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Friday, May 12, 2023

सीमावर्ती गांवों को लेकर लोगों की धारणाएं बदल रही हैं : मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सीमावर्ती गांवों के बारे में लोगों के नजरिए में बड़ा बदलाव आ रहा है और वे अब इन्हें देश के अंतिम और पहले गांव के रूप में नहीं पहचानते. उत्तराखंड में चीन की सीमा से लगी जसपुर पंचायत के प्रधान हरीश राणा को लिखे पत्र में मोदी ने कहा कि ये गांव रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं और देश की सुरक्षा के लिए इनके निवासी प्रहरी हैं. अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री, राणा के उस पत्र का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने इलाके को 'जीवंत गांवों' के कार्यक्रम में शामिल करने के लिए धन्यवाद दिया था. यह कार्यक्रम चिन्हित सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने और उन्हें अपने मूल स्थानों पर रहने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया था. 

मोदी ने कहा कि इन क्षेत्रों के विकास और उन्हें उचित पहचान दिलाने के लिए कई स्तरों पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि संपर्क को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे के विकास, पर्यटन को बढ़ाने, पलायन को रोकने और युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए जीवंत गांव कार्यक्रम शुरू किए गए हैं. 

इससे लोगों को वहां की पारंपरिक संस्कृति और कला के अलावा इन क्षेत्रों के लोगों की जीवन शैली देखने में मदद मिलेगी. 

मोदी ने कहा कि विभिन्न प्रयासों से स्थानीय उत्पादों ने भारत और विदेशों में अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कई अन्य योजनाओं की तरह लोगों की भागीदारी के माध्यम से 'जीवंत गांव' कार्यक्रम बड़े पैमाने पर सफल होगा. 

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Kerala High Court Asks Government To Ensure Boats Are Not Overcrowded

The Kerala High Court on Friday issued directions to the government to ensure that the boats operating in the State are not overloaded and display prominently the maximum carrying capacity on each vessel.

The court was hearing a suo motu PIL over the tragic boat accident that happened at Tanur on May 7 that claimed 22 lives, including 15 children.

The bench, comprising Justices Devan Ramachandran and Sophy Thomas, noted that overloading was one of the major factors causing a boat accident.

"...Therefore there is no doubt in our minds that the fundamental imperative is to ensure that every boat in Kerala is allowed to ferry or carry persons only to the maximum capacity as certified by the competent authority," the court said.

The Bench also directed that every boat should be asked to display a board on its conspicuous places, including points of entry and exit and also within its cabins, showing the maximum number of people that it should carry.

The court appointed senior lawyer V M Shyamkumar as amicus curiae in the matter.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Thursday, May 11, 2023

Man Kills 66-Year-Old Mother, Attacks Father With Knife In Thane: Cops

A 31-year-old man allegedly stabbed his mother to death and seriously wounded his father in Maharashtra's Thane city on Thursday, police said.

A manhunt has been launched for the accused, said senior inspector Rajesh Babshetty of Kasarwadavali police station.

The deceased was identified as Vinita Bhatkar, 66, who lived with her husband in the Kopri area.

As per preliminary information, the accused attacked his parents with a kitchen knife around 12 noon following a quarrel.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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टिल्लू ताजपुरिया की हत्या मामले में बड़ा एक्शन, स्पेशल सेल की टीम ने 2 कैदियों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल के अंदर की गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की गिरोह के सदस्यों द्वारा हत्या किए जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. अब इस मामले में तिहाड़ जेल से बड़ी गिरफ्तारी हुई है. जेल में बंद दो और कैदियों को स्पेशल सेल की टीम ने गिरफ्तार किया है. बताया जाता  है कि विनोद और अताउर रहमान को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है.

विनोद पर आरोप है कि उसने हत्याकांड के दौरान चादर से न सिर्फ सीसीटीवी छुपाने की कोशिश की बल्कि आरोपी जिस चादर से लटक कर टिल्लू के बैरेक में कूदे थे वो चादर पकड़ कर विनोद खड़ा था. अताउर रहमान पर आरोप है कि उसने हत्याकांड के बाद चाकू छुपाने में मदद की. स्पेशल सेल की टीम आज फिर तिहाड़ पहुंची थी और क्राइम सीन को रीक्रिएट किया.

इससे पहले वारदात का एक CCTV फुटेज गुरुवार को सामने आया था. इस वीडियो में एक बार फिर पुलिस के सामने आरोपी टिल्लू ताजपुरिया के शव पर हमला करते दिख रहा था. वे उस पर वार कर रहे हैं, उसे पैरों से कुचल रहे हैं और सामने पुलिस कर्मी तमाशबीन बने हुए देख रहे हैं. इस मामले में एक असिस्टेंड सुप्रिंटेंटेंड समेत जेल के कुल 7 सुरक्षा कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था.  

कौन था सुनील मान उर्फ ​​टिल्लू ताजपुरिया?
1. सुनील मान उर्फ ​​टिल्लू ताजपुरिया दिल्ली में अलीपुर के पास ताजपुर गांव का निवासी था. उसे  2016 में कई अपराधों के लिए गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में है.

2. सितंबर 2021 में, रोहिणी अदालत परिसर में एक अदालत कक्ष के अंदर एक गोलीबारी में जितेंद्र मान उर्फ ​​​​गोगी की हत्या में ताजपुरिया कथित रूप से शामिल था.
3. गोगी, 30, जो तिहाड़ जेल में था, 24 सितंबर को सुनवाई के लिए अदालत आया था. गोगी के अदालत में प्रवेश करने के कुछ ही मिनटों के भीतर, वकीलों की पोशाक में दो बंदूकधारियों ने गोगी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. टिल्लू गिरोह के सदस्य दो बंदूकधारियों को पुलिस टीम ने मार गिराया था. मार्च 2020 में गिरफ्तारी तक बाहरी दिल्ली के अलीपुर का रहने वाला गोगी दिल्ली का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर था. उस पर हत्या, डकैती और जबरन वसूली के कम से कम 19 मामले दर्ज थे.

4. टिल्लू और गोगी के बीच प्रतिद्वंद्विता 2009-10 से है, जब दोनों दोस्त थे लेकिन बाहरी दिल्ली के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में चुनाव में अलग-अलग उम्मीदवारों का समर्थन करते थे.

5. "चुनाव के दौरान उनके बीच मतभेद पैदा हो गए और दोस्त दुश्मन बन गए. उनकी प्रतिद्वंद्विता ने 2013 से अब तक 20 से अधिक लोगों की जान ले ली है. गोगी के हमले के पीछे टिल्लू मास्टरमाइंड के रूप में उभरा. उसे गिरफ्तार किया गया और मामले में चार्जशीट किया गया था."
 



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National Congress Leaders, Rajasthan Party Chief To Meet On Friday

Amid a renewed challenge from Sachin Pilot to the Congress top brass, Rajasthan in-charge at the AICC Sukhjinder Singh Randhawa has called a meeting of his three co-incharges and the PCC chief in Delhi on Friday, party sources said.

The meeting called by Mr Randhawa will be attended by Rajasthan Congress chief Govind Singh Dotasara, co-incharges Qazi Muhammad Nizamuddin, Amrita Dhawan and Virendra Rathore.

Mr Dotasra confirmed the meeting and said it will be held to strengthen the Congress in the election year and discuss all the issues related to Rajasthan. The meeting is expected to discuss the challenge thrown by Mr Pilot's "Jan Sangharsh Yatra".

Mr Pilot launched a 125-km foot march from Ajmer to Jaipur on Thursday to raise the issue of corruption and cases of paper leaks in government recruitment exams.

He said his march is not against anyone but over issues. He also repeated that he had been writing to Chief Minister Ashok Gehlot for a year and a half for action over corruption, but none has been taken.

The five-day yatra mounts pressure on the party leadership months ahead of the assembly elections.

A month ago, the former deputy chief minister defied a warning from the party to hold a daylong fast targeting Mr Gehlot on "inaction" over alleged corruption when the BJP was previously in power.

Mr Pilot and Mr Gehlot has been engaged in a bitter tussle for power in the state Congress unit and in government.

One of the Sachin Pilot-camp MLAs, Ved Prakash Solanki, has written to Congress president Mallikarjun Kharge and former president Rahul Gandhi, saying Mr Randhawa has failed to establish coordination in the party's state unit.

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यशस्वी जायसवाल: तबेले और पानीपूरी बेचने से लेकर IPL तक का सफर

यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के खिलाफ 43 गेंद में 77 रन की शानदार पारी खेली जिसमें 8  चौक्का और 4 छक्के लगाए. मैच हारने के बाद CSK के कप्तान धोनी (MS Dhoni) ने यशस्वी की तारीफ की. यशस्वी की कहानी अपने आप में बहुत प्रेरणादायक है. उत्तर प्रदेश के भदोई के रहने वाले यशस्वी 11 साल की उम्र में मुंबई आ गए क्योंकि उन्हें क्रिकेट खेलना था. भदोई में पिता की पेंट की एक दूकान थी. मुंबई में पिता ने यशस्वी के रहने का इंतज़ाम जान पहचान के एक तबेले में करवा दिया जहां ये शर्त थी कि यशस्वी को वहां तबेले में काम करना पड़ेगा. 5 बजे सुबह उठ कर यशस्वी तबेले में मदद करते फिर आज़ाद मैदान जा कर क्रिकेट की प्रैक्टिस करते थे.  

गोलगप्पे और चाट बेचने से लेकर आईपीएल तक 

एक दिन जब यशस्वी प्रैक्टिस से वापिस लौटे तो उनका सामान फेंका हुआ था. तबेले के मालिक ने उन्हें निकाल दिया. यशस्वी ने अपना सामान उठाया और आज़ाद मैदान आ गए. वहां पर मुस्लिम युनाटेड क्लब के टेंट में रहने लगे जहां बिजली तक नहीं थी ना ही टॉयलेट. उस टेंट में उस मुस्लिम ग्राउंड्समैन के साथ यशस्वी ने तीन साल गुजारे. पैसे होते नहीं थे तो गोलगप्पे और चाट बेचने का भी काम किया.

एक बार उनके दूकान पर कुछ लड़के आए गोलगप्पे खाने यशस्वी ने देखा कि ये तो वही लड़के हैं जिनके साथ वो क्रिकेट खेलते हैं, उनको देखते ही यशस्वी शर्म के मारे गोलगप्पे का स्टाल छोड़ कर भाग गए. मगर सुबह से शाम तक यशस्वी की प्रैक्टिस जारी रही. यशस्वी ने यह भी सोच रखा था कि यदि वे क्रिकेट जारी नहीं रख पाए में सेना में जाने की कोशिश करेगें.

लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था. आज़ाद मैदान में ही यशस्वी को स्थानीय कोच ज्वाला सिंह मिले उन्हें यशस्वी में कुछ दिखा उन्होंने यशस्वी के नए जूते और किट दिलवाए और रहने के लिए अपने चाल के अपने कमरे में जगह भी दी. ज्वाला सिंह की भी कहानी कुछ इसी तरह की थी मगर उन्हें कोई मदद करने वाला नहीं था इसलिए उन्होंने यशस्वी की मदद करने की ठानी.

उसके बाद यशस्वी ने दादर यूनियन क्लब ज्वाइन किया. दिलीप वेंगसरकर ने क्लब के खिलाड़ी के तौर पर यशस्वी को इंग्लैंड भेजा. उसके बाद यशस्वी U 16, 19 और 23 के लिए खेले. यशस्वी ने विजय हज़ारे ट्राफ़ी में 50 ओवर के मैच में 200 रन बनाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने. U 19 में उनकी प्रतिभा को राहुल द्रविड़ ने तरासा. 2020 के IPL में राजस्थान ने यशस्वी को 2 करोड़ 40 लाख में ख़रीदा..यशस्वी की सफलता के आगे की कहानी अब सब के सामने है.

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Considering Recruiting Women As Paramilitary Constables: Centre

Centre has told the Delhi High Court it is considering introducing provisions for recruitment of females to the post of Constable/ Driver and Constable/Driver-cum-Pump Operator (Driver for Fire Services) in CISF at par with males.

A bench headed by Chief Justice Satish Chandra Sharma was also informed that similar changes are under consideration for other paramilitary organisations.

The central government sought eight weeks' time for completing the process of amending the recruitment rules.

The statement was made by the central government counsel on a petition alleging "institutional discrimination" against women in recruitment of constables and drivers in the Central Industrial Security Force (CISF).

"Learned CGSC (central government standing counsel) has informed this court that a proposal has already been forwarded by CISF on 23.03.2023 for amending the Recruitment Rules in order to make provision for recruitment of women/ females for the post of Constable/ Driver and Constable/Driver-cum-Pump Operator (Driver for Fire Services) in CISF at par with males," recorded the bench, which also comprised Justice Subramonium Prasad, in its order dated May 9.

"It is also informed by him that similar amendments are being made in respect of Recruitment Rules governing the other Para-Military Organisations," it noted.

The court took the Centre's stand on record and listed the matter for further consideration on August 29.

Petitioner Kush Kalra had approached the high court in 2018 after finding that an advertisement issued by CISF invited applications from only male candidates for the posts of constable/driver and constable/driver-cum-pump operator for fire services" in the force.

The plea, filed through advocate Charu Wali Khanna, has said the human rights of women were inalienable and an integral and indivisible part of human rights and there was no rationale for not recruiting women to the posts.

"The respondents (Centre and CISF) are practising institutional discrimination, without any rationale basis depriving females the right to serve in the aforementioned posts. The state cannot enact any law which is inconsistent with/in derogation of fundamental rights and as a consequence thereof, respondents cannot frame any law/rules/bye laws/regulations for its functioning which is inconsistent with or in derogation of fundamental rights," the plea said.

It also said such discrimination by the Centre and the CISF cannot stand the test of "reasonable basis for treating equals differently" as laid down by the Supreme Court.

While seeking a direction to recruit women to the posts in CISF on par with men, the plea also sought to know the steps taken by CISF towards gender equality.

"Direct respondents (Centre and CISF) to inform this Court as to what steps it has taken towards Gender Equality in all posts in CISF," plea said.

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