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Tuesday, January 3, 2023

18-Year-Old Woman Kidnapped And Raped By Neighbour In UP: Cops

An 18-year-old woman was allegedly kidnapped and raped in Jehanabad Kotwali police station area, police said on Tuesday.

She was also severely beaten up and given poison when she resisted, police said.

According to a complaint filed with Pilibhit Superintendent of Police Atul Sharma, the incident happened in the early hours of January 1 when the woman's neighbour Kamal forcibly took her to his house by gagging her mouth and allegedly raped her.

When she raised an alarm, she was badly beaten up and forced to drink poison, police said, quoting the complaint.

It also alleged when the woman's family members reached the house of the accused, his family members thrashed her mother badly.

She also alleged the Jehanabad police did not listen to her complaint initially.

The mother has said in the complaint that the condition of her daughter remains critical and she is undergoing treatment at a private hospital in Pilibhit.

Inspector-in-charge (SHO) of Jehanabad Kotwali Prabhash Kumar said that on the instructions of the Superintendent of Police, a case against Kamal, his brother Sanju, sister Sheetal, mother Maya Devi and father Satyapal was registered on Tuesday evening under relevant sections.

According to the police, the accused have fled after locking the house.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Vande Bharat ट्रेन पर बंगाल में फिर पथराव, पिछले 2 दिनों में हुई दूसरी घटना

हावड़ा और न्यू जलपाईगुड़ी को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाए जाने के कुछ ही दिनों बाद पश्चिम बंगाल में ट्रेन पर पिछले 2 दिनों में 2 बार पथराव की घटना हुई है.हालांकि घटना में किसी को चोट नहीं आयी है. मुख्य दरवाजे का सिर्फ एक शीशा प्रभावित हुआ था. ट्रेन अपने समय से ही गंतव्य के लिए पहुंच गयी. राज्य में 24 घंटे के भीतर इस ट्रेन पर पथराव की यह दूसरी घटना थी. घटना को लेकर राज्य में सत्ताधारी दल टीएमसी और प्रमुख विपक्षी पार्टी के आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिल रहा है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा कराए जाने की मांग की है.पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि क्या यह घटना हावड़ा स्टेशन पर उद्घाटन समारोह में ‘‘जय श्री राम'' के नारे लगाने का ‘‘बदला'' है ?

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ दुर्भाग्यपूर्ण व घिनौना. पश्चिम बंगाल के मालदा में भारत की शान वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव. क्या ऐसा उद्घाटन समारोह में ‘जय श्री राम' के नारे लगाने का बदला लेने के लिए किया गया? मैं प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्रालय को मामले की जांच एनआईए को सौंपने और दोषियों को दंडित करने का आग्रह करता हूं.''

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Honey Trap: रिटायर्ड पाक अधिकारी के खुलासे पर मचा बवाल, 'Ms Marvel' की एक्ट्रेस ने ऐसे की बोलती बंद

पाकिस्‍तान के एक पूर्व सैनिक ने पाकिस्तान की फिल्म जगत को लेकर ऐसा दावा किया है, जिसे लेकर बवाल मचा है. लंदन में रहने वाले पूर्व सैन्‍य अधिकारी और पूर्व सैनिकों की सोसायटी के प्रवक्‍ता रह चुके मेजर रिटायर आदिल राजा ने आरोप लगाया है कि पाकिस्‍तानी सेना के आला अधिकारी एक्ट्रेस का इस्‍तेमाल देश के बड़े नेताओं को 'हनी ट्रैप' करने के लिए करते थे. 

आदिल राजा ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई चीफ रह चुके जनरल फैज पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पूर्व सैनिक के अनुसार बाजवा और फैज अभिनेत्रियों को खुफिया एजेंसी के मुख्‍यालय या सेफ हाउस में बुलाते थे और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाते थे. हालांकि, उन्होंने किसी एक्ट्रेस का नाम खुलकर नहीं लिया है. लेकिन उन्होंने नाम का पहला अक्षर बता इशारा जरूर किया है. 

इसके बाद इंटरनेट यूजर्स ने आदिल राजा के बताए गए पहले अक्षरों को सर्च करना शुरू कर दिया. यूजर्स इस नतीजे पर पहुंचे कि बताए गए नाम सजल अली, माहिरा खान, कुबरा खान और महविश हयात हो सकते हैं.

सजल अली ने दिया जवाब
पाकिस्‍तानी अभिनेत्री सजल अली ने आदिल राजा के बयान पर प्रतिक्रया देते हुए कहा है कि यह बहुत दुख की बात है कि हमारा देश नैतिक रूप से दूषित और बदसूरत होता जा रहा है, चरित्र हनन मानवता और पाप का सबसे बुरा रूप है.वहीं कुब्रा खान ने आदिल राजा के दावे की कड़ी निंदा की है. इसके साथ ही उनके फैंस ने अभिनेत्रियों को मानहानि का मुकदमा करने की सलाह दी है. 

कुब्रा खान ने लगाई क्लास
कुब्रा खान ने भी पूर्व सैन्य अधिकारी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वह उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगी. एक इंस्टाग्राम स्टोरी में उन्होंने लिखा, 'मैं शुरू में चुप रही क्योंकि जाहिर है कि एक नकली वीडियो मेरे अस्तित्व पर हावी नहीं होने वाला है, लेकिन ये काफी है और बहुत है."

उन्होंने आगे लिखा,"आपको लगता है कि कोई शख्स मुझपे बैठे बिठाये उंगली उठाएंगे और मैं चुप रहूंगी. ये आपकी सोच है. मिस्टर आदिल राजा लोगों पर आरोप लगाने से पहले सबूत लेकर आओ. तुमने जो दावे किए हैं, उसे साबित करने के लिए तुम्हारे पास 3 दिन हैं, अगर नहीं कर पाते हो तो फिर अपना बयान वापस लेकर पब्लिकली मुझसे माफी मांगों या फिर मैं तुमपर एक्शन लूंगी. मैं किसी के बाप से नहीं डरती.  "


महविश हयात ने भी लगाई फटकार
कुबरा खान के बाद महविश हयात ने भी आदिल राजा को खरी-खोटी सुनाई है. हयात ने अपनी पोस्ट में लिखा-सस्ती शौहरत हासिल करने के लिए कुछ लोग इंसानियत के दर्जे से भी गिर जाते हैं. उम्मीद करती हूं कि तुम अपना 2 मिनट का फेम एन्जॉय कर रहे होगे. मैं एक एक्ट्रेस हूं, तो इसका ये मतलब नहीं है कि मेरा नाम मिट्टी में मिलाया जाएगा. बेबुनियाद आरोप लगाने पर तुम्हें शर्म आनी चाहिए और इससे भी ज्यादा शर्म उन लोगों को आनी चाहिए, जो उसकी बातों पर आंख पर पट्टी बांधकर यकीन कर रहे हैं. ये हमारे समाज की बीमार मानसिकता को दर्शाता है. मैं किसी को अपना नाम इस तरह से बदनाम करने की इजाजत नहीं दूंगी.  

आदिल राजा के इस बयान के बाद उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है. विवादों में घिरते  रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने सफाई भी दी है. उन्‍होंने कहा है कि मैंने जिन नामों को बताया है, उन नामों से पाकिस्‍तान समेत पूरी दुनिया में कई मॉडल और अभिनेत्रियां हैं. 

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US, Canada Firms Signed Deals With UP Government Worth Rs 19,265 Crores

Uttar Pradesh government signed a Memorandum of Understanding (MoU) with US and Canada-based firms worth Rs 19,265 crore ahead of the Global Investors Summit to be held in Lucknow in February, according to the statement released by UP government.

The team under the leadership of Assembly Speaker Satish Mahana and Animal Husbandry Minister Dharampal Singh which visited the places, held about 51 Government to Government (G2G) and Business to Business (B2B) meetings in the span of three days, receiving 27 letters of intent worth more than Rs 41,000 crores, out of which eight proposals were converted into MoUs. Of these MoUs, 4 of the strategic partnership were signed. The MoUs on the remaining 19 proposals are expected to be signed before GIS-23.

During the visit, Mr Mahana met the Indian-origin Speaker of the Legislative Assembly of British Columbia, Raj Chouhan and held government-to-government level talks with him during the roundtable conference. The Animal Husbandry Minister of Uttar Pradesh Dharampal Singh met Canada's Forest Minister, and Minister of Employment and Economic Recovery and Minister of State for Trade.

The maximum investment in the MoUs signed so far is going to be in the Logistics, Defence and Aerospace sectors. Mobility Infrastructure Group will invest Rs 8,200 crores in this sector within the state. With this, about 100 employment opportunities will be generated in the state. At the same time, QSTC Inc company will also invest Rs 8200 crore in defence and aerospace. This will create about 200 employment opportunities.

MoUs totalling Rs 2055 crore were signed between the state government and healthcare sector companies. Under this, My Health Center and ZMQ Companies will invest Rs 2050 crores and Rs 5 crores respectively. This will create about 500 and 60 employment opportunities. On the other hand, Dezero Labs Inc company will invest Rs 10 crores in medical devices. This will create about 75 job opportunities.

MoUs were also signed during the visit for investment in customer durables, hospitality and electronic manufacturing sectors. Akuwa Technology will invest Rs 100 crore in these sectors, providing 25 jobs. Opulence Management Corp will invest Rs 500 crore in the hospitality sector, creating as many as 300 employment opportunities whereas Virtubox has signed an MoU for investment in the electronic manufacturing sector. It will invest Rs 200 crore, creating about 150 job opportunities.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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'यूरोपीय देश इसकी निंदा क्यों नहीं करते' : पाकिस्तान के आतंकवाद पर विदेशमंत्री एस जयशंकर

सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देने में भूमिका के मद्देनजर पाकिस्तान को ‘आतंक का केंद्र' करार देने संबंधी अपनी टिप्पणी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वह इससे भी कड़े शब्दों का इस्तेमाल कर सकते थे. उन्होंने साथ ही कहा कि दुनिया को आतंकवाद को लेकर चिंतित होने की जरूरत है. पाकिस्तान को अक्सर ‘आतंकवाद का केंद्र' बताने वाले जयशंकर ने आस्ट्रिया के राष्ट्रीय प्रसारक ‘ओआरएफ' को साक्षात्कार के दौरान इसकी (आतंकवाद) निंदा नहीं करने को लेकर यूरोपीय देशों की आलोचना की जो दशकों से जारी है.

जयशंकर ने कहा कि आप एक राजनयिक हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि आप बातों को घुमा फिरा कर कहें. उन्होंने कहा,‘‘ मैं ‘केंद्र' से अधिक कड़े शब्दों का उपयोग कर सकता था. इसलिये विश्वास करें कि जो कुछ हमारे साथ घट रहा है, उसको देखते हुए केंद्र अधिक राजनयिक शब्द है. '' विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के लिये ‘आतंकवाद का केंद्र' शब्द के उपयोग पर पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही.

उन्होंने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा, ‘‘ यह एक ऐसा देश है जिसने कुछ वर्ष पहले भारत की संसद पर हमला किया, जिसने मुम्बई शहर पर हमला किया, जो होटलों और विदेशी पर्यटकों तक गया और जो प्रतिदिन सीमापार से आतंकवादियों को भेजता है.''

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जयशंकर ने कहा, ‘‘ अगर दिन दहाड़े शहरों में आतंकी अड्डे चल रहे हों, भर्तियां एवं वित्त पोषण हो रहा हो...तब वास्तव में आप बतायें कि क्या पाकिस्तान की सरकार को इसकी जानकारी नहीं होगी कि क्या हो रहा है ? खासतौर पर तब जब सैन्य स्तर का प्रशिक्षण दिया जा रहा हो. ''

उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिये जब हम फैसले और सिद्धांतों की बात करते हैं, तो यूरोप इसकी कड़ी आलोचना क्यों नहीं करता, जो दशकों से चल रहा है. ''

यह पूछे जाने पर कि क्या दुनिया को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंका से चिंतित होना चाहिए, इस पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं समझता हूं कि दुनिया को आतंकवाद के बारे में चिंतित होना चाहिए. मैं समझता हूं कि दुनिया को इस बात से चिंतित होना चाहिए कि आतंकवाद जारी है और अक्सर दुनिया कहीं और देख रही है. दुनिया अक्सर यह सोचती है कि यह उसकी समस्या नहीं है क्योंकि यह किसी दूसरे देश में घट रही है/''

जयशंकर ने कहा, ‘‘ मैं सोचता हूं कि दुनिया को इस बात की चिंता करनी चाहिए कि वह कितनी गंभीरता एवं कितनी मजबूती के साथ आतंकवादियों की चुनौती को लेती है.''

गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को ऑस्ट्रिया के अपने समकक्ष अलेक्जेंडर शालेनबर्ग के साथ कई क्षेत्रीय और वैश्विक स्थितियों पर ‘‘खुली और सार्थक'' चर्चा की थी. दोनों पक्षों ने भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए प्रवासन एवं यात्रा सुगमता सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए.

दो देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण में साइप्रस से यहां पहुंचे जयशंकर ने यह भी कहा था कि ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन और चांसलर कार्ल नेहमर सहित इस देश के नेताओं के साथ उनकी व्यापक बातचीत ‘‘हमारे संबंधों के साथ मौजूदा वैश्विक मुद्दों पर'' ऑस्ट्रिया के दृष्टिकोण को समझने में बहुत मूल्यवान है.

पाकिस्तान का संदर्भ देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सीमा पार से होने वाले आतंकवाद को किसी एक क्षेत्र के अंदर सीमित नहीं किया सकता, खासतौर पर जब वह मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी तथा अंतरराष्ट्रीय अपराधों के अन्य स्वरूपों से गहराई से जुड़ा हुआ है.

उन्होंने किसी देश का नाम लिये बिना कहा था, ‘‘ चूंकि इसका केंद्र (आतंकवाद) भारत के काफी करीब स्थित है तो स्वाभाविक तौर पर हमारा अनुभव दूसरों के लिये उपयोगी हो सकता है.''



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No-Honking Days And Noise Barriers Aim To Quell Mumbai's Cacophony

Living in Mumbai requires an inexhaustible tolerance for noise. There's the ceaseless revving of autorickshaw engines and the clamor of car horns as drivers edge through impenetrable traffic. There's pounding and buzzing from the construction of office towers, apartment buildings and a new metro line. Drumbeats and trumpet melodies spill out from wedding celebrations and countless festivals. And it's all topped off by bellowing street vendors and garbage trucks blasting songs.

So when Sumaira Abdulali began campaigning against noise pollution in India's financial capital two decades ago, friends, acquaintances and even her attorneys insisted it was a fool's errand. "People told me it's ridiculous to even try, because Indians love noise," she says. "We're a noisy country."

But in 2003, Ms Abdulali won a public-interest lawsuit seeking to roll back changes to environmental regulations that had allowed blaring music late into the night during the Navratri festival each year. The ruling led to a blanket ban on loudspeakers within 100 meters (328 feet) of schools, hospitals, courts and places of worship. And she has since won more than a dozen other actions both on her own and via the Awaaz Foundation (awaaz means "noise" in Hindi), which she launched in 2006.

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Ms Abdulali holds up a decibel meter at her home in Mumbai.

The World Health Organization warns that noise pollution is a top environmental threat to human wellness, affecting not only hearing but also sleep, brain development and cardiovascular health. With increasing urbanization, ever more people around the world are exposed to unrelenting noise. And Mumbai may be the epicenter of this emerging global crisis.

Ms Abdulali claims the city is the world's loudest, though that's a tough statistic to nail down. A study by the National Environmental Engineering Research Institute in 2020 did find that noise levels in Mumbai and surrounding areas dramatically exceed legal limits. "Air pollution we can see, water pollution we can see, but noise pollution we can only feel and sense," says Ritesh Vijay, the lead author of the report. "It is a slow poison."

The battle against noise has become increasingly fraught in recent years, with Ms Abdulali often confronting powerful interests who consider it an inevitable byproduct of economic growth. In a rapidly expanding city such as Mumbai, with a population topping 12 million, demand for new housing puts noise legislation in direct conflict with development plans.

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A sound barrier on a busy road in Mumbai.

Penelope Tong knows that firsthand. She awoke one morning two years ago to ceaseless thrumming from a construction project next to her apartment at the city's crowded southern tip. "It was extremely disturbing," says the Mumbai native, who works as a teacher. "Every time that noise started, I would feel so agitated."

Ms Tong had heard about Awaaz from her mother, so she rang Ms Abdulali for advice. Ms Abdulali helped her contact police, file legal complaints and document noise of almost 100 decibels-which can harm human hearing over a prolonged period. Although sound barriers are required for construction projects, they're expensive, so developers resist installing them. But after four months, the contractor on the project near Ms Tong's flat reluctantly installed a temporary fence to absorb noise.

Traffic is a more difficult problem. The loudest place Awaaz has found in the city is the JJ Flyover, an elevated highway leading to the main railway station. Noise on the road reached 110 decibels-a level that can lead to permanent hearing damage after just 15 minutes of exposure, according to the US Centers for Disease Control and Prevention. In 2011, the city installed a 2-mile-long fence along a similar stretch of highway, and Awaaz found that it cut noise in a nearby residential area by 16 decibels. That spurred the city to require barriers for new overpasses, though the rules don't affect older ones such as the JJ Flyover.

Technology can also help in the fight, Mr Vijay says. "The worst part-it's the honking," he says. He suggests devices in vehicles that measure horn use, which would let officials offer quieter drivers incentives such as deductions on car insurance. Dynamic signaling, where sensors linked to stop lights detect traffic density, would improve the flow of vehicles and reduce the urge for drivers to resort to their horns, he says.

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Public Ganesh Chaturthi celebrations in Mumbai.

Ms Abdulali has recruited local officials in her fight, and Mumbai decreed India's first "No-Honking" day in 2008, with cops handing out pamphlets to raise awareness about traffic noise and imposing fines up to Rs 1,000 on offending motorists. Mumbai's police now restrict honking every Wednesday, and many traffic constables now carrying decibel meters.

But powerful officials ignore the rules when it suits them. Rival factions use festivals to win supporters, Ms Abdulali says, so their leaders often endorse raucous celebrations. As a result, decibel levels during last year's Ganesh Chaturthi celebrations were the highest on record.

Mr Vijay says the festivals are only a temporary problem. Far more important is the longer-term impact of the day-to-day cacophony, so that's where he believes activists should focus their energy. "In India we celebrate festivals with lots of noise," he says. "But our background noise itself is beyond the permissible limit."

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Monday, January 2, 2023

दिल्ली दंगे के 2 आरोपियों को अदालत ने आरोप से किया बरी

उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगे के दो आरोपियों को बरी करते हुए अदालत ने कहा कि एकमात्र गवाह के ‘संदिग्ध व्यक्ति' होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. अदालत ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज की गई और आरोपी को गिरफ्तार कर और कुछ गवाहों की व्यवस्था कर ‘जांच का दिखावा' किया गया. ऐसे में सबूत कैसे अदालत की कसौटी पर खरे उतरेंगे.

 अदालत ने कहा कि यह ‘‘पीड़ितों की पीड़ा के प्रति पूरी तरह से उदासीनता है.'' अदालत अजय और गौरव पांचाल के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई कर रही थी, जिनपर दंगाइयों के गैर कानूनी जन समूह का सदस्य होने, अवैध हथियारों से लैस होने और संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन की आड़ लेकर तोड़-फोड़, हिंसा, आपराधिक घुसपैठ और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप थे.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, दोनों आरोपी उस भीड़ का हिस्सा थे, जिसने 25 फरवरी 2020 को उत्तर पूर्वी दिल्ली के मीत नगर में कपड़ों की दुकान में तोड़-फोड़ और लूटपाट की थी. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अभिनव पांडेय ने 16 दिसंबर को सुनाए गए आदेश में कहा, ‘‘मेरी राय है कि अभियोजन संदेह से परे अपने मामले को स्थापित करने में विफल रहा. इसलिए आरोपियों को बरी किया जाता है.''

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