कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक सिद्धारमैया, जो अपने विधायक पुत्र यतींद्र सिद्धारमैया के निर्वाचन क्षेत्र वरुणा से अगले महीने विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि वह हारने से नहीं डरते हैं.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह इस साल के चुनाव के बाद अब चुनावी राजनीति में भाग नहीं लेंगे. इससे पहले कि कांग्रेस की पहली सूची में उन्हें मैसूर में वरुणा से उम्मीदवार के रूप में दिखाया गया, सिद्धारमैया एक प्रमुख खनन क्षेत्र, कोलार निर्वाचन क्षेत्र से टिकट पाने की उम्मीद कर रहे थे.
सिद्धारमैया ने एनडीटीवी से कहा, "कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी." उन्होंने कहा, त्रिशंकु विधानसभा का कोई सवाल ही नहीं है. अभी के लिए वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कोलार यात्रा से पहले की तैयारियों की देखरेख में व्यस्त हैं, उसी स्थान पर जहां राहुल गांधी ने 2019 के आम चुनाव के दौरान मोदी उपनाम पर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके कारण उन्हें लोकसभा से अयोग्य ठहराया गया. हाल ही में मानहानि के मामले में सजा के बाद.
कर्नाटक कांग्रेस के नेता ने वरुणा से चुनाव लड़ना चुना, क्योंकि वहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, और जब उन्होंने फैसला किया कि वह चुनावी राजनीति छोड़ना चाहते हैं, तो उन्होंने आखिरी बार अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र वरुणा को चुना. सिद्धारमैया आमतौर पर दो सीटों से चुनाव लड़ते हैं. उन्होंने महीनों तक कोलार से लड़ने की जमीन तैयार की थी. फरवरी में कर्नाटक कांग्रेस को दिए अपने आवेदन में, सिद्धारमैया ने बदामी, वरुणा और कोलार का उल्लेख तीन निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में किया था, जिसमें से वह चुनेंगे.
बादामी और कोलार कांग्रेस की पहली सूची में शामिल नहीं हैं, क्योंकि सिद्धारमैया पिछली बार की तरह दो सीटों से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे थे. सूत्रों ने कहा कि यह संभावना नहीं है कि उन्हें कोलार मिलेगा, क्योंकि स्थानीय रिपोर्टों से पता चलता है कि वह वहां से नहीं जीत सकते. कल तक ऐसी भी अटकलें थीं कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र उस सीट से चुनाव लड़ेंगे, जहां से सिद्धारमैया चुनाव लड़ेंगे.
येदियुरप्पा ने बाद में अपने बेटे के बारे में अटकलों पर विराम लगा दिया. विजयेंद्र उसी सीट शिकारीपुरा से चुनाव लड़ेंगे, जहां उनके पिता 1983 से सात बार जीते थे. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 10 मई को होंगे. वोटों की गिनती तीन दिन बाद होगी.
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