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Saturday, May 20, 2023

मेरी भारत यात्रा से 'एक नया इतिहास' लिखा जाएगा: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड'

काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' ने शनिवार को कहा कि नेपाल ने इस बार की उनकी भारत यात्रा के लिए 'अच्छी तैयारी' की है और यह द्विपक्षीय संबंधों में 'नया इतिहास' लिखेगा. प्रचंड का भारत दौरा कई कारणों से तीन बार टल चुका है. सीपीएन-माओवादी सेंटर के 68 वर्षीय नेता दाहाल के पिछले साल दिसंबर में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत की यह यात्रा उनकी पहली विदेश यात्रा होगी. उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बार भारत की यात्रा के लिए अच्छी तैयारी की है. भारत ने भी यात्रा के लिए गंभीर तैयारियां की हैं, ऐसा मैं महसूस करता हूं.''

प्रचंड ने नेपाल के एक प्रमुख समाचार पत्र ‘कांतिपुर डेली' से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘इस बार मैं इस विश्वास के साथ भारत की यात्रा कर रहा हूं कि एक नया इतिहास रचा जाएगा.'' उन्होंने कहा, ‘‘इस बार, मुझे विश्वास है, नेपाल यात्रा से कुछ नया हासिल होगा. मेरा मानना है कि नेपाल-भारत संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाया जाएगा. नेपाल और भारत दोनों के लिए, यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाने का अवसर प्रदान करेगी.''

समाचार पत्र ने विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा कि प्रधानमंत्री के 31 मई को भारत की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जाने की संभावना है. हालांकि, प्रस्तावित यात्रा की तारीख और यात्रा कार्यक्रम की अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.

‘‘प्रचंड'' से जब यह पूछा गया कि तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद उन्होंने सबसे पहले भारत की यात्रा करने का विकल्प क्यों चुना, तो उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि पहले भारत जाने की कोई कानूनी या राजनीतिक बाध्यता नहीं है, लेकिन ऐसा करने की परंपरा है, क्योंकि हमारे बीच एक खुली सीमा है और हमारे संबंध आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक निकटता और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क के कारण अनोखे हैं.''

हालांकि, प्रचंड ने 2008 में प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले कार्यकाल के दौरान ‘‘पहले चीन का दौरा करके परंपरा को तोड़ा था.'' उन्होंने कहा, ‘‘कुछ समय पहले यात्रा के लिए तैयारियां की जा रही थीं, लेकिन (भारतीय पक्ष की ओर से) वहां चुनाव के कारण यात्रा को कुछ समय के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया गया था. इसके बाद मैंने उनसे कहा कि वित्त मंत्री द्वारा 29 मई को बजट पेश करने से पहले यात्रा करना संभव नहीं होगा.''

हिंदू धर्म को बढ़ावा देने के लिए कुछ नेपाली नेताओं को भाजपा द्वारा धन मुहैया कराने के संबंध में मीडिया की खबरों से जुड़े सवाल के जवाब में, प्रचंड ने कहा कि यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है.

प्रचंड ने कहा, ‘‘सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और ऐसे में जब भारत की यात्रा होने वाली है, मुझे लगता है कि इस संबंध में नयी दिल्ली के साथ किसी तरह की आम सहमति बनाने की जरूरत है.''

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Raped By Village Head's Relative, Woman Stopped From Going To Cops

A 26-year-old woman was allegedly raped by her neighbour in Jharkhand's Palamu district, police said on Saturday.

The incident happened on Tuesday, but the complaint was filed on Saturday as the local panchayat was allegedly preventing the woman and her husband from going to the police station because the accused is the brother-in-law of the 'mukhiya' or village head, they said.

The accused, a 36-year-old man, took the woman's husband to a programme on Tuesday night and returned to the village a while later alone, leaving him there. On returning to the village, he went to the woman's house, gagged her and took her to an isolated place, where he allegedly raped her, police said.

In the meantime, the husband returned, and not finding his wife at home, he started searching for her. He found his wife while the accused was allegedly raping her, they said.

Police said the local panchayat held a series of meetings over the issue, and first offered money to the woman to hush up the case. When she did not agree, she was told to go to her parent's home. The panchayat then decided not to allow the family outside their home at any cost.

However, she somehow managed to go to the Sadar police station along with her husband, and file a complaint, police said.

A hunt was on to arrest the accused, said Additional Superintendent of Police Rishabh Garg.

The woman was sent for the medical examination to the Medinirai Medical College and Hospital.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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तीन राष्ट्रों की यात्रा पर PM मोदी : विदेश में भारतीय संस्कृति की उपस्थिति को बढ़ाना है उद्देश्य

नई दिल्ली: जी-7 और अन्य महत्वपूर्ण बातचीत के अलावा, PM नरेंद्र मोदी के तीन देशों के दौरे को इन देशों में भारतीय संस्कृति की उपस्थिति बढ़ाने के उद्देश्य से भी देखा जा रहा है. अधिकारियों ने कहा, "शनिवार को जापान के हिरोशिमा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद, पीएम मोदी अगले देश पापुआ न्यू गिनी में टोक पिसिन भाषा में सम्मानित कवि और दार्शनिक तिरुवल्लुवर द्वारा लिखित एक क्लासिक तमिल पाठ "द तिरुक्कुरल" का विमोचन करेंगे. टोक पिसिन प्रशांत राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में से एक है. 

प्रधानमंत्री सोमवार को पापुआ न्यू गिनी से ऑस्ट्रेलिया जाएंगे. बड़ी संख्या में भारतीयों की उपस्थिति और योगदान को मान्यता देने के लिए स्थानीय अधिकारी औपचारिक रूप से पररामट्टा में हैरिस पार्क इलाके का नामकरण "लिटिल इंडिया" करेंगे. 

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेश यात्राओं और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के साथ बातचीत के दौरान भारतीय संस्कृति और परंपराओं के बारे में जागरूकता फैलाने का एक बिंदु बनाया है, जिसमें उनके द्वारा दिए जाने वाले उपहारों की पसंद भी शामिल है, और इस उद्देश्य के साथ चल रही यात्रा जारी है.

महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि शांति और सद्भाव के गांधीवादी आदर्श विश्व स्तर पर प्रतिध्वनित होते हैं और लाखों लोगों को ताकत देते हैं.

महात्मा गांधी की प्रतिमा के स्थान को शांति और अहिंसा के लिए एकजुटता के प्रतीक के रूप में चुना गया है. अमेरिका ने 6 अगस्त, 1945 को हिरोशिमा पर दुनिया का पहला परमाणु हमला किया, जिसमें शहर तबाह हो गया और करीब 1,40,000 लोग मारे गए थे.

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"We Will Work To End Fertiliser Jihad": Himanta Biswa Sarma

Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma, pointing out the adverse effects on health of excessive use of fertilisers, on Friday stressed the use of natural and organic farming.

Chief Minister Sarma was speaking at the inauguration of the Natural Farming Conclave at Srimanta Sankardev Kalakshetra in Guwahati.

Addressing the event, Chief Minister Sarma said, "Last year, I and honourable Prime Minister Narendra Modi had various meetings, where the PM suggested increasing organic farming in Assam. Recently we have seen in the documentary that there is so much potential in our land that if we try to use it efficiently, and then we will not need any Urea, Phosphate, Nitrogen, etc."

Today, the honourable governor of Gujarat Acharya Devvrat explained logically that natural farming is healthier than fertiliser farming, and also brings more yield to the farmers.

The Chief Minister further said that the use of bad fertilisers leads to adverse health effects on the people, and stressed natural farming.

"When we started governing Assam, we mentioned that due to the use of bad fertilisers, there is an increase of heart diseases, kidney diseases, etc. Also, during the campaign, we have mentioned earlier that we will work to remove the fertiliser jihad," he said.

The Chief Minister added, "We should use fertiliser but too much use will affect the health. If natural farming produces more within the same plot of land where crops are sowed with fertiliser, then I believe there is no alternative to natural farming."

Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma also said that schemes like Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana are serving as a great help for a state like Assam which suffers from perennial floods.

It may be noted that financial assistance to the tune of Rs 236 crore under the Pradhan Mantri Fasal Yojana was provided to over 3 lakh farmers of the state in the last three seasons.

(This story has not been edited by NDTV staff and is auto-generated from a syndicated feed.)



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Friday, May 19, 2023

NEET, JEE, AIBE क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित होती है, CLAT क्यों नहीं : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के समूह से पूछा कि जब मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षाएं क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित की जा सकती हैं तो साझा विधि प्रवेश परीक्षा (सीएलएटी) क्यों नहीं, जो अंग्रेजी में आयोजित की जाती है. उच्च न्यायालय ने सीएलएटी-2024 को न केवल अंग्रेजी बल्कि क्षेत्रीय भाषाओं में भी आयोजित कराने के अनुरोधी वाली याचिका पर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए समूह को चार सप्ताह का समय दिया. 

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि ऐसे विशेषज्ञ हैं जो राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) के प्रश्नपत्रों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करते हैं, फिर ‘‘हम इन प्रश्नपत्रों (सीएलएटी) का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद क्यों नहीं करवा सकते?''

पीठ ने कहा, "अगर चिकित्सा शिक्षा हिंदी में पढ़ाई जा सकती है, अगर एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा हिंदी में हो सकती है, जेईई हिंदी में हो सकती है, तो आप किस बारे में बात कर रहे हैं." पीठ ने कहा कि ऑल इंडिया बार परीक्षा (एआईबीई) भी हिंदी में आयोजित की जाती है.

विधि विश्वविद्यालयों के समूह के वकील ने कहा कि समूह याचिका को प्रतिकूल नहीं मान रहा, और यह सहमति है कि परीक्षा अन्य भाषाओं में भी आयोजित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, "विचार निश्चित रूप से इसे और अधिक समावेशी बनाने के लिए है. एकमात्र चिंता यह है कि हमारे पास कानूनी ज्ञान के साथ आवश्यक भाषाई विशेषज्ञ होने चाहिए."

दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून के छात्र सुधांशु पाठक द्वारा दायर जनहित याचिका में दलील दी गई है कि सीएलएटी (स्नातक) परीक्षा "भेदभाव" करती है और उन छात्रों को "समान अवसर" प्रदान करने में विफल रहती है जिनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि क्षेत्रीय भाषाओं से जुड़ी है.

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने कहा कि समूह द्वारा जल्द से जल्द जवाब देना जरूरी है अन्यथा मामला निष्फल हो जाएगा क्योंकि इस साल के अंत तक परीक्षा निर्धारित है. उन्होंने कहा कि अगर मामले की जल्द सुनवाई नहीं हुई तो समूह कहेगा कि अब उसके पास अंग्रेजी के प्रश्नपत्र को अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने का समय नहीं है.

वरिष्ठ अधिवक्ता की दलीलों से सहमति जताते हुए पीठ ने कहा, "वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता की चिंता जायज है. इसलिए, प्रतिवादी संख्या एक (राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के समूह) को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया जाता है."

पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए सात जुलाई को सूचीबद्ध किया.

केंद्र सरकार के स्थायी वकील भगवान स्वरूप शुक्ला ने कहा कि एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली नीट, इंजीनियरिंग कॉलेजों तथा आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) के लिए आयोजित की जाने वाली जेईई (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) अधिकांश क्षेत्रीय भाषाओं में भी आयोजित की जाती है. उन्होंने मामले में निर्देश लेने के लिए समय मांगा और अदालत ने उन्हें चार सप्ताह का समय दिया.


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After Clean Chit To Adani Group, BJP Leader's Swipe At Rahul Gandhi

Shortly after the Supreme Court-appointed panel's clean chit to the Adani group in an investigation linked to the Hindenburg allegations, BJP leader Amit Malviya launched a pointed attack against Congress leader Rahul Gandhi.  

Mr Malviya, the BJP IT cell chief, listed out occasions when Rahul Gandhi's accusations, including the corruption allegations in the Rafale Jet deal, fell flat. The latest being the allegations levelled by the Congress leader in the Adani-Hindenburg case.

"Rahul Gandhi's speech writers will now have to come up with something more outlandish, for him to sustain his lie machine," said Mr Malviya.

The Supreme Court had appointed the committee of domain experts alongside the investigation that SEBI was conducting into Hindenburg's allegations against the Adani Group.

"At this stage, taking into account the explanations provided by SEBI, supported by empirical data, prima facie, it would not be possible for the committee to conclude that there has been a regulatory failure around the allegation of price manipulation," the panel said in the report submitted to the Supreme Court.

The committee said there was no price manipulation on the part of the Adani Group and that the conglomerate had taken necessary steps to comfort retail investors.

The mitigating measures taken by the group had helped in building confidence in the stock and the stocks are stable now, the panel said.

No regulatory failure was found regarding Minimum Public Shareholding and there was no violation of compliances, the committee said.

Foreign portfolio investors in Adani Group stocks are compliant with SEBI's regulations, the committee said.



(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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SC के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए जारी किया अध्यादेश

दिल्ली में केजरीवाल सरकार और उप-राज्यपाल के बीच चल रहे गतिरोध के बीच केंद्र सरकार ने एक नया अध्यादेश पारित किया है. इस अध्यादेश की मदद से अब दिल्ली सरकार के अधिकारों में कटौती की गई है. केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी करने के साथ ही नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी का भी गठन किया है. इस अथॉरिटी की जिम्मेदारी होगी कि वो सभी ग्रुप ए और डैनिब्स के अधिकारियों के तबादले और नियुक्तियां कर सकें.

केंद्र द्वारा बनाई गई नई अथॉरिटी में तीन लोग शामिल हैं. इनमें दिल्ली के सीएम, मुख्य सचिव और प्रिसिंपल सेक्रेटरी (होम) एनसीटी सरकार मुख्य रूप से शामिल हैं. इसी अथॉरिटी की सलाह पर केंद्र फैसले लेगा. साथ ही यह भी प्रावधान है कि बहुमत से ही होगा फैसला. 

यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार को मिले अधिकारों में कटौती के लिए हैं. अभी तक मुख्य सचिव और प्रिंसिपल सेक्रेट्री होम केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए हुए हैं. यानी नए अध्यादेश के बाद अब अथॉरिटी में मुख्यमंत्री अल्पमत में होगा. यानी ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार अभी भी केंद्र सरकार के पास ही रहेगा. 

केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई इस अथॉरिटी को लेकर अब राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आना शुरू हो गई हैं. अध्यादेश पर दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी बोली, केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल से डरी हुई है अध्यादेश साफ-साफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है. सरकार के पास निर्णय लेने की ताकत होनी चाहिए यही लोकतंत्र का सम्मान है. उन्होंने आगे कहा कि सीएम केजरीवाल को पावर देने के डर से केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई है. इस अध्यादेश से साफ नजर आता है कि केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल से डरी हुई है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले से डरी हुई है. 

वहीं बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने केंद्र सरकार के इस अध्यादेश का स्वागत किया है. उन्होंने इस अध्यादेश के जारी होने के बाद कहा कि हम इस अध्यादेश का स्वागत करते हैं. 



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