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Sunday, November 26, 2023

Karnataka BJP Chief, My Son Will Tour State Like Brothers: H D Kumaraswamy

The BJP in Karnataka with its new ally Janata Dal (Secular) on Sunday resolved to win all the 28 seats in the state in the upcoming Lok Sabha elections, which is about six months away.

In a further display of bonhomie, the BJP state president B Y Vijayendra on Sunday called on former chief minister and JD(S) second-in-command H D Kumaraswamy at his Bidadi farm in Ramanagara and held talks.

Later, the two leaders told reporters after the meeting that they discussed various issues including the Lok Sabha elections, the alliance between the two parties and the current political development in the state.

"In the interests of the country, we have discussed that Narendra Modi should be the Prime Minister for the next term as well. Seat sharing will be discussed at the High Command level. Our alliance will win 28 out of 28 seats in the state," Mr Kumaraswamy said.

Recalling the coalition government of the BJP and the JD(S) in 2006, the JD(S) state chief said he and former chief minister B S Yeddyurappa had done excellent work together. It is the wish of the people of the state that it should be repeated, he added.

"Vijayendra, Nikhil Kumaraswamy, me along with all the leaders of both the parties will work hard to bring back the good days of 2006-07," said the former Chief Minister.

Both Mr Vijayendra and Nikhil Kumaraswamy will tour the state like brothers, the JD(S) leader said, adding that both the parties will strive together and highlight the mistakes of the ruling party with documentary evidence.

Speaking on the occasion, Vijayendra said there will not be a single Congress member from Karnataka in the Lok Sabha as the coalition will win all the 28 seats.

"We discussed teaching a lesson to the corrupt Congress government," Mr Vijayendra said.

He also said the seniors will discuss seat-sharing in Delhi.

Mr Vijayendra, who is a Shikaripur MLA and Yediyurappa's son, said Prime Minister Narendra Modi, Union Home Minister Amit Shah, BJP president J P Nadda and Kumarswamy have already discussed in Delhi.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Saturday, November 25, 2023

रोड़े पर रोड़े, बदलती जा रही टाइम लाइन : उत्तराखंड में अब तक का टनल रेस्क्यू ऑपरेशन

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से 41 मजदूरों के फंसने की घटना को शनिवार को 14 दिन हो गए हैं. घटना के दिन से ही बचाव अभियान शुरू हो गया था. यह अभियान जारी है और इस बीच कई बार आशा की किरणें देखी गईं, अधिकारियों ने नई-नई समय-सीमाएं बताईं. यहां तक कहा गया कि मजदूरों को सुरंग से निकालने में "बस कुछ ही घंटे बाकी" हैं.

हालांकि अप्रत्याशित रुकावटों के चलते यह साफ हो गया कि रेस्क्यू टीमों की सबसे अच्छी योजनाएं विफल हो गई हैं और फंसे हुए मजदूरों को बचाने के प्रयास अब रविवार को फिर से शुरू होंगे. अमेरिकी ड्रिलिंग मशीन में कई दिनों के बाद तीसरी खराबी आ गई है. उसे शुक्रवार को सुरंग से निकाला गया है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ने शनिवार को कहा, "इस ऑपरेशन में लंबा समय लग सकता है."

उन्होंने कहा, "जब आप किसी पहाड़ पर काम कर रहे होते हैं, तो सब कुछ अप्रत्याशित होता है. हमने कभी कोई समय सीमा नहीं दी."

एनडीटीवी ने अब तक के बचाव अभियान की समय-सीमा पर एक नजर डाली. ऐसे कई मौके आए जब ऐसा लगा कि बाधाओं के बावजूद आखिरकार जल्द सुरंग खुल सकती है.

12 नवंबर : प्राकृतिक आपदा

दिवाली के दिन बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे हिंदू तीर्थ स्थलों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजना का हिस्सा सिल्क्यारा-डंडलगांव सुरंग पर का एक हिस्सा सुबह करीब साढ़े पांच बजे भूस्खलन से ढह गया और सुरंग में काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए. 

जिला प्रशासन ने बचाव की कोशिशें शुरू कीं. फंसे हुए मजदूरों को पाइप के जरिए ऑक्सीजन और भोजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई. यह सामान एयर कॉम्प्रेशन का उपयोग करके उन तक पहुंचाया जाने लगा.

राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, सीमा सड़क संगठन और राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड सहित कई एजेंसियां बचाव के प्रयास में जुट गईं.

13 नवंबर : शाम तक बचाव?

सुरंग में फंसे हुए मजदूरों से वॉकी-टॉकी के जरिए संपर्क स्थापित किया गया. उनके सुरक्षित होने की सूचना मिली. बताया गया कि मजदूर सुरंग के सिल्कयारा छोर से लगभग 55-60 मीटर की दूरी पर फंसे हुए हैं. कहा जाता है कि उनके पास चलने और सांस लेने के लिए लगभग 400 मीटर की जगह है.

अधिकारियों ने कहा कि उन्हें शाम तक मजदूरों को बचा लेने की उम्मीद है. घटनास्थल पर पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मलबा गिरना जारी है, जिससे बचाव कार्यों में देरी हो रही है.

14 नवंबर : फिर हुआ भूस्खलन 

सुरंग स्थल पर 800  और 900 मिलीमीटर व्यास के स्टील पाइप लाए गए.  इन पाइपों को मलबे के बीच से धकेलकर अंदर तक पहुंचाने की योजना बनी, ताकि मजदूर इनके बीच से रेंगकर बाहर निकल सकें. एक बरमा मशीन, जो हॉरिजोंटल ड्रिलिंग करती है, को मलबे के बीच पाइपों को ले जाने का रास्ता बनाने के लिए लाया गया.

उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने संवाददाताओं से कहा कि मजदूरों को 15 नवंबर तक निकाला जा सकता है. उन्होंने कहा, ''अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो फंसे हुए मजदूरों को बुधवार तक निकाल लिया जाएगा.''

ऑगर मशीन के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार किया गया, लेकिन ताजा भूस्खलन से यह क्षतिग्रस्त हो गया. फंसे हुए श्रमिकों में से कुछ को मतली और सिरदर्द की शिकायत के बाद भोजन और पानी के साथ-साथ दवाएं भी दी गईं.

15 नवंबर : घटना स्थल पर विरोध प्रदर्शन

बरमा मशीन के लिए बनाए गए प्लेटफॉर्म को क्षतिग्रस्त होने के बाद तोड़ दिया गया. नए उपकरण, एक अधिक शक्तिशाली अमेरिकी बरमा की मांग की गई. यह नई दिल्ली से रवाना की गई है.

सुरंग के निर्माण में शामिल कई अन्य मजदूरों ने फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकालने में देरी को लेकर बचाव स्थल पर विरोध प्रदर्शन किया.

16 नवंबर : "दो-तीन दिन और"

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि बचाव अभियान पूरा होने में दो-तीन दिन और लग सकते हैं. सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री ने कहा कि बचाव कार्य जल्द ही पूरा किया जा सकता है, यहां तक कि 17 नवंबर तक भी, लेकिन सरकार अप्रत्याशित कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए लंबी समय सीमा तय कर रही है.

मंत्री ने यह भी कहा कि बचाव टीमों ने विदेशी विशेषज्ञों से बात की है, जिसमें वह फर्म भी शामिल है जिसने थाईलैंड की एक गुफा में फंसे 12 बच्चों और उनके फुटबॉल कोच को बचाने में मदद की थी. नॉर्वेजियन जियोटेक्निकल इंस्टीट्यूट से भी मदद ली गई है.

भारतीय वायु सेना के विमान द्वारा पहुंचाए गए अधिक शक्तिशाली अमेरिकी बरमा ने साइट पर काम शुरू किया.

17 नवंबर : तेज टूटने की आवाज

रात भर काम करते हुए मशीन ने दोपहर तक 57 मीटर के मलबे में करीब 24 मीटर तक ड्रिल किया.  छह-छह मीटर लंबाई के चार पाइप डाले गए. लेकिन दोपहर 2:45 बजे के आसपास काम रुक गया. अधिकारियों और सुरंग के अंदर काम कर रही टीम को "बड़े पैमाने पर टूटने की आवाज" सुनाई दी. एक और ऑगर मशीन इंदौर से एयरलिफ्ट की गई.

डॉक्टरों ने फंसे हुए मजदूरों के लिए व्यापक पुनर्वास की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि, डर है कि लंबे समय तक सुरंग में रहने से उन्हें मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की स्वास्थ्य सेवा की जररूत हो सकती है.

18 नवंबर : उच्च स्तरीय बैठक

बचाव अभियान सातवें दिन में प्रवेश कर गया, लेकिन ड्रिलिंग फिर से शुरू नहीं हुई क्योंकि विशेषज्ञों का मानना था कि सुरंग के अंदर 1750-हार्स पावर अमेरिकी बरमा के कारण होने वाले कंपन से और अधिक मलबा गिर सकता है.

केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें बचाव के लिए पांच विकल्पों पर विचार किया गया. इनमें मजदूरों तक पहुंचने के लिए पहाड़ी की चोटी से वर्टिकल ड्रिलिंग और किनारे से समानांतर ड्रिलिंग शामिल का विकल्प शामिल था.

एक नक्शा सामने आया जो सुरंग के निर्माण में शामिल कंपनी की ओर से कथित गंभीर चूक की ओर इशारा कर रहा था. एसओपी के अनुसार तीन किमी से अधिक लंबी सभी सुरंगों में आपदा की स्थिति में लोगों को बचाने के लिए भागने का रास्ता होना चाहिए. नक्शे से पता चला कि 4.5 किमी लंबी सिल्कयारा सुरंग के लिए भी ऐसे मार्ग की योजना बनाई गई थी, लेकिन वह बनाया नहीं गया.

मजदूरों के परिवारों के सदस्यों ने कहा कि पिछले ड्रिल बंद होने के बाद से वे चिंतित हैं. कुछ परिवारों के सदस्यों और निर्माण में शामिल अन्य श्रमिकों ने एनडीटीवी को बताया कि अगर भागने का रास्ता बनाया गया होता तो मजदूरों को बहुत पहले बचाया जा सकता था.

19 नवंबर : ढाई दिन और?

ड्रिलिंग बंद रही जबकि अधिकारी पहाड़ी की चोटी से छेद बनाकर मजदूरों तक पहुंचने के विकल्प पर काम कर रहे थे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बचाव अभियान की समीक्षा की और कहा कि हॉरिजोंटल ड्रिलिंग करना सबसे अच्छा विकल्प प्रतीत होता है और ढाई दिनों के भीतर सफलता मिल सकती है.

20 नवंबर : गर्म भोजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बातचीत की और बचाव कार्यों पर चर्चा की. पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि फंसे हुए मजदूरों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है.

फंसे हुए मजदूरों के लिए कुछ अच्छी खबर यह आई कि बचावकर्मी मलबे के बीच छह इंच चौड़ी पाइपलाइन डालने में कामयाब हो गए. मजदूरों तक खिचड़ी को बोतलों में भरकर भेजा गया. उन्हें नौ दिनों में पहली बार गर्म भोजन मिल सका. हालांकि ड्रिलिंग के काम में बहुत अधिक प्रगति नहीं हुई.

21 नवंबर : नजर आए मजदूर

मजदूरों को दस दिनों में पहली बार देखा गया. एक पाइप के माध्यम से डाले गए कैमरे ने उनके दृश्यों को कैद कर लिया. अधिकारियों ने उनसे बात की और उन्हें आश्वस्त किया कि उन्हें सुरक्षित बाहर लाया जाएगा. मजदूरों ने हाथ हिलाकर बताया कि वे ठीक हैं.

शाम को अतिरिक्त सचिव तकनीकी, सड़क एवं परिवहन महमूद अहमद ने कहा कि अगले कुछ घंटे महत्वपूर्ण हैं और अगर सब कुछ ठीक रहा तो 40 घंटों में कुछ 'अच्छी खबर' आ सकती है.

22 नवंबर : आशा का दिन

यह वह दिन था जब सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं कि रात तक मजदूरों को निकाल लिया जाएगा. एम्बुलेंस को स्टैंडबाय पर रखा गया और स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों वाला एक विशेष वार्ड तैयार किया गया. कहा गया कि बचाव कर्मियों और मजदूरों के बीच केवल 12 मीटर की दूरी है.

रात में ड्रिल लोहे की जाली से टकराई, लेकिन अधिकारियों ने फिर भी कहा कि वे अगले दिन सुबह 8 बजे तक श्रमिकों को बाहर निकालना शुरू कर सकते हैं.

23 नवंबर : एक और रोड़ा

सुबह लोहे की जाली हटा दी गई और बचाव कार्य फिर से शुरू हो गया. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा कि अगर कोई अन्य बाधा नहीं आई तो रात तक श्रमिकों को बचा लिया जाएगा.

हालांकि, शाम को बरमा मशीन एक धातु के पाइप से टकराई. मशीन के ब्लेड की मरम्मत करने, जिस प्लेटफॉर्म पर मशीन चल रही थी उसे मजबूत करने और संचालन में बाधा बन रहे धातु के गार्डर और पाइप को हटाने में कई घंटे लग गए.

24 नवंबर : "दो और पाइप"

अधिकारियों ने 13वें दिन कहा कि केवल 10-12 मीटर की ड्रिलिंग बाकी है और दो और पाइप डालना है. यह मजदूरों तक पहुंचने के लिए पर्याप्त हो सकता है. उत्तराखंड के सचिव नीरज खैरवाल ने कहा कि जमीन भेदने वाले रडार विशेषज्ञों की एक टीम को बुलाया गया था, जिन्होंने कहा है कि अगले पांच मीटर तक कोई बड़ी धातु की बाधा नहीं होने की संभावना है.

यह पूछे जाने पर कि क्या टीमें शनिवार सुबह तक मजदूरों तक पहुंच सकती हैं, अतिरिक्त सचिव तकनीकी, सड़क और परिवहन महमूद अहमद ने कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह और भी जल्दी हो सकता है.

ड्रिलिंग शाम को फिर से शुरू हुई लेकिन इसके तुरंत बाद तब रुक गई जब बरमा मशीन का फिर किसी धातु की चीज से सामना हुआ.

एक अधिकारी ने कहा, "बरमा मशीन में फिर से कुछ दिक्कत आ गई है. फंसे हुए मजदूरों तक मैन्युअल तरीके से पहुंचने की कोशिश की जा रही है. हम मलबे का विश्लेषण कर रहे हैं और इसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं."

25 नवंबर : अब मैनुअल ड्रिलिंग

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बरमा मशीन सुरंग के अंदर फंस गई है और इसे बाहर निकालने के लिए हैदराबाद से एक विशेष उपकरण लाया जा रहा है.

उन्होंने कहा, "हम सभी संभावित विकल्प तलाश रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दैनिक आधार पर अपडेट ले रहे हैं. हमें उम्मीद है कि ऑपरेशन जल्द से जल्द पूरा हो जाएगा."

सुरंग के अंदर अब स्वचालित ड्रिलिंग नहीं होगी और रविवार को ऑगर मशीन बाहर निकालने के बाद ही मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू होगी.



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"Companies Waiting": What S Somnath Said About Retired ISRO Scientists

ISRO Chairman S Somanath on Saturday emphasised the necessity of deregulating unnecessary controls in the space sector to foster improved growth.

He also attributed India's significant progress in the space industry to the opening up of the sector.

Speaking to media here during the celebration of 60 years since India's first sounded rocket launch, Somanath highlighted that the involvement of the private sector in space science development has led to remarkable expansion in India's satellite-building capabilities.

"Earlier, it was only ISRO for the development and production of satellites, launch vehicles, and related technologies. ISRO has only 17,000 people and a budget of Rs 13,000 crore. It remained so for all these years," S Somanath said.

He said that India now has more than 130 startups in the space sector, with some companies boasting a workforce of 400 to 500 employees and a turnover ranging from Rs 500 to 1000 crores.

"Some of them are paying better salaries than ISRO, and the scientists retired from ISRO are in great demand. In fact, these companies are waiting for people who are retiring from ISRO," Mr Somanath said.

The ISRO chief further said that India has the potential to become an excellent hub for satellite manufacturing and could significantly expand its presence in the business.

"Technology development and progress in space science are all fine, but business is important. It has to bring money," he noted.

Currently, there are five Indian companies with the capability to manufacture satellites, and three of them have successfully manufactured and launched their satellites from foreign countries, he pointed out.

"We don't want them to launch their satellites from outside, and we want them to use our facilities. We want them to build satellites here; they can bring in the technologies from wherever they want, but build them here and launch them from here." He clarified that the expansion of the private sector in space science does not imply a reduction in ISRO's role.

"ISRO will continue to do what it does at present. We are now talking about sending men into space. ISRO will continue to strategise and grow. This is not scaling down, but scaling up," Mr Somanath said.

He said that the GSLV rocket has undergone regular upgrades, demonstrating its capability to carry a higher payload than its original design specifications.

"GSLV was designed to carry 4 tonnes of payload, but we have already successfully launched a 7.5-tonne payload. Its cryogenic stage is also being upgraded. In the semi-cryogenic stage, the new SE 120 is being developed," Mr Somanath said.

He mentioned that the PSLV, which initially had a payload capacity of 850 kg, now boasts a payload capacity of two tonnes.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Friday, November 24, 2023

Odisha Assembly Adjourned Sine Die 26 Days Ahead Of Schedule Amid Protests

Amid protests and walkouts by opposition BJP and Congress members, Speaker Pramila Mallik on Friday adjourned Odisha Assembly sine die on Friday, at least 26 business days ahead of its schedule.

The Winter Session of the Assembly which commenced on November 21 was scheduled to conclude on December 30. The Assembly secretariat had notified about 30 business days during this session.

Government chief whip in Odisha Assembly Prashanta Muduli of BJD brought a motion to adjourn the House sine die for the remaining period. The proposal was supported by treasury bench members Sashi Bhusan Behera and Bhupinder Singh.

The House could transact for only four days of which two days were wasted because of din over the Cabinet's decision to allow ST people to transfer their land to non-tribals and another day remained closed after making obituary reference to late members of the Assembly.

The MLAs of the opposition BJP and Congress, however, strongly opposed the move and staged a walkout to protest against the motion. They dubbed the government's act as "escapist" and accused the BJD of running out of the Assembly for being unable to face the opposition.

"The treasury bench has lost its courage to face the opposition in the Assembly. When MLAs from across Odisha have come here to raise the issues of their respective constituencies, ending the session abruptly is uncalled for," Opposition chief whip Mohan Majhi told reporters outside the House.

Congress MLA Tara Prasad Bahinipati also criticised the government. "It is unfortunate for the MLAs, people, and the state that the ruling party runs away from the Assembly. The government ended the session in just four days while it was scheduled for 40 days. This government has murdered democracy in the state," Bahinipati said.

Rejecting the opposition's allegation, Mr Muduli said, "The House has discussed one adjournment motion. There is no such important business left. A lot of other MLAs are busy in their respective constituencies. This apart, the decision to end the session was also taken keeping in view the behavior of opposition members in the last two days."

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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PM Tells Officials To Expedite Process For Quota To Madiga Community

Prime Minister Narendra Modi on Friday called the Cabinet Secretary and other officials and instructed them to expedite the process of sub-categorisation in reservation for the Madiga community, government sources said.

According to sources in the government of India, the Prime Minister also instructed the officials to expedite the committee formation for reservation to Madiga community.

Madiga Reservation Porata Samithi, a community organisation of Madigas, is one of the biggest constituents of scheduled castes in Telugu states.

Since 2013, PM Modi has closely interacted with Manda Krishna Madiga, whose organisation MRPS has been demanding internal reservations within the Scheduled Caste (SC) category.

The MRPS was established in July 1994 in Edumudi village, Prakasam district of Andhra Pradesh, under the leadership of Manda Krishna Madiga and others, with the aim of implementing internal reservations.

Earlier in the month, PM Modi said that the BJP has stood with the Madiga community in every struggle for the last three decades.

"We are committed to ending this injustice at the earliest... It is our promise that we will soon constitute a committee that will adopt all possible ways of empowering you. The BJP made the laws about the atrocities on SCs and STs stricter. We ensured that the poor got a bank account, a gas connection, toilets, homes, etc. In all these schemes, the people from SC, ST and OBC were given the most benefit," he added.

The PM also took a swipe at the previous governments of Telangana and undivided Andhra Pradesh, which failed to consider the rights of the Madiga community and said that he went to Hyderabad for "an atonement for past deeds" of those political leaders and parties.

"People of the Madiga community and Krisha (Manda Krishna Madiga, an MRPS leader), I am not here to ask something from you; I am here for atonement for past deeds of political leaders and political parties since independence, which made promises to you and ditched you. I belong to the political arena so I apologise to you... You (people) have seen a lot of governments in the country. Our government's highest priority is to give preference to those who are deprived. BJP's mantra is Sabka Saath Sabka Vikas," PM Modi said.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Probe Into Actor Rashmika Mandanna's Deepfake Video Hits Dead End

The probe into the deepfake video of actor Rashmika Mandana has hit a dead end as social media platforms have shown their inability to share information about individual(s) who have allegedly made the deepfake profiles.

As per sources, the accused removed and deleted the account from the social media platforms.

The officials said that the account could have been created with a fake identity and Virtual Private Network (VPN) could have been used to upload the deepfake videos.

Union Minister for Communications, Electronics and IT Ashwini Vaishnaw on November 18 said that notices were issued to all social media platforms directing them to take necessary steps to identify and remove such content.

As per the officials, though the police detained a few suspects, none of them created the deepfake video in question rather they only shared the video.

The investigation into the matter is still underway, the officials said.

Delhi Police has received a response suggesting their inability to provide details about the suspect's account which has been deleted from the Social media platforms.

The Delhi Police's IFSO (Internet Freedom and Safety for Online Users) unit earlier this week sent a letter to Meta (formerly Facebook) but the social media giant responded by expressing its inability to provide details of the deleted account.

The sources further informed that the police are awaiting a reply from GoDaddy (a publicly traded internet domain registry) since a similar profile was made through GoDaddy also.

Highlighting the danger of deepfakes, Ashwini Vaishnaw on November 18 during an interaction with the media, said, "Deepfake is a big issue for all of us. We recently issued notices to all the big social media forms, asking them to take steps to identify deepfakes, to remove those content. The social media platforms have responded. They are taking action. We have told them to be more aggressive in this work."

On November 6, a modified video of actor Rashmika Mandanna appeared online sparking discussions of digital safety. In the viral video, a woman resembling Ms Mandanna was seen entering a lift in a black swimsuit.

The video quickly went viral and several social media users came forward to confirm that it was a deepfake. It was later revealed that the video was of British actor Zara Patel.

The actor strongly reacted to the deepfake video and said, "I feel really hurt to share this and have to talk about the deep fake video of me being spread online. Something like this is honestly, extremely scary not only for me but also for each one of us who today is vulnerable to so much harm because of how technology is being misused."

The Delhi Police registered the FIR under relevant sections, and an investigation was launched.

Delhi Police said that a technical analysis is underway to identify the accused involved in the case.

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Retired Army Official Duped Of Over Rs 3 Lakh By Travel Agent: Cops

A retired officer of the Indian Army was allegedly duped of over Rs 3 lakh by a travel agent in Gurugram, police said on Friday.

The travel agent made the booking for Mauritius after taking Rs 3,68,500 online from the retired officer, but later cancelled the booking and got the refund fraudulently, they said.

Major (Retd) Naresh Kumar Mawa, a resident of Sector 23 in Gurugram, in his complaint, said that he had to go to meet his son, who is pursuing a medical course in Mauritius, and contacted a travel agent named Krishan Kant Sharma, a resident of Rajasthan's Jaipur, police said.

"I had made a total payment of Rs 3,68,500 to the travel agent through UPI payments in parts, but the agent cancelled the tickets after booking them including total stay without informing me and made a fraud of this amount. He switched off his phone and is not reachable," Major (Retd) Mawa said in his complaint.

An FIR was registered against the travel agent following the complaint under sections 406 (criminal breach of trust) and 420 (cheating) of the Indian Penal Code (IPC) at the Palam Vihar Police Station on Thursday, police said.

A senior police officer said they are investigating the matter and the accused will be arrested soon.

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