 229 passengers departs from Jeddah," MoS Muraleedharan tweeted.

On Saturday evening, 365 Indians from Sudan arrived in New Delhi under Operation Kaveri, while a flight carrying 231 Indian passengers reached the national capital on Saturday morning. As a ceasefire has been called in Sudan, several countries, including India, are attempting to evacuate their citizens from a conflict-ridden nation.

Sudan is experiencing bloodshed due to clashes between the army and paramilitary forces.

Earlier, Indian Navy ship, INS Teg, successfully evacuated 288 stranded Indians under Operation Kaveri from the crisis-hit Sudan on Saturday. This was the 14th batch of stranded citizens headed to Jeddah to return to India.

Previously, INS Sumedha, stationed at Port Sudan, had also left the crisis-hit country with 300 passengers onboard for Jeddah.

The Indian government under Operation Kaveri, is set to evacuate about 3,000 Indian-origin passengers from Sudan.

Until Friday, more than 2,400 Indians have been evacuated from Sudan, where the country is experiencing bloodshed due to clashes between the army and paramilitary forces.

The Indian evacuees shouted slogans like "Bharat Mata ki jai," and "Vande Mataram". Also, they lauded Prime Minister Narendra Modi and External Affairs Minister S Jaishankar for rescuing them from Sudan under Operation Kaveri.

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बिहार : 11 साल की बच्ची से शादी करने के आरोप में 40 साल का शख्स गिरफ्तार 

बिहार में एक शख्स को 11 साल की बच्ची से शादी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने आरोपी की पहचान 40 वर्षीय महेंद्र पांडे के रूप में की है. पूरा मामला बिहार के सिवान का है. पुलिस ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है. इस मामले को लेकर सिवान के एसपी शैलेश कुमार सिन्हा ने कहा कि महेंद्र कुमार को पॉस्को एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है. इस मामले को लेकर अभी जांच चल रही है. 

पीड़िता की मां ने आरोपी महेंद्र कुमार पांडे पर आरोप लगाया है कि लिए गए कर्ज की रकम ना चुकाने की वजह से उसने जबरदस्ती उसकी बेटी के साथ शादी की. हालांकि, आरोपी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया है और कहा कि ये उसे फंसाने की एक साजिश है. पीड़िता की मां उससे पैसे ऐंठना चाहती है. 

महेंद्र पांडे ने कहा कि मैंने लड़की और उसके मां की मंजूरी के बाद शादी की. लेकिन अब लड़की की मां मुझे ब्लैकमेल कर रही है. वो अब मुझसे पैसे की मांग कर रही है. हमारे बीच पैसे का कोई लेनदेन नहीं हुआ है . मुझे फंसाया गया है. मीडिया के कुछ लोग गलत खबर चला रहे हैं. 

नाबालिग लड़की ने भी कहा कि उसकी मां आरोपी महेंद्र पांडे को झूठे मामले में फंसा रही है. उसने आगे कहा कि हमने मां की मर्जी से ही शादी की थी. हम साथ रहने गए थे. मेरी मां ने पहले सब कुछ करवाया और अब वो खुद हमे फंसा रही है. इस घटना को लेकर शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी महेंद्र पांडे को गिरफ्तार कर लिया है. 



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