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Tuesday, December 5, 2023

Delhi's Air Quality Improves, Clear Skies Predicted For Wednesday

Pollution levels in Delhi improved on Tuesday and were recorded in the "poor" category, with the minimum temperature settling at 11.2 degrees Celsius, weather department officials said.

As per Central Pollution Control Board (CPCB) data, the 24-hour average air quality index (AQI) was 297, higher than 310 ("very poor" category) recorded a day earlier.

The national capital recorded a maximum temperature of 25.4 degrees Celsius, normal for the season, while the minimum temperature settled two notches above normal at 11.2 degrees Celsius, as per weather department data. The air quality is likely to slip back to the "very poor" category from December 6-8.

An AQI between zero and 50 is considered 'good', 51 and 100 'satisfactory', 101 and 200 'moderate', 201 and 300 'poor', 301 and 400 'very poor', and 401 and 500 'severe'.

A mainly clear sky is predicted for Wednesday with moderate fog in the morning. The maximum and minimum temperatures are likely to settle around 25 degrees Celsius and 11 degrees Celsius respectively. 

(This story has not been edited by NDTV staff and is auto-generated from a syndicated feed.)



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Monday, December 4, 2023

राजस्थान: BJP के 25 नवनिर्वाचित विधायकों ने वसुंधरा राजे से की मुलाकात

राजस्थान में भाजपा को बहुमत मिलने के एक दिन बाद पार्टी के 25 से अधिक नवनिर्वाचित विधायकों ने सोमवार को यहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आवास पर उनसे मुलाकात की. राजे को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे बताया जा रहा है. राजे से मुलाकात करने वालों में शामिल कुछ लोग मीडिया से बात करने से कतराते रहे. कई अन्य ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया और उनमें से कुछ ने अपनी पसंद का संकेत भी दिया. लेकिन इस कवायद को ऐसे समय में शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है जब पार्टी नेतृत्व मुख्यमंत्री उम्मीदवार पर विचार कर रहा है. नवनिर्वाचित विधायकों ने सिविल लाइंस में राजे के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की.

मुलाकात करने वाले विधायकों में कालीचरण सराफ, बाबू सिंह राठौड़, प्रेम चंद बैरवा, ललित मीणा, बहादुर कोली, प्रताप सिंह सिंघवी, कालू लाल मीणा, शंकर सिंह रावत, विजय सिंह चौधरी एवं अन्य शामिल थे. नसीराबाद विधायक रामस्वरूप लांबा ने कहा कि जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वसुंधरा राजे के कामों को देखा है और मुख्यमंत्री को लेकर फैसला संसदीय बोर्ड करेगा.

जब उनसे पूछा गया कि क्या पार्टी के सभी विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए राजे का समर्थन करेंगे, तो उन्होंने कहा कि विधायक उनके साथ हैं. राजे पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं.

राजस्थान विधानसभा चुनाव के सोमवार को घोषित नतीजों में भाजपा को 199 सीट में से 115 सीट मिली हैं.

य़े भी पढ़ें- "कांग्रेस को चिंतन करना होगा..." : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मिली हार पर बोले पूर्व डिप्टी CM टीएस सिंह देव



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केंद्र और लद्दाख के नेताओं के बीच गतिरोध समाप्त, राज्य की मांग पर "समयबद्ध" समाधान का मिला आश्वासन

केंद्र सरकार और लद्दाख के नेताओं के बीच जारी गतिरोध खत्म हो गया है. उच्चाधिकार प्राप्त समिति (HPC) के नेताओं और गृह मंत्रालय (MHA) के अधिकारियों के बीच सोमवार को दिल्ली में पहले दौर की वार्ता हुई. ये समूह लद्दाख के लिए अलग राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची (जो आदिवासी समुदायों को स्वायत्तता प्रदान करती है) की तर्ज पर संवैधानिक सुरक्षा उपाय, लोक सेवा आयोग का गठन, लद्दाखियों के लिए नौकरियों में आरक्षण और लेह तथा कारगिल के लिए दो अलग संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के निर्माण की मांग कर रहे हैं. गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रतिनिधियों से  विरोध प्रदर्शन न करने की अपील की और उन्हें समयबद्ध समाधान निकाले जाने का आश्वासन दिया.

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में हुई बैठक

बताते चलें कि एचपीसी में एपेक्स बॉडी लेह (एबीएल) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के प्रमुख प्रतिनिधि शामिल हैं. बैठक की अध्यक्षता गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने की और यह लगभग 2 घंटे तक चली.  इन संगठनों द्वारा लद्दाख और कारगिल में ब्लॉक स्तर और ग्राम स्तर पर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे थे ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके कि परिवर्तन उन पर कैसे प्रभाव डालेंगे. एनडीटीवी से बात करते हुए छात्र नेता पद्मा स्टैनज़िन ने कहा कि "हम लोगों को एकजुट कर रहे थे, लेकिन अब हमें विरोध प्रदर्शन रोकने के लिए कहा गया है और बातचीत शुरू हो गई है और केंद्र ने समयबद्ध परिणाम का आश्वासन दिया है.

पूर्व लोकसभा सांसद थुपस्तान छेवांग ने कहा, "हमने मंत्रालय के सामने अपना चार सूत्री एजेंडा रखा है. मंत्री ने हमें धैर्यपूर्वक सुना और अगली बैठक से पहले अपनी मांगें लिखित रूप में सौंपने को कहा है.

राजनीतिक कार्यकर्ता सज्जाद कारगिली ने कहा, "हम अपना लिखित आवेदन प्रस्तुत करेंगे. हमें उम्मीद है कि सरकार लद्दाख के लोगों की चिंताओं पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देगी. 

साल 2019 में  जम्मू और कश्मीर राज्य से लद्दाख को अलग किए जाने के बाद एबीएल और केडीए नामक 2 संगठनों का गठन किया गया था. एबीएल और केडीए सदस्यों ने लद्दाख निवासियों के अधिकारों की सुरक्षा, फास्ट ट्रैक भर्ती प्रक्रियाओं, एलएएचडीसी को मजबूत करने, निर्णय लेने में अधिक भागीदारी आदि से संबंधित विभिन्न मुद्दे प्रस्तुत किए. लेह में कई लोगों ने अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण पर प्रारंभिक खुशी के बाद, फैसले पर अफसोस जताया और बाद में संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग करते हुए एक जन आंदोलन शुरू किया था. 

क्या है KDA और ABL?

KDA और ABL दोनों विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक निकायों के समूह हैं जो क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार से अधिकारों की मांग करने वाले लोगों के आंदोलन का नेतृत्व करतारहा है. अनुच्छेद 370 और 35 ए के तहत गारंटीकृत अधिकारों के अभाव में, स्थानीय लोगों के बीच भूमि और नौकरियों की स्थिति और पर्वतीय क्षेत्र के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर चिंताएं बढ़ गईं है, स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि ऐसे अधिकारों के अभाव में शोषण का सामना करना पड़ता है.  ABL और KDA  अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए लगातार आंदोलन करता रहा है. 

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केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने की दलाई लामा से मुलाकात, बौद्ध धर्म पर सम्मेलन के लिए दिया न्योता

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने धर्मशाला में तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा से मुलाकात की और उन्हें मुंबई में बौद्ध धर्म पर आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 'Dhamma Diksha'के लिए न्योता दिया.

दो दिनों तक चलने वाला यह सम्मेलन 15 दिसंबर को वर्ली के स्पोर्ट्स स्टेडियम और 16 दिसंबर को महालक्ष्मी रेस कोर्स में आयोजित किया जाएगा.

महाराष्ट्र के एक प्रमुख दलित नेता अठावले ने अपील की है कि बौद्ध धर्म और अंबेडकर के अनुयायियों को बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना चाहिए.

दलाई लामा के अलावा, श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने, थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन, भूटान की राजकुमारी केसांग वांगचुक और कंबोडिया, वियतनाम, थाईलैंड और अन्य देशों के बौद्ध नेता भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे.



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पूर्वी राजस्थान में नहीं चला पायलट का जादू? कांग्रेस को 8 जिलों की गुर्जर बहुल 10 सीटों का हुआ नुकसान

गुर्जर समुदाय की बहुलता वाले पूर्वी राजस्थान के आठ जिलों में कांग्रेस को इस विधानसभा चुनाव में दस सीट का नुकसान हुआ है. समुदाय के लोगों ने दावा किया है कि सचिन पायलट की उपेक्षा इसका बड़ा कारण है. राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा की 199 सीट पर मतदान हुआ जिसके वोटों की गिनती रविवार को की गई. इसमें भाजपा को 115 सीट के साथ बहुमत मिला जबकि कांग्रेस 69 सीट पर सिमट गई.

पूर्वी राजस्थान के आठ जिलों --अलवर, भरतपुर, बूंदी, दौसा, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर और टोंक में कांग्रेस की सीट इस विधानसभा चुनाव में 29 से घटकर 19 रह गईं, जबकि भाजपा को 14 सीट का फायदा हुआ और उसे कुल 42 में से 20 सीटें हासिल हुईं. साल 2018 में कांग्रेस ने पूर्वी राजस्थान में 42 में से 29 सीट जीती थीं जबकि भाजपा को छह सीट मिली थीं.

इस क्षेत्र की कई सीटों पर गुर्जर मतदाताओं को निर्णायक माना जाता है. गुर्जर समुदाय से आने वाले पायलट 2018 में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष थे और तब उन्होंने चुनाव में पार्टी की अगुवाई की थी. लेकिन इस बार के चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अभियान का नेतृत्व कर रहे थे. पायलट ने अपनी टोंक सीट के साथ-साथ अपने समर्थकों की कुछ अन्य सीट पर ध्यान केंद्रित रखा था.

साल 2018 में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद पायलट मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे लेकिन पार्टी आलाकमान ने अशोक गहलोत को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाते हुए पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया.

जुलाई 2020 में पायलट एवं उनके कुछ समर्थक विधायकों द्वारा गहलोत नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. पायलट और गहलोत के बीच आंतरिक कलह खुलकर सामने आने पर गहलोत ने पायलट को 'गद्दार' और 'निकम्मा' तक कह दिया. दोनों नेताओं के बीच मनमुटाव काफी स्पष्ट रहा है.

धौलपुर जिले के एक सामाजिक कार्यकर्ता सुघर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा कि दिसंबर 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से पायलट के साथ खराब व्यवहार को लेकर समुदाय में निश्चित रूप से नाराजगी थी. उनका कहना है कि सभी को उम्मीद थी कि कांग्रेस पायलट को मुख्यमंत्री बनाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

उन्होंने कहा,‘‘इससे भी अधिक, उन्हें और अपमानित किया गया, जिससे समाज के लोग आहत हुए और इसलिए इस बार गुर्जर वोट कांग्रेस के खिलाफ चले गए हैं.''

उन्होंने दावा किया कि पायलट के 'अपमान' की वजह से ही कांग्रेस को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा,‘‘पायलट लोकप्रिय हैं. वह हमारे समुदाय से हैं और पिछली बार जब समुदाय ने कांग्रेस को वोट दिया तो उसे बहुत उम्मीद थी लेकिन उसे केवल निराशा मिली.''

गंगापुर सिटी में एक स्कूल चलाने वाले सुरेंद्र खटाना ने कहा कि पायलट के खिलाफ जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया उससे समाज के लोग नाराज हुए और इस चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ जाने का फैसला किया. उन्होंने कहा,‘‘मतभेद हो सकते हैं लेकिन पायलट के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्दों को कोई कैसे सहन कर सकता है. पायलट ने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पांच साल में पार्टी को दोबारा खड़ा करने के लिए कड़ी मेहनत की और पांच साल के कांग्रेस शासन के दौरान उन्होंने केवल संघर्ष किया.''

उन्होंने कहा कि समाज के लोगों ने अपने स्तर पर छोटी-छोटी बैठकें कीं और कांग्रेस के बजाय भाजपा को वोट देने का फैसला किया.

करौली के हिंडौन में एक कांग्रेस पार्षद ने कहा कि गहलोत का समर्थन करने के बदले कांग्रेस विधायकों को खुली छूट दी गई और यह भी समुदाय के खिलाफ गया क्योंकि विधायकों ने गुर्जर लोगों के काम नहीं किए.

उन्होंने कहा,‘‘मैंने समाज के कार्यक्रमों में सुना कि कैसे कांग्रेस सरकार में गुर्जर लोगों को अपने काम करवाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. गुर्जर एक बड़ा समुदाय है और समाज के एक वरिष्ठ नेता की अनदेखी निश्चित रूप से नकारात्मक प्रभाव डालती है.''

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Sunday, December 3, 2023

Mobile Internet Restored In Violence-Hit Manipur Barring Few Areas

The Manipur government on Sunday restored mobile internet services across the state barring a few areas till December 18, a notification said.

"Considering improvement in law and order and inconveniences faced by people due to the mobile internet ban, the state government has decided to relax the suspension," the notification said.

Mobile towers catering to services within a 2km radius along adjoining areas between districts such as Chandel and Kakching, Churachandpur and Bishnupur, Churachandpur and Kakching, Kangpokpi and Imphal West, Kangpokpi and Imphal East, Kangpokpi and Thoubal and Tengnoupal and Kakching will still face suspended operations, it said.

Mobile internet had been suspended in the state since May 3 following the outbreak of violence in the state.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Saturday, December 2, 2023

जम्मू-कश्मीर के युवाओं को रोजगार के अवसर दिलाने के लिए सेना ने की पहल

जम्मू-कश्मीर में स्थानीय आबादी पर सकारात्मक प्रभाव डालने की कोशिशों के तहत भारतीय सेना ने एक और दो दिसंबर को चिनार नौजवान क्लब, बोनियार में दो दिवसीय जॉब फेयर का आयोजन किया. इसका उद्देश्य रोजगार के अवसर तलाश रहे स्थानीय युवाओं को एक साझा मंच प्रदान करना है. नियोक्ताओं की और से करीब 600 नौकरियों के ऑफर थे, जॉब फेयर में इसके लिए राज्य के करीब 2500 युवा पहुंचे.

यह कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर के रोजगार निदेशालय के सहयोग से आयोजित किया गया. निदेशालय केंद्र शासित प्रदेश और बाहर के नियोक्ताओं को एक साथ लाया. इससे उम्मीदवारों को खेती, बागवानी, पशुपालन और हथकरघा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियां तलाशने का मौका मिला.

जॉब फेयर स्व-रोजगार पैदा करने के उद्देश्य से विभिन्न संस्थागत योजनाओं और सभी उपलब्ध वित्तीय सहायता योजनाओं के बारे में जानकारी देने में भी सफल रहा. कई निजी फर्मों ने भी जॉब फेयर में भाग लिया. यह फर्में कुशल और अकुशल दोनों प्रकार के रोजगार के अवसर देती हैं.

नवनिर्मित आईटी लैब की सुविधा का उपयोग करके साइट पर विभिन्न नियोक्ताओं ने ऑनलाइन इंटरव्यू भी आयोजित किए. यह जॉब फेयर क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और सेना और नागरिकों के बीच सामंजस्यपूर्ण बंधन को और मजबूत करने के समग्र दृष्टिकोण में भारतीय सेना का नया कदम है.



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