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Saturday, May 20, 2023

तीन राष्ट्रों की यात्रा पर PM मोदी : विदेश में भारतीय संस्कृति की उपस्थिति को बढ़ाना है उद्देश्य

नई दिल्ली: जी-7 और अन्य महत्वपूर्ण बातचीत के अलावा, PM नरेंद्र मोदी के तीन देशों के दौरे को इन देशों में भारतीय संस्कृति की उपस्थिति बढ़ाने के उद्देश्य से भी देखा जा रहा है. अधिकारियों ने कहा, "शनिवार को जापान के हिरोशिमा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद, पीएम मोदी अगले देश पापुआ न्यू गिनी में टोक पिसिन भाषा में सम्मानित कवि और दार्शनिक तिरुवल्लुवर द्वारा लिखित एक क्लासिक तमिल पाठ "द तिरुक्कुरल" का विमोचन करेंगे. टोक पिसिन प्रशांत राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में से एक है. 

प्रधानमंत्री सोमवार को पापुआ न्यू गिनी से ऑस्ट्रेलिया जाएंगे. बड़ी संख्या में भारतीयों की उपस्थिति और योगदान को मान्यता देने के लिए स्थानीय अधिकारी औपचारिक रूप से पररामट्टा में हैरिस पार्क इलाके का नामकरण "लिटिल इंडिया" करेंगे. 

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेश यात्राओं और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के साथ बातचीत के दौरान भारतीय संस्कृति और परंपराओं के बारे में जागरूकता फैलाने का एक बिंदु बनाया है, जिसमें उनके द्वारा दिए जाने वाले उपहारों की पसंद भी शामिल है, और इस उद्देश्य के साथ चल रही यात्रा जारी है.

महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि शांति और सद्भाव के गांधीवादी आदर्श विश्व स्तर पर प्रतिध्वनित होते हैं और लाखों लोगों को ताकत देते हैं.

महात्मा गांधी की प्रतिमा के स्थान को शांति और अहिंसा के लिए एकजुटता के प्रतीक के रूप में चुना गया है. अमेरिका ने 6 अगस्त, 1945 को हिरोशिमा पर दुनिया का पहला परमाणु हमला किया, जिसमें शहर तबाह हो गया और करीब 1,40,000 लोग मारे गए थे.

यह भी पढ़ें-
G7 समिट के दौरान गर्मजोशी के साथ मिले पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन, एक दूसरे को गले भी लगाया
हिंडनबर्ग केस में SC एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट पर मार्केट और इंडस्ट्री के दिग्गजों की क्या है राय?



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"We Will Work To End Fertiliser Jihad": Himanta Biswa Sarma

Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma, pointing out the adverse effects on health of excessive use of fertilisers, on Friday stressed the use of natural and organic farming.

Chief Minister Sarma was speaking at the inauguration of the Natural Farming Conclave at Srimanta Sankardev Kalakshetra in Guwahati.

Addressing the event, Chief Minister Sarma said, "Last year, I and honourable Prime Minister Narendra Modi had various meetings, where the PM suggested increasing organic farming in Assam. Recently we have seen in the documentary that there is so much potential in our land that if we try to use it efficiently, and then we will not need any Urea, Phosphate, Nitrogen, etc."

Today, the honourable governor of Gujarat Acharya Devvrat explained logically that natural farming is healthier than fertiliser farming, and also brings more yield to the farmers.

The Chief Minister further said that the use of bad fertilisers leads to adverse health effects on the people, and stressed natural farming.

"When we started governing Assam, we mentioned that due to the use of bad fertilisers, there is an increase of heart diseases, kidney diseases, etc. Also, during the campaign, we have mentioned earlier that we will work to remove the fertiliser jihad," he said.

The Chief Minister added, "We should use fertiliser but too much use will affect the health. If natural farming produces more within the same plot of land where crops are sowed with fertiliser, then I believe there is no alternative to natural farming."

Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma also said that schemes like Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana are serving as a great help for a state like Assam which suffers from perennial floods.

It may be noted that financial assistance to the tune of Rs 236 crore under the Pradhan Mantri Fasal Yojana was provided to over 3 lakh farmers of the state in the last three seasons.

(This story has not been edited by NDTV staff and is auto-generated from a syndicated feed.)



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Friday, May 19, 2023

NEET, JEE, AIBE क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित होती है, CLAT क्यों नहीं : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के समूह से पूछा कि जब मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षाएं क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित की जा सकती हैं तो साझा विधि प्रवेश परीक्षा (सीएलएटी) क्यों नहीं, जो अंग्रेजी में आयोजित की जाती है. उच्च न्यायालय ने सीएलएटी-2024 को न केवल अंग्रेजी बल्कि क्षेत्रीय भाषाओं में भी आयोजित कराने के अनुरोधी वाली याचिका पर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए समूह को चार सप्ताह का समय दिया. 

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि ऐसे विशेषज्ञ हैं जो राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) के प्रश्नपत्रों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करते हैं, फिर ‘‘हम इन प्रश्नपत्रों (सीएलएटी) का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद क्यों नहीं करवा सकते?''

पीठ ने कहा, "अगर चिकित्सा शिक्षा हिंदी में पढ़ाई जा सकती है, अगर एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा हिंदी में हो सकती है, जेईई हिंदी में हो सकती है, तो आप किस बारे में बात कर रहे हैं." पीठ ने कहा कि ऑल इंडिया बार परीक्षा (एआईबीई) भी हिंदी में आयोजित की जाती है.

विधि विश्वविद्यालयों के समूह के वकील ने कहा कि समूह याचिका को प्रतिकूल नहीं मान रहा, और यह सहमति है कि परीक्षा अन्य भाषाओं में भी आयोजित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, "विचार निश्चित रूप से इसे और अधिक समावेशी बनाने के लिए है. एकमात्र चिंता यह है कि हमारे पास कानूनी ज्ञान के साथ आवश्यक भाषाई विशेषज्ञ होने चाहिए."

दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून के छात्र सुधांशु पाठक द्वारा दायर जनहित याचिका में दलील दी गई है कि सीएलएटी (स्नातक) परीक्षा "भेदभाव" करती है और उन छात्रों को "समान अवसर" प्रदान करने में विफल रहती है जिनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि क्षेत्रीय भाषाओं से जुड़ी है.

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने कहा कि समूह द्वारा जल्द से जल्द जवाब देना जरूरी है अन्यथा मामला निष्फल हो जाएगा क्योंकि इस साल के अंत तक परीक्षा निर्धारित है. उन्होंने कहा कि अगर मामले की जल्द सुनवाई नहीं हुई तो समूह कहेगा कि अब उसके पास अंग्रेजी के प्रश्नपत्र को अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने का समय नहीं है.

वरिष्ठ अधिवक्ता की दलीलों से सहमति जताते हुए पीठ ने कहा, "वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता की चिंता जायज है. इसलिए, प्रतिवादी संख्या एक (राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के समूह) को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया जाता है."

पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए सात जुलाई को सूचीबद्ध किया.

केंद्र सरकार के स्थायी वकील भगवान स्वरूप शुक्ला ने कहा कि एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली नीट, इंजीनियरिंग कॉलेजों तथा आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) के लिए आयोजित की जाने वाली जेईई (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) अधिकांश क्षेत्रीय भाषाओं में भी आयोजित की जाती है. उन्होंने मामले में निर्देश लेने के लिए समय मांगा और अदालत ने उन्हें चार सप्ताह का समय दिया.


ये भी पढ़ें :

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After Clean Chit To Adani Group, BJP Leader's Swipe At Rahul Gandhi

Shortly after the Supreme Court-appointed panel's clean chit to the Adani group in an investigation linked to the Hindenburg allegations, BJP leader Amit Malviya launched a pointed attack against Congress leader Rahul Gandhi.  

Mr Malviya, the BJP IT cell chief, listed out occasions when Rahul Gandhi's accusations, including the corruption allegations in the Rafale Jet deal, fell flat. The latest being the allegations levelled by the Congress leader in the Adani-Hindenburg case.

"Rahul Gandhi's speech writers will now have to come up with something more outlandish, for him to sustain his lie machine," said Mr Malviya.

The Supreme Court had appointed the committee of domain experts alongside the investigation that SEBI was conducting into Hindenburg's allegations against the Adani Group.

"At this stage, taking into account the explanations provided by SEBI, supported by empirical data, prima facie, it would not be possible for the committee to conclude that there has been a regulatory failure around the allegation of price manipulation," the panel said in the report submitted to the Supreme Court.

The committee said there was no price manipulation on the part of the Adani Group and that the conglomerate had taken necessary steps to comfort retail investors.

The mitigating measures taken by the group had helped in building confidence in the stock and the stocks are stable now, the panel said.

No regulatory failure was found regarding Minimum Public Shareholding and there was no violation of compliances, the committee said.

Foreign portfolio investors in Adani Group stocks are compliant with SEBI's regulations, the committee said.



(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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SC के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए जारी किया अध्यादेश

दिल्ली में केजरीवाल सरकार और उप-राज्यपाल के बीच चल रहे गतिरोध के बीच केंद्र सरकार ने एक नया अध्यादेश पारित किया है. इस अध्यादेश की मदद से अब दिल्ली सरकार के अधिकारों में कटौती की गई है. केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी करने के साथ ही नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी का भी गठन किया है. इस अथॉरिटी की जिम्मेदारी होगी कि वो सभी ग्रुप ए और डैनिब्स के अधिकारियों के तबादले और नियुक्तियां कर सकें.

केंद्र द्वारा बनाई गई नई अथॉरिटी में तीन लोग शामिल हैं. इनमें दिल्ली के सीएम, मुख्य सचिव और प्रिसिंपल सेक्रेटरी (होम) एनसीटी सरकार मुख्य रूप से शामिल हैं. इसी अथॉरिटी की सलाह पर केंद्र फैसले लेगा. साथ ही यह भी प्रावधान है कि बहुमत से ही होगा फैसला. 

यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार को मिले अधिकारों में कटौती के लिए हैं. अभी तक मुख्य सचिव और प्रिंसिपल सेक्रेट्री होम केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए हुए हैं. यानी नए अध्यादेश के बाद अब अथॉरिटी में मुख्यमंत्री अल्पमत में होगा. यानी ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार अभी भी केंद्र सरकार के पास ही रहेगा. 

केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई इस अथॉरिटी को लेकर अब राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आना शुरू हो गई हैं. अध्यादेश पर दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी बोली, केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल से डरी हुई है अध्यादेश साफ-साफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है. सरकार के पास निर्णय लेने की ताकत होनी चाहिए यही लोकतंत्र का सम्मान है. उन्होंने आगे कहा कि सीएम केजरीवाल को पावर देने के डर से केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई है. इस अध्यादेश से साफ नजर आता है कि केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल से डरी हुई है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले से डरी हुई है. 

वहीं बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने केंद्र सरकार के इस अध्यादेश का स्वागत किया है. उन्होंने इस अध्यादेश के जारी होने के बाद कहा कि हम इस अध्यादेश का स्वागत करते हैं. 



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Bihar 2nd In Crimes Against Scheduled Caste People: Caste Panel Head

Chairman of the National Commission for Scheduled Castes (NCSC), Vijay Sampla on Friday said Bihar ranks in the second position in the country in crimes against Scheduled Caste (SC) people and it is a matter of concern.

He, however, did not reveal the name of the state which tops the list.

“Bihar is at second position in the country, when it comes to crime, including murder, against SCs. The state government has not taken any concrete steps to check crimes against SCs,” Mr Sampla told reporters.

He also did not provide details about the incidents of crimes against SC people in Bihar.

The data provided by Bihar during meetings with NCSC members made it clear that the administration failed to provide benefits of the state and central governments' social, economic and welfare schemes to the SC community, he said after concluding a two-day state-level review meeting.

He said, “As per information provided to the commission, several posts for SCs have been lying vacant in the state for the last several years. The state must launch a special drive to fill those posts.” Besides, the performance of Bihar in providing education to students belonging to the SC community has been abysmal, said the NCSC chairman.

“Out of the total SC children who enrol in primary schools of the state, only 20 per cent opt for secondary education. This alarming 80 per cent dropout rate among the SC children shows the Bihar government's indifferent and lackadaisical approach towards their education,” Mr Sampla said.

Expressing disappointment that the state has only six hostels for SC girls, he asked the state government to set up at least one hostel for such girls in every district in the state.

To a question, Mr Sampla said, “The commission has sent notice to the state government asking it to explain the grounds on which Anand Mohan Singh was released.” Gangster-turned-politician Anand Mohan Singh, who was serving a life sentence was released from jail last month after being behind bars for 15 years. He was convicted for his role in the 1994 murder of the then Gopalganj collector G Krishnaiah who belonged to the SC community.

The former Bihar MP was released under a jail sentence remission order after the state government's recent amendment of prison rules which allowed the early release of 27 convicts, including him.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Chai GPT की शॉप देख सोशल मीडिया यूज़र्स बोले- इसकी नौकरी तो AI ले ही नहीं सकता है

Chai GPT Viral : इस देश में कुछ भी ट्रेंडिंग में होता है, लोग उसे अपना लेते हैं. क्रियटिविटी और जुगाड़ के मामले में भारत का कोई सानी नहीं है. अभी हाल ही में हमने देखा है कि देश में कई दुकाने ऐसी खुल चुकी हैं, जो डिग्री के नाम से चल रही हैं. MBA चायवाला, B.Tech पानीपुरी वाली, Graduate चायवाली तमाम ऐसी दुकाने हैं, जो उदाहरण हैं. अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि Chai GPT के नाम से एक चाय की दुकान भी खुली है. यह शॉप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ChatGPT के नाम पर रखी गई है.  'चैटजीपीटी' (ChatGPT) का नाम तो आपने सुना ही होगा. यह एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस चैटबॉट है. यहां आपको सभी सवालों का जवाब आसान भाषा में मिलेगा.

तस्वीर देखें- Chai GTP का पूरा नाम- Genuinely Pure Tea

Chai GPT के नाम पर इस दुकान की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की गई है. इसे @swatic12 नाम के यूजर ने 17 मई को शेयर की है. इस पोस्ट के साथ एक कैप्शन भी लिखा गया है. कैप्शन में यूज़र ने लिखा है- सिलिकॉन वैली वाले: हमारे पास बेस्ट स्टार्टअप आइडियाज हैं. वहीं इंडियन टी शॉप्स का अलग ही जलवा है!

Chai GTP का पूरा नाम- Genuinely Pure Tea

खबर लिखे जाने तक इस ट्वीट को 53 हजार से अधिक व्यूज मिल चुके हैं. वहीं इस तस्वीर पर कई लोगों के कमेंट्स भी देखने को मिल रहे हैं. इस तस्वीर पर कई लोगों के कमेंट्स देखने को मिल रहे हैं. एख यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है- भारत में जुगाड़ ही जुगाड़ है. वहीं इस तस्वीर पर एक अन्य यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है-  इसकी नौकरी तो AI ले ही नहीं सकता है.

इस वीडियो को भी देखें



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