केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि हनुमान जयंती के दौरान पश्चिम बंगाल में राज्य पुलिस की सहायता के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को तैनात किया गया है.
इससे पहले मंत्रालय ने रामनवमी के दौरान पश्चिम बंगाल और बिहार में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को छह अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर कानून-व्यवस्था एवं शांति सुनिश्चित करने तथा समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने वाले संभावित तत्वों पर नजर रखने का निर्देश दिया.
गृह मंत्री के एक प्रवक्ता ने बुधवार देर शाम ट्वीट किया, ‘‘हनुमान जयंती के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने में राज्य पुलिस की सहायता के लिए पश्चिम बंगाल में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को तैनात किया गया है.''
गृह मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने, त्योहार के दौरान शांति कायम रखने और समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की आशंका वाले हर प्रकार के कारक पर नजर रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.''
रामनवमी की शोभायात्राओं को लेकर पिछले कुछ दिन में पश्चिम बंगाल के हुगली और हावड़ा जिलों में झड़प, आगजनी एवं बमबारी की घटनाएं हुई हैं. इन घटनाओं के दौरान हावड़ा में कई वाहनों को आग लगा दी गई और कई दुकानों में तोड़फोड़ की गई थी.
पश्चिम बंगाल के रिसड़ा कस्बे में रविवार को रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान झड़प की सूचना मिली थी. इस शोभायात्रा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष और पुरसुरा से पार्टी के विधायक बिमान घोष मौजूद थे. हिंसा में विधायक घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
पास के श्रीरामपुर शहर के कुछ हिस्सों में भी तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं, जिसके बाद निषेधाज्ञा लागू कर दी गई और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा पर मंगलवार को राज्य सरकार से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी.
बिहार के सासाराम और बिहारशरीफ कस्बों में भी 30 और 31 मार्च को सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी जिसके बाद वाहनों, घरों और दुकानों को आग लगा दी गई थी तथा कई लोग इसमें घायल हो गए थे. इस मामले में 170 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन घटनाओं को लेकर चिंता जताई थी और बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से स्थिति का जायजा लेने को कहा था. गृह मंत्रालय ने स्थिति से निपटने में राज्य प्रशासन की सहायता के लिए बिहार में अतिरिक्त अर्धसैनिक बल भी भेजे थे.
सासाराम में निषेधाज्ञा लागू होने के बाद शाह ने दो अप्रैल को वहां का अपना प्रस्तावित दौरा रद्द कर दिया था.
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