Google news, BBC News, NavBharat Times, Economic Times, IBN Khabar, AAJ Tak News, Zee News, ABP News, Jagran, Nai Dunia, Amar Ujala, Business Standard, Patrika, Webdunia, Punjab Kesari, Khas Khabar, Hindustan, One India, Jansatta, Ranchi Express, Raj Express, India News, Mahanagar Times, Nava Bharat, Deshdoot, Bhopal Samachar, Bharat Khabar, Daily News Activist, Daily News, Jansandesh Times, Dastak News, Janadesh, Times, Dekho Bhopal, Apka Akhbar, Fast News, Appkikhabar, Rajasthan Patrika

Monday, November 16, 2020

48% काॅरपाेरेट्स मेंटल हेल्थ से जूझ रहे, पर स्वीकारते नहीं हैं, वर्चुअल लाइफ-असल जीवन में अंतर के कारण युवा डिप्रेशन में

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत डिप्रेशन से पीड़ित थे, उन्होंने अपना जीवन खत्म कर लिया। हाल ही में आमिर खान की बेटी ईरा ने सोशल मीडिया पर खुलासा किया कि वे चार साल से डिप्रेशन से जूझ रही हैं। मेंटल हेल्थ के क्षेत्र में काम कर रहीं आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट की चेयरपर्सन नीरजा बिड़ला का कहना है कि डिप्रेशन (अवसाद) किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है।

अरबपति हो या दिहाड़ी मजदूर, कोई इससे अछूता नहीं है। देश में 13 से 15 साल के हर चार किशोरों में से एक और कारपोरेट सेक्टर में हर 2 प्रोफेशनल्स में से 1 डिप्रेशन का शिकार है। हमारे आसपास लाखाें लाेग हैं, जाे डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। डिप्रेशन से जुड़े मुद्दाें पर वरिष्ठ पत्रकार शाेमा चाैधरी ने मीडिया प्लेटफॉर्म इंक्वायरी के लिए नीरजा बिड़ला से बात की। प्रमुख अंश-

बच्चे खुद को चोट पहुंचाएं, उससे पहले ही उन्हें संभालें

  • नीरजा के मुताबिक, वे 10-11 साल से दाे स्कूल संभाल रही हैं। उनमें कई बच्चे और पैरेंट्स इस समस्या से जूझ रहे थे। इसके बाद तय किया कि इस मुद्दे पर काम करूंगी। लाेग यह पहचान नहीं पाते कि वे डिप्रेशन के शिकार हैं, न दूसरों को देखकर भांप सकते हैं। यदि किसी को पता भी हो तो वह बताने में शर्म महसूस करता है। दरअसल, इसका कोई पैमाना नहीं है। आप इसे देख नहीं सकते। इसलिए जान भी नहीं पाते कि डिप्रेशन आपको और आपके परिवार को किस तरह प्रभावित करता है।
  • आजकल के युवा सोशल मीडिया पर वर्चुअल लाइफ जीते हैं, जबकि उनका वास्तविक जीवन अलग हाेता है। दोनों जीवन में अंतर के कारण ही वे चिंता, स्वाभिमान में कमी जैसे मामलों से जूझते हैं। अधिकांश किशाेर, युवा साेशल मीडिया पर परफेक्ट लाइफ प्राेजेक्ट करने की काेशिश करते हैं। वास्तविक जीवन में वह न मिलने से वे डिप्रेशन से शिकार हाेते हैं।’

हेल्पलाइन बनाई, 60 हजार कॉल्स आए

नीरजा ने डिप्रेशन से जूझ रहे लाेगाें काे बेहतर जीवन देने के लिए मुंबई में बीएमसी की मदद से हेल्पलाइन स्थापित की है। इसमें देशभर से 7 महीने में 60 हजार काॅल्स आई हैं। नीरजा इसे बड़े संकट का एक हिस्सा बताती हैं। वे कहती हैं ‘जब आप लगातार अच्छा महसूस न करें।

माहाैल बदलने, काम बंद करने या मनपसंद काम करने से भी अच्छा महसूस न हाे, नींद न आए, लगे कि सब तबाह हाे गया ताे समझ लें कि आप डिप्रेशन में हैं और तत्काल विशेषज्ञ की राय की जरूरत है। यह स्थिति मस्तिष्क में केमिकल स्ट्रक्चरिंग में बदलाव से हाेती है। इसके लिए आसपास का माहाैल, आनुवंशिकता जैसे कारक जिम्मेदार हैं।’

कॉरपोरेट्स कमजोरी बताने से झिझकते हैं

काॅरपाेरेट मेंटल हेल्थ के मुद्दे पर नीरजा कहती हैं कि पुरुष अपनी कमजोरी बताने से झिझकते हैं, लेकिन हेल्पलाइन पर 80% काॅल्स पुरुषाें के मिले हैं। देश में 48% काॅरपाेरेट्स मेंटल हेल्थ से जूझ रहे हैं, पर वे स्वीकारते नहीं। इतने काॅल्स इसलिए मिले क्याेंकि पहचान गुप्त रखी जाती है।

काेई भी चीज हासिल न हाेने पर बच्चाें द्वारा खुद काे चाेट पहुंचाए जाने के मुद्दे पर नीरजा ने कहा कि किसी की भी भावनाओं काे कमतर न आंकें। माता-पिता काे चाहिए कि वे बच्चाें काे ऐसी स्थिति में पहुंचने से पहले ही संभालें। शुरुआत में ही ऐसे उपाय करें, ऐसे मेकेनिज्म विकसित करें कि बच्चा खुद काे नुकसान पहुंचाने की स्थिति में न पहुंचे।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट की चेयरपर्सन नीरजा बिड़ला का कहना है कि डिप्रेशन (अवसाद) किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हाे सकता है।


from Dainik Bhaskar /national/news/48-of-corporates-are-struggling-with-mental-health-but-do-not-accept-because-of-the-virtual-life-real-life-gap-in-youth-depression-127920345.html
via IFTTT
Share:

0 comments:

Post a Comment

Recent Posts

Blog Archive