तृणमूल कांग्रेस (TMC) से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिनने को लेकर चुनाव आयोग में अपील करने की तैयारी में है. TMC आयोग से अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करने की तैयारी में है. TMC के एक बड़े नेता ने कहा कि हम यह कानूनी विकल्प तलाशने से पहले करेंगे. इसे लेकर हम जल्द ही निर्वाचन आयोग के पास अपील भी करेंगे.
उधर, निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार आयोग ने उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए टीएमसी और अन्य दो दलों का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लिया है. आयोग ने कहा कि उसने इससे पहले दलों को दो संसदीय चुनावों और 21 राज्य विधानसभा चुनावों का पर्याप्त अवसर प्रदान किया.
गौरतलब है कि बीते सोमवार शाम को आयोग ने इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए ये भी बताया कि अब TMC, NCP और CPI जैसी पार्टियां राष्ट्रीय पार्टियां नहीं रही हैं. आयोग ने यूपी में राष्ट्रीय लोक दल (RLD) , आंध्र प्रदेश में भारत राष्ट्र समिति (BRS), मणिपुर में पीप्ल्स डेमोक्रेटिक एलायन्स, पुडुचेरी में पीएमके, पश्चिम बंगाल में आरएसपी, और मिजोरम में एमपीसी पार्टी से क्षेत्रिय पार्टी होने का दर्जा वापस लेने की भी घोषणा की है.
चुनाव आयोग के मुताबिक किसी भी पार्टी को तभी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है जब वो इन तीन प्रमुख शर्तों को पूरा करती हैं...
- अगर कोई पार्टी 4 लोकसभा सीट के अलावा लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में 4 राज्यों में छह फीसदी वोट शेयर हासिल करती है तो उसे भी ये दर्जा मिल सकता है.
- एक पार्टी को लोकसभा में कुल सीटों का कम से कम 2 प्रतिशत जीतना चाहिए. पार्टी के उम्मीदवारों को कम से कम तीन राज्यों से निर्वाचित होना चाहिए था.
- अगर किसी दल को 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा हासिल हो तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया जा सकता है.
पहले देश में कुल सात राष्ट्रीय पार्टियां थीं - टीएमसी, बीएसपी, बीजेपी, सीपीआई, सीपीआई (एम), कांग्रेस और एनसीपी. लेकिन सोमवार को चुनाव आयोग की घोषणा के बाद अब इस सूची से टीएमसी, एनसीपी और सीपीआई को हटाकर आम आदमी पार्टी को शामिल कर लिया गया है. अब देश में कुल पांच ही राष्ट्रीय पार्टियां हैं.
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