Google news, BBC News, NavBharat Times, Economic Times, IBN Khabar, AAJ Tak News, Zee News, ABP News, Jagran, Nai Dunia, Amar Ujala, Business Standard, Patrika, Webdunia, Punjab Kesari, Khas Khabar, Hindustan, One India, Jansatta, Ranchi Express, Raj Express, India News, Mahanagar Times, Nava Bharat, Deshdoot, Bhopal Samachar, Bharat Khabar, Daily News Activist, Daily News, Jansandesh Times, Dastak News, Janadesh, Times, Dekho Bhopal, Apka Akhbar, Fast News, Appkikhabar, Rajasthan Patrika

Monday, November 11, 2024

पूर्व क्रिकेटर संजय बांगर के बेटे आर्यन से बने 'अनाया', जानें क्या है ऐसा करने की वजह

ये कहानी सिर्फ क्रिकेट या किसी खिलाड़ी की नहीं है, बल्कि ये कहानी है पहचान, संघर्ष, और समाज से टकराव की! हम बात कर रहे हैं पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय बांगर (Sanjay Bangar) की बेटे आर्यन बांगर की, या यूं कहें संजय बांगर की बेटी अनाया बांगर (Aryan to Anaya) की, जिन्होंने हाल ही में अपनी जेंडर ट्रांजिशन की कहानी दुनिया के सामने रखी. एक ऐसा सफर, जिसने उनकी ज़िन्दगी बदल दी, लेकिन इसके साथ ही उनके बचपन के क्रिकेट के सपने को भी कठिन बना दिया. अनाया की कहानी ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियाँ बटोरी हैं. आइये, जानते हैं कैसे आर्यन बांगर से अनाया बांगर बनने का ये सफर रहा और इसमें क्या चुनौतियां और मुश्किलें आईं. सिद्धार्थ प्रकाश की रिपोर्ट. 

अनाया बांगर का जेंडर ट्रांजिशन

क्रिकेटर संजय बांगर के बेटे आर्यन ने लगभग 11 महीने पहले अपनी जेंडर ट्रांजिशन का सफर शुरू किया, जिसे ‘हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी' या HRT कहते हैं. इस थेरेपी से उनके शरीर में धीरे-धीरे बदलाव आए, और इस बदलाव के साथ ही उनका नाम आर्यन से अनाया हो गया. अनाया ने अपने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट्स के ज़रिये इस सफर को लोगों से साझा किया. एक पोस्ट में उन्होंने कहा - 'शारीरिक ताकत भले ही कम हो रही हो, पर खुशी मिल रही है.'

क्रिकेट का सपना और चुनौती 

अनाया का क्रिकेट के प्रति जुनून उनके पिता से विरासत में मिला है. संजय बांगर को बचपन से खेलते देख अनाया का भी सपना था कि वो भी क्रिकेट के मैदान पर भारत का नाम रोशन करें. लेकिन HRT की वजह से उनके मसल्स और स्ट्रेंथ में काफी कमी आई है. वो कहती हैं कि 'अब मेरे लिए अपने पुराने क्रिकेट के जज़्बे को वैसे जारी रखना मुश्किल हो गया है क्योंकि मेरे शरीर में काफी बदलाव हो रहे हैं.' फिर भी, अनाया ने हार नहीं मानी है. आज वो इंग्लैंड के मैनचेस्टर में एक लोकल क्रिकेट क्लब के लिए खेलती हैं और हाल ही में उन्होंने 145 रन बनाकर यह साबित किया कि उनका क्रिकेट का प्यार अभी भी बरकरार है.

नए नियम और ट्रांसजेंडर एथलीट्स की मुश्किलें

अनाया का संघर्ष सिर्फ एक ट्रांसजेंडर महिला बनने तक सीमित नहीं है, बल्कि एक ट्रांसजेंडर एथलीट होने की मुश्किलें भी हैं. इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने हाल ही में एक विवादास्पद नियम लागू किया है, जिसके अनुसार 2025 से उन ट्रांसजेंडर महिलाओं को महिलाओं की क्रिकेट में खेलने से रोका जाएगा जिन्होंने मेल प्यूबर्टी का अनुभव किया हो. ये नियम अनाया के लिए दिल तोड़ने वाला साबित हुआ. भले ही उनका होर्मोन लेवल महिलाओं के बराबर हों, लेकिन इस नियम के कारण उनके लिए प्रोफेशनल क्रिकेट में खेलना नामुमकिन हो गया है. अनाया ने अपनी निराशा जताते हुए कहा – 'मुझमें जज़्बा और काबिलियत है, लेकिन सिस्टम मुझे बाहर कर रहा है क्योंकि ये नियम मेरी असलियत को नहीं समझता.'

खेलों में इंक्लूसिविटी की जरूरत

अनाया का मानना है कि खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीट्स के लिए जगह बननी चाहिए. उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए एक बड़ा सवाल खड़ा किया है कि आखिर ट्रांसजेंडर एथलीट्स को अपना सपना पूरा करने का अधिकार क्यों नहीं दिया जा रहा? आज के समाज में खेलों में इंक्लूसिविटी यानी सबको जगह देने की बहुत ज़रूरत है. प्रोफेशनल क्रिकेट में खेलने की उनकी ख्वाहिश उन नियमों के कारण अधूरी रह गई जो ट्रांसजेंडर एथलीट्स के सपनों को रोकते हैं.



from NDTV India - Latest https://ift.tt/4V0QKtg
via IFTTT
Share:

0 comments:

Post a Comment

Recent Posts

Blog Archive