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Monday, March 17, 2025

सोशल मीडिया पर क्यों छाया हुआ है ग्रोक... लोग इसके क्यों हो गए हैं मुरीद

सोशल मीडिया की दुनिया में आजकल चारों तरफ एक ही नाम सुनाई दे रहा है. इस नाम का इतना तहलका मचा हुआ है कि सभी लोग आसान से आसान और मुश्किल से मुश्किल सवाल का जवाब इसी से पूछ रहे हैं और ये जनाब हैं कि सेकंड्स में सभी का उत्तर दे रहे हैं. आप सवाल सीधे लहजे में पूछियेगा तो जवाब सीधा मिलेगा और सवाल उल्टे लहजे में पूछियेगा तो जवाब भी आपको उलटा ही मिलेगा. एक इक्जाम्पल से आपको समझाता हूं.  

  • सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर dsrathore06 नाम के एक व्यक्ति ने प्रश्न पूछा :"भारत हिन्दू राष्ट्र कब तक बनेगा"?
  • दूसरी तरफ से जवाब आया : भारत के हिन्दू राष्ट्र बनने का समय स्पष्ट नहीं है ये भविष्य के राजनीतिक विकास और संवैधानिक संशोधन पर निर्भर है. भारत में पहले से ही हिन्दू सांस्कृतिक पहचान मजबूत है. हिन्दू राष्ट्र के लिए पार्लियामेंट में दो-तिहाई बहुमत और कई राज्यों की स्वीकृति चाहिए, जो अभी मुश्किल लगता है.  

ये सवाल सुनकर आपको लगा होगा ये किसी व्यक्ति ने दिया होगा , लेकिन ऐसा नहीं है. ये जवाब दिया है सोशल मीडिया प्लेटफार्म X के ग्रोक-एआई चैटबॉट ने.  यानी की ये जवाब दिया है आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस ने. क्या है ये ग्रोक-एआई चैटबॉट आई आपको बताते हैं.  

सबसे पहले तो यह जान लीजिए की ये ग्रोक शब्द कहां से आया?

  • अमेरिकी साइंस फिक्शन राइटर रॉबर्ट ए हेनलेन ने 1961 में उपन्यास 'स्ट्रेंजर इन ए स्ट्रेंजर लैंड' में ग्रोक शब्द का इस्तेमाल किया था. इस उपन्यास में 'ग्रोकिंग' का मतलब था- दूसरों के लिए गहरी सहानुभूति रखना.
  • ग्रोक-एआई चैटबॉट है. यानी आपको अगर किसी सवाल का जवाब जानना है तो एक्स पर टैग करके या फिर ग्रोक एआई की वेबसाइट पर जाकर पूछिए. ग्रोक-एआई आपको चैटबॉट यानी बातचीत की तरह जवाब देगा. 

अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि ये चैटबॉट लिखना किस तरह से जानते हैं?

चैटबॉट एआई का ही एक प्रकार है, जिन्हें बड़े भाषा मॉडल यानी एलएलएम के रूप में जाना जाता है. काफी ज़्यादा डेटा के साथ इन मॉड्यूल्स को ट्रेन किया जाता है. ग्रोक-एआई चैटबॉट को नवंबर 2023 में लॉन्च किया गया था. ग्रोक-एआई और X के मालिक एलन मस्क ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ग्रोक का मॉडल डगलस एडम्स की 'द हिचहाइकर- गाइड टू गैलेक्सी' से प्रेरणा लेकर बनाया गया है. साथ ही उन्होंने जानकारी दी थी की , ''ग्रोक को व्यंग्य पसंद है और हल्का फुल्का मज़ाक करते हुए जवाब देगा. दूसरे एआई सिस्टम जैसे जवाबों को देने से बचते हैं, ग्रोक उनके भी जवाब देगा.'' 

अचानक से बीते कुछ दिनों में ग्रोक एआई को ज़्यादा विस्तार इस कारण भी मिल रहा है, क्योंकि इसमें सवाल पूछने के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ रहा. एक्स की फीड को स्क्रॉल करते हुए बस एक ट्वीट और ग्रोक जवाब दे देता है. एक सवाल जो आपके मन में आ सकता है, वो यह है कि ये चैटबॉट तो साल 2023 में ही लॉन्च हो गया था, फिर ऐसा क्या हुआ कि मार्च 2025 में ये एकदम से सुर्खियां बटोर रहा है.  

वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी , "बदनाम हुए तो क्या हुआ नाम तो हुआ" कुछ ऐसा ही सीन ग्रोक के साथ भी है.  ग्रोक एआई अपने जवाबों में गालियों का इस्तेमाल भी कर रहा है. फिर चाहे बिहार के नेता तेज प्रताप यादव हों, भारतीय मीडिया के चैनलों के एंकर हों या फिर एलन मस्क हों. हालांकि, अगर ग्रोक के गालियों वाले जवाब पर सवाल उठाए जाएं तो वो इसके लिए तुरंत माफ़ी भी मांग लेता है. 

उदाहरण के लिए एक यूज़र ने पूछा- क्या राहुल गांधी पीएम बन सकते हैं? इस पर ग्रोक ने अभी लोकसभा में सीटों की स्थिति बताते हुए अपने जवाब में तथ्यों का ज़िक्र किया. एक्स पर आम यूज़र जैसे बात करते हैं, ग्रोक एआई वैसे ही जवाब दे रहा है. कई बार ये सीमा लांघता दिखता है तो कई बार सटीक जवाब भी देता नज़र आता है और इन्हीं सब से लगता है कि ग्रोक एआई के जवाबों में विचार भी शामिल हैं. 

इसको भी एक उदाहरण से समझिये. किसी गलत जवाब पर अगर ग्रोक से कहा जाता कि आप गड़बड़ कर रहे हो तो पलटकर ग्रोक जवाब देता है- ''तुम लोग इंसान हो, थोड़ी सी छूट मिलनी चाहिए. पर मुझे एआई होने के नाते थोड़ा संभलना होगा. उसूलों का सवाल है और मैं सीख रहा हूं.''

आज के दौर में जब AI के क्षेत्र में लगातार हर रोज नए इनोवेशन हो रहे हैं तो ऐसे में कोशिश इसी बात की हो रही है कि AI को ज़्यादा से ज़्यादा यूजर फ्रेंडली बनाया जाए. ठीक वैसे ही जैसे रोबोट मूवी में डॉक्टर वशीकरण चिट्टी रोबोट के अंदर फीलिंग्स डाल देते हैं.  कुछ वैसा ही , लेकिन दिक्कत यही है कि हम सबने फिल्म में देखा कि चिट्टी रोबोट के पास एक बार फीलिंग्स आ जाती है तो किस प्रकार तांडव मचता है. कुछ ऐसा ही खतरा आज के दौर में AI के साथ भी है.



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Sunday, March 16, 2025

अमेरिकी पॉडकास्टर के सवा 3 घंटे के इंटरव्यू में ट्रंप और चीन पर PM मोदी के 5 छिपे संदेश क्या हैं, समझिए

Narendra Modi Message To Xi Jinping Donald Trump: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन को दिए 3 घंटे 17 मिनट 33 सेकेंड के वीडियो में कई संदेश छिपे हैं. जीवन दर्शन से लेकर कूटनीति तक. दुनिया में टैरिफ वॉर से उथल-पुथल मचाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने इशारा किया कि अमेरिका और भारत के संबंध कैसे रहने वाले हैं. सीमा पर अपने तेवर नरम करते चीन को लेकर भी इशारों-इशारों में रिश्तों की रेखा खींची. समझिए इंटरव्यू में ट्रंप और चीन को लेकर आखिर पीएम मोदी का संदेश क्या है....

ट्रंप के बड़प्पन के बात 

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पीएम मोदी ने ह्यूस्टन में हाउडी मोदी इवेंट का जिक्र कर ट्रंप के साथ अपने रिश्तों की गर्माहट को समझाया. उन्होंने कहा कि वह मंच से भाषण दे रहे थे और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप नीचे बैठकर सुन रहे थे. यह सम्मान दिल छू लेने वाला था. उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्होंने ट्रंप से स्टेडियम का चक्कर लगाने का अनुरोध किया, जो उन्होंने अपनी सुरक्षा की परवाह किए बगैर बिना कुछ सोचे स्वीकार कर लिया.

1- ट्रंप को मोदी पर भरोसा है

पीएम मोदी ने कहा हाउडी मोदी कार्यक्रम ने उनके दिल को छू लिया. उन्हें उसी दिन लग गया था कि  इस व्यक्ति में हिम्मत है. यह फैसले खुद लेते हैं. दूसरा मोदी पर उनको भरोसा है. मोदी ले जा रहा है, तो चलिए चलते हैं. यह आपसी विश्वास का भाव है. 

2- 'हमारी जोड़ी जम जाती है'

पीएम मोदी ने कहा कि हाउडी मोदी में ट्रंप का विश्वास और राष्ट्रपति चुनाव में जब उन पर गोली चली, तो दोनों राष्ट्रपति ट्रंप एक ही नजर आए. स्टेडियम में मेरा हाथ पकड़कर चलने वाले ट्रंप और गोली लगने के बाद भी अमेरिका के लिए ही जिंदगी वाला भाव. मैं नेशन फर्स्ट वाला हूं, वह अमेरिका फर्स्ट वाले हैं. हमारी जोड़ी जम जाती है. 

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3- 'ट्रंप अमेरिकी मूल्यों का सम्मान करते हैं'    

मैं जब पहली बार वाइट हाउस गया, तो राष्ट्रपति ट्रंप के बारे में मीडिया में बहुत कुछ छपता था. मुझे भी भांति भांति का ब्रीफिंग की गई थी. जब मैं वाइट हाउस पहुंचा तो पहले मिनट में उन्होंने सारे प्रोटोकॉल की दीवारें तोड़ दीं. जब वह मुझे घुमाने ले गए तो, उन्होंने जिस बारीकी से मुझे वाइट हाउस के बारे में तारीखवार बातें बताईं, मैं हैरान रह गया. यह बताता था कि वह संस्थान का कितना आदर करते हैं. अमेरिका के इतिहास के साथ उनका कितना लगाव और सम्मान है. 

4- ट्रंप से यारी पक्की है

पहली टर्म के बाद जब बाइडन चुनाव जीते, तब भी हमारी रिश्तों की गर्माहट बनी रही. इन चार सालों में उन्होंने पचासों बार कहा कि मोदी मेरे दोस्त हैं. पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस बार पूरी तैयारी के साथ हैं. उन्हें क्या करना है, यह उनको अच्छे से पता है. उनकी टीम शानदार है. ट्रंप की टीम के जिन लोगों से मैं मिला, सभी से पारिवारिक माहौल में बात हुई. 

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5- चीन के लिए संदेश क्या है

पीएम मोदी ने चीन को लेकर संदेश दिया कि दोनों मुल्क अगर मिल जाएं, तो दुनिया बदली जा सकती है. उन्होंने कहा कि एक वक्त ऐसा भी था, जब पूरी दुनिया की जीडीपी में आधी हिस्सेदारी अकेली भारत और चीन की थी.   

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मोदी ने कहा, 'भारत और चीन का संबंध आज का नहीं है. दोनों पुरातन संस्कृति हैं. आधुनिक दुनिया में भी दोनों की बड़ी भूमिका है. पुराने रेकॉर्ड देखेंगे तो सदियों तक भारत और चीन एक दूसरे से सीखते रहे हैं. दोनों मिलकर दुनिया की भलाई के लिए कोई न कोई योगदान देते रहे हैं. दुनिया का जो जीडीपी था, उसका अकेले 50 प्रतिशत भारत और चीन का हुआ करता था. पहले की सदियों में भारत और चीन के बीच संघर्ष का इतिहास नहीं मिलता है. बुद्ध का प्रभाव काफी रहा है. भारत से ही वह विचार गया है. भविष्य में भी इन संबंधों को ऐसा ही मजबूत रहना चाहिए. मतभेद होते हैं. परिवार में भी रहता है, लेकिन हमारी कोशिश है कि यह मतभेद विवाद में न बदलें. हम बातचीत पर बल देते हैं, तभी एक स्थायी और सहयोगी रिश्ते बनते हैं. यह ठीक है कि हमारा सीमा विवाद चलता रहता है. 2020 में जो सीमा पर घटना घटी, उससे हमारे बीच दूरियां बढ़ीं. अभी हाल में राष्ट्रपति शी के साथ मेरी मुलाकात हुई. उसके बाद सीमा पर चीजें सामान्य हो रही हैं. धीरे-धीरे वह उत्साह और उमंग वापस आ जाए. इसमें समय लगेगा. दोनों मुल्कों का साथ होना दुनिया की स्थिरता के लिए भी जरूरी है."



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Saturday, March 15, 2025

UP Woman Beaten Up By In-Laws, Son Forcibly Taken Away Over Dowry: Cops

A woman was beaten up, her three-year-old son was forcibly taken away from her as she was thrown out of her house in Uttar Pradesh's Bhadohi allegedly for not paying dowry, police said on Saturday.

Months after the incident that is alleged to have happened in October last year, a case was registered against the woman's husband, mother-in-law, father-in-law, brother-in-law and sister-in-law on Thursday, they said.

Shamshin Rahbar (24), a resident of Gopiganj in Bhadohi district, married Mohammad Saif alias Golu from Kaushambi district in 2020. They have a young child named Ata Ahmed.

She has alleged in her complaint that she faced various kinds of harassment to pay a dowry amount of Rs 5 lakh.

In October last year, the in-laws allegedly snatched her son from Shamshin's lap and beat her badly and threw her out of the house, the woman said in her complaint. She then went to her maternal home in Gopiganj.

SHO of the women's police station, Seema Singh, said a case was registered on the complaint of Shamshin on March 13 against her husband Mohammad Saif, father-in-law Firoz alias Dullar, mother-in-law Shahnaz Bano, brother-in-law Shahrukh and sister-in-law Muskan.

The case has been lodged under sections 85 (husband or relative of the husband of a woman subjecting her to cruelty), 351(2) (criminal intimidation), 352 (intentional insult with intent to provoke a breach of peace) of the BNS and under the Dowry Prohibition Act. 

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Friday, March 14, 2025

ट्रूडो की जगह कनाडा के नए प्रधानमंत्री बने मार्क कार्नी, जानिए कौन हैं वे और ट्रंप को लेकर क्या बोले

Canada New PM Mark Carney: मार्क कार्नी ने शुक्रवार को ओटावा में कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. कार्नी ने किंग चार्ल्स की निजी प्रतिनिधि जनरल मैरी साइमन की मौजूदगी में पद की शपथ ली. बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर 59 वर्षीय कार्नी ने अंग्रेजी और फ्रेंच दोनों भाषाओं में शपथ ली, जिसमें उन्होंने किंग चार्ल्स III के प्रति निष्ठा की शपथ ली और महामहिम के प्रति वफादार और सच्चे सेवक के रूप में सेवा करने की कसम खाई.

रविवार को सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के नेता बनने की दौड़ में कार्नी ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराया, जबकि उनके पास पहले से कोई राजनीतिक अनुभव नहीं था. इस अभूतपूर्व कदम ने लोगों की दिलचस्पी जगाई है, खास तौर पर जटिल आर्थिक संकटों से निपटने में कार्नी की पृष्ठभूमि को देखते हुए.

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कार्नी की पहली बड़ी चुनौती तनावपूर्ण यूएस-कनाडा संबंधों को संबोधित करना होगा, जो अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. इससे निपटने के लिए, कार्नी अपने मंत्रिमंडल को फिर से आकार देने की योजना बना रहे हैं, जिसमें वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक को अंतरराष्ट्रीय व्यापार पोर्टफोलियो में स्थानांतरित किया जाएगा और नवाचार मंत्री फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन वित्त मंत्री का पदभार संभालेंगे. इस रणनीतिक कदम का उद्देश्य यूरोप में कनाडा के गठबंधनों को मजबूत करना है, खासकर लंदन और पेरिस में, जहां कार्नी अगले सप्ताह जाने वाले हैं.

ट्रंप को लेकर ये बोले

कार्नी जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे, जिन्होंने नौ साल से ज़्यादा समय तक प्रधानमंत्री के रूप में काम किया. संकटों से निपटने में उनके अनुभव के साथ-साथ कार्नी की बाहरी हैसियत को उनकी जीत का एक बड़ा कारण माना गया. एक बयान में, कार्नी ने कनाडा की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर ज़ोर देते हुए कहा कि वह ट्रंप से तभी मिलेंगे "जब कनाडा की संप्रभुता का सम्मान होगा." उन्होंने यह भी दोहराया कि जब तक अमेरिका कनाडा के प्रति सम्मान प्रदर्शित नहीं करता, तब तक वे अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी टैरिफ़ बनाए रखेंगे. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली के अनुसार, ट्रंप और कार्नी के बीच एक कॉल की व्यवस्था करने के प्रयास चल रहे हैं. 



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इस तस्वीर में फ्लेमिंगो के बीच एक लड़की छिपी है, अगर 6 सेकंड में ढूंढ लिया, तो आप कहलाएंगे जीनियस

Optical Illusion: ऑप्टिकल भ्रम आकर्षक मस्तिष्क पहेलियां हैं जो हमारी धारणा को चुनौती देती हैं और जो हम देखते हैं उसे संसाधित करने की हमारी क्षमता का परीक्षण करती हैं. ये भ्रम हमारे मस्तिष्क पर चालें चल सकते हैं, हमें वास्तविकता पर सवाल उठाने और हमें आलोचनात्मक रूप से सोचने के लिए मजबूर कर सकते हैं. वे हमारे दिमाग को चुनौती देने के साथ-साथ हमारा मनोरंजन करने का एक मजेदार और आकर्षक तरीका प्रदान करते हैं. जो लोग इन दृश्य पहेलियों का आनंद लेते हैं, उनके लिए हमारे पास एक ऐसी पहेली है जो आपको हैरान कर देगी.

पीयूष तिवारी (@piedpiperlko) द्वारा X पर शेयर किए गए ऑप्टिकल इल्यूजन में नीले पानी में खड़े गुलाबी फ्लेमिंगो के एक बड़े समूह का रंगीन, कार्टून-शैली का चित्रण है. फ्लेमिंगो एक साथ घनी तरह से पैक किए गए हैं, जिससे गुलाबी पक्षियों का एक समुद्र बन गया है, सभी की गर्दनें घुमावदार हैं और चोंच काली हैं. दर्शकों के लिए चुनौती सरल है: फ्लेमिंगो के झुंड में एक महिला छिपी हुई है, और आपका काम उसे खोजना है.

पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, "इस ऑप्टिकल इल्यूजन तस्वीर में फ्लेमिंगो के बीच एक लड़की छिपी हुई है. केवल असाधारण दृष्टि वाला कोई व्यक्ति ही उसे 6 सेकंड में ढूंढ सकता है. क्या आप वही हैं? अभी पता करें!"

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म से लेकर वायरल ऐप तक, ये विज़ुअल पहेलियां बहुत ज़्यादा लोकप्रिय हो रही हैं, लाखों यूजर्स को आकर्षित कर रही हैं जो अपनी धारणा और समस्या-समाधान कौशल का परीक्षण करना पसंद करते हैं. इस तरह की व्यस्त, जटिल छवियों में छिपी हुई आकृतियों को पहचानने की क्षमता उत्साह और उपलब्धि की भावना को जगाती है, खासकर जब दोस्तों के साथ साझा किया जाता है ताकि यह देखा जा सके कि कौन पहले छिपी हुई वस्तु को खोज सकता है.

ये ऑप्टिकल भ्रम सिर्फ़ मनोरंजन के लिए नहीं हैं; इनके वैज्ञानिक लाभ भी हैं। ये हमारे मस्तिष्क को अधिक मेहनत करने के लिए चुनौती देते हैं, जिससे हम ध्यान केंद्रित करते हैं और स्पष्ट चीज़ों से परे देखते हैं। ये मन से जुड़ने का एक बेहतरीन तरीका है, साथ ही खुशी और आश्चर्य के पल भी प्रदान करते हैं।

तो, अगर आपको दिमागी पहेलियाँ और ऑप्टिकल भ्रम पसंद हैं, तो यह नवीनतम फ्लेमिंगो पहेली आपके दृश्य कौशल को परखने के लिए एकदम सही परीक्षा है। क्या आप अभी तक छिपी हुई महिला को खोजने में कामयाब रहे हैं?

ये Video भी देखें:

 
 


 



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Manipur's 5-Day Yaoshang (Holi) Begins, Celebrations Muted This Year Too

Manipur's Meitei community began their five-day celebration of Yaoshang, or Holi as it is known in the state, with the burning of straw huts built at the Shri Govindaji temple complex and a few other areas. Yaoshang is one of the biggest festivals of Manipur's Meitei community.

Due to the ethnic hostilities, the festival of colours has been restricted to religious and community sports activities associated with the carnival.

A gathering of people marked the occasion in the Mantripukhri area, where festivities kicked off with traditional rituals and music. Due to law and order issues, no amusement and entertainment events, including cultural dances, were not organised by civil society groups.

A Meitei priest said besides the ethnic violence, thousands of people displaced from their homes and villages and staying in relief camps since May 2023 are unable to organise festival-related events.

Manipur is famous for its varied sports and cultural activities. Holi here is not celebrated only by playing with colours, but by organising sporting events across the state.

During Manipur's unique Holi (Yaoshang), local clubs and communities organise sports meets in different parts of the state, setting the stage for an action-packed and joyful festival. But all these are being done in a low key due to the circumstances.

The sports meet feature a wide range of games including full marathons, half marathons, athletics, football matches, and indoor games.

Participants range from young children to senior citizens, creating a lively and competitive atmosphere. During Yaoshang, children walk from door-to-door in their neighbourhood, give blessings to adults, and in return, they receive money.

Former Manipur Chief Minister N Biren Singh also made his first public appearance after his resignation on February 9 to greet people on Yaoshang.

"Heartiest greetings to the people of Manipur on the joyous occasion of Yaoshang. This festival of colours and harmony symbolises unity, joy, and the rich cultural heritage of our state. May the celebrations bring happiness, good health, and prosperity to all. Wishing everyone a safe and blessed Yaoshang," he said in a post on X.

Mr Singh took part in the celebrations, lighting the traditional Holi pyre, a significant event that symbolises the onset of the festival in the state.



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Thursday, March 13, 2025

Man Posing As Oman Ambassador Arrested In Ghaziabad, Mercedes Seized

He identified himself as an envoy of Oman. And sought protocol and services from cops everywhere he went. The police finally busted him in Uttar Pradesh.

A black Mercedes car, one identity card and 46 visiting cards were recovered from his possession at the time of his arrest from UP Gate in Ghaziabad.

The man, who has been identified as Krishna Shekhar Rana, 66, is a resident of Amar Colony in Delhi.

The fake envoy has been charged under the relevant sections of the Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS), Trans Hindon Deputy Commissioner of Police (DCP) Nimish Patil said.

According to DCP Patil, Rana was a professor of Zoology at Agra. He also owns Krishna College of Science and Technology in Agra and a resort in Rajasthan.

After retirement, the accused was the Appraisal Authority in the Union Environment Ministry from 2015 to 2018, where his job was to give environmental clearances. The police have not yet received a reply from the Environment Ministry.

The police officer said during interrogation, the accused claimed to be the vice chancellor of four universities.

"KS Rana, who claimed to be the High Commissioner of  Oman, has been arrested. Upon interrogation, it became clear that he used to work for an NGO, India GCC Trade Council. He was a trade commissioner but misused his position and identified himself as a High Commissioner," said officer Patil.  

Asked how the cops busted him, the officer said they found the documents submitted by him for police protocol services to be suspicious.  

He sent a letter to Ghaziabad Police for protocol services. And protocol services were extended to him. The documents submitted by him were found to be suspicious. Based on that, he was questioned and he confessed that he was a trade commissioner and not a High Commissioner," said the officer.

To get protocol services and the government privileges was his motive, said the officer.

(With inputs from Pintu Tomar)



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