उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली विभाग ने कर्मचारियों की हड़ताल के बीच संविदा पर काम करने वाले विभाग के 1,332 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. वहीं आंदोलनरत नेताओं ने एक बयान जारी कर चेतावनी दी है कि अगर विभाग से किसी को नौकरी से निकाला या गिरफ्तार किया जाता है तो 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जाएगी. गौरतलब है कि राज्य के बिजली मंत्री एके शर्मा ने दिन में चेतावनी दी थी कि अगर संविदा कर्मी शाम छह बजे तक काम पर नहीं लौटे तो उन्हें आज ही बर्खास्त कर दिया जाएगा.
इस बीच बलिया से मिली सूचना के अनुसार, जिला प्रशासन ने विद्युत केंद्र पर तैनाती होने के बावजूद अनुपस्थित मिले दो पर्यवेक्षकों के विरुद्ध शनिवार को प्राथमिकी दर्ज कराई है.
वहीं, बिजली कर्मियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही और आंदोलनरत नेताओं ने एक बयान जारी कर चेतावनी दी है कि अगर बिजली विभाग के कर्मियों की बर्खास्तगी या गिरफ्तारी की गयी तो 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जायेगी और सामूहिक जेल भरो आन्दोलन प्रारम्भ होगा.
बिजली मंत्री शर्मा ने दिन में कहा था कि आउटसोर्सिंग कंपनियों से कहा गया है कि बर्खास्त किए गए कर्मियों के स्थान पर कल से नये लोगों की नियुक्ति की जाए. उन्होंने कहा कि ‘विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति' के 22 नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है और इनके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ को निलंबित किया जा रहा है.
बिजली कंपनियों में चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के चयन और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मी बृहस्पतिवार रात 10 बजे से तीन दिन की हड़ताल पर हैं.
शर्मा ने आज दिन में पत्रकारों से बातचीत में कहा था, ‘‘आज विभाग के 22 कर्मियों पर आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के तहत प्राथमिकी की कार्रवाई का निर्णय लिया गया है. इनमें से कुछ लोगों को निलंबित भी किया गया है. इसके अलावा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले और सरकारी काम में बाधा डालने वाले लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. अभी तक ऐसे 29 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है.''
उन्होंने बताया था, ‘‘पिछले 24 घंटों में संविदा पर काम करने वाले 1,332 कर्मियों की सेवा समाप्त की गई है. मैं संविदा पर काम करने वाले सभी कर्मियों से निवेदन करता हूं कि चार घंटे के अंदर, शाम छह बजे तक, अपनी ड्यूटी पर हाजिर हों, ऐसा नहीं होने पर उन्हें आज रात ही बर्खास्त कर दिया जाएगा.''
उन्होंने बताया था कि आउटसोर्सिंग कंपनियों से बर्खास्त कर्मियों के स्थान पर कल से आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराने वाली संस्थाओं से परीक्षा पास कर चुके बच्चों की सूची लेकर पहले उनकी अप्रेंटिस के रूप में भर्ती करने को कहा गया है.
वहीं, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे से यह सवाल करने पर कि विभाग में संविदा पर कितने लोग काम कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऐसे कर्मियों की संख्या करीब 70 हजार है.
दुबे ने दावा किया था, ‘‘ओबरा ताप बिजली घर ठप पड़ गया है. 200-200 मेगावॉट क्षमता की ओबरा ताप बिजली घर की पांचों इकाइयां बंद पड़ गई हैं. वहां का उत्पादन शून्य है.''
उन्होंने दावा किया कि बिजली कर्मियों की हड़ताल से राज्य के कुछ हिस्सों में बिजली आपूर्ति पर व्यापक असर हुआ है.
ऊर्जा मंत्री ने शाम को कहा था कि बिजली विभाग के हड़ताली कर्मियों वार्ता करने का लगातार प्रयास कर किया जा रहा है. वार्ता के द्वार खुले हैं.
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर चल रही बिजली कर्मियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी रही.
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेताओं की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में यह चेतावनी दी गई है कि यदि शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलनरत बिजली कर्मियों को गिरफ्तार किया गया या बिजली कर्मियों की बर्खास्तगी की गई तो ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता और निविदा/संविदा कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और पूरे प्रदेश में सामूहिक जेल भरो आन्दोलन प्रारम्भ होगा.
बयान में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि संघर्ष समिति ऊर्जा मंत्री से वार्ता के लिए हमेशा तैयार है. संघर्ष समिति ने कहा कि निविदा/संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश एवं बड़े पैमाने पर बिजली कर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने तथा संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के आदेश के चलते टकराव और बढ़ गया है.
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘‘बिजलीकर्मी शांतिपूर्वक 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं किंतु उक्त दमनात्मक कदमों से यह हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में तथा जेल भरो आन्दोलन में बदल सकती है.''
वहीं, बलिया से मिली सूचना के अनुसार, जिला प्रशासन ने विद्युत केंद्र पर तैनाती होने के बावजूद अनुपस्थित मिलने पर दो पर्यवेक्षकों के विरुद्ध आज नामजद मुकदमा दर्ज कराया है.
सरकार द्वारा शनिवार को जारी बयान के अनुसार, जिलाधिकारी रवींद्र कुमार व पुलिस अधीक्षक राज करन नैय्यर ने जिला मुख्यालय के सिविल लाइन पावर हाउस, आवासीय कॉलोनी बहादुर में ट्रांसफार्मर, 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र विशुनीपुर, 33/11 केवी हनुमानगंज एवं सुखपुरा का निरीक्षण किया.
उन्होंने विशुनीपुर पावर हाउस पर तैनात पर्यवेक्षक सुजीत कुमार व संजय कुमार के अनुपस्थित मिलने पर उनके विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है.
जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने सभी पावर हाउस के आस-पास पुलिस बल की तैनाती करने का निर्देश दिया तथा कहा कि पावर हाउस के आस-पास कोई भी संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दे तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए.
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