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कोरोना पॉजिटिव होने और फिर कथित तौर पर रिकवर होने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पहला ऑन कैमरा इंटरव्यू दिया। इसके लिए उन्होंने खुद की पसंद चुनी। फॉक्स न्यूज के डॉक्टर मार्क सीगल। सीगल वही व्यक्ति हैं जिन्होंने डेमोक्रेट गवर्नर्स की स्कूल बंद करने के लिए आलोचना की थी। साथ ही ये भी कहा था कि राष्ट्रपति की देखरेख देश के सबसे बड़े इन्फेक्शन डिसीज एक्सपर्ट डॉक्टर एंथोनी फौसी कर रहे हैं। और सीगल को जो काम सौंपा गया था, उसमें उन्होंने निराश भी नहीं किया।
मुश्किल सवालों से बचने की कोशिश
दरअसल, राष्ट्रपति कंजर्वेटिव मीडिया का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। ताकि उनसे मुश्किल सवाल न पूछे जाएं। इसलिए, अपने पसंद के जर्नलिस्ट्स का चुनाव कर रहे हैं। जो कठिन सवाल पूछ सकते हैं, उन पत्रकारों को दूर रखा जा रहा है। क्योंकि, मुश्किल सवाल उनकी परेशानियां बढ़ा सकते हैं। वे डिफेंसिव नहीं बल्कि अटैकिंग अप्रोच रखना चाहते हैं। ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में किया था। इस कोशिश के जरिए वे उन वोटर्स को कुछ खास मैसेज देना चाहते हैं जो बहकावे में आ सकते हैं। राष्ट्रपति के लिहाज से ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि चुनाव में सिर्फ तीन हफ्ते रह गए हैं।
दूसरी डिबेट से बच गए ट्रम्प
कमिशन फॉर प्रेसिडेंशियल डिबेट ने दूसरी बहस वर्चुअल कराने का सुझाव दिया था। लेकिन, ट्रम्प इसे मानने तैयार नहीं थे। रिपब्लिकन पार्टी के सलाहकार एलेक्स कोनेन्ट कहते हैं- ट्रम्प को 10 बहस में भी हिस्सा लेने को तैयार हैं। वे लोगों से भावनात्मक तौर पर जुड़ना चाहते हैं। बहस को कुछ लोग चुनावी रणनीति से जोड़ना चाहते हैं। जबकि, ट्रम्प के लिए यह भावनात्मक मुद्दा है। हमारे सामने 2016 का उदाहरण है। कुछ लोग चाहते थे कि हिलेरी क्लिंटन को महिला होने का फायदा मिले। हॉलीवुड से भी उनको समर्थन मिल रहा था।
यह ट्रम्प की रणनीति है
ट्रम्प मीडिया का इस्तेमाल करना जानते हैं। उस मीडिया का तो खास तौर पर जो उनका पक्ष लेता रहा है। इसके जरिए वे वोटर्स के एक खास हिस्से तक पहुंचना चाहते हैं। शनिवार को मिस्टर लिम्बॉग को जो ट्रम्प ने रेडियो इंटरव्यू दिया उसके इशारों को साफ समझा जा सकता है। ट्रम्प और लिम्बॉग दोनों साफ कर देना चाहते थे कि व्हाइट हाउस में रहने के लिए ट्रम्प सबसे सही व्यक्ति हैं। ट्रम्प ने बाइडेन, हिलेरी क्लिंटन और एफबीआई के पूर्व डायरेटक्स जेम्स कोमे की बातों को सिरे से खारिज कर दिया।
नोबेल के लिए नहीं चुने जाने का दुख
ट्रम्प को इस बात की शिकायत और दुख है कि इस साल उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए क्यों नहीं चुना गया। इसके लिए उन्होंने मेनस्ट्रीम या कहें उस मीडिया को दोषी ठहराया जो उनसे मुश्किल सवाल करता है। ट्रम्प ने कहा- मैं कितना भी अच्छा काम कर लूं वे (मेनस्ट्रीम मीडिया) उसको कवरेज नहीं देते। दरअसल, ट्रम्प उस मीडिया का इस्तेमाल करना चाहते हैं और कर भी रहे हैं जो उन्हें उनके मनमाफिक कवरेज दे सके।
किसी सवाल का साफ जवाब नहीं
ट्रम्प से एक सवाल पूछा गया कि क्या आपकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है? इस पर उनका जवाब सुनिए। राष्ट्रपति ने कहा- मैं जानता हूं कि मेरी सेहत कैसी है और कब बेहतर होती है। यह सवाल हैनिटी के प्रोग्राम में पूछा गया था। करीब 50 लाख लोगों ने इसे देखा। ट्रम्प अपने विरोधियों को झूठा करार दे रहे हैं। ट्रम्प ने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि उन्होंने कभी अमेरिकी सैनिकों को पराजित योद्धा कहा था।
अपने कार्यकाल में ट्रम्प ने फॉक्स न्यूज को करीब 100 इंटरव्यू दिए। जबकि, दूसरे नेटवर्क्स को बेहद कम। डॉक्टर सीगल को शनिवार को उन्होंने जो इंटरव्यू दिया वो भी लाइव टेलिकास्ट नहीं किया गया। सीगल ने स्टूडियो से सवाल पूछे। जवाब व्हाइट हाउस में लगे रिमोट कंट्रोल्ड कैमरे के जरिए हासिल हुए। डॉक्टर सीगल मेनहट्टन में इंटरनल मेडिसिन के एक्सपर्ट हैं। लेकिन, उनके एसोसिएशन ने इस इंटरव्यू से पल्ला झाड़ लिया।
संकट कई प्रकार के होते हैं। कभी संकट काे हम विपत्ति कहते हैं; कभी दर्द, कभी मुसीबत तो कभी दुःख। संकटाें का हम बहुत वर्गीकरण कर सकते हैं, हमारे अनुभवाें के आधार पर। अपना-अपना संकट हाेता है सबका। कभी व्यक्ति पर प्राण संकट आता है; कभी पारिवारिक संकट, कभी सामाजिक तो कभी राष्ट्रीय और वैश्विक संकट आ सकता है। आज देश-दुनिया पर काेराेना का भीषण संकट है। इस माहौल में मैं तीन संकट की बातें करूंगा।
‘हनुमान चालीसा’ में तीन बार ‘संकट’ शब्द का प्रयाेग हुआ है।
संकट से हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जाे लावै।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जाे सुमिरै हनुमंत बल बीरा।।
पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप।
आज के संदर्भ में भी तीन प्रकार के संकट हैं। पहला प्राण संकट, जो पूरी दुनिया पर हावी हाे रहा है। कितने मुल्काें में कितनी बड़ी संख्या में माैतें हुई हैं! भारत में भी हम राेज़ आंकड़े पढ़ते हैं। इस विपत्ति के समय में इंसान के शरीर में रहे पंचप्राण असंतुलित हाे चुके हैं। कब क्या हाेगा? दूसरा है ‘राष्ट्रसंकट’ अथवा सीमाओं से बाहर जाएं ताे ‘विश्वसंकट।’
आज प्राण संकट भी है और विश्व संकट भी
आज प्राण संकट भी है और राष्ट्र और विश्व पर भी संकट है। तीसरा है धर्मसंकट। लाेकबाेली में भी अक्सर बाेलते हैं कि हम पर धर्मसंकट आया था इसलिए ऐसा करना पड़ा। धर्मसंकट का मतलब जाे सत्य का राही है, जाे प्रेम का मार्गी है, उस पर संकट आए। जाे करुणा स्वभाव वाला है, उसपर संकट आए।
प्राण संकट, राष्ट्र अथवा विश्व संकट और धर्मसंकट। बुद्ध पुरुषाें की बानी उनकी अंतःकरण की प्रवृत्ति के कारण बहुत ही पहले बातें बोल देती है। इसीलिए गाेस्वामीजी ने शायद तीन बार ‘संकट’ शब्द का प्रयाेग किया। चलाे, तीनाें प्रकार के संकट हैं लेकिन इनसे मुक्त हाेने के लिए क्या राेते रहें? कायर हाे जाएं? इस माहाैल में क्या करें? डिप्रेस हो जाएं? ताे क्या इससे संकट से मुक्ति मिलेगी?
जैसे किसी मृग काे शिकारी तीर मार दे ताे इसके बारे में ज्यादा चिंतन बाद में करना चाहिए कि यह तीर कहां से आया? कितना बड़ा था? किसने, क्याें, कब मारा? यह बातें बाद में साेची जाती हैं। लेकिन उसी समय ताे एक ही बात हाेनी चाहिए कि तीर पशु की देह से कैसे निकालें?
ताे हम सब मिलकर यह सोचें कि प्राण संकट, धर्मसंकट, राष्ट्र संकट से कैसे बाहर आएं? इनसे बाहर आने के उपाय हैं। उसके भाैतिक उपाय हाे सकते हैं, जिन्हें आधिभाैतिक कहते हैं। जैसे पूरा देश इस उपाय में लगा है, ऐसा कराे, यह कराे। जाे धरावाला, सत्य है, इसकाे आधिदैविक कहते हैं। काेई अनुष्ठान में बैठा है, काेई यज्ञ कर रहा है, काेई बंदगी कर रहा है। ये भी उपाय हैं। और कुछ आध्यात्मिक उपाय भी हैं।
हनुमान जी सबके हैं
‘हनुमान चालीसा’ की संकट वाली तीनों पंक्तियों पर ध्यान आकृष्ट करना चाहूंगा। यह भी आध्यात्मिक उपाय हैं। ‘संकट से हनुमान छुड़ावै।’ यहां ‘हनुमान’ शब्द आता है ताे काेई एक धर्म या परंपरा का है? नहीं। मैंने बार-बार कहा, हनुमानजी वायुपुत्र हैं, प्राणतत्व हैं, इसलिए सबके हैं। दूसरी बार ‘संकट’ शब्द आया तो वहां लिखा है, जाे हनुमंत का सिमरन करे उनकी सारी पीड़ा मिट जाती है। मेरे साधक भाई-बहन, जिसका ध्यान कराे, उसी का सुमिरन कराे। और जिसका सुमिरन कराे, उसे ही हृदय में रखाे। केंद्र एक हनुमान हाे। सार्वभाैम, सर्वव्यापक तत्व हाे। वहां संकट से हनुमान छुडाएंगे। मन, कर्म, वचन से उनका ध्यान कराे। यदि ध्यान नहीं कर सकते हनुमानजी का ताे ‘जाे सुमिरै हनुमंत बलबीरा।’ बलबीरा, मेरे इष्ट सर्व समर्थ हैं, मैं उनका सिमरन करूं। यह दूसरा उपाय है।
तीसरा, श्री हनुमानजी संकटहर्ता हैं। हनुमानजी काे राम, लखन और जानकी सहित हृदय में रखाे। यह पूरी आध्यात्मिक प्रक्रिया है। उल्टी यात्रा करूं ताे जाे हृदय में है, उसी का सुमिरन कराे और जिसका सुमिरन करो, उसी काे ध्यान में रखाे, निरंतर चित्त में रखाे। ध्यान किसी और का, सुमिरन किसी और का, हृदय में कुछ और रहेगा ताे संकट से कैसे मुक्ति मिलेगी? कोई भी संकट हो, हृदय में वाे परमतत्व विराजित हाे। जाे है उसका साक्षात्कार हो। हमारे किरदार में यह बात आ जाए। आओ, हम सब प्राण संकट, धर्मसंकट, विश्व संकट से उबरने के लिए उसी तत्व का ध्यान धरें; उसी काे हृदय में रखें।
इतिहास में आज का दिन बेहद खास है। शीत युद्ध चल ही रहा था। अमेरिका और रूस के बीच होड़ चरम पर थी। तभी 1960 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अंतिम दिन सोवियत प्रीमियर निकिता ख्रुश्चेव ने ऐसा कुछ किया कि वह पल सदा के लिए यादगार हो गया।
दरअसल, फिलीपींस के प्रतिनिधि ने बोलना शुरू किया था। वह पूर्वी यूरोप में राजनीतिक और नागरिक अधिकारों को दबाने की बात कर रहे थे। इतना सुनना था कि ख्रुश्चेव ने मुट्ठी बनाई और टेबल को जोर-जोर से पीटने लगे। फिर उन्होंने लोफर या सैंडल निकाले और उससे टेबल बजाने लगे।
वे जब तक ऐसा करते रहे, जब तक कि हॉल में सबकी निगाहें उनकी ओर नहीं आ गई थीं। इस पर ख्रुश्चेव ने कहा था कि खूब मजा आया! यूएन ऐसी संसद है, जहां अल्पमत में होने पर माइनॉरिटी को खुद का अहसास दिलाना पड़ता है। अभी हम अल्पमत में हैं, लेकिन ज्यादा वक्त तक नहीं रहेंगे। कई वर्षों तक यूएन के टूर गाइड्स से यही पूछा जाता कि वह टेबल कौन-सी थी, जिस पर ख्रुश्चेव बैठे थे और उन्होंने जूते से उसे बजाया था?
सिस्टर अल्फोंसा को मिला संत का दर्जा
पोप ने आज ही के दिन 2008 में सिस्टर अल्फोंसा को संत घोषित किया, जो भारत की पहली महिला संत बनी थीं। देश में गिरजाघरों के 2,000 साल के इतिहास में यह उपाधि पाने वाली वे पहली महिला हैं। उन्हें संत घोषित करने की प्रक्रिया 55 वर्ष पहले प्रारंभ हुई थी। इससे पहले पोप जॉन पाल द्वितीय ने उन्हें ‘धन्य’ घोषित किया था। कैथोलिक परंपरा में इसे ‘बेटिफिकेशन’ कहा जाता है।
सिस्टर अल्फोंसा का जन्म केरल में कोट्टायम के निकट एक गांव कुडामालूर में हुआ था। मात्र 36 वर्ष की उम्र में उनकी मौत हो गई थी। सिस्टर वेटिकन द्वारा संत घोषित की जाने वाली दूसरी भारतीय होंगी। इससे पहले संत गोंसालो गार्सिया को यह उपाधि दी गई थी। संत गार्सिया एक भारतीय मां और पुर्तगाली पिता की संतान थे। उनका जन्म सन 1556 में मुंबई के निकट वाशी में हुआ था।
भारत-वियतनाम में करार
भारत और वियतनाम ने 2011 में 12 अक्टूबर को ही वियतनाम के समुद्री इलाके में तेल की खोज करने के लिए करार किया था। इससे वियतनाम और चीन के रिश्तों में खटास आई थी, क्योंकि इस दक्षिण चीन सागर के इस इलाके में चीन दावा करता है। इस इलाके में प्रभुत्व को लेकर उसके कई देशों के साथ विवाद है।
इतिहास में आज की तारीख को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता हैः
देश में शनिवार को 89 हजार 22 मरीज कोरोना से ठीक हुए। बीते 15 दिनों में यह सबसे बड़ी रिकवरी है। वहीं, भारत ने 9 अक्टूबर को पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम का टेस्ट किया, जो सफल रहा। चलिए शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...
आज इन 3 इवेंट्स पर रहेगी नजर
1. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में आज हाथरस गैंगरेप मामले में सुनवाई होगी।
2. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और कोलकाता नाइट राइडर्स आज शारजाह में आमने-सामने होंगे। टॉस शाम 7 बजे और मैच 7.30 बजे शुरू होगा।
3. दिल्ली यूनिवर्सिटी की फर्स्ट कट ऑफ लिस्ट जारी होने के बाद आज से एडमिशन शुरू होगा, जो कि 14 अक्टूबर 2020 तक जारी रहेगा।
अब कल की 7 महत्वपूर्ण खबरें
1. गैंगरेप मामले में हाथरस के डीएम और एसपी को हाईकोर्ट ने तलब किया
उत्तर प्रदेश के हाथरस केस को सीबीआई ने शनिवार को टेकओवर कर लिया। सीबीआई ने रविवार को मुख्य आरोपी संदीप के खिलाफ धारा 307, 376 डी, 302, एससी/एसटी ऐक्ट की धारा 3 केस दर्ज किया। आज इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में इस केस की सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट ने पीड़ित परिवार, यूपी के शीर्ष अफसरों समेत हाथरस के डीएम और एसपी को भी तलब किया है।
2. हरियाणा में कर्ज में डूबे कारोबारी ने बीमा क्लेम के लिए युवक की हत्या की
हरियाणा के हांसी में एक कारोबारी ने 1.60 करोड़ रुपए का बीमा क्लेम लेने के लिए खुद की हत्या की साजिश रची। गांव के ही एक युवक को पहले शराब पिलाई, फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी ने अपनी कार को आग लगा दी। पुलिस पूछताछ में यह खुलासा आरोपी राममेहर ने किया है। राममेहर को छत्तीसगढ़ पुलिस ने शनिवार को बिलासपुर से गिरफ्तार किया था।
3. पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार सेना को विपक्षी पार्टियों की चुनौती
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के युवा अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान में सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह पहली बार है जब विपक्षी दल पाकिस्तानी सेना के सरकार में बढ़ते दखल के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। मौलाना फजल-उर-रहमान भी फौज पर तंज कसने मे पीछे नहीं हैं। इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए ये तीनों ही साथ आ चुके हैं।
4. 64 साल की चीनी महिला की आंखों में मिला कोरोनावायरस का संक्रमण
चीन में कोरोना का एक और अजीबोगरीब मामला सामने आया है। 64 साल की बुजुर्ग महिला कोरोना से रिकवर हुई। उसके 2 माह बाद कोरोनावायरस उसकी आंखों में मिला। चीन में यह मामला काफी चर्चा में है। कई रिसर्च में भी साबित हो चुका है कि आंखों में लालिमा या सूजन दिखने पर अलर्ट हो जाएं। ये कोरोना के लक्षण हो सकते हैं। पढ़िए उस महिला की पूरी कहानी।
5. कहानी ढाई साल की मासूम की, जिसके साथ दरिंदों ने दुष्कर्म किया
दिल्ली से करीब 90 किलोमीटर दूर अलीगढ़ जिले के टप्पल कस्बे में मई 2019 में ढाई साल की मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद दरिंदों ने हत्या कर दी थी। पीड़ित के पिता ने बताया कि पहले पांच महीनों तक मुकदमा अदालत में पहुंचा ही नहीं। फिर कहने लगे कि कोरोना हो रहा है। हमसे कहा गया था छह महीने में इंसाफ मिलेगा। डेढ़ साल हो गया है। अभी तक कुछ भी नहीं हुआ।
6. बिहार चुनाव में पहले फेज के 142 प्रत्याशियों का एनालिसिस
बिहार चुनाव में पहले फेज के लिए नॉमिनेशन हो चुके हैं। पहले फेज की 71 सीटों पर 28 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। हमने इन 71 सीटों पर खड़े हुए महागठबंधन और एनडीए के कैंडिडेट्स की तरफ जो एफिडेविट दाखिल किए गए हैं, उनका एनालिसिस किया। इससे पता चला कि आप जिन कैंडिडेट्स को वोट देने जा रहे हैं, उनमें से कितने करोड़पति हैं? कितनों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं?
7. इंडियन एयर फोर्स को ताकतवर बनाएगी एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रुद्रम'
इंडियन एयर फोर्स के लिए भारत ने 9 अक्टूबर को पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम बनाई है। इसका टेस्ट सफल रहा है। इसे सुखोई-30 एमकेआई जेट से ओडिशा के बालासोर स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज पर किया गया। आइए जानते हैं, क्या है रुद्रम? हवाई युद्ध में किस तरह यह मिसाइल इंडियन एयर फोर्स के लिए निर्णायक भूमिका निभा सकती है?
अब 12 अक्टूबर का इतिहास
1860ः ब्रिटेन और फ्रांस की सेना ने चीन की राजधानी बीजिंग पर कब्जा जमाया।
1999ः पाकिस्तान में सेना के तख्ता पलट के बाद जनरल परवेज मुशर्रफ सत्ता पर काबिज हुए।
2001: संयुक्त राष्ट्र और उसके महासचिव कोफी अन्नान को संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई।
आखिर में जिक्र उर्दू के सुप्रसिद्ध शायर और गीतकार निदा फ़ाज़ली साहब का। आज ही के दिन 1938 में उनका जन्म हुआ था। पढ़िए उन्हीं का एक शेर...
दर्द, दरिद्रता, बेबसी, किल्लत, मजबूरी, दुखों का पहाड़, ये सारे शब्द करौली में जिंदा जलाए गए पुजारी के घर का मंजर देखकर खुद-ब-खुद दिल से बह निकलते हैं। भास्कर ने इस घर का जो मंजर देखा...वो दिल को झकझोरने वाला है। पुजारी बाबूलाल वैष्णव की 6 बेटियां और एक बेटा है।
4 बेटियों की शादी हो चुकी है, दो अविवाहित हैं। इनमें भी एक दिव्यांग है। जिस बेटे को संविदा पर नौकरी देने का आश्वासन दिया गया है, वो मंदबुद्धि है। घर में खाने के नाम पर सिर्फ 10 किलो आटा पड़ा है। सोने के लिए फटे बिस्तर और सिर छिपाने के लिए टूटे-फूटे कच्चे छप्पर की छत है।
चार दिन से बेसुध मृतक पुजारी बाबूलाल की पत्नी विमला रुंधे गले, पथराई आंखों और लड़खड़ाती जुबान से कहती हैं कि जिन्होंने मेरे पति की बेरहमी से हत्या की, उन्हें गिरफ्तार किया जाए (पुलिस अब तक 8 में से सिर्फ दो आरोपियों को गिरफ्तार कर पाई है)।
वे कहती हैं कि आरोपी हमें धमकियां दे रहे हैं। हमारे परिवार को सुरक्षा दी जाए। मृतक की बेटी कविता कहती हैं कि उसके भाई को संविदा की बजाय सरकारी नौकरी मिले। ताकि परिवार की गुजर बसर हो सके।
अब तक सरकार ने हमें कोई मुआवजा नहीं दिया है। बता दें कि सरकार ने 10 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि सोमवार को परिजनों को चेक सौंप दिया जाएगा। वहीं, भाजपा नेता कपिल मिश्रा भी परिजनों को 25 लाख रुपए देने करौली पहुंचे।
ऐसे चलता था गुजारा, बूकना गांव के छोटे से मंदिर में आने वाले लोगों के नाममात्र के चढ़ावे से गृहस्थी चला रहे थे पुजारी
पुजारी बाबूलाल घरवालों का एकमात्र सहारा थे। बूकना के छोटे से मंदिर में आने वाले नाममात्र के चढ़ावे से वे किसी तरह अपनी गृहस्थी चला रहे थे। अब परिवार के लोग पथराई आंखों से आने वाले लोगों को देखते हैं। इन दिनों चमाचम गाड़ियों, सफेद और कलफ लगे कुर्ते पाजामे में संवेदना की चाशनी में डूबे कुछ लोगों का जमावड़ा यहां बढ़ गया है। मगर राजनीति से दूर इस परिवार को बस ये चिंता है कि अंधेरे में डूबे उनके भविष्य को रोशनी की किरण कैसे मिलेगी।
सीएम गहलोत ने कहा- जांच सीआईडीसीबी को दे दी है, भाजपा ने इसे जातीय विद्वेष का रूप देने का प्रयास किया
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि यह निंदनीय है कि भाजपा ने दो परिवारों के बीच भूमि विवाद से हुई सपोटरा के बुकना गांव की दुखद घटना को मीणा और वैष्णव समाज के बीच जातीय विद्वेष का रूप देने का कुत्सित प्रयास किया। इससे राजस्थान की छवि अनावश्यक रूप से धूमिल हुई है। यह घटना कोई जातीय संघर्ष नहीं था, न ही कोई पूर्व नियोजित प्रकरण था।
यह भूमि के टुकड़े पर कब्जे को लेकर दो परिवारों के बीच का झगड़ा था, जो इस हृदय विदारक घटना में बदल गया। मीणा समाज और अन्य लोग पुजारी बाबूलाल वैष्णव के साथ थे और बहुसंख्यक मीणा समाज की पंचायत ने भूमि के संबंध में बाबूलाल तथा राधा गोपालजी मंदिर के हक में ही सहमति व्यक्त की थी। सीएम ने मामले की जांच सीआईडीसीबी के पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा की देखरेख में कराने के निर्देश दिए हैं।
इधर, भाजपा नेता कपिल मिश्रा 25 लाख रुपए देने दिल्ली से करौली पहुंचे, दावा- 2087 लोगों से जुटाए हैं ये पैसे
ग्राम पंचायत बूकना में रविवार को पहुंचे दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने पीड़ित पुजारी के परिवार को आर्थिक संबल पहुंचाने के लिए 25.10 लाख रुपए की राशि जुटाई है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर पुजारी को जिंदा जलाने की घटना की मुहिम चलाकर देश व दुनिया के 2087 लोगों से 25 लाख 10 हजार की सहायता एकत्रित की है। जिसे मृतक पुजारी की पत्नी विमला के बंद पड़े खाते को चालू चलाकर सोमवार को जमा करा दिए जाएंगे।