आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) दावा करती है कि वह दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। पिछले छह साल से पार्टी अपने बहुमत से केंद्र सरकार में है और ऐसा करने वाली पहली गैर-कांग्रेसी पार्टी है। यह एकाएक नहीं हुआ है। इस सफर की शुरुआत 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में भारतीय जनसंघ की स्थापना से हुई थी। 1952 के संसदीय चुनाव में भारतीय जनसंघ ने दो सीटें जीती थीं, वहीं आज लोकसभा में भाजपा की 300 से ज्यादा सीटें हैं।
डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने 1951 में पार्टी बनाई और 1952 के पहले आम चुनावों में तीन सीटें भी जीती थीं। चुनाव चिह्न था दीपक। 1957 के दूसरे लोकसभा चुनावों में जनसंघ को 4 सीटें मिली थी। 1962 में 14, 1967 में 35 सांसद चुनकर संसद पहुंचे। 1977 में आपातकाल के बाद विपक्षी दलों ने जनता पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ा और 295 सीटें जीतकर मोरारजी देसाई के नेतृत्व में सरकार बनाई। अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री थे और लालकृष्ण आडवाणी सूचना एवं प्रसारण मंत्री। आंतरिक कलह की वजह से जनता पार्टी टूट गई।
1980 के आम चुनावों में जनता पार्टी की करारी हार हुई और तब भाजपा का जन्म हुआ। 6 अप्रैल 1980 को वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा बनी। उसके बाद के पहले लोकसभा चुनाव यानी 1984 में पार्टी को सिर्फ 2 सीटें मिलीं। यहीं से पार्टी की नई शुरुआत हुई थी।
राम मंदिर आंदोलन के सहारे पार्टी ने 1989 में 85 सीटें जीतकर किंग मेकर की भूमिका निभाई। 1996 में 161 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी और सरकार भी बनाई, लेकिन बहुमत नहीं था इसलिए चल नहीं पाई। 1998 में भी ऐसा ही हुआ। 1999 में जरूर वाजपेयी के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनी, जिसने 2004 तक सरकार चलाई और कार्यकाल पूरा करने वाली पहली गैर-कांग्रेसी पार्टी बनी। 2014 से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है, जो भारत में अपने दम पर बहुमत से चल रही पहली गैर-कांग्रेस सरकार है।
आजाद हिंद फौज सरकार बनी
आजाद हिंद फौज का विचार आने से लेकर इसके गठन तक कई स्तरों पर कई लोगों के बीच बातचीत हुई। जापान में रहने वाले रासबिहारी बोस ने इसकी अगुवाई की। जुलाई 1943 में सुभाषचंद्र बोस जर्मनी से जापान के नियंत्रण वाले सिंगापुर पहुंचे। वहीं से उन्होंने दिल्ली चलो का नारा दिया था। बोस ने ही जय हिंद का नारा भी दिया।
बोस ने आज ही के दिन यानी 21 अक्टूबर 1943 को सिंगापुर में अस्थायी भारत सरकार - आजाद हिंद सरकार बनाई थी। इसके राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सेनाध्यक्ष तीनों सुभाषचंद्र बोस थे। इस सरकार को जर्मनी, जापान, फिलिपींस, कोरिया, चीन, इटली, आयरलैंड समेत 9 देशों ने मान्यता भी दी थी। फौज को आधुनिक युद्ध के लिए तैयार करने में जापान ने बड़ी मदद की। इम्फाल और कोहिमा के मोर्चे पर कई बार भारतीय ब्रिटिश सेना को आजाद हिंद फौज ने युद्ध में हराया।
हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमलों के बाद जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया और यहीं से आजाद हिंद फौज का पतन शुरू हुआ। सैनिकों पर लाल किले में मुकदमा चला, जिसने भारत में क्रांति का काम किया।
आज की तारीख को इतिहास में इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता हैः
- 1296: अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली की गद्दी संभाली थी।
- 1555: इंग्लैंड के संसद ने फिलिप को स्पेन के राजा मानने से इनकार किया।
- 1577: गुरू रामदास ने अमृतसर नगर की स्थापना की।
- 1805: स्पेन के तट पर ट्राफलगर की लड़ाई हुई थी।
- 1934: जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन किया था।
- 1954: भारत और फ्रांस के बीच पुडुचेरी, करैकल और माहे को भारतीय रिपब्लिक में शामिल करने के लिए समझौता हुआ था।
- 2005: सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पाकिस्तान की मुख्तारन माई को वूमेन ऑफ द ईयर चुना गया।
- 2013: कनाडा की संसद ने मलाला युसुफजई को कनाडा की नागरिकता प्रदान की।
- 2014: प्रसिद्ध पैरालम्पिक रनर ऑस्कर पिस्टोरियोस को प्रेमिका रीवा स्टीनकेंप की हत्या के लिए पांच साल की सजा।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3m6wt6m
via IFTTT
0 comments:
Post a Comment