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Monday, February 27, 2023

"झूठ बोलो,बार-बार बोलो" : छत्तीसगढ़ के CM का कांग्रेस अधिवेशन में पहनाई गई माला को लेकर बीजेपी पर तंज

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस के रविवार को सम्पन्न हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में पार्टी संचालन समिति के सदस्यों को बांस एवं घास से बनी माला पहनाने को सोने की माला बताकर प्रचारित किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (BJP)पर तंज कसा है. बघेल ने आज बांस एवं घास से बनी माला को बनाने वाले बैगा आदिवासी परिवार का वीडियो ट्वीट कर कहा, "..झूठ बोलो,बार बार बोलो,जितना जोर से बोल सकते हो,उतना बोलो...इस सूत्र पर चलने वाले इस अनमोल तोहफे का भी अपमान कर रहे है,साथ ही प्रकृति पुत्रों पुत्रियों की कला और छत्तीसगढ़ की संस्कृति की भी." उन्होने कहा कि आखिर छत्तीसगढ़ के लोगो,यहां की संस्कृति से भाजपा को इतनी नफरत क्यों ?

गौरतलब है कि महाधिवेशन के आखिरी दिन, रविवार को कांग्रेस ने कृषि, सामाजिक न्याय और युवा मामलों संबंधी तीन प्रस्ताव भी पारित किए. पार्टी ने यहां महाधिवेशन में जारी संकल्प पत्र ‘रायपुर की हुंकार' में कहा कि छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना विधानसभा चुनावों के नतीजे 2024 के लोकसभा चुनाव की दिशा तय करेंगे. मुख्य विपक्षी दल ने कहा, ‘‘इस वर्ष कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिज़ोरम, राजस्थान और तेलंगाना में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव होंगे. हमारी जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को अनुशासन, एकजुटता और पूरी एकता के साथ काम करना चाहिए.''

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा समय में पार्टी के समक्ष कई चुनौतियां हैं, जिनसे निपटने के लिए एकता, अनुशासन और दृढ़ संकल्प की जरूरत हैकांग्रेस ने अपने नेताओं से एकजुटता और अनुशासन की अपील ऐसे समय की है, जब कुछ राज्यों में, खासकर राजस्थान में लंबे समय से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच कलह समय-समय पर सामने आती रही है. खरगे ने पार्टी के 85वें महाधिवेशन के समापन पर यह भी कहा कि यह 'नयी कांग्रेस' का आगाज है. (भाषा से भी इनपुट)

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Ab Dilli Dur Nahin: गांव के एक लड़के की चुनौतियों, नाकामियों और साइलेंट लव की कहानी है 'अब दिल्ली दूर नहीं'

विलियम शेक्सपियर ने ठीक ही कहा था कि हमारी नियति तय करने की क्षमता सितारों में नहीं बल्कि खुद में है. कमल चंद्रा की नई फिल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं' इसी विचार को स्थापित करती है. यह फिल्म जिंदगी में सफलता और विफलता की कहानी की पड़ताल करती है. और इसका जरिया बनता है बिहार के गांव का एक सरल और भोला-भाला लड़का. यही लड़का आखिरकार IAS परीक्षा में टॉप स्थान हासिल करता है. 

'अब दिल्ली दूर नहीं' एक इमोशनल ड्रामा फिल्म है. रिलीज के लिए तैयार इस फिल्म की कहानी में गहराई है. बिहार के एक छोटे-से शहर का लड़का अभय शुक्ला शीर्ष पाने की चाहत में दिल्ली पहुंचता है. अभय एक ऐसे परिवार से आता है, जो मुश्किलों से जूझ रहा है. अभय का लक्ष्य है आईएएस परीक्षा में शामिल होना और कामयाबी हासिल करना. लेकिन वह ये काम खुद के लिए नहीं, बल्कि परिवार को गरीबी के चंगुल से बाहर निकालने के लिए करता है. अभय की राह मुश्किलों से भरी हुई हैं. उसका सामना चुनौतीपूर्ण सामाजिक मानदंडों से होता है. वह राजनीतिक से लेकर सांस्कृतिक विडंबनाओं से दो-चार होता है. दरअसल, ‘अब दिल्ली दूर नहीं' अभय के आईएएस बनने के लिए संघर्ष और उसके सामने आई चुनौतियों पर आधारित सटीक कहानी है.

फिल्म के अभिनेता इमरान ज़ाहिद कमाल के कलाकार हैं. वे ‘द लास्ट सैल्यूट' जैसे प्रतिष्ठित नाटक में काम कर चुके हैं. ये नाटक इराकी पत्रकार मुंतधर अल-जैदी की किताब ‘द लास्ट सैल्यूट टू प्रेसिडेंट बुश' पर आधारित है. इसके साथ ही ज़ाहिद ने महेश भट्ट की फिल्म अर्थ, डैडी और हमारी अधूरी कहानी पर आधारित कई अन्य नाटकों में भी अभिनय किया है. 'अब दिल्ली दूर नहीं' फिल्म में इमरान ज़ाहिद ने अभय शुक्ला के चरित्र और कहानी को जीवंत बना दिया है. खास बात ये है कि ज़ाहिद भी बिहार से आते हैं. इसी वजह से ऐसा मालूम पड़ता है कि चरित्र को निभाते हुए वे उसी में रच-बस गए हैं. किरदार को लेकर उनमें गहरी समझ दिखती है और वे एकदम नैचुरल लगते हैं.

दरअसल, फिल्म 'अब दिल्ली दूर नहीं' एक रिक्शा चालक के बेटे की कहानी से प्रेरित है, जिनका नाम गोविंद जायसवाल है. गोविंद का 2007 में सिविल सेवा में सेलेक्शन हुआ था और वे आईएएस अधिकारी बने. किरदार को जीवंत बनाने के लिए ज़ाहिद ने गोविंद जायसवाल से भी मुलाकात की और उन्हें करीब से समझा. ज़ाहिद कहते हैं कि गोविंद जी से मिलना काफी प्रेरणादायक था. उन्होंने खुद के जीवन से जुड़ी जो बातें मुझसे साझा कीं, उनसे उनके चरित्र को समझने में सहूलियत तो हुई ही, उनकी इच्छाशक्ति के बारे में भी बखूबी जाना. 

फिल्म का निर्माण जाने-माने निर्माता विनय भारद्वाज ने शाइनिंग सन स्टूडियोज के बैनर तले किया है. वहीं एक्ट्रेस श्रुति सोढ़ी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही एक पंजाबी लड़की की भूमिका में हैं. श्रुति ने जनवरी 2015 में रिलीज तेलगू फिल्म ‘पटास' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी और अब तक ‘हैप्पी गो लकी', ‘मिस्टर एंड मिसेज 420', ‘वैशाखी लिस्ट' और ‘दिल विल प्यार व्यार' जैसी पंजाबी फिल्मों में काम किया है. बता दें, अब दिल्ली दूर नहीं 12 मई 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है.



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"Many Manish Sisodias Behind Bars": Ashok Gehlot

A day after the CBI arrested Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia, Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot on Monday said "many Sisodias" have been arrested in the country but people don't get to know about them.

There is "terror" of Central Bureau of Investigation (CBI), Enforcement Directorate (ED), and Income Tax department in the country, while the judiciary and Election Commission are under pressure, he claimed.

Mr Sisodia was arrested by the CBI on Sunday evening in connection with alleged corruption in the formulation and implementation of the now-scrapped Delhi excise policy 2021-22.

A special court in Delhi on Monday sent him to five-day CBI custody for effective interrogation to unravel the alleged scam.

"Many Sisodias have been arrested in the country," Mr Gehlot told reporters in Sikar in response to a question.

People don't find out about them. They found out about Mr Sisodia's arrest because he is a deputy chief minister, he said.

"There are many such instances where journalists, writers and litterateurs have been put behind bars. The general public will have to think about what is happening in the country," he said.

Delhi's ruling AAP claims Mr Sisodia is innocent and has been arrested due to political vendetta. The party on Monday staged protests across the country against Mr Sisodia's arrest.

Mr Gehlot further claimed there is "terror" of central probe agencies and an atmosphere of tension and violence prevails in the country.

"There is severe inflation, unemployment, an atmosphere of tension and violence in the country, there is terror of ED, Income Tax department and CBI. The judiciary and the Election Commission are under pressure and the gap between the rich and the poor is growing. These issues have shaken the whole country," the chief minister said.

"The government of India is not paying attention to this. All... issues are of great importance. It is its duty to pay attention to them when the Opposition raises them through dharnas, demonstrations and yatras ... like (Congress leader) Rahul Gandhi did," he said.

It is the country's misfortune that these "fascist" people, who have no faith in democracy, have formed the government by putting on the mask of democracy.

Referring to the Rajasthan government's Chiranjeevi Health Insurance Scheme and other welfare initiatives, Mr Gehlot said these measures are being discussed across the country and the state has set an example.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Sunday, February 26, 2023

Kerala Temple Introduces Mechanical Elephant For Performing Rituals

In a first in Kerala, a life-like mechanical elephant was on Sunday dedicated to the deity in a temple near here for performing daily rituals from now on, instead of a real pachyderm.

People for the Ethical Treatment of Animals (PETA) India joined hands with award-winning actor Parvathy Thiruvothu, and held the 'Nadayiruthal' ceremony of 'Irinjadappilly Raman', a robotic elephant, at Irinjadappilly Sree Krishna Temple in the district.

PETA said Raman will help conduct ceremonies at the temple in a safe and cruelty-free manner and thereby supports real elephants' rehabilitation and lives in forests and end the horror of captivity for them.

"An inaugural ceremony held today was followed by a performance by the percussion ensemble led by Peruvanam Satheesan Marar. Subjecting live elephants to the extreme loudness of the timpani is cruel, as it is damaging and distressing for live elephants," PETA said in a release.

Ms Thiruvothu said these days we have access to understanding what animals are forced to endure when humans use them for entertainment.

"It's high time we made stronger and more impactful strides towards stopping such abuse and letting animals have respectful and dignified lives... I am delighted to support PETA India in helping Sree Krishna Temple worshippers experience the joy and sanctity of religious functions in an exciting, modern, and conscientious manner," she was quoted in the release.

Head priest of the temple Rajkumar Namboothiri said they were "extremely happy and grateful" to receive the mechanical elephant which will help them to conduct rituals and festivals in a cruelty-free manner and hoped that other shrines also consider replacing live elephants for rituals.

PETA claimed most elephants in captivity in the country, including in Kerala, are being held illegally or have been transported to a different state without permission.

The frustration of captivity leads elephants to develop and display abnormal behaviour, PETA said, adding that, at their wit's end, frustrated elephants often snap and try to break free, running amok and so harming humans, other animals, and property.

"According to figures compiled by the Heritage Animal Task Force, captive elephants killed 526 people in Kerala in a 15-year period. Thechikkattukavu Ramachandran, who has been in captivity for about 40 years and is one of the most often used elephants in Kerala's festival circuit, has reportedly killed 13 individuals-- six mahouts, four women, and three elephants," the release said.

PETA urged all venues and events using elephants to switch to lifelike mechanical elephants or other means in place of real elephants.

It also called for retiring elephants already in captivity to sanctuaries where they can live unchained and in the company of other elephants, healing psychologically and physically from the trauma of years of isolation, captivity, and abuse.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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जानें, क्यों जातिगत जनगणना के मुद्दे पर अन्य विपक्षी दलों के निशाने पर है सपा?

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) जातिवार जनगणना के मामले पर सदन (विधान मंडल) से लेकर सड़क तक आंदोलन कर रही है. वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समेत अन्य विपक्षी दल तथा सत्ता पक्ष के सहयोगी दल इस मांग से सहमत होते हुए भी सपा को ही कठघरे में खड़ा करते नजर आ रहे हैं. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ जातियों के धुव्रीकरण की एक कोशिश है.

लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर संजय गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव आ रहा है और भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को चुनौती देने के लिए विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए इसे तूल देकर जाति के नाम पर भावनाओं को उभारा जा रहा है.'' इस विषय पर विपक्षी दलों के एकजुट न होने के सवाल पर प्रोफेसर गुप्ता ने कहा, ‘‘जब तक विचारधारा के स्तर पर एकजुटता नहीं होगी, तब तक राजनीतिक स्वार्थ टकराते रहेंगे और यह मुद्दा एक असफल प्रयोग साबित होगा, इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा.''

पड़ोसी राज्य बिहार में सात जनवरी से जाति आधारित जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने पर उत्तर प्रदेश में भी मुख्य विपक्षी पार्टी सपा इस मामले को लेकर सक्रिय हो गयी. एक तरफ सपा ने जाति आधारित जनगणना के लिए विधानसभा में जोरदार मांग की तो वहीं अपनी इस मांग पर बल देने के लिए पहले चरण में राज्य में 24 फरवरी से पांच मार्च तक प्रखंड ( ब्‍लॉक) स्‍तर पर संगोष्ठी करके अन्य पिछड़ा वर्ग सहित सभी जातियों को जागरूक करने के लिए सपा नेता दौरा कर रहे हैं.

विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘हमने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अगर सपा के नेतृत्व में सरकार बनी तो तीन माह में जातीय जनगणना होगी. हमारी फिर मांग है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए.'' इससे पहले विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान सपा सदस्य डॉक्टर संग्राम यादव ने सरकार से पूछा कि क्या वह बिहार सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी जातिवार जनगणना करायेगी. सरकार की ओर से इनकार करने पर सपा सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और 35 मिनट तक विधानसभा स्थगित रही.

इस बीच, बृहस्पतिवार को बसपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक बयान जारी कर कहा कि जातिगत जनगणना की वकालत करने वाली सपा के लिए यह बेहतर होता कि इस कार्य को पार्टी अपनी सरकार में ही पूरा करा लेती. मायावती ने सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक साथ जातिवार जनगणना की मांग दोहराई है. सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्‍य सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष सिंह पटेल, निषाद पार्टी के नेता एवं राज्य के मत्स्य मंत्री डॉक्टर संजय निषाद और विपक्षी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अलग-अलग बयानों में जातिवार जनगणना का समर्थन किया है, लेकिन इन सभी नेताओं ने सपा को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आखिर चार बार सत्ता में रहने के बावजूद सपा ने जातीय जनगणना क्‍यों नहीं कराई.

हालांकि, अखिलेश यादव ने शुक्रवार को नोएडा में पत्रकारों से कहा, ‘‘इस पर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री क्या कहते हैं, यह सबसे बड़ा सवाल है, छुटभैये नेताओं से इस समस्या का समाधान नहीं होगा.'' सपा के नेतृत्व में चार बार सरकार बनने पर भी जातीय जनगणना नहीं कराये जाने के आरोप पर यादव ने सफाई देते हुए कहा, ‘‘आपको याद होगा लोकसभा में उस समय नेताजी (मुलायम सिंह यादव) शरद यादव जी, लालू प्रसाद यादव जी और दक्षिण भारत के नेता कांग्रेस के पास गये थे कि जातीय जनगणना हो.''

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जातीय जनगणना की मांग करने से पहले जो सत्ता में रहते हुए जातीय न्‍याय नहीं कर सका उसे यह मांग करने का नैतिक अधिकार नहीं है. मौर्य ने कहा, ‘‘मैं जातीय जनगणना के समर्थन में हूं लेकिन अखिलेश यादव को इस पर बोलने का अधिकार नहीं है.'' भारतीय ओबीसी महासभा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता चौधरी लौटन राम निषाद ने पीटीआई-भाषा को बताया कि बिना जातीय जनगणना कराये अन्‍य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को न्याय नहीं मिलेगा. निषाद ने कहा कि अखिलेश यादव द्वारा जातिवार जनगणना कराए जाने की मांग बिल्कुल जायज है.
 

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मनीष सिसोदिया अरेस्ट, BJP ने कहा- "शराब घोटाले में शिक्षा मंत्री" तो AAP बोली- काला दिन

  1. मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति के विभिन्न पहलुओं पर लगभग आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया. सीबीआई का कहना है कि आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन दोनों में अनियमितताएं थीं और उसका मकसद 'आप' से जुड़े लोगों को कथित तौर पर लाभ पहुंचाना था. सीबीआई अधिकारी सिसोदिया के जवाब से संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने आरोप लगाया कि सिसोदिया ने जांच में सहयोग नहीं किया इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया.
  2. मनीष सिसोदिया से पूछताछ के बीच 'आप' नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया. सीबीआई द्वारा सिसोदिया से पूछताछ शुरू करने के तुरंत बाद, दिल्ली पुलिस ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के 50 से अधिक कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में लिया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि संजय सिंह सहित आप कार्यकर्ताओं और प्रमुख नेताओं को सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिया गया. दिल्ली पुलिस ने कहा, "42 पुरुषों और 8 महिलाओं सहित कुल 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है."
  3. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई द्वारा मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी गंदी राजनीति है. केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा,‘‘मनीष बेकसूर हैं. उनकी गिरफ़्तारी गंदी राजनीति है. मनीष की गिरफ़्तारी से लोगों में बहुत रोष है. लोग सब देख रहे हैं. लोगों को सब समझ में आ रहा है. लोग इसका जवाब देंगे. इससे हमारे हौसले और बढ़ेंगे. हमारा संघर्ष और मज़बूत होगा.''
  4. आम आदमी पार्टी (AAP) ने मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को तानाशाही की पराकाष्ठा और लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया. पार्टी ने कहा कि बीजेपी ने ‘राजनीतिक प्रतिशोध'' के कारण गिरफ्तारी की. भगवान इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को माफ नहीं करेंगे. ‘आप' के सांसद संजय सिंह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सिसोदिया की गिरफ्तारी तानाशाही की इंतेहा है. आपने एक नेक इंसान और सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री को गिरफ्तार करके अच्छा नहीं किया. मोदी जी, भगवान भी आपको माफ नही करेगा. मोदी जी एक दिन आपकी तानाशाही का अंत जरूर होगा.''
  5. ‘आप' की प्रवक्ता एवं विधायक आतिशी ने कहा कि सिसोदिया को पार्टी और उसके नेता अरविंद केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता के कारण गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि सिसोदिया वह शिक्षा मंत्री हैं जिन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का कायाकल्प कर 20 लाख गरीब बच्चों को शिक्षा दी. उन्होंने लाखों गरीब बच्चों को बेहतर भविष्य दिया. उन्होंने इस धारणा को तोड़ा कि सरकारी स्कूल अच्छी शिक्षा नहीं दे सकते और उनमें विश्वास बढ़ाया. उन्होंने कहा, भाजपा कह रही है कि वह 10,000 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल थे. लेकिन वह 10,000 करोड़ रुपये कहां हैं?
  6. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया या आम आदमी पार्टी  के अन्य नेताओं ने शराब नीति में हुए संदिग्ध भ्रष्टाचार के सिलसिले में कभी सवालों का जवाब नहीं दिया. भाजपा प्रवक्ता संबित पार्टी ने कहा कि मनीष सिसोदिया दुनिया के एकमात्र शिक्षा मंत्री हैं, जो शराब घोटाले में शामिल होंगे और यह पूरा प्रकरण आंख खोलने वाला और चौंकाने वाला है. उन्होंने कहा कि धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत खारिज कर दी गई है, क्योंकि उनके निर्दोष होने के आप के दावे के बावजूद उनके खिलाफ मामले में दम है. उन्होंने कहा, इसी तरह, भाजपा का मानना है कि सिसोदिया के खिलाफ भी मामले में दम है.
  7. तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे ‘‘अलोकतांत्रिक'' कदम करार दिया. बीआरएस के कार्यवाहक अध्यक्ष के टी रामाराव ने एक बयान में कहा कि भाजपा उन राज्यों में विपक्षी दलों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है, जहां भाजपा सत्ता में नहीं आ सकती. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष के खिलाफ भाजपा के राजनीतिक षड्यंत्र देश में लोकतंत्र के लिए बाधक बन गए हैं. 
  8. रविवार को सुबह 11 बजे मनीष सिसोदिया सीबीआई दफ्तर पहुंचे. इससे पहले वे सवा 10 बजे राजघाट पहुंचे. उन्होंने कहा कि वे वहां बापू का आशीर्वाद लेने आए हैं. इसके बाद उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ''आज जब जेल जा रहा हूं तो मुझे लगता है कि मुझे इसकी बात करनी चाहिए कि जब मैं टीवी चैनल में नौकरी करता था, अच्छा खासा प्रमोशन होता था, अच्छी सैलरी आती थी. अच्छी जिंदगी चल रही थी, लेकिन मैं सब कुछ छोड़ छाड़ कर केजरीवाल जी के साथ आ गया और उनके साथ छुट्टियों में काम करने लगा. उस वक्त मेरी धर्मपत्नी ने सबसे ज्यादा मेरा साथ दिया, मेरी वाइफ घर पर अकेली रहेगी. मेरा एक बेटा है जो यूनिवर्सिटी में पड़ता है, आपको उनका ध्यान रखना है. झूठे आरोप में जेल जाना छोटी बात है.''
  9. मनीष सिसोदिया ने कहा कि, स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों से मुझे बहुत प्यार है. मैं बच्चों को कहना चाहता हूं अगर आपके मनीष चाचा जी चले गए तो अभी छुट्टी होने वाली नहीं है. मैं बच्चों से कहना चाहता हूं उतनी मेहनत करना जितनी मैं अपेक्षा रखता हूं. खूब मन लगाकर पढ़ना लाखों बच्चों के ऊपर देश का भविष्य है. मनीष सिसोदिया ने आप कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ''मेरे ऊपर लगे आरोप झूठे हैं, ये चुनौतीपूर्ण समय है और हम भगत सिंह के अनुयायी हैं.''
  10. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि सिसोदिया के पास शिक्षा, वित्त और गृह सहित कुल 18 विभाग हैं. सिसोदिया की गिरफ्तारी से पहले पिछले साल जून में दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया गया था. उनकी अनुपस्थिति के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास दिल्ली में अपने शासन के एजेंडे को लागू करने के लिए कोई कद्दावर चेहरा नहीं है. केजरीवाल के लिए तत्काल चुनौती दिल्ली सरकार का बजट निर्धारित तरीके से पेश करने और सिसोदिया के बदले किसी नए नेता को खोजने की है. आम आदमी पार्टी सूत्रों ने बताया कि राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत अगले वित्त वर्ष के लिए दिल्ली सरकार का बजट पेश कर सकते हैं.


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"Inexcusable Slip-Up": Congress On Abul Kalam Azad Missing From Poster

The Congress apologised on Sunday after an advertisement on its 85th plenary session, which did not feature India's first education minister and freedom fighter Maulana Abul Kalam Azad, triggered a controversy and the party received flak from several quarters.

The party said it was "an inexcusable slip-up", for which responsibility was being fixed and action would be taken.

The full-page advertisement, published in dailies on the third day of the plenary session on Saturday, featured Congress leaders of the past -- Mahatma Gandhi, Jawaharlal Nehru, Sardar Vallabhbhai Patel, B R Ambedkar, Subhas Chandra Bose, Lal Bahadur Shastri, Indira Gandhi, Rajiv Gandhi, P V Narasimha Rao and Sarojini Naidu.

Sharing the advertisement on Twitter, Congress MP Manish Tewari said, "The @INCIndia has a pantheon of Muslim leaders who struggled against fissiparous tendencies especially within their community that led to creation of Pakistan & dedicated themselves to inclusive idea of India. Someone wants to airbrush their contribution from annals of History." 

Several people hit out at the Congress for leaving out Azad in its advertisement.

"Today an ad released by INC did not carry a photograph of Maulana Azad. It was an inexcusable slipup. Responsibility for it is being fixed & action will be taken," Congress general secretary Jairam Ramesh said in a tweet.

"Meanwhile this is a most sincere apology from us. He will always remain an iconic & inspiring figure for us & India," he said.

Mr Ramesh also responded to a tweet by a party leader which pointed out that Azad's picture featured on the dias of the plenary session, saying, "Hope all those who took us to task (justifiable as it may have been) for one goof do take note."

BSP MP Kunwar Danish Ali hit out at the Congress, saying Rahul Gandhi will have to confront and clean RSS elements in his party that are responsible for such a self-goal.

"How can INC forget Maulana Azad and his contribution? Earlier also, Pranab Mukherjee and Shivraj Patil approved installation of Savarkar's portrait in Parliament," Mr Ali said.

BJP MP and its youth wing president Tejasvi Surya said it was "hypocritical" on the part of the Congress to include Sardar Vallabhbhai Patel, B R Ambedkar, Subhas Chandra Bose, Lal Bahadur Shastri and P V Narasimha Rao in its advertisement.

"The nation remembers how Nehru family treated these stalwarts & tried erasing their legacy. This advert is only laughable!" he tweeted.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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