Google news, BBC News, NavBharat Times, Economic Times, IBN Khabar, AAJ Tak News, Zee News, ABP News, Jagran, Nai Dunia, Amar Ujala, Business Standard, Patrika, Webdunia, Punjab Kesari, Khas Khabar, Hindustan, One India, Jansatta, Ranchi Express, Raj Express, India News, Mahanagar Times, Nava Bharat, Deshdoot, Bhopal Samachar, Bharat Khabar, Daily News Activist, Daily News, Jansandesh Times, Dastak News, Janadesh, Times, Dekho Bhopal, Apka Akhbar, Fast News, Appkikhabar, Rajasthan Patrika

Wednesday, October 7, 2020

नीतीश ने दो चुनाव हारने के बाद राजनीति छोड़ ठेकेदारी करने का मूड बनाया था; खुद बताया था कि क्यों नहीं लड़ते विधानसभा चुनाव

बात 1977 के विधानसभा चुनाव के वक्त की है। नालंदा जिले की हरनौत सीट से एक 26 साल का लड़का जनता पार्टी के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहा था। इस चुनाव में जनता पार्टी ने 214 सीटें जीतीं और 97 हारी। इन 97 हारी सीटों में हरनौत भी थी। इस सीट से हारने वाले 26 साल के उस युवा नेता का नाम था नीतीश कुमार। वही, नीतीश कुमार जो बाद में केंद्रीय मंत्री और फिर बिहार के मुख्यमंत्री बने।

नीतीश को पहले चुनाव में जिससे हार मिली थी, उनका नाम था भोला प्रसाद सिंह। भोलाप्रसाद सिंह वही नेता थे, जिन्होंने चार साल पहले ही नीतीश और उनकी पत्नी को कार में बैठाकर घर तक छोड़ा था।

नीतीश पहली हार को भूलकर 1980 में दोबारा इसी सीट से खड़े हुए, लेकिन इस बार जनता पार्टी (सेक्युलर) के टिकट पर। इस चुनाव में भी नीतीश को हार मिली। वो निर्दलीय अरुण कुमार सिंह से हार गए। अरुण कुमार सिंह को भोला प्रसाद सिंह का समर्थन हासिल था।

इस हार के बाद नीतीश इतने निराश हो गए कि उन्होंने राजनीति छोड़ने का मूड बना लिया। इसकी एक वजह ये भी थी कि नीतीश को यूनिवर्सिटी छोड़े 7 साल हो गए थे और शादी हुए भी काफी समय हो चुका था। लेकिन, इन तमाम सालों में वो एक पैसा भी घर नहीं लाए थे। इन सबसे तंग आकर नीतीश राजनीति छोड़कर एक सरकारी ठेकेदार बनना चाहते थे। वो कहते थे ‘कुछ तो करें, ऐसे जीवन कैसे चलेगा?’ हालांकि, वो ऐसा नहीं कर पाए।

तीसरी बार में विधायक बन ही गए

लगातार दो चुनाव हारने के बाद नीतीश 1985 में तीसरी बार फिर हरनौत से खड़े हुए। लेकिन, इस बार लोकदल के उम्मीदवार के रूप में। इस चुनाव में नीतीश 21 हजार से ज्यादा वोटों से जीते। उन्होंने कांग्रेस के बृजनंदन प्रसाद सिंह को हराया। नीतीश ने आखिरी बार 1995 में विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, उन्होंने बाद में इस सीट से इस्तीफा दे दिया और 1996 के लोकसभा चुनाव में खड़े हुए।

पहले विधानसभा और फिर लोकसभा पहुंचे

1985 में पहली बार विधायक बनने के बाद नीतीश 1989 के लोकसभा चुनाव में बाढ़ से जीतकर लोकसभा पहुंचे। उसके बाद 1991 में लगातार दूसरी बार यहीं से लोकसभा चुनाव जीते। नीतीश 6 बार लोकसभा के सांसद रहे हैं। तीसरी बार 1996, चौथी बार 1998, 5वीं बार 1999 में लोकसभा चुनाव जीते।

नीतीश ने अपना आखिरी लोकसभा चुनाव 2004 में लड़ा। उस चुनाव में नीतीश बाढ़ और नालंदा दो जगहों से खड़े हुए थे। हालांकि, बाढ़ सीट से वो हार गए और नालंदा से जीत गए। ये नीतीश का आखिरी चुनाव भी था। इसके बाद से नीतीश ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है।

तो इसलिए विधानसभा चुनाव नहीं लड़ते नीतीश

पहले नीतीश के मुख्यमंत्री बनने की बात। 2000 के विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला। तब नीतीश अटल सरकार में कृषि मंत्री थे। चुनाव के बाद भाजपा के समर्थन से नीतीश ने पहली बार 3 मार्च 2000 को बिहार के मुख्यमंत्री की शपथ ली। हालांकि, बहुमत नहीं होने के कारण उन्हें 7 दिन में इस्तीफा देना पड़ा और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं।

नीतीश जब पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब वो न तो विधानसभा के सदस्य थे और न ही विधान परिषद के। नवंबर 2005 में नीतीश दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। इस बार भाजपा-जदयू गठबंधन के पास बहुमत था। अगले साल नीतीश पहली बार विधान परिषद के सदस्य बने।

नवंबर 2005 से लेकर अब तक नीतीश लगातार बिहार के सीएम रहे हैं। हालांकि, मई 2014 से फरवरी 2015 के बीच जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री रहे हैं।

2018 में नीतीश तीसरी बार विधान परिषद के सदस्य बने हैं और 2024 तक रहेंगे। उन्होंने 1995 के बाद कोई विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है। 2015 के विधानसभा चुनाव के वक्त जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि वो किसी एक सीट पर अपना ध्यान नहीं लगाना चाहते।

(रेफरेंसः संकर्षण ठाकुर की किताब ‘अकेला आदमी (कहानी नीतीश कुमार की)’



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Bihar Election 2020; Nitish Kumar Political Career Update | Reason Why Bihar CM Nitish Kumar Not To Contest Bihar Assembly Election


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2I0FwH2
via IFTTT
Share:

0 comments:

Post a Comment

Recent Posts

Blog Archive