दिल्ली नगर निगम (MCD) इस साल डेंगू जैसी वेक्टर जनित बीमारियों से निपटने के लिए ड्रोन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित मंचों का इस्तेमाल करेगा. साथ ही सितंबर 2023 में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर स्मारकों, होटल और दिल्ली के बाजारों में मच्छर रोधी दवा के छिड़काव पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगा.
एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘हमारी योजना शहर को साफ, सुरक्षित और अधिक जीवंत बनाने की है'', ताकि दुनिया को प्रभावित करने वाले प्रतिनिधि शानदार अनुभवों के साथ लौट सकें.
भारत ने एक दिसंबर 2022 को जी-20 समूह की अध्यक्षता संभाली और एक साल की अध्यक्षता के दौरान वह देश के 55 स्थानों पर समूह की 200 से अधिक बैठकें करा रहा है और सितंबर में यहां शिखर सम्मेलन होगा.
एमसीडी द्वारा शनिवार को यहां जारी बयान में कहा गया, ‘‘इस साल डेंगू को रोकने के लिए विस्तृत और अतिसक्रिय योजना की परिकल्पना की गई है और विशेष ध्यान जी-20 बैठकों का आयोजन स्थल, स्मारक, होटल, शॉपिंग मॉल, प्रसिद्ध बाजार और अन्य स्थान होंगे जहां पर प्रतिनिधि एकत्र होंगे.''
उन्होंने कहा कि इस विस्तृत योजना में एक हिस्सा एआई आधारित मंच या ड्रोन से वेक्टर की निगरानी, अहम नालों में मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने वाली दवा का छिड़काव भी शामिल है ताकि मच्छरों के लार्वा को पनपने से रोका जा सके.
बयान में कहा गया कि जैविक तरीके से मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए जलाशयों में लार्विवोरस मछली छोड़ी जाएंगी ताकि वे मच्छों के लार्वा को खाकर नष्ट कर दे. उन्होंने बताया कि एनसीवीबीडीसीपी के दिशानिर्देशों के अनुसार जब भी जरूरत होगी फॉगिंग कराई जाएगी और इस दौरान राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के पर्यावरण अनुकूल रहने के दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जाएगा.
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