उत्तर प्रदेश बोर्ड ने अपने पाठ्यक्रम में अहम बदलाव किया है. बोर्ड ने फैसला किया है कि अब से छात्रों को सावरकर समेत 50 महापुरुषों की जीवन गाथा से रूबरू कराया जाएगा. बोर्ड की तरफ से जिन महापुरुषों की जीवन गाथा को पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया गया है उनमें खास तौर पर विनायक दामोदर सावरकर, पंडित दीनदयान उपाध्याय, महावीर जैन, भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय, अरविंद घोष, राजा राम मोहन राय, सरोजनी नायडू और नाना साहब शामिल हैं.
बोर्ड ने इन महापुरुषों की जीवन गाथा को नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा विषय में शामिल किया गया है. मिल रही जानकारी के अनुसार जुलाई से स्कूलों में शुरू होने वाले पाठ्यक्रम में इस नए बदलाव को शामिल किया गया है. पाठ्यक्रम में जोड़े गए नए विषय सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य किए गए हैं. लिहाजा, अब छात्रों को इन विषय में भी पास होना जरूरी है. हालांकि इसके अंक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकपत्र में शामिल नहीं होंगे.
बता दें कि इन महापुरुषों के नाम को पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर यूपी बोर्ड में लंबे समय से कवायद चल रही थी. यूपी बोर्ड के विषय विशेषज्ञों की ओर से महापुरुषों के नाम की सूची शासन को भेजी गई थी,जिस पर अब सरकार की भी मुहर लग गई है.
यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर पाठ्यक्रम में इन महापुरुषों के नाम शामिल करते हुए उसे जारी कर दिया गया है. यूपी बोर्ड के 27 हजार से ज्यादा राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के एक करोड़ से ज्यादा छात्र इन महापुरुषों की जीवन गाथा पढ़ेंगे.
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