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Friday, February 24, 2023

तेजी से आकार ले रहा आधुनिक सुविधाओं से लैस भारत का पहला आरआरटीएस गलियारा

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी सेक्शन के सभी स्टेशन निर्माण के अगले चरण में हैं और तेजी से आकार ले रहे हैं. इन स्टेशनों पर अब आरआरटीएस के नीले फसाड लगने शुरू हो गए हैं और इसके साथ ही यह सेक्शन दूर तक नीली आभा में रंगा हुआ नजर आने लगा है. 

फिलहाल आरआरटीएस के अलग-अलग कॉम्पोनेंट्स की टेस्टिंग एनसीआरटीसी प्रायोरिटी सेक्शन में चल रही है. आरआरटीएस के सुरक्षित और कुशल संचालन के लिए, इसके हर पहलू का स्वतंत्र रूप से परीक्षण किया जा रहा है.

देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम गलियारे की विशेषताओं में ट्रेन के डिब्बों में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए निर्धारित स्थान, प्लेटफॉर्म स्क्रीन दरवाजे और स्टेशन पर ‘पिक-अप' एवं ‘ड्रॉप-ऑफ' के लिए समर्पित स्थान शामिल होंगे. आरआरटीएस का परिचालन जल्द ही दिल्ली और मेरठ के बीच शुरू होगा.

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आरआरटीएस कॉरिडोर के दुहाई डिपो-साहिबाबाद खंड के स्टेशनों को अब आरआरटीएस की विशिष्ट पहचान नीले रंग से सजाया जा रहा है. इसके साथ ही ट्रेन के अलावा स्टेशनों पर भी कई नई सुविधाएं की जा रही हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने आरआरटीएस के विभिन्न घटकों का शुक्रवार को दुहाई डिपो-साहिबाबाद खंड में एक और परीक्षण किया. 

यात्रियों के लिए पहुंच बढ़ाने और यात्रियों को लिंक रोड तथा दिल्ली-मेरठ रोड जैसी व्यस्त सड़कों को सुरक्षित रूप से पार करने में मदद करने के लिए एनसीआरटीसी एलिवेटेड स्टेशनों के प्रवेश और निकास बिंदुओं का निर्माण आरआरटीएस कॉरिडोर के दोनों सड़कों के किनारों पर कर रहा है.

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प्रवेश और निकास बिंदु न केवल आरआरटीएस यात्रियों के लिए, बल्कि पैदल यात्रियों के लिए भी सुलभ होंगे, जो आरआरटीएस स्टेशनों के भुगतान क्षेत्र में प्रवेश किए बिना प्रमुख सड़कों को पार करने के लिए उनका उपयोग कर सकते हैं. यह सुविधा पैदल चलने वालों के सुरक्षित आवागमन और स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन में भी मदद करेगी.

अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर आरआरटीएस स्टेशनों में तीन से चार मंजिल हैं और कई लिफ्ट तथा एस्केलेटर लगाए जा रहे हैं. आरआरटीएस स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन दरवाजे (पीएसडी) लगाए जा रहे हैं जो ‘डबल-टेम्पर्ड' शीशे वाले होंगे. ये ट्रेन, पटरी और यात्रियों के बीच एक सुरक्षा ढाल के रूप में कार्य करेंगे.

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पीएसडी को आरआरटीएस ट्रेन के दरवाजों और अत्याधुनिक ईटीसीएस लेवल-2 सिग्नल प्रणाली के साथ एकीकृत किया जा रहा है. ट्रेन के डिब्बों में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए एक निर्दिष्ट स्थान प्रदान किया गया है. चिकित्सा जरूरतों के लिए स्ट्रेचर की आवाजाही की सुविधा के लिए स्टेशनों पर बड़ी लिफ्ट भी लगाई गई हैं. स्टेशन तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए स्टेशनों पर ‘पिक-अप' और ‘ड्रॉप-ऑफ' के लिए एक समर्पित क्षेत्र बनाया जाएगा.

यात्री- सुविधा पूरी आरआरटीएस परियोजना के कार्यान्वयन का केंद्र- बिंदु है. आरआरटीएस स्टेशनों से प्रतिदिन लाखों यात्रियों के यात्रा करने की उम्मीद है. यातायात के प्रबंधन के लिए और स्टेशन के भीतर और आसपास वाहनों के सुचारू और व्यवस्थित आवागमन के लिए, जहां भी संभव हो, यातायात को एकीकृत करके सभी प्रकार के वाहनों के लिए अतिरिक्त ड्राइव-इन स्पेस भी बनाया जा रहा है. आरआरटीएस स्टेशनों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अन्य साधनों जैसे बस अड्डों, हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों आदि से जोड़ा जा रहा है. 

आरआरटीएस ट्रेनसेट की यात्री केंद्रित विशेषताएं
 

  • प्लग-इन-दरवाजे के साथ एयरोडायनेमिक प्रोफ़ाइल, उच्च गति पर हवा के खिंचाव को कम करने के लिए.
  • प्रवेश और निकास के लिए यात्रियों के लिए अधिकतम स्थान के लिए चौड़े गलियारे के साथ पूरी तरह से वातानुकूलित कोच. टिंट वाले बड़े खिड़की के शीशे बाहर का मनोरम दृश्य दिखाएंगे.
  • एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2X2 ट्रांसवर्स सिटिंग, ओवरहेड लगेज रैक वाली कुशन वाली सीटें.
  • हर ट्रेन में एक 'प्रीमियम क्लास कार' जो आरामदेह, सुविधाजनक और यूजर फ्रेंडली होगी जिसमें अधिक लेगरूम, कोट हैंगर के साथ चौड़ी सीटें होंगी और वेंडिंग मशीन की सुविधा से सुसज्जित होगी.
  • महिलाओं के लिए एक आरक्षित कोच.
  • एनर्जी एफिसिएंट, रोशनी-आधारित ऑटो नियंत्रण परिवेश प्रकाश प्रणाली.
  • सीसीटीवी निगरानी, आधुनिक पैसेंजर अनाउंसमेंट और डिजिटल पैसेंजर इनफार्मेशन सिस्टम (PAPIS).
  • हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग के लिए यूएसबी पोर्ट.
  • दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की जगह और आपातकालीन चिकित्सा परिवहन के लिए स्ट्रेचर की जगह का प्रावधान.
  • डायनामिक रूट मैप डिस्प्ले, आपातकालीन संचार सुविधाएं.
  • इंडोर और आउटडोर सर्विलांस सिस्टम.
  • उन्नत सुरक्षा के लिए उन्नत ETCS स्तर II सिग्नलिंग, स्वचालित ट्रेन संचालन और प्लेटफ़ॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) के साथ संगत.
  • अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों पर आधारित डिजाइन और निर्माण.
  • अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुरक्षा और खतरे के आकलन के आधार पर उपयुक्त एसआईएल स्तर.
  • आंतरिक और बाहरी आग के लिए फायर डिटेक्शन सिस्टम.
  • वेसाइड उपकरण के साथ एक्सल बॉक्स के तापमान की निगरानी.


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"Victim Has Fundamental Right To Fair Probe, Trial": Supreme Court

Observing that a victim has a fundamental right to a fair trial, the Supreme Court on Friday ordered Maharashtra Police to further investigate the alleged assault on a man at NCP MLA Jitendra Awhad's bungalow over an objectionable social media post.

The alleged incident had taken place on the night of April 5, 2020.

According to the victim's complaint, some policemen were also involved in "abducting" him and taking him to the bungalow of the former Maharashtra minister.

While refusing to order a CBI probe in the matter, a bench of Justices MR Shah and CT Ravikumar said the Bombay High Court has not committed any error in refusing to transfer the investigation to CBI.

The Supreme Court said it is in complete agreement with the view taken by the High Court insofar as refusing to transfer the investigation to CBI is concerned.

"Even according to the state investigation agency, a further investigation is required. As observed and held by this Court in the aforesaid decisions, the victim has a fundamental right of a fair investigation and fair trial.

"Therefore, mere filing of the chargesheet and framing of the charges cannot be an impediment in ordering further investigation/re-investigation/de novo investigation, if the facts so warrant," the bench said.

"It is further observed and held that the power to order fresh, de novo or re-investigation being vested with the constitutional courts, the commencement of a trial and examination of some witnesses cannot be an absolute impediment for exercising the said constitutional power which is meant to ensure a fair and just investigation," it said.

The Supreme Court instructed authorities to conduct a further investigation and complete it as early as possible, ideally within a period of three months.

Reportedly, Anant Karmuse, 40, a city-based civil engineer, was visited by some police personnel at his house, who told him he needed to come with them to the police station, but they instead took him to Awhad's bungalow.

At the bungalow, he was beaten black and blue by some 10-15 men over a morphed picture of the minister he had shared on Facebook, Karmuse had alleged in his complaint.

Karmuse had also criticised Awhad on social media when the latter announced that he would not follow Prime Minister Narendra Modi's appeal to light lamps on April 5, 2020.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Trinamool Will Win To Sustain Democracy: Meghalaya Leader Of Opposition

Former Meghalaya Chief minister Mukul Sangma claimed on Friday that Trinamool Congress will outshine other parties in the Assembly Elections scheduled set to be held on February 27.

"You can feel the pulse here. The spirit of true democracy, of the people, by the people and for the people, must be reinforced for the purpose of sustaining the democracy and that's what we have done," Mukul Sangma said to NDTV.

Taking on the 'outsider' branding of the TMC by other parties, the leader of the opposition said, "Today you see all my supporters, who are the outsiders here? They all are part and parcel of the people who create this the whole demography. The Garo, Khasi, Jaintia and other tribes coexist along with non-tribals."

The kind of narrative being used against the TMC is not at all expected from this civilized state, he added.

Mukul Sangma had parted ways with the Congress with 11 other MLAs to join TMC in 2021.

"I used to tell people that BJP's narrative is camouflaged by the so-called rhetoric of development. If BJP is concerned about the people of the state and development, then why did they not act on the corruption and irregularities allegation brought to their notice?" he asked.

Mr Sangma added, "Are they trying to use the other parties as their pond? Is this the strategy that BJP is adopting with other parties who are in the present dispensation, including the NPP."

Megalaya goes to polls on Monday and the counting of votes will take place on March 2.

The Election Commission of India declared that no campaigning is allowed from 4 pm tomorrow. Over 21 lakh people will be eligible to elect their representatives from 369 candidates including 36 women.



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Thursday, February 23, 2023

उत्तर प्रदेश : आयुर्वेदिक डॉक्टर की हत्या मामले में पुलिस ने 2 लोगों को किया गिरफ्तार, 5 अन्य की तलाश जारी

मुरादनगर पुलिस ने एक आयुर्वेदिक डॉक्टर की हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया है. शमशाद नाम के डॉक्टर की 11 फरवरी को उसके क्लिनिक में हत्या कर दी गई थी. पुलिस उपायुक्त रवि कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मेरठ निवासियों ओवैस और मोहम्मद उवेश के रूप में हुई है. पूछताछ के दौरान, ओवैस ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उसने शमशाद को गोली मारी थी, जबकि उसका साथी मोहम्मद उसे लाल रंग की स्कूटी पर क्लिनिक तक लेकर आया था.

पुलिस के मुताबिक, इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड हाजी अदनान, हाजी वसीम और पांच अन्य लोग अब भी फरार हैं. वहीं गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के पास से एक कारतूस और हत्या के समय इस्तेमाल स्कूटी बरामद की गई. ओवैस ने पुलिस को बताया कि डाक्टर को मारने के लिए उसे दो लाख रुपये की सुपारी दी गई थी. हाजी वसीम द्वारा उसे पचास हजार रुपये अग्रिम और एक पिस्टल मुहैया कराई गई थी. इस हत्या का मास्टरमाइंड अदनान की डॉक्टर से दुश्मनी थी.

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"We Are Positive To Get Full Majority": Meghalaya Chief Minister Conrad Sangma

Ahead of the Assembly elections in Meghalaya, Chief Minister Conrag Sangma is confident that they will get a full mandate and will form the government for the second time.

"We are getting a very positive mood and people are very happy and excited. This positive wave is across the state due to multiple reasons, Mr Sangma told NDTV on the sidelines of his campaign.

"In the last five years, our party has done a lot of development in the state. The law and order situation has improved and initiatives have been taken by our government to resolve the long pending issues," Mr Sangma added.

Reacting to the Opposition's attack, the Chief Minister said "Everyone is a formidable opponent, and we have to work hard. The election is slightly different this time, since last time we were the opponents and now we are the ruling party."

"There are many exceptions and issues, but the as strong and positive mood is with our party. We are positive to get a full majority to form the government," Mr Sangma said.

Since the 70s, Meghalaya has given an absolute mandate to any only once, and Conrad Sangma is only the third Meghalaya Chief Minister to complete a full term in office.

The 60-member Meghalaya Assembly will go for election on February 27, and the final preparation for peaceful conduct of elections is in full swing.



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In Shiv Sena Row, Now Focus On Claim To Party Headquarters, Mouthpiece

With the Election Commission (EC) recognising Maharashtra Chief Minister Eknath Shinde's faction as the real Shiv Sena, now whether his group also stakes claim to the party headquarters 'Shiv Sena Bhavan' and party mouthpiece 'Saamana', both currently controlled by the Uddhav Thackeray camp.

While the Shiv Sena Bhavan is located at Dadar in central Mumbai, the 'Saamana' head office is situated in the nearby Prabhadevi area. Both these establishments are currently run by different trusts.

CM Shinde has maintained that he would not stake claim to the Shiv Sena Bhavan even though he has got the party name and symbol. However, the rival camp is wary and on guard. Recently, Shiv Sena (Uddhav Balasaheb Thackeray) leader and Thane MP Rajan Vichare submitted a letter to Thane Police Commissioner Jai Jeet Singh, urging him to thwart any attempts by the Shinde group to usurp the Shiv Sena 'shakhas' (local party offices) in the city.

The EC last week recognised the Shinde faction as the real Shiv Sena and allotted it the party's 'bow and arrow' symbol, giving a jolt to the Thackeray camp. Earlier, the Shinde group was officially referred to as 'Balasahebanchi Shiv Sena' and the Thackeray group as Shiv Sena (Uddhav Balasaheb Thackeray). The Supreme Court is hearing various petitions related to the tussle between the Shinde and Thackeray factions.

Due to the EC verdict, the Thackeray family lost control of the party that was founded in 1966 by Bal Thackeray. The party, founded on the principles of justice for the sons of the soil, had adopted Hindutva as its key ideology and partnered with the Bharatiya Janata Party (BJP) in 1984, an alliance that continued till 2019 when Uddhav Thackeray joined hands with arch-rivals Nationalist Congress Party (NCP) and Congress to become the chief minister.

The Shiv Sena Bhavan is controlled by 'Shivai Seva Trust'. Its founding trustees include late Bal Thackeray and his wife late Meena Thackeray. Many of the founding trustees are not alive now.

Its present trustees include senior leaders Subhash Desai, Diwakar Raote, Leeladhar Dake, former Mumbai mayor Vishaka Raut and Uddhav Thackeray himself.

While 'Saamana', the Shiv Sena mouthpiece founded by late Bal Thackeray, is managed by Prabhodhan Prakashan, whose printer-publisher is Thackeray loyalist Subhash Desai.

Uddhav Thackeray had resigned as the editor of 'Saamana' after assuming the chief minister's charge in November 2019. He had handed over the editor's post to his wife Rashmi Thackeray in March 2020. However, after the Shiv Sena split, Uddhav again took over as the editor in August 2022. Sanjay Raut is the executive editor of the party mouthpiece.

Senior journalist Prakash Akolkar, who has written 'Jai Maharashtra' - a book on Shiv Sena's history, said, "CM Shinde has taken a mature decision of not staking claim to the Shiv Sena Bhavan and Saamana as both these institutions are operated by private trusts. Staking claim to these establishments would lead to further legal complications. It is also his indirect message to supporters to exercise restraint." Harshal Pradhan, a close aide of Uddhav Thackeray, said there are 350 Shiv Sena 'shakhas' in Mumbai, while outside Mumbai there is one such unit in each municipal ward.

Shakhas are the premises where the Shiv Sainiks (party workers) gather for political meetings, resolving local issues of citizens.

Vaibhav Purandare, the author of 'Bal Thackeray and the Rise of the Shiv Sena' said, "As a political party, the Shiv Sena directly owns very few properties. Shiv Sena Bhavan and Saamana are owned by trusts. While most of the Shiv Sena shakhas are either owned by the 'shakha pramukhs' or by private individuals who have given their property to set up these offices. It is up to these individuals to decide which way to go."

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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क्या ये फिल्म तोड़ सकती है 'पठान' का 500 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड, शाहरुख खान के साथ इस सितारे का रहा है छत्तीस का आंकड़ा

शाहरुख खान की पठान कामयाबी के सातवें आसमान पर उड़ रही है. फिल्म ने भारत में 500 करोड़ और दुनियाभर में 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर ली है. यह हिंदी सिनेमा की अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म भी बन गई है. लेकिन आने दिनों में कई बड़ी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होने जा रही है. इसी में एक नाम गदर 2 का भी है. गदर 2 में सनी देओल है. सनी देओल और शाहरुख खान ने डर में एक साथ काम किया था. उसके बाद दोनों की किसी फिल्म में नजर नहीं आए. लेकिन क्या अब सनी देओल की गदर 2 क्या शाहरुख खान की पठान का कमाई का रिकॉर्ड तोड़ सकती है. यही सवाल दोनों के फैन्स के बीच है. 

वैसे भी शाहरुख खान और सनी देओल डर के बाद एक साथ फिर किसी फिल्म में नजर नहीं आए. इस फिल्म में शाहरुख खान विलेन थे जबकि सनी देओल हीरो. लेकिन फिल्म रिलीज के बाद शाहरुख खान सारा क्रेडिट ले गए और उनकी चर्चा खूब हुई. कहा जाता है कि इसी बात को लेकर सनी देओल को यश चोपड़ा से शिकायत भी थी. डर के बाद शाहरुख खान और सनी देओल के बीच लंबे समय तक बात भी नहीं हुई थी. बेशक यह तो हुई अतीत की बात. अब पठान बॉक्स ऑफिस का बादशाह बन कर उभरा है.

फिर गदर का तारा भी किसी मायने में कम नहीं है. जब गदर रिलीज हुई थी तो सनी देओल ने बॉक्स ऑफिस पर वाकई गदर मचा दिया था. फिल्म के डायलॉग, म्यूजिक और एक्शन सब दर्शकों को खूब पसंद आया था. गदर के पोस्टर रिलीज हो चुके हैं और एक बार फिर सनी देओल खतरनाक अंदाज में दिख रहे हैं. गदर का बजट लगभग 100 करोड़ रुपये बताया जा रहा है. फिल्म 11 अगस्त को रिलीज होने जा रही है. इस तरह एक बार फिर तारा सिंह बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाने आ रहा है. लेकिन क्या वह पठान के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर पाएगा. यह देखना काफी दिलचस्प होगा. 



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