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भारत-चीन के बीच तनाव जारी है। शनिवार को ही खबर आई कि चीनी सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के एक गांव से पांच लड़कों को अगवा कर लिया। 55 साल पहले भी आज ही के दिन यानी 6 सितंबर 1965 को पश्चिमी सीमा पर तनाव था। तब भारत ने पंजाब के रास्ते पाकिस्तान में घुसकर उसके हमले का जवाब दिया था। भारत ने यह जंग जीत ली थी। ...बहरहाल, शुरू करते हैं आज की मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...
आज इन 3 इवेंट्स पर रहेगी नजर
1. आईपीएल के सीजन-13 का शेड्यूल जारी हो जाएगा। इस बार यह टूर्नामेंट यूएई में होना है। 19 सितंबर से 10 नवंबर तक कुल 60 मैच खेले जाएंगे।
2. सुशांत की मौत के मामले में ड्रग्स कनेक्शन की जांच कर रही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम शोविक को रिया के सामने बैठाकर पूछताछ करेगी।
3. नई दिल्ली स्थित हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह छह महीने बाद खुलने जा रही है।
अब कल की 6 महत्वपूर्ण खबरें
1. रेलवे 80 और ट्रेनें चलाएगा
रेलवे 12 सितंबर से 80 नई स्पेशल ट्रेनें शुरू करने जा रहा है। रिजर्वेशन 10 सितंबर से शुरू होंगे। ये ट्रेनें 38 शहरों को जोड़ेंगी। इनमें राजस्थान के 5 और मध्यप्रदेश के 4 शहर शामिल हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव के मुताबिक, जिस ट्रेन में वेटिंग लिस्ट लंबी है, उसके लिए क्लोन ट्रेन चलाई जाएगी।
2. चीन की सेना ने अरुणाचल के 5 लड़कों को बंधक बनाया
चीन की सेना ने अरुणाचल प्रदेश के सुबानसिरी जिले के बॉर्डर इलाके से पांच लड़कों को अगवा कर लिया। शनिवार को यह खबर सरकार के हवाले से नहीं, बल्कि अरुणाचल के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग के जरिए सामने आई। फिलहाल इसकी शुरुआती जांच अरुणाचल पुलिस को सौंपी गई है।
3. जियो की कहानी: इससे रिलायंस कर्ज मुक्त हुआ
मुकेश अंबानी ने 5 सितंबर 2016 को रिलायंस जियो को फ्री 4G डेटा और वॉयस कॉलिंग के साथ देश में लॉन्च किया था। तब देश में 12 टेलीकॉम कंपनियां थीं। अब 5 ही बचीं। 31 मार्च 2020 तक रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 1.61 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था, लेकिन जियो में आए इन्वेस्टमेंट की वजह से कंपनी ने खुद को मार्च 2021 के तय समय से पहले ही यानी 18 जून 2020 को कर्ज मुक्त घोषित कर दिया।
4. सुशांत केस में रिया का भाई 9 सितंबर तक रिमांड पर
सुशांत केस से जुड़े ड्रग्स कनेक्शन मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने रिया चक्रवर्ती के भाई शोविक को 9 सितंबर तक रिमांड पर रखा है। पूर्व स्टाफर सैमुअल मिरांडा भी 4 दिन की रिमांड पर है। इस केस में अब तक 6 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
5. भास्कर एक्सप्लेनर: संसद का मानसून सत्र
14 सितंबर से संसद का मानसून सत्र शुरू होगा। इस बार प्रश्नकाल नहीं होगा। शून्यकाल की अवधि एक घंटे से घटाकर आधा घंटा कर दी गई है। इस पर सरकार की आलोचना हो रही है। इस मानसून सत्र में ऐसे कई कदम उठाए गए हैं, जो 1952 से अब तक के संसदीय इतिहास में पहली बार दिखेंगे।
6. अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर विवाद
:अटलांटिक मैगजीन के मुताबिक- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने युद्ध में मारे गए अमेरिकी सैनिकों को लूजर्स (हारने वाला) कहा है। इस बयान के बाद अब उनको डेमोक्रेट्स और दूसरे विरोधियों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि, ट्रम्प खुद को आर्म्ड फोर्सेस का चैंपियन बताते रहे हैं।
अब 6 सितंबर का इतिहास
तेलंगाना सरकार का सबसे महत्वाकांक्षी सपना साकार होने वाला है। आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी के मुकाबले तेलंगाना में बन रहे यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह स्वामी मंदिर का काम करीब 90% पूरा हो गया है। मंदिर के आसपास निर्माण अभी जारी है। सितंबर महीने में ही इसके शुभारंभ की घोषणा होने की संभावना है। 2016 में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना के लिए तिरुपति जैसा ही मंदिर बनाने की योजना पर काम शुरू किया, क्योंकि आंध्र से अलग होने पर तिरुपति तेलंगाना के हिस्से में नहीं आया था।
पौराणिक महत्व के यदाद्री मंदिर को 1800 करोड़ रुपए की लागत से भव्य रूप दिया जा रहा है। इसमें 39 किलो सोने और करीब 1753 टन चांदी से मंदिर के सारे गोपुर (द्वार) और दीवारें मढ़ी जाएंगी। ये भारत में ग्रेनाइट पत्थर से बना सबसे बड़ा मंदिर होगा। इसमें 2.5 लाख टन ग्रेनाइट पत्थर लगा है। पहले तेलंगाना सरकार की योजना मार्च 2020 में इसके शुभारंभ की थी, लेकिन कोरोना के चलते इसमें देरी हुई है। मंदिर की शुभारंभ की तारीख खुद मुख्यमंत्री ही बताएंगे।
इसे यदाद्रीगिरीगुट्टा मंदिर भी कहा जाता है। हैदराबाद से करीब 60 किमी दूर यदाद्री भुवनगिरी जिले में मौजूद मंदिर का क्षेत्रफल करीब 9 एकड़ था, इसके विस्तार के लिए 300 करोड़ रुपए में 1900 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई। इसके लिए इंजीनियर्स और आर्किटेक्ट्स ने करीब 1500 नक्शों और योजनाओं पर काम किया, उनमें से इसका डिजाइन फाइनल किया गया। डिजाइन हैदराबाद के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट और दक्षिण भारतीय फिल्मों के आर्ट डायरेक्टर आनंद साईं ने तैयार की है।
स्कंद पुराण में है मंदिर का उल्लेख
यदाद्री मंदिर का उल्लेख स्कंध पुराण में मिलता है। कथा है कि महर्षि ऋष्यश्रृंग के पुत्र यद ऋषि ने यहां भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। उनके तप से प्रसन्न विष्णु ने नृसिंह रुप में दर्शन दिए थे। महर्षि यद की प्रार्थना पर भगवान नृसिंह यहीं तीन रूपों में विराजित हो गए। दुनिया में एकमात्र ध्यानस्थ पौराणिक नृसिंह प्रतिमा इसी मंदिर में है।
गुफा में मौजूद है नृसिंह की तीनों प्रतिमाएं
भगवान नृसिह की तीन मूर्तियां एक गुफा में हैं। साथ में माता लक्ष्मी भी हैं। करीब 12 फीट ऊंची और 30 फीट लंबी इस गुफा में ज्वाला नृसिह, गंधभिरंदा नृसिंह और योगानंदा नृसिंह प्रतिमाएं स्थापित हैं। इसका पुनर्निर्माण वैष्णव संत चिन्ना जियार स्वामी के मार्गदर्शन में शुरू हुआ था। निर्माण आगम, वास्तु और पंचरथ शास्त्रों के सिद्धांतों पर किया जा रहा है, जिनकी दक्षिण भारत में खासी मान्यता है।
156 फीट ऊंची तांबे की हनुमान प्रतिमा
यदाद्री मंदिर क्षेत्र के प्रवेश द्वार पर भगवान हनुमान की एक खड़ी प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। इस मंदिर में लक्ष्मी-नृसिंह के साथ ही हनुमान का मंदिर भी है। इस वजह से हनुमान को मंदिर का मुख्य रक्षक देवता माना गया है। इस प्रतिमा को करीब 25 फीट के स्टैंड पर खड़ा किया जा रहा है, यह कई किमी दूरी से दिखाई देगी। मंदिर की भव्यता का अंदाजा पर्यटकों को इस प्रतिमा की ऊंचाई से हो जाएगा।
सबसे ऊंचा होगा राजगोपुरम, 5 सभ्यताओं की झलक
मंदिर का मुख्य द्वार जिसे राजगोपुरम कहा जाता है, वह करीब 84 फीट ऊंचा होगा। इसके अलावा मंदिर के 6 और गोपुर (द्वार) होंगे। राजगोपुरम के आर्किटेक्चर में 5 सभ्यताओं- द्रविड़, पल्लव, चोल, चालुक्य और काकातिय की झलक मिलेगी।
तिरुपति की तरह लड्डू प्रसादम् कॉम्प्लेक्स
तिरुपति की तरह ही यदाद्री मंदिर में भी लड्डू प्रसादम् मिलेगा। इसके लिए अलग से एक कॉम्प्लेक्स तैयार किया जा रहा है, जहां लड्डू प्रसादम् के निर्माण से लेकर पैकिंग तक की व्यवस्था होगी।
क्यू कॉम्प्लेक्स में कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं
मंदिर में दर्शन के लिए क्यू कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है, जिसकी ऊंचाई करीब 12 मीटर होगी। इसमें रेस्ट रूम सहित कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं होंगी। इसे पर्यटकों के लिए ज्यादा से ज्यादा सुविधाजनक बनाने पर काम चल रहा है।
अन्नप्रसाद के लिए रोज 10 हजार लोगों के भोजन की व्यवस्था
अन्नप्रसाद आदि के लिए भी पूरी व्यवस्था होगी। रोज लगभग 10 हजार लोगों के लिए खाना तैयार होगा। जैसे-जैसे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी, उसके हिसाब से अन्न प्रसादम् की व्यवस्था भी बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा मंदिर परिसर में अलग-अलग जगह अन्न प्रसादी के काउंटर भी लगाए जाएंगे।
1000 साल तक मौसम की मार झेल सकने वाले पत्थर
मंदिर के निर्माण के लिए जिन पत्थरों का उपयोग किया गया है, वे हर तरह के मौसम की मार झेल सकते हैं। उनके मूल स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं होगा। लगभग 1000 साल तक ये पत्थर यथा स्थिति में रह सकें, इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है।
कैसे पहुंच सकते हैं यदाद्री मंदिर तक
एयरपोर्ट - यदाद्री मंदिर तक पहुंचने के लिए सबसे पास का एयरपोर्ट हैदराबाद का है। हैदराबाद से यदाद्री भुवनगिरी जिला महज 60 किमी दूर है। एयरपोर्ट से टैक्सी या बस से यदाद्री पहुंचा जा सकता है।
रेलवे स्टेशन - मंदिर से सबसे पास का रेलवे स्टेशन यदाद्री भुवनगिरी ही है। यहां से लगभग सभी रूट की ट्रेनें मिल जाती हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी करीब 13 किमी है।
मंदिर तक फोरलेन सड़कें, बस डिपो भी नए बने
मंदिर तक पहुंचने के लिए हैदराबाद सहित सभी बड़े शहरों से जोड़ने के लिए फोरलेन सड़कें तैयार की जा रही हैं। मंदिर के लिए अलग से बस-डिपो भी बनाए जा रहे हैं। जिससे लोगों को मंदिर तक आने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
वीआईपी विला से लेकर यात्री निवास तक सारी सुविधा
इसमें आम यात्रियों से लेकर वीआईपी तक की सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। यात्रियों के लिए अलग-अलग तरह के गेस्ट हाउस का निर्माण किया गया है। वीआईपी व्यवस्था के तहत 15 विला भी बनाए गए हैं। एक समय में 200 कारों की पार्किंग की सुविधा भी रहेगी।
भारतीय इतिहास में 1965 में पाकिस्तान से हुए युद्ध को उतना महत्व नहीं दिया जाता जितना 1962 के चीन युद्ध या 1971 के पाकिस्तान युद्ध को देते हैं। लेकिन, अहम यह है कि 1965 में आज ही के दिन भारत ने पंजाब के रास्ते पाकिस्तान के लाहौर पर हमला बोला था। भारतीय फौजें पंजाब फ्रंट से लाहौर तक पहुंच गई थीं। सियालकोट, लाहौर के साथ ही कश्मीर के कुछ उपजाऊ हिस्से भी भारत के कब्जे में थे।
संयुक्त राष्ट्र के दखल के बाद 23 सितंबर को सीजफायर की घोषणा हुई। दोनों ही देश दावे करते हैं कि यह युद्ध उन्होंने जीता। पाकिस्तान तो आज भी इस दिन को डिफेंस डे के तौर पर मनाता है। इस खुशी में कि उसने भारत को आगे बढ़ने से रोका। बाद में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने पाक प्रधानमंत्री अयूब खान के साथ ताशकंद समझौता किया। ताशकंद उस समय सोवियत संघ में था, और आज उज्बेकिस्तान का हिस्सा है। 1965 के युद्ध के बाद ही लालबहादुर शास्त्री ने प्रसिद्ध नारा दिया था- जय जवान, जय किसान।
सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक रिश्तों की जीत
सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर 2018 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। उसने 1861 के इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) के सेक्शन 377 को रद्द किया था। इस सेक्शन के हिसाब से तो समलैंगिकता एक अपराध थी, जिसे दंडित किया जाना चाहिए। इसे भारत के एलजीबीटी अधिकारों के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ताओं की बड़ी जीत बताया जाता है। हालांकि, अब भी एलजीबीटी राइट्स एक्टिविस्ट समलैंगिक शादियों की वैधता को लेकर लड़ रहे हैं।
विक्टोरिया ने पूरा किया दुनिया का चक्कर
1522 में विक्टोरिया दुनिया का पहला ऐसा जहाज बन गया जिसने दुनिया का पूरा चक्कर लगाया हो। यह एक स्पेनिश जहाज था, जिसकी कमांड पुर्तगाली एक्सप्लोरर फर्डीनांड मैगेलन के पास थी। उन्होंने 20 सितंबर 1519 को इंडोनेशिया के लिए सबसे अच्छा रास्ता तलाशने के लिए सफर शुरू किया था। यह खोज 5 जहाजों के साथ शुरू हुई थी, जिसमें विक्टोरिया और 260 क्रू मेंबर शामिल थे। तीन साल बाद 6 सितंबर 1522 को जब यह जहाज दुनिया का पूरा चक्कर लगाकर स्पेन के सेविले में लौटा तब सिर्फ 18 क्रू मेंबर बचे थे। मैगेलन की भी मौत हो चुकी थी।
इतिहास के पन्नों में दर्ज अन्य अहम घटनाएं इस प्रकार हैं-