Google news, BBC News, NavBharat Times, Economic Times, IBN Khabar, AAJ Tak News, Zee News, ABP News, Jagran, Nai Dunia, Amar Ujala, Business Standard, Patrika, Webdunia, Punjab Kesari, Khas Khabar, Hindustan, One India, Jansatta, Ranchi Express, Raj Express, India News, Mahanagar Times, Nava Bharat, Deshdoot, Bhopal Samachar, Bharat Khabar, Daily News Activist, Daily News, Jansandesh Times, Dastak News, Janadesh, Times, Dekho Bhopal, Apka Akhbar, Fast News, Appkikhabar, Rajasthan Patrika

Friday, September 18, 2020

वॉट्सऐप पर वायरल हो रही पुराने टीवी-रेडियो में लगने वाली रेड मरकरी ट्यूब की तस्वीरें, इससे बम बनाने और देश से गद्दारी के झूठे दावे किए जा रहे

क्या हो रहा है वायरल: सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि पुराने टेलीविजन के अंदर मौजूद एक मर्करी ट्यूब का उपयोग परमाणु बम बनाने में हो सकता है। दावे के साथ लाल रंग के ट्यूब की एक फोटो भी शेयर की जा रही है।

मैसेज में लोगों से अपील की गई है कि अगर कोई आपकी टीवी महंगे दाम में खरीद रहा है तो पैसे के लालच में देश से गद्दारी न करें।

यह पोस्ट पिछले एक माह से सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है। भास्कर की फैक्ट चेक हेल्पलाइन पर भी कई रीडर्स ने सत्यता जांचने के लिए यह मैसेज हमें भेजा।

और सच क्या है ?

  • इंटरनेट पर हमने ऐसी रिसर्च रिपोर्ट्स खंगालनी शुरू कीं। जिनमें पुराने टेलीविजन के अंदर पाई जाने वाली इस ट्यूब से बम बनाए जाने वाले दावे की पुष्टि होती है। हमें ऐसी कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली।
  • लाल मर्करी से परमाणु बम बनाए जाने वाले दावे में कितनी सच्चाई है? यह जानने के लिए हमने पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स और माइक्रोग्रिड जैसे विषयों पर शोध कर रहे डॉ. उज्जवल कुमार से संपर्क किया। वर्तमान में वे मौलाना आज़ाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ( MANIT) के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं।
  • डॉ उज्जवल के अनुसार, अपने अनुभव में मैंने ऐसा कभी नहीं देखा कि टेलीविजन के किसी भी पार्ट का किसी अन्य काम में उपयोग किया जा सके। परमाणु बम बनाना तो बहुत दूर की बात है। बात करें फोटो में दिख रहे उस ट्यूब की, जिसे सोशल मीडिया पर मर्करी बताया जा रहा है। तो ये डायोड और ट्रायोड वॉल्व हैं।
  • 1970-1980 तक ट्रांजिस्टर के अविष्कार से पहले रेडियो और टीवी में डायोड और ट्रायोड वॉल्व का ही इस्तेमाल किया जाता था। आज के दौर में यह इतना आउटडेटेड है कि इसके बारे में इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाया भी नहीं जाता।
  • ट्रायोड और ड्रायोड नाम के इन वैक्यूम ट्यूब्स का परमाणु बम से कोई संबंध नहीं है। न ही अब तक ऐसा कोई शोध हुआ है, जिसमें सामने आया हो कि इनका उपयोग कोई विस्फोटक सामग्री बनाने में किया जा सकता है। डॉ. उज्जवल कहते हैं कि वायरल मैसेज में किया जा रहा एक भी दावा लॉजिकल नहीं है।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Fact Check: The red tube present in old TV can come in the work of making nuclear bomb, so selling old TV is a betrayal from the country, know from the expert the truth of this claim


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2FPFG2W
via IFTTT
Share:

0 comments:

Post a Comment

Recent Posts

Blog Archive