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Tuesday, April 18, 2023

दिल्‍ली : बिजली वितरण कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी का पहली बार होगा ऑडिट 

दिल्‍ली की बिजली वितरण कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी का पहली बार ऑडिट होगा. इसके लिए दिल्ली के उपराज्यपाल ने आदेश जारी कर दिए हैं. इसके तहत दिल्ली बिजली नियामक आयोग (DERC) को निर्देश दिए गए हैं कि साल 2016-17 से लेकर 2021-22 तक दिल्ली सरकार ने जो पैसा सब्सिडी के तौर पर दिल्ली की तीन बिजली वितरण कंपनियों को जारी किया गया है, उसका ऑडिट नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) के पैनल में शामिल लेखा-परीक्षकों के माध्यम से करवाया जाए. ऑडिट में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सब्सिडी का पैसा सही लाभार्थी तक पारदर्शी और बेहतर तरीके से पहुंचे. 

दिल्ली सरकार के विशेष सचिव (बिजली) रवि धवन की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 108 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपराज्यपाल ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग को सीएजी पैनल में शामिल लेखा-परीक्षकों के माध्यम से विशेष 'ऑडिट' करने का निर्देश दिया है. 

कुल 13,549 करोड़ रुपये इन 6 सालों के दौरान दिल्ली सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी के तौर पर जारी किए थे. दिल्ली में घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलती है, जबकि 400 यूनिट बिजली आधे दाम पर मिलती है, जिसके लिए दिल्ली सरकार तीन बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी जारी करती है. 

पिछले कुछ समय से दिल्‍ली के उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच बिजली कंपनियों और बिजली सब्सिडी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं. 

उपराज्यपाल ने दिल्ली की तीन बिजली वितरण कंपनियों में दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों को हटा दिया था और कहा था कि पहले इस पद पर अधिकारी नियुक्त हुआ करते थे, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने लोगों को इसलिए नियुक्त किया क्योंकि उनकी बिजली वितरण कंपनियों के साथ सांठगांठ है. 

इसके जवाब में आम आदमी पार्टी सरकार ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा नियुक्त एक्सपर्ट लोगों को उपराज्‍यपाल ने कहीं इसलिए तो नहीं हटाया कि उनकी बिजली वितरण कंपनियों के साथ सांठगांठ है और इसलिए वहां पर सरकार द्वारा नियुक्त लोगों को हटाकर उनके अपने अफसर नियुक्त किए गए हैं. 

इसके साथ ही पिछले महीने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की तीन बिजली वितरण कंपनियों को सरकार की तरफ से जारी सब्सिडी के पैसे का ऑडिट कराने के आदेश दिए थे. 

उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के इसी प्रस्ताव को मंजूरी दी है. उपराज्यपाल का कहना है कि दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के सेक्शन 108 के मुताबिक दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन का बिजली वितरण कंपनियों का ऑडिट करना अनिवार्य है. 

इससे पहले, साल 2015 में केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों के सीएजी ऑडिट के आदेश दिए थे. 

इस आदेश के खिलाफ बिजली वितरण कंपनियां दिल्ली हाईकोर्ट चली गई थीं और दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के आदेश को रद्द कर दिया था. इसके जवाब में दिल्ली सरकार 2016 में सुप्रीम कोर्ट चली गई थी. यह मामला तब से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. 

दिल्ली में बिजली वितरण 2002 में ही निजी हाथों में चला गया था, तब से लेकर आज तक बिजली कंपनियों का ऑडिट नहीं हुआ है. 

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UK Takes Indian Mission's Security "Extremely Seriously": British Minister

The British government takes the security of the Indian High Commission in London "extremely seriously" and robustly responds to criminal incidents at diplomatic missions, the House of Commons has been informed.

In response to a written parliamentary question by Indian-origin Labour MP Navendu Mishra, UK Security Minister Tom Tugendhat said on Monday that the government finds the criminal damage and assaults on staff at the Indian High Commission in London last month “unacceptable”.

"The government takes the protective security of the Indian High Commission extremely seriously,” said Mr Tugendhat.

"The government remains committed to protecting the security of missions throughout the UK, including preventing and rapidly and robustly responding to incidents such as this. The criminal damage and assaults on staff from the India High Commission at the incident on the weekend of the 18th March were unacceptable. The police have powers to deal with such acts,” he said.

The Home Office minister said the follow ups in the case were an operational matter for the police, with decisions on possible criminal proceedings to be made in conjunction with the UK's Crown Prosecution Service (CPS).

"As stated in our previous response, it is our long-standing policy not to provide detailed information on diplomatic security arrangements. To do so could compromise the integrity of those arrangements and affect the security of the individuals and locations concerned,” he added.

Mr Mishra had tabled his question at the end of last month to seek further information about the security assessments assured by the British government in the immediate aftermath of the attack on the High Commission premises and what steps were being taken “to ensure the safety and security of diplomatic missions”.

It comes as it emerged that India's National Investigation Agency (NIA) will take over the case of the attempted vandalisation of India House in London during last month's protest, as it involves unlawful activities carried out by certain people holding Indian nationality abroad.

Indian officials have said that the NIA will take over the investigation from the special cell of the Delhi Police, which had registered a case under the Unlawful Activities (Prevention) Act and the Prevention of Damage to Public Property Act.

A group of pro-Khalistani protestors shattered windows at the London mission and pulled down the national flag during protests on March 19, a day after the local police launched a crackdown against radical preacher Amritpal Singh in Punjab.



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"भारतीयों को मुश्किल में डालने जैसा है..."सूडान को लेकर सिद्धारमैया को एस जयशंकर की खरी-खरी

विदेश मेंत्री एस जयशंकर ने कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया द्वारा सूडान में फंसे 31 भारतीय आदिवासियों को लेकर किए गए ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि इस तरह का बयान भारतीयों को मुश्किल में डाल सकता है. बता दें कि सिद्धारमैया ने एक के बाद एक किए अपने ट्वीट में केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि भारत सरकार वहां फंसे आदिवासी समाज के लोगों को वापस लाने को लेकर एक्शन में नहीं दिख रही है. 

"इसे कोई राजनीतिक फायदा नहीं होगा"

सिद्धारमैया का दावा था कि सूडान में हक्की पिक्की पिछले कुछ दिनों से बिना भोजन के फंसे हुए हैं और सरकार ने अभी तक उन्हें वापस लाने के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की है. सिद्धारमैया के इस बयान पर विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि आपको इस तरह के बयान देकर किसी तरह का राजनीतिक फायदा होगा. आप इस तरह के बयान से विदेश में फंसे भारतीयों को आप और खतरे में डाल रहे हैं.

एस जयशंकर ने कहा कि मैं आपके ट्वीट पर सिर्फ ये अपील करना चाहता हूं कि उनकी जान खतरे में हैं, ऐसे में आप राजनीति ना करें. सूडान में हालात बिगड़ने के बाद से ही भारतीय दूतावास वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए हर संभव कोशिशों में जुटा है. हम हर घटना पर नजर बनाए हुए हैं. 

भारतीय दूतावास ने की थी अपील

गौरतलब है कि सूडान की राजधानी खार्तूम में अर्धसैनिक बलों और नियमित सेना ने कुछ दिन पहले ही एक-दूसरे के ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए था. इसके बाद सूडान में स्थित भारतीय मिशन ने वहां रह रहे भारतीयों को घर के अंदर रहने की सलाह दी थी. खार्तूम में भारतीय दूतावास के एक ट्वीट में कहा था कि गोलीबारी और झड़पों की सूचना के मद्देनजर, सभी भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने, घर के अंदर रहने और तत्काल प्रभाव से बाहर निकलने से रोकने की सलाह दी जाती है. कृपया शांत रहें और अपडेट की प्रतीक्षा करें. इसके साथ ही भारतीय मिशन की तरफ से कहा गया था जो भारतीय सूडान जाने की योजना बना रहे हैं, वे अपनी योजना टाल दें. कृपया शांत रहें और अपडेट की प्रतीक्षा करें.

नियमित सेना में अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के नियोजित एकीकरण को लेकर सैन्य नेता अब्देल फतह अल-बुरहान और उनके नंबर दो अर्धसैनिक कमांडर मोहम्मद हमदान डागलो के बीच हफ्तों तक गहराते तनाव के बाद बीते शनिवार को सूडान में हिंसा भड़क गई थी. प्रत्यक्षदर्शियों ने दक्षिण खार्तूम में आरएसएफ बेस के पास "टकराव" और जोरदार विस्फोट और गोलियों की सूचना दी थी.

आरएसएफ का दावा
आरएसएफ ने कहा था कि उसके बलों ने खार्तूम हवाईअड्डे पर नियंत्रण कर लिया था. प्रत्यक्षदर्शियों ने भी हवाई अड्डे के परिसर में लड़ाकों से भरे ट्रक को आते देखा है. हवाईअड्डे के पास, साथ ही बुरहान के आवास के पास और खार्तूम उत्तर में गोलियों की आवाज सुनी गई. 

"चीन के साथ गंभीर विवाद, 2020 के बाद से सीमा पर है तनाव" : जयशंकर



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Amid Heatwave Warnings, Cities Across India Record Very High Temperatures

Heatwave conditions continued unabated as temperature hovered in the range of 40 to 44 degrees Celsius over most parts of the country on Tuesday, with Hamirpur and Prayagraj in Uttar Pradesh sizzling at 44.2 degrees Celsius.

Delhi's primary weather station, the Safdarjung Observatory, registered a maximum temperature of 40.4 degrees Celsius, four notches higher than normal. This is the fourth consecutive day that the maximum temperature settled above 40 degrees Celsius here.

The Pusa and Pitampura areas experienced heat wave conditions with maximum temperatures settling at 41.6 degrees to 41.9 degrees Celsius, respectively.

Cloudy weather and light rain may provide some relief from the heat in the city on Wednesday, the India Meteorological Department (IMD) said.

The IMD said a western disturbance active over the western Himalayan region is predicted to bring light rain in the northwestern plains starting Tuesday.

Earlier this month, the MeT office predicted above-normal maximum temperatures for most parts of the country from April to June, except parts of the northwest and the peninsular regions.

Above-normal heatwave days are expected in most parts of central, east, and northwest India during this period.

The meteorological department has issued an 'orange' alert with a warning of severe heatwave conditions for two days from Tuesday in Patna, Banka, Jamui, Nawada, Aurangabad, Supaul and several other districts of Bihar.

Besides, a 'yellow' warning has also been sounded in Begusarai, Nalanda, Gaya, Arwal, Bhojpur, Rohtas, Buxar, Khagaria and Munger regions of the state.

The meteorological department uses four colour codes - green (no action needed), yellow (watch and stay updated), orange (be prepared) and red (take action) - for weather warning. "People are advised to avoid heat exposure and dehydration," a senior official of the Bihar Disaster Management Department said.

In West Bengal, Bankura recorded the highest temperature at 43.7 degrees Celsius, while capital city Kolkata's maximum was 40 degrees Celsius.

Hot weather conditions continued to prevail in Haryana and Punjab with the maximum temperature settling above the 40 degree-mark in most parts of the two states. In Haryana, sizzling heat swept across Hisar as the mercury settled at 41.4 degrees Celsius, according to a report of the meteorological department here.

Karnal also experienced a hot day recording a high of 40.7 degrees Celsius.

Ambala recorded a high of 39.7 degrees Celsius, Narnaul recorded a high of 40.2 deg C while Bhiwani registered a high of 39.6 degrees Celsius.

Bathinda in Punjab recorded a maximum temperature of 41 degrees Celsius. The mercury settled at 36.6 degrees Celsius in Amritsar and at 41.2 degrees Celsius in Patiala. Chandigarh, the common capital of the two states, recorded a high of 39.4 degrees Celsius.

Prayagraj and Hamirpur in Uttar Pradesh were the hottest at 44.2 degrees Celsius, with the weather department predicting rain/thundershower at isolated places over western parts of the state. Lucknow recorded the maximum temperature of 41.3 degrees Celsius and a minimum of 24.5 degree Celsius.

The desert state of Rajasthan also saw the temperature rising with Chittorgarh recording 43.2 degrees Celsius followed by Kota (42.8 degrees), Banswara (42.7 degrees), Phalodi (42.2 degrees), Dholpur (42 degrees), Alwar and Sawai Madhopur (41.7 degrees each), Tonk (41.6 degrees), Churu and Pilani (41.4 degrees each), Barmer (41.2 degrees) and Jaipur (40 degrees Celsius).

However, the MeT has predicted light rain and thunderstorm in Jodhpur and Bikaner divisions and in Jaipur, Ajmer and Bharatpur divisions on April 19 and 20.

It has also predicted a fall in temperatures by 2-3 degrees in the next two days.

Reeling under the scorching sun, people in lower hills of Himachal had some relief as maximum temperatures dropped by few notches following light rains at several places.

Una recorded a high of 37.4 degrees, while Dhaulakuan was hottest in the region with a maximum temperature of 38.7 degrees.

The popular tourist destinations of Shimla, Manali, Dharamsala and Narkanda posted a high of 25.4 degrees, 21 degrees, 28.2 degrees and 19.2 degrees Celsius, respectively.

The Andhra Pradesh State Disaster Management Authority (APSDMA) forecast severe heat wave conditions in one mandal and heat wave conditions in 117 more across the state on Tuesday.

"While the heat wave is expected to hit seven mandals in Alluri Sitarama Raju district, 16 in Anakapalli, four in East Godavari, two each in Eluru, Palnadu, Visakhapatnam and Nandyala, six in Gunturu and 10 in Krishna," the disaster management department said in a statement.

Out of the 117 mandals, Chintur and Nellipaka in Alluri Sitarama Raju district are likely to record 44.7 degrees and 44 degrees Celsius, respectively on Tuesday, it said earlier in the day.

Some areas in the higher reaches of Kashmir received fresh snowfall, while the plains were lashed by rains, officials said on Tuesday.

Around three inches of snowfall was recorded in Machil near the Line of Control (LoC).

The plain areas, including Srinagar city, were lashed by overnight rains, bringing down the temperature, they said.

The weather office said intermittent rain is likely to continue till Tuesday evening.

Intermittent light to moderate rain or snowfall over higher reaches is very likely at many places on Wednesday.

During this wet spell, thunderstorm with strong gusty wind reaching 20-30 kmph and hailstorm is also possible at some places in Jammu and Kashmir. Meanwhile, the death toll due to sunstroke at the 'Maharashtra Bhushan' award event in Navi Mumbai rose to 14 after the death of a 34-year-old woman while seven patients are undergoing treatment, a civic official said on Tuesday.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Monday, April 17, 2023

India Hosts 100th Meeting Of G20 Under Its Presidency

India celebrated a key milestone in its G20 presidency on Monday with the hosting of the 100th meeting of the grouping, the Ministry of External Affairs (MEA) said.

It said the 100 G-20 meetings have been held in 41 cities, covering 28 states and union territories of India.

"India's G20 presidency, in the build-up to the New Delhi leaders' summit on September 9 and 10, has received immense support from G20 members and guest countries for its inclusive, ambitious, action-oriented and decisive agenda," the MEA said.

"The wide-ranging, large-scale and enthusiastic participation in India's G20 meetings is a testimony to the G20 members and invitees coming together under India's presidency to collectively address contemporary global challenges," it said in a statement.

The MEA said more than 12,300 delegates from over 110 nationalities have attended G20-related meetings in India so far.

People familiar with the matter said the nationalities included Ukrainians as well. The G20 members represent around 85 per cent of the global GDP, over 75 per cent of the global trade, and about two-thirds of the world's population.

In a tweet, External Affairs Minister S Jaishankar said, "100 meetings in 41 cities; 12000 delegates from across 111 nationalities. As the world becomes 'India ready' the New India is also 'world ready.'" The Meeting of Agricultural Chief Scientists (MACS) in Varanasi is the 100th meeting of the grouping under India's presidency that began on December 1 last year. The second Health Working Group in Goa, the 2nd Digital Economy Working Group in Hyderabad and the Space Economy Leaders' Precursor Meeting in Shillong are also being held on Monday, according to the MEA.

It said the "in-person" participation during India's G20 presidency is among the largest ever.

"Over 12,300 delegates, from over 110 nationalities have attended G20-related meetings so far. This includes participation from G20 members, nine invitee countries and 14 international organizations.

"As on date, the 100 G20 meetings have been held in 41 cities, covering 28 states and union territories. Meetings are being organised across the length and breadth of India with the full support and participation of state governments and union territories," the MEA said.

It said India will be hosting foreign delegates for over 200 G20-related meetings in around 60 cities across India, the widest geographical spread in any presidency of the grouping.

"All 13 sherpa track working groups, eight finance track workstreams, 11 engagement groups and four initiatives have embarked on substantive interactions," the MEA said.

A new working group on disaster risk reduction (DRR), a new engagement group "Startup 20" and a new initiative chief science advisers' roundtable (CSAR) have been operationalised under India's G20 presidency.

The 11 engagement groups provide a platform for dialogue among the private sector, academia, civil society, youth and women, as well as institutions including the Parliaments, audit authorities and urban administrations.

India's G20 presidency will continue till November 30.

The Group of Twenty (G20) comprises 19 countries (Argentina, Australia, Brazil, Canada, China, France, Germany, India, Indonesia, Italy, Japan, Republic of Korea, Mexico, Russia, Saudi Arabia, South Africa, Turkey, United Kingdom, and United States) and the European Union.

Under India's G20 presidency, three ministerial meetings have been held till date.

The first finance ministers and central bank governors meeting (FMCBG) was held in Bengaluru on February 24-25, the G20 foreign ministers meeting (FMM) was held in New Delhi on March 1 and 2 and the second FMCBG meeting was held in Washington DC on April 12 and 13. Two sherpa meetings have been held in Udaipur (December 4 to 7 2022) and Kumarakom (March 30 to April 2).

The MEA said the FMCBG, FMM and sherpa meetings saw record, high-level in-person participation from all delegations with ministerial-level dignitaries.

"During its presidency, India is also amplifying the voice and concerns of the Global South and developing countries," the MEA said.

The Voice of Global South Summit held in January was attended by 125 countries, including 18 at heads of state/government level and others at ministerial level.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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अग्निवीर और अन्य श्रेणियों की भर्ती के लिए देश के 375 केंद्रों पर शुरू हुई ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा

भारतीय सेना ने पहले चरण में कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईई)की शुरुआत के साथ अग्निवीरों, जूनियर कमीशन अधिकारियों और अन्य श्रेणियों की भर्ती के लिए प्रक्रिया को बदल दिया है. पंजीकृत उम्मीदवारों के लिए आज से ऑनलाइन सीईई परीक्षा 176 स्थानों पर 375 केंद्रों पर शुरू हुई. परीक्षा का आयोजन 26 अप्रैल 2023 तक किया जाएगा. शिक्षा मंत्रालय के अधीन मिनी रत्न कंपनी एजुकेशन कंसल्टेंसी सर्विसेज इंडिया लिमिटेड की सहायता से ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जा रही है. 

देश में युवाओं की तकनीकी योग्यता में काफी सुधार हुआ है और बढ़ी हुई नेटवर्क कनेक्टिविटी और स्मार्टफोन के प्रसार के कारण युवाओं को अब शारीरिक परीक्षा देने के लिए लंबी दूरी तय करने के बजाय ऑनलाइन परीक्षा देने का अधिकार मिला है.

सेना ने कहा है कि वह बदली हुई कार्यप्रणाली चयन के दौरान संज्ञानात्मक पहलू पर अधिक ध्यान सुनिश्चित करेगी और कदाचार की संभावना को रोकेगी.  इसकी देश भर में व्यापक पहुंच होगी और भर्ती रैलियों के दौरान देखी जाने वाली बड़ी भीड़ को कम करने के लिए उन्हें अधिक प्रबंधनीय और संचालन करने में आसान बनाया जाएगा. 

तीन चरणों में पूरी होगी प्रकिया 

नई भर्ती प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जाएगी. पहले चरण में सभी उम्मीदवार जिन्होंने https://ift.tt/7mgbzia पर ऑनलाइन पंजीकरण और आवेदन किया है, वे ऑनलाइन सामान्य प्रवेश परीक्षा से गुजरेंगे. दूसरे चरण के लिए शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों को जून 2023 से भर्ती रैलियों के लिए संबंधित सेना भर्ती कार्यालय द्वारा तय स्थानों पर विभिन्‍न चरणों में बुलाया जाएगा, जहां वे शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण और शारीरिक माप परीक्षण से गुजरेंगे. आखिर में तीसरे चरण में चयनित उम्मीदवारों का चिकित्सा जांच होगी. इसके बाद सफल उम्मीदवारों की अंतिम योग्यता सूची घोषित की जाएगी. 

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Gujarat Opposes Godhra Train Coach-Burning Convicts' Bail Request

Gujarat government on Monday opposed the bail pleas of some convicts, who are sentenced to life imprisonment, and reiterated that the 2002 Godhra train coach-burning case was involved in serious offences as the convicts pelted stones and bolted the door of the train leading to the death of around 58 people.

The court was hearing bail pleas of some convicts sentenced to life imprisonment in the 2002 Godhra train coach-burning case.

Solicitor General Tushar Mehta submitted before the top court that it is just not a case of stone pelting but the accused had bolted the door of the train from outside and then pelted stones.

However, the convicts' lawyers submitted that they have served 17 years in prison.

A bench headed by Chief Justice of DY Chandrachud listed the matter for further hearing on Friday. The court also remarked that it is thinking of not granting bail to the ones who were given death sentences.

In the last hearing, the SC sought a chart mentioning the specific role of convicts, their age and the period undergone by them in matters pertaining to the 2002 Godhra train coach-burning case.

The court asked the advocates on record appearing on behalf of the petitioner and state counsel to sit together and prepare one consolidated chart for the convenience of the bench.

Appearing for the State of Gujarat, Solicitor General Tushar Mehta has strongly opposed the bail pleas of the convicts saying that it was a very serious crime. He has submitted that it was the rarest of rare offences.

He has also submitted that the cases of convicts could not be considered for premature release under the Gujarat state's policy as provisions of the Terrorist and Disruptive Activities (Prevention) Act (TADA) had been invoked against them

The court was hearing the bail pleas of some convicts in the matter. The state government has also filed appeals against the Gujarat High Court order which has commuted the sentence of some convicts from the death penalty to life imprisonment.

Around 58 people lost their lives when some coaches of Sabarmati Express were torched at the Godhra Railway Station in Gujarat on February 27, 2002. The incident triggered large-scale riots in Gujarat. A local court in 2011 convicted 31 accused and acquitted 63 people. Eleven accused were sentenced death penalty while the rest were awarded life imprisonment.

Later Gujarat High Court upheld the trial court decision to convict the 31 accused but commuted the death sentence of the 11 to life imprisonment. Convicts moved the Supreme Court challenging the Gujarat High Court order.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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