Google news, BBC News, NavBharat Times, Economic Times, IBN Khabar, AAJ Tak News, Zee News, ABP News, Jagran, Nai Dunia, Amar Ujala, Business Standard, Patrika, Webdunia, Punjab Kesari, Khas Khabar, Hindustan, One India, Jansatta, Ranchi Express, Raj Express, India News, Mahanagar Times, Nava Bharat, Deshdoot, Bhopal Samachar, Bharat Khabar, Daily News Activist, Daily News, Jansandesh Times, Dastak News, Janadesh, Times, Dekho Bhopal, Apka Akhbar, Fast News, Appkikhabar, Rajasthan Patrika

Tuesday, November 24, 2020

गन्ने की खेती में फायदा नहीं हुआ तो लीची और अमरूद की बागवानी शुरू की, सालाना 25 लाख रु. कमा रहे

उत्तरप्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले राजपाल सिंह शुरुआत से ही खेती से जुड़े रहे। वे अपने पिता के साथ खेत पर जाते थे और उनकी मदद करते थे। ग्रेजुएशन के बाद उनके दोस्त सरकारी नौकरी की तैयारी करने लगे, कुछ बाहर कमाने निकल गए। लेकिन, राजपाल ने कहीं और जाने के बजाय गांव में रहकर खेती करने का ही फैसला किया। अभी वे आम, अमरूद और लीची की खेती करते हैं। इससे सालाना 25 लाख रु के करीब उनकी कमाई हो रही है।

राजपाल कहते हैं , 'पहले हमलोग गेहूं और गन्ने की खेती करते थे। इससे खाने-पीने का खर्च तो निकल जाता था लेकिन आमदनी या बिजनेस जैसा कुछ नहीं था। ऊपर से देर से पैसे मिलते थे। जो लोग गन्ना खरीदते थे, वे नकद भुगतान नहीं करते थे। इसके बाद कुछ सालों तक हमने मधुमक्खी पालन भी किया। हालांकि, यह भी बिजनेस बहुत जमा नहीं।

राजपाल बताते हैं कि लीची की खेती से हर साल प्रति हेक्टेयर 7.5 लाख से 8 लाख रुपए की कमाई हो सकती है।

इसके बाद मेरे मन में फसल बदलने का विचार आया। लेकिन उससे पहले जरूरी था मार्केट को समझना। क्योंकि फसल के उत्पादन के बाद उसकी खपत जरूरी होती है। इसलिए मैंने मार्केट रिसर्च करना शुरू किया। अलग अलग मंडियों में गया और वहां डिमांड और सप्लाई चेन को समझा। फिर 2006 में लीची और आड़ू की बागवानी शुरू की। इसमें अच्छी कमाई हुई। कुछ साल बाद आड़ू की जगह अमरूद के प्लांट्स लगाए। इससे और ज्यादा मुनाफा हुआ।

12 साल की उम्र में बिना बताए मुंबई भाग आए, फुटपाथ पर रहे और फिर खड़ी की 40 करोड़ की कंपनी

वो बताते हैं कि लोकल मंडी में लीची 70 से 130 रुपए और अमरूद 60-65 रुपए प्रति किलो बिकता है। वहीं लीची को बेंगलुरू और भुज भेजने के बाद 400-450 रुपए का भाव मिलता है। इस तरह लीची से हर साल प्रति हेक्टेयर 7.5 लाख से 8 लाख रुपए और अमरूद से 6 लाख से 7 लाख रुपए तक की कमाई होती है।

61 साल के राजपाल का ज्यादातर समय खेती में ही गुजरता है। वे किसानों को ट्रेनिंग भी देते हैं। 4 हजार से ज्यादा किसानों को अबतक ट्रेनिंग दे चुके हैं।

अभी देश के लगभग हर बड़े शहर में राजपाल के बाग से लीची और अमरूद की सप्लाई होती है। उनकी टीम में 6 लोग काम करते हैं। 8 एकड़ जमीन पर आम, अमरूद और लीची की वो खेती करते हैं। सबसे ज्यादा कमाई लीची से होती है। उनके बाग में 600 से ज्यादा अमरूद, 400 से ज्यादा लीची और 100 के करीब आम के प्लांट हैं। इसमें लगभग सभी प्रमुख वैरायटीज शामिल हैं।

राजपाल का बेटा एक कंपनी में जॉब कर रहा है। वो कहते हैं कि मैंने नौकरी के लिए नहीं बल्कि कॉरपोरेट कल्चर को समझने के लिए भेजा है। जैसे ही उसे थोड़ी बहुत समझ हो जाएगी उसे हम यहीं बुला लेंगे। क्योंकि किसान की दिक्कत यही है कि वह प्रोडक्ट तैयार करना तो जानता है लेकिन उसे बेचना नहीं जानता। जिस दिन वो बेचना सीख गया, उसके सामने कोई और बिजनेस नहीं टिकेगा।

राजपाल सिंह के बाग में 600 से ज्यादा अमरूद के प्लांट हैं। इसमें लगभग सभी वैरायटीज हैं।

61 साल के राजपाल का ज्यादातर समय खेती में ही गुजरता है। वे किसानों को ट्रेनिंग भी देते हैं। 4 हजार से ज्यादा किसानों को अब तक ट्रेंड कर चुके हैं। उनसे जुड़े कई किसान खुद की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। आगे राजपाल प्रोसेसिंग को लेकर काम करने वाले हैं।

वे लीची और अमरूद के जूस और दूसरे प्रोडक्ट लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं। वो बताते हैं कि खेती में मुनाफा तभी होगा जब हमारे प्रोडक्ट की पहुंच मार्केट तक होगी। खेत में या किसान के घर में स्टोर करके सामान रखने से कमाई नहीं हो सकती। इसलिए जो प्रोडक्ट किसी कारण नहीं बिक पाया उसे प्रोसेसिंग के बाद मार्केट में उतारना चाहिए।

लीची की खेती कैसे करें?

लीची के लिए गहरी दोमट मिट्टी फायदेमंद होती है। इसमें जड़ों का विकास अच्छा होता है। कई जगहों पर बालू वाली या चिकनी मिट्टी में भी लीची की खेती होती है। सबसे जरूरी पानी होती है, इसलिए खेती करते समय इस बात का ध्यान रखना होता है कि वहां पर्याप्त पानी मिलेगा या नहीं। आमतौर पर जुलाई से अक्टूबर के बीच इसकी खेती होती है। एक प्लांट के तैयार होने में 10 साल तक समय लग जाता है। हालांकि, कुछ वैरायटीज पहले भी तैयार हो जाती है। एक पेड़ से 50 किलो तक लीची निकलती है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
यूपी के सहारनपुर के रहने वाले राजपाल सिंह आम, अमरूद और लीची की खेती करते हैं।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/39dERha
via IFTTT
Share:

0 comments:

Post a Comment

Recent Posts

Blog Archive