बात 2014 की है। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार 26 सितंबर को अमरीका पहुंचे। इससे ठीक एक दिन पहले शारदीय नवरात्र शुरू हो चुके थे और प्रधानमंत्री पिछले करीब 35 सालों की तरह इस बार भी पूरे 9 दिन के उपवास पर थे। 30 सितंबर को राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री के सम्मान में भोज दिया, मगर मोदी ने केवल गुनगुना पानी पिया।
अमरीकी मीडिया प्रधानमंत्री की इस बात से बेहद प्रभावित था। ज्यादातर अमरीकी अखबारों में उनके इस श्रद्धाभाव पर कई खबरें छपीं। यह लगभग स्पष्ट है कि पिछले करीब 40 वर्षों की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी पूरे 9 दिन उपवास पर रहेंगे।
एक बार उन्होंने अपने ब्लॉग और कविता संग्रह 'साक्षी भाव' में लिखा था, नवरात्रि के उपवास उनका वार्षिक आत्मशुद्धि व्यायाम है, जो उन्हें हर रात अम्बे मां के साथ बातचीत करने की शक्ति और क्षमता प्रदान करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चैत्र और शारदीय, दोनों ही नवरात्रि पर व्रत रखते हैं।
ऐसी है प्रधानमंत्री की व्रत पद्धति
- नौ दिन उपवास के दौरान के वे दिन में केवल एक बार फल खाते हैं।
- मोदी शाम को नींबू पानी पीते हैं।
- गुजरात में उनके करीब रहे जानकारों का कहना है कि गुजरात में नवरात्रि के दौरान साबूदाने से बनी डिश खाने की अनुमति रहती है, लेकिन मोदी यह भी नहीं खाते।
- इस दौरान हमेशा की तरह प्रधानमंत्री रोज सुबह योग करते हैं और ध्यान भी लगाते हैं।
- व्रत के दौरान व्यस्त दिनचर्या के बावजूद प्रधानमंत्री रोज सुबह पूजा जरूर करते हैं।
- मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो नवरात्रि के दौरान आमदिनों की तुलना में एक घंटे पहले रात करीब 10 बजे ही काम निपटा लिया करते थे, मगर बतौर प्रधानमंत्री अब वे ऐसी कोई छूट नहीं लेते।
- अपने उपवास को लेकर प्रधानमंत्री ज्यादा बात नहीं करते। उन्होंने 2012 में अपने ब्लॉग में पहली बार अपने नवरात्रि के व्रत के बारे में बताया था।
- विजयादशमी के दौरान मोदी शस्त्रपूजन में भी हिस्सा लेते रहे हैं।
- गुजरात के सीएम के रूप में वे गांधीनगर स्थित आवास पर पुलिस व सुरक्षाकर्मियों के बीच विजयादशमी पर स्वयं शस्त्रपूजन करते थे।
कई बड़े मौकों पर व्रत में रहे मोदी
- 2019 के आमचुनाव का पहला चरण
पिछले वर्ष चैत्र नवरात्रि 6 अप्रैल से शुरू होकर 14 अप्रैल तक थे। लोकसभा चुनाव का पहला चरण 11 अप्रैल से शुरू हुआ था। इस दौरान प्रधानमंत्री हजारों किलोमीटर का हवाई सफर करके लगातार चुनाव प्रचार में करते रहे। भीषण गर्मी में भी मोदी केवल पानी और नींबू पानी पीते थे।
- असम चुनाव प्रचार
2015 में नरेंद्र मोदी ने नवरात्रि के पहले दिन असम के कामाख्या देवी के मंदिर में पूजा-अर्चना कर व्रत की शुरुआत की थी। इसके बाद ही राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान शुरू किया था। पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में भाजपा सरकार बनी थी।
- जीएसटी बिल का पारित होना
29 मार्च 2017 में जीएसटी बिल के लोकसभा में पारित होने के दौरान प्रधानमंत्री चैत्र नवरात्र के उपवास पर थे। जीएसटी बिल को आजादी के बाद सबसे बड़ा टैक्स सुधार कहा जाता है। इस मौके पर संसद को स्वतंत्रता दिवस की तर्ज पर सजाकर विशेष समारोह भी हुआ था।
- उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार शुरुआत
प्रधानमंत्री ने 2016 में नवरात्र के व्रत के बाद दशहरा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मनाया था। यहीं से उन्होंने यूपी में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की। मई 2017 में हुए चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। राज्य की सत्ता में 15 वर्षों बाद भाजपा की वापसी हुई थी।
अमरीकी-ब्रिटिश अखबारों ने कुछ ऐसे जताई थी हैरानी
भारत के नए पीएम ने केवल गर्म पानी पिया: वाशिंगटन पोस्ट
अमरीकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा, भारत के नए प्रधानमंत्री ने ओबामा के साथ डिनर में केवल गर्म पानी पिया। मोदी पिछले 30 वर्षों से नवरात्रि में उपवास रखते हैं। वहीं, मेहमानों ने बकरी के दूध का पनीर, एवाकाडो और शिमला मिर्च, बासमती चावल के साथ क्रिस्प हेलिबट (एक प्रकार की मछली) और मैंगो क्रीम ब्रुली (खाने के बाद की मीठी डिश ) का आनंद लिया।
भारत के प्रधानमंत्री ने व्हाइट हाउस के डिनर में किया उपवास: वॉल स्ट्रीट जनरल
वॉल स्ट्रीट जनरल ने लिखा, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति ओबामा के साथ रात्रिभोज और उपराष्ट्रपति जो बिडेन के साथ दोपहर का भोज किया। इस दौरान कोई उलझन नहीं हुई क्योंकि उन्होंने कुछ खाया ही नहीं। ऐसे आयोजनों को बेहद सावधानीपूर्वक तैयार किया जाता है। इसमें महीनों लगते हैं। मेहमानों के बारे में तमाम जानकारियों का आदान प्रदान होता है। ऐसे में यह उपवास बेहद अप्रत्याशित चुनौती था।
धर्मनिष्ठ हिन्दू नरेंद्र मोदी उपवास पर रहेंगे: द गार्जियन
ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने एक दिन पहले लिखा कि अमरीकी उपराष्ट्रपति बिडेन के साथ लंच और राष्ट्रपति ओबामा के साथ डिनर बेहद मितव्ययी होगा, क्योंकि धर्मनिष्ठ हिन्दू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवरात्रि के उपवास पर रहेंगे।
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