(कुलदीप सिंगोरिया) अर्थव्यवस्था जितनी नीचे आनी थी, वह आ चुकी है। अब यह ऊपर की ओर ही जाएगी। लॉकडाउन और अनलॉक को ही देखिए। हर अनलॉक में स्थिति बेहतर हो रही है। हमारे यहां खुद की बहुत बड़ी घरेलू डिमांड है। ये डिमांड अर्थव्यवस्था को सामान्य हाालत में लौटाने के लिए पर्याप्त है। उद्योग संगठन एसोचैम और रियल एस्टेट डेवलपर्स के संगठन नारडेको के राष्ट्रीय अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने दैनिक भास्कर से इंटरव्यू में ये बात कही।
हीरानंदानी ने कहा कि कोरोना की वजह से चीन के खिलाफ दुनिया में नकारात्मक भावना की एक लहर है। जाहिर है, कई मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां चीन से हटेंगी। वहां हाल ही में कई फैक्ट्रियां बंद हुई हैं। इनमें से ज्यादातर वियतनाम में स्थानांतरित हुईं और कुछ बांग्लादेश भी चली गईं।
अब भारत को ऐसी उत्पादन इकाइयों को आकर्षित करने के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाना होगा। नीतिगत फैसलों और कार्यान्वयन में तेजी लानी होगी। उन्होंने कहा कि इस बीच केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई पीएलआई योजना से निश्चित रूप से मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
कोरोना काल ने हर सेक्टर को कुछ सिखाया: निरंजन हीरानंदानी
सवाल: कोरोनावायरस से उद्योगों ने क्या सबक लिया है?
सबसे बड़ा सबक यह है कि सब कुछ बदलने में महज एक मिनट लगता है। और हमेशा से यह होता आया है। परिवर्तन सबसे स्थायी कारक है। अब बस हमें किसी भी बदली हुई परिस्थितियों के अनुकूल होने की जरूरत है। मतलब कि अब कोरोनावायरस के हिसाब से ही हमें अपनी जिंदगी व बिजनेस को ढाल लेना चाहिए।
सवाल: रियल एस्टेट पर कोरोना का क्या असर रहा है?
रियल एस्टेट इंडस्ट्री की बात करें तो नया बदलाव बेहद अहम है। अब वर्क फ्रॉम होम कल्चर की वजह से लोगों के लिए घर बेहद जरूरी है। इसलिए, घर में सबसे बड़ा निवेश होगा। रियल एस्टेट सेक्टर में इन सभी फैक्टर्स को शामिल करना होगा। हमें यह देखना होगा कि कोरोना के हिसाब से घर के लिए नए मानदंड क्या होंगे? घर से सारे काम करने के लिए घर में किन चीजों को आवश्यकता होगी? डिजाइन कैसी हाेनी चाहिए?
सवाल: रियल एस्टेट सेक्टर के सामने और क्या चुनौतियां हैं?
रियल एस्टेट सेक्टर के लिए 2019 सकारात्मक रहा था, और हमें उम्मीद थी कि 2020 ग्रोथ का वर्ष होगा। लेकिन लॉकडाउन ने प्रभावित किया। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए नकदी मिले। वन टाइम लोन रोलओवर जैसे कदम की सख्त जरूरत है। सरकार को यह समझना चाहिए कि रियल एस्टेट से 250 से अधिक सहायक उद्योग जुड़े हैं।
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