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Wednesday, May 3, 2023

VIDEO: "एक सेकेंड में टेररिस्ट बना देंगे, तुम पर काल मंडरा रहा"- टीचर को पुलिसवाले ने धमकाया

बिहार पुलिस के एक थानेदार के धमकी देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जानकारी के मुताबिक, किसी मामले के निपटारे के लिए थाने पहुंचे एक टीचर और उनके परिजनों को थानाध्यक्ष राजेश शरण ने वर्दी की धौंस दिखाई. थानाध्यक्ष ने टीचर को सीधे टेररिस्ट बनाने की धमकी दे दी.

वायरल हो रहा वीडियो बिहार के जमुई में झाझा थाना परिसर का बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, वीडियो 2-3 दिन पहले का है, जब किसी मामले को लेकर बुलाने पर एक टीचर अपने परिवार के साथ झाझा थाना पहुंचे थे. इनके तीन दिन देर से आने पर थानाध्यक्ष भड़क उठे और फिर भला बुरा कहने लगे. थाना आए टीचर ने अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन तब वर्दी वाले थाना अध्यक्ष चिल्लाते रहे.

वीडियो में झाझा थानाध्यक्ष एक शख्स को धमकाते हुए कहते हैं, "टेररिस्ट बनाना तो हम लोगों का काम है, एक सेकेंड में बना देंगे टेररिस्ट." वीडियो में देखा जा सकता है कि थानेदार अपनी कुर्सी से उठ कर किस तरह वर्दी का धौंस दिखाते हैं. थानेदार का गुस्सा इतने में ही कम नहीं होता. वह वर्दी का धौंस दिखाते हुए कहते हैं, " तुम पर अब काल मंडरा रहा है."

हैरानी की बात है कि जिस समय यह घटना हुई, वहां मौके पर कई लोग मौजूद थे. थाने में कुछ और पुलिसकर्मी भी थे, लेकिन किसी ने इस हरकत को रोकने की कोशिश नहीं की. 

वायरल हो रहे इस वीडियो के बारे में पूछने पर जमुई जिला पुलिस मुख्यालय हरकत में आई. मामले की जांच की जा रही है. उसके बाद कार्रवाई की जाएगी. बताया जाता है कि टीचर ने जब मामले की शिकायत करने की कोशिश की, तो थानाध्यक्ष ने डराया-धमकाया. इससे टीचर का परिवार भयभीत है.

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संदिग्धों के बारे में खुफिया सूचना के बाद जम्मू-पठानकोट हाईवे पर हाई अलर्ट

खुफिया सूचना के बाद जम्मू से पठानकोट तक सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं. सुरक्षा बलों को ऐसे इनपुट मिले थे कि कुछ संदिग्ध दिखे हैं और वे कुछ कर सकते हैं. इसी को देखते हुए जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर चौकसी बढ़ा दी गई है. कई जगहों पर तलाशी अभियान भी चलाया गया पर अभी तक कुछ भी संदिग्ध नहीं दिखा. खुफिया एजेंसियों को यह भी खबर मिली है कि आतंकी 5 मई या उससे पहले जम्मू कश्मीर में किसी बड़े हमले की तैयारी कर रहे हैं.

ऐसी भी रिपोर्ट है कि आतंकी पुलवामा हमले की तरह ही सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला कर सकते हैं या फिर उरी आतंकी हमले की भांति किसी सैन्य शिविर को निशाना बना सकते हैं. इसे देखते हुए सुरक्षा बल कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं. यही वजह है कि पठानकोट से लेकर जम्मू कश्मीर तक सुरक्षा बल एहतियात के तौर पर अलर्ट पर हैं. पूरे जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, एसओजी सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर  तैनात किया गया है.

जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक हालांकि सीमा पर आतंकियों द्वारा घुसपैठ की कोशिशों में कमी आई है पर सीमा पार से जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिशें अभी भी जारी हैं.  

वैसे जम्मू पुलिस और सेना ने एनडीटीवी से बातचीत में साफ किया है आम नागरिकों को किसी भी तरह घबराने की कोई जरूरत नही है. हर जगह स्थिति नियंत्रण में है. सुरक्षा के लिहाज से कुछ जरूरी कदम उठाए गए हैं.

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Body Parts Of Woman Rural Health Worker Found In Forest In Jharkhand

The body parts of a woman, reportedly an anganwadi worker, were recovered in a forest area in Jharkhand's Sahibganj district, police said on Wednesday.

The skull of the woman and some other body parts were found at the spot in Chatki village on Tuesday evening, they said. Blood-stained clothes, footwear and a key of a motorcycle were also recovered from the place, some 400 km from state capital Ranchi, a police officer said.

Villagers identified the woman as Maloti Soren, an anganwadi worker, with the help of the recovered items, Borio Police Station In-charge Jagannath Pan said.

Sahibganj SDPO Rajendra Kumar Dubey, however, said the seized items will undergo forensic probe in a bid to establish her identity.

The rural health worker's mother, Sanjli Tudu, had filed a missing complaint at Borio police station on April 30, he said.

Further investigation is underway.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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एग्जॉस्ट फैन की ब्लेड तोड़ कैदियों ने बनाया था चाकू, तिहाड़ जेल में ऐसे हुई थी टिल्लू ताजपुरिया की हत्या

देश की सबसे सुरक्षित जेल तिहाड़ इन दिनों 'चाकूबाज़' कैदियों से परेशान है. बीते 19 दिनों में यहां दो गैंगवार की घटनाएं हुई. इन घटनाओं में दो बड़े गैंगस्टर की हत्या कर दी गई. 14 अप्रैल को प्रिंस तेवतिया की हत्या कर दी गई थी. 2 मई को एक और गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर गई है. ऐसे में तिहाड़ जेल प्रशासन की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर एशिया की सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली तिहाड़ जेल में कैदियों के पास चाकू कहां से आता है. 

तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक, एग्जॉस्ट फैन की ब्लेड तोड़कर या फिर खिड़की की जाली को तोड़कर या किसी भी ऐसी लोहे की धातु को घिसकर उसे धारदार बनाया जाता है. जो चाकू की तरह काम करता है. ऐसी चीज के पीछे कपड़ा बांधकर उसका हत्था तैयार किया जाता है. जेल में कैदी अपने दुश्मन गैंग के लोगों पर हमला करने के लिए इस तरह से चाकू बनाते हैं. 

जेल नंबर 8-9 में कुल 2350 कैदी
वारदात को अंजाम देने से पहले कई दिनों तक पत्थर पर घिसकर ऐसे चाकुओं को धार दिया जाता है. अप्रैल में जेल नंबर 8 और 9 में कुल 32 बार सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इस दौरान 22 चाकू धारदार मिले. जबकि 30 से 35 ऐसी लोहे की छड़ें मिली, जिनको धारधार किया जाना बाकी था. बता दें कि जेल नंबर 8-9 में कुल 2350 कैदी बंद हैं. इनपर नज़र रखने के लिए 60 सुरक्षा कर्मी तैनात होते हैं. जेल नंबर 8-9 में कुल 975 सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं. 

गोगी गैंग के सदस्यों ने किया मर्डर
तिहाड़ जेल प्रशासन समय-समय पर कैदियों की सुरक्षा की समीक्षा भी करता है. इसके बाद ज़रूरत के हिसाब से कैदियों की जेल बदली जाती है. इसी कड़ी में टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के आरोपी योगेश टुंडा को 30 मार्च को जेल नंबर 8 में शिफ्ट किया गया था. कैदी राजेश को भी उसी दिन जेल नंबर 8 में शिफ्ट किया गया था. जबकि दीपक तीतर 6 जनवरी 2023 से ही जेल नंबर 8 में बंद था. रियाज़ भी यहां पहले से बंद था. चारों आरोपियों को गोगी गैंग का सदस्य बताया जाता है. 

गोगी की हत्या का बदला लेने के लिए रची साजिश
सूत्रों के मुताबिक, 30 मार्च को योगेश और राजेश के 8 नंबर जेल में आने के बाद हत्या के 15 दिन पहले ही सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया था. इसके बाद चारों कैदियों ने गोगी की हत्या का बदला लेने की साजिश रची. 

एग्जॉस्ट फैन की पत्तियां तोड़ बनाया चाकू
इसके लिए इन्होंने एग्जॉस्ट फैन की पत्तियां तोड़कर चाकू बनाये. वारदात वाले दिन ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर के बीच में बनी सिक्योरिटी ग्रिल को तोड़ा. इसके बाद नीचे कूदकर टिल्लू पर हमला कर दिया. पूरी वारदात 2 से 3 मिनट के बीच में ही खत्म हो गई. चारों कैदियों ने अपने-अपने चाकू से टिल्लू पर 90 से ज्यादा वार किए. 

जेल का ऑडिट करवाने पर विचार कर रहा प्रशासन
प्रिंस तेवतिया और टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद अब तिहाड़ जेल प्रशासन पीडब्ल्यूडी से जेल का ऑडिट करवाने पर विचार कर रही है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि आखिर जेल में कौन से बदलाव करने से कैदी जेल की चीज़ों से चाकू नहीं बना पाएंगे.

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Manish Sisodia's Bail Request In Money Laundering Case In Court Tomorrow

Former Delhi deputy chief minister Manish Sisodia Wednesday approached the Delhi High Court seeking bail in a money laundering case related to the alleged excise policy scam.

The plea was mentioned before Chief Justice Satish Chandra Sharma for an urgent listing and was allowed to be listed for hearing on Thursday, when it will be heard before Justice Dinesh Kumar Sharma.

Mr Sisodia has filed a regular bail plea as well as an interim bail application on the ground of illness of his wife.

In his regular bail plea filed in the CBI case, Mr Sisodia had earlier argued that his wife has been suffering from multiple sclerosis, a degenerative disease, for 20 years and it was likely to worsen.

He has challenged a trial court's April 28 order by which his bail plea was dismissed in the money laundering case on the ground that the evidence prima facie "speaks volumes of his involvement in commission of the offence." Mr Sisodia's regular and interim bail pleas in the case lodged by CBI are also listed for hearing on Thursday before Justice Sharma.

He was arrested by the CBI and ED in the corruption and money laundering cases on February 26 and March 9 respectively.

The trial court, while denying him relief in the ED's case, had said that the prosecution was able to show a genuine and prima facie case for Sisodia's involvement in money laundering.

It listed such reasons as the "serious nature of allegations made and role played by Mr Sisodia in the criminal conspiracy, his connection with the activities relating to generation or acquisition and use etc of the proceeds of crime … and the oral and documentary evidence collected in support of the same" for the denial of bail.

The trial court had said that the medical illness of Mr Sisodia's wife was also not a ground to release him on bail, also that it cannot rule that he may try to influence prime witnesses in the case.

The trial court in its order had noted that Mr Sisodia has not been accused of laundering money in his individual capacity, but in his capacity as a public servant holding the charge or portfolio of Excise Ministry as well as being the Deputy Chief Minister of Delhi.

The allegations made in the case are found to be serious since proceeds of crime in crores of rupees are alleged to have been generated or processed through different activities, it had said.

The Enforcement Directorate (ED) had opposed the bail application before the trial court, asserting that the investigation was at a "crucial" stage and claiming that the senior AAP leader had planted fabricated emails to show there was public approval for the policy.

The CBI and the ED had arrested Mr Sisodia for alleged corruption in the formulation and execution of the now-scrapped Delhi Excise Policy 2021-22 and for purportedly laundering the money generated from the policy.

(This story has not been edited by NDTV staff and is auto-generated from a syndicated feed.)



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Tuesday, May 2, 2023

4 बार CM और 24 साल तक NCP बॉस: अब शरद पवार किसे सौपेंगे पार्टी की कमान?

वरिष्ठ नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) का अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है. शरद पवार की उम्र 82 बरस हो चुकी है. माना जा रहा है कि वो अपने सामने पार्टी की बागडोर किसी और को थामते देखना चाहते हैं. पवार के ऐलान के बाद समर्थकों ने उनसे भावुक अपील की है. इसके बाद उनके भतीजे अजित पवार ने कहा कि वह अपने फैसले पर पुर्निविचार करने के लिए कुछ वक्त चाहते हैं.

महाराष्ट्र की राजनीति में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का महत्वपूर्ण स्थान है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन 25 मई 1999 को शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने किया था. इन तीनों नेताओं को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, क्योंकि इन्होंने सोनिया गांधी को पार्टी की बागडोर सौंपने पर आपत्ति जताई थी. महाराष्ट्र में पार्टी के विकास में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का अहम योगदान रहा है. एक साधारण से कार्यकर्ता के रूप में काम शुरू करने वाले शरद पवार 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने.

व्यक्तिगत जीवन
शरद पवार का वास्तविक नाम शरतचंद्र गोविंदाराव पवार है. पवार पुणे के बीएमसीसी कॉलेज में कॉमर्स की पढ़ाई के दौरान कॉलेज के जनरल सेक्रेटरी भी बने. इसी दौरान वह कांग्रेस से सक्रिय रूप से जुड़े और फिर उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ. शरद पवार की शादी पूर्व क्रिकेटर सदू शिंदे की बेटी प्रतिभा पवार के साथ हुआ. सुप्रिया सूले उनकी एकमात्र संतान हैं. सुप्रिया फिलहाल महाराष्ट्र के बारामती से सांसद हैं. इसके अलावा पवार के भतीजे अजित पवार महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय हैं. 

राजनीतिक सफर की शुरुआत
महाराष्ट्र के पहले सीएम यशवंतराव चव्हाण शरद पवार के राजनीतिक गुरु माने जाते हैं. यशवंतराव चव्हाण कांग्रेस के कद्दावर नेता थे. उनके मार्गदर्शन से ही शरद पवार पहले युवा कांग्रेस से नेशनल कांग्रेस पार्टी में सक्रिय रूप से जुड़े. शरद पवार 26 की उम्र में पहली बार विधायक बने. 1974 में कांग्रेस ने उन्हें महाराष्ट्र का प्रदेश सचिव नियुक्त किया.

38 साल की उम्र में बने सीएम
शरद पवार 38 साल की उम्र में 1978 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद वह साल 1988, 1990 और 1993 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर कार्यरत रहे. यूपीए की गठबंधन सरकार में शरद पवार 10 सालों तक देश के कृषि मंत्री रहे हैं. पवार को यशवंतराव चव्हाण और वसंतदादा पाटिल के बाद महाराष्ट्र का सबसे बड़ा नेता माना जाता है.

बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर भी किया काम
शरद पवार ने बतौर बीसीसीआई अध्यक्ष काम करते हुए भारत में क्रिकेट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा उद्योग जगत में भी पवार का अच्छा खासा नाम है. महाराष्ट्र में शरद पवार के कई मीडिया हाउस और चीनी मिलें हैं.

लिए कई अहम फैसले
शरद पवार ने मुख्यमंत्री के तौर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. महाराष्ट्र में सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा देने का काम भी उनके ही कार्यकाल में हुआ. महिलाओं को आरक्षण, महिला स्वयं सहायता समूहों की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण निर्णय उनके कार्यकाल में सरकार द्वारा लिए गए. यही नहीं, महाराष्ट्र में पुलिस को हाफ पैन्ट की जगह फुल पैन्ट पहनने की इजाजत भी शरद पवार के कार्यकाल में ही मिली थी.

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"Law Of Land": Supreme Court On Its Verdicts

The Supreme Court on Tuesday said the judgments delivered by it are the "law of the land" and there is no question of anyone violating the principles laid down in the verdicts.

The court made these observations while hearing a matter relating to the compliance of its July last year verdict, in which it had passed several directions, including that the Centre may consider the introduction of a separate enactment in the nature of a bail Act so as to streamline the process of grant of bail.

"A judgment of this court, including the one in Antil's case (in which the July 2022 verdict was delivered), is the law of the land. There is no question of anyone violating the principles laid down. Suffice for us to say that wherever this judgment is applicable, the principles have to be followed," a bench of Justices SK Kaul and A Amanullah said.

The court said apparently, there is a large number of cases arising, especially in Uttar Pradesh, where the grievance is that verdicts are not being followed.

"We consider appropriate that this order should be placed before the chief justice of the Allahabad High Court to ensure that there is sufficient dissemination of information...," it said.

The top court said it is not inclined to entertain applications in individual cases where it is stated that a judgment is not being followed.

"We also make it clear that henceforth, we will not entertain any such applications and the registry should not list any such applications before us as the purpose of keeping this matter alive is only to see that the implementation takes place in the larger perspective," it said.

Dealing with the aspect of compliance, the bench said it is for the high courts to ensure that wherever there is non-compliance, necessary steps are taken to ensure compliance.

In its order passed in the matter on March 21, the court had observed that it was the high courts' duty to ensure that the subordinate judiciary under their supervision follows the law of the land and if orders are being passed by magistrates in breach of its judgment, "it may even require judicial work to be withdrawn and those magistrates to be sent to the judicial academies for upgradation of their skills for some time".

During the hearing on Tuesday, an order passed by a sessions judge in Uttar Pradesh rejecting an anticipatory bail plea was placed before the top court bench.

The court noted that the order was passed in a matrimonial dispute where it was alleged that the complainant was assaulted and the husband and other members of his family were sought to be roped in.

The bench noted that it was stated before the court that the applicants were not arrested during the investigation and now, the chargesheet has also been filed.

Referring to the session court's order, the bench observed: "Certainly, the judge concerned meets the parameters for upgradation of skills in a judicial academy and the needful be done by the high court." The bench, which also dealt with several other issues related to the matter, posted it for further hearing in July.

In its judgment delivered in July last year in the case of Satender Kumar Antil vs CBI and another, the court passed several directions, including that bail pleas ought to be disposed of within a period of two weeks except if the provisions mandate otherwise, with the exception being an intervening application.

It had said applications for anticipatory bail were expected to be disposed of within a period of six weeks, with the exception of any intervening application.

Prior to that, in another order passed in October 2021, the court had issued guidelines for granting bail after the filing of the chargesheet and said trial courts were not precluded from granting interim relief, considering the accused's conduct during the probe.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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