केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल के प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष 2020 के दौरान सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में कथित अनियमितता के सिलसिले में एक और प्राथमिकी दर्ज की है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें जांच एजेंसी को आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया गया है.
यह मामला शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण और प्रशिक्षित अभ्यर्थियों के लिए 23 नवंबर, 2020 को पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) द्वारा शुरू की गई 16,500 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं से संबंधित है.
बोर्ड ने अभ्यर्थियों के साक्षात्कार और योग्यता परीक्षण (एप्टीट्यूड टेस्ट) के बाद 15 फरवरी, 2021 को पहली मेरिट सूची प्रकाशित की थी.
प्राथमिकी में आरोप है कि, ‘‘ डब्ल्यूबीबीपीई ने पश्चिम बंगाल में प्राथमिक विद्यालयों के लिए सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्ट तरीके अपनाए. ऐसा करने के लिए और अभ्यर्थियों को अंधेरे में रखने के मकसद से बोर्ड ने सफल उम्मीदवारों की पूरी योग्यता सूची प्रकाशित नहीं की.''
इसमें कहा गया है कि ऐसा करना पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षक भर्ती नियम-2016 के नियम और इसमें बाद में किये गये संशोधनों के प्रतिकूल था.
प्राथमिकी के मुताबिक अयोग्य अभ्यर्थियों को मेरिट सूची के जरिये उन्हें आगे बढ़ाने के लिए छेड़छाड़ करके उनकी श्रेणियों को सामान्य से बदलकर ‘छूट प्राप्त' कर दिया गया. पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित मामलों की निगरानी कलकत्ता उच्च न्यायालय कर रहा है.
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