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Friday, June 23, 2023

यप बरड न पठयकरम म बड बदलव अब सवरकर समत 50 महपरष क जवन गथ पढग छतर

उत्तर प्रदेश बोर्ड ने अपने पाठ्यक्रम में अहम बदलाव किया है. बोर्ड ने फैसला किया है कि अब से छात्रों को सावरकर समेत 50 महापुरुषों की जीवन गाथा से रूबरू कराया जाएगा. बोर्ड की तरफ से जिन महापुरुषों की जीवन गाथा को पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया गया है उनमें खास तौर पर विनायक दामोदर सावरकर, पंडित दीनदयान उपाध्याय, महावीर जैन, भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय, अरविंद घोष, राजा राम मोहन राय, सरोजनी नायडू और नाना साहब शामिल हैं. 

बोर्ड ने इन महापुरुषों की जीवन गाथा को नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा विषय में शामिल किया गया है. मिल रही जानकारी के अनुसार जुलाई से स्कूलों में शुरू होने वाले पाठ्यक्रम में इस नए बदलाव को शामिल किया गया है. पाठ्यक्रम में जोड़े गए नए विषय सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य किए गए हैं. लिहाजा, अब छात्रों को इन विषय में भी पास होना जरूरी है. हालांकि इसके अंक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकपत्र में शामिल नहीं होंगे. 

बता दें कि इन महापुरुषों के नाम को पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर यूपी बोर्ड में लंबे समय से कवायद चल रही थी. यूपी बोर्ड के विषय विशेषज्ञों की ओर से महापुरुषों के नाम की सूची शासन को भेजी गई थी,जिस पर अब सरकार की भी मुहर लग गई है.

यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर पाठ्यक्रम में इन महापुरुषों के नाम शामिल करते हुए उसे जारी कर दिया गया है. यूपी बोर्ड के 27 हजार से ज्यादा राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के एक करोड़ से ज्यादा छात्र इन महापुरुषों की जीवन गाथा पढ़ेंगे. 



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They Agreed To Get Rahul Gandhi Married: Anurag Thakur Jabs Opposition Meet

Union minister and BJP leader Anurag Thakur took a swipe at the opposition parties' meeting in Patna on Friday, saying a key resolution adopted by the leaders was about the marriage of Rahul Gandhi "much to the annoyance of mummy ji".

Anurag Thakur described the meeting as a "drama" that was being staged ahead of the Lok Sabha elections next year and exuded confidence about Prime Minister Narendra Modi's third consecutive victory.

"The stage is getting decorated ahead of the 2024 elections, the artistes have started gathering, the characters are being finalised. The drama will play out, vows will be exchanged for supporting each other, people will have a good laugh and Modiji will take oath as the Prime Minister for the third time after winning a massive majority," Mr Thakur said on Twitter.

Listing what he called the outcome of the meeting of 17 opposition parties, Mr Thakur said: "Nitish Kumar not acceptable as convenor. Proposal of Rahul Gandhi's marriage passed. Mummy is very annoyed. Will address a press conference but will not answer questions." 

"Neither do their hearts meet nor do they have any hope of getting any seat. Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal who threatened to derail the meeting slipped away quietly after the meeting. They cannot tolerate peace in Kashmir and dream of bringing back Article 370 to strengthen the roots of terrorism. New doors of political tourism have opened. After relishing 'litti chokha' and rasgulla in Bihar, they will now meet in Shimla," he said.

Leaders of 17 opposition parties met in Patna on Friday to explore ways for forging an alliance for the 2024 Lok Sabha elections to take on the BJP.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Thursday, June 22, 2023

घघरल बल गल मटल चहर मसम समइल...ऋष कपर क इस हमशकल क दख नत कपर भ रह जएग दग लग बल- दसर जनम ह गय

बॉलीवुड में जब भी किसी वर्सेटाइल एक्टर का जिक्र होता है, तो इसमें कपूर खानदान के चश्मो चिराग और सुपरस्टार ऋषि कपूर का नाम जरूर लिया जाता है. भले ही आज वो हम सबके बीच नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने फिल्मी करियर में रोमांटिक हीरो से लेकर विलेन तक की भूमिका निभाई और उनके करोड़ों फैंस रहे हैं. आज हम आपको दिखाते हैं ऋषि कपूर के एक ऐसे हमशक्ल का  वीडियो जिसमें वो हूबहू उनकी तरह दिख रहा है और उनके गाने पर उन्हीं की तरह एक्टिंग करता भी नजर आ रहा हैं.

ऋषि कपूर के हमशक्ल का वीडियो वायरल 

इंस्टाग्राम पर rishi_kapoor_returns नाम से बने पेज पर ऋषि कपूर की तरह दिखने वाले शख्स का वीडियो शेयर किया गया है. इसमें ये बंदा ऋषि कपूर के फेमस गाने "मैं देर करता नहीं, देर हो जाती है" पर उन्हीं की तरह एक्टिंग करता नजर आ रहा है. इसमें उसका फेस कट, एक्सप्रेशन हुबहू चिंटू जी उर्फ ऋषि कपूर की तरह दिख रहे हैं और एक झलक में उसे देखने पर आप भी कंफ्यूज हो जाएंगे कि कहीं ये ऋषि कपूर का यंग वर्जन तो नहीं है? 

ऋषि कपूर की तरह दिखने वाले इस शख्स का नाम नितांत सेठ है, जो सोशल मीडिया पर अपने वीडियोज को लेकर खूब चर्चा में रहते हैं और अक्सर ऋषि कपूर की तरह एक्टिंग करते नजर आते हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 10,000 से ज्यादा फॉलोअर्स है और 137 के लगभग उन्होंने कुछ पोस्ट शेयर की है, जिसमें अधिकतर में वो ऋषि कपूर के फेमस गाने और डायलॉग की नकल करते दिख रहे हैं.

यूजर्स के आए रिएक्शन

ऋषि कपूर के हमशक्ल इस शख्स का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और हजारों लोग अब तक इसे लाइक कर चुके हैं. एक यूजर ने लिखा कि माय गॉड आप तो बिल्कुल ऋषि जी जैसे लगते हैं. एक अन्य यूजर ने लिखा कि ऋषि कपूर की तरह एक्टिंग करते हुए आपने इस वीडियो में जान डाल दी. तो कुछ यूजर्स ने उनकी परफॉर्मेंस को आउटस्टैंडिंग बताया, तो कई यूजर्स उनसे डिमांड भी कर रहे हैं कि अगली बार कर्ज मूवी के गाने पर वीडियो जरूर बनाना.

ये भी देखें: शादी के बंधन में बंधे धर्मेंद्र के पोते करण देओल



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मशन 2024 : पटन म जटग वपकष दल ! जनए बजप क मल सकत ह कन दल क सथ ?

18 वीं लोकसभा के लिए चुनाव तो अगले साल होंगे लेकिन देश के सभी दल अभी से मिशन 2024 में जुट चुके हैं.  लंबी कवायद के बाद पटना में 15 विपक्षी दल जुट रहे हैं जो भाजपा नीत एनडीए गठबंधन को सत्ता से बाहर करने की रणनीति पर काम करेंगे.  उपरी तौर पर देखें तो ऐसा लगता है कि विपक्षी दल गठबंधन करने के मोर्चे पर बीजेपी से आगे निकल रहे हैं लेकिन ये पूरा सच नहीं है. 2014 के चुनाव में 282 और 2019 के चुनाव में अकेले दम पर 303 सीटें जीतने वाली बीजेपी भी मिशन 2024 के रास्ते पर निकल चुकी है...पार्टी ये समझ रही है कि 2019 के बाद हुए कई विधानसभा और लोकसभा उपचुनावों ने हालात बदल दिए हैं लिहाजा उसे भी ऐसे साझीदारों की जरूरत हैं जिनके सहारे वो अपनी सत्ता बरकरार रख सके. 

देखा जाए तो नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में इसकी झलक मिली थी. इस समारोह में 25 पार्टियां शामिल हुईं जबकि 21 विपक्षी दलों ने इसका बहिष्कार किया. आंकड़ों के आइने में देखें तो समारोह का समर्थन करने वाले पार्टियों की लोकसभा में संख्या 376 और राज्यसभा में 131 है जबकि वहिष्कार करने वाली पार्टियों की लोकसभा में संख्या 168 और राज्यसभा में 104 रही. दूसरे शब्दों में कहें तो नए संसद भवन का उद्घाटन बीजेपी के लिए उत्साहजनक रहा हालांकि ये जरूरी नहीं है कि समारोह में शामिल हुई सभी पार्टियों चुनावी मैदान में बीजेपी के साथ कदमताल करेंगी ही. ऐसे में ये समझना दिलचस्प होगा कि बीजेपी फिलहाल किन संभावनाओं पर काम कर रही हैं और कौन-कौन से दल उसके साथ आ सकते हैं. 

सबसे पहले बात उन पार्टियों की जो बदली हुई परिस्थितियों में बीजेपी के साथ आने को तैयार हो सकती हैं. सबसे पहले बात कर्नाटक की

कर्नाटक: जेडीएस की ओर देख रही है बीजेपी

साल 2019 के मुकाबले कर्नाटक में स्थितियां बदल गई हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यहां 25 सीटें मिलीं थीं. बाद में एक निर्दलीय सांसद ने भी उसे समर्थन दे दिया था. तब कांग्रेस-जेडीएस ने मिल कर चुनाव लड़ा लेकिन दोनों को एक-एक सीट ही मिली थी. लेकिन बीते मई महीने में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बंपर जीत हासिल कर राज्य में न सिर्फ बीजेपी के लिए बल्कि जेडीएस के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी. जाहिर अब बीजेपी को लोकसभा सीटों की संख्या घटने की आशंका है. ऐसे में वो पूर्व पीएम एच डी देवगोड़ा की पार्टी जेडीएस की ओर देख सकती है. दूसरी तरफ जेडीएस की हालत ये है कि उसे अपना अस्तित्व बचाना है. यही वजह है कि संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल देवगौड़ा अपने बेटे कुमारस्वामी के साथ शामिल हुए. दोनों पार्टियां पहले भी दो बार साथ रह चुकी हैं. 

आंध्र और तेलंगाना में नायडू-कल्याण का मिलेगा साथ ? 

साल 2018 तक चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी NDA का हिस्सा रही है लेकिन 2019 का चुनाव दोनों ने अलग-अलग लड़ा और दोनों ने ही नुकसान झेला. नायडू को न सिर्फ राज्य की सत्ता से बाहर होना पड़ा बल्कि लोकसभा चुनाव में भी उन्हें महज 3 सीटें ही मिलीं. जबकि पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2014  में उन्हें 175 में से 103 सीटें मिली थीं. और लोकसभा में 25 में से 14 सीटें मिली थीं. तब बीजेपी के पास भी दो सीटें थीं लेकिन 2019 में तो बीजेपी का खाता भी नहीं खुला.  ये आंकड़े बताते हैं कि राज्य में दोनों ही पार्टियों के सामने वजूद को बचाने की चुनौती है. यही वो बात जो दोनों को करीब ला सकती हैं. बीते दिनों मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में तेलगू देशम पार्टी के संस्थापक एनटी रामाराव का जिक्र कर उन्हें नमन किया था.  इसके अलावा बीजेपी को तेलुगु सुपर स्टार पवन कल्याण की पार्टी जनसेना को भी साथ लाने की कोशिश करनी होगी ताकि जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस से मुकाबला हो सके. कमोबेश आंध्र जैसी स्थिति ही बीजेपी के लिए तेलंगाना में भी है. 

पंजाब में अकालियों का साथ मिलना है संभव
 
देखा जाए तो NDA का सबसे पुराना साझीदार अकाली दल ही है. 1997 से चल रहा दोनों दलों का गठबंधन साल 2020 में किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर टूट गया. लेकिन पंजाब के विधानसभा चुनाव में दोनों दलों का जो हाल हुआ है उससे दोनों के एक बार फिर से साथ आने की संभावना बनती है. क्योंकि दोनों ने जब अलग होकर विधानसभा चुनाव लड़ा तो अकाली दल को महज 3 सीटें मिलीं जो पिछले चुनाव में 15 थीं.  बीजेपी को भी महज 2 सीट मिलीं जो पिछली बार 3 थी.  13 सीटें वाले इस राज्य में साल 2019 में जब दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था तब दोनों को दो-दो सीटें मिली थीं. इस बार तो दोनों के सामने कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी की भी चुनौती है. ऐसे में संभावना है कि वजूद को बचाने के लिए दोनों दल साथ आ सकते हैं. अकाली दल के वरिष्ठ नेता इंदर सिंह  ग्रेवाल ने इसका इशारा भी किया है और कहा है कि यदि बीजेपी साझीदारों को उचित सम्मान देती है तो फिर राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है. दूसरी तरफ प्रकाश सिंह बादल के निधन पर खुद प्रधानमंत्री अंतिम संस्कार में शामिल होने भी पहुंचे थे. 

बिहार : कुशवाहा, पासवान, मांझी और साहनी पर निगाह

अब बात बिहार की. बीजेपी के लिए यहां मुश्किलें दूसरे राज्यों के मुकाबले ज्यादा हैं. यही वजह है कि नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने के बाद अकेली पड़ी बीजेपी अपना कुनबा बढ़ाने की पुरजोर कवायद कर रही है. बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी,जेडीयू और लोजपा साथ में थी तो 40 में से 39 सीटों पर बीजेपी गठबंधन का कब्जा हो गया. अकेले बीजेपी को 17 सीटें मिलीं. जेडीयू को 16 सीटें और 6 सीटें लोजपा को मिलीं. लेकिन अब जेडीयू महागठबंधन के पाले में है और लोजपा भी दो भागों में बंट गई है. ऐसी स्थिति में बीजेपी की कोशिश लोजपा के चाचा-भतीजा को साथ लाने की है. उपेन्द्र कुशवाहा भी जेडीयू से अलग हो ही चुके हैं उन्हें भी बीजेपी अपने पाले में लाने की कोशिश कर ही रही है. जीतनराम मांझी से लेकर मुकेश साहनी तक के बीजेपी साथ आने की संभावना दिख रही है. ये पार्टियां छोटी जरूर हैं लेकिन राज्य की राजनीति पर इनका प्रभाव है. मसलन उपेन्द्र कुशवाहा का प्रभाव 13 से 14 जिलों में माना जाता है. राज्य में मांझी समुदाय की आबादी भी करीब 4 फीसदी है. 


यूपी में दूसरे राज्यों के मुकाबल बीजेपी खुद को अच्छी स्थिति में देख रही है. सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर भी ऐसे संकेत दे रहे हैं कि वो फिर से NDA का दामन थाम सकते हैं. अखिलेश यादव से बात न बन पाने की स्थिति में राजभर अपना ठिकाना NDA में ही देख रहे हैं. खुद बीजेपी भी उन्हें अहमियत देती दिख रही हैं. हालांकि इस चक्कर में संजय निषाद असहज दिख रहे हैं. वे इन दिनों अपनी हर छोटी-बड़ी जनसभा में राजभर पर सियासी तंज कसने से नहीं चुक रहे हैं. 

इसके अलावा कुछ दूसरे राज्यों में बीजेपी अपनी स्थिति ठीक समझ सकती है. मसलन महाराष्ट्र में शिंदे गुट वाली शिवसेना उसके साथ में बरकरार है तो वहीं तमिलनाडु में AIADMK के साथ बीजेपी का गठबंधन हो ही चुका है. रही बात ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री वाईएसआर, मायावती से लेकर गुलाम नबी आजाद तक की तो ऐसा कई बार संकेत मिल चुका है कि जरूरत के वक्त वे बीजेपी की मदद कर सकते हैं. 



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"No Plans To Shift Cheetahs Outside Kuno National Park": Union Minister

Union Environment Minister Bhupender Yadav on Thursday said the Kuno National Park in Madhya Pradesh has enough prey base for the cheetahs living there and there is no plan as of now to shift the cats anywhere else.

He, however, said the Gandhi Sagar wildlife sanctuary in northwestern Madhya Pradesh has been identified as an "alternative site" in case any problem emerges at Kuno in the future.

"But there is no plan to shift the cheetahs anywhere else for now," Bhupender Yadav told a press conference where he listed the achievements of his ministry in the nine years of the government.

He said the cheetahs are adapting to the weather and the habitat and establishing their territories and "we should give them time to do that".

Prime Minister Narendra Modi released the first batch of eight spotted felines from Namibia into a quarantine enclosure at Kuno on September 17 last year.

In a second such translocation, 12 cheetahs were flown in from South Africa and released into Kuno on February 18.

Three adult cheetahs and three cubs died in the last three months, prompting questions from several experts on the suitability of the habitat, prey base and wildlife management at Kuno.  Some even claimed that Kuno "lacked space and logistical support" and suggested shifting cheetahs to other sanctuaries.

In the wake of cheetah cub deaths, the Centre last month set up an 11-member high-level steering committee to review and monitor the progress of the Cheetah reintroduction programme.

The government and experts involved in the project have maintained that the mortalities are within the normal range.

The action plan for cheetah reintroduction anticipated up to 50 percent mortality in the first year of relocation.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Wednesday, June 21, 2023

मणपर म बम वसफट म 3 घयल सरकषबल न धवसत कए उगरवदय क बकर

मणिपुर में बीते कुछ दिनों से रुक रुक कर हो रही हिंसा के बाद बुधवार की शाम एक बम धमाका हुआ है. अभी तक मिल रही जानकारी के अनुसार इस धमाके में तीन लोग घायल हुए हैं.धमाके में घायल हुए लोगों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मिल रही जानकारी के अनुसार धमाके में जो तीन लोग घायल हुए हैं उनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है. पुलिस के अनुसार क्वाक्टा में यह बम धमाका शाम साढ़े सात बजे हुआ है. इस धमाके के लिए एक एसयूवी कार का इस्तेमाल किया गया था. पुलिस फिलहाल इस पूरे मामले की जांच में जुटी है. 

उग्रवादियों के बंकर को नष्ट किया गया

बम को एक एसयूवी कार में रखा गया था. बता दें कि क्वाक्टा राज्य के सबसे खराब हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में से एक है. इस घमाके में घायल हुए तीन लोगों में से एक की हालत गंभीर बनी हुई है. सभी घायलों का फिलहाल इलाज चल रहा है. इस धमाके के बाद अधिकारियों ने कहा कि संयुक्त सुरक्षा बलों ने बुधवार को इंफाल पश्चिम जिले के लीमाखोंग इलाके में कथित तौर पर विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए गए एक बंकर को नष्ट कर दिया है. 

इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का हुआ इस्तेमाल

सूत्रों के अनुसार जिस समय स्कार्पियों कार में धमाका हुआ उस समय उसका ड्राइवर उसमें नहीं था. मिल रही जानकारी के अनुसार इस धमाके के लिए इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का इस्तेमाल किया गया है, ऐसा लगता है. इस बीच, मणिपुर में रविवार तक के लिए इंटरनेट प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है, जहां 3 मई को पहाड़ी जिलों में मैतेयी समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) की मांग के विरोध में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद हिंसा भड़क उठी थी.

मणिपुर के कई इलाकों में हिंसा

वहीं, बुधवार को मणिपुर के इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में दो स्थानों से प्रतिद्वंद्वी उग्रवादी संगठनों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी की सूचना मिली है.फायरिंग की इन घटनाओं में किसी के मरने या घायल होने की खबर नहीं है.इस बीच, सेना, असम राइफल्स और कई अन्य केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बल राज्य के विभिन्न हिस्सों में तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं.



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Railway Minister Inspects Howrah Metro Station Set To Be India's Deepest

After three instances of subsidence and damage to houses in four years due to tunnelling work for the construction of a Metro line, Union Railways Minister Ashwini Vaishnaw has assured the residents of Kolkata's Bowbazar area that their concerns are being taken into account. 

Mr Vaishnaw today inspected the Howrah Maidan to Esplanade stretch of Kolkata's East-West Metro, which is slated to open to the public by the end of this year.

After completing an inspection of Howrah Maidan station, the minister undertook a trolley inspection through a tunnel and reached Howrah station, which is going to be the deepest Metro station in India. This Metro station has been built 33 metres (108 feet) below the surface and has four underground levels.

The minister also inspected an underwater tunnel which has been built 16 metres (52 feet) below the river Hooghly. Terming it an engineering marvel, Mr Vaishnaw expressed his happiness at the progress of work. 

The minister also clarified on the subsidence issues at Bowbazar, the stretch that is holding up the commissioning of the entire line from Howrah Maidan to Sector V, Saltlake. 

Speaking to reporters, Mr Vaishnaw said, "The General Manager of Kolkata Metro is continuously meeting residents of Bowbazar. Whether it is alternative construction or safety measures on the ground, continuous engagement is happening with residents of Bowbazar."

"I will request the General Manager to visit Bowbazar again, hold a camp and explain the situation to residents in detail," he added.

The authorities say that issues related to ground subsidence during the ongoing tunnelling in the Bowbazar stretch have been resolved. In what was the third instance of subsidence in four years due to tunnelling work for the Metro corridor, more than 10 houses developed cracks in October last year. 

In September 2019, two buildings collapsed and several others developed cracks in the Bowbazar area after the underground tunnel-boring machine hit an aquifer, leading to subsidence and damage to buildings on the ground. Similar issues were reported in May and October 2022. 

Once commissioned, the corridor will increase connectivity between the twin cities of Howrah and Kolkata and carry 6.7 lakh passengers per day.  A part of the line, from Sealdah Station to Saltlake is already operational.



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