कहानी - रामायण का एक प्रसंग है। सीता हरण के बाद जब राम वानर सेना के साथ लंका तक आ गए। तब मंदोदरी रावण के इस जीवन को लेकर आशंकित रहने लगी। वो अक्सर अपने दुर्भाग्य पर रोती थी। एक बार एकांत में रावण ने अपनी पत्नी मंदोदरी से पूछा कि तुम्हारी आंखों में आंसू क्यों हैं?
मंदोदरी ने हाथ जोड़कर कहा कि मैंने आपसे पहले भी निवेदन किया और अब फिर से समझा रही हूं कि राम कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं, उनसे दुश्मनी न करें। तब रावण बोला कि तुम कहना क्या चाहती हो?
मंदोदरी ने पूरी विनम्रता से कहा कि आप सीता को लौटा दीजिए। इसी में सबकी भलाई है।
रावण ने मंदोदरी की ये बात नहीं मानी। बल्कि, उसका अपमान करते हुए कहता है कि तुम औरतों में आठ अवगुण होते हैं। ये आठ अवगुण हैं - साहस, झूठ, चंचलता, छल, डरपोकपन, मूर्खता, अपवित्रता और निर्दयता।
रावण की बात सुनकर मंदोदरी कहती है कि हम स्त्रियों का परिहास करके आप कोई बुद्धिमानी नहीं कर रहे हैं। राम लगातार आप पर विजय प्राप्त कर रहे हैं। सीता स्वयंवर में धनुष तोड़ा, शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए, समुद्र पार करके लंका तक आ गए। आप कब समझेंगे?
रावण कहता है कि तुमने ये बड़ी गहरी बात कही है। ऐसा कहकर तुम मेरे ही बल का बखान कर रही हो, मेरा ऐसा प्रभाव है कि जिसे सब भगवान मान रहे हैं वो राम मुझसे लड़ने के लिए वानरों की सेना लेकर मेरे नगर तक आया है। मंदोदरी, मैं तुझे अब मान गया। ऐसा कहकर रावण जोर से हंसा और अपने दरबार की ओर चल दिया।
मंदोदरी, रावण को जाता हुआ देख सोचती है कि इनका ये अहंकार कहीं इनके प्राण ही न ले ले। अंत में हुआ भी यही। रावण का अभिमान उसके लिए प्राण घातक साबित हुआ। पत्नी की अच्छी सलाह का मजाक बनाना उसे भारी पड़ गया।
सीख - पारिवारिक जीवन में पति-पत्नी एक-दूसरे को सलाह देते हैं। कभी पति सही हो सकता है, कभी पत्नी सही हो सकती है। अगर सलाह न मानी जाए तो वह अपनी जगह है, लेकिन कभी भी एक-दूसरे का मजाक ना उड़ाएं। यही सुखी वैवाहिक जीवन का मूल मंत्र है।
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