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Wednesday, February 22, 2023

22nd Law Commission's Term Extended Till August 2024

The Union Cabinet chaired by Prime Minister Narendra Modi on Wednesday, approved the extension of the term of the 22nd Law Commission of India upto August 31, 2024.

According to the official statement, the tenure of the present Twenty-second Law Commission of India ends on February 20, 2023.

The Law Commission of India is a non-statutory body, constituted by the Government of India from time to time.

The Commission was originally constituted in 1955 and is re-constituted from time to time.

The various Law Commissions have been able to make important contributions towards the progressive development and codification of the Law of the country. The Law Commission has so far submitted 277 Reports.

"The Chairperson and Members of the Twenty-second Law Commission have joined office recently and have taken up several pending projects for examination and report, being the work in progress. Therefore, the tenure of the Twenty-second Law Commission has been extended upto August 31, 2024," the statement reads.

The Law Commission identifies laws that are no longer relevant and recommends repealing obsolete and unnecessary enactments.

Apart from this, it is also mandated to suggest the enactment of new legislation as may be necessary to implement the Directive Principles and to attain the objectives set out in the Preamble of the Constitution.

It also Considers and conveys to the Government its views on any subject relating to law and judicial administration that may be specifically referred to it by the Government through Ministry of Law and Justice (Department of Legal Affairs).

The Commission Considers the requests for providing research to any foreign countries as may be referred to it by the Government through the Ministry of Law & Justice (Department of Legal Affairs); and prepares and submits to the Central Government, from time to time, reports on all issues, matters, studies and research undertaken by it and recommending such reports for effective measures to be taken by the Union or any State.

It also performs such other functions as may be assigned to it by the Central Government from time to time.

Recently, Union Law Minister Kiren Rijiju informed Rajya Sabha had requested the 21st Law Commission of India to undertake an examination of various issues relating to the Uniform Civil Code (UCC) and to make recommendations thereon.

"The term of the 21st Law Commission ended on August 31, 2018. As per the information received from the Law Commission, the matter related to the Uniform Civil Code (UCC) may be taken up by the 22nd Law Commission for its consideration. Therefore, no decision on the implementation of a uniform civil code has been taken as of now," said Mr Rijiju.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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लोकसभा चुनाव 2024 के लिए क्या विपक्ष हो पाएगा एकजुट, यह है सीटों और वोटों का गणित

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करेगी और बीजेपी को हरा देगी. अब सवाल यह है कि क्या विपक्ष 2024 में एकजुट होगा. सीटों और वोटों का गणित देखें तो कांग्रेस और विपक्ष की चुनौतियां साफ हो जाती हैं.

गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखंड में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकारें हैं. मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश हरियाणा, असम,अरुणाचल प्रदेश,मणिपुर और त्रिपुरा में एनडीए 50 प्रतिशत से अधिक है. महाराष्ट्र, मेघालय और मिजेरम में एनडीए 50 प्रतिशत से कम है. कांग्रेस को देखें तो हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उसकी पूर्ण बहुमत की सरकारें हैं. राजस्थान में गठबंधन सरकार है. झारखंड में यूपीए 50 प्रतिशत से कम है.  

पंजाब, बिहार,पश्चिम बंगाल, दिल्ली, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में क्षेत्रीय दलों की सरकारें हैं. आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी में सीधी टक्कर मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक में है. इन राज्यों में 100 ऐसी सीटें हैं जिनमें से 93 पर बीजेपी आगे है. क्षेत्रीय दलों का कांग्रेस से यही कहना है कि आप जहां-जहां सीधे मुकाबले में होते हैं, वहां हार जाते हैं. इसलिए आप अपने आपको प्रमुख मत बोलिए.     

तमिलनाडु, पुद्दुचेरी,महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा और जम्मू कश्मीर में कांग्रेस पार्टी गठबंधन में तो है पर वह प्रमुख दल नहीं है. इन प्रदेशों में बीजेपी मजबूत गठबंधन में है. इन राज्यों की 172 सीटों में से बीजेपी और उसके गठबंधन दल 83 सीटें पर आगे हैं. 

कुछ स्थानों पर त्रिकोणीय लड़ाई में कांग्रेस तीसरे क्रम पर है. यानी वह अगर गठबंधन मुख्य पार्टी से कर ले तब शायद कुछ बात बने. दिल्ली, तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में ऐसी स्थिति है. इन राज्यों की 112 सीटों में से 37 सीटों पर बीजेपी आगे है. समस्या यह है कि इन राज्यों में कांग्रेस के साथ कोई जाना नहीं चाहता. क्षेत्रीय दलों का कहना है कि हम क्यों सीटें दे दें, हमने मेहनत की है. यानी रीजनल प्लेयर कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा मजबूती से अपना गढ़ बचाए हैं. 

पंजाब और गुजरात ऐसे राज्य हैं जहां त्रिकोणीय लड़ाई में कांग्रेस दूसरे स्थान पर है. इन राज्यों की 39 सीटों में से 30 सीटों पर बीजेपी आगे है. यानी यदि कांग्रेस यहां गठबंधन कर ले तो हो सकता है कुछ चीजें बल जाएं. लेकिन कांग्रेस को इसी समझौते में दिक्कत आती है. क्षेत्रीय दल कहते हैं कि सब कुछ आप ही क्यों ले जाएं. 

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस त्रिकोणीय लड़ाई में भी नहीं है. यहां बीजेपी के पास 62 सीटें हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक सीट जीती थी. 

उत्तर प्रदेश में 2017 में कांग्रेस का समाजवादी पार्टी से गठबंधन हुआ था. यह गठबंधन नाकाम हो गया था. साल 2019 में फिर एक गठबंधन हुआ. यह बसपा और सपा का गठबंधन था. यह भी नाकाम रहा और बीजेपी फिर आगे चली गई. पिछले साल 2022 में सपा और छोटे दलों का फिर गठबंधन हुआ लेकिन यह भी नाकाम रहा. विधानसभा में कांग्रेस दो सीटों तक सीमित हो गई. कांग्रेस का वोट प्रतिशत 2.3 प्रतिशत रह गया.           
बिहार में 2020 के महागठबंधन में कांग्रेस सबसे छोटी सहयोगी थी. कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी लेकिन सिर्फ 19 जीत पाई. सन 2015 में 27 सीटों पर जो कांग्रेस थी वह 19 पर सिमट गई. क्या ऐसे में कांग्रेस उम्मीद कर सकती है कि उसको 2024 में और सीटें मिल सकती हैं. 

पश्चिम बंगाल में विपक्ष का गठबंधन एक चुनौती है. साल 2021 के विधानसभा चुनाव में लेफ्ट के साथ कांग्रेस का संयुक्त मोर्चा नाकाम हुआ था. तृणमूल कांग्रेस 292 में से 213 सीटों पर आई. बीजेपी ने 38 प्रतिशत वोट शेयर किया और दूसरे नंबर पर रही. लेफ्ट फ्रंट ने 5.5 प्रतिशत वोट शेयर किया था. कांग्रेस को 2.9 फीसदी वोट मिले थे. सीटें नहीं मिलीं.

तेलंगाना की बात करें तो 2018 के चुनाव में बीआरएस को 47 प्रतिशत वोट मिले थे. कांग्रेस को 28 और बीजेपी को 7 प्रतिशत वोट मिले थे. लेकिन एक साल बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में बीआरएस 41 प्रतिशत पर आ गई. कांग्रेस थोड़ी बढ़कर 29 प्रतिशत पर आई. लेकिन बीजेपी सात से 19.5 प्रतिशत पर आ गई. अब उनको बहुत उम्मीद है कि वे अब यहां प्रमुख विपक्षी दल बन जाएंगे और हो सकता है सरकार भी बना लें. बीजेपी इस तरह की तैयारी कर रही है. बीआरएस गैर बीजेपी, गैर कांग्रेस गठबंधन की कोशिश में है. यदि बीआरएस और कांग्रेस साथ आ जाते हैं तो क्या वे बीजेपी को तेलंगाना में आने से रोक सकते हैं? यह बड़ा सवाल है कि क्या यह दोनों दल यह व्यवहारिक कदम उठाएंगे.

महाराष्ट्र में 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 51 प्रतिशत वोट मिले थे. उसके बाद शिवसेना ही टूट गई. अब शिवसेना के लगभग लोग बीजेपी के साथ चले गए हैं. कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के पास 32 प्रतिशत वोट थे. शिवसेना में जो बड़ी टूट हुई उससे विपक्ष को तगड़ा झटका लगा है. क्या शिवसेना में टूट बीजेपी के लिए एक बार फिर महाराष्ट्र में एक मौका है. 



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Man Kidnapped, Killed Minor, Body Recovered Weeks Later: Delhi Cops

A 21-year-old man was arrested for allegedly kidnapping and murdering an adolescent girl, whose decomposed body was recovered recently by police, an official said on Wednesday.

The incident took place in west Delhi's Nangloi area.

The accused has been arrested, they said, adding that the post-mortem report will confirm sexual assault.

A case of kidnapping was registered in Nangloi police station under section 363 (punishment for kidnapping) of the IPC on February 10 on the statement of the 11-year-old's mother, a senior police officer said.

According to the woman, her daughter had gone to school on February 9 and did not return after that, officer said.

After registering the case, an investigation was taken up.

During investigation, raids were conducted in Punjab and Madhya Pradesh. Accused Rohit alias Vinod, a resident of Dairywala Bagh, Paschim Vihar, was nabbed on Tuesday, Deputy Commissioner of Police (outer) Harendra Kumar Singh said.

The accused disclosed that he met the girl on February 9. After befriending her, he took her to a secluded place in the Ghewra area where he killed her and left, the DCP said.

He took the police team to the spot where the decomposed body of the minor was recovered. The crime and forensic science laboratory (FSL) teams were called and the body was sent to the mortuary, police said.

On Wednesday, an autopsy was conducted and the body was handed over to the family for last rites. The accused has been taken on police remand for further investigation, they said, adding that the section of murder has been added to the case.

The motive of the killing is being ascertained. The autopsy report will confirm any sexual assault, police added.

According to sources, the initial investigation has revealed that the victim did not go to school on February 9. The accused found her alone at a park where he approached her.

They both walked together for four to five kilometres along a railway track. Her body was recovered from a secluded area near the track. The accused was familiar with the area as he used to take the same route when he worked in a factory earlier, sources said.

The family members of the deceased identified the body through her school bag. The previous involvement, if any, of the accused is being checked, they added.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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देश में तापमान यदि तेजी से ही बढ़ता गया तो गेहूं के उत्पादन पर पड़ सकता है असर : रिपोर्ट

तापमान में मौजूदा वृद्धि मार्च में भी बनी रहती है तो रबी गेहूं का उत्पादन प्रभावित होगा और पैदावार पिछले साल के निचले स्तर के बराबर या उसकी तुलना में कुछ कम होगा. एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. गेहूं के उत्पादन में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देने वाले उत्तर प्रदेश में खरीफ धान की फसल के बाद समय पर बुवाई के कारण पूर्वी हिस्से में अपेक्षाकृत अच्छी पैदावार की उम्मीद है.

शोध एजेंसी क्रिसिल ने बुधवार को कहा कि अगर मार्च में अधिक तापमान बना रहता है तो देर से बुवाई के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मामूली गिरावट देखी जा सकती है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब और हरियाणा में देर से बोया गया गेहूं फूल अवस्था में पहुंचा है, जबकि जल्दी बोया गया लॉट अब दूध बनने की अवस्था में है और अधिक तापमान इन दोनों चरणों में अनाज के गठन के लिए हानिकारक हैं. दोनों राज्यों का सालाना गेहूं उत्पादन में 25 प्रतिशत का योगदान है.

इसी तरह बिहार में गेहूं की जल्दी बुवाई हुई है और वहां फसल अनाज बनने/परिपक्वता के चरण में है, जिस पर गर्मी का अपेक्षाकृत कम प्रभाव हो सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि इस तरह के अजैविक कारकों को बहुत प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना मुश्किल है, पर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान पहले से ही जैव-उत्तेजक और विशेष उर्वरक जैसे फसल पोषक तत्वों का छिड़काव कर रहे हैं, जिससे उन्हें कुछ हद तक गर्मी की लू से निपटने में मदद मिलनी चाहिए.



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"Put Family Facing Eviction In Taj Hotel": Bombay High Court In Jest

The Bombay High Court on Wednesday pulled up the Mumbai Metropolitan Region Development Authority for seeking to evict a man and his family from their transit tenement and in a lighter vein said the planning body should put them up at the Taj hotel in south Mumbai.

A division bench of Justices Gautam Patel and Neela Gokhale questioned the 48-hour eviction notice sent to the man, whose original home was pulled down for a public project, and asked if MMRDA expected him to “stand at Flora Fountain (a Mumbai landmark) and beg”.

The court was hearing a petition filed by one Shobhnath Singh challenging MMRDA's notice of February 8, 2023, that asked him to vacate the tenement within 48 hours failing which he and his family would be forcibly removed.

The petitioner submitted that he did not have an alternative accommodation and that the threat of forcible dispossession was unreasonable.

The bench asked MMRDA how they could give such a short notice to the petitioner without providing an alternative accommodation.

“The petitioner and his family are already dispossessed from their original flat and have been living in this transit home. Now you (MMRDA) want him out of the transit home too?” Justice Patel said.

The court held that pending hearing of the petition, interim protection ought to be given to the petitioner.

“If you (MMRDA) oppose this then I will direct you to put him (petitioner) and his family up at the Taj hotel,” Justice Patel said in a lighter vein.

The bench was informed by the petitioner's lawyer that the MMRDA had locked the tenement. The court directed the MMRDA to remove the lock immediately and posted the matter for hearing on March 10.

As per the plea, the petitioner's original house in suburban Kanjurmarg was demolished for a public project.

He and his family have been put up in a transit tenement in the same area since 2017.

Advocate Aparna Patkar, who represented MMRDA, told the court that the transit tenement was to be granted to other project-affected persons and hence the notice of eviction was issued.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Tuesday, February 21, 2023

Tamil Nadu Army Jawan's Killing A Matter Of "Serious Concern": Raj Bhavan

A group of ex-servicemen on Tuesday called on Tamil Nadu Governor RN Ravi over the killing of an Army jawan, allegedly by a DMK Councillor and shared their anguish with him, the Raj Bhavan said.

They also flagged the "lukewarm response" of the state law enforcement to the issue, the Governor's office said in a tweet, "Some Ex-Servicemen met Governor and shared their collective anguish at the gruesome killing of M Prabhu, a serving soldier by an armed gang led by a DMK councillor and lukewarm response of the state law enforcement, " a tweet on the official Twitter handle of the Raj Bhavan said.

"Indeed, it is a matter of serious concern," it added. Mr Prabhu, who was severely thrashed by a DMK functionary and his accomplices, died last week and six people have been arrested in connection with the crime.

Veterans of the Indian armed forces including the highly decorated Brig N L Narayanan participated in the one-day fast and candle light march organised by the Tamil Nadu unit of the BJP here on Tuesday condemning the killing of Lance Naik Prabhu and demanding justice for his family.

BJP State chief K Annamalai, who announced a relief of Rs 10 lakh on behalf of the party to Prabhu's family, said the party would bear the education expenses of the soldier's two children.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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EXCLUSIVE: महाधिवेशन कैसे रोका जाए, यह ED की कार्रवाई का उद्देश्‍य -NDTV से बोले CM भूपेश बघेल

नए रायपुर में आयोजित होने वाले कांग्रेस के महाधिवेशन के पहले कोयला लेवी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी ने पूरे देश का ध्‍यान छत्‍तीसगढ़ की ओर केंद्रित कर दिया है.  ईडी ने कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की. कांग्रेस ने छापेमारी की इस कार्रवाई को बदले की कार्रवाई करार दिया है. छत्‍तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने इस मामले में NDTV से विस्‍तार से बात की. इस सवाल कि ईडी की छापेमारी से कांग्रेस चिंतित होगी और जांच एजेंसी के मुताबिक, कार्रवाई में कई चीजें जब्‍त हुई हैं और सबूत मिले हैं, बघेल ने कहा कि हम उम्‍मीद कर रहे थे कि महाधिवेशन नजदीक आ रहा है, अब ईडी सक्रिय होगी. हुआ भी यही ईडी सक्रिय हुई.

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे कई नेताओं के यहां छापे डाले गए लेकिन मिला कुछ भी नहीं. यह हमारी पार्टी को बदनाम करने के लिए महज खानापूर्ति थी. उन्‍होंने कहा, "यदि छापे में कुछ मिला तो उसका प्रेस नोट आ जाना चाहिए था कि जिन नेताओं के यहां छापे डाले गए उनके यहां क्‍या मिला? रायपुर में महाधिवेशन को किस तरह रोका जाए और कांग्रेस को किस तरह से घेरा जाए, ये ईडी की र्कारवाई का उद्देश्‍य था जिसमें ये असफल रहे.

जिन लोगों के यहां छापे मारे गए वे आपके करीब बताए जा रहे, इस सवाल पर बघेल ने कहा, "जितने लोगों के यहां छापे डाले गए सब मेरे ही करीबी बताए जाते हैं. सारे लोग मेरे करीबी हैं. राज्‍य की पौने तीन करोड़ जनता है. अभी राज्‍य विधानसभा चुनाव में हम 90 में से 71 सीट जीते हैं. एक तरह से तीन चौथाई से अधिक सीटों पर हम जीते हैं. 80 फीसदी सीट पर कांग्रेस जीती है ये कांग्रेस को पसंद करते हैं, यह सभी मेरे करीबी हैं. बीजेपी के कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए तो सब लोग मेरे अपने ही हैं. उन्‍होंने कहा कि जिन राज्‍यों में चुनाव होता है, केंद्रीय एजेंसी सक्रिय हो जाती है, चुनाव के बाद चले जाते हैं. चुनाव तक ये जाने वाले नहीं है. क्‍या छापेमारी की कार्रवाई से महाधिवेशन की तैयारी प्रभावित होगी, इसके जवाब में सीएम ने कहा कि हर कोई महाधिवेशन की तैयारी में लगा है. सभी पदाधिकारी, मंत्री और विधायक भी. सबकी अलग-अलग ड्यूटी लगी थी. कोशिश इनकी यही थी इनके यहां छापा डालेंगे तो काम रुक जाएगा. 

एक अन्‍य सवाल पर बोले, "यदि इनके पास ठोस सबूत होते तो अब तक कार्रवाई कर चुके होते. जून महीने से कार्रवाई चल रही है.  इनका काम जांच करना नहीं है, इनका काम तलवार लटकाए रखना है. यदि ईडी के पास सही सबूत होता तो ये सारे जो गवाह हैं उनसे से मारपीट नहीं करते, उन्‍हें अपमानित नहीं करते. पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि ईडी थर्ड डिग्री का इस्‍तेमाल करने लगी है, पहले ऐसा नहीं होता था. इसलिए हमने इस बारे में कोर्ट की शरण में जाने का निर्णय लिया है." कही इस सब के पीछे निशाना आप तो नहीं क्‍योंकि आप कांग्रेस में कई अहम जिम्‍मेदारियां संभाल रहे हैं, इस सवाल पर बघेल ने कहा, " मैं इस बात से इत्‍तेफाक नहीं रखता. कांग्रेस इतनी बड़ी पार्टी है कि यह संभव नहीं कि इसे एक या दो लोग इसे चलाएं. भारत जोड़ो यात्रा के बाद से कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए पार्टी की आगे की योजना के बारे में बताया कि 30 जनवरी को भारत जोड़ो यात्रा का समापन हुआ है. 26 जनवरी से हाथ से जोड़ो हाथ अभियान शुरू किया गया है महाधिवेशन में रोड मैप बनेगा कि आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में किसी तरह से जाएंगे?

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