कहते हैं कि वक्त से बेहतर शिक्षक कोई नहीं हो सकता। साल 2020 भी कुछ ऐसा ही रहा। साल के साथ आए कोरोना से हमने बहुत कुछ खोया, लेकिन कुछ नई चीजें भी सीखीं। कुछ पुरानी चीजों का महत्व भी समझा, जिसे हम जानते तो थे, लेकिन नजरअंदाज करते थे।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में साइंस एंड ह्यूमन बिहेवियर के प्रोफेसर डॉक्टर धीरज पाठक कहते हैं कि इंसान मुश्किलों और आपदाओं से सबसे ज्यादा सीखता है। निश्चित तौर पर कोरोना महामारी एक बहुत बड़ी समस्या है, लेकिन इससे पहले भी आपदाएं आईं हैं, हर आपदा से हमने सीखा भी है और अपने जीने के तरीके में बदलाव भी किया है। अहम यह है कि हम नई लर्निंग को कितने दिनों तक याद रखेंगे? ह्यूमन बिहेवियर की नजर से देखा जाए तो इंसान बस बड़ी चीजों को याद रखता है, लेकिन छोटी चीजों को भूल जाता है। कोरोना ने हमें छोटी-छोटी चीजों का महत्व सिखाया है, जिसे हमें भूलना नहीं चाहिए।
इन 5 चीजों के लिए 2020 को बोल सकते हैं थैंक्स
तमाम निगेटिविटी के बीच कुछ चीजें ऐसी हैं, जिनके लिए हम 2020 के लिए शुक्रगुजार भी हो सकते हैं। कोरोना के चलते इस साल बहुत सी चीजें डिजिटल हो गई हैं। डिजिटल हो जाने से चीजें आसान, सस्ती और पारदर्शी भी हुई हैं।
- डिजिटल पेमेंट बढ़ गया : फिजिकल टच के डर से लोगों ने कैश में लेन-देन बंद कर दिया और इसके चलते डिजिटल पेमेंट ने कैश की जगह ले ली। भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ रिटेल में 70% से ज्यादा पेमेंट डिजिटल हो चुका है। इससे लेनदेन आसान और तेज हुआ है और हमारी जिंदगी को और गति मिली है।
- रिमोट या ऑनलाइन वर्किंग : सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करने के लिए सर्विस सेक्टर 'वर्क फ्रॉम होम' हुआ। देश में कई कंपनियों ने अगले कई सालों तक के लिए वर्क फ्रॉम होम को मंजूरी दे दी। कुछ कंपनियां इसे एक स्थाई विकल्प के तौर पर देख रही हैं। जो लोग कई किलोमीटर का सफर करके या घर से दूर रहकर जॉब करने को मजबूर थे, उन्हें 2020 में रिमोट वर्किंग का एक विकल्प मिला।
- ई-लर्निंग/पाठशाला : जब भी कोई आपदा या समस्या आती है तो उसका सबसे बुरा असर बच्चों पर पड़ता है। स्कूल बंद हो जाते हैं और बच्चों की पढ़ाई डिस्टर्ब होने लगती है। लेकिन, इस साल कोरोना के चलते जब स्कूल लगभग बंद ही रहे, तो बच्चों के लिए विकल्प तलाशा जाने लगा और तभी ई-लर्निंग सामने आई। इस बात के लिए बच्चे 2020 को थैंक्स कह सकते हैं। आगे भी यह विकल्प उनकी पढ़ाई को ब्रेक नहीं होने देगा।
- वर्चुअल वेडिंग : इस साल शादियों का सीजन भी कोरोना की भेंट चढ़ गया। बहुत सी शादियां कैंसिल हो गईं, लेकिन इस बीच वर्चुअल वेडिंग के अनोखे आइडिया को इजाद किया गया। पूरी दुनिया में करीब 12 हजार शादियां ऑनलाइन हुईं।
- वर्चुअल ट्रैवलिंग : इस साल कोरोनावायरस के चलते दुनिया ठहर सी गई थी। लोग महीनों तक घर में ही रहे। कहीं भी आने-जाने की मंजूरी तब तो बिलकुल नहीं थी, जब लॉकडाउन चल रहा था। इस बीच ट्रैवलिंग कंपनियों ने वर्चुअल ट्रैवलिंग का आइडिया इजाद किया। यह भी आने वाले समय में ट्रैवलिंग का ऑप्शन साबित होगा।
4 चीजें जो हमने 2020 से सीखीं
- साफ-सफाई की अहमियत : घर और अपने आसपास साफ-सफाई जरूरी है। यह हम सभी जानते हैं, लेकिन इसके बावजूद बहुत लोग साफ-सफाई को लेकर लापरवाह होते हैं और इसे नजरअंदाज करते हैं। इस साल कोरोना के चलते हमने साफ-सफाई के महत्व को समझा और इसे लेकर गंभीर हुए।
- हाथों को ज्यादा धोना : हाथ हम सभी धुलते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग ऐसा खाना खाने के वक्त ही करते हैं। आमतौर हम हाथों को धुलने को लेकर इतना ध्यान नहीं देते। कुछ भी छूने के बाद, या किसी से मिलने के बाद कोई शायद ही हाथों को सैनिटाइज करता हो। लेकिन इस साल हम सब सिर्फ हाथ धुलते रहे।
- योग और एक्सरसाइज का महत्व : नियमित योग और एक्सरसाइज हम में से बहुत कम लोग किया करते थे। इससे हम न केवल स्वस्थ रहते हैं, बल्कि पॉजिटिव भी। हमारा इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहता है। यह साल कोरोना के साये में बीता, सभी अपनी इम्यून सिस्टम और स्वास्थ्य को लेकर गंभीर थे। इसके चलते योग और एक्सरसाइज एक ट्रेंड के तौर पर सेट हुए।
- आयुर्वेद और परंपराओं की तरफ लौटे : क्या आप काढ़ा, गर्म पानी, गिलोय, काली-मिर्च और हल्दी दूध पहले पीते थे? लेकिन, आज हम में से बहुत लोग ऐसा कर रहे हैं। डॉक्टर भी बेहतर इम्यून सिस्टम के लिए ऐसी चीजों को लेने की बात कह रहे हैं। 2020 में हमने अपनी परंपराओं के महत्व को समझा और बहुत तेजी से उन्हें अपनाया भी है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/34Jb0tW
via IFTTT
0 comments:
Post a Comment