आपकी उम्र कितनी रहने वाली है? इसका जवाब मोटे तौर पर इस बात पर डिपेंड करता है कि आपका जन्म कहां हुआ? आप कहां रहते हैं (गांवों में या शहरों में या किस राज्य में)? आप पुरुष हैं या महिला? यदि आप छत्तीसगढ़ के किसी गांव में पैदा हुए एक पुरुष हैं तो आपकी लाइफ औसतन 63 वर्ष से कम रहने वाली है।
लेकिन, यदि आप हिमाचल प्रदेश में पैदा हुई एक महिला हैं तो आपकी लाइफ 81 साल भी हो सकती है। यानी 18 साल का अंतर तो आपके पैदा होने के स्थान और लिंग ही तय कर देगा। सेंसस एंड रजिस्ट्रार जनरल ऑफिस ने सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) लाइफ टेबल्स जारी की है।
इसके अनुसार भारत में जन्म के समय लाइफ एक्सपेक्टेंसी 1970-75 में 49.7 वर्ष थी, जो 2014-18 में बढ़कर 69.4 वर्ष हो गई है। 1970 और 1990 के बीच लाइफ एक्सपेक्टेंसी में सालाना बढ़ोतरी 2-3 साल की रही, जबकि पिछले दशक में औसत उम्र 0.4 वर्ष ही बढ़ी है।
यह रिपोर्ट बताती है कि भारत में यदि बच्चा एक वर्ष जीवित रह गया तो उसके जीवित रहने की संभावना तीन साल बढ़ जाती है और वे 70 साल जीवन जी सकते हैं। सिर्फ छत्तीसगढ़, असम और उत्तरप्रदेश में लाइफ एक्सपेक्टेंसी 70 साल से नीचे है।
उत्तरप्रदेश में इंफेंट मोर्टेलिटी रेट 43 है और वहां यदि बच्चा एक साल जीवित रह गया तो उसके जीवित रहने की संभावना 4.4 साल बढ़ जाती है। मध्यप्रदेश में इंफेंट मोर्टेलिटी रेट 48 है और यहां यदि व्यक्ति एक साल जीवित रह गया तो उसकी जीवन की संभावना 3.7 वर्ष बढ़ जाती है।
केरल और उत्तराखंड को छोड़कर शहरों में महिलाओं की लाइफ एक्सपेक्टेंसी सबसे ज्यादा है। इन राज्यों में शहरी महिलाओं के मुकाबले गांवों में महिलाओं की उम्र ज्यादा लंबी होती है। यदि किसी शहरी महिला की आयु 70 वर्ष है तो उसके जीवित रहने की संभावित आयु के मामले में जम्मू-कश्मीर (86.2) सबसे आगे है।
इसके बाद पंजाब (85.4) और हिमाचल प्रदेश (85.2) आते हैं। रोचक बात यह है कि एक ही राज्य में लाइफ एक्सपेक्टेंसी में बहुत बड़ा अंतर दिखा। हिमाचल में शहरी महिलाओं के जीवित रहने की औसत उम्र 80.6 वर्ष है, जबकि गांवों में पुरुषों की लाइफ एक्सपेक्टेंसी 69.2 वर्ष यानी 11.4 वर्ष कम है।
भारत और पूरी दुनिया में महिलाओं की लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ी है। बिहार और झारखंड में यह सच नहीं है, फिर चाहे बात गांवों की करें या शहरों की। उत्तरप्रदेश में महिलाओं और पुरुषों की लाइफ एक्सपेक्टेंसी का अंतर सबसे कम (एक साल से भी कम) है, उसके बाद असम और पश्चिम बंगाल का नंबर आता है, जहां यह अंतर दो साल से कम का है। हिमाचल प्रदेश में यह अंतर सबसे बड़ा है, जहां महिलाओं की लाइफ एक्सपेक्टेंसी पुरुषों से 7 साल ज्यादा है। उत्तराखंड और केरल में यह अंतर 6.4 और 5.4 वर्षों का है।
भारत आज जिस स्टेज में है, वहां जापान 60 साल पहले, चीन 30 साल पहले था
यूएन ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट 2019 के मुताबिक जापान में जन्म के समय लाइफ एक्सपेक्टेंसी 84.5 वर्ष है जबकि चीन की 76.7 वर्ष। आज जिस स्थिति में हम हैं, वहां जापान 1960 में था और चीन 1990 में। हकीकत यह है कि बांग्लादेश और नेपाल में 1980 में भारत से कम लाइफ एक्सपेक्टेंसी थी, जो अब 72.1 और 70.5 वर्ष पर पहुंच चुकी है। हमारे क्षेत्र में पाकिस्तान में लाइफ एक्सपेक्टेंसी सबसे कम 67.1 वर्ष है।
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