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Tuesday, February 7, 2023

Married Daughters To Have Equal Right To Jobs On Compassionate Grounds: Madhya Pradesh

The Madhya Pradesh government on Tuesday decided to amend the rules so that like sons, married daughters of deceased government employees have an equal right to get a job on compassionate grounds.

The decision was taken at a cabinet meeting chaired by Chief Minister Shivraj Singh Chouhan in Bhopal.

"The cabinet has decided that like sons, married daughters also have equal right to get appointment on compassionate grounds," said Medical Education Minister Vishvas Sarang, speaking to the media.

The General Administration Department was directed to carry out necessary amendment to the rules, he added.

Earlier this year, the MP High Court's Indore bench had directed the government to give a job to the married daughter of a deceased employee.

The cabinet on Tuesday decided to make this an official policy citing the court verdict, officials said.

Mr Sarang said the decision will have far-reaching consequences for women's empowerment.

Among other things, the cabinet also decided to provide milch cattle to eligible families from Baiga, Saharia and Bharia tribal communities in a bid to provide them livelihood.

Under the scheme, each family will be given two milch animals, Mr Sarang said.

Cattle products including milk, cow-dung, gau-mutra will be linked to the market through cooperatives, he added.

The cabinet also approved Suraj Niti-2023, a scheme to provide land freed from encroachment for housing to the poor as announced by the chief minister earlier, he said.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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उत्तर प्रदेश : एक सप्ताह पहले लापता हुई युवती का शव बरामद

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के मंझनपुर थाना क्षेत्र से एक सप्ताह पहले गायब हुई युवती का शव मंगलवार को गांव के बाहर एक नहर के किनारे मिला है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. साथ ही मामले की जांच जांच शुरू कर दी है. पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया थाना क्षेत्र के टेन शाह आलमाबाद गांव निवासी निशा (20) गत 31 जनवरी से लापता थी. निशा का पता न लगने पर तीन फरवरी को परिजनो ने उसकी गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार को गांव के बाहर एक नहर किनारे निशा का शव मिला जो चार-पांच दिन पुराना प्रतीत हो रहा है. मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने नमूले एकत्र किए हैं. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की विधिक कार्यवाही की जाएगी. मामले की जांच की जा रही है.

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600 करोड़ की मालकिन और कंपनी चलानी वाली शार्क टैंक की जज कविता भी लिखती हैं... लो देख लो.



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"I Share The Anguish": Jagdeep Dhankhar On President's Address Boycott

Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar on Tuesday expressed anguish over two political parties abstaining the President's address to the Joint Sitting of Parliament last week, saying it is for the "first time" in the country's history that a "proclaimed boycott" has taken place.

He was apparently referring to the boycott of the address by the Bharat Rashtra Samithi (BRS) and the Aam Aadmi Party (AAP) on January 31, the first day of the Budget Session.

"I share the anguish of many in the country that we created history of sorts. There have been walkouts, there have been something in the House when the Hon'ble president addressed the joint session of Parliament. But it was for the first time in our country that political parties proclaimed boycott," Dhankhar said.

He made the remarks in Rajya Sabha after senior Congress leader Digvijaya Singh completed his speech on the 'Motion of Thanks on the President's Address'. He, however did not name any party.

Dhankhar, who is the vice president of India, also expressed dismay, saying even when President Droupadi Murmu was addressing the joint sitting, an "orchestrated" campaign was taking place outside.

"Let us have respect for the highest constitutional office in every sense of the term," he added.

As he made the remarks, Opposition MPs of some parties were heard making their observations.

Dhankhar said if one examines the Constitution, he or she will find that Parliament consists of the president and the two Houses -- Lok Sabha and Rajya Sabha.

The chairman also expunged certain "in flows" of observations made for the president by Singh in his speech during the discussion in the House. Singh himself also had immediately withdrawn his remarks. The House took up the Motion of Thanks after three days of disruption of proceedings following vociferous demand by Opposition parties for taking up the issues related to allegations against Adani Group of companies.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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Monday, February 6, 2023

"मैं भाग्यशाली था जो बच गया..." : न्‍यूयॉर्क में हुए हमले को लेकर पहली बार बोले सलमान रुश्दी

मुंबई में जन्मे और जाने-माने लेखक सलमान रुश्दी ने पिछले साल उनपर हुए कातिलाना हमले के बाद पहली बार सोमवार को कहा कि वह भाग्यशाली थे जो इससे बच गए. पिछले साल 12 अगस्त को अमेरिका के न्यूयॉर्क में 75 वर्षीय ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में व्याख्यान दे रहे थे तभी एक शख्स मंच पर चढ़ गया और उन पर चाकू से कई हमला किया तथा मुक्के भी मारे. इस हमले में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई है. रुश्दी को उनके उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन' के लिए बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 

हमले के बाद अपने पहले साक्षात्कार में लेखक ने ‘द न्यूयॉर्कर' पत्रिका से कहा कि वह उन लोगों और अपने परिवार के प्रति शुक्रगुजार हैं जिन्होंने उन्हें अपना समर्थन दिया. इसमें उनके बेटे ज़फर और मिलन भी शामिल हैं. 

रुश्दी ने पत्रिका से कहा, “ मैं भाग्यशाली था.”

उन्होंने कहा, “ मैं उठ सकता हूं और चल सकता हूं. जब मैं कहता हूं कि मैं ठीक हूं तो मेरा मतलब है कि मेरे शरीर के कुछ हिस्सों को लगातार जांच की जरूरत है. यह एक बड़ा हमला था.”

यह पूछे जाने पर कि अपने उपन्यास ‘द सेनेटिक वर्सेज़' में कथित रूप से ‘ईशनिंदा' के लिए ईरान के पूर्व सर्वोच्च नेता आयतुल्ला खुमैनी की ओर से उनकी हत्या का फतवा जारी करने के कई सालों के बाद भी सतर्कता न बरतना क्या गलती थी, इस पर उन्होंने कहा, “ मैं खुद से भी यह सवाल कर रहा हूं और मैं इसका जवाब नहीं जानता हूं. मैंने अपनी जिंदगी के 20 साल से ज्यादा वक्त तक ऐसा किया है. तो क्या यह गलती है.''

उन्होंने कहा, “ मैंने बहुत सी किताबें लिखी हैं. ‘द सेनेटिक वर्सेज़' मेरी पांचवी प्रकाशित किताब थी-- मेरा चौथा प्रकाशित उपन्यास और यह (विक्टरी सिटी उपन्यास) मेरा 21वां उपन्यास है. फतवा आने के बाद मेरी जिंदगी का तीन चौथाई हिस्सा गुज़र चुका है. एक तरह से आप अपने जीवन को लेकर कर पछता नहीं सकते हैं.”

रुश्दी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि अगर उनकी हत्या की जाती है तो लोग इसपर कैसे प्रतिक्रिया देंगे.

उन्होंने कहा, “ मैंने इन वर्षों में भर्त्सना और कटुता से बचने की बहुत कोशिश की है.''

उनका नया उपन्यास ‘विक्टरी सिटी' हमले से पहले ही पूरा हो गया था. यह कर्नाटक में हम्पी को लेकर है. हम्मी में मध्ययुगीन विजयनगर साम्राज्य के खंडर हैं. 

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* सलमान रुश्दी के कार्यक्रम संचालक ने NDTV को बताया- हमले के दिन होने वाली थी इस बारे में बात...
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बॉम्बे HC ने महाराष्ट्र पुलिस को 'आतंकवादियों' को एक खास समुदाय से संबंधित दिखाने वाले मॉक ड्रिल को करने से रोका

बॉम्बे हाई कोर्ट के औरंगाबाद बेंच ने अपने एक अंतरिम आदेश में महाराष्ट्र पुलिस को मॉक ड्रिल करने से रोक दिया है जिसमें आतंकवादियों की भूमिका निभाने वाले कर्मियों को एक विशेष समुदाय से जुड़े लोगों के रूप में दिखाया जाता है. मालूम हो कि आतंकी हमलों सहित विभिन्न प्रकार की इमरजेंसी से निपटने के लिए पुलिस की तैयारियों का परीक्षण करने के लिए पुलिस द्वारा इस तरह के मॉक ड्रिल किए जाते हैं. 

उच्च न्यायालय सामाजिक कार्यकर्ता सैयद उसामा द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पुलिस विभाग द्वारा किए जा रहे मॉक ड्रिल में वेश-भूषा और नारों को चित्रित किया गया है, जिससे पता चलता है कि आतंकवादी मुस्लिम थे.

इस मामले में जस्टिस मंगेश पाटिल और ए एस चपलगांवकर की खंडपीठ ने 3 फरवरी को सरकारी वकील को मॉक ड्रिल आयोजित करने के दिशा-निर्देशों के बारे में अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया था.

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि इस तरह के मॉक ड्रिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ पूर्वाग्रह को दिखाते हैं और यह संदेश देते हैं कि आतंकवादी केवल एक विशेष धर्म के होते हैं. पीआईएल ने अहमदनगर, चंद्रपुर और औरंगाबाद में हुए तीन मॉक ड्रिल का हवाला दिया गया है, जिसमें पुलिसकर्मी जो ड्रिल में रोल प्ले कर रहे थे को बतौर मुस्लिम शख्स तैयार किया गया था. 

कोर्ट ने कहा, " याचिकाकर्ता, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता है, ने जनहित से जुड़े मुद्दे को उठाया है. वह पुलिस विभाग द्वारा मॉक ड्रिल के आयोजन पर आपत्ति जताता है, जिसमें वेश-भूषा और नारेबाजी को दर्शाया गया है, जैसे कि यह इंगित करने के लिए कि आतंकवादी एक मुसलमान है. ”

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 फरवरी तय करते हुए कहा, ''अगली तारीख तक किसी विशेष समुदाय के लोगों को आतंकवादी के तौर पर पेश करने वाला कोई मॉक ड्रिल नहीं किया जाएगा."

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हरिद्वार में भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व नेता की गोली मारकर हत्या, आरोपी गिरफ्तार

भारतीय जनता पार्टी की युवा मोर्चा के हरिद्वार के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अमरदीप चौधरी की कथित तौर पर उनके व्यापारिक साझेदारों ने गोली मार कर हत्या कर दी. पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि कनखल थाने क्षेत्र में जगजीतपुर के राजा गार्डन इलाके में रविवार आधी रात के करीब हुई हत्या के 24 घंटे के भीतर तीनों नामजद आरोपियों राजकुमार मलिक और उसके दो पुत्रों हर्षदीप और मनदीप को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि आरोपियों को मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा. 

हरिद्वार के नगर पुलिस अधीक्षक स्वतंत्र कुमार ने बताया कि तीनों आरोपियों को देर शाम गिरफ्तार कर लिया गया. अधिकारी ने कहा, पूछताछ में पता चला है कि मलिक और चौधरी प्रॉपर्टी के कारोबार मे साझेदार थे और 50 लाख रुपये में बिकी एक संपत्ति के पैसों के हिसाब—किताब को लेकर दोनों के बीच कहासुनी के बाद मलिक ने अपने पुत्रों के साथ मिलकर कथित तौर पर चौधरी की गोली मार कर हत्या कर दी. कुमार ने बताया कि आरोपियों के पास से हत्या में इस्तेमाल पिस्तौल भी बरामद कर ली गई है. 

उन्होंने बताया, ‘‘पैसों का हिसाब-किताब करने के लिए मलिक ने चौधरी को अपने घर बुलाया था. चौधरी अपने दोस्त सोनू राठी के साथ मलिक के घर पहुंचा जहां दोनों के बीच कहासुनी के दौरान वहां मौजूद राजकुमार के दोनों पुत्रों ने तमंचे से चौधरी की कमर और कनपटी पर प्वाइंट ब्लैंक से गोली मार दी.''

आरोपियों ने चौधरी के साथी सोनू पर भी गोलियां चलाईं, लेकिन वह किसी तरह वहां से बचकर निकल गया और चौधरी के भाई बादल को घटना के बारे में बताया. 

उन्होंने बताया, बादल के मौके पर पहुंचने पर आरोपियों ने उस पर गोलियां चलाकर उसे घायल कर दिया. घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए. घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और घायलों को जिला अस्पताल पंहुचाया जहां चौधरी को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. 

पेशे से वकील चौधरी हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे और अकसर तमाम कारणों से विवादों में रहते थे. हरिद्वार जिले में उन पर मारपीट समेत कई मुकदमे दर्ज थे और पुलिस ने उस पर गैंगस्टर अधिनियम भी लगाया था. 

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Tribal Woman Looking For Job Gang-Raped By 3 Men In Madhya Pradesh

A 28-year-old tribal woman was gangraped allegedly by three persons in Gwalior in Madhya Pradesh, a police official said on Monday.

As per the woman's complaint, she was looking for a job and a man offered her one at a stone crushing unit in Bilaua area, Additional Superintendent of Police Jairaj Kuber said.

"She said this man and two of his associates took her to an isolated place on February 4 and raped her. They let her go after threatening her. She filed a complaint the next day after reaching home," he said.

Two persons have been arrested while efforts are on to arrest the third, he added.

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a syndicated feed.)



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