भारत ने बुधवार को कहा कि ऐसे समय पर, जब दुनिया “बढ़ती आर्थिक मंदी” की चुनौतियों का सामना कर रही है, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सदस्यों के बीच घनिष्ठ सहयोग खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा जैसी चुनौतियों का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
एससीओ अंतरबैंक कंसोर्टियम (एससीओ आईबीसी) की 19वीं बैठक को संबोधित करते हुए वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी ने यह भी कहा कि भारत खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा की चुनौतियों को कम करने में योगदान देता रहा है.
उन्होंने कहा, “आज, जब दुनिया एक आसन्न आर्थिक मंदी की चुनौतियों का सामना कर रही है, एससीओ सदस्य देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा की चिंताओं जैसी वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.”
इन चुनौतियों को कम करने में भारत के योगदान के तहत, भारत के प्रधानमंत्री ने वैश्विक मिशन ‘एलआईएफई' (लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरॅनमेंट) शुरू किया है - जो पर्यावरण के लिए अनुकूल जीवन शैली से संबंधित है. उन्होंने कहा कि एलआईएफई प्रचलित मौजूदा नासमझी भरी और विनाशकारी खपत से नियंत्रित उपयोग और निस्तारण की अर्थव्यवस्था की जगह, एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को पोषित करता है जिसे संसाधनों के सचेत उपयोग द्वारा परिभाषित किया जाएगा.
जोशी ने कहा कि ‘रिड्यूस, रीयूज एंड रीसायकल' और चक्रीय अर्थव्यवस्था की अवधारणा वर्षों से भारतीय जीवन शैली का हिस्सा रही है, तथा मिशन एलआईएफई में प्रकृति के संरक्षण से जुड़ी हर उस जीवनशैली को शामिल किया जाएगा जिसे हमारे पूर्वजों ने अपनाया था और जिसे आज हमारी जीवनशैली का हिस्सा बनाया जा सकता है.
उन्होंने अपील की कि एससीओ के सदस्य देशों को “बुनियादी ढांचे में लचीलेपन” को एकीकृत करना चाहिए.
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “भारत का झुकाव एक टिकाऊ और लचीले बुनियादी ढांचे के निर्माण की ओर है.”
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