- पीएम मोदी ने कहा, "मजा इस डिबेट का देखिए...फील्डिंग विपक्ष ने ऑर्गनाइज की, लेकिन चौके-छक्के यहीं से लगे. विपक्ष नो-कॉन्फिडेंस पर नो बॉल कर रहा है और इधर से सेंचुरी हो रही है. आप तैयारी करके क्यों नहीं आते जी."
- उन्होंने कहा, "अविश्वास और घमंड इनकी रगों में रच-बस गया है. वे जनता के विश्वास को कभी देख नहीं पाते. ये जो शुतुरमुर्ग एप्रोच है, इसके लिए देश क्या कर सकता है."
- पीएम ने कहा कि कांग्रेस की मुसीबत ऐसी है कि उन्हें खुद को जिंदा रखने के लिए इनको NDA का ही सहारा लेना पड़ा. लेकिन आदत के मुताबिक घमंड का जो आई (I) है, वह इनको छोड़ता नहीं है, इन्होंने NDA के साथ दो आई (I) जोड़ लिए हैं. पहला - 26 दलों का घमंड है, दूसरा- एक परिवार का घमंड है. पीएम ने कहा कि कांग्रेस ने NDA भी चुरा लिया, खुद बचने के लिए और इंडिया के भी टुकड़े (I.N.D.I.A.) कर दिए.
- पीएम ने ये कहा- 'यूपीए को लगता है कि देश के नाम का इस्तेमाल कर विश्वसनीयता बढ़ाई जा सकती है. ये इंडिया गठबंधन नहीं है. ये घमंडिया गठबंधन है. इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है. सबको प्रधानमंत्री बनना है.
- विपक्ष के साथियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता चाहता हूं, कुछ दिन पहले ही बेंगलुरु में आपने मिल-जुलकर करीब डेढ़-दो दशक पुराने UPA का क्रिया-कर्म किया है. उसका अंतिम संस्कार किया है.
- पीएम मोदी ने कहा कि हमारे विपक्ष के साथियों का सबसे प्यारा नारा है- मोदी तेरी कब्र खुदेगी, लेकिन मेरे लिए इनकी ये गालियां, ये अपशब्द टॉनिक का काम करते हैं. विपक्ष के लोगों को एक रहस्यमयी वरदान मिला हुआ है कि जिसका भी ये लोग बुरा चाहेंगे उसका भला ही होगा.
- इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "विचित्र स्थिति है कि जिनके दिल नहीं मिलते, वो दल मिल चुके हैं. जिनके इतिहास में वैचारिक या व्यावहारिक या सैद्धांतिक संबंध ना हो, वो लोकसभा चुनाव के लिए एक साथ आए हैं और लोकतंत्र बचाओ की बात कर रहे हैं."
- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को राहुल गांधी के मणिपुर पर दिए गए भाषण पर आपत्ति जाहिर की. उन्होंने कहा, "कल राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए मणिपुर भारत का हिस्सा नहीं है. प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर को दुनिया से जोड़ा है, उनका पूर्वोत्तर से गहरा रिश्ता है. भारत को बांटकर देखने की विचारधारा आपकी है, हमारी नहीं."
- वहीं, लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- 'बनेगा, मिलेगा' जैसे शब्द अब प्रचलन में नहीं हैं. आजकल लोग बन गए, मिल गए का उपयोग करते हैं. बिजली आएगी... अब बिजली आ गई, गैस कनेक्शन मिलेगा.. अब गैस कनेक्शन मिल गया, एयरपोर्ट बनेगा... अब एयरपोर्ट बन गया.
- अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में निर्मला सीतारमण ने कहा, 'हमने बैंकिंग सेक्टर को बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए हैं. बैंक अब राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना काम कर रहे हैं. बैंकों में फैलाया UPA का रायता हम साफ कर रहे हैं.'
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