यदि आप भी अपने पर्स में नगदी रखने से बचते हैं और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ज्यादा करते हैं तो संभल जाएं क्योंकि 1 जनवरी से ऑनलाइन पेमेंट महंगा हो सकता है। ऐसे में यदि आप कोई थर्ड पार्टी के एप्स यानि गूगलपे, फोनपे, अमेजन पे का इस्तेमाल कर यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से पेमेंट करते हैं तो उसका अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है।
दरअसल नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने 1 जनवरी 2021 से यूपीआई पेमेंट सर्विस पर अतिरिक्त चार्ज लगाने का निर्णय लिया है। एनपीसीआई ने थर्ड पार्टी ऐप के ऊपर 30 फीसदी का कैप लगा दिया है। ऐसे में एक जनवरी 2020 के बाद आपके एप टोटल वॉल्यूम का ज्यादा से ज्यादा 30 फीसदी ट्रांजेक्शन ही कर पाएंगे। हालांकि अभी ये तय नहीं हुआ है कि कितना अतिरिक्त चार्ज उपभोक्ता काे देना होगा।
जानें यूपीआई ट्रांजेक्शन व डिजिटल लेन-देन में फर्क
1. यूपीआई ट्रांजेक्शन बैंक टू बैंक होता है।
2. वर्चुअल पेमेंट एड्रेस और आइडेंटिटी का इस्तेमाल करता है।
3. प्रति ट्रांजेक्शन लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपये है।
4. ट्रांजेक्शन किन्हीं भी दो बैंकों के बीच हो सकता है।
5. फ्यूचर ट्रांजेक्शन की सुविधा मिलती है।
डिजिटल वैलेट
1. एक से दूसरे खाते में पैसों ट्रांसफर का काम करते हैं।
2. प्रति ट्रांजेक्शन में लेनदेन की सीमा 10,000 रुपये होती है।
3. फोन नंबर का उपयोग करता है।
4. ट्रांसफर करने और पाने वाले दोनों के पास एप जरूरी।
5. फ्यूचर ट्रांजेक्शन की सुविधा नहीं है।
इन एप्स से पेमेंट करने पर पड़ेगा असर, पेटीएम को छूट...
ऐसे में लोगों को फोनपे, गूगलपे, अमेजन पे जैसे थर्ड पार्टी एप्स से पेमेंट करने पर एक्सट्रा चार्ज देना होगा। आसान शब्दों में अगर थर्ड पार्टी के एप से यूपीआई के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करते हैं तो एक्सट्रा चार्ज देना होगा। हालांकि पेटीएम पर फिलहाल कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगाया है। हालांकि इन कंपनियों ने इस पर कुछ नहीं कहा है। यदि सीधे यूपीआई एप के जरिए पेमेंट करेंगे तो कोई चार्ज नहीं लगेगा।
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