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Monday, November 2, 2020

मोजे उतराने के बाद नहीं आएगी बदबू, वैज्ञानिकों ने बनाया केमिकल, जो बैक्टीरिया और गंध खत्म करेगा

थाइलैंड के वैज्ञानिकों ने मोजे उतारने के बाद आने वाली गंध दूर करने के लिए नया प्रयोग किया है। वैज्ञानिकों ने मोजे में जिंक ऑक्साइड नैनो पार्टिकल्स का इस्तेमाल किया, जो बदबू को दूर करने के साथ पैरों में मौजूद बैक्टीरिया भी मारता है। रिसर्च करने वाली थाइलैंड की महिडोल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ट्रायल सफल रहा है।

जिंक ऑक्साइड के नैनो पार्टिकल्स ऐसे गंध दूर करेगा
वैज्ञानिकों के मुताबिक, पैरों से गंध आने की स्थिति ब्रोमोडोसिस कहते हैं और पैरों में संक्रमण को पिटेड किरेटोलिसिस कहते हैं। जिंक ऑक्साइड के नैनो पार्टिकल्स इन दोनों से निजात दिलाते हैं। जिंक ऑक्साइड में एंटीबैक्टीरियल खूबी होती है। इसके अलावा यह इंसान की स्किन को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाता। इसका इस्तेमाल कपड़ों और मोजे पर एक लेयर बढ़ाने में किया जा सकता है।

सफल रहा मोजे का ट्रायल
रिसर्चर डॉ. पुन्यावी ऑन्गस्री कहते हैं, मोजे पर इस रसायन की लेयर चढ़ाई गई। इन मोजों का इस्तेमाल रिसर्च में शामिल लोगों पर किया गया है। 2018 में हुई रिसर्च में पाया गया था कि नेवी के कैडेट्स के पैरों में संक्रमण के मामले काफी सामने आते हैं। ऐसे मामले घटाने के लिए रिसर्च शुरू की गई थी ताकि पैरों से बैक्टीरिया और वायरस का संक्रमण कम हो।

रिसर्च में शामिल हुए नेवी के 148 कैडेट्स को केमिकल की लेयर वाले मोजे पहनाए गए। ये ऐसे कैडेट्स थे, जो पैरों से गंध आने और संक्रमण से जूझ रहे थे और 2018 में हुई रिसर्च में भी शामिल हुए थे। इन्हें 14 दिन तक फील्ड ट्रेनिंग दी गई। बाद में इनकी तुलना सामान्य मोजे पहनने वालों से की गई। कैडेट्स ने भी माना उनके पैरों से गंध काफी हद तक कम हुई। स्किन एक्सपर्ट ने पैरों से संक्रमण की जांच की, जो सफल रही।

नेवी के 148 कैडेट्स पर रिसर्च हुई। फोटो- महिडोल यूनिवर्सिटी

अब कपड़ों से जर्म्स को दूर करने की तैयारी
डॉ. ऑन्गस्री कहते हैं, यह तरीका सेना के जवानों के लिए काफी राहत देने वाला साबित होगा। अब हम इस रिसर्च को टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए कर रहे हैं, ताकि कपड़ों के जरिए इंसानों को होने वाले बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन को रोका जा सके।



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coating for socks that kills bacteria and neutralises unpleasant odours, Alert Update; Read Thailand Siriraj Hospital Mahidol University Report


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