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Saturday, August 10, 2024

बांग्‍लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को कौन रोकेगा? दो अमेरिकी सांसदों की बाइडेन प्रशासन से सीधे हस्‍तक्षेप की मांग

भारतीय मूल के दो प्रमुख अमेरिकी सांसदों ने बांग्लादेश (Bangladesh) में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ 'समन्वित हमले' को रोकने के लिए अमेरिका के सीधे हस्तक्षेप की मांग की है. साथ ही उन्होंने इस बात को रेखांकित किया है कि क्षेत्र में 'धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा से प्रेरित' अस्थिरता अमेरिका या उसके सहयोगियों के हित में नहीं है. दो हिंदू संगठनों - बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद - के अनुसार, पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को 52 जिलों में हमलों की कम से कम 205 घटनाओं का सामना करना पड़ा है. हिंसा से बचने के लिए हजारों बांग्लादेशी हिंदू पड़ोसी देश भारत भागने की कोशिश कर रहे हैं.

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को लिखे नौ अगस्त की तिथि वाले पत्र में अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी अत्याचारों के खिलाफ उनका यह रुख, केवल उनका ही रुख नहीं है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई लोगों ने, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ जारी हिंसा की निंदा की है, जिनमें उनके अपने जिले के कुछ लोग भी शामिल हैं.

हिंसा रोकने में सरकार की मदद करे अमेरिका : थानेदार 

मिशिगन के सांसद श्री थानेदार ने ब्लिंकन को लिखा, 'मोहम्मद यूनुस के बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने के साथ, अमेरिका का यह दायित्व है कि वह हिंसा और अशांति समाप्त करने में इस नयी सरकार की सहायता करे.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बाइडन प्रशासन से आग्रह करता हूं कि सताये गए बांग्लादेशी हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को शरणार्थी के रूप में अस्थायी संरक्षित दर्जा दिया जाए.'

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित यूनुस (84) ने बृहस्पतिवार को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली.

बांग्‍लादेश में कई हिंदू मंदिरों और घरों में तोड़फोड़ 

ढाका में स्थित हिंदू समुदाय के नेताओं के अनुसार, शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के बाद बांग्लादेश में हुई हिंसा में कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यवसायों में तोड़फोड़ की गई, महिलाओं पर हमला किया गया और हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई.

श्री थानेदार ने ब्लिंकन से यूनुस और उनकी सरकार के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया ताकि 'बांग्लादेश के हिंदुओं के खिलाफ समन्वित हमलों को रोका जा सके.''

उन्होंने कहा कि यूनुस ने हिंसा को समाप्त करने का आह्वान किया है और देश के पुनर्निर्माण के लिए उनकी इच्छा का स्वागत किया.

बांग्लादेश के लिए यह महत्वपूर्ण समय : कृष्‍णमूर्ति 

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद ने कहा, 'यह बांग्लादेश के लिए एक महत्वपूर्ण समय है और हमें देश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसक कार्रवाइयों और बयानबाजी को समाप्त करने के उनके प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए.'

आठ अगस्त को ब्लिंकन को लिखे एक पत्र में सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि विभिन्न मीडिया खबरों में हिंदू विरोधी हमलों की विश्वसनीय प्रत्यक्षदर्शी रिपोर्ट हमलों के पैमाने को प्रदर्शित करती है. कृष्णमूर्ति का उक्त पत्र शुक्रवार को मीडिया को जारी किया गया.

बांग्‍लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा पहली बार नहीं : कृष्‍णमूर्ति 

कृष्णमूर्ति ने पत्र में लिखा, 'मैं आपको यह पत्र बांग्लादेश में अस्थिर स्थिति और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हिंदू विरोधी समन्वित हिंसा के बढ़ने को लेकर लिख रहा हूं. अब जब मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ले ली है, तो यह अत्यंत आवश्यक है कि अमेरिका हिंसा को समाप्त करने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए उनकी सरकार के साथ मिलकर काम करे.'

उन्होंने कहा, 'दुख की बात है कि यह पहली बार नहीं है कि बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने हिंदू विरोधी हिंसा का रूप ले लिया है. अक्टूबर 2021 में हिंदू विरोधी दंगों में सैकड़ों घरों, व्यवसायों और मंदिरों को नष्ट करने के बीच नौ लोग मारे गए थे... 2017 में, 107 से अधिक हिंदू मारे गए थे और 37 'गायब' हो गए....''

कृष्णमूर्ति ने कहा कि क्षेत्र में 'धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा से प्रेरित अस्थिरता, स्पष्ट तौर पर अमेरिका या हमारे सहयोगियों के हित में नहीं है.''

उन्होंने ब्लिंकन से अंतरिम सरकार के साथ 'सीधे' जुड़ने और हिंसा समाप्त करने और 'जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने' में उसकी मदद करने के लिए अमेरिकी प्रभाव डालने का आग्रह किया.

बांग्‍लादेश में राजनीतिक हिंसा कोई नई बात नहीं : थानेदार 

थानेदार ने अपने पत्र में कहा कि बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा कोई नयी बात नहीं है और 1971 में देश बनने के बाद से वहां कई तख्तापलट और नेतृत्व परिवर्तन हुए हैं.

उन्होंने कहा कि हिंदू आबादी को निशाना बनाना भी कोई नई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी केवल आठ प्रतिशत है, जिससे इस अल्पसंख्यक समुदाय के लिए भेदभाव और हिंसा का खतरा बना रहता है.

ये भी पढ़ें :

* बांग्लादेश-भारत संबंध कैसे रहेंगे? शेख हसीना को क्या ऑफर था? खालिदा जिया की पार्टी के नेता ने सब बताया
* बांग्लादेश के चीफ जस्टिस को क्यों देना पड़ा इस्तीफा? शेख हसीना के जाने के बाद क्या हैं हालात?
* बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ गुवाहाटी में विरोध-प्रदर्शन, रखी 8 सूत्रीय मांग



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ULFA-I Planning An Attack Before Independence Day: Assam Top Cop

Assam DGP GP Singh said on Saturday that a unit of United Liberation Front of Asom-Independent (ULFA-I) active along the Assam-Arunachal Pradesh border is making plans to launch an attack in the region before Independence Day.

The DGP has been camping in the Upper Assam area, believed to be a stronghold of ULFA-I, for the last four days.

“We have intelligence input that ULFA-I has been planning to launch an attack to disrupt the Independence Day celebrations in Assam. A unit of the outlawed group is active along the interstate border of Assam and Arunachal Pradesh. However, the state police, army and other paramilitary forces are prepared to neutralise the ULFA-I cadres,” the DGP told media persons on Saturday.

According to the top cop, both the state and Central governments are taking a cautious approach to foil any probable attack by the banned militant outfit.

“Security measures have been tightened in many areas. We are looking into all aspects,” Mr Singh added.

In 2004, a bomb blast during an Independence Day parade at the Dhemaji College ground in Assam left at least 18 people dead and numerous others injured. The police claimed that the explosive placed close to the college gate was set off by a remote-controlled device. The blast occurred when teachers and children from different schools were passing through the gate.

After the blast, the locals attacked police vehicles near the college, forcing the cops to resort to lathi charge firing of tear gas shells.

(This story has not been edited by NDTV staff and is auto-generated from a syndicated feed.)



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Friday, August 9, 2024

करिश्मा कपूर के साथ गाने में डांस कर रहे दो बैकग्राउंड डांसर आज हैं बॉलीवुड का बड़ा नाम, इन सुपरस्टार्स को पहचाना आपने?

अक्सर आपने स्टार्स के स्ट्रग्लिंग डेज के एक्सपीरियंस में ये जरूर सुना होगा कि किसी ने डायरेक्टर को असिस्ट किया है. तो कोई सपोर्टिंग एक्टर बनकर फिल्मों में काम कर चुका है. कुछ ऐसे भी सितारे हैं, जिन्होंने कुछ कोरियोग्राफर की टीम में शामिल होकर डांस सीखा और उसके बाद उनकी टीम में रह कर बतौर बैकग्राउंड डांसर भी किया. करिश्मा कपूर के एक डांसिंग सॉन्ग में भी दो ऐसे ही सितारे दिख रहे हैं, जो कई बड़े बैनर्स की फिल्म में काम कर चुके हैं. लेकिन अपना करियर शुरू करने के लिए उन्हें बैकग्राउंड डांसर के तौर पर काम भी करना पड़ा.

करिश्मा कपूर के पीछे दो सितारे

इंस्टाग्राम पर माय लाइफ माय रूल्स नाम के हैंडल ने करिश्मा कपूर के हिट सॉन्ग का ये वीडियो शेयर किया है. इस गाने पर करिश्मा कपूर ने बेहद एनर्जेटिक डांस किया है. करिश्मा कपूर जितनी एनर्जी के साथ डांस कर रही हैं, उतनी ही एनर्जी पीछे डांस कर रहे बैकग्राउंड डांसर में भी दिख रही है. आप गौर से देखेंगे तो इस वीडियो में आपको दो ऐसे डांसर भी दिखेंगे, जो फिल्मी पर्दे पर बतौर हीरो दिख चुके हैं. गौर से देखिए दो लाइन पीछे आपको शाहिद कपूर दिखाई देंगे. जिनकी हवा में उड़ती जुल्फें देखकर आप उन्हें पहचान सकते हैं. इसी गाने में आपको और दो लाइन छोड़कर जुगल हंसराज भी दिखाई देंगे.

ये भी पढ़ें: गोविंदा की राजा बाबू करिश्मा कपूर नहीं इस पूर्व मिस इंडिया को पहले हुई थी ऑफर, इस वजह से किया था करने से इनकार

इन फिल्मों में आए नजर

ये गाना फिल्म दिल तो पागल है का  है. 'ले गई ले गई, दिल ले गई ले गई' गाने में दिख रहे शाहिद कपूर किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. जब वी मेट, उड़ता पंजाब, कबीर सिंह जैसी फिल्म में आप उन्हें बतौर लीड एक्टर देख चुके हैं. जुगल हंसराज ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम शुरू कर दिया था. उनके नाम पर मासूम जैसी फिल्म दर्ज है. इसके अलावा वो यशराज बैनर की फिल्म मोहब्बतें के भी हीरो रह चुके हैं.



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Thursday, August 8, 2024

UP Barber Arrested For Spitting On Customer's Face, Shop Bulldozed

A barber here was arrested a day after a video of him applying his spit on a customer's face made rounds on social media, police said on Thursday.

The barber's makeshift shop was bulldozed by the local administration.

Superintendent of Police Amit Kumar Anand said, "We received a report regarding a video in which a barber, Yusuf, was seen applying his spit on the face of a customer. Acting on the complaint we arrested him on Wednesday night." According to the police, the incident occurred a fortnight ago but the video was posted online recently and it began doing rounds on Wednesday.

"The accused is seen applying some cream on the face of the customer in the video. While doing so he stops, spits in his palms and applies it on the customer's face," Circle Officer Kapoor Kumar said.

The local administration on Thursday reached the spot and bulldozed the makeshift salon.

"The salon was made using tin sheets and was an encroachment. It was removed with a bulldozer today," the CO said.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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NDTV की खबर का असर, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत की जांच शुरू

मध्यप्रदेश में एनडीटीवी इंडिया ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में बाघों की मौत पर खबर दिखाई थी. उसका असर ये हुआ है कि मध्य प्रदेश वन मुख्यालय ने एक्शन लिया है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और शहडोल वन मंडल के उप निदेशक और कुछ अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया गया है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले तीन साल में 34 बाघों की मौत हो चुकी है.  एनडीटीवी के हाथ मध्यप्रदेश के वन विभाग की खास रिपोर्ट लगी है. टाइगर रिर्जव में पिछले 3 सालों में 34 बाघों की मौत हुई है. सबसे अधिक मौतें मनपुर बफर जोन में हुई है. 4 अगस्त को एनडीटीवी ने बाघों की मौत की खबर दिखायी थी. इस खबर के बाद भोपाल से लेकर दिल्ली तक हलचल हुई. आनन फानन में बांधवगढ़ और शहडोल वन क्षेत्र में कई अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया गया. 

वन मंत्री रामनिवास रावत ने कहा कि आपके द्वारा प्रकाश में लाने के बाद जांच दल आया है. इसकी सीधी निगरानी हो रही है. एनडीटीवी को बहुत-बहुत शुक्रिया इसी तरह से वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए सुझाव देते रहेंगे. 

कई अनियमितता आयी थी सामने
बाघों की मौत की जांच के लिए वन विभाग ने 3 सदस्यों  की एक टीम बनायी थी. टीम ने हर पहलू से मौके पर जाकर जांच की. जिसमें अवैध शिकार, बाघों के बीच आपसी झगड़ा और दूसरे कारण शामिल थे. जांच टीम की रिपोर्ट एनडीटीवी के पास मौजूद है. जिसमें 2021 में 12 बाघों की मौत हुई थी. 2022 में 9, 2023 में 13 बाघों की मौत हुई. सबसे अधिक मौत मनपुर बफर जोन में हुई थी. बाघ की मौत के 20 मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई. कई मामलों में पोस्टर्माटम की वीडियोग्राफी नहीं हुई. कई मामलों में पोस्टमार्टम के दौरान पशु चिकित्सक मौजूद नहीं थे. मौत और हत्या में जांच सही तरीके से नहीं हुई. अवैध शिकार वाले इलाकों में कोई सुरक्षा के उपया नहीं उठाए गए. 

वन्य जीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने कहा कि जो भी दोषी अधिकारी हैं उनके ऊपर न सिर्फ विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए बल्कि उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमें दर्ज होने चाहिए. 

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि घटनास्थलों के सुरक्षा के उपाय अपर्याप्त थे. डॉग स्क़ॉड और मेटल डिटेक्टर का उपयोग भी नहीं किया गया. सबूत को भी सुरक्षित नहीं रखा गया जिस कारण अदालत में केस को मजबूती से नहीं उठाया जा सका. कई मामलों में केस डायरी और दास्तावेज तैयार नहीं हुए. मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट के नाम से जाना जाता है. 34 बाघों की मौत टाइगर स्टेट के तमगे पर बड़ा सवाल खड़े करते हैं. 

ये भी पढ़ें- : 

छत्रपति शिवाजी महाराज ने क्यों बनाया था वाघ नख? बाघ के पंजों की ताकत बताती है इसकी कहानी



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17 Indian Workers Stranded In Bangladesh Evacuated By Border Force

Altogether 17 Indian workers engaged in road construction in Bangladesh and stranded due to the ongoing unrest were evacuated by the BSF, an official said on Thursday.

BSF Tripura Frontier IG Patel Piyush Purusottam Das received a call about the workers' situation on Wednesday evening, the official added.

"Due to unrest in Bangladesh, the workers were stranded at their camp in Ramrail. They were en route to ICP Akhaura from the Bangladesh side, and a request was made to the BSF to facilitate their safe passage through ICP Agartala," a BSF official said, adding that contact was promptly established at the nodal officer level between the BSF and Border Guard Bangladesh (BGB).

"In a well-coordinated operation, the BSF and BGB worked together effectively. The BGB assisted the 17 AFCONS workers, ensuring their safe movement to ICP Agartala, where their customs and immigration were cleared late at night before handing them over to the BSF," the official added. 

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Wednesday, August 7, 2024

IIT Indore Designs Shoes That Generate Electricity With Each Step

In a significant technological breakthrough, the Indian Institute of Technology, Indore, (IIT Indore) has delivered ten pairs of Tribo-Electric Nanogenerator (TENG) based shoe sole energy harvesting units to the Defence Research and Development Organisation (DRDO). These shoes, are designed to harness energy from human motion, providing a sustainable power source for electronic devices.

These shoes utilize advanced tribo-pairs, specifically Fluorinated Ethylene Propylene (FEP) and Aluminium, to generate power with each step. This energy is then stored in a central device within the shoe sole, ensuring a reliable power source for small-scale electronic circuits. Additionally, the shoes are equipped with sophisticated tracking technology, including RFID and a satellite-based GPS module for live location tracking.

Professor Suhas Joshi, Director of IIT Indore, emphasising the military applications of this technology, said, "The real-time location tracking capabilities enhance the safety and coordination of military personnel, boosting operational efficiency and security. The TENG-powered shoes can support essential GPS and RFID systems, providing a self-sustaining and dependable solution for various military needs. As the demand for efficient and portable power sources continues to rise, IIT Indore's innovations, including the TENG-based shoe sole technology and other advanced DRDO projects, are set to revolutionize energy harvesting, real-time tracking, and various defence and industrial applications. These advancements offer sustainable and practical solutions for a wide range of needs, highlighting IIT Indore's pivotal role in pioneering the future of defence technology."

The TENG technology has military applications

The TENG technology has military applications

The Tribo-Electric Nanogenerator (TENG) can effectively convert various mechanical energies into electricity, while offering advantages such as large output power, low cost, simple production and high efficiency.

Professor IA Palani, elaborating on the technological intricacies of the TENG system, said, "The TENG system in these shoes utilizes advanced tribo-pairs to generate power with each step. This energy is stored in a central device within the shoe sole, ensuring a reliable power source for small-scale electronic circuits. Additionally, the shoes feature sophisticated tracking technology, including RFID with a 50-meter range and a satellite-based GPS module for precise live location tracking."

The energy is stored in a central device within the shoe sole

The energy is stored in a central device within the shoe sole

The potential applications of these TENG-powered shoes extend beyond military use, holding promise for civilian and industrial sectors. For families with elderly members, especially those with Alzheimer's disease, the shoes offer peace of mind through reliable location tracking. Working parents can monitor their children's whereabouts throughout the school day, and schools can use RFID technology to maintain accurate attendance records. In industrial settings, the shoes are useful for attendance tracking and worker monitoring.

The athletic industry can also benefit from these shoes by analysing athletes' foot movements, which can help improve performance and training techniques. For trekking and mountaineering enthusiasts, the shoes provide reliable tracking during expeditions with their self-powered GPS feature, ensuring safety and efficient navigation.



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