महिमा दातला हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल E कंपनी की MD हैं। उनकी कंपनी 1962 से वैक्सीन बना रही है। पिछले दस महीने से कंपनी कोरोना वैक्सीन डेवलप करने में लगी हैं। भारत में कोरोना वैक्सीन डेवलप करने वाले जो सात-आठ बड़े प्लेयर हैं, उनमें बायोलॉजिकल E भी है।
भास्कर से बातचीत करते हुए उन्होंने बेबाकी से कहा, 'कोरोना की वैक्सीन का असर कितने लंबे समय के लिए होगा, ये अभी कहा नहीं जा सकता। क्योंकि, इस महामारी को अभी काफी कम टाइम हुआ है। समय बीतने के साथ डाटा आएगा, तभी इस बारे में ज्यादा जानकारी सामने आएगी।' उन्होंने ये भी कहा, 'हम वैक्सीन प्रॉफिट कमाने के लिए नहीं बना रहे, बल्कि इसे अफोर्डेबल रखकर जरूरतमंदों की मदद करना चाहते हैं।' पढ़िए उनका पूरा इंटरव्यू।
आपकी वैक्सीन कब तक मार्केट में आ सकती है?
अभी हमारे फेज वन और टू के ट्रायल चल रहे हैं, जो फरवरी तक पूरे होंगे। इसके बाद फेज थ्री ट्रायल शुरू होगा। जून-जुलाई तक हमें वैक्सीन की एफीकेसी यानी असर के बारे में पता चल सकता है। हमारी वैक्सीन सेफ तो है, लेकिन एफीकेसी के रिजल्ट्स आना बाकी हैं। इसके बाद ही वैक्सीन मार्केट में आएगी। देश में इंफेक्शन तेजी से बढ़ता है, तो हमें इमरजेंसी लाइसेंस मिल सकता है।
वैक्सीन की कीमत कितनी हो सकती है?
अभी इस बारे में मैं कुछ भी नहीं कह सकती। ये जरूर कह सकती हूं कि कीमत ऐसी होगी कि वैक्सीन हर जरूरतमंद की पहुंच में हो। हमें भगवान ने बहुत कुछ दिया है। इसलिए हम कोरोना वैक्सीन में प्रॉफिट बनाने का नहीं सोच रहे। मानवता के लिए और देश की सेवा के लिए ये काम कर रहे हैं। जिंदगी में ऐसे मौके बहुत कम लोगों को मिलते हैं कि जो काम आप कर रहे हैं, उससे बहुत से लोगों को फायदा मिले।
फेज वन और टू के ट्रायल के नतीजे कैसे आ रहे हैं?
अभी रिजल्ट्स आना शुरू नहीं हुए हैं। जब भी आएंगे, हम उन्हें अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करेंगे, फिर भले ही वो अच्छे हों या बुरे।
क्या वैक्सीन को किसी खास टेम्प्रेचर पर स्टोर करना होगा, यदि हां तो कितने टेम्प्रेचर पर स्टोर करना होगा?
किसी खास टेम्प्रेचर में स्टोर करने की जरूरत नहीं होगी। फ्रिज का जो नॉर्मल टेम्प्रेचर होता है, उसमें स्टोर की जा सकेगी।
आपके हिसाब से देश में वैक्सीनेशन कितने समय तक चल सकता है?
इस बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता। टाइम बीतने के साथ डाटा आएगा, तभी आगे की चीजें क्लीयर हो पाएंगी।
क्या जिस तरह से पोलियो के टीके लगाए जाते हैं, उसी तरह से कोरोना के भी टीके कई साल तक लगाना पड़ेंगे?
वैक्सीन कितने दिनों के लिए इफेक्टिव रहेगी, यह अभी से हम नहीं सकते। US और UK में mRNA वैक्सीन लग रही है, जो काफी इफेक्टिव है। यह मानवता के लिए बहुत खुशी की बात है, लेकिन यह कितने दिनों तक सुरक्षित रखेगी, इसका अभी डेटा नहीं आया है। डेटा आने के बाद ही इस बारे में कुछ कह पाएंगे।
पीएम मोदी ने आप से वैक्सीन डेवलपमेंट को लेकर बात की थी, उस बारे में कुछ शेयर करना चाहेंगी?
पीएम ने कहा था कि आप फर्स्ट आओ या सेकंड ये बड़ी बात नहीं है, लेकिन वैक्सीन का असर और सुरक्षा बहुत अच्छी होनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा था कि जो भी करें, बहुत अच्छा करें। क्योंकि, यह देश की इमेज का सवाल है। इफेक्टिवनेस और सेफ्टी के अलावा उन्होंने ये कहा था कि प्राइज अफोर्डेबल होना चाहिए। व्यक्तिगत तौर पर मुझे पीएम के तीनों ही पॉइंट बिल्कुल वैलिड लगे। हम इस पर पूरा फोकस कर रहे हैं।
कोरोना के बाद से आपकी जिंदगी कैसी चल रही है?
कोरोना के पहले हर महीने देश से बाहर जाना होता था। लेकिन फरवरी-2020 से कहीं नहीं गई। जरूरत पड़ने पर प्लांट पर होती हूं, वरना घर से ही काम कर रही हूं। हमारे पास 150 अनुभवी साइंटिस्ट की टीम है, जो वर्ल्ड क्लास के हैं। कोरोना के बाद हम पर वैक्सीन की एक बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में पूरा ध्यान इस पर है। साथ ही जो जरूरी वैक्सीन पहले से बन रही हैं, उन पर भी काम कर रहे हैं। घर में मेरी दोनों बहनें सभी काम मैनेज कर लेती हैं, इसलिए मैं बिजनेस पर फोकस कर पाती हूं।
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