संत कबीर दास ने कहा था "ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय, औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होय"... यानी हमेशा मीठा बोलिए, ऐसे बोलिए कि उसमें कोई अहंकार न हो. इससे दूसरों को तो शीतलता या शांति मिलती ही है, आपका मन भी शांत रहता है. अपने परिवारों में हम बचपन से ही ऐसी ही सीख के साथ बड़े होते हैं.
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Thursday, September 17, 2020
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