इस साल करवा चौथ पर 4 राजयोग सहित करीब आधा दर्जन शुभ योग बन रहे हैं। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र का कहना है कि इससे पहले करवा चौथ पर इतने शुभ योग पिछले 100 सालों में नहीं बने। 4 नवंबर बुधवार को करवा चौथ यानी सौभाग्य पर्व पर शिव, अमृत और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं। वहीं, शंख, गजकेसरी, हंस और दीर्घायु नाम के राजयोग भी बन रहे हैं।
करवा चौथ पर जब चंद्रमा और पति की पूजा की जाएगी, उस दौरान गोचर कुंडली में बृहस्पति दांपत्य जीवन के भाव में अपनी ही राशि के साथ रहेगा। ये स्थिति सौभाग्य बढ़ाने वाली रहेगी, जिससे ये पर्व और भी शुभ हो जाएगा।
चतुर्थी और बुधवार का संयोग
इस बार सौभाग्य पर्व पर बुधवार और चतुर्थी के संयोग में होने वाली गणेश पूजा का फल और बढ़ जाएगा। इस बार करवा चौथ व्रत मृगशिरा नक्षत्र में किया जा रहा है। इस नक्षत्र का स्वामी मंगल होने से ये व्रत समृद्धि बढ़ाने वाला रहेगा। इस दिन सूर्योदय भी चतुर्थी तिथि में होगा और चंद्रोदय भी। पिछले कुछ सालों में कई बार ऐसा हुआ है, जब चतुर्थी तिथि 2 दिन तक रही और व्रत को लेकर असमंजस की स्थिति बनी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।
शुभ संयोग का असर
पं. मिश्रा बताते हैं कि करवा चौथ पर तिथि, वार, नक्षत्र और ग्रहों का महासंयोग बनने से व्रत और पूजा का पूरा फल मिलेगा। जिससे सौभाग्य के साथ समृद्धि भी बढ़ेगी। इस करवा चौथ पर व्रत से पति-पत्नी में प्रेम बढ़ेगा और घर में सुख-समृद्धि बढ़ेगी। शुभ संयोगों में पूजा होने से महिलाओं को रोग और शोक से छुटकारा मिल सकता है। इतने सारे शुभ संयोग होने से ये पर्व मनोकामनाएं पूरी करने वाला रहेगा।
महाभारत काल से चली आ रही परंपरा
हिंदू कैलेंडर का आठवां महीना कार्तिक होता है। पुराणों में इस महीने के लिए कहा गया है कि ये सौभाग्य और समृद्धि बढ़ाने वाला है। इस महीने के चौथे ही दिन करवा चौथ व्रत किया जाता है। पं. मिश्रा के मुताबिक महाभारत काल से ये व्रत किया जा रहा है। कृष्ण के कहने पर द्रौपदी ने अर्जुन के लिए इस व्रत को किया था।
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