दर्द, दरिद्रता, बेबसी, किल्लत, मजबूरी, दुखों का पहाड़, ये सारे शब्द करौली में जिंदा जलाए गए पुजारी के घर का मंजर देखकर खुद-ब-खुद दिल से बह निकलते हैं। भास्कर ने इस घर का जो मंजर देखा...वो दिल को झकझोरने वाला है। पुजारी बाबूलाल वैष्णव की 6 बेटियां और एक बेटा है।
4 बेटियों की शादी हो चुकी है, दो अविवाहित हैं। इनमें भी एक दिव्यांग है। जिस बेटे को संविदा पर नौकरी देने का आश्वासन दिया गया है, वो मंदबुद्धि है। घर में खाने के नाम पर सिर्फ 10 किलो आटा पड़ा है। सोने के लिए फटे बिस्तर और सिर छिपाने के लिए टूटे-फूटे कच्चे छप्पर की छत है।
चार दिन से बेसुध मृतक पुजारी बाबूलाल की पत्नी विमला रुंधे गले, पथराई आंखों और लड़खड़ाती जुबान से कहती हैं कि जिन्होंने मेरे पति की बेरहमी से हत्या की, उन्हें गिरफ्तार किया जाए (पुलिस अब तक 8 में से सिर्फ दो आरोपियों को गिरफ्तार कर पाई है)।
वे कहती हैं कि आरोपी हमें धमकियां दे रहे हैं। हमारे परिवार को सुरक्षा दी जाए। मृतक की बेटी कविता कहती हैं कि उसके भाई को संविदा की बजाय सरकारी नौकरी मिले। ताकि परिवार की गुजर बसर हो सके।
अब तक सरकार ने हमें कोई मुआवजा नहीं दिया है। बता दें कि सरकार ने 10 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि सोमवार को परिजनों को चेक सौंप दिया जाएगा। वहीं, भाजपा नेता कपिल मिश्रा भी परिजनों को 25 लाख रुपए देने करौली पहुंचे।
ऐसे चलता था गुजारा, बूकना गांव के छोटे से मंदिर में आने वाले लोगों के नाममात्र के चढ़ावे से गृहस्थी चला रहे थे पुजारी
पुजारी बाबूलाल घरवालों का एकमात्र सहारा थे। बूकना के छोटे से मंदिर में आने वाले नाममात्र के चढ़ावे से वे किसी तरह अपनी गृहस्थी चला रहे थे। अब परिवार के लोग पथराई आंखों से आने वाले लोगों को देखते हैं। इन दिनों चमाचम गाड़ियों, सफेद और कलफ लगे कुर्ते पाजामे में संवेदना की चाशनी में डूबे कुछ लोगों का जमावड़ा यहां बढ़ गया है। मगर राजनीति से दूर इस परिवार को बस ये चिंता है कि अंधेरे में डूबे उनके भविष्य को रोशनी की किरण कैसे मिलेगी।
सीएम गहलोत ने कहा- जांच सीआईडीसीबी को दे दी है, भाजपा ने इसे जातीय विद्वेष का रूप देने का प्रयास किया
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि यह निंदनीय है कि भाजपा ने दो परिवारों के बीच भूमि विवाद से हुई सपोटरा के बुकना गांव की दुखद घटना को मीणा और वैष्णव समाज के बीच जातीय विद्वेष का रूप देने का कुत्सित प्रयास किया। इससे राजस्थान की छवि अनावश्यक रूप से धूमिल हुई है। यह घटना कोई जातीय संघर्ष नहीं था, न ही कोई पूर्व नियोजित प्रकरण था।
यह भूमि के टुकड़े पर कब्जे को लेकर दो परिवारों के बीच का झगड़ा था, जो इस हृदय विदारक घटना में बदल गया। मीणा समाज और अन्य लोग पुजारी बाबूलाल वैष्णव के साथ थे और बहुसंख्यक मीणा समाज की पंचायत ने भूमि के संबंध में बाबूलाल तथा राधा गोपालजी मंदिर के हक में ही सहमति व्यक्त की थी। सीएम ने मामले की जांच सीआईडीसीबी के पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा की देखरेख में कराने के निर्देश दिए हैं।
इधर, भाजपा नेता कपिल मिश्रा 25 लाख रुपए देने दिल्ली से करौली पहुंचे, दावा- 2087 लोगों से जुटाए हैं ये पैसे
ग्राम पंचायत बूकना में रविवार को पहुंचे दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने पीड़ित पुजारी के परिवार को आर्थिक संबल पहुंचाने के लिए 25.10 लाख रुपए की राशि जुटाई है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर पुजारी को जिंदा जलाने की घटना की मुहिम चलाकर देश व दुनिया के 2087 लोगों से 25 लाख 10 हजार की सहायता एकत्रित की है। जिसे मृतक पुजारी की पत्नी विमला के बंद पड़े खाते को चालू चलाकर सोमवार को जमा करा दिए जाएंगे।
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